भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं?

बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं?
FAQ’s Crypto currency Bill 2021-22

Bitcoin, Ethereum या NFT को भारत में कभी नहीं मिलेगी कानूनी मान्यता: फाइनेंस सेक्रेटरी

फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स की कीमतों को प्राइवेट तरीके से तय किया जाता है, ऐसे में भारत सरकार की इन पर कोई अथॉरिटी नहीं होगी

बिटकॉइन (Bitcoin) व इथेरियम (Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) और नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) को भारत में कभी भी कानूनी मान्यता नहीं मिलेगी। फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन (TV Somanathan ) ने बुधवार 2 फरवरी को ये बातें कहीं। सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स की कीमतों को प्राइवेट तरीके से तय किया जाता है। ऐसे में भारत सरकार की इन पर कोई अथॉरिटी नहीं होगी।

फाइनेंस सेक्रेटरी ने कहा, "बिटकॉइन, एथेरियम या NFT भारत में कभी भी लीगल टेंडर नहीं होंगे। क्रिप्टो एसेट्स ऐसे एसेट्स होते हैं जिनकी कीमत दो लोगों के बीच तय होती है। आप सोना, हीरा, क्रिप्टो खरीद सकते हैं, लेकिन उसके पास सरकार द्वारा मूल्य प्राधिकरण नहीं होगा।"

उन्होंने कहा, "निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। आपका निवेश सफल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है, नुकसान हो सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।"

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'क्रिप्टो एक तरह की सट्टेबाजी है'

फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन ने क्रिप्टो पर टैक्स को लेकर कहा, "क्रिप्टो एक सट्टा लेनदेन है, इसलिए हम इस पर 30% की दर से टैक्स लगा रहे हैं। बिटकॉइन या इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता। उनकी दर में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है। क्रिप्टो के जरिए कमाई करने वालों को अब 30% का भुगतान करना होगा। यह है सरकार की नई नीति।"

उन्होंने कहा, "यह केवल क्रिप्टो के लिए नहीं है, यह सभी सट्टा आय के लिए है। उदाहरण के लिए, यदि मैं घोड़े की रेस से हुई कमाई को लेता हूं, तो उस पर भी 30% टैक्स लगता है। किसी भी सट्टा लेनदेन पर पहले से ही 30% टैक्स है। इसलिए हमने उसी दर से क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स लगाने का फैसला किया है।"

'खेती को छोड़कर हर चीज पर टैक्स'

सोमनाथ ने सरकार की टैक्स नीति के बारे में कहा, "सरकार की नीति यह है कि कृषि को छोड़कर बाकी सभी स्रोतों से हासिल होने वाली आय टैक्स के योग्य है। वर्तमान में, हमारे पास क्रिप्टोकरेंसी पर स्पष्टता नहीं है। कई इसे बिजनेस से होने वाली आय के रूप में तो कई कैपिटल गेन के रूप में दिखाते थे। कई लोग अपनी क्रिप्टो संपत्ति घोषित ही नहीं करते थे। हालांकि अब सभी वर्चुअल एसेट्स पर एक समान दर से टैक्स लगाने का फैसला किया गया है और वह टैक्स की दर है 30%।"

'RBI की डिजिटल करेंसी होगी लीगल टेंडर'

सोमनाथन ने कहा, "अगले वित्त वर्ष में जारी होने वाले डिजिटल रुपये को आरबीआई का समर्थन मिलेगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा RBI का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। RBI द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा। बाकी सभी लीगल टेंडर नहीं हैं, कभी लीगल टेंडर नहीं बनेंगे।"

MoneyControl News

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First Published: Feb 02, 2022 6:26 PM

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क्‍या क्रिप्‍टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्‍यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब

क्‍या क्रिप्‍टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्‍यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब

Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्‍पष्‍ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।

1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की घोषणा

सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की भी घोषणा की थी। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल मुद्रा में लेनदेन के विवरण को कैप्चर करना है। विभिन्न बाजार विश्लेषकों ने डिजिटल परिसंपत्तियों पर कर लगाने को क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक दर्जा मिलने की प्रस्‍तावना के रूप में देखा। हालांकि, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाले लाभ पर कर लगाने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके नियमन या वैधता पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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RBI की नज़र में यह आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा

केंद्र सरकार भले ही इस करेंसी को लेकर अभी बंदिशें नहीं लगा रही हो लेकिन आरबीआई की नज़र में यह देश की माली हालत के लिए ठीक नहीं है। फरवरी माह में ही मौद्रिक नीति की घोषणाओं के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि "निजी क्रिप्टोकरेंसी भारत की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं, साथ ही आरबीआई की इससे निपटने की क्षमता भी है। निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि वे क्रिप्टोकरेंसी में क्या निवेश कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इन क्रिप्टोकरेंसी में कोई संपत्ति नहीं है।

