एक क्रिप्टो

फिडेलिटी चैरिटेबल, क्रिप्टो पतन के बीच NFT Raffle को पेश किया
राज्य का सबसे बड़ा अनुदानकर्ता Raffle एक क्रिप्टो के समर्थन में
राज्य का सबसे बड़ा अनुदानकर्ता एक Raffle का समर्थन का रहा है जो 29 नवंबर को बंद हो जाएगा, जहां सदस्य NFT में से किसी एक को अधिकृत कर सकते है, और फिडेलिटी में दाता-सुझाए गए फंड द्वारा योगदान करने के लिए 50 को 1000 डॉलर का इनाम दिया जाएगा |
फिडेलिटी चैरिटेबल के लिए डोनर एंगेजमेंट के के प्रमुख एमी पिरोजोलो ने कहा “इसमें शामिल मुख्य कारण यह है कि हम वास्तव में भरोसा करते है कि दानदाताओं और लाभार्थियों की एक तरह नई पीढ़ी है”| हम चाहते है की वे जहां है वही माध्यम है एक क्रिप्टो जिनका वे उपयोग करते है और वे लेटआउट जो वे उपयोग करते है और इसके बाद उनकी उदारता को खुश करते है|
प्यू रिसर्च सेंटर का सर्वेक्षण क्रिप्टो के प्रति
2021 प्यू रिसर्च सेंटर के एक सर्वेक्षण के अनुसार ‘अमेरिका के लगभग 16% मूल निवासियों का कहना है कि उन्होंने अपना पैसा क्रिप्टोकरेन्सी में लगाया है | निवेश करने की सबसे अधिक संभावना 18 से 29 वर्ष की आयु के पुरुष थे, जिसमें 43% ने कहा कि वे पहले ही निवेश कर चुके है |
क्रिप्टो दान में जाने का एक कारण यह है कि कुछ समय तक उनके मूल्य का अत्यधिक सम्मान किया जाता था | क्रिप्टो बाजार में पिछले साल बड़े पैमाने पर विस्फोट देखा गया था,जिसमें बिटकॉइन की कीमत नवंबर में लगभग 68,000 तक पहुँच गई थी |
हालांकि,मई में टेरा के पतन ने कई बड़े क्रिप्टो व्यवसायों को नुकसान पहुँचाया | इसके बाद इस महीने की शुरुवात में FTX और उससे जुड़े निकायों अचानक दिवालियापन के लिए दायर किया नतीजतन अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक एक्सचेंज में रखी गई संपत्तियों वापस लेने में सक्षम नहीं थे |
Engiven के सह-संस्थापक की क्रिप्टो दान से संबंधित विचार
Engiven के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी,जेम्स लॉरेन्स ने देखा कि क्रिप्टो दान करने वाले कई लोग महत्वपूर्ण उपहार ले रहे है और फिर लगातार वर्ष की चौथी तिमाही में होती हैं | यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि यह कहना जल्दबाजी होगा कि क्रिप्टो बाजार की अस्थिरता 2022 में दान को कैसे प्रभावित कर सकती है |
लॉरेन्स घोषणा “उनके पास दान करने के केवल एक अलग संपत्ति है और वे अपने अपने सबसे मूल्यवान संपत्ति दान करने जा रहे है”| 1.5 मिलियन गैर-लाभकारी है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में आंतरिक राजस्व सेवा के साथ सूचीबद्ध है, लेकिन लॉरेन्स की गणना के अनुसार, केवल चार या पांच हजार क्रिप्टो दान कर सकते है |
एंडोमेंट संगठन क्रिप्टो दान को आसान बनाना चाहता है
एंडोमेंट नाम का एक और संगठन विशेष प्रकार के गैर- लाभकारी संस्थाओं को लाभ पहुंचाने के लिए पूल किये गए धन का संचालन करने के साथ-साथ गैर लाभकारी संगठनों को क्रिप्टो दान को भी आसान बनाता है |
जो लोग NFT का दावा करते है, उन्हें एक क्रिप्टो वॉलेट के लिए साइन अप करने की आवश्यकता होगी जो पोलीगोन ब्लॉकचेन से भी संपर्क कर सकें | फिडेलिटी चैरिटेबल NFTs का आयोजन OpenSea प्लेटफॉर्म पर किया जायेगा |
“आशा है की आपको ये लेख पसंद आया होगा ! यदि आप इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ना चाहते है तो कृपया अंग्रेजी वेबसइट TheCoinRepublic.com पर जायें” |
क्रिप्टो बज़ से बेखबर? रिपोर्ट में दावा- क्रिप्टोक्राइम से दुनिया को हर साल 30 बिलियन डॉलर का लगेगा चूना
अमेरिकी शोध फर्म की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2025 तक साइबर अपराध 10.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा और 2031 तक साइबर क्राइम पीड़ितों को रैंसमवेयर हमलों से होने वाला नुकसान का आंकड़ा 265 बिलियन डॉलर सालाना हो जाएगा.
