भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब

भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब

प्रमोद जोशी का लेख : क्रिप्टोकरेंसी का मायाजाल

क्रिप्टोकरेंसी अभी चर्चा में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस पर बयान के बाद से इसके भाव में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है। चर्चा है कि भारत सरकार इसे रेगुलेट करने की तैयारी कर रही है। आने वाले संसद के शीत सत्र में इस बाबत नया विधेयक लाया जा सकता है। अभी तक क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया अंधेरी बनी हुई है। भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब कोई भी सरकार इसको मान्यता देने का जोखिम नहीं उठाना चाहती। क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इसके स्वामित्व का पता नहीं है, इसको मुद्रा कहने का औचित्य भी नहीं है, क्योंकि मुद्रा की तरह इसमें कोई गुण नहीं है।

भारत सरकार ने निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाकर उसके नियमन की तैयारी कर ली है। इस सिलसिले में सरकार ने पिछले मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने की घोषणा की, जिसके बाद क्रिप्टो मार्केट धराशायी हो गया। इस उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि देश के क्रिप्टो-बाजार में दहशत का माहौल है। बहरहाल धीरे-धीरे विश्वास की बहाली हो रही है, क्योंकि सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि इस पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने के बजाय इसका नियमन किया जाएगा।

सोमवार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीत-सत्र में जो 26 विधेयक पेश करने की योजना है, उनमें क्रिप्टोकरेंसी बिल भी शामिल है। विडंबना है कि जिस समय बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी जैसी शब्दों की धूम मची है, देश में बड़ी संख्या में लोग जानते भी नहीं कि यह क्या है, उसके फायदे या नुकसान क्या हैं और सरकार क्या करने जा रही है। सरकारी तौर पर बताया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए सरकार ने यह सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। सरकार क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश करेगी, जिसमें रिजर्व बैंक के माध्यम से आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क की व्यवस्था होगी।

रोक नहीं, नियमन

इसका मतलब है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह खारिज करने के बजाय उसका नियमन करेगी, पर वह हर तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह भविष्य की व्यवस्था है, तो इस पर पूरी तरह रोक लगाना भी अनुचित है। बेशक सरकार को इसके दुरुपयोग की चिंता है, इसलिए इस मामले में अब सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत है। जरूरी यह भी है कि संसद में इस मामले पर व्यापक बहस हो और नागरिकों को इसके बारे में जागरूक किया जाए। हाल में प्रधानमंत्री भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब नरेंद्र मोदी ने सिडनी संवाद कार्यक्रम के दौरान भी अपने संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए। यह बेहद जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर काम करें। साथ ही, सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़े, क्योंकि इससे युवाओं पर गलत असर पड़ेगा।

अस्पष्ट विचार

दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई प्रकार की धारणाएं हैं। सितंबर में चीन ने क्रिप्टो-लेनदेन पर पूरी तरह रोक लगा दी थी, जबकि जापान और यूके जैसे देशों ने उनके संचालन के रास्ते छोड़े हैं। बुनियादी सवाल यह है कि क्रिप्टोकरेंसी को हम किस रूप में देखते हैं। यह करेंसी है, सम्पदा है या जिंस? इसके साथ ही यह चिंता भी जुड़ी है कि इसके मार्फत मनी लॉन्िड्रंग तो संभव नहीं है? आतंकवादियों के वित्तपोषण का माध्यम तो यह व्यवस्था नहीं बन जाएगी वगैरह। इसे देखने की जिम्मेदारी देशों के केंद्रीय-बैंकों व अंतरराष्ट्रीय वित्त-संस्थाओं की है।

अर्थव्यवस्था से जुड़ी चिंता

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास क्रिप्टोकरेंसी के विरुद्ध कई बार अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं। इसका मैक्रो-इकोनॉमी और वित्तीय-स्थिरता पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में कहा गया कि यह एक प्रगतिशील और भविष्य-कामी व्यवस्था है। जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्तीय-विषयों पर संसद की स्थायी समिति के सदस्यों की सलाह है कि इसे पूरी तरह खारिज करने के बजाय इसका नियमन किया जाना चाहिए। उधर भारत का रिजर्व बैंक एक सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) पर काम कर रहा है। सीबीडीसी डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, लेकिन यह क्रिप्टोकरेंसी की तरह नहीं होगी, जिसका कोई आंतरिक मूल्य नहीं है। सीबीडीसी को केंद्रीय बैंक की मान्यता मिली होगी, क्रिप्टोकरेंसी को नहीं।

