क्रिप्टो-करेंसी से लाभ

क्रिप्टोकरेंसी क्या है - What is Cryptocurrency
दोस्तों आप भी जानना चाहते होंगे कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है ? क्यों आज यह पूरे विश्व में एक चर्चित विषय बना हुआ है। आज हमलोग क्रिप्टोकरेंसी क्या है, क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करता है, क्रिप्टोकरेंसी के लाभ और हानि क्या है, के बारे में बहुत ही आसान भाषा में और विस्तार से चर्चा करेंगे। मुझे पूरी आशा है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको क्रिप्टोकरेंसी के बारे में कोई दुविधा नहीं रह जाएगी -
Cryptocurrency दो शब्दों Crypto और Currency के मिलने से बना है। इसमें Crypto शब्द लैटिन भाषा के शब्द Cryptography से लिया गया है जिसका अर्थ होता है “छुपा हुआ” और लैटिन भाषा के ही शब्द Currentia से Currency शब्द लिया गया है। इस प्रकार Cryptocurrency का अर्थ हुआ “छुपा/गुप्त पैसा”।
दोस्तों हर देश की अपनी एक करेंसी यानि मुद्रा होती है, जैसे अमेरीका में डॉलर, साउदी अरब में रियाल, जापान में येन, भारत में रूपया इत्यादि। इन सभी करेंसी का एक वैल्यू/मान होता है, जिसके माध्यम से हमलोग उस करेंसी के ही वैल्यु के बराबर की कोई वस्तु या सेवा (Service) खरीद सकते हैं। इन करेंसियों पर उस देश की सरकारों का नियंत्रण होता है। जैसे संयुक्त राज्य की मौद्रिक नीति फेडरल रिजर्व सिस्टम द्वारा संचालित की जाती है, जो देश के केंद्रीय बैंक के रूप में कार्य करती है। उसी प्रकार भारत की बात करें तो यहाँ की करेंसी यानि रूपया को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है एवं भारत सरकार इस मुद्रा पर नियंत्रण रखती है।
लेकिन अगर बात करें क्रिप्टोकरेंसी की तो क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश या उनकी सरकार, एजेन्सी या बोर्ड का कोई भी अधिकार या नियंत्रण नहीं होता है। क्रिप्टोकरेंसी एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) डिजिटल या यूँ कहें यह एक आभाषी मुद्रा है, जिसे हम छू नहीं सकते हैं। इसे क्रिप्टोग्राफी तकनीक के द्वारा सुरक्षित किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित विकेन्द्रीकृत (Decentralized) नेटवर्क पर कार्य करती है। अन्य मुद्राओं को हमलोग छू सकते हैं किन्तु क्रिप्टोकरेंसी के डिजिटल/आभासी मुद्रा होने के कारण हम इसे न तो अपने पर्स में और न ही बैंक के लॉकर में रख सकते हैं। इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता है। यह इनक्रिप्टेड (कोडेड) होती है, इसलिए इसका लेनदेन भी केवल डिजिटल माध्यम के द्वारा ही किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल वॉलेट में स्टोर किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी पर किसी देश का नियंत्रण नहीं होने के कारण इसके मूल्य को Regulate नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि इसकी Value स्थिर नहीं रहती और बहुत तेजी से इसकी कीमतों में उतार चढ़ाव होता रहता है, जो किसी को पलभर में अमीर बना देता है या एक झटके में जमीन पर ला देता है।
केन्द्रीकृत (Centralized) और विकेन्द्रीकृत (Decentralized) सिस्टम को नीचे दिए गए Image से समझा जा सकता है -
क्रिप्टोकरेंसी कैसी बनाई जाती है ?
