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क्रिप्टो बैन

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Cryptocurrency News: आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के पक्ष में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को दी जानकारी

RBI On Cryptocurrency: आरबीआई ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी से देश के मॉनिटरी और वित्तीय स्थिरता को खतरा है. आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन लगाने के पक्ष में है.

By: ABP Live | Updated at : 18 Jul 2022 06:06 PM (IST)

Edited By: manishkumar

Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को देश में मान्यता नहीं मिली है. नवंबर 2021 में घोषणा के बावजूद सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर नकेल कसने के लिए संसद ( Parliament) में बिल ( Legislation) लेकर नहीं आ पाई है जबकि इस बीच संसद का दो, शीतकालीन ( Winter Session) और बजट सत्र ( Budget Session) पूरा हो चुका है और तीसरे मानसून सत्र ( Monsoon Sesssion) की शुरुआत हो चुकी है. हालांकि इस सत्र में भी बिल लाने की कोई चर्चा नहीं है. ये जरुर है कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स और ट्रेडिंग पर 1 फीसदी टीडीएस लगा चुकी है. इस बीच क्रिप्टोकरेंसी पर कानून बनाने को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने संसद में बयान दिया है. वित्त मंत्री ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेशन ( Regulation) या प्रतिबंध ( Ban) लगाने के लिए कोई भी कानून अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बाद ही प्रभावी हो सकेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को किसी देश की सीमा के भीतर बांधा नहीं जा सकता है. इसलिए इसके रेग्युलेटरी मध्यस्थता को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होगी.

आरबीआई क्रिप्टो पर बैन के पक्ष में
लोकसभा में प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल के पर लिखित में ये वित्त मंत्री का ये जवाब सामने आया है. वित्त मंत्री से सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर बंदिश लगाने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रही है? वित्त मंत्री से ये भी सवाल किया गया कि क्या आरबीआई (RBI) ने देश में क्रिप्टोकरेंसी को चलन पर नियत्रंण लगाने के लिए सरकार को कानून बनाने की सिफारिश की है. इस पर वित्त मंत्री ने सहमति जताते हुए कहा कि आरबीआई ने इस सेक्टर के कानून बनाने की सिफारिश की है. साथ ही उन्होंने कहा कि आरबीआई ने चिंता जताते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से देश के मॉनिटरी और वित्तीय स्थिरता को खतरा है. वित्त मंत्री ने बताया कि आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन लगाने के पक्ष में है.

अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी का नकारात्मक प्रभाव
वित्त मंत्री ने संसद को बताया कि आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के नकारात्मक प्रभाव को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी नहीं मानता क्योंकि किसी भी करेंसी को जारी करने का अधिकार देश के सेंट्रल बैंक या सरकार को है. और उस क्रिप्टो बैन की सेंट्रल बैंक उस करेंसी को मान्या देती है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का वैल्यू पूरी तरह अटकलों पर निर्भर है

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Published at : 18 Jul 2022 01:10 PM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin Loksabha Monsoon Session parliament of india cryptocurrency news nirmala sitharaman on cryptocurrency RBI On Cryptocurrency Cryptocurrency News Update हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

भारत में शिकंजे की खबरों के बीच भरभरा कर गिरे BitCoin के भाव, जानिए आप पर क्या होगा क्रिप्टो बैन का असर?

देश में लगभग 9-10 करोड़ लोगों का क्रिप्टो करेंसी में निवेश है। अभी तक लोगों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये डिजिटल करेंसी के रूप में इन्वेस्टमेंट किया है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 24, 2021 10:44 IST

भारत में शिकंजे की. - India TV Hindi News

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भारत में शिकंजे की खबरों के बीच भरभरा कर गिरे BitCoin के भाव, जानिए आप पर क्या होगा क्रिप्टो बैन का असर?

Highlights

  • बिटकॉइन सहित दूसरी क्रिप्टो करेंसी में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है
  • क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाने के मामले में भारत दुनिया का नंबर 1 देश है
  • दुनिया में इसका इस्तेमाल करने वाले 30 करोड़ से ज्यादा लोग हैं

अगर आप भी देश के उन लाखों लोगों में हैं जो क्रिप्टो में पैसा लगा चुके हैं या पैसा लगाने की तैयारी में हैं तो आपके लिए बुरी खबर है। केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सिर्फ इसी खबर के चलते कल से क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। बिटकॉइन सहित दूसरी क्रिप्टो करेंसी में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। एक आंकड़े के मुताबिक, क्रिप्टो करेंसी क्रिप्टो बैन में पैसा लगाने के मामले में भारत दुनिया का नंबर 1 देश है। अमेरिका दूसरे नंबर पर है वहां लगभग 3 करोड़ इन्वेस्टर है

बता दें कि 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में सरकार, क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी। 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' के नाम से लाए जा रहे विधेयक में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है। इस बिल के कानून बनने से सभी निवेशक प्रभावित हो सकते है।

आरबीआई लाएगा अपनी क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ ढील भी दे सकती है। किस क्रिप्टोकरेंसी को राहत मिलेगी। ये अभी साफ नहीं है। वहीं बिल की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क मिलेगा।

धराशायी हुए क्रिप्टो बाजार

क्रिप्टो करेंसी बैन के लिए संसद में विधेयक पेश करने की खबर के बाद क्रिप्टो बाजार धरशायी हो गया। बीती रात 11 बजे के करीब सभी प्रमुख क्रिप्टो करेंसी में लगभग 15 प्रतिशत या उससे अधिक की गिरावट देखी गई। बिटकॉइन में 17 प्रतिशत से अधिक कमी दर्ज की गई। वहीं, इथीरियम में लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। टेदर में लगभग 18 प्रतिशत और कारडानी में 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

किस क्रिप्टो करेंसी में कितनी गिरावट?

  • बिटकॉइन 17%
  • इथीरियम 15%
  • टेदर 16%
  • कारडानो 17%

आम निवेशकों पर होगा क्या असर

अब सवाल है कि क्रिप्टो करेंसी पर अगर बैन लगती है तो इसका क्या असर होगा। इसे आपको आसान भाषा में समझाते हैं। देश में लगभग 9-10 करोड़ लोगों का क्रिप्टो करेंसी में निवेश है। अभी तक लोगों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये डिजिटल करेंसी के रूप में इन्वेस्टमेंट किया है। देश में बैन के बाद दुनिया भर में क्रिप्टो करेंसी के दाम गिरेंगे। भारत में जो निवेशक हैं उन्हें हर हाल में अपना क्रिप्टो बेचकर निकलना होगा। तकरीबन 10 करोड़ निवेशकों को सिर्फ और सिर्फ बेचना होगा, वे खरीद नहीं सकते। ऐसे में जब सभी को बेचना ही है तो फिर खरीदेगा कौन? - इस हालात में जिन लोगों ने अपना पैसा लगाया है उन्हें नुकसान सहकर भी अपना क्रिप्टो बेचना होगा।

पीएम मोदी ने भी किया आगाह

अभी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को बताया भी था कि जिस तरह से क्रिप्टो करेंसी में लोग पैसा लगा रहे हैं, वो खतरनाक हो सकता है।

आखिर ये क्रिप्टो करेंसी होता क्या है?

क्रिप्टो करेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। आसान भाषा में कहे तो ये कि इसे नोट या सिक्के की तरह हाथ में नहीं ले सकते। इसका कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है। ये डिजिटल एसेट्स होते हैं। क्रिप्टोग्राफी से इन्हें सेक्योर किया जाता है। इसमें लेन-देन पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। हर एक क्रिप्टोकरेंसी, यूनिक प्रोग्राम कोड से बनाई जाती है जिससे कि एक ही क्रिप्टोकरेंसी की कॉपी बना लेना या धोखाधड़ी कर पाना तकरीबन नामुमकिन है। ये दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी करेंसी है।

ये काम कैसे करता है.

क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी यानी कि सरकार या फिर रिजर्व बैंक रेगुलेट नहीं करता है। ये पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है और इंटरनेट पर ही इसका क्रिएशन, इंवेस्टमेंट और ट्रांजेक्शन होता है। भारत के लिहाज से बात करें तो सरकार या आरबीआई को नहीं पता कि ये कैसे बनाए जा रहे हैं। इसकी वैल्यू कैसे घट और बढ़ रही है या फिर इसका एक्सचेंज कैसे हो रहा है। दरअसल, इसका अपना एक पूरा इंटरनेट नेटवर्क है। जहां पर हर एक ट्रांजेक्शन की जानकारी सेव होती रहती है। इसे कोई सिंगल पर्सन या फिर कोई संस्था मॉनिटर नहीं कर रही होती। एक ही समय पर कई जगह इस पर काम होता रहता है।

जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क

Cryptocurrency: बिल के तहत ऐसे प्रावधान लाए जाएंगे जिससे प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी.

जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क

Cryptocurrency Bill In India: क्रिप्टो करेंसी पर लंबे समय से भारत सरकार और आरबीआई (RBI) की चिंताओं के बीच आखिरकार सरकार ने इस पर बिल लाने की घोषणा कर दी है. केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कई बिल पेश करने वाली है जिसमें से एक क्रिप्टोकरेंसी पर भी विधेयक पेश हो सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो पर समीक्षा बैठक भी बुलाई थी. पीटीआई के मुताबिक बैठक में क्रिप्टो के फायदे-नुकसान और रेगुलेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई है.

इन खबरों के बाद मार्केट को तो जोरदार झटका पहुंचा ही है लेकिन क्रिप्टो के बाजार में पैसा लगाने वाले भी अब परेशानी में आ गए हैं. इस मसले से जुड़े सभी बड़े सवालों के जवाब हम आपको यहां देने की कोशिश कर रहे हैं.

किस उद्देश्य से लाया जा रहा है क्रिप्टोकरेंसी बिल?

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत में अब तक कोई नियम-कानून नहीं है. इसलिए सरकार इस पर एक विधेयक लाने की तैयारी में है. जिसका नाम होगा- क्रिप्टोकरेंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशिय डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021). इसके तहत रिजिर्व बैंक ऑफ इंडिया एक आधाकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक आसान फ्रेमवर्क तैयार करेगी.

इस बिल के तहत ऐसे प्रावधान लाए जाएंगे जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. हालांकि, इसकी टेक्नोलॉजी और इस्तेमाल को लेकर कुछ अपवाद जरूर रखे जाएंगे.

सरकार की घोषणा के बाद भारत में क्रिप्टो मार्केट का क्या हाल है?

जैसे ही सरकार की तरफ से क्रिप्टो बिल को लेकर घोषणा हुई भारत में क्रिप्टो मार्केट धड़ाम से गिरा. लगभग हर बड़े क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई. WazirX के डेटा के मुताबिक, रुपये के संदर्भ में देखे तो बिटकॉइन में 17 फीसदी की गिरावट आई, इथेरियम में 14 फीसदी, डॉजकोइन में 20 फीसदी से अधिक और पोलकाडॉट में 14 फीसदी की गिरावट आई और डॉलर-पेग्ड टोकन टीथर भी लगभग 17 प्रतिशत नीचे रहा.

सरकार के क्रिप्टो पर विधेयक लाने की घोषणा के बाद बाजार गिरा

विदेशों में क्रिप्टोकरेंसी की क्या स्थिति है?

क्रिप्टो करेंसी को कई देशों में मान्यता दी गई है तो वहीं अधिकतर देश इस करेंसी की खिलाफ हैं. हाल ही में चीन ने क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. इसके अलावा नाइजीरिया, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, कतर, बांग्लादेश, अल्जीरिया, इंडोनेशिया, वियतनाम में भी इस करेंसी पर पाबंदी लगी है.

वहीं अधिकतर देश अभी भी असमंजस की स्थिति में है कि इस करेंसी पर बैन लगना चाहिए या इसे वैध बना देना चाहिए. मध्य अमेरिका का अल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां क्रिप्टो करेंसी वैध है. रूस में क्रिप्टो करेंसी में निवेश तो कर सकते हैं लेकिन कुछ सामान खरीदने के लिए उसके इस्तेमाल पर पाबंदी है.

अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोप के कुछ देशों क्रिप्टो बैन में इसे पूरी तरह मान्यता तो नहीं दी गई है लेकिन यहां इस पर कोई पाबंदी भी नहीं है.

क्रिप्टो करेंसी में कितने भारतीय कर चुके हैं निवेश?