विवादों की संभावना

आपने बैंक अकाउंटों की हैकिंग के किस्से सुने होंगे, पर क्रिप्टोकरेंसी हैक होने की खबरें नहीं हैं। इसमें धोखाधड़ी की शिकायतें अभी तक नहीं हैं। अलबत्ता इससे जुड़े विवादों और उनके निस्तारण की व्यवस्था पर भी साथ ही साथ विचार चल रहा है। इसमें एक पब्लिक डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर होता है, जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं। उसमें सब हिसाब-किताब चलता रहता है। ब्लॉकचैन पर किसी का नियंत्रण नहीं होता और गड़बड़ी की नहीं जा सकती, इसलिए सब ठीक रहता है, पर सवाल दूसरे हैं। भविष्य में इसके सॉफ्टवेयर के भीतर वायरस नहीं डाले जाएंगे, क्या गारंटी है?

बिटकॉइन का जन्म

पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का जन्म 2009 में जापानी डेवलपर सातोशीनकामोतो ने किया, जो छद्मनाम है। कहना मुश्किल है कि किसी एक ने या अनेक व्यक्तियों ने इसे बनाया। सामान्यतः डेबिट-क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर लेन-देन शुल्क लगता है, लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसके लेन-देन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता। शुरुआत में भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब क्रिप्टोकरेंसी की दूसरी विशेषता थी उस पर किसी एक राष्ट्रीय बैंक के बजाय विकेंद्रित नियंत्रण नहीं था, पर भविष्य में क्या होगा, अभी कहना मुश्किल है। सन 1983 में अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर डेविड शॉम ने पहली बार क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक धन की अवधारणा तैयार की। उसे नाम दिया गया ईकैश। वह अवधारणा थी, पर इसके बाद 1995 में उन्होंने डिजिकैश के नाम से इस प्रणाली को लागू किया। वस्तुतः यह बैंकों से नोट निकालने की एक प्रणाली थी, जिसमें ग्राहक कूट संकेत का इस्तेमाल करके किसी के पास धन भेज सकता था। इसके बाद इस पद्धति के व्यावहारिक और कानूनी पहलुओं पर विमर्श शुरू हुआ। दरअसल यह प्रणाली बैंकों और सरकारों की जानकारी के बगैर धन के प्रवाह की ओर इशारा कर रही थी।

वैधानिक स्वीकृति

इस साल जून में अल-सल्वाडोर दुनिया का पहला देश बना, जिसने बिटकॉइन को वैध करेंसी की मान्यता दी। इसके बाद अगस्त में क्यूबा ने इसे मान्यता देने का फैसला किया। क्यूबा के इस फैसले के पीछे राजनीतिक कारण भी हैं, क्योंकि उस पर अमेरिका ने कई तरह की पाबंदियां लगा रखी हैं। क्रिप्टोकरेंसी के कारण वह इन पाबंदियों से बचना चाहता है। ताजा जानकारी के अनुसार कम से कम आठ देशों ने क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर रोक लगाई है। ये देश हैं-अल्जीरिया, बोलीविया, मिस्र, इराक़, मोरक्को, नेपाल, पाकिस्तान और यूएई। 15 देशों ने परोक्ष पाबंदियां लगाई हैं। ये देश हैं -बहरीन, बांग्लादेश, चीन, कोलम्बिया, डोमिनिकन रिपब्लिक, इंडोनेशिया, ईरान, कुवैत, लेसोथो, लिथुआनिया, मकाऊ, ओमान, कतर, सऊदी अरब और ताइवान। अमेरिका और कनाडा जैसे देश अभी इसका अध्ययन कर रहे हैं। रूस में बिटकॉइन वैध है, पर खरीदारी केवल रूसी मुद्रा में ही हो सकती है। कुछ देश अपनी क्रिप्टोकरेंसी जारी कर रहे हैं। थाईलैंड ने 2018 में अनुमति दी। अनेक देश पायलट परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। इसमें उनके केंद्रीय बैंकों की भूमिका भी है। भारत भी उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

क्या है डिजिटल करेंसी

डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है। जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है।

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर

डिजिटल करेंसी को सरकार की मान्यता हासिल होती है, जबकि क्रिप्टोकरेंसी को नहीं। डिजिटल करेंसी की वैल्यू में क्रिप्टोकरेंसी की तरह उतार-चढ़ाव नहीं होता है।

कैसे खरीदते हैं क्रिप्टोकरेंसी और कहां करते हैं स्टोर, भारत में क्या है लीगल स्टेटस? यहां जानें हर बात

क्रिप्टोकॉइन्स और टोकन्स आप अपने क्रिप्टो वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं. क्रिप्टो वॉलेट्स तीन तरह के होते हैं- हॉट, कोल्ड और पेपर वॉलेट.

  • Paurav Joshi
  • Publish Date - October 14, 2021 / 03:52 PM IST

कैसे खरीदते हैं क्रिप्टोकरेंसी और कहां करते हैं स्टोर, भारत में क्या है लीगल स्टेटस? यहां जानें हर बात

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आजकल खूब चर्चा हो रही है. बिटक्वॉइन (Bitcoin) के एक क्रिप्टोकरेंसी है. क्रिप्टोकरेंसी शुरुआत में बस प्रोग्रामर्स और डेवलपर्स के दिलचस्पी की चीज थी, लेकिन अब इसकी पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई है कि अब सामान्य व्यक्ति भी इसमें निवेश करने की सोच रहा है. इस आर्टिकल में हमको आप इसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में विस्तार से बारे में बताएंगे.

क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें?

बाजार में ढेरों क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स हैं. ऐसे में देश में Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है. देश में मौजूद पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO के नाम शामिल हैं. इन्वेस्टर्स Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स से Bitcoin, Dogecoin और Ethereum जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी भी खरीद सकते हैं.

शेयर बाजारों के उलट, ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे काम करते हैं. इसका मतलब ये है कि आप हफ्ते में किसी भी दिन और दिन के किसी भी समय पैसे का निवेश और निकासी कर सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है. आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा. इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे. इन्वेस्टर्स के पास क्रिप्टो की खरीदी-बिक्री के लिए प्री-डिसाइडेड लिमिट सेट करने का भी ऑप्शन होगा.

एक्सचेंज का इस्तेमाल करना

सभी बड़े एक्सचेंज लगभग एक ही प्रोसेस फॉलो करते हैं. आपको एक अकाउंट बनाने की जरूरत होगी, फिर भारत स्थित एक्सचेंज आपको KYC वेरिफिकेशन करने को बोलेंगे. जिसके बाद आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. इसके लिए आप अपना बैंक अकाउंट अपने क्रिप्टो अकाउंट से लिंक कर सकते हैं. या फिर ट्रांजैक्शन के लिए सीधे डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं. जब लॉगइन और अकाउंट सेटअप का पूरा प्रोसेस कंप्लीट हो जाएगा, तो आपका एक्सचेंज आपको पहला ऑर्डर प्लेस करने के लिए नोटिफाई कर देगा.

क्रिप्टोकरेंसी स्टोर कैसे करें?

अगर आप किसी भी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत पर नजर डालें तो देखेंगे कि बिटकॉइन और एथर जैसे कॉइन्स ने लंबे समय में ज्यादा रिटर्न दिया है. इसका मतलब है कि उनकी वैल्यू बढ़ने तक के लिए आपको इन्हें स्टोर करना होगा. क्रिप्टोकॉइन्स और टोकन्स आप अपने क्रिप्टो वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं. क्रिप्टो वॉलेट्स तीन तरह के होते हैं- हॉट, कोल्ड और पेपर वॉलेट. इनमें से आपको कोई भी वॉलेट अपनी जरूरत के हिसाब से चूज़ करना होगा.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का लीगल स्टेटस

भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लीगल स्टेटस को लेकर बहुत कन्फ्यूजन है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने इस साल की शुरुआत में भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब एक बिल प्रस्तावित किया था, जिसमें Bitcoin और Dogecoin सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान था. हालांकि, बाद में इसमें और कोई डेवलपमेंट नहीं हुआ. एक हालिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया था कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बैन करने का आइडिया ड्रॉप कर दिया है.

