स्टार्टअप में निवेश

C4D Partners को भारतीय स्टार्टअप में निवेश के लिए मिली सेबी की मंजूरी
नई दिल्ली। नीदरलैंड स्थित सी4डी पार्टनर्स ने सोमवार को कहा कि स्टार्टअप में निवेश स्टार्टअप में निवेश उसे बाजार नियामक सेबी से भारतीय स्टार्टअप में निवेश के लिए पांच करोड़ डॉलर (करीब 408 करोड़ रुपये) का कोष शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। सी4डी पार्टनर्स ने इससे पहले 2018 में 3.03 करोड़ डॉलर का अपना एशिया फंड पूरा किया था।
सी4डी पार्टनर्स ने एक बयान में कहा, ''कंपनी को हाल ही में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) से पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर के अपने पहले भारत फंड की मंजूरी मिली है।'' स्टार्टअप में निवेश कंपनी ने कहा कि फंड के अगले साल के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है।
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प्रौद्योगिकी निवेश का सिर्फ 11% ही सघन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में, अधिक वित्त पोषण की जरूरत: नैस्कॉम
देश के सघन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के तेजी से आगे बढ़ने के लिए अधिक वित्तपोषण की आवश्यकता है, जबकि फिलहाल इस क्षेत्र को कुल प्रौद्योगिकी निवेश का सिर्फ 11 प्रतिशत हिस्सा ही मिल रहा है।
देश के सघन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के तेजी से आगे बढ़ने के लिए अधिक वित्तपोषण की आवश्यकता है, जबकि फिलहाल इस क्षेत्र को कुल प्रौद्योगिकी निवेश का सिर्फ 11 प्रतिशत हिस्सा ही मिल रहा है।
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नैस्कॉम) के अध्यक्ष देवजानी घोष ने शुक्रवार को यह बात कही।
सघन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप ऐसे उद्यम हैं, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), रोबोटिक्स, क्वांटम, ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), ड्रोन और ऑगमेंटेड रियल्टी (एआर) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में काम करते हैं।
वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा 'स्टार्टअप्स एंड एंटरप्रेन्योरशिप: विजन इंडिया@2047' विषय पर आयोजित एक कार्यशाला में घोष ने बताया कि देश में कुल 25,000 से अधिक टेक स्टार्टअप हैं। इसमें से सिर्फ 3,000 सघन प्रौद्योगिकी से संबंधित है।
उन्होंने कहा कि भारत स्टार्टअप में निवेश में कुछ बेहतरीन सघन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप है, जो उभरती प्रौद्योगिकियों की पूरी श्रृंखला में काम कर रहे हैं, लेकिन प्रौद्योगिकी से संबंधित वित्त पोषण में उन्हें सिर्फ 11 प्रतिशत ही मिल रहा है।
घोष ने कहा कि चीन और अमेरिका जैसे देश वित्त पोषण के लिए प्रौद्योगिकी वाले स्टार्टअप को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों और नियामकों को यह समझना चाहिए कि सघन प्रौद्योगिकी वाले स्टार्टअप को बाजार में उत्पाद लाने में अधिक समय लगता है, क्योंकि उन्हें अनुसंधान और नवाचार के लिए अधिक समय लगाना पड़ता है।
उन्होंने अनिवार्य 'स्टार्टअप सेवा' का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा, 'क्या हम इंजीनियरिंग (पाठ्यक्रम) के तीसरे या चौथे वर्ष में कह सकते हैं कि आपको (छात्रों) को किसी टेक स्टार्टअप में एक साल काम करना होगा? इससे टेक स्टार्टअप को सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं तक पहुंचने और बड़ी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी।'
UP Startup स्टार्टअप से सरपट दौड़ेगी यूपी में निवेश और रोजगार की गाड़ी