क्रिप्टो करेंसी बहुत ही ज्यादा परिवर्तनशील (वोलेटाइल) करेंसी है. ब्रोकर डिस्कवरी और Brokerchooser के मुताबिक भारत में बिटकॉइन ओनर की संख्या 10.07 करोड़ है. इसके अलावा अमेरिका में 2.74 करोड़, रूस (1.74 करोड़) और नाइजीरिया में बैन के बावजूद (1.30 करोड़) लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है.

भारत में क्रिप्टो बैन के खिलाफ और पक्ष में क्या क्रिप्टो बैन तर्क?

मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार सरकार प्राइवेट क्रिप्टो (e.g: Zcash, Monero, etc) को बैन करने की तैयारी में है. वहीं बिटकॉइन, इथीरियम पब्लिक क्रिप्टो में शामिल है. अब तक बिल पेश नहीं हुआ है इसलिए प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टो की बहस से बचना चाहिए.

न्यूज 18 से बातचीत में cashaa के संस्थापक और सीईओ कुमार गौरव ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध उचित नहीं होगा क्योंकि दुनिया इस दिशा में आगे बढ़ रही है. एक देश के रूप में अगर हम इसे नजरअंदाज करते हैं तो हम पीछे रह जाएंगे. हमें इसे उचित नियमों के साथ अपनाना चाहिए."

WazirX के फाउंडर और सीईओ ने कहा कि "सरकार का रुख पहले जैसा ही लगता है. हमें बिल में दी गई बातों को पढ़ना चाहिए. बिटकॉइन एक पब्लिक ब्लॉकचेन पर एक पब्लिक क्रिप्टो करेंसी है."

इंडिया टुडे से बातचीत में क्रिप्टो एजुकेशन प्लेटफॉर्म Bitnning के फाउंडर काशिफ रजा ने बताया कि सरकार का प्रस्ताव जो अब आज हमारे पास है वही पिछली बार भी सरकार द्वारा पेश किए गए बिल के समान है.''

केवल एक चीज जो क्रिप्टो निवेशकों को डरा रही है, वह है क्लॉज निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के बारे में. मूल रूप से अगर हम इसके द्वारा जाते हैं, तो केवल सरकार द्वारा समर्थित करेंसी को ही अनुमति दी जाएगी, बाकी को नहीं. लेकिन यह अंतिम नहीं है. हमें सावधानी बरतने की जरूरत है और पूरे बिल के आने का इंतजार करना चाहिए".

Unocoin के फाउंडर और सीईओ सात्विक विश्वनाथ का मानना है-"प्राइवेट क्रिप्टो की परिभाषा कहीं भी उपलब्ध नहीं है, चाहे हम इसे पढ़ने का प्रयास करें. साथ ही सरकार की ओर से आज जो कुछ बातें हमारे पास हैं, उनके बारे में भी यह वही है जो उन्होंने पहले पेश किया था. लगता है कुछ भी नहीं बदला क्रिप्टो बैन है. हमें इससे संभलकर चलना होगा. यह एक बहुत ही मनमाना शीर्षक है जो पिछली बार था, अब भी वही है. आज जो तीन, चार बातें निकली हैं, उन पर नजर डालें तो ऐसा लग सकता है कि कोई नया बिल नहीं है, यह पुराने जैसा ही है. फिलहाल, हम अभी इसका कोई मतलब नहीं निकाल सकते हैं. लेकिन हां, निवेशक निश्चित रूप से आशंकित हैं."

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग, माइनिंग और पजेशन पर बैन से संबंधित कानून लाएगी सरकार

क्रिप्टोकरेंसी रखना भी अपराध

भारत सरकार देश में क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने के लिए एक कानून लाने जा रही है. इस कानून के अनुसार अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करता है, माइनिंग करता है या इस डिजिटल एसेट को अपने पास रखता है, तब भी उस पर कानून के हिसाब से कार्रवाई की जा सकेगी. एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है. वास्तव में देश में क्रिप्टो करेंसी का जलवा है और लाखों निवेशक इस हॉट ऐसेट क्लास में निवेश करना चाहते हैं या कर चुके हैं. सरकार का कानून वास्तव में दुनिया के सबसे सख्त कानून में से एक हो सकता है. भारत में क्रिप्टो करेंसी को बैन करने से संबंधित यह कानून वास्तव में क्रिप्टो करेंसी के पजेशन, इसे जारी करने, माइनिंग, ट्रेडिंग और ट्रांसफर को अपराध घोषित कर देगा. एक सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर यह जानकारी दी है.