How to Make aCryptocurrency
दोस्तों जैसे कि आपको पता है कि रूपए, डॉलर या अन्य करेंसियों को स्पेशल पेपर और स्याही का उपयोग करते हुए मशीनों द्वारा छपाई की जाती है, इसके बाद जटिल सरकारी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद यह अस्तित्व में आता है और हम इसे इस्तेमाल कर पाते हैं, किन्तु क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा नहीं है, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी को किसी पेपर पर छपाई नहीं की जाती है।
अब आप के मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी को बनाया कैसे जाता है । तो दोस्तों इसका जवाब है कि इसको अस्तित्व में लाने के लिए इसकी माईनिंग की जाती है। जी हाँ, क्रिप्टोकरेंसी की ईकाइयाँ (units) (समझने के लिए मान लीजिए क्रिप्टोकरेंसी के सिक्के) खनन (Mining) नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से बनाई जाती हैं। यह माईनिंग ब्लॉकचेन नामक तकनीक पर आधारित होती है। खनन का मतलब जैसे कोयला या अन्य खनिज के लिए जमीन की खुदाई की जाती है, वह वाली माइनिंग नहीं दोस्तों बल्कि यह माईनिंग कम्प्युटर पर होती है। इस माईनिंग प्रक्रिया में सिक्कों (यानी क्रिप्टोकरेंसी) को उत्पन्न करने के लिए एक जटिल गणितीय समस्याओं को हल करना पड़ता है, जिसमें काफी अधिक कंप्यूटर की शक्ति का उपयोग होता है और यह काम कम्प्यूटर स्वयं करता है। इन ब्लॉकचेन के लेनदेन की प्रामाणिकता को साबित करने के लिए काम करने वाले कंप्यूटरों को खनिक (Miner) के रूप में जाना जाता है और अपनी खर्च किए गए ऊर्जा के बदले में, खनिकों को नई खनन की गई क्रिप्टो संपत्ति /धन प्राप्त होती है। इस प्रोत्साहन-संचालित प्रणाली को प्रूफ-ऑफ-वर्क (पीओडब्ल्यू) कहा जाता है। इस खनन प्रक्रिया में काफी अधिक बिजली की खपत होती है। छोटे एवं बड़े दोनों स्तर का क्रिप्टोकरेंसी का खनन किया जाता है। आप कम पूँजी लगाकर घर पर भी इसका खनन कर सकते हैं और एक बड़े प्रोजेक्ट के तौर पर भी बड़ी पूंजी लगाकर भी इसका खनन किया जाता है। उदाहरण के तौर पर नीचे दिए गए तस्वीरों से स्पष्ट है –
अच्छी स्पीड वाला कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन वाला कोई भी व्यक्ति खनिक (Miner) बन सकता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह होती है कि खनन हमेशा लाभदायक नहीं होता है। Cryptocurrency के माईनिंग में लाभ इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के क्रिप्टोकरेंसी का खनन (Mining) कर रहे हैं, आपका कंप्यूटर कितना तेज़ है और आपके क्षेत्र में बिजली की लागत (Cost) क्या है। क्योंकि ऐसी स्थित भी बन सकती है कि आपके द्वारा क्रिप्टोकरेंसी की माईनिंग में कुल खर्च की गई राशि, इस माईनिंग से हुए आमदनी से कम रह जाए और यह आपके लिए घाटे का सौदा बन जाए।
दोस्तों आप चाहे तो बिना माईनिंग किए क्रिप्टोकरेंसी को दलालों (Broker) के जरिए भी खरीद सकते हैं, फिर क्रिप्टोग्राफिक वॉलेट का उपयोग करके उन्हें स्टोर और खर्च कर सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसीके प्रकार
Typesof Cryptocurrency
बिटकॉइन (Bitcoin) सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी थी, जो आज भी सबसे अधिक उपयोग किए जानी वाली, मूल्यवान और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है। बिटकॉइन के साथ, अलग-अलग कार्यों और विशिष्टताओं के साथ अन्य वैकल्पिक क्रिप्टोकरेंसी भी बनाई गई हैं, जो कुछ तो बिटकॉइन की पुनरावृत्ति हैं, जबकि अन्य को एकदम नए सिरे से यानि शुरूआत से बनाया गया है।
बिटकॉइन को सबसे पहले वर्ष 2009 में एक व्यक्ति या समूह द्वारा लॉन्च किया गया था, जिसे ‘‘सातोशी नाकामोटो’’ (Satoshi Nakamoto) के नाम से जाना जाता है। मार्च 2021 तक, लगभग 927 बिलियन डॉलर के कुल मार्केट कैप के साथ 18.6 मिलियन से अधिक के बिटकॉइन प्रचलन में थे।
