म्युचुअल फंड

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म्युचुअल फंड में कैसे इन्वेस्ट करें?
इसे सुनेंरोकेंअगर आपको खुद अपने निवेश करना पसंद है, तो आप बेशक फंड की वेबसाइट या किसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सलाह लेना चाहते हैं या आपको निवेश करने में मदद की ज़रूरत है, तो आप किसी प्रतिनिधि के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जैसे डिस्ट्रिब्यूटर, निवेश सलाहकार या बैंक आदि।
इक्विटी म्यूचुअल फंड: मुख्य रूप से इक्विटी और इक्विटी से संबंधित इंस्ट्रूमेंट में निवेश (विविधतापूर्ण) फ़्लोटिंग रेट शॉर्ट टर्म फंड: डेट सिक्योरिटीज, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और म्युचुअल फंड फ्लोटिंग रेट इंस्ट्रूमेंट्स में तीन महीने से 2 साल तक की परिपक्वता अवधि के लिए निवेश
रेट शॉर्ट टर्म फंड में निवेश कैसे करें?
फ़्लोटिंग रेट शॉर्ट टर्म फंड: डेट सिक्योरिटीज, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और फ्लोटिंग रेट इंस्ट्रूमेंट्स में तीन महीने से 2 साल तक की परिपक्वता अवधि के लिए निवेश मैं म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करूं और उसकी प्रक्रिया क्या है?
SIP Calculator | म्युचुअल फंड SIP मध्ये दरमहा 1000 रुपये गुंतवा, 2 कोटीचा बंपर परतावा कसा मिळेल ते गणित समजून घ्या
SIP Calculator| श्रीमंत होण्याचे सर्वात सोपे मार्ग म्हणजे बचत आणि गुंतवणूक. आपल्या मासिक उत्पन्नातून काही रक्कम बचत करून जर तुम्ही योग्य ठिकाणी गुंतवणूक केली तर दीर्घकाळात तुमच्या कडे खूप मोठा निधी जमा होऊ शकतो. जर तुम्ही इक्विटी मार्केटमध्ये थेट गुंतवणूक करण्यास घाबरत असाल, किंवा जोखीम घेण्यास इच्छुक नसाल तर बाजार अनेक गुंतवणूक पर्याय उपलब्ध जे तुमचे पैसे दुप्पट आणि तिप्पट प्रमाणत वाढवू शकतात.
जर तुम्हालाही चांगल्या ठिकाणी पैसे गुंतवून करोडपती व्हायचे असेल तर म्युच्युअल फंड SIP हा तुमच्यासाठी योग्य पर्याय राहील. म्युचुअल फंड SIP च्या माध्यमातून दीर्घकाळासाठी नियमित गुंतवणुक करून लखपती होण्याचे उद्दिष्ट साध्य करता येईल. म्युच्युअल फंड SIP मध्ये दीर्घ कालावधीसाठी गुंतवणुक करण्याचा फायदा म्हणजे त्यात तुम्हाला चक्रवाढ पद्धतीने व्याज परतावा मिळतो आणि तुमची गुंतवणूक रक्कम दीर्घकाळात अनेक पटींनी वाढते. तुम्हाला जर तुमचे आर्थिक भविष्य सुरक्षित बनवायचे असेल तर तुम्ही म्युचुअल फंड SIP मध्ये बिनधास्त गुंतवणूक सुरू करू शकता. म्युचुअल फंड SIP मध्ये गुंतवणुक जितक्या लवकर सुरू कराल आणि जितक्या जास्त काळासाठी गुंतवणूक करत राहाल, तितका जास्त परतावा मिळतो.
म्यूचुअल फंड म्युचुअल फंड में निवेश करने से पहले जानें क्या हैं फोकस्ड म्यूचुअल फंड, समझें फायदे और नुकसान
फोकस्ड फंड में ज्यादा से ज्यादा 30 शेयरों में इंवेस्ट कर सकते हैं. स्कीम में बताना पड़ता है कि ये किस सेगमेंट में इंवेस्टमेंट के लिए फोकस करेगी.