रखने पर भी पेनाल्टी

रखने पर भी पेनाल्टी

अगर भारत सरकार ने यह कानून बना दिया तो भारत दुनिया की पहली ऐसी प्रमुख इकनोमी बन जाएगी जहां क्रिप्टो करेंसी को अपने पास रखना भी अवैध हो जाएगा. चीन ने हालांकि क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग पर बैन लगाया हुआ है, लेकिन वहां क्रिप्टो करेंसी रखने पर कोई पेनाल्टी नहीं देनी पड़ती. भारत में बन रहे इस नए कानून के हिसाब से क्रिप्टो करेंसी रखने वाले लोगों को 6 महीने का समय दिया जाएगा, जिसमें हुए उसे बेचकर बाहर निकाल सके, अन्यथा उन पर जुर्माना लगाया जाएगा. सरकार के इस कदम का उद्देश्य यह है कि देश में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी किसी भी तरह की गतिविधि को इजाजत न दी जाए. इसका असर लाखों निवेशकों पर पड़ सकता है. पिछले कुछ समय में एक ऐसी ही क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के भाव में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है और लाखों लोगों ने इसमें निवेश किया हुआ है.

क्या डूबने लगा है क्रिप्टो का सूरज? जानिए अब क्यों लोग ऐसा कह रहे है

दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी पिछले एक साल में बुरी तरह से पिटी हैं. अपने यहां की बात करें तो सरकार भले इन्हें अवैध न माने. लेकिन, नियम-कायदे बहुत कड़े हो गए है. आइए जानें पूरा मामला.

क्या डूबने लगा है क्रिप्टो का सूरज? जानिए अब क्यों लोग ऐसा कह रहे है

प्रवीण शर्मा | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Mar 28, 2022 | 3:49 PM

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का दौर क्या अपने आखिरी दिन गिन रहा है? आप सोचेंगे कि हम ये सवाल क्यों उठा रहे हैं. बात वाजिब है…लेकिन, ऐसी कई वजहें हैं जिनसे ये आशंका पैदा हो रही है कि शायद क्रिप्टो का सितारा चमक कर टूटने की कगार पर आ गया है. दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी पिछले एक साल में बुरी तरह से पिटी हैं. अपने यहां की बात करें तो सरकार (Government of India) भले इन्हें अवैध न माने. लेकिन, वो नियम-कायदे इतने कड़े कर रही है कि लोगों के लिए इन सो कॉल्ड डिजिटल एसेट्स में पैसा लगाना बेमानी होने लगा है. खैर, भारत की बात बाद में करेंगे, पहले ये देख लेते हैं कि इंटरनेशनल लेवल पर क्रिप्टो में आखिर चल क्या रहा है. अब सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) को ही देख लीजिए. गुजरे तीन महीने में इसके दाम 15% से ज्यादा गिरे हैं. ऐसा तब है जब हाल में इसके दाम रिकवर हुए हैं…गुरुवार को बिटकॉइन 43,000 डॉलर के करीब था. 3 महीने में इसने 51,987 का हाई छुआ था और ये 33000 के लो लेवल तक चला गया था.

आखिर क्रिप्टो की चमक फीकी क्यों होती जा रही है?

इसकी एक नहीं कई वजहें हैं. एक तो दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी सरकारों के हलक में अटकी हुई है. क्रिप्टो को बैन करना किसी सरकार के लिए आसान नहीं है. लेकिन, कोई सरकार इसे फलने-फूलने भी नहीं देना चाहती.ये बात इन्वेस्टर्स को भी धीरे-धीरे समझ आने लगी है. हां, रूस यूक्रेन की लड़ाई से दुनियाभर में हाहाकार मचा तो क्रिप्टो को थोड़ा चमकने का मौका जरूर मिल गया. 24 फरवरी से 24 मार्च के बीच बिटकॉइन का दाम 23 फीसदी चढ़ा है.भले ही दाम में रिकवरी हुई हो, लेकिन ये पिछले साल नवंबर के 68-69,000 डॉलर के लेवल से अभी भी काफी नीचे है.

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