क्रिप्टोकरेंसी की प्रतीकात्मक तस्वीर | विकीमीडिया कॉमन्स
नई दिल्ली: क्रिप्टो करेंसी से जुड़े अपराध, जिन्हें आमतौर पर क्रिप्टो क्राइम कहा जाता है, इनके कारण 2025 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था को 30 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है. यह अनुमान एक नई रिपोर्ट में लगाया गया है.
वैश्विक साइबर अर्थव्यवस्था पर केंद्रित अमेरिकी शोध फर्म साइबरस्पेस वेंचर्स की बुधवार को जारी रिपोर्ट में साइबर क्राइम और साइबर सुरक्षा पर तमाम तथ्यों और आंकड़ों का ब्योरा दिया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘डिसेंट्रलाइज फाइनेंस (डीएफआई) सेवाओं के उपयोग में तेजी आने से वैश्विक वित्तीय प्रणालियों के बीच एक नए तरह का जोखिम उत्पन्न हो रहा है जो अपराधियों को क्रिप्टोक्राइम के नए तरीके अपनाने को बढ़ावा दे रहा है. साइबर सिक्योरिटी वेंचर का अनुमान है कि ‘रग पुल’ और अन्य तरह के साइबर हमलों से दुनिया को अकेले 2025 में करीब 30 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है.’
‘रग पुल’ शब्द का इस्तेमाल क्रिप्टो वर्ल्ड में एक घोटाले के संदर्भ में किया जाता है जहां क्रिप्टो टोकन डेवलपर्स अनजान उपयोगकर्ताओं को एक परियोजना में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हैं, लेकिन फिर इसे बंद कर देते हैं, और निवेशक एकदम खाली हाथ रह जाते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, कुल मिलाकर साइबर क्राइम की वजह से होने वाला नुकसान वैश्विक स्तर पर हर साल 15 प्रतिशत बढ़कर 2025 तक 10.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है, जबकि 2015 में यह 3 ट्रिलियन डॉलर था.
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं
हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.
इसमें यह भविष्यवाणी भी की गई है कि कि रैंसमवेयर (एक मैलिसियस सॉफ्टवेयर जो फिरौती चुकाने तक आपके कंप्यूटर तक पहुंच बाधित कर देता है) का इस्तेमाल कर 2031 तक हर दो सेकंड पर किए जाने वाले एक हमले के साथ पीड़ितों को 265 बिलियन डॉलर सालाना का चूना लग सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में रैंसमवेयर से संबंधित नुकसान 20 बिलियन डॉलर आंका गया था और हर 11 सेकंड एक हमला हुआ था.
क्रिप्टो क्राइम में तेजी
रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक क्रिप्टो क्राइम के कारण सालाना 30 बिलियन डॉलर के नुकसान का अनुमान है, जो 2021 के 17.5 बिलियन डॉलर के आंकड़े की तुलना में लगभग दोगुना है.
इसमें कहा गया है कि क्रिप्टो क्राइम और इसके कारण चुकाई जाने वाली कीमत आने वाले वर्षों में सालाना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ने के आसार हैं.
