भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

डीमैट अकाउंट क्या होता है

डीमैट अकाउंट क्या होता है
जिस तरह आप अपने बैंक खाते के डिजिटल पासबुक को नियमति तौर पर चेक करते रहते हैं, वैसे ही डीमैट खाते में डीपी होल्डिंग और ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए. इसमें आपने जो भी ट्रांजैक्शन किए हैं, उसकी पूरी डिटेल्स रहती है. अगर ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट पाने में कोई दिक्कत हो रही है तो तुरंत अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें.

शेयर बाजार में बढ़ती दिलचस्पी के बीच Demat Account की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी, फर्जीवाड़े से बचने को इन 8 बातों का रखें ख्याल

डीमैट अकाउंट की पूरी जानकारी | Demat Account in Hindi

What is Demat Account in Hindi – डीमैट खाता क्या हैं? इसके फायदें क्या हैं? इसको कहाँ और कैसे खुलवाएँ इसकी पूरी जानकारी के लिए इस पोस्ट को जरूर पढ़े. शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी होता हैं.

शेयरों को ख़रीदने, बेचने और इलेक्ट्रानिक्स रूप में रखने की सुविधा Demat Account द्वारा मिलती हैं. किसी भी तरह के शेयरों के लेनदेन के लिए Share Holder के पास डीमैट अकाउंट का होना आवश्यक हैं.

जब कोई कंपनी बोनस या राइट शेयर जारी करती हैं तो ये शेयर भी सीधे शेयर होल्डर के डीमैट अकाउंट में आ जाते हैं. आईपीओ ( IPO ) में शेयरों के आवेदन के लिए भी डीमैट खाते की आवश्यकता होती हैं.

जब हम डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं तब हमें शेयर खरीदने और बेचने की जानकारी के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी दी जाती हैं. जब डीमैट अकाउंट खुल जाता हैं तब आपको एक ‘User ID‘ और ‘Password‘ दिया जाता हैं जिसके द्वारा आप ऑनलाइन अपने डीमैट अकाउंट में लॉग इन करके शेयर को ख़रीद और बेच सकते हैं. यह बहुत ही आसान होता हैं.

डीमैट खाते की फायदें | Advantages of Demat Account

  1. निवेशक को दिया जाने वाला बोनस या राईट शेयर को तुरंत उनके खाते में जमा कर दिया जाता हैं.
  2. चोरी होने, खराब होने, गम होने का कोई डर नहीं रहता हैं. डीमैट अकाउंट होने की वजह से शेयरों की खरीद-बिक्री में धोखा होने की सम्भावना समाप्त हो जाती हैं और यह सुविधाजनक हैं.
  3. डीमैट खाता रखने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको टिकट के लिए भुगतान नहीं करना पड़ता है क्योंकि ये इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत हैं जो लेनदेन लागत को कम कर देता है.
  4. डीमैट खातें का शेयर दुसरे को ट्रान्सफर कर सकते हैं.
  5. यह खाता दो व्यक्तियों के नाम से भी खुलवाया जा सकता हैं

डीमैट अकाउंट खुलवाने की सुविधा कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों के द्वारा दिया जाता है. इसमें आपको यह देखना होता हैं शेयर की खरीदने और बेचने पर कौन सा बित्तीय संसथान कितना कमीशन लेता हैं. कुछ वित्तीय संस्थान Free Demat Account भी खोलते हैं पर वो बाद में शेयर खरीदने और बेचने पर अधिक कमीशन लेते हैं डीमैट अकाउंट क्या होता है और कुछ वित्तीय संस्थान डीमैट अकाउंट खोलने के समय कुछ अमाउंट चार्ज करते हैं वहाँ पर शेयर खरीदने और बेचने पर कम कमीशन देना होता हैं. डीमैट अकाउंट के बारे में पूरी जानकारी 3-4 वित्तीय संस्थानों से ले और फिर जो आपको कम पैसे में ज्यादा सुविधा दे रहा हो वहाँ अपना खाता खुलवा सकते हैं.

डीमैट खाता डीमैट अकाउंट क्या होता है कैसे खुलवाएं | How to open a Demat Account

जब आप यह कन्फर्म कर ले कि इस वित्तीय संस्थान में डीमैट अकाउंट खुलवाना हैं तो आप उसके वेबसाइट पर जाकर या कस्टमर केयर पर कॉल करके खाता खुलवाने में कौन सा डॉक्यूमेंट और क्या-क्या लगेगा इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं और डीमैट खाता खुलवाने के लिए उन्हें अपने घर या ऑफिस में बुला सकते हैं. आप उस वित्तीय संस्थान पर जाकर भी खाता खुलवा सकते हैं.

