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Adani Stock Price: अडानी ग्रुप के शेयरों में आ सकती है गिरावट, टेक्निकल इंडिकेटर्स से मिल रहे संकेत
Adani Group Stocks Outlook: मुंबई-बेस्ड कर्ल कैपिटल के को-फाउंडर इंडिकेटर्स और स्ट्रेटेजिस्ट कुणाल कनसारा ने कहा, "टेक्निकल इंडिकेटर्स इस बात की ओर इशारा करते हैं कि अडानी ग्रुप के तीन शेयरों को बहुत अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है."
मुंबई-बेस्ड कर्ल कैपिटल के को-फाउंडर और स्ट्रेटेजिस्ट कुणाल कनसारा ने कहा, "टेक्निकल इंडिकेटर्स इस बात की ओर इशारा करते हैं कि अडानी ग्रुप के तीन शेयरों को बहुत अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है."
उन्होंने कहा, "इनमें से कुछ शेयरों को खतरनाक तरीके से बहुत ज्यादा पैमाने पर खरीद लिया गया है और प्राइस एक्शन के आधार पर इनमें बहुत अधिक टूट देखने को मिल सकती है."
चंदौली पहुंची शिक्षा मंत्रालय की टीम: नीति आयोग के इंडिकेटर्स की जांचेंगे प्रोग्रेस, डीएम के साथ की चर्चा
चंदौली के नीति आयोग के इंडिकेर्टस की प्रगति जांचने के लिए शिक्षा मंत्रालय की टीम जिले में पहुंच गई है। केंद्रीय टीम में आईआईटी मुंबई, बीएचयू समेत देश के नामी शिक्षण संस्थानों के प्रोफेसर शामिल हैं। टीम जिले में भ्रमण कर आयोग के निर्देश पर कराए जाने वाले विकास कार्यों व योजनाओं की प्रगति परखेगी। टीम के सदस्यों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में डीएम संजीव सिंह के साथ चर्चा की।
जिले को अतिपिछड़ा घोषित किया है
जिले में नीति आयोग ने चंदौली जिले को अतिपिछड़ा घोषित किया है। जनपद में शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण, मूलभूत सुविधाओं, कृषि व सिंचाई, कौशल विकास व रोजगार समेत छह पैरामीटर पर काम कराए जा रहे हैं। शिक्षाविदों की टीम इन क्षेत्रों में जिले की स्थिति जानने के लिए पहुंची है। उन्होंने कलेक्ट्रेट में डीएम के साथ बैठक कर चर्चा की। विभिन्न क्षेत्रों में कराए जा रहे कार्यों के बाबत जानकारी ली। डीएम संजीव सिंह ने बताया कि जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, कौशल विकास एवं वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में मानकों के अनुसार प्रगति लाने के लिए कार्य योजना बनाकर कार्य चल रहा है। स्टडी टीम के सदस्यों ने डीएम को बताया कि नीति आयोग के विभिन्न पैरामीटर किए जा रहे कार्यों को परखने के लिए फील्ड विजिट किया जाएगा। ताकि धरातल पर हुए कार्यो की रिपोर्ट तैयार करके आयोग को सौंपा जा सकें। इस दौरान सीडीओ अजितेंद्र नारायण, ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट आर राम्या, सीएमओ डा. वाईके राय, डीआईओएस डा. विजय प्रकाश सिंह, बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह, डीएसटीओ डा. राजीव श्रीवास्तव उपायुक्त उद्योग गौरव मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी बसंत कुमार दुबे उपस्थित रहे।
टीम में यह अफसर हैं शामिल
स्टडी टीम में मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन के हायर लेवल स्टडी टीम के सदस्य आईआईटी मुंबई के प्रो. आशीष इंडिकेटर्स पांडेय, मुंबई विश्विविद्यालय की प्रो. निशा पांडेय, बीएचयू के प्रो. मनीष अरोरा शामिल है। जो लगातार फील्ड विजीट इंडिकेटर्स करेंगे।
रोडवेज बस: रात का सफर, टूटा शीशा, नो इंडिकेटर
वाराणसी ( ब्यूरो ) । अल सुबह और देर रात सर्दी की दस्तक हो चुकी है । हाल ही में यूपी परिवहन विभाग ने सभी रोडवेज बस इंडिकेटर्स अड्डों के बेड़ें की बसों में फाग लाइट , टूटे इंडिकेटर्स , खिड़कियों के क्षतिग्रस्त कांच को दुरुस्त करने का निर्देश इंडिकेटर्स दिया था । बावजूद इसके अब भी कैंट रोडवेज बेड़े की कई बसों की फॉग लाइट , कांच , इंडिकेटर्स और रिफ्लेक्टर्स नहीं लगवाए जा सके हैैं । चालक अपने जोखिम पर गाड़ी चला रहे हैं .
503 से अधिक बसें
कैंट रोडवेज के बेड़े में कुल 503 से अधिक बसें हैैं । इनमें तकरीबन दो दर्जन से अधिक बसों की स्थिती ठीक नहीं है । डिपो की ज्यादातर बसों में फॉग लाइट नहीं है । कई बसों के कांच मानक के अनुरूप नहीं सटीक बंद नहीं होते हैैं । इससे सुबह और देर रात तक सफर करने वालों यात्रियों को अपने सीटों पर ठिठुरना पड़ रहा है । इसके अलावा बसों के वाइपर खराब हैं व पुरानी बस होने चलते कांच में साफ दिखाई नहीं देता है । सामने से तेज लाइट पडऩे पर चालक असहज हो जाते हैैं । यात्रियों ने मांग की कि जल्द से जल्द से व्यवस्था को सुधार लिया जाए ।
कैंट रोडवेज आंकड़ों में
परिक्षेत्र में कुल बसें - 503
परिक्षेत्र में कुल एसी बसें - 31
टूटे - फूटे हैैं इंडिकेटर्स
कैंट डिपो की कई बसों के इंडिकेटर्स मानक के अनुरूप नहीं है । इससे यात्रियों से भरी बस को बाजार , रिहायसी इलाकों , हाइवे , कांव - कस्बों के मोड़ और अस्पताल व स्कूल के पास में बस को टर्न कराने में चालकों को असुविधा होती है । साथ ही हादसे का भी खतरा रहता है । टर्न करने के दौरान इंडिकेटर नहीं जलाने से कई बार छोटे वाहनों के चालक हादसे का शिकार हो जाते हैैं ।
मानक से कम रेडियम साइन बोर्ड
कैंट से पूर्वांचल के तकरीबन एक दर्जन जिलों को जाने वाली बसों में के मार्ग में मानक के अनुरूप रोड किनारे रेडियन साइन बोर्ड का अभाव है । जो हैैं भी तो वे धूल से सने हुए हैैं । विभाग इन्हें लगाने के बाद खबर लेने तक नहीं गया । उदाहरण के इंडिकेटर्स तौर पर कैंट से सैयदराजा के सरकारी बसों के रूट में कई रेडियम साइन बोर्ड क्षतिग्रस्त हो गए हैैं । इनकी मरम्मत की आवश्यकता है । ताकि रात में बस चालक सुरक्षित बस ड्राइव कर सकें ।
रोड सेफ्टी और सर्दी को लेकर रोडवेज प्रबंधन सजग है । बुधवार को रणनीतिक बैठक संपन्न हुई है । 15 नवंबर तक बसों को मानक के अनरूप दुरुस्त कर लिया जाएगा । इसके लिए अभियान चल रहा है ।