भुगतान के साधन के रूप में cryptocurrency को वैध करेगा रूस

बिजनेस डेस्कः रूसी वित्त मंत्रालय क्रिप्टोकरेंसी नियमों पर ड्राफ्ट बिल को अंतिम रूप देने के करीब है और क्रिप्टो को भुगतान के रूप में वैध बनाने का फैसला कर सकता है। बीते दिन एक रूसी अखबार ने इस संबंधी जानकारी दी है। बिल में खनन और स्थानीय उद्योग को भी ध्यान में रखा गया है। यह पेशेवर और गैर-पेशेवर खरीदारों की अवधारणाओं और व्यापार के नियमों को स्थापित करने की भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब आवश्यकता का भी परिचय देता है।

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बिल के तहत, क्रिप्टो एक मान्यता प्राप्त भुगतान विधि बन जाएगी जो रूसी संघ की मौद्रिक इकाई नहीं है। क्रिप्टो को भी एक निवेश के रूप में मान्य किया जाएगा। हालांकि, बिल सभी के लिए समान नहीं है और केवल क्रिप्टोकरेंसी जिसमें कोई बाध्य व्यक्ति नहीं है को कानूनी बनाया जाएगा। इसका मतलब यह है कि कोई व्यक्ति बिटकॉइन (बीटीसी) के साथ भुगतान करने में सक्षम होगा लेकिन टीथर जैसे स्थिर स्टॉक नहीं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि रूस किस क्रिप्टोकरेंसी का पक्ष लेगा।

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इस बीच बिल इस बात पर भी प्रतिबंध लगाएगा कि एक्सचेंज या डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के ऑपरेटर के रूप में कौन पंजीकरण कर सकता है। पहले 30 मिलियन रूबल की नियामक आवश्यकता होगी, जबकि बाद में इसे रूस में संचालित करने के लिए 100 मिलियन रूबल दिखाने होंगे।

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क्रिप्टो स्पेस में काम करने वाली कंपनियों को भी पारंपरिक वित्तीय संस्थानों की तरह नियामक फाइलिंग और घोषणाएं करने की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त, कोई भी विदेशी संस्था जो रूस में काम करना चाहती है, उसे देश में एक इकाई स्थापित करनी होगी।

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बिल के तहत, क्रिप्टो एक मान्यता प्राप्त भुगतान विधि बन जाएगी जो रूसी संघ की मौद्रिक इकाई नहीं है। क्रिप्टो को भी एक निवेश के रूप में मान्य किया जाएगा। हालांकि, बिल सभी के लिए समान नहीं है और केवल क्रिप्टोकरेंसी जिसमें कोई बाध्य व्यक्ति नहीं है को कानूनी बनाया जाएगा। इसका मतलब यह है कि कोई व्यक्ति बिटकॉइन (बीटीसी) के साथ भुगतान करने में सक्षम होगा लेकिन टीथर जैसे स्थिर स्टॉक नहीं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि रूस किस क्रिप्टोकरेंसी का पक्ष लेगा।

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इस बीच बिल इस बात पर भी प्रतिबंध लगाएगा कि एक्सचेंज या डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के ऑपरेटर के रूप में कौन पंजीकरण कर सकता है। पहले 30 मिलियन रूबल की नियामक आवश्यकता होगी, जबकि बाद में इसे रूस में संचालित करने के लिए 100 मिलियन रूबल दिखाने होंगे।

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Cryptocurrency: क्रिप्टो से निपटने में भारत गर्म और ठंडा क्यों चल रहा है, जानें हमारा पुरा विश्लेषण – बोलता है बिहार

Cryptocurrency - क्रिप्टो ट्रेडिंग (crypto trending

Cryptocurrency: इस वर्ष तक, भारत क्रिप्टो संपत्ति के लिए सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक था। फिर अप्रैल में सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन पर कर (tax on cryptocurrency) लगाना शुरू किया और स्थानीय एक्सचेंजों पर वॉल्यूम गिर गया। सरकार ने टैक्स कदम को परिसंपत्ति वर्ग को औपचारिक रूप देने के अवसर के रूप में प्रस्तुत किया। इसने क्रिप्टो ट्रेडिंग (crypto trading) को निषेधात्मक रूप से महंगा भी बना दिया।

Cryptocurrency , क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

सरकारी अधिकारियों और नियामकों द्वारा उद्योग की आलोचना के बीच यह निर्णय आया है। भारत के केंद्रीय बैंक से सबसे अधिक हमले हुए हैं क्योंकि यह एक राष्ट्रीय डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने की तैयारी करता है जो बिटकॉइन और ईथर जैसे क्रिप्टो टोकन (crypto token) के लिए एक संभावित प्रतियोगी है।

Table of Contents

1. सरकार ने क्या किया?

1 अप्रैल 2022 से, क्रिप्टो परिसंपत्तियों के हस्तांतरण पर किसी भी लाभ पर 30% कर लगाया जाता है, जो कि यूएस और यूके सहित कई अन्य न्यायालयों की तुलना में एक उच्च दर है। व्यापारिक हानियों को आय के विरुद्ध ऑफसेट नहीं किया जा सकता, यहां तक ​​कि एक अलग टोकन से भी।

फिर अगले महिने जुलाई में, सरकार ने अतिरिक्त 1% कर जोड़ा – स्रोत पर कटौती के लिए – 10,000 रुपये ($ 125) से अधिक के डिजिटल-एसेट ट्रांसफर या एक वित्तीय वर्ष में संयुक्त 50,000 रुपये के लेनदेन पर।

2. क्या प्रभाव पड़ा?

टीडीएस के रूप में जाना जाने वाला 1% लेनदेन कर, जिसे क्रिप्टो उद्योग में अद्वितीय के रूप में देखा जाता है, ने बाजार निर्माताओं और उच्च आवृत्ति वाले व्यापारियों को चोट पहुंचाई, जिनके पास ट्रेडिंग वॉल्यूम का एक बड़ा हिस्सा था। CoinGecko शो के डेटा के अनुसार, तीन एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग – ZebPay, WazirX और CoinDCX – कर के प्रभावी होने के बाद 60% और 87% के बीच गिर गई।

Cryptocurrency - क्रिप्टो ट्रेडिंग (crypto trending

क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX में नीति के पूर्व कार्यकारी निदेशक मनहर गारेग्राट के अनुसार, एक विशिष्ट उच्च आवृत्ति व्यापारी केवल 100 ट्रेडों के बाद टीडीएस भुगतान के लिए अपनी पूंजी का लगभग 60% जमा कर सकता है।

3. इस कदम का क्या मतलब था?

क्रिप्टो ट्रेडिंग में गिरावट का मतलब है कि सरकार को नए लेवी से ज्यादा राजस्व प्राप्त करने की संभावना नहीं है। यह क्या करता है राज्य के अधिकारियों को कई क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर गतिविधि पर नज़र रखने का एक तरीका देता है। चूंकि कई डिजिटल टोकन में गुमनामी का तत्व होता है, इसलिए अधिकारी चिंतित हैं कि उनका उपयोग आतंकवादी-वित्तपोषण, धोखाधड़ी और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।

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एक जोखिम यह भी है कि एक अनियंत्रित वातावरण अधिक घरेलू बचत को अस्थिर परिसंपत्तियों की ओर आकर्षित कर सकता है, जिससे बचतकर्ता दुर्घटना की चपेट में आ सकते हैं।

4. क्या कर निर्णय अप्रत्याशित था?

ऐसा ज़रुरी नहीं है की भारत का डिजिटल मुद्राओं के साथ गर्म और ठंडे संबंध रहे हैं। सरकार क्रिप्टो की डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र तकनीक को बढ़ावा देने की इच्छुक है, जिसे ब्लॉकचेन के रूप में जाना जाता है। हालाँकि 2018 में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को क्रिप्टो रखने या क्रिप्टो लेनदेन की सुविधा देने से रोक दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में इसे रद्द कर दिया, लेकिन नियामक अनिश्चितता बनी हुई है और भारतीय बैंक अभी भी क्रिप्टो स्टार्टअप के साथ काम करने में संकोच कर रहे हैं।

सरकारी अधिकारियों और वित्तीय नियामकों ने क्रिप्टो के जोखिमों के बारे में चेतावनी देना जारी रखा है, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी। रबी शंकर ने क्रिप्टोकरेंसी की तुलना पोंजी योजनाओं से की और सुझाव दिया कि उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। वित्त सचिव टी. वीसोमनाथन ने कहा कि भारत क्रिप्टो ट्रेडिंग को जुए और सट्टा से होने वाली कमाई की तरह मान रहा है।

5. क्या व्यापार बंद हो गया या बस कहीं और चला गया?

यह बताना मुश्किल है क्योंकि अभी डेटा की कमी है। स्थानीय एक्सचेंज वज़ीरएक्स ने कहा कि लंबी अवधि के क्रिप्टो धारक अभी भी खरीद और बिक्री कर रहे थे, लेकिन अन्य विदेशी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर माइग्रेट कर रहे थे या टैक्स से बचने के लिए तथाकथित विकेन्द्रीकृत एक्सचेंजों पर सीधे एक दूसरे के साथ काम कर रहे थे।

6.भारत में क्रिप्टो कितना बड़ा था?

Chainalysis के अनुसार, भारत में क्रिप्टो में निवेश अप्रैल 2020 में लगभग 923 मिलियन डॉलर से बढ़कर मई 2021 में लगभग $6.6 बिलियन हो गया। बढ़ते व सुशिक्षित मध्यम वर्ग के साथ, देश की 1.4 अरब लोगों की आबादी युवाओं से कम है। Chainalysis के डेटा से पता चलता है कि कम विकसित पारंपरिक वित्तीय प्रणाली के साथ वियतनाम के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो गोद लेने की दर का नेतृत्व किया।

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संसद की वित्त समिति के अध्यक्ष ने कहा कि पिछले साल नवंबर तक, भारत में $ भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब 6 बिलियन की कुल संपत्ति के साथ 15 मिलियन से अधिक पंजीकृत क्रिप्टो उपयोगकर्ता थे। इनसाइडर इंटेलिजेंस के अनुमानों के अनुसार, तुलनात्मक रूप से 2022 के अंत तक 34 मिलियन अमेरिकी वयस्कों के पास एक क्रिप्टो संपत्ति होने की उम्मीद है।

7. दृष्टिकोण क्या है?

जबकि चीन ने क्रिप्टो लेनदेन पर पूरी तरह से प्रतिबंध (china banned crypto exchange) लगा दिया है। भारत ने अभी तक डिजिटल संपत्ति को परिभाषित करने वाला एक बिल पेश नहीं किया है और यह तय किया है कि उन्हें कैसे विनियमित किया जाए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि तथाकथित नियामक मध्यस्थता को रोकने के लिए कोई भी कानून अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही प्रभावी हो सकता है, जिससे कंपनियां व्यापार करने के लिए सबसे उदार क्षेत्राधिकार के लिए खरीदारी करती हैं।

अनिश्चितता विकेंद्रीकृत वित्त अनुप्रयोगों से लेकर अपूरणीय टोकन तक, ब्लॉकचेन पर आधारित उत्पादों को विकसित करने वाले भारतीय स्टार्टअप के समूहों के माध्यम से एक ठंड भेज रही है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि 2023 में लॉन्च होने वाला भारत का डिजिटल रुपया उद्योग को कैसे प्रभावित करेगा। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर शंकर ने जून में कहा था कि केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्राएं “निजी क्रिप्टोकरेंसी के किसी भी छोटे मामले को मार सकती हैं।

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