नोटDemat Account खुलवाने के बाद उनसे डेमो जरूर ले कि किस तरह शेयर खरीदा या शेयर को बेचा जाता हैं और अन्य जानकारी भी ले. जल्दबाजी में कभी भी निवेश न करें. पहले जरूरी जानकारी ले फिर निवेश करें.

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डिमैट अकाउंट एक ऐसा अकाउंट है जिसमें आपके द्वारा खरीदे गए शेयर डिपॉजिट किए जाते हैं और इसके साथ साथ म्यूच्यूअल फंड, डिवेंचर, यूनिट और सिक्योरिटी भी इसी खाते में होती है शेयर की खरीद-फरोख्त करने के लिए आपके पास एक डिमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है Demat Account एक बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है जिसमें आपकी रकम नहीं होती बल्कि किसी कंपनी के शेयर होते हैं जब आप किसी कंपनी के शेयर को बेचना चाहते हैं तो यह दूसरे निवेशक के अकाउंट में यहीं से ट्रांसफर हो जाते हैं

जिस प्रकार आप बैंक अकाउंट से मनी ट्रांसफर करते हो। इससे पहले यह प्रक्रिया बड़ी मुश्किल थी पहले डीमैट अकाउंट क्या होता है जब आप शेयर खरीदते थे तो आपको कंपनी उसके डॉक्यूमेंट देती थी और जब आपको शेयर बेचने होते थे तो सारे कागजात कंपनी में डिपॉजिट करने पड़ते थे लेकिन जब से डिपॉजिटरी ने Demat Account की प्रक्रिया को शुरू किया है यह काम बहुत आसान हो गया है।

डीमैट अकाउंट के प्रकार क्या है?

शेयर मार्केट में उपलब्ध तीन प्रकार के डीमैट अकाउंट होते हैं। इन अकाउंट को निवेशकों की प्रोफाइल के हिसाब से तैयार किया जाता है। डीमैट अकाउंट के प्रकार निम्नलिखित हैं।

रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat A6ccount)

शेयर बाजार में एंट्री करने वाले निवेशक को का रेगुलर डीमैट अकाउंट खोला जाता है। यह खाता आप किसी भी डिपॉजिट सीडीएसएल या एनएसडीएल पन रजिस्टर डीमैट अकाउंट क्या होता है ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं। इस खाते के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिकली शेयरों में निवेश और ट्रेड किया जाता है।

रिपेट्रायबल डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)

यह खाता नॉनरेजिडेंट इंडियंस के लिए होता है। इस खाते के माध्यम से n.r.i. शेयर बाजार में निवेश करते हैं। एन आर आई इस अकाउंट का उपयोग करके विदेश में डीमैट अकाउंट क्या होता है फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। साथ ही साथ लोग इस अकाउंट इन इयर जॉइंट होल्डर भी शामिल कर सकते हैं जो केवल एक भारतीय नागरिक होना चाहिए। इस डीमैट खाते में नॉमिनेशन सुविधा भी उपलब्ध होती है।

Demat Account कैसे खोलें

जब आप अपना खाता डिपॉजिटरी में खुलवाते हैं तो उस खाते को डीमैट खाता कहते हैं इसका फैसला हमारा ब्रोकर करता है कि वह कौन सी डिपॉजिटरी में आपका खाता खुलवाता है इस खाते को खुलवाने के लिए भारत में एसईबीआई के द्वारा निर्देशित दो बड़ी डिपॉजिटरी डीमैट अकाउंट क्या होता है कंपनी एनएसडीएल और सीडीएसएल है जो Demat Account को निर्धारित करती हैं और आपने देखा होगा कि पैन कार्ड भी यही दोनों कंपनियां बनाती हैं। जो निम्नलिखित हैं।

1- एनएसडीएल

इंडिया की सबसे पुरानी और विश्वसनीय डिपाजिटरी मानी जाती है नवंबर सन 1996 में इसको शुरू किया गया था जिसका पूरा नाम National Securities Depositories Ltd है।

2- सीडीएसएल

  • यह इंडिया की दूसरी डिपॉजिटरी है जिसका संबंध बीएसई यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज से है इसको फरवरी सन 1999 में शुरू किया गया था इसका पूरा नाम Central Depositories Services Ltd है ।
  • डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको इन दोनों कंपनियों के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है आप किसी भी बैंक या स्टॉक ब्रोकर के पास जाकर अपना डिमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं।

ब्रोकरेज स्क्रूटनी

लोगों की स्टॉक मार्केट में बढ़ती दिलचस्पी के बीच बहुत से ब्रोकरेज फर्म खुल रहे हैं. ऐसे में किसी ब्रोकरेज फर्म को चुनने से पहले उनके ट्रैक रिकॉर्ड और मार्केट क्रेडिटिबिलिटी इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी कर लें. इसके अलावा यह भी पता कर लें कि क्या ब्रोकरेज फर्म किसी भी रूप में प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में शामिल तो नहीं है. प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में है तो वहां खाता खुलवाने से परहेज करें क्योंकि यहां कंफ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट का मामला बन सकता है जो आपके हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.

कुछ निवेशक जब विदेशों में जाते हैं तो उन्हें आमतौर पर अपने डीमैट खाते का ख्याल नहीं डीमैट अकाउंट क्या होता है रहता है. हालांकि इससे आपके डीमैट खाते में फर्जीवाड़े का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप लंबे समय के लिए अपने खाते का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो अपने डीपी को एक एप्लीकेशन देकर इसे फ्रीज करवा लें. इससे अकाउंट तब तक फ्रीज रहेगा जब तक आप दोबारा एप्लीकेशन नहीं देते हैं. यहां यह ध्यान रहे कि किसी डीमैट खाते को तभी फ्रीज करवाना चाहिए, जब इसका इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना हो. खाते को फ्रीज करवाने का प्रमुख फायदा यह है कि आपको अपने डीमैट अकाउंट क्या होता है निवेश पर डिविडेंड और बोनस मिलता रहेगा लेकिन किसी नए स्टॉक की खरीदारी के लिए कोई राशि नहीं कटेगी.

पॉवर ऑफ अटार्नी

ब्रोकर के पास पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए आपके डीमैट खातों का एक्सेस रहता है. ऐशे में निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है और निवेशकों को जनरल पर्पज की बजाय लिमिटेड पर्पस एग्रीमेंट के रूप में ब्रोकर को पॉवर ऑफ अटार्नी बनाना चाहिए. लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी का मतलब हुआ कि जब भी ब्रोकरेज को आपके बिहाफ पर खरीदारी-बिक्री या ट्रासंफर करना होगा, उसे आपसे हर बार सहमति लेनी होगी. इसके अलावा निवेशकों को अगर कोई पेंडिंग ड्यू नहीं है तो बिना किसी पूर्व नोटिस के लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी को रद्द करने का अधिकार रखना चाहिए.

डीमैट खाते का पासवर्ड हमेशा मजबूत रखें और इसे ऐसे रखें जिसका अनुमान लगाना कठिन हो. इसके अलावा डीमैट खाते को किसी भी पब्लिक वाई-फाई या अन्य गैर-भरोसेमंद नेटवर्क पर खोलने से बचें.

एमसएमएस सुविधा

अधिकतर ब्रोकरेज फर्म अपने ग्राहकों को रीयल टाइम एसएमएस की सुविधा देते हैं. इसके तहत जब भी आपके खाते के जरिए कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसकी सूचना एसएमएस के जरिए आपको प्राप्त होती है. इस फीचर को सब्सक्राइब करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे खाते से जुड़ी कोई अनियमितता समय रहते पकड़ में आ जाएगी और ब्रोकर्स को कहकर इसे फिक्स्ड किया जा सकेगा.

आमतौर पर आप जो भी स्टॉक खरीदते हैं, वे दो से तीन दिन के भीतर आपके डीमैट खाते में दिखने लगते हैं. अगर आपके डीमैट खाते में इस दौरान भी खरीदे हुए शेयर नहीं दिखा रहे हैं तो अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें. अगर आपका ब्रोकरेज फर्म शेयरों को कुछ फायदे के बदले में ब्रोकर्स के खाते में कुछ दिन और रहने को कहता है तो ऐसी स्थिति से बचें और ब्रोकर को पूरी पारदर्शिता बरतने को कहें.
(इनपुट: एंजेलवन)

Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.

डीमैट अकाउंट demat account का क्या मतलब होता है?

आज हम बात करेंगे डीमेट अकाउंट demat account होता क्या है,डिमैट अकाउंट demat account हम कैसे खोल सकते हैं. डिमैट अकाउंट demat account खोलने के क्या फायदे हो सकते हैं इसके बारे में हम विस्तारपूर्वक जानेंगे। आपको बता दें कि आप लोगों ने इसके बारे में एक नेट पर बहुत से पोस्ट पढ़े होंगे। पर कोई भी वेबसाइट आपको हिंदी में जानकारी नहीं बताएगी लेकिन हम आपको इसके बारे में हिंदी में अच्छे से समझाएंगे।

डिमैट अकाउंट demat account के जरिए ही लोग शेयर बाजार में शेयर खरीदे और बेच सकते हैं। इस अकाउंट को खुलवाने के लिए आपके पास पैन कार्ड का होना जरूरी है बिना पैन कार्ड के आप डीमेट अकाउंट demat account नहीं खोल सकते। कुछ साल पहले जब भी आप किसी कंपनी के शेयर खरीदे थे. तो कंपनी आपको उनसे जुड़े कुछ कागज भेजती थी वह कागज इस बात का सबूत होते थे कि आपने उस कंपनी में निवेश किया है, और उस कंपनी में शेयर खरीद रखे हैं पर डिमैट अकाउंट के आने के बाद सब बदल गया है ,इसके बारे में चलिए आपको बताते हैं.

डीमैट अकाउंट क्या है

आपको बता दें कि डिमैट अकाउंट Demat account में लोगों द्वारा शेयर खरीदने और बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जिस प्रकार हम अपने पैसे बैंक अकाउंट में रखते हैं उसी प्रकार से लोग डिमैट Demat account खाते में अपने शेयर रखते हैं. जब भी हम अपने बैंक खाते से पैसा निकालते हैं, तो वह हमें भौतिक रूप में मिलता है, लेकिन जब तक यह बैंक में है, वह डिजिटल मुद्रा डिजिटल मुद्रा है। जब भी हम डेबिट कार्ड debit card से कहीं पर पेमेंट करते हैं, तो किया भी डिजिटल पेमेंट digital payment यानी कि इलेक्ट्रॉनिक Money Transfer का एक रूप होती है. इसी तरह जब हमारे पास डिमैट अकाउंट Demat account में शेयर होते हैं तो हम उनको किसी दूसरे व्यक्ति के लिए Demat account में digitally ट्रान्सफर कर सकते हैं .

आसान शब्दों में बात की जाए तो शेयरों को Digitally यानी कि इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा को डिमैट कहते हैं. डीमैट का पूरा नाम “डिमैटरियलाइज़” सिक्योरिटी है यानी शेयरों को भौतिक रूप से बदलने की प्रक्रिया को डीमैटरियलाइज़ेशन कहा जाता है।

Documents जिनकी जरुरत होती हैं : –

Pan Card / Pan Card

Aadhar Card / Aadhar Card

2 passport size photographs

Canceled Check / Savings Bank Account Passbook

अगर आप सोच रहे हैं कि डीमेट अकाउंट demat account को खोलने में आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे तो आप गलत सोच रहे हैं आपको एक डिमैट अकाउंट खोलने में आप300 से 700 ₹ आसानी से demat account खोल सकते हैं, और आप शेयरों में निवेश शुरू कर सकते हैं।demat account अकाउंट को खुलवाने के लिए आपको वैसे तो मात्र ₹300 या उससे कुछ ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ते हैं पर डीमेट अकाउंट को चलाने के लिए डीपी आपसे कई तरह की फीस लेती है, हर चीज के लिए अलग फीस होती है.यह फिर अलग-अलग कंपनी में अलग-अलग हो सकती है.

आपको बता दें कि इसमें सबसे पहले जो फीस ली जाती है वह होती है अकाउंट ओपनिंग फीस opening fee इसके बाद अकाउंट को मैनेज करने के लिए जो फीस ली जाती है वह होती है एनुअल मैनेजमेंट annual management फीस या फिर कंपनी शुरुआत में ही ले लेती है और साल भर खाते को मैनेज करके फिर उसे रखा जाता है.

डीमैट खाता कौन खोलेगा

आपको बता दें कि यदि आप भारत में डीमेट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो भारत में 2 संस्थाएं कार्य करती हैं पहली NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी CDSL (central securities depository limited). इनके करीबन 500 से अधिक एजेंट है, जिनको डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंटdepository participants कहा जाता है. इनका काम खाता खुलवाना होता है और इन्हें आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. ऐसा जरूरी नहीं है कि डीपी कोई बैंक ही हो और सिर्फ वही डिमांड अकाउंट खोल सकती है इसके अलावा कोई भी कई संस्थाएं हैं जो कि डिमैट अकाउंट खोल सकती है इनमें से कुछ मुख्य संस्थाएं जैसे कि sharekhan,india infoline आदि है.

आप इनके दफ्तर जाकर भी डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं या फिर आप अपने घर बैठे ही डिमैट अकाउंट ऑनलाइन इन ट्रेंड की मदद से खोल सकते हैं यह क्रिया बहुत ही सरल है और इसको खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड का होना बहुत ही जरूरी है.

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.

तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.

जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट क्या होता है डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.

डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश डीमैट अकाउंट क्या होता है किया जा सकता है.

कैसे खोलें डीमैट खाता

- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.

- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.

- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस डीमैट अकाउंट क्या होता है पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.

- डीमैट अकाउंट क्या होता है इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.

कौन खोलेगा डीमैट खाता

इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.

रेटिंग: 4.86
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 545
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *