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अपसारी त्रिभुज

अपसारी त्रिभुज
16. कल्पना कीजिए कि आप एक चमकीले कागज से ढंके बेलनाकार खम्भे के सामने खड़े हैं| इस प्रकार से बने बेलनाकार दर्पण में आप किस प्रकार का प्रतिबिंब देखेंगे?

2 पसंद की भूमिका

रचनात्मकता में सहायता के लिए खेलने की प्रवृत्ति महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि खेल में आप सहज रूप से कई संभावित समाधान खोज लेते हैं। इसे अपसारी चिंतन के रूप में जाना जाता है। शब्द अपसारी त्रिभुज ‘खेलने की प्रवृत्ति’ को अक्सर युवा बच्चों से संबद्ध माना जाता है, लेकिन इसे उनतक सीमित नहीं होना चाहिए। खेल के संबंध खोजने और प्रयोग करने से है, जो किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है। बच्चों को खेलते हुए बस देखना ही उनकी रचनात्मकता की याद दिला सकता है।

जब वे खोजते और प्रयोग करते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि विद्यार्थियों के पास विकल्प हों: किसी समस्या को विभिन्न तरीकों से देखने के विकल्प, गलतियाँ करने के विकल्प या अपने स्वयं के अनुमानों के साथ आने और यह जाँचने के विकल्प कि वे मान्य हैं या नहीं। गतिविधि 1 में, आप विद्यार्थियों को सीधे–सीधे यह पूछकर विकल्प देते हैं कि ‘आप कितने तरह से…?’

गतिविधि 1: विद्यार्थी बहुभुज में त्रिभुजों की खोज करते हैं

अपने विद्यार्थियों से निम्नलिखित पूछें:

आप चित्र 1 में दी गई हर आकृति को कितनी तरह से समकोण त्रिभुजों में बाँट सकते हैं?

एक समकोण त्रिभुज बनाएँ (चित्र 2)। इस त्रिभुज को आधार मानकर आप किस प्रकार के बंद बहुभुज बना सकते हैं?

चित्र 3 एक उदाहरण दिखाता है।

  • क्या आप सोचते हैं कि सभी बंद बहुभुजों का निर्माण समकोण त्रिभुजों से किया जा सकता है? अपने उत्तर को उचित ठहराने के लिए कारण बताएँ।
  • आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि इस गतिविधि में आपको यह पता लगाने के लिए कहा जाता है कि क्या कोई भी बंद बहुभुज समकोण त्रिभुजों से बनाया जा सकता है?

केस स्टडी 1: श्रीमती मीनाक्षी गतिविधि 1 के उपयोग के बारे में बताती हैं

यह एक शिक्षिका की कहानी है, जिसने अपने माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।

यह गतिविधि करने के दौरान जिस बात ने मुझे प्रभावित किया, वह विद्यार्थियों का उत्साह था। अपसारी त्रिभुज मैंने इसकी अपेक्षा नहीं की थी। हमने कार्य का पहला प्रश्न साथ में पढ़ा और फिर मैंने विद्यार्थियों से कुछ समय साथ में कार्य करने को कहा, क्योंकि मैं उन्हें स्वयं सोचने का अवसर देना चाहती थी। जब वे तैयार हों, तब वे अपने विचारों की र्चचा अपने सहपाठियों से कर सकते थे।

सभी लोग दी गई आकृति को समकोण त्रिभुजों में बाँटने में वास्तव में व्यस्त हो गए। कुछ लोगों ने आकृति को ऐसे त्रिभुजों में बाँटना शुरू कर दिया जो समकोण त्रिभुज नहीं थे; मैंने तुरंत उन्हें टोकना उचित नहीं समझा, जैसा कि मैं सामान्य तौर पर करती हूँ। इसके बजाय मैंने उन्हें गलतियाँ करने दी! मैंने देखा कि अधिकांश विद्यार्थियों ने इसे खुद ही ठीक कर लिया: उन्होंने दूसरों के काम पर नजर डाली, प्रश्न को फिर से पढ़ा और काम का तरीका बदल लिया। उन्होंने अपना उत्साह नहीं खोया और नए उत्साह से काम करते रहे।