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सरकार चाहती है सामूहिक प्रयास हों

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है क्योंकि तकनीक लगातार विकसित और बदल रही है। बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो विनियमन पर परामर्श चल रहा है और नियामक दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद क्या कानूनी है, क्या स्पष्ट नहीं होगा।

बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के लिए राह मुश्किल

दूसरी तरफ वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना था कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेगी। सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी निविदा होगी। हम डिजिटल रुपये के साथ गैर-डिजिटल संपत्ति खरीद सकते हैं जैसे हम अपने वॉलेट या यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए भुगतान करके आइसक्रीम या अन्य चीजें खरीदते हैं।

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सरकार नहीं कर सकती मूल्‍य को अधिकृत

सोमनाथन के अनुसार क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।"

Bitcoin जैसी Crypto currency में पैसा करते हैं निवेश तो हो जाएं सावधान, कभी भी हो सकता है तगड़ा घाटा

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Budget 2022 को लेकर लोगों में कई तरह की चर्चा हो रही हैं, जिनमें क्रिप्टो करेंसी से कमाई पर लगने वाला 30 प्रतिशत टैक्स अहम है, वहीं वित्त मंत्री ने भारत की अपनी Digital currency की लॉन्च को लेकर घोषणा भी की। जिसके बाद आज वित्त सचिव ने इन करेंसी को एक लेकर नया बयान दिया है, जिसमें कहा गया, कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी रूप से देश में नहीं अपनाई जाएंगी। यानी बात साफ हैं, आप कितना भी क्रिप्टो में निवेश कर लिजिए, केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी डिजिटल रुपया को भारत में लीगल माना जाएगा।

एएनआई से बात करते हुए, वित्त सचिव ने कहा, "डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा, जो कभी भी डिफ़ॉल्ट नहीं होगा। यह पैसा आरबीआई का होगा लेकिन डिजिटल होगा। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त होगा। "बाकी सभी भारत में legal tender नहीं हैं, और ना ही होंगे। उनके मुताबिक बिटकॉइन, एथेरियम, या अभिनेता की एनएफटी बनने वाली कोई भी तस्वीर कभी भी देश में legal tender नहीं बन पाएगी।" बताते चलें, कि भारत में बिटकॉइन की कीमत आज 6:49 बजे 30.84 लाख रुपये है, जबकि भारत में एथेरियम की कीमत 2.23 लाख रुपये है।

निवेश के सफल होने की नहीं है गारंटी

वित्त सचिव सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा। निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।

अवैध नहीं है Crypto

वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। सोमनाथन ने कहा, "मैं यह नहीं कह रहा हूं कि बिटकॉइन या एथेरियम अवैध है, लेकिन यह वैध भी नहीं है। लेकिन मैं कह सकता हूं कि अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह legal नहीं होगी।" विनियमन केवाईसी, विक्रेता के लाइसेंस की मांग कर सकता है, लेकिन सरकार द्वारा बाद में हितधारकों के साथ परामर्श से निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम यह भी देखेंगे कि दूसरे देशों में क्या हो रहा है।

'बिटकॉइन गैरकानूनी है या नहीं?'- GainBitcoin स्कैम में सुनवाई के दौरान SC ने केंद्र से किया सवाल

शीर्ष अदालत GainBitcoin बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? Scam से जुड़े एक मुद्दे की सुनवाई कर रहा था. इसमें 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के 87,000 बिटकॉइन की कथित धोखाधड़ी शामिल है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र बिटकॉइन पर स्पष्टता दे कि ये अवैध है या नहीं.

GainBitcoin Scam में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से किया सवाल. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

20,000 करोड़ रुपये के बिटकॉइन के जरिए करोड़ों के घोटाला मामले (Cryptocurrency Scam) में सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र बिटकॉइन पर स्पष्टता दे कि ये अवैध है या नहीं (Bitcoin Legal or Not). इस मामले में जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र से कहा कि उसे अपना रुख स्पष्ट करना होगा. केंद्र के लिए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि बिटकॉइन की वैधता पर यहां सवाल नहीं है, ये एक बहुत बड़ा घोटाला है. दरअसल, शीर्ष अदालत GainBitcoin Scam से जुड़े एक मुद्दे की सुनवाई कर रहा था. इसमें 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के 87,000 बिटकॉइन की कथित धोखाधड़ी शामिल है.

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SC घोटाले के एक आरोपी अजय भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को रद्द करने की मांग की थी. उन्हें मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी.

मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी अजय भारद्वाज को 4 हफ्ते के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत जारी रखी. अब इस मामले की 4 हफ्ते बाद अगली सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने जांच अधिकारी से भी स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.