बिटकॉइन की सफलता को देखते हुए बनाई गई अन्य प्रतिस्पर्धी क्रिप्टोकरेंसियों को “Altcoins” के रूप में जाना जाता है।
आज, अस्तित्व में मौजूद सभी क्रिप्टोकरेंसी का कुल मूल्य लगभग $1.5 ट्रिलियन है। जिसमें केवल बिटकॉइन वर्तमान में कुल मूल्य के 60% से अधिक का प्रतिनिधित्व करता है।
कुछ प्रसिद्ध Cryptocurrency का List उसके Symbol और Logo के साथ निम्न प्रकार हैं –
डिजिटल करेंसी क्या होती है | What is Digital Currency in Hindi
हम सभी जानते है, कि प्रत्येक देश की अपनी एक अलग करेंसी होती है और उस देश में सभी प्रकार के वित्तीय लेन-देन उसी मुद्रा के अनुरूप किया जाता है| जैसे कि अमेरिका में यूएस डॉलर, भारत में रुपये और अरब देशों में रियाल आदि का उपयोग किया जाता है| सबसे खास बात यह है, कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर नें देश में जल्द ही डिजिटल करेंसी लांच करनें का संकेत दिया है और इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गयी है| अब आपके मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा, कि आखिर डिजिटल करेंसी कौन सी नई बला है| डिजिटल करेंसी क्या होती है, इसके उपयोग, लाभ के क्रिप्टो-करेंसी से लाभ बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी प्रदान कि जा रही है|
डिजिटल करेंसी क्या होती है (What is Digital Currency)
डिजिटल करेंसी को ई-मुद्रा (E-Currency) भी कहते है और इसका पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है| क्रिप्टो करेंसी नोटों की तरह नहीं होती है| हालाँकि आप इसे अपनें कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि पर बड़ी आसानी से देख सकते है| इसके साथ ही आप डायरेक्ट इसे अपनें बैंक खाते में ट्रान्सफर भी कर सकते है|
आपको बता दें, कि क्रिप्टो करेंसी को उस देश के सेंट्रल अर्थात केन्द्रीय बैंक द्वारा जारी किया है और इसे उस देश की गवर्नमेंट द्वारा मान्यता भी मिली होती है| डिजिटल करेंसी की खासियत यह है, कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी में परिवर्तित किया जा सकता है। भारत के लोग डिजिटल करेंसी को अपनी भाषा में डिजिटल रुपया (Digital Rupee)भी कह सकते हैं।
डिजिटल करेंसी के प्रकार (Types Of Digital Currency)
डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा 2 प्रकार की होती है|
2. होलसेल (Wholesale)
यदि हम इन दोनों डिजिटल मुद्राओं की बात करे तो, रिटेल डिजिटल मुद्रा (Retail Digital Currency) का उपयोग देश के आम नागरिकों और कम्पनियों द्वारा किया जाता है, जबकि होलसेल डिजिटल मुद्रा (Wholesale Digital Currency) का उपयोग सिर्फ वित्तीय संस्थाओं (Financial Institutions) द्वारा किया जाता है।
डिजिटल करेंसी कैश से कितनी अलग होगी (How Different will Digital Currency Be From Cash)
यदि हम डिजिटल करेंसी को साधारण भाषा में समझे तो यह हमारे पास मौजूद धन का इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा, जिसे हम सहूलियत के अनुसार अपनें फोन, कंप्यूटर-लैपटॉप की सहायता से लेन-देन कर सकेंगे| डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल बिल्कुल नगद धन की तरह ही किया जा सकेगा, बस फर्क यह होगा यह आपके पास नगद के रूप में न होकर इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा|
यदि आप किसी को भुगतान करना चाहते है, तो क्रिप्टो-करेंसी से लाभ क्रिप्टो-करेंसी से लाभ आप इसे अपनें फोन से बड़ी सरलता से कर सकते है| जिस प्रकार जब आप कोई सामान दूकान से खरीदते है, तो आप दुकानदार को डायरेक्ट पैसे देते है ठीक उसी प्रकार डिजिटल करेंसी द्वारा भुगतान करनें या लेनदेन में बैंक की मध्यस्थता नहीं होगी|
डिजिटल करेंसी के फायदे (Advantages of Digital Currency)
डिजिटल मुद्रा अर्थात क्रिप्टो करेंसी की खासियत यह होगी कि लोगो को इसके गुम हो जानें या चोरी हो जानें का भय नहीं होगा| जिस प्रकार लोगो को अधिक नगद कैश ले जानें पर खतरा काफी अधिक होता है, इसमें ऐसा कुछ नहीं होगा| एक तरह से देखा जाये तो लोगो की सुरक्षा की दृष्टि से यह लोगो के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा|
यदि हम कैश की बात करें, तो कोई व्यक्ति किसी शख्स को कितना कैश देता है, तो उसका कोई भी आकड़ा सरकार के पास नहीं होता है, जिसके कारण इसे ट्रैक करना बहुत ही कठिन काम हो जाता है। डिजिटल करंसी में लेन-देन करनें पर इसकी ट्रैकिंग बहुत ही आसान हो जाएगी। जिसके परिणाम स्वरुप कालेधन पर लगाम लग सकेगी| इसके साथ ही टैक्स चोरी भी कम हो जाएगी|
फ़ास्ट ट्रांसक्शन (Fast Transaction)
डिजिटल मुद्राएं या क्रिप्टो करेंसी पारंपरिक वित्तीय संस्थानों के माध्यम से किए गए लेनदेन की तुलना में काफी फ़ास्ट होती हैं। उदाहरण के लिए यदि हम विदेश में अपने किसी फैमिली मेम्बर को पासी ट्रान्सफर करते है, तो रिसीवर के अकाउंट में पैसे पहुँचने में कभी-कभी 24 घंटे या उससे अधिक समय लग जाता है| लेकिन डिजिटल करेंसी को ट्रान्सफर करने में मात्र कुछ सेकेंड्स का समय लगता है|
कोई शुल्क नहीं (No fee)
आपके खाते में पैसा आपका है, इसके बावजूद बैंकों द्वारा आपसे एटीएम शुल्क, ट्रान्सफर फीस, ट्रान्सफर फीस और क्लोजिंग फीस ली जाती है | हालाँकि विदेश में क्रिप्टो-करेंसी से लाभ अपना पैसा खर्च करने के लिए अक्सर शुल्क भी लगता है। जबकि डिजिटल करेंसी पर आपका पूर्ण स्वामित्व होता है और इसका इसका उपयोग बिना किसी शुल्क का भुगतान किये बिना आप अपनी इच्छानुसार कर सकते हैं |
पेमेंट ट्रैकिंग की सुविधा (Payment Tracking Facility)
क्रिप्टो करेंसी को मुख्य रूप से पारदर्शिता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी जो ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करती हैं। इसका मतलब है, कि आप देख सकते हैं कि आपका पैसा हर लेनदेन के बाद कहां है।
धोखाधड़ी से सुरक्षा (Fraud Protection)
सामान्य तरीके से ऑनलाइन सामान ख़रीदने का अर्थ है, कि आपके व्यक्तिगत और भुगतान विवरण कंपनियों द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं, जिससे कभी भी चोरी हो जाने पर धोखाधड़ी की पूरी संभावना बनी रहती है । जबकि डिजिटल करेंसी के माध्यम से लेनदेन करनें में आपकी व्यक्तिगत जानकारी को कभी भी साझा करने की आवश्यकता नहीं होती है।
cryptocurrency क्रिप्टोकरेंसी क्या होता है। इसके लाभ हानि क्या है।
क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो एक डिजिटल संपत्ति के रूप मे है जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। और जिसमें व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड को एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में मौजूदा बहीखाता के रूप में संग्रहित किया जाता है। आज इसके चर्चे हर जगह है।
जब यह शब्द पहले मार्केट मे आया था तो विभिन्न ‘विशेषज्ञों’ द्वारा ‘तकनीकि -बुलबुले ‘ के रूप में इसको खारिज कर दिया गया था। लेकिन अब फिर बदलते दौर मे वैश्विक हस्तियो ने इसको बढ़ावा दे दिया है।
मुद्रा किसी भी रूप में मुद्रा होती है। और जिसका उपयोग विनिमय के माध्यम के रूप में किया जाता है।
क्रिप्टो करेंसी भी उनमे से एक है जो मुद्रा का एक रूप है । और जो पैसे के रूप में कार्य करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग किया जा रहा है।
इससे डिजिटल रूप से कारोबार किया जा सकता है। और यह इस प्रकार कार्य कर रहा है।
1. विनिमय का एक माध्यम के रूप मे
2. खाते की एक इकाई के रूप मे
3. मूल्य का भंडारके रूप मे लेकिन कानूनी निविदा की स्थिति इसमे नही है।
