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क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट

क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 05, 2022 19:07 IST

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है

इस आर्टिकल में हम देखेंगे कि शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है इसके अंदर हमने हर एक पॉइंट को अच्छे से कवर करने की और आपको हर एक पॉइंट को अच्छे से समझाने की कोशिश की है ताकि आपको आगे आने वाले समय में स्टॉक मार्केट की और शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी हो। अगर आपको स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के अंतर के बारे में जानना है, तो इसके लिए आपको आज के इस आर्टिकल को पूरा लास्ट तक पढ़ना होगा।

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है

हर एक पॉइंट को अच्छे से समझना होगा क्योंकि अगर आप आर्टिकल को पूरा नहीं पढ़ोगे तो आपको स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के अंतर के बारे में पता नहीं चलेगा। तो चलिए देख लेते हैं कि शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर होता है किसी भी बिजनेस को ग्रो करने के लिए पैसे की जरूरत होती है लेकिन जब कोई नया बिजनेस स्टार्ट करता है तो किसी भी व्यक्ति के पास इतना पैसा नहीं होता की वह अपनी कंपनी को ग्रो कर सके।

तो वह व्यक्ति जो भी कंपनी स्टार्ट करता है उस कंपनी के बहुत सारे छोटे छोटे हिस्से कर देता है और उन छोटे छोटे हिस्सों को ही शेयर कहा जाता है। और कंपनी द्वारा इन शेर को बेचकर कंपनी में पैसों का मुनाफा किया जाता है जैसे कि अगर कोई व्यक्ति अपनी नई कंपनी स्टार्ट करता है और उस व्यक्ति के क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट पास कुछ पैसों की कमी रह जाती है तो वह उन पैसों की पूर्ति करने के लिए अपनी कंपनी के कुछ शेयर को बेच देता है और उन शेयर को बेच कर अपनी कंपनी के लिए पैसों की भरपाई करता है।

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शेयर मार्केट क्या होता है

जिस प्रकार से हम कोई सामान लेने के लिए मार्केट में जाते हैं उसी प्रकार शेयर खरीदने के लिए भी शेयर का मार्केट होता है लेकिन आज से कुछ समय पहले कंप्यूटर लैपटॉप नहीं होने के कारण और इंटरनेट न होने के कारण इन शेयर को फिजिकली खरीदा जाता था इन शेयर की बोली लगाई जाती थी।

लेकिन आज के टाइम में इंटरनेट का यूज बहुत ज्यादा होने लगा है क्योंकि अब हर एक घर में लैपटॉप कंप्यूटर या स्मार्टफोन तो जरूर ही देखने को मिल जाते हैं और इस कारण से शेयर मार्केट का प्लेटफार्म ऑनलाइन कर दिया गया है। अब ज्यादातर लोग शेयर ऑनलाइन ही खरीदें और बेचे जाते हैं सबसे ज्यादा पॉपुलर मार्केट इसके अंदर दो ही है पहला NSE और दूसरा BSE यह दो मार्केट सबसे ज्यादा पॉपुलर है शेयर खरीदने और बेचने के लिए।

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है

स्टॉक मार्केट क्या होता है

स्टॉक मार्केट एक ऐसी जगह होती है जहां पर आप अपना पैसा लगाकर बहुत ज्यादा फायदा यहां पर ले सकते हैं। यहां पर हम कम पैसे लगाकर बहुत ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन इसके अंदर रिस्क भी बहुत ज्यादा होता है हमारा पैसा कभी भी इसके अंदर डूब सकता है। स्टॉक मार्केट के अंदर आपको अलग अलग कंपनियों के शेयर देखने को मिलते हैं जिन्हें कि आप कम दामों पर खरीद लेते हैं और अगर कंपनी को मुनाफा हो जाता है तो आप उन्हें अच्छे खासे मुनाफे पर बेच सकते है जिससे आगे जाकर अच्छा खासा मुनाफा हो जाए।

लेकिन कई बार ऐसा भी हो जाता है कि हमें किसी ऐसी कंपनी के शेयर खरीद लेते हैं जो कि आगे चलकर क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट डूब जाती है और उस कारण से हम जितने भी शेयर खरीदते हैं वह शेयर हमारे बहुत कम दामों में बिकने के कारण है हमें इसके अंदर घाटा भी लग जाता है, तो इसके अंदर आपको सोच समझकर इन्वेस्ट करना है।

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है

स्टॉक और शेयर मार्केट में अंतर की बात करें तो स्टॉक मार्केट का मतलब होता है कि जब बहुत सारी कंपनियों के शेयरों को एक साथ मार्केट में बेचते है तो उन्हे स्टॉक मार्केट कहते हैं और जब कोई एक कंपनी अपने शेयर को बेचती है तो उसे हम शेयर मार्केट कहते हैं। तो शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट के अंदर हमें सबसे बड़ा अंतर यही देखने को मिलता है लेकिन यह अंतर ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता।

ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं होता कि स्टॉक मार्केट अलग होता है और शेयर मार्केट अलग होता है क्योंकि यह दोनों नाम बोलने में और देखने में एक समान है इस कारण से लोगों को इन में अंतर देखने को नहीं मिलता लेकिन आपको बता दूं कि स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के अंतर बहुत बड़ा अंतर होता है।

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने के लिए किन चीजों की जरुरत पड़ेगी

अगर आप स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं या ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ जरूरी चीजों की जरूरत पड़ेगी अगर आप इसमें ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको इनके लिए किन किन चीजों की जरूरत पड़ेगी तो चलिए देखते हैं।

  1. स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपको सबसे पहले एक सेविंग बैंक अकाउंट की जरूरत होगी अगर आपका सेविंग बैंक अकाउंट ओपन है तो आप इसके अंदर ट्रेडिंग कर सकते हैं।
  2. आपका जो सेविंग बैंक अकाउंट ओपन होगा आपको उस अकाउंट को अपने डीमैट अकाउंट से लिंक करना होगा डीमैट अकाउंट आपके शेयर के बारे में जितनी भी जानकारी होगी आपको वह सभी डीमैट अकाउंट के अंदर ही देखने को मिलेगी।
  3. आप जब अपना डीमैट अकाउंट ओपन कर लोगे तो आपको अपने डीमैट अकाउंट के अंदर सारी शेयर की डिटेल दिखाई देती रहेगी और आपको कितना फायदा हुआ है, या कितना घाटा हुआ है, यह सभी चीज पहले आपको डीमैट अकाउंट के अंदर दिखाई देगी और आपको जितने भी पैसे का लाभ होता है, बाद में आप उस पैसे को अपने सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।

तो स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के अंदर ट्रेडिंग करने के लिए आपको सिर्फ इन्हीं चीजों की आवश्यकता होगी।

इस आर्टिकल के अंदर हमने स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के बारे में हर एक पॉइंट को अच्छे से कवर करने की कोशिश की है और आप को सबसे आसान तरीके से समझाने की कोशिश की है अगर आपको पोस्ट में दी हुई जानकारी अच्छी लगी हो तो आप हमारी इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि यह जानकारी आपके दोस्तों और परिवार वालों तक भी पहुंच सके और वह भी इस जानकारी का फायदा उठा सकें।

आज के इस आर्टिकल के अंदर हमने जाना कि शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है अगर आपको पोस्ट में दी हुई जानकारी में कोई दिक्कत आ रही है या आपको कहीं पर भी कोई परेशानी हो रही है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में एक कमेंट कर दे हम आपका जल्दी जल्दी रिप्लाई करने की कोशिश करेंगे और आपकी प्रॉब्लम का हाल आपको जरूर देंगे और आप हमें इंस्टाग्राम और क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं ऐसी ही जानकारी वाली पोस्ट पढ़ने के लिए।

Stock Market: शेयर बाजार क्या है?

अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है.

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BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.

स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.

शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.

कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.

ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.

किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.

Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.

प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है.

कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.

इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.

शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.

अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.

शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.

आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.

बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.

इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.

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Share Market में करना चाहते हैं निवेश की शुरुआत, जानिए शेयर बाजार की ABCD

Share Market में अगर आप निवेश करने की प्लानिंग बना रहे हैं तो पैसा डुबे इससे पहले थोड़ी जानकारी उसके बारे में ले लें, ताकि आपको बेसिक जानकारी हो सकें और आपका ज्यादा रिटर्न अपने शेयर पर ले सकें।

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 05, 2022 19:07 IST

Share Market में निवेश की शुरुआत करने से पहले ये जानें- India TV Hindi

Photo:INDIA TV Share Market में निवेश की शुरुआत करने से पहले ये जानें

What is Share Market: शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिमों से भरा होता है। अगर आप नए हैं, आपने इससे पहले कभी किसी स्टॉक (Stock) में निवेश नहीं किया है और आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि शेयर मार्केट क्या होता है और यह कैसे काम करता है? क्या स्टॉक मार्केट में सिर्फ शेयर ही खरीदे-बेचे जाते हैं? तो आज हम आपके इन सभी सवालों का जवाब इस खबर में देने जा रहे हैं।

शेयर मार्केट क्या है?

शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है, जहां खरीदार BSE(Bombay Stock Exchange) और NSE(National Stock Exchange) पर सूचीबद्ध शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं। यह सेबी(Securities and Exchange Board of India) के देखरेख में काम करता है। सेबी भारत सरकार की संस्था है जो शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों पर नजर रखती है ताकि वह ग्राहक के साथ फ्रॉड ना कर सके। इसे दो भाग में क्लासिफाइड किया गया है। प्राइमरी और सेकेंडरी।

क्या है प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट?

जब कोई कंपनी शेयरों के माध्यम से धन जुटाने के लिए पहली बार स्टॉक एक्सचेंज में खुद को रजिस्टर करती है तो उसे प्राइमरी कैटेगरी में रखा जाता है, वहीं एक बार जब कंपनी की नई सिक्योरिटी को प्राइमरी मार्केट में बेच दिया जाता है, तब उसका कारोबार सेकेंडरी में किया जाने लगता है। यहां निवेशकों को बाजार की मौजूदा कीमतों पर शेयर खरीदने और बेचने का मौका मिलता है।

शेयर के आलावा इनमें भी कर सकते हैं निवेश

स्टॉक एक्सचेंज में इन चार रूप (शेयर, बांड, म्यूचुअल फंड और Derivatives) में ट्रेडिंग होती है, जिसमें सबसे पहला स्थान शेयर का होता है। अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के उतने फीसदी के हिस्सेदार हो जाते हैं। कंपनी के नफा-नुकसान का असर सीधे आपके उपर पड़ता है।

बांड लंबी अवधि के लिए खरीदे जाते हैं। जब एक कंपनी को पर्याप्त पूंजी की आवश्यकता होती है। पूंजी जुटाने का एक तरीका जनता को बांड जारी करना होता है। ये बांड कंपनी द्वारा लिए गए "ऋण" का प्रतिनिधित्व करते हैं। बांडधारक कंपनी के लेनदार बन जाते हैं और कूपन के रूप में समय पर ब्याज भुगतान प्राप्त करते हैं।

म्यूचुअल फंड कौन ऑपरेट करता है?

म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है। इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड द्वारा इन पैसों को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर निवेश किया जाता है। वहीं अगर बात डेरीवेटिव फंड की की जाए तो यह एक वित्तीय अनुबंध है जो एक या अधिक अंतर्निहित परिसंपत्तियों से इसके मूल्य को प्राप्त करता है।

स्टॉक मार्केट में क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट एक्स-डेट और रिकॉर्ड-डेट क्या मतलब होता है, निवेशकों के लिए ये तारीखें क्यों होती हैं जरूरी?

रिकॉर्ड डेट आमतौर पर एक्स-डेट के अगले दिन होती है. (फोटो- न्यूज18)

शेयर मार्केट में पैसा लगाने की शुरुआत करने वाले लोगों का कई नई टर्म्स से सामना होना तय है. इन्हीं में शामिल हैं एक्स और . अधिक पढ़ें

  • News18 हिंदी
  • Last Updated : November 27, 2022, 08:27 IST

हाइलाइट्स

डिविडेंड और बोनस मार्केट से पैसा कमाने का अतिरिक्त जरिया होते हैं.
इन्हें से जुड़ी बेहद महत्वपूर्ण टर्म्स हैं एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट.
एक्स-डेट तक शेयरों में निवेश करने वाले को बोनस या डिविडेंड दिया जाता है.

नई दिल्ली. शेयर मार्केट में पैसा केवल शेयरों की बढ़ती या घटती कीमत से ही नहीं कमाया जाता है. बोनस शेयर और डिविडेंड भी कमाई का एक बहुत बड़ा स्रोत होते हैं. हालांकि, ये लाभ हर शेयरधारक को नहीं मिल जाता है. अगर आप बाजार में नई एंट्री कर रहे क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट हैं तो आपको बता दें कि बोनस या डिविडेंड की घोषणा कई दिन बाद ही ये आपके डीमैट अकाउंट में नजर आता है. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने शेयर कब खरीदे हैं. यहीं 2 नई टर्म्स आपके सामने आती हैं, एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट.

अगर आपने शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू ही किया है या करने की योजना बना रहे हैं तो इन 2 टर्म्स से आपका आमना-सामना होना तय. अक्सर आप लोग सुनते होंगे कि किसी कंपनी ने डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट तय कर दी है या बोनस के लिए रिकॉर्ड डेट फिक्स कर दी गई है. अगर आप भी इन शब्दों को पढ़कर सोच में पड़ जाते हैं तो ये लेख आपके लिए ही है. आज हम बताएंगे कि ये क्या होते हैं और निवेशकों के लिए क्यों जरूरी है.

एक्स-डेट
बात सबसे पहले एक्स-डेट की, क्योंकि ये रिकॉर्ड डेट से पहले आती है. डिविडेंड के लिए एक्स-डिविडेंड और बोनस के लिए एक्स-बोनस डेट कहा जाता है. यह वह तारीख होती है जिस दिन तक कंपनी के शेयर खरीदने वाले को डिविडेंड या बोनस का लाभ दिया जाता है. यानी अगर इस तारीख के बाद आप शेयरों की खरीदारी करते हैं तो आप लाभ के हकदार नहीं होंगे. इसे कंपनी द्वारा ही फिक्स किया जाता है.

रिकॉर्ड डेट
ये आमतौर पर एक्स-डिविडेंड के एक दिन बाद वाली तिथि होती है. बशर्ते एक्स-डेट के अगले दिन कोई हॉलीडे न हो. रिकॉर्ड डेट को कंपनी अपने शेयरधारकों की सूची तैयार करती है जिन्हें डिविडेंड या बोनस दिया जाना है. इस सूची में एक्स-डेट तय शेयर खरीदने वाले निवेशकों को शामिल कर लिया जाता है. अक्सर लोग रिकॉर्ड डेट को डिविडेंड का लाभ लेने के लिए शेयर खरीदने की कटऑफ डेट मानकर चलते हैं और डिविडेंड या बोनस का फायदा उठाने से चूक जाते हैं.

निवेशकों के लिए है इसलिए जरूरी
जाहिर तौर पर अब तक आप लोग समझ ही गए होंगे कि एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट क्यों निवेशकों के लिए जरूरी है. अगर उन्हें शेयरों के उतार-चढ़ाव के अलावा बाजार में अन्य तरीकों से भी पैसा कमाना है तो इन दोनों टर्म्स को समझना बेहद जरूरी है. कई दफा निवेशक अपने घाटे की कुछ हद तक भरपाई डिविडेंड के माध्यम से ही कर लेते हैं.

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