गेनबिटकॉइन घोटाले के पीछे कथित मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज बताया गया है. उन्हें मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में 3 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी. भारद्वाज ने कई कंपनियां बनाई थीं और 10% रिटर्न का वादा करने वाली MLM (मल्टी लेवल मार्केटिंग) गेनबिटकॉइन योजना चलाने के लिए बदनाम है.

आरोप है कि भारद्वाज ने एक बहु-स्तरीय विपणन घोटाले की साजिश रची और निवेशकों को उच्च रिटर्न के बदले उन्हें बिटकॉइन देने का लालच दिया. उन्होंने 10 प्रतिशत रिटर्न की पेशकश करते हुए 18 महीने का अनुबंध पेश किया. अमित भारद्वाज ने अपना वादा पूरा नहीं किया, रिटर्न नहीं दिया और बाद में देश छोड़कर भाग गए.

पुणे पुलिस ने अमित और उससे जुड़े सात अन्य लोगों को मार्च 2018 में गिरफ्तार किया था. ED ने पहली बार 1 जनवरी, 2021 को अमित भारद्वाज और अन्य आरोपियों (हेमंत भोपे, आकाश संचेती और अन्य) को समन जारी किया था. तब से अमित भारद्वाज और उनके भाइयों-अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, उनकी मां बिमला देवी को भी कई समन जारी किए गए हैं. ASG ऐश्वर्या भाटी ने आज SC को सूचित किया कि इसमें 87,000 बिटकॉइन शामिल हैं और आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि आरोपी जांच में सहयोग करे.

घोटाले के मास्टरमाइंड अजय भारद्वाज की जमानत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हज़ारों करोड़ के इस घोटाले में सभी आरोपियो को मामले की जांच में सहयोग करने के निर्देश के साथ उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर लगी रोक को अगली सुनवाई तक बहाल रखते हुए मामले पर आरोपियों के जांच में सहयोग करने के मामले पर जांच अधिकारी से 4 हफ्ते में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

दरअसल 2018 में यह 2 हज़ार करोड़ का गेनबिटकॉइन घोटाला मामला 20 हज़ार का हो चुका है. इस मामले मे आरोपियों को नोटिस किए जाने के बाद भी जांच में सहयोग नही किया जा रहा है. इसी का हवाला देकर ED ने अजय भारद्वाज को जमानत दिए जाने का विरोध किया.

Video : कर्नाटक बिटकॉइन घोटाला मामले में विवाद, कांग्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पकड़ी गईं खुफिया अधिकारी

क्रिप्टो करेंसी बिल 2021-22 | जानिए क्रिप्टोकरंसी बिल को लेकर PM मोदी ने क्या कहा | crypto currency Bill in India

Crypto currency Bill

हो सकता है, आपने क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) का नाम तो सुना हो। परंतु क्या आप जानते हैं? भारत में अभी तक क्रिप्टोकरंसी गैर क़ानूनी है। क्योंकि क्रिप्टो करेंसी को भारत में किसी भी तरह से क़ानूनी तौर पर यूज नहीं किया जाता। भारत में क्रिप्टो करेंसी के तकरीबन डेढ़ से ढाई करोड़ यूजर हैं। यूजर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोकरंसी बिल (Crypto currency Bill 2021-22) लाने की घोषणा की गई थी। शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन आफ ऑफिशल डिजिटल करंसी (Crypto currency and Regulation of Official Digital Currency) पर बिल पास करने की बात कही गई है।

भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister of India, Shri Narendra Modi) द्वारा Cryptocurrency Bill को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की हैं और मजबूत रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए गए हैं। भारत सरकार का मानना है, कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर रेगुलेशन नहीं होने से इसका उपयोग टेररिस्ट फीडिंग (terrorist feeding) और काला धन (black money) की आवाजाही में हो सकता है। इसीलिए अभी तक भारत सरकार द्वारा क्रिप्टो करेंसी को लीगल करार नहीं किया गया है। क्रिप्टोकरंसी को लेकर बढ़ते यूजर्स का रुझान देखते हुए भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोकरंसी बिल लाने की प्लानिंग की जा रही है।

Crypto currency Bill 2021-22 | क्रिप्टोकरंसी बिल 2021-22 क्या है?

भारत में बढ़ते हुए क्रिप्टोकरंसी के ट्रेंड को लेकर भारत सरकार द्वारा गाइड लाइन पर मंथन किया जा रहा है। क्रिप्टोकरंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी एवं अधिकारी डिजिटल मुद्रा विनिमय विधेयक पेश किया जाएगा। जिससे क्रिप्टोकरंसी को लेकर भारत में स्थिति स्पष्ट हो सकती है, कि यह भारत में पूर्ण तरह से फेल होगी या इसे गाइडलाइन के आधार पर सुचारू रूप से जारी रखा जा सकता है। सरकार द्वारा क्रिप्टो करेंसी को लेकर जिस बिल को पास किया जाएगा उसका नाम है क्रिप्टोकरंसी एवं अधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनिमय विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Official Digital Currency Exchange Bill 2021)

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टो करेंसी पर आधिकारिक तौर पर फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है, तथा क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को लेकर तकनीकी प्रारूप बनाने की योजना पर तैयारी चल रही है। भारत सरकार के रुझान के अनुसार निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। दरअसल शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले 26 दिन सूची में क्रिप्टो करेंसी बिल भी शामिल है। अब देखना यह है कि कैसे बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? क्रिप्टोकरंसी अपने आप को इंडिया में लीगल साबित करती है या फिर पूर्णतया बेन होती है।

What Prime Minister Narendra Modi said on Cryptocurrency | क्रिप्टोकरंसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा

जैसा कि आप सभी जानते हैं क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल करेंसी है। जिसे इंडिया में लीगल करार नहीं किया गया है। परंतु विदेशों में डिजिटल करेंसी को बहुत अत्यधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है। जिसमें बिटकॉइन (bitcoin) महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरंसी कॉइन है, जो कि अब तक की क्रिप्टोकरंसी में सबसे महंगा कॉइन है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरंसी को लेकर कई मंत्रालयों से उच्च स्तरीय बैठक की जा चुकी है। इसके अलावा सिटी न्यूज़ संवाद कार्यक्रम के दौरान क्रिप्टोकरंसी को लेकर संबोधन दिया गया, जिसमें पीएम मोदी कहते हैं, “क्रिप्टो करंसी आफ बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए यह बेहद जरूरी है, कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर काम करें। साथ ही सुनिश्चित करें, कि यह गलत हाथों में न पड़े। क्योंकि इससे हमारे युवाओं पर गलत असर पड़ सकता है।”

In which countries is cryptocurrency legal | क्रिप्टोकरंसी किन देशों में लीगल है?

क्रिप्टोकरंसी भारत और चीन जैसे देशों में बैन है। हाल फिलहाल रिजर्व बैंक द्वारा इस पर पूर्णतया बैन लगा रखा है। पर अमेरिका समेत कई बड़े देश इसे अनुकूल स्कीम बना रहे हैं। सेंट्रल अमेरिका के अल सल्वाडोर कि कांग्रेस ने 8 जून 2021 को बिटकॉइन पर कानून पास किया। बिटकॉइन को लीगल टेंडर बनाने वाला दुनिया का यह पहला देश है। इसके साथ दक्षिण कोरिया जैसे बड़े देश भी क्रिप्टो करेंसी और एक्सचेंज को रेगुलेट करने के लिए कानूनी स्ट्रक्चर बनाने की तैयारी कर रहे हैं। क्रिप्टो करेंसी को क्रिप्टो फ्रेंडली मियामी युवक ने हाल ही में क्रिप्टो एंक्लेव का आयोजन किया। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी को पूरी दुनिया अपनाने का प्रयास कर रही है। इसी के साथ बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरंसी पर आधारित मैचुअल फंड स्कीम भी लांच की जा चुकी है।

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FAQ’s Crypto currency Bill 2021-22

Q . क्रिप्टोकरंसी बिल 2021 क्या है?

Ans. भारत के संविधान सत्र में क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल पास करने पर मंथन किया जा रहा है। सरकार का मानना है, कि क्रिप्टोकरंसी अभी तक इंडिया में गैरकानूनी है। क्रिप्टो करेंसी की उपयोगिता को लेकर भारत अभी भी इस पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाया है। शीतकालीन सत्र में बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? यदि क्रिप्टोकरंसी बिल 2021 पास होता है, तो इस पर मजबूत गाइडलाइन जरूर बनेगी।

Q. क्या क्रिप्टोकरंसी भारत में लीगल है?

Ans. जी नहीं, अभी तक भारत में क्रिप्टोकरंसी को लेकर कोई भी कानून पास नहीं किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टोकरंसी को बैन किया जा चुका है। अब शीतकालीन सत्र में 26 विधेयक बिल पास होने वाले हैं। जिसमें क्रिप्टोकरंसी भी शामिल है। यदि बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? बिल पास होता है तो उस सरकार द्वारा इसकी उपयोगिता पर गाइडलाइन जरूर तैयार की जाएगी।

Q. क्रिप्टोकरंसी बिल 2021 कब तक पास होगा?

Ans. शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशल डिजिटल करंसी बिल 2021 पास हो सकता है। परंतु अभी तक बिल को लेकर कोई अपडेट नहीं की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरंसी को लेकर विभिन्न मंत्रालय एवं उच्च अधिकारियों से वार्तालाप की गई है।

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