इसको अलग अलग लोंगों के द्वारा इस प्रकार से देखा गया है।
बिल गेट्स के अनुसार
“बिटकॉइन एक तकनीकी माध्यम है जो टूर डी फोर्स हो सकता है।”
टायलर विंकलेवोस (जो की फेसबुक के सह-आविष्कारक)है उनके अनुसार –
“हमने अपना पैसा और विश्वास एक गणितीय ढांचे में लगाने के लिए इसका चुनाव किया है। जो राजनीति और मानवीय त्रुटि से मुक्त है।”
अल गोर (अमेरिका के 45वें उपराष्ट्रपति) के अनुसार –
मैं बिटकॉइन का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। इसका अर्थ यह है कि बिटकॉइन ब्रह्मांड एक एल्गोरिथ्म सरकार के कार्यों को बदल देता है। यह बहुत अच्छा है।
पीटर थिएल (पेपैल के सह-संस्थापक)के अनुसार –
“मुझे लगता है कि बिटकॉइन में दुनिया को बदलने क्रिप्टो-करेंसी से लाभ की क्षमता है।”
जॉन मैक्एफ़ी के अनुसार –
आप बिटकॉइन को नहीं रोक सकते। यह हर जगह उपलब्ध होगाऔर इससे दुनिया को फिर से समायोजित करना होगा।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे –
क्रिप्टोकरेंसी को किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौगोलिक बाधा नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी सस्ता, सुरक्षित, तेज मुद्रा है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान-
क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है।
क्रिप्टोकरेंसीलेनदेन मे अपरिवर्तनीय हैं।
क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग अवैध गतिविधि या डार्क वेब में हो रहा है।
ब्लॉक श्रृंखला पर निर्धारित –
यह एक ऐसी गतिविधि है जहां व्यक्ति अपनी कंप्यूटिंग क्षमता का उपयोग करके एक परेशान करने वाले 64-अंकीय हेक्साडेसिमल समीकरणों, पहेलियों और हैश के रूप में ज्ञात कोड को हल करने के लिए करता है। क्रिप्टोकरेंसी एक माध्यम है जिसमे लेनदेन को एक ब्लॉक श्रृंखला पर सत्यापित और मान्य किया जाता है। इससे एक नई क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करते हैं।
पहले बैंक था जो मुद्रा के रूप मे निवेश का माध्यम हुआ करता था। अब क्रिप्टोकुरेंसी के साथ लेनदेन सत्यापित करने के लिए कोई मध्यस्थ नहीं बचा है। दुनिया भर में ऐसे हजारों लोग हैं जो अपने लेनदेन को सत्यापित करने के लिए वहां मौजूद हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता-
भारत मे ऐसा कोई कानून नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री को प्रतिबंधित करता है। यहा पर यह परिसंपत्ति वर्ग है जहां कोई भी निवेश कर सकता है। लेकिन यहा पर इसको कानूनी निविदा नहीं माना जाता है।
भारत मे कोई भी तकनीकी रूप से क्रिप्टोकरेंसी को रोक नहीं सकता। क्योंकि इसमे किसी भी केंद्रीकृत पार्टी आदि का इसपर कोई नियंत्रण नहीं है।
भारत मे पिछले कुछ समय में क्रिप्टो करेंसी की भूमिका एक मुद्रा के रूप में कम हो गईथी जो अब फिर से बढ़ गयी है। इसका एक बहुत छोटा हिस्सा है। यह सोने की तरह एक परिसंपत्ति वर्ग की तरह विकसित हो रहा है।
अब दुनिया मे यह तेजी से विकसित हो रही है। दुनिया के किसी भी देश ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। और आगे ईआई सल्वाडोर जैसे कुछ देशों ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर का दर्जा भी दे दिया है।
भारत में क्रिप्टो मुद्रा पर कर के प्रभाव और इसका स्वरूप –
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कर योग्यता की स्थिति के बारे में 23 मार्च 2021 को संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया था की जिसमें कहा गया है कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 5 के अनुसार यह कुल आय से एक व्यक्ति की सभी आय होगी। और इसके सभी स्रोत चाहे कानूनी हों या नहीं और , कोई भी व्यावसायिक गतिविधि जो क्रिप्टोकरेंसी या संपत्ति से संबंधित हैउस पर जब तक कि विशेष रूप से छूट प्रदान न किया गया हो माल और सेवा कर के तहत कर योग्य है।
