विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए

इसके अलावा दूसरा बड़ा फायदा यह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के कारण तो रिटर्न और भी ज्यादा शानदार हो जाता है. पिछले कुछ वर्षों में डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हुआ है. फिलहाल एक डॉलर 74 रुपये के बराबर है. जबकि 2004 में एक डॉलर का भाव 46 रुपये था. यानी डॉलर मजबूत होने से रिटर्न और बढ़ जाता है.
जानिए कैसा था राकेश झुनझुनवाला का सफर
राकेश झुनझुनवाला ने निवेश की दुनिया में साल 1985 में कदम रखा था। इस दौरान उन्होंने महज 5 हजार रुपये से निवेश की शुरुआत की थी और निधन से पहले उनकी कुल 'नेटवर्थ' 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक की थी । झुनझुनवाला ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट से सीए की डिग्री भी ली। बताया जाता है कि शेयर बाजार में झुनझुनवाला की दिलचस्पी पिता के कारण हुई। उनके पिता टैक्स ऑफिसर थे। उनके पिता अक्सर अपने दोस्तों के साथ शेयर बाजार की बातें किया करते थे। झुनझुनवाला अपने पिता की बातें गौर से सुनते थे। इसके बाद से उन्होंने दलाल स्ट्रीट को समझना शुरू कर दिया और यहीं से उन्होंने निवेश की दुनिया में उड़ान भरनी शुरू कर दी। निवेश की दुनिया में जब उन्हें फायदा होने लगा तो उन्हें पक्का यकीन हो गया कि अगर कहीं से बड़ा पैसा बनाया जा सकता है तो वह सिर्फ यही जगह है।
झुनझुनवाला ने एक कार्यक्रम में बताया था कि उन्होंने अपना सफर 5 हजार रुपये से शुरू किया था और सीए भाई की मदद से महज 2 साल में उनकी नेटवर्थ 50 लाख रुपये हो गई। विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए 1990 के बजट को वह बेहद अहम बताते हैं, जिसके बाद तगड़ा बूम आया था। तब झुनझुनवाला की नेटवर्थ 2 करोड़ रुपये थी, जो कुछ ही समय में 20 करोड़ रुपये हो गई। वह कहते हैं कि रिस्क लेना जरूरी विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए है, लेकिन उसका नतीजा भी पता होना चाहिए।
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महंगा आयात मतलब विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए कीमतों में उछाल
अगर कोई चीज विदेश से खरीदने की लागत बढ़ेगी तो देश में उसकी कीमतें बढ़ना भी स्वाभाविक है. हम जानते हैं कि भारत के इंपोर्ट बिल में बहुत बड़ा हिस्सा क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल का होता है, जिसे रिफाइन करके पेट्रोल-डीज़ल बनाते हैं. जो एलपीसी या पीएनजी गैस हमारे घरों में खाना पकाने के काम आती है या जो सीएनजी कारों में भरी जाती है, विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए वह भी बड़े पैमाने पर इंपोर्ट की जाती है. जाहिर है रुपये का मूल्य गिरने यानी डॉलर महंगा होने पर इनकी लागत भी बढ़ जाती है. यानी रुपये में गिरावट का एक बुरा असर यह भी है कि इनकी पहले से आसमान छू रही कीमतें और बढ़ने की आशंका मजबूत हो जाती है. पिछले कुछ दिनों में सरकार ने सीएनजी, विमान में भरे जाने वाले ईंधन एटीएफ और रसोई गैस के दाम जिस तेजी से बढ़ाए हैं, उसमें कुछ हाथ गिरते रुपये का भी है.
गिरते रुपये का यह असर सिर्फ पेट्रोल-डीजल, सीएनजी और रसोई गैस जैसे ईंधन पर ही नहीं इंपोर्ट की जाने वाली तमाम चीजों पर पड़ता है. इनमें खाने के तेल से लेकर फर्टिलाइजर और स्टील तक हर तरह की चीजें शामिल हैं. इतना ही नहीं, इन इंपोर्टेड चीजों का कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल करके बनने वाली वस्तुओं की लागत भी बढ़ जाती है. जाहिर है, रुपये में गिरावट का एक बड़ा असर महंगाई बढ़ने के रूप में भी देखने को मिलता है.