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप (Startup) को बढ़ावा देने के लिए चरणबद्ध तरीके से योजना को अमलीजामा पहना रहे हैं। सेक्टरवाइज स्टार्टअप (Sector Wise Startup) के प्रमोशन के लिए उत्तर प्रदेश के पांच बड़े विभागों उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग में इंक्यूबेटर्स की स्थापना की जा रही है। इससे इन क्षेत्रों में नए स्टार्टअप (New Startup) को बढ़ावा मिलेगा। जिससे यूपी में स्टार्टअप के माध्यम से निवेश और रोजगार की गाड़ी सरपट दौड़ेगी।
सरकार की ओर से स्टार्टअप के लिए एक हजार करोड़ रुपए निधि का कोष बनाया गया है। स्टार्टअप नीति के तहत प्रदेश में 10 विश्वविद्यालयों, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों और एकेटीयू के घटक संस्थानों में 15 इनक्यूबेटर्स स्थापित किए गए हैं। एक इनोवेशन हब की भी स्थापना की गई है, जो नवाचार के प्रोत्साहन के लिए 200 से अधिक स्टार्टअप्स को सहयोग कर रहे हैं। एसजीपीजीआई लखनऊ में आठ स्टार्टअप पर काम किया जा रहा है। इसमें तीन स्टार्टअप एसजीपीजीआई के हैं। एसजीपीजीआई में मेडिकल और इंजीनियरिंग को जोड़कर उपकरण बन रहे हैं।
68 सौ से 10 हजार स्टार्टअप करने का लक्ष्य
यूपी में मौजूदा वक्त में 6,850 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हैं, सरकार ने करीब तीन करोड़ के स्टार्टअप प्रोत्साहन स्वीकृत किए हैं। सरकार का लक्ष्य इन्हें बढ़ाकर 10 हजार स्टार्टअप करने का है। 20 जिलों में 52 इंक्यूबेटर्स कार्य कर रहे हैं। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में कम से कम एक इंक्यूबेटर स्थापित होंगे, जो स्टार्टअप को सहयोग देंगे। सरकार की ओर से स्टार्टअप नीति भी जल्द संशोधित की जाएगी।
लखनऊ में होगा देश स्टार्टअप में निवेश स्टार्टअप में निवेश का सबसे बड़ा इंक्यूबेटर
दो उत्कृष्टता केंद्र (एसजीपीजीआई लखनऊ और आईआईटी कानपुर) स्थापित हैं और तीसरा ड्रोन उत्कृष्टता केंद्र के रूप में आईआईटी कानपुर में विकसित किया जा रहा है। देश का सबसे बड़ा इंक्यूबेटर लखनऊ में बनाया जाना प्रस्तावित है।
आसान हुआ स्टार्टअप में निवेश करना
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्टार्टअप कंपनियों में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस स्टार्टअप में निवेश क्षेत्र में एंजल निवेशकों के लिए नियमों में ढील दी है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्टार्टअप कंपनियों में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस क्षेत्र में एंजल निवेशकों के लिए नियमों में ढील दी है. इसके तहत नए व्यावसायिक विचारों को सहारा देने वाले ऐसे निवेशक अब 5 साल तक पुरानी इकाइयों में पूंजी लगा सकेंगे.
न्यूनतम निवेश की सीमा भी 50 लाख रुपये से घटा कर 25 लाख कर दी गई. स्टार्टअप क्षेत्र के ऐसे निवेशकों को अपनी निवेश योग्य निधि के एक चौथाई हिस्से को विदेशी उद्यमों में निवेश करने की छूट होगी. यह इस बारे में अन्य क्षेत्र के एंजल निवेशकों के लिए लागू नियम के ही अनुरूप है. सेबी ने एक योजना में एंजल निवेशकों की अधिकतम संख्या 49 से बढ़ाकर 200 कर दी है.
स्टार्टअप क्षेत्र में निवेश कोष के लिए तय न्यूनमत सीमा 50 से घटा कर 25 लाख कर दी है. इसके पीछे सोच यह है कि विचार के स्तर स्टार्टअप में निवेश पर कुछ इकाइयों को ज्यादा धन की जरूरत नहीं होती. भारत में स्टार्टअप क्षेत्र के लिए वैकल्पिक निवेश कोष उद्योग के विकास और स्टार्टअप इकाइयों के लिए अनुकूल नियामकीय वातावारण उपलब्ध कराने के बारे में सिफारिश करने के लिए मार्च 2015 में इन्फोसिस टेक. के पूर्व प्रमुख एनआर नारायणमूर्ति की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति बनाई थी.
सेबी ने एफपीआई को असूचीबद्ध कॉर्पोरेट बांड में निवेश की अनुमति दी
सेबी ने पूंजी बाजार को व्यापक बनाने के मकसद से एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) को असूचीबद्ध कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों और बिना गारंटीशुदा ऋण पत्रों में निवेश की मंजूरी देने का फैसला किया है. इसमें 35,000 करोड़ रुपये की सीमा लगाई गई है. सेबी के निदेशक मंडल की बैठक में इस आशय का फैसला किया गया.