अपने शिक्षण अभ्यास के विषय में सोचना

जब आप अपनी कक्षा के साथ ऐसी कोई गतिविधि करें, तो बाद में सोचे कि क्या ठीक रहा और कहाँ गड़बड़ हुई। ऐसे सवालों की ओर ध्यान दें जिसमें विद्यार्थियों की रुचि दिखाई दे और वे आगे बढ़ते हुए नजर आएं और वे जिनका स्पष्टीकरण करने की आवश्यकता हो। ऐसी बातें ऐसी

‘स्क्रिप्ट’ पता करने में सहायक होती हैं, जिससे आप विद्यार्थियों में गणित के प्रति रुचि जगा सकें और उसे मनोरंजक बना सकें। यदि वे कुछ भी समझ नहीं पाते हैं तथा कुछ भी नहीं कर पाते हैं, तो वे शामिल होने में कम रुचि लेंगे। जब भी आप गतिविधियां करें, इस विचार अपसारी त्रिभुज करने वाले अभ्यास का उपयोग करें, इस बात पर ध्यान देते हुए, जैसे श्रीमती मीनाक्षी ने किया, कि कुछ छोटी–छोटी चीज़ों से काफी फर्क पड़ा।

चेतावनी का संकेत

एक चेतावनी संकेत एक प्रकार का संकेत है जो एक संभावित खतरे, बाधा या स्थिति को इंगित करता है जिस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। कुछ ट्रैफिक संकेत हैं जो सड़कों पर खतरों का संकेत देते हैं जो एक ड्राइवर के लिए आसानी से स्पष्ट नहीं हो सकते हैं। [1]

ज्यादातर चेतावनी संकेत प्रदर्शित करें (कुछ नियामक संकेतों जैसे दर्ज न करें ), ट्यूरिन ऑटोमोबाइल संग्रहालय

उपयोग

उपयोग

उपयोग

उपयोग

उपयोग , पहले इस्तेमाल किया गया

चेतावनी के ट्रैफिक साइन के डिजाइन अलग-अलग होते हैं, वे आमतौर पर एक सफेद पृष्ठभूमि और मोटी लाल सीमा के साथ एक समबाहु त्रिभुज का आकार लेते हैं। में चीन जनवादी गणराज्य (के लिए छोड़कर मकाओ और हांगकांग ), वे एक काले रंग की सीमा है और एक पीले रंग की पृष्ठभूमि के साथ दिखाई देते हैं। में स्वीडन , सर्बिया , बोस्निया और हर्जेगोविना , ग्रीस , फिनलैंड , आइसलैंड , उत्तर मैसेडोनिया और पोलैंड , वे एक साथ एक लाल बॉर्डर है एम्बर पृष्ठभूमि। स्वालबार्ड में ध्रुवीय भालू चेतावनी संकेत हाल ही में सफेद पृष्ठभूमि पर एक काले भालू को काली पृष्ठभूमि पर एक सफेद भालू प्रदर्शित करने से बदल गया है (दोनों संकेत लाल सीमा के साथ त्रिकोणीय हैं)। कुछ देशों (जैसे फ्रांस , नॉर्वे और स्पेन ) जो आमतौर पर एक सफेद पृष्ठभूमि का उपयोग करते हैं, उन्होंने सड़क के काम या निर्माण के संकेतों के लिए नारंगी या एम्बर पृष्ठभूमि को अपनाया है।

गणितज्ञो का परिचय देते हुए उनके योगदान | famous mathematician | GNITYGO KE PRICHAY DETE HUVE UNKE YOGDAN | Course - 7 (Teaching of mathematics)