रिजर्व बैंक के लिए बढ़ी चुनौती
देश में महंगाई दर पहले से ही बरसों पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है. थोक और रिटेल दोनों कीमतों में बढ़ोतरी की रफ्तार लगातार बढ़ रही है, ऐसे में गिरते रुपये का असर उसे और कहां तक ले जाएगा, ये सबके लिए चिंता की बात है. खासतौर पर रिजर्व बैंक के लिए तो कमजोर रुपया एक बहुत बड़ी चुनौती है. क्योंकि इससे एक तरफ तो ब्याज दरें बढ़ाकर कीमतों पर काबू पाने की उसकी कोशिशों को झटका लगता है और दूसरी तरफ करेंसी में गिरावट पर काबू पाने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया खरीदकर अपने पास रखी बेशकीमती फॉरेन करेंसी खर्च करनी पड़ती है. हाल ही में ऐसी खबरें आयी हैं विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए कि रिजर्व बैंक रुपये में गिरावट थामने के लिए सिर्फ मार्च के महीने में ही 20 अरब डॉलर से ज्यादा विदेशी मुद्रा स्पॉट मार्केट में खर्च कर चुका है. मौजूदा माहौल में इस बात की संभावना दिनों-दिन बढ़ती जा रही है कि जून के मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में रिजर्व बैंक एक बार फिर से ब्याज विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए दरें बढ़ाएगा. इससे देश में पूंजी की लागत और बढ़ जाएगी, जिसका इकनॉमिक रिकवरी पर बुरा असर पड़ सकता है.
शेयर बाजार पर भी होता है असर
रुपये में लगातार गिरावट होना शेयर बाजार के लिए भी अच्छी खबर नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) अमेरिका में ब्याज दरों में मजबूती के विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए कारण पहले से ही पैसे निकाल रहे हैं. NSDL के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशक इस साल 1.38 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेच चुके हैं. रुपये में लगातार गिरावट और डॉलर के मजबूत होने के कारण वे और भी तेजी से पैसे निकालने लगेंगे. और उनका ऐसा करना, रुपये में विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए कमजोरी बढ़ने की एक और वजह बन जाएगा. इस तरह भारतीय करेंसी के एक दुष्चक्र में फंसने का खतरा है, जो देश में महंगाई की आग को और हवा दे सकता है.
रुपये में गिरावट का एक बहुत बड़ा और सीधा विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए नुकसान यह होता है कि इससे विदेशी मुद्रा में लिए गए सारे कर्जे और उन पर दिए जाने वाले ब्याज में अचानक बढ़ोतरी हो जाती है. इनमें विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए सरकार द्वारा लिए गए विदेशी लोन के अलावा सरकारी और प्राइवेट बैंकों और कंपनियों द्वारा लिए गए फॉरेन करेंसी लोन भी शामिल हैं. इन सभी कर्जों पर अदा किए जाने वाले ब्याज की रकम रुपये में गिरावट से अचानक बढ़ जाती विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा कैसे कमाए है. अगर उस कंपनी या बैंक की ज्यादा कमाई रुपये में होती है तो उसके लिए विदेशी मुद्रा में कर्ज की किस्त और ब्याज चुकाना पहले से ज्यादा महंगा हो जाता है.
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आज की तारीख में निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विदेशी कंपनियों के स्टॉक को भी शामिल करते हैं. ग्लोबल मार्केट में निवेश करने से जहां आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. वहीं डायवर्सिफिकेशन के जरिए रिस्क को कम किया जा सकता है. जानकार मानते हैं कि इससे रिटर्न का संतुलन बना रहता है. (Photo: Getty Images)
भारतीयों को विदेशी शेयरों में सीधे निवेश करने की अनुमति मिले अब करीब 17 साल हो चुके हैं. लेकिन अभी जानकारी के अभाव में लोग विदेशी शेयर बाजारों में पैसे लगा नहीं पाते हैं. हमारे देश में अधिकतर लोगों का ये सवाल होता है कि विदेशी शेयर बाजारों में कैसे पैसे लगा सकते हैं? (Photo: Getty Images)
निवेशकों ने एक ही दिन में कमा लिए 3 लाख करोड़ रुपये, जानिए कैसे
Share Market News Today, 08 Sept 2022: विदेशी कोषों की आवक और ग्लोबल मार्केट में सकारात्मक रुख की वजह से गुरुवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ खुले और बंद के दौरान भी सेंसेक्स- निफ्टी हरे निशान पर थे। इससे आज निवेशकों को तीन लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 659.31 अंक यानी 1.12 फीसदी उछलकर 59,688.22 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 174.35 अंक यानी 0.99 फीसदी बढ़कर 17,798.75 के स्तर पर बंद हुआ।