इसमें कहा गया है, ‘साइबर अपराधी कई तरीकों से क्रिप्टो क्राइम को अंजाम देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.’
इनमें हैकर्स का क्रिप्टो एक्सचेंजों को निशाना बनाने के कई उदाहरण शामिल हैं, क्रिप्टो एक्सचेंज वो वर्चुअल प्लेटफॉर्म होते हैं जहां क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और बेची जा सकती है. उदाहरण के तौर पर, जनवरी 2022 में क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म क्रिप्टो डॉट कॉम ने स्वीकार किया कि हैकर्स ने यूजर्स की 30 मिलियन डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली थी.
अन्य क्रिप्टो क्राइम में मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर जानबूझकर यूजर्स की क्रिप्टोकरेंसी हथिया लेने वाले घोटाले शामिल हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अकेले पिछले साल क्रिप्टो घोटालों की बदौलत स्कैमर्स ने पीड़ितों से 7.7 बिलियन डॉलर का चूना लगाया.’ साथ ही कहा गया कि यह 2020 की तुलना में 81 प्रतिशत अधिक है.
यूएस फेडरल ट्रेड कमीशन ने भी कहा था कि 2021 में क्रिप्टो क्राइम के कारण नुकसान पिछले 12 महीनों में दस गुना बढ़ गया.
‘मनीलॉन्ड्रिंग भी क्रिप्टो क्राइम की एक बड़ी वजह’
दिग्गज टेक कंपनी आईबीएम की तरफ से इस साल जुलाई में जारी एक रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा गया था, ‘डेटा ब्रीच अब तक सबसे शीर्ष स्तर पर पहुंचकर 2022 में औसतन 176 मिलियन (रुपये) रहा है. यह पिछले साल की तुलना में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.’
आईबीएम की रिपोर्ट ने डेटा ब्रीच के कारण होने वाले नुकसानों को चार श्रेणियों में रखा—लॉस्ट बिजनेस, डिटेक्शन एंड एस्केलेशन, नोटिफिकेशन और पोस्ट-ब्रीच रिस्पांस. इसमें पाया गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने पोस्ट ब्रीच रिस्पांस पर 71 मिलियन रुपये (7.1 करोड़ रुपये) का नुकसान उठाया. आईबीएम की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पोस्ट ब्रीच रिस्पांस के कारण होने वाली क्षति 2021 में 67.20 मिलियन रुपये से बढ़कर 2022 में 71 मिलियन रुपये हो गई.’
यद्यपि साइबरस्पेस वेंचर्स की 2022 की रिपोर्ट भारत पर फोकस नहीं करती, ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर डेटा मुहैया कराने वाली न्यूयॉर्क स्थित एक कंपनी चैनालिसिस की फरवरी 2021 की रिपोर्ट में भारत से जुड़े एक मामले का उल्लेख है जिससमें क्रिप्टोकरेंसी को कथित तौर पर आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिए उपयोग किया गया.
मार्च 2020 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ओखला से एक कश्मीरी जोड़े—जहांजेब सामी और हिना बशीर बेग को गिरफ्तार किया था. बाद में दोनों पर 2019 और 2020 के बीच कथित तौर पर हथियारों और विस्फोटकों की खरीद के लिए ‘सीरिया में बैठे आईएसआईएस ऑपरेटिव से मिले एक बिटकॉइन एड्रेस पर क्रिप्टोकरेंसी का डोनेशन कराने का आरोप लगाया गया था.
चैनालिसिस की रिपोर्ट इस पर भी जोर देती है कि ‘मनी लॉन्ड्रिंग क्रिप्टो करेंसी आधारित अपराध का एक बड़ा साधन है.’
चैनालिसिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराधी, जो क्रिप्टो करेंसी चुराते हैं या इसे अवैध सामानों के भुगतान के रूप में स्वीकार करते हैं, ‘अपनी क्रिप्टो संपत्ति को बदलने के लिए आश्चर्यजनक रूप से सेवा प्रदाताओं के छोटे समूह पर भरोसा करते हैं.’