1. पाइथागोरस (pythagorous) :-

पाइथागोरस का जन्म ग्रीस के निकट एशियन सागर के मध्यम सामोस नामक स्थान पर 580 ईसवी पूर्व हुआ था ! इनके गुरु का नाम थेल्स था जो कि यूनान के महान विद्वान थे ! इन्होंने एक प्रमेय की रचना की जिसे 'पाइथागोरस प्रमेय ' के नाम से जाना जाता है ! इस प्रमेय से यह स्पष्ट किया गया है कि किसी समकोण त्रिभुज में कर्ण पर बना वर्ग शेष दो भुजाओं अथार्त लम्ब और आधार आधार पर बने वर्गों के योग के बराबर होता है ! पाइथागोरस ने समस्त संख्याओं को सम और विषम भागों में बदलने का कार्य संपन्न किया ! पाइथागोरस ने कुछ संख्याओं को त्रिभुज संख्या का नाम दिया है ! 1,3,6 और 10 आदि त्रिभुज संख्याएं थी ! पहली दो संख्याओं का योग 1➕2=3 प्रथम त्रिभुज संख्या, पहली तीन संख्याओं का योग 1➕ 2➕ 3 =6 द्वितीय त्रिभुज संख्या तथा प्रथम चार संख्याओं का योग 1➕ 2➕3➕4= 10 तीसरी भुजा संख्या कहलाती थी !
पाइथागोरस स्कूल जो कि उनके समर्थकों द्वारा स्थापित किया अपसारी त्रिभुज गया था ! इस स्कूल के गणितज्ञो ने अनेक गणितीय शब्दों जैसे- मैथमेटिक्स, परवलय (parabola), इलिप्स अपरवलय (hyperbola) आदि की खोज की ! इस प्रकार गणित अपसारी त्रिभुज इतिहास में पाइथागोरस का योगदान विशेष महत्व रखता है !

2. यूक्लिड (Euclid) :-

यूक्लिड का जन्म अलक्जेनड्रिया (alexanderia) में 300 ईसवी पूर्व के लगभग हुआ था ! इनकी प्रारंभिक शिक्षा एथेंस में हुई थी ! यूक्लिड का सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ एलिमेंट्स (elements) है जिसके अब तक 1000 से अधिक संस्करण हो चुके हैं ! इस ग्रंथ में उन्होंने स्वर्गसमता, समानता, बीजगणितीय सर्वसमिकाएं, क्षेत्रफल, वृत्त, समानुपात, ठोस, ज्यामिति आदि विषयों का उल्लेख किया है ! इसके अलावा यूक्लिड ने डेटा (data) आकृतियों का विभाजन,स्यूडेरिया, (pseuderia), शाक्व (conic),पोरिज्मस(porism) तथा तल बिंदु(surface loci) महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना करके गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया !

3. श्रीनिवास रामानुजनम (Shriniwas Ramanujam) :-

श्रीनिवास रामानुजम का जन्म तमिलनाडु राज्य की इमोद नामक गांव में 22 दिसंबर, 1887 ईसवी में हुआ था ! इनकी जाति ब्राह्मण थी तथा आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी ! बचपन से ही ये गणित में विशेष रूचि लेते थे ! वे अपने दोस्तों तथा साथियों का मनोरंजन गणितीय पहेलियो एवं सूत्रो के द्वारा ही करते करते थे तथा साथियों और अध्यापकों से गणित के बहुत से सवाल पूछा करते थे ! इस प्रकार वे गणित में अत्यधिक रुचि रखते थे ! जब तीसरी कक्षा में पढ़ते थे एक दिन उनके गणित के अध्यापक यह पढ़ा रहे थे कि किसी संख्या को उसी संख्या से भाग दिया जाए तो भजनफल हमेशा एक आता है ! कक्षा के सभी छात्र अध्यापक की बात को चुपचाप सुन रहे थे परंतु रामानुजम ने तुरंत खड़े होकर अपने अध्यापक से पूछा कि साहब क्या यह नियम शून्य के लिए भी लागू होगा ? इस प्रकार के गूढ़ प्रश्न पूछ कर प्रारंभ से ही वे अपने अध्यापकों को आश्चर्यचकित किया करते थे !
आर्थिक स्थिति सही अच्छी न होने के कारण ये अधिक शिक्षा न ग्रहण कर सके तथा मद्रास ट्रस्ट में बहुत ही कम वेतन पर नौकरी कर ली ! इस दौरान उनकी मुलाकात डॉ बाकर से हुई जो कि उनसे बहुत प्रभावित हुए ! डॉ बाकर के प्रयासों से इनको मद्रास विश्वविद्यालय में 2 वर्ष के लिए छात्रवृत्ति मिल गई जिससे उनकी आर्थिक परेशानी कम हो गई तथा अपना अधिकांश समय गणित के अध्ययन में ही व्यस्त करने लगे ! रामानुजम ने अपने कुछ लेख डॉक्टर हाड्डी के पास भेजे ! डॉक्टर हड्डी तथा उनके सहयोगी इस लेखों से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने रामानुजम को कैंब्रिज बुलाने का निर्णय लिया ! इस प्रकार उनको इंग्लैंड जाने की अनुमति मिल गई जहां पर उन्होंने गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध किए !
15 वर्ष की आयु में ही रामानुजम ने जादू के वर्गो की रचना के नियमों को प्रतिपादित किया ! ज्यामिति में उन्होंने वृत्त वर्ग के रूप में व्यक्त करने का विचार किया तथा पृथ्वी की भूमध्य रेखीय परिधि का माप इनकी शुद्धता से ज्ञात की कि सही माप से में बहुत कम अंतर ही रह गया ! थॉमस हार्डी को भेजे गए 120 प्रमेयो (theorems) में से हार्डी ने 15 प्रमेय ऐसे छाटा जिनके विषय में वे स्वयं भी आश्चर्य चकित रह गए ! इन प्रमेयो में हाइपर ज्यामिति, इलिप्टिक, इंटीग्रल तथा अपसारी (divergent) श्रेणी पर भी उदाहरण सम्मिलित किये गये ! पूर्ण संख्याओं के प्रति उनकी बहुत रुचि थी ! इनके अतिरिक्त अपरीमित श्रेणी के रूपांतर तथा बीजीय सूत्र आदि में श्रीनिवासजी की अंतर्दृष्टि तथा गणित के प्रति लगन आश्चर्य चकित करने वाली थी !
रामानुजम ने आगमन विधि द्वारा गणित के सभी क्षेत्रों में कार्य किया जिसके द्वारा वे उदाहरण से शुरू करके व्यापक परिणामों पर पहुंच जाते थे ! उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वे हमेशा काम में लगे रहते थे ! यहा तक की mock Theta functions' पर उनका सम्पूर्ण कार्य मृत्यु शय्या पर ही हुआ ! इस प्रकार रामानुजन ने गणित संसार में अपनी विशेष छाप छोड़ी है जिसके कारण उनको बुलाया भूलाना बहुत ही मुश्किल है ! गणित के क्षेत्र में उनका बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा !

Bharti Bhawan Physics Class-10:Chapter-1:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:भौतिकी:कक्षा-10:अध्याय-1:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

एक गोलीय दर्पण, जिसका वक्रता केन्द्र C है पर एक किरण ACB आपतित होती है तब वह उसी दिशा में लौट जाती है क्योंकि वक्रता त्रिज्या दर्पण पर स्थित किसी बिंदु पर अभिलंब होती है, इसलिए जो किरण दर्पण के वक्रता केन्द्रC पर पड़़़ है तो वह दर्पण ती लंबवत होती है| अतः परावर्तन के बाद वह उसी पथ पर लौट जाती है|

ऐसे किरणपुंज में प्रकाश की किरणें एक दूसरे के समांतर होती है बहुत अधिक दूरी अपसारी त्रिभुज पर स्थित प्रकाश स्रोत (जैसे- सूर्य) से आते किरणपुंज को समांतर किरणपुंज माना जाता है|

National Mathematics’ Day in Hindi (राष्ट्रीय गणित दिवस)