म्युचुअल फंड में इंवेस्टमेंट एक अच्छा ऑप्शन होता है. क्योकि इसमें आपको कई तरह की वैरायटी और स्टेबिल्टी मिल जाती है. सभी म्युचुअल फंड एक जैसे नहीं होते हैं, इसलिए आपको सभी तरह के म्युचुअल फंड की नॅालेज होनी जरुरी है. फोकस्ड म्युचुअल फंड एक इक्विटी म्युचुअल फंड होता है. जो सीमित या कम संख्या में शेयरों में इंवेस्ट करता है. सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज ऑफ इंडिया (SEBI) के नियमों के अनुसार इस स्कीम में म्युचुअल फंड अधिकतम 30 शेयरों में ही इंवेस्ट करने की परमीशन होती है. इसलिए फोकस्ड फंड का मतलब है कि आप सिर्फ 30 शेयरों में ही इंवेस्ट कर सकते हैं. आमतौर से अन्य म्यूचुअल फंड में 100 शेयरों तक इंवेस्ट कर सकते हैं. एक फोकस्ड फंड लार्ज-कैप, मिड-कैप या स्मॉल-कैप फंड पर फोकस्ड रहता है. फोकस्ड फंड बड़ी संख्या में शेयरों में एसेट नहीं फैलाते हैं. ये केवल कुछ सेक्टर पर ही फोकस्ड रहते हैं. फोकस्ड म्युचुअल फंड का इस्तेमाल करके आप हाई पर्फोमेंस करने वाले एसेट में इंवेस्ट कर सकते हैं. जिससे म्युचुअल फंड ज्यादा रिटर्न मिल सकता है.
क्या हैं इसके फायदे
फोकस्ड म्युचुअल फंड से केवल 30 शेयरों में इंवेस्ट करते हैं. जिस वजह से ये एक सिस्टमेटिक प्रोसेस को फॅालो करते हैं. फंड मैनेजर सही से स्टडी कर फिल्टरिंग के बाद ही शेयरों को सिलेक्ट करता है. इसके साथ ही इस तरह के म्यूचुअल फंड का सबसे अच्छा फायदा डायर्वसिफिकेशन है. ये रिस्क को कम करने के साथ ही रिटर्न को बढ़ाने में भी मदद करता है. फोकस्ड फंड में अच्छी तरह से स्टडी कर सिलेक्ट किए शेयर में इंवेस्ट किया जाता हैं. जो कुछ शेयरों तक ही सीमित होते हैं. इसलिए आपको हाई रिटर्न भी मिल सकता है.
फोकस्ड म्युचुअल फंड अस्थिर होते हैं. इनका सबसे बड़ा नुकसान ये है कि आपको केवल कुछ सिलेक्टेड शेयरों में इंवेस्ट करना होता है. जिस कारण टार्गेट सफल हो सकता है या फिर फेल भी हो सकता है. इसलिए इसमें हाई रिटर्न के साथ-साथ ज्यादा रिस्क की भी संभावना है. डायर्वसिफिकेशन की कमीं भी रिस्क का एक कारण बन जाती है.
New Fund Offer: महिंद्रा मनुलाइफ म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया स्मॉल कैप फंड, 5 दिसंबर तक कर सकते हैं निवेश
महिंद्रा मनुलाइफ म्यूचुअल फंड (Mahindra Manulife Mutual Fund) ने निवेशकों के लिए अपने 'न्यू फंड ऑफर' (NFO) का एलान किया है.