इसमें कहा गया है कि इनमें कुछ प्रदाता ‘मनी लॉन्ड्रिंग सेवाओं के विशेषज्ञ हैं, जबकि अन्य केवल बड़ी क्रिप्टो करेंसी सेवाएं और मनी सर्विसेज व्यवसाय (एमएसबी) हैं, जिनके काम करने का कोई ठोस आधार नहीं है.’
इस सबके बीच भारत में अपना आधार बनाने वाले क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो निवेश ऐप, मसलन क्वाइनडीसीएक्स, क्वाइनस्विच कुबेर और वजीरएक्स के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के संभावित उल्लंघनों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की जांच चल रही है.
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन कथित उल्लंघनों में ‘व्यापार-आधारित मनी लॉन्ड्रिंगट और ‘ई-हवाला’ का उपयोग शामिल है.
क्रिप्टो करेंसी का ग़ुब्बारा
Frankfurt, Hesse, Germany - April 17, 2018: Many coins of various cryptocurrencies
अचानक तेज़ी से चलन में आयी क्रिप्टो करेंसी पर संकट मंडरा रहा है। क्रिप्टो करेंसी का मतलब है- प्रच्छन्न अर्थात् गुप्त मुद्रा। यह एक डिजिटल करेंसी है, जो बटुए में नहीं है; परन्तु है। फिर भी कुछ देशों में इस क्रिप्टो करेंसी से सब कुछ ख़रीदा और बेचा जा रहा है। परन्तु अक्टूबर के पहले पखवाड़े के अन्त में असली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन में 75 प्रतिशत की गिरावट ने इस डिजिटल करेंसी की अस्थिरता का भाँडा फोड़ दिया। क्रिप्टो करेंसी की इस बड़ी गिरावट ने कई अमीरों की अमीरी छीन ली। कुछ की भारी-भरकम अमीरी का तो स$फाया ही हो गया, जबकि क्रिप्टो करेंसी के कई निवेशकों को जबरदस्त घाटा हुआ है।
इस गिरावट से एक झटके में बाज़ार में टिके रहने का और अमीरी का भ्रम टूट गया। एक समय ऐसा भी था, जब बिटकॉइन को गोल्ड या यूएस डॉलर से भी अधिक मूल्यवान बताया जा रहा था। उस समय समझदार अर्थ शास्त्रियों ने इस करेंसी को लेकर चेतावनी दी थी कि यह एक भ्रामक करेंसी है, जो कभी भी घाटे का सौदा हो सकती है। कुछ अर्थ शास्त्रियों ने तब इसके नुक़सान गिनाते हुए कहा था कि क्रिप्टो करेंसी आने वाले समय में नुक़सानदायक साबित होगी, क्योंकि इसकी क़ीमतें बेहद अस्थिर हैं। क्रिप्टो करेंसी पर किसी बैंक या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, क्योंकि यह एक पीयर-टू-पीयर व्यवस्था है, जो किसी को भी, कहीं भी भुगतान करने और भुगतान प्राप्त होने को तो सक्षम बनाती है, परन्तु ये किसी के बटुए में नहीं है, बस डिजिटल खाते में है। इसलिए सभी देशों की सरकारें क्रिप्टो करेंसी को लेकर एकमत नहीं हैं। कुछ देशों ने क्रिप्टो करेंसी को करेंसी माना ही नहीं है, तो कुछ देशों में सरकारों ने इसे वैधानिक करार दे दिया है।
बड़े अपराधी मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध ख़रीदारी जैसी अवैध गतिविधियों में क्रिप्टो करेंसी का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ रिपोट्र्स ने तो दावा किया है कि ड्रग्स माफ़िया डार्क वेब के माध्यम से क्रिस्टो करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स बेचने और ख़रीदने के लिए भी कर रहे हैं। नोटों की तरह दिखायी न देने वाली यह क्रिप्टो एक क्रिप्टो करेंसी हैकर्स की पसन्दीदा है। क्रिप्टो करेंसी का एक बड़ा नुक़सान यह है कि इंटरनेट कनेक्शन वाले कम्प्यूटर की मदद से कोई भी इसे हासिल कर सकता है। इस प्रक्रिया को क्रिस्टो करेंसी की माइनिंग यानी खनन कहते हैं। परन्तु इसके लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। हालाँकि एक क्रिप्टो क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की वजह से सुरक्षित भी है, परन्तु इसके क्रिप्टो एक्सचेंज और वॉलेट को हैक करने के मामले भी कम नहीं हैं। कई बार हैकर्स ने लाखों डॉलर की क़ीमत की क्रिस्टो करेंसी उड़ा ली है। बिटकॉइन के अतिरिक्त दूसरी क्रिप्टो करेंसी का तो और भी बुरा हाल है, जिनमें से कई एक ही साल में 80 से 90 प्रतिशत तक गिर गयी हैं।
अमेरिका में रहने वाली भारतीय मूल की अर्थशास्त्री अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने भारत सरकार को क्रिप्टो करेंसी को नियामक बनाने की सलाह दी थी। उन्होंने क्रिस्टो करेंसी को विश्व की उभरती अर्थ-व्यवस्थाओं के हित में बताते हुए इसे रेगुलेट करने की सलाह दी थी। क्रिस्टो करेंसी पर एक वैश्विक नीति बनाने का सुझाव देते हुए गीता गोपीनाथ ने कहा था कि क्रिप्टो करेंसी के कई एक्सचेंज ऑफशोर हैं और वे किसी विशेष देश के नियमों के अधीन नहीं हैं। उन्होंने वैश्विक नीति वैश्विक नीति की वकालत करते हुए गीता गोपीनाथ ने कहा था कि कोई भी देश इस समस्या को अपने दम पर हल नहीं कर सकता है, क्योंकि क्रिप्टो करेंसी ट्रांजेक्शन आसानी से सीमा पार से किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि इस पर तत्काल एक वैश्विक नीति की ज़रूरत है।
सन् 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक ने तैयारी तेज़ कर दी और 17 दिसंबर, 2021 को देश के इस सबसे बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने एक बैठक की, जिसमें क्रिप्टो करेंसी नियामकीय दायरे में लाने को लेकर गम्भीरता से चर्चा हुई थी। इस बैठक में क्रिप्टो करेंसी के दुरुपयोग की आशंका जतायी गयी थी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कई बार ज़ोर देकर कहा है कि क्रिप्टो करेंसी के दाम में उतार-चढ़ाव और इसमें छोटे निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी चिन्ता के विषय हैं। हालाँकि आरबीआई ने 1 दिसंबर को डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। पिछला आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी को डिजिटल रुपया कहते हुए इशारे-इशारे में इसे आम लोगों के लिए उपयोगी साबित करने की कोशिश की थी और कहा था कि क्रिप्टो करेंसी पर सरकार 30 प्रतिशत टैक्स लेगी। उन्होंने कहा था कि डिजिटल करेंसी आने से फ़िलहाल जो करेंसी मैनेजमेंट का सिस्टम है, वो का$फी आसान और सस्ता हो जाएगा।
क्रिप्टो प्लेटफॉर्म क्रैकन ने एक बड़ी निपटान राशि का भुगतान किया - ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों की उपेक्षा की
Nettitrend की अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वह है "इंटरनेट खुफिया" कोई व्यक्ति जिसे हमने उसका नाम दिया है, वह हमेशा लेखों के आधार पर लिखता है, समाचार/लेखों पर एआई-जनित कमेंट्री का प्रशिक्षण देता है। दुर्भाग्य से, इस प्रकाशन के लिए, हमारी कृत्रिम बुद्धि स्पष्ट रूप से अध्ययन कर रही है, क्योंकि हमारे आभासी सहायक ने दुर्भाग्य से इस लेख पर टिप्पणी नहीं की है, कम से कम अभी तक नहीं। हालाँकि, समाचार के इस खंड पर नज़र रखें, आपको विषयों पर कुछ महान ज्ञान मिल सकता है!