भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

माल्टा फंड

माल्टा फंड
अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने कई फैसले लिए जिनके लिए उन्हें याद किया जाएगा. उनके इन फैसलों के लिए महारानी एलिजाबेथ को हमेशा याद किया जाएगा. उनके लिए गए कुछ फैसले संभवतः अधिक प्रभावशाली हैं. आइए जानते हैं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के लिए गए महत्वपूर्ण फैसले जो उनकी उपलब्धियों में शामिल हुए.

कनाडा निवेशक वीजा के बारे में जानकारी

कनाडा ऐसे व्यक्तियों को आकर्षित करना चाहता है जो अपने निवेश और नवीन विचारों से इसकी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वे वेंचर कैपिटल फंड का लाभ उठाकर इन निवेशों को उत्पन्न कर सकते हैं। उन्हें देश में आने की अनुमति देने के लिए, विभिन्न मार्गों के साथ कई कनाडा निवेश माल्टा फंड वीजा मौजूद हैं।

इन पहलों का उद्देश्य कनाडा में नए लाभदायक अवसरों का विस्तार करना और व्यापार-प्रेमी अप्रवासियों को अपने तटों में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित करके देश की बढ़ती वैश्विक बाजारों तक पहुंच बढ़ाना भी है। यदि अप्रवासी कनाडा के समाज में एकीकृत होने के इच्छुक हैं, तो वे स्थायी निवासी और बाद में कनाडा के नागरिक बन सकते हैं।

इच्छुक अप्रवासी यह तय कर सकते माल्टा फंड हैं कि वे प्रांतीय नामांकित कार्यक्रमों (पीएनपी) को चुनकर या संघीय सरकार के एक्सप्रेस एंट्री कार्यक्रमों के साथ जाने का निर्णय लेकर कहां रहना चाहते हैं।

क्या मामा मेहुल चौकसी की राह पर है नीरव मोदी?

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नीरव मोदी और मेहुल चौकसी (फाइल फोटो)

एंटीगा की तरह ही माल्टा भी कॉमनवेल्थ देश है, लेकिन लीगल एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके बावजूद वहां से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया काफी जटिल और लंबे समय वाली होगी। मेहुल चौकसी ने एंटीगा की नागरिकता ले रखी है। एमजेडएम लीगल के मैनेजिंग पार्टनर जुल्फीकार मेमन ने बताया, 'किसी भी भगोड़े अपराधी के प्रत्यर्पण के लिए उसके ठिकाने और पहचान की सटीक जानकारी सबसे जरूरी है। जिन चीजों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है, उसमें सबसे पहला यह जानना है कि उसने किसी देश में अपना ठिकाना बनाया है। यह भी सुनिश्चित करना होता है कि उसने उस देश की नागरिकता ले रखी है या वह विदेशी नागरिक की हैसियत से रह रहा है। इन सारी माल्टा फंड जानकारियों के बाद ही सरकार प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ सकती है। मोदी जैसा भगोड़ा शख्स किसी देश को अपना ठिकाना बनाने से पहले काफी खोजबीन करेगा, भले ही वह कॉमनवेल्थ देश क्यों न हो।'

शाही परिवार की डॉक्यूमेंट्री, आयरलैंड गणराज्य का दौरा. महारानी एलिजाबेथ-2 को इन फैसलों के लिए किया जाएगा याद

By: ABP Live | Updated at : 09 Sep 2022 01:32 PM (IST)

महारानी एलिजाबेथ के महत्वपूर्ण निर्णय

Queen Elizabeth II Decisions: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) अब इस दुनिया में नहीं रहीं. उनका शासनकाल सबसे लंबा रहा. रानी अपने शासनकाल में यूनाइटेड किंगडम (UK), कनाडा (Canada) और जमैका (Jamaica) से लेकर ऑस्ट्रेलिया (Australia) और न्यूजीलैंड (New Zealand) तक 14 राष्ट्रमंडल (Commonwealth) देशों या क्षेत्रों की प्रमुख रहीं. साल 1953 में उनके राज्याभिषेक के समय एलिजाबेथ द्वितीय को सात स्वतंत्र देशों की रानी का ताज पहनाया गया था.

महारानी कुल 32 देशों की राष्ट्राध्यक्ष रहीं. इनमें 17 देश ऐसे भी थे जिन्होंने अलग-अलग समय पर उन्हें राष्ट्राध्यक्ष के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया. आइए जानते हैं वो कौन से देश रहे जिन्होंने महारानी एलिजाबेथ को अपना राध्याक्ष मानने से इनकार कर दिया है. इनमें बारबाडोस- 1966-2021; सीलोन- (श्रीलंका) 1952-1972; फिजी- 1970-1987; गाम्बिया- 1965-1970; घाना- 1957-1960; गुयाना- 1966-1970; केन्या- 1963-1964; मलावी- 1964-1966; माल्टा- 1964-1974; मॉरीशस- 1968-1992; नाइजीरिया- 1960-1963; पाकिस्तान- 1952-1956; सिएरा लियोन- 1961-1971; दक्षिण अफ्रीका- 1952-1961; तांगानिका- 1961-1962; त्रिनिदाद और टोबैगो- 1962-1976; युगांडा- 1962-1963 शामिल थे.

जलवायु सम्मेलन में हिस्सा लेने पेरिस पहुंचे पीएम मोदी

prime minister narendra modi leaves for france to take part in climate conference in paris.

मलेशिया और सिंगापुर के दौरे से पिछले सप्ताह भारत लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर विदेश दौरे पर पेरिस पहुंचे हैं। फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित हो रहे जलवायु सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री वहां गए हैं। जलवायु सम्मेलन में 150 देशों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं।

सम्मेलन में प्रधानमंत्री की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी होगी। मोदी पेरिस में कई राष्ट्रप्रमुखों से द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे।

उल्लेखनीय है कि पेरिस में पखवाड़े भर पहले आतंकी हमले हुए थे, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे।

सम्मेलन को संबोध‌ित करेंगे पीएम

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प्रधानमंत्री सोमवार को सम्‍मेलन को भी संबोधित करेंगे। जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग को महत्वपूर्ण रूप से घटाना है।

इससे पहले वलेटा में हुए सम्मेलन में ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने के लिए राष्ट्रमंडल के दिग्गज देशों ने अरबों डॉलर का फंड तैयार करने की प्रतिबद्धता जताई है ताकि विकासशील देशों को ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करने में मदद की जा सके।

कनाडा ने सबसे अधिक दो अरब डॉलर, माल्टा ने एक अरब डॉलर, ब्रिटेन ने 2.10 करोड़ पौंड आपदा प्रबंधन और 55 लाख पौंड समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था के लिए देने का संकल्प लिया है।

न्यूज़ीलैंड के सुप्रीम कोर्ट ने देश में 18 वर्ष की मतदान आयु को भेदभावपूर्ण करार दिया

न्यूजीलैंड के सर्वोच्च न्यायालय ने 21 नवंबर 2022 को दिए गए एक फैसले में कहा है कि देश की वर्तमान मतदान आयु 18 वर्ष भेदभावपूर्ण है। सर्वोच्च न्यायालय ने पाया कि 18 वर्ष की वर्तमान मतदान आयु देश के बिल ऑफ राइट्स के साथ असंगत थी, जो लोगों को उम्र के भेदभाव से मुक्त होने का अधिकार देता है, जब वे 16 वर्ष के हो जाते हैं।

न्यूजीलैंड के प्रधान मंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि सरकार 16 साल की उम्र कम करने के लिए कानून का मसौदा तैयार करेगी, जिसे संसद में मतदान के लिए रखा जा सकता है।

दुनिया में मतदान की उम्र

दुनिया के अधिकतम देश 18 वर्ष पूरे होने के बाद नागरिकों को मतदान का अधिकार देते हैं। हालाँकि, दुनिया में कुछ ऐसे देश हैं जो 16 साल तक मतदान करने की अनुमति देते हैं। वे हैं ब्राजील, इक्वाडोर, माल्टा फंड ऑस्ट्रिया, क्यूबा, ग्वेर्नसे, आइल ऑफ मैन, जर्सी, माल्टा, निकारागुआ और स्कॉटलैंड

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