Mahindra Manulife Small Cap Fund: महिंद्रा मनुलाइफ म्यूचुअल फंड (Mahindra Manulife Mutual Fund) ने निवेशकों के लिए अपने ‘न्यू फंड ऑफर’ (NFO) का एलान किया है. इस स्कीम को महिंद्रा मनुलाइफ स्मॉल कैप फंड नाम दिया गया है और यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है. इस स्कीम के तहत मुख्य रूप से स्मॉल कैप शेयरों में निवेश किया जा जाएगा. यह म्युचुअल फंड स्कीम उन निवेशकों के लिए सही है जो लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न हासिल करना चाहते हैं और मुख्य रूप से स्मॉल कैप कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज में निवेश करना चाहते हैं. बता दें कि महिंद्रा मनुलाइफ MF, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड (महिंद्रा फाइनेंस) और म्युचुअल फंड मनुलाइफ इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट (सिंगापुर) की ज्वाइंट वेंचर कंपनी है.
फंड से जुड़ी जरूरी बातें
- यह एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है जो मुख्य रूप से स्मॉल कैप शेयरों में निवेश करती है
- एसेट एलोकेशन का न्यूनतम 65% स्मॉल कैप कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी संबंधित साधनों के लिए होगा.
- स्कीम को एसएंडपी बीएसई 250 स्मॉल कैप टीआरआई के साथ बेंचमार्क किया जाएगा.
- यह स्कीम 21 नवंबर 2022 को निवेश के लिए खुल गई है और 5 दिसंबर 2022 को बंद हो जाएगी. 14 दिसंबर, 2022 से लगातार बिक्री और पुनर्खरीद के लिए फिर से खुलेगी.
महिंद्रा मनुलाइफ म्यूचुअल फंड के एमडी और सीईओ एंथनी हेरेडिया ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले दशक में दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगी. यह समय के साथ बहुत बड़ी बनने की संभावना का उपयोग करने वाली कई छोटी कंपनियों के साथ, क्षेत्रों और व्यवसायों में अभूतपूर्व अवसर प्रदान कर सकता है. स्मॉल कैप फंड म्युचुअल फंड लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अच्छा होगा जो इस बदलाव का लाभ उठाना चाहते हैं और उन्हें निवेशक पोर्टफोलियो का मुख्य हिस्सा बनना चाहिए. हमारे विविध फंड रेंज में इन कंपनियों को देखने के हमारे पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, हमें लगता है कि इस उत्पाद को बाजार में लाने का यह सही समय है, और हमारे निवेशकों को उनकी लंबी अवधि के धन सृजन आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद करता है.
हाइलाइट्स
भुगतान में देरी पर निवेशकों को डिविडेंड की राशि पर सालाना 15% की दर से ब्याज मिलेगा.
यह भुगतान संपत्ति प्रबंधन कंपनियां करेंगी और इसका विवरण सेबी को देना होगा.
सेबी ने 15 नवंबर को इन सब पहलुओं पर म्यूचुअल फंड नियमों में बदलावों को अधिसूचित किया था.
नई दिल्ली.भारतीय प्रतिभूति और विनिमय म्युचुअल फंड बोर्ड (सेबी) ने 25 नवंबर यानी शुक्रवार को एक परिपत्र जारी कर म्यूचुअल फंड हाउसों को रिकॉर्ड तिथि से सात दिनों के भीतर लाभांश (डिविडेंड) का भुगतान करने के लिए कहा. सेबी ने आगे निर्देश देते हुए कहा म्युचुअल फंड कि लाभांश के भुगतान के उद्देश्य से रिकॉर्ड तिथि सार्वजनिक सूचना की तारीख से दो कार्य दिवस होनी चाहिए.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि नये नियम के तहत अब लाभांश भुगतान के लिये समयसीमा घटाकर मौजूदा 15 कामकाजी दिवस से सात दिन कर दी गयी म्युचुअल फंड है. आगे नियामक बोर्ड ने बताया कि म्यूचुअल फंड हाउसों को निवेशकों को लाभांश का भुगतान रिकॉर्ड तिथि से सात कामकाजी दिनों के भीतर करना होगा.