राष्ट्रीय गणित दिवस हर वर्ष 22 दिसम्बर को मनाया जाता है इसे मनाने का उद्देश्य लोगों गणित के महत्वपूर्ण योगदान के बारे जागरूक किया जाये। हम जानते है कि प्राचीन काल से विभिन्न विद्वानों ने गणित में आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, महावीर, भास्कर द्वितीय, श्रीनिवास रामानुजन, आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बहुत ही कम उम्र में, श्रीनिवास रामानुजन ने एक विशिष्ट प्रतिभा को दर्शाया है। उन्होंने कई उदाहरण निर्धारित किए हैं जैसे अनंत श्रृंखला, संख्या सिद्धांत, गणितीय विश्लेषण आदि।

22 दिसम्बर 2012 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की 125 वीं जयंती के अवसर पर चेन्नई में आयोजित एक समारोह में यह घोषणा की कि हर साल 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस प्रकार हर वर्ष 22 दिसम्बर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है।

राष्ट्रीय गणित दिवस का महत्व

राष्ट्रीय गणित अपसारी त्रिभुज दिवस का महत्व हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को गणित के महत्व के बारे जागरूक करना और लोगों के मानसिक विकास करने के लिए गणित बहुत जरूरी है। इस दिन, गणित शिक्षकों और छात्रों को शिविरों के माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। तथा गणित दिवस के अवसर पर गणित अध्यापक और मेधावी छात्रों को पुरस्कृत करते है।

भारत ने सबसे अपसारी त्रिभुज पहले त्रिभुज का आविष्कार किया। भारत में त्रिभुज के आकार का हवन कुंड का निर्माण किया। जो त्रिभुजाकार में था। भारत ने दशमलव की खोज की। भारत की ओर से गणित क्षेत्र में काफी योगदान दिया।

श्रीनिवास अयंगर रामानुजन (Srinivasa Iyengar Ramanujan)

National Mathematics

National Mathematics’ Day in Hindi

उनका जन्म 22 दिसंबर 1887 को इरोड (तमिलनाडु), भारत में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और मृत्यु 26 अप्रैल 1920 को कुंभनम में हुई थी। वे एक अत्यंत गरीब परिवार से थे, उनके पास किताब खरीदने के पैसे भी नहीं हुआ करते थे वे अपने दोस्तों की किताब उदार मांग कर अपनी शिक्षा पूरी करते थे। कहा जाता है कि उन्होंने मैट्रिक कक्षा में 3 बार फेल हुए थे लेकिन गणित में उनका अंक 100/100 रहता था।

12 साल की उम्र में उन्होंने त्रिकोणमिति का ज्ञान प्राप्त किया था और बिना किसी की मदद के अपने विचारों को विकसित किया था। वे केवल 15 वर्ष की आयु में ही उन्होंने जॉर्ज शोब्रिज कैर के सिनॉप्सिस ऑफ एलीमेंट्री रिजल्ट्स इन प्योर एंड एप्लाइड मैथमेटिक्स की एक प्रति प्राप्त की।

श्रीनिवास अयंगर रामानुजन का योगदान

उनके शोधपत्र 1911 में जर्नल ऑफ द इंडियन मैथमैटिकल सोसाइटी में प्रकाशित हुए थे। उन्होंने बिना किसी मदद के मुख्य रूप से पहचान और समीकरणों के साथ लगभग 3900 परिणाम संकलित किए थे। उनमें से कई परिणाम मूल और उपन्यास हैं जैसे रामानुजन प्राइम, रामानुजन थीटा फ़ंक्शन, विभाजन सूत्र और नकली थीटा फ़ंक्शन। इन परिणामों ने कई और शोधों को प्रेरित किया। उन्होंने अपसारी श्रृंखला के अपने सिद्धांत की खोज की, रीमैन श्रृंखला के कार्यात्मक समीकरणों, अण्डाकार अभिन्न, हाइपर ज्यामितीय श्रृंखला और जीटा कार्यों पर काम किया। आपको बता दें कि 1729 नंबर को हार्डी-रामानुजन नंबर के नाम से जाना जाता है।

Q. राष्ट्रीय गणित दिवस कब मनाया जाता है?

Ans : राष्ट्रीय गणित दिवस 22 दिसम्बर को मनाया जाता है।

Q. श्रीनिवास अयंगर रामानुजन का जन्म कब हुआ था?

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