और इसी तरहसे “किसी भी सेवा की आपूर्ति यदि विशेष रूप से छूट प्रदान नही की गयी है तो वह जीएसटी के तहत कर योग्य क्रिप्टो-करेंसी से लाभ है । और क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज से संबंधित किसी भी सेवा को छूट नहीं दी गई हैइसलिए यह भी कर योग्य है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खुले दिमाग से सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। और यह सुनिश्चित करेगी कि निवेशकों के हितों की रक्षा जिसमे हो उसको लागू किया जाए। आरबीआई भारत की अपनी डिजिटल मुद्रा पर भी काम कर रहा है। और सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी समिति की भी गठन किया गया है। जहां पर सचिवों ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2 (24) में आय की परिभाषाइस प्रकार से दी गयी है। जिसमे ‘आय’ शब्द ‘लाभ’ या ‘लाभ’ तक सीमित नहीं है। जबकि इस परिभाषा का उद्देश्य ‘आय’ के अर्थ को सीमित करना नहीं है बल्कि आय के स्त्रोत को चौड़ा करना है। भले ही एक रसीद परिभाषित किसी भी खंड के दायरे में क्यो नहीं आती है। फिर भी यह आय की प्रकृति का एक हिस्सा हो सकती है। जब तक कि स्पष्ट रूप से छूट न दी गयी हो।
यदि डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में माना जाता है। तो यह आयकर अधिनियम के अनुसार कर के लिए अतिसंवेदनशील नहीं होगा। परंतु इसका प्राकृतिक क्रिप्टो-करेंसी से लाभ अर्थ और न ही आईटी अधिनियम की धारा 2(24) में आय के रूप में क्रिप्टोकुरेंसी ‘पैसा’ या ‘मुद्रा’ मे शामिल किया गया है। हालांकि इसमें ‘मौद्रिक भुगतान’ शामिल है।
क्रिप्टो-करेंसी से लाभ
2021 में अनुमानित क्रिप्टो लाभ में भारत 21वें स्थान पर, US टॉप: चैनालिसिस डेटा
क्रिप्टो एनालिटिक्स फर्म चैनालिसिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर के निवेशकों ने 2020 में 32.5 बिलियन डॉलर की तुलना में 2021 में 162.7 बिलियन डॉलर का कुल क्रिप्टो लाभ प्राप्त किया। यह चैनालिसिस द्वारा लगातार दूसरा डेटा है।
- हालाँकि, भारत लगभग 1.85 बिलियन डॉलर के वास्तविक लाभ के साथ 21वें स्थान पर है, जबकि यह संयुक्त राज्य अमेरिका (US) द्वारा 49.95 बिलियन डॉलर के अनुमानित एहसास क्रिप्टो लाभ के साथ शीर्ष पर है।
- US के बाद यूनाइटेड किंगडम (UK) दूसरे स्थान पर है, अनुमानित क्रिप्टो लाभ $ 8.16 बिलियन, जर्मनी ($ 5.82 बिलियन), जापान ($ 5.51 बिलियन) और चीन ($ 5.06 बिलियन) है।
प्रमुख बिंदु:
i. क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में इथेरियम सबसे उल्लेखनीय लाभार्थी है। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इथेरियम ने वैश्विक स्तर पर कुल प्राप्त लाभ में बिटकॉइन को 76.3 बिलियन डॉलर से घटाकर 74.7 बिलियन डॉलर कर दिया।
ii. US का अनुमान है कि क्रिप्टोकरेंसी लाभ में 476% की वृद्धि हुई है, जो कि 2020 की तुलना में चीन में 194% की वृद्धि देखी गई है।
हाल के संबंधित समाचार:
i. टॉरस क्लिंग ब्लॉकचैन IFSC, कॉस्मिया फाइनेंशियल होल्डिंग्स और क्लिंग ट्रेडिंग इंडिया के बीच एक समान संयुक्त उद्यम ने भारत में पहला बिटकॉइन और एथेरियम फ्यूचर्स एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) लॉन्च करने के लिए इंडिया INX के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
ii. भारत में ‘IC15’ नाम की क्रिप्टोकरेंसी का पहला इंडेक्स, क्रिप्टोवायर, एक वैश्विक क्रिप्टो सुपर ऐप, द्वारा लॉन्च किया गया था, ताकि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन इकोसिस्टम पर ज्ञान को सशक्त बनाया जा सके।
चैनालिसिस के बारे में:
CEO– माइकल ग्रोनगेर
मुख्यालय– न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका