शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है?

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बुल मार्केट: बुल मार्केट वह स्थिति है जिसमें वित्तीय बाजार बढ़ रहा है या फिर निकट भविष्य में ऐसा होने की उम्मीद है। 'बुल' वास्तविक दुनिया के बैल से लिया गया है, जो आमतौर पर शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? ऊपर की दिशा में हमला करता है। यह या तो बेसलाइन पर शुरू होता है (आर्थिक गतिविधि की शुरुआत के दौरान) या फिर चक्र के नीचे। बाजार मजबूत होने पर बुल मार्केट सामने आता है और आगे की संभावनाएं बहुत ही आकर्षक होती हैं। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत करता है, जिसमें अधिक लोग खरीदना चाहते हैं और कम लोग बेचना चाहते हैं।
निवेश करना सीखें
अपनी मेहनत की कमाई को सही जगह निवेश करने के लिये सोच-समझकर योजना बनाने की आवश्यकता है। निवेश के संदर्भ में लिया गया गलत निर्णय आपकी पूंजी का सफाया कर सकता है। अत:, निवेशक को निवेश करने से पूर्व निवेश के विभिन्न विकल्पों का गहनता से विश्लेषण करना चाहिये। निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प शेयर बाजार भी है। शेयर बाजार में लाभ कमाने की अपरिमित क्षमता है, इसलिये बहुत से लोग अपनी पूंजी का निवेश यहां करते हैं। इस आलेख में, हम शेयर बाजार में निवेश करने के विभिन्न पहलुओं पर गौर करेंगे।
जब आप कोई शेयर (स्टॉक) खरीदते हैं, तो आप कंपनी के एक अंश का स्वामित्व हासिल कर लेते हैं। इसके बदले में, कंपनी जब मुनाफा कमाती है तो लाभांश के रुप में आपको लाभ देती है। लाभांश की राशि इस बात पर निर्भर करती है कि आपके पास कितने शेयर हैं। इसके अतिरिक्त, दीर्घ अवधि में शेयर के मूल्य में होने वाली वृद्धि से आपकी पूंजी में भी अभिवृद्धि होगी। अतएव, शेयर खरीदने से लाभांश के रुप में नियमित आय प्राप्त होगी और दीर्घ अवधि में शेयर के मूल्य में होने वाली वृद्धि से संपत्ति में भी अभिवृद्धि होगी।
हालांकि, शेयर बाजार में निवेश करते हुये आपको शेयर का चयन करते हुये काफी सतर्क रहना होगा। अत:, शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व, आपको कुछ बातें सीखने और समझने की आवश्यकता है। ये बातें निम्न हैं;
शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व जानने योग्य बातें
किसी भी शेयर को शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? आंखें मूंद कर न खरीदें
आंख मूंद कर खरीद गया शेयर आपके लिये भारी नुकसानदायक हो सकता है। हमेशा यह सलाह दी जाती है कि शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व शोध एवं विश्लेषण करना आवश्यक है। एक गलत शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? निर्णय आपकी पूंजी का सफाया कर सकती है। अतएव, शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व आपको अपना वित्तिय लक्ष्य निर्धारित करना होगा और कुछ जानकारी प्राप्त करती होगी।
शेयर बाजार में पैसे पेड़ पर नहीं फलते
आम तौर पर निवेशक शेयर बाजार में यह सोच कर निवेश करते हैं कि वे असानी से लाभ कमायेंगे। वे शेयर बाजार में कुछ लोगों की कहानी-जिन्होंने शेयर बाजार से काफी संपत्ति अर्जित की है, सुनकर निवेश का निर्णय लेते हैं। लेकिन उन्हें यह बात भली-भांति समझ लेनी चाहिये कि शेयर बाजार में पैसे पेड़ पर नहीं फलते हैं। बाजार में संपत्ति अर्जित करने के लिये सही शेयर का चयन और दीर्घ अवधि तक निवेश का धैर्य होना आवश्यक है।
बुद्धिमानी से आवंटन करें
शेयर बाजार में निवेश करते समय आपको काफी सावधान रहने को आवश्यकता है। आपको अपने पैसे के उस भाग को निवेश करने से बचना चाहिये, जिसका नुकसान आप गवारा नहीं कर सकते हैं। निवेश के अन्य विकल्पों की ही तरह, शेयर बाजार में भी निवेश के साथ कुछ जोखिम अंतर्निहित है, और यदि आप में जोखिम सहने की क्षमता है तो आप दीर्घ अवधि में अच्छा प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं। संक्षेप में यह बात बेहतर तरीके से समझ लेनी चाहिये कि आकस्मिक निधि का निवेश शेयर बाजार में नहीं करना चाहिये।
ऋण लेकर निवेश करने से बचें
शेयर बाजार में ऋण लेकर निवेश नहीं करना चाहिये। ब्रोकर और बैंक आपको मार्जिन मनी लेकर सौदे करने की इजाजत देते हैं। जब बाजार में तेजी रहती है, तब तक तो ठीक है, मंदी की स्थिति में आपकी पूंजी का भी सफाया हो सकता है। अतएव आपको किसी भी प्रकार का ऋण लेकर निवेश नहीं करना चाहिये और सावधान रहना चाहिये।
दूसरों की नकल न करें और न दूसरों की सुनें
शेयर बाजार में निवेश का निर्णय इस बात से प्रभावित नहीं होना चाहिये कि दूसरे क्या कर रहे है अथवा कह रहे हैं। दूसरों की नकल करना उल्टा पड़ सकता है और नुकसान हो सकता है। शेयर बाजार में निवेश की सर्वश्रेष्ठ रणनीति यह है कि आप अपना शोध स्वयं करें और उस पर विश्वास करें। यदि आपने अभी-अभी निवेश करना प्रारंभ किया है तो आपको ऐसे व्यवसाय में निवेश करना चाहिये जो समझने और विश्लेषण करने में आसान हो।
बाजार के उतार – चढ़ाव का आकलन करने से बचें
बहुत से निवेशक बाजार के उतार – चढ़ाव का आकलन करने में अपना नुकसान कर बैठते हैं। बाजार बहुत से चरण से गुजरता है। यदि आप अच्छे शेयर में निवेशित रहेंगे तो आप किसी भी चरण में मुनाफा कमायेंगे। बाजार में होने वाली प्रत्येक गिरावट, अपने पोर्टफोलियो में अच्छे शेयर जोड़ने का अवसर प्रदान करती है। शेयर बाजार में निवेश करते समय सदैव अनुशासित दृष्टिकोण अपनाना चाहिये।
अधिक उम्मीद मत करें
शेयर बाजार में निवेश करने वाले, शेयर बाजार से अवास्तविक प्रतिफल की उम्मीद पाल बैठते हैं। ऐसी उम्मीदें तेजी के समय बंधती हैं जब बाजार में 100 प्रतिशत अथवा उससे भी अधिक का मुनाफा होता है। अधिक उम्मीद के साथ निवेश करने पर अधिमूल्यांकित शेयर के साथ खराब पोर्टफोलियो बनने का डर बना रहता है।
उपरोक्त तथ्यों से आरंभिक निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने में मदद मिलेगी। आइये अब हम शेयर बाजार में निवेश की कुछ युक्तियां सीखते हैं।
यह भी पढ़ें: आपको निवेश क्यों करना चाहिये ?
शेयर बाजार में निवेश की कुछ युक्तियां
दीर्घ अवधि के लिये लक्ष्य निर्धारित करें
शेयर बाजारमें निवेश करने से पूर्व आपके वित्तिय लक्ष्य स्पष्ट होने चाहिये। शेयर बाजार में दीर्घ अवधि के लिये ही निवेश करके संपत्ति अर्जित की जा सकती है। आपको इस समझ के साथ निवेश करना होगा कि निवेश पर आपको कितना प्रतिफल चाहिये और आप दीर्घ अवधि के लिये कितनी पूंजी निवेशित करने के लिये तैयार हैं।
अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त, नये निवेशकों के लिये अपनी भावनाओं को नियंत्रित रख पाना बहुत मुश्किल होता है। जब शेयर बाजार में निवेश की बात आती है, यह सबसे बड़ी बाधा होती है। भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाने की वजह से निर्णय में गलती हो जाती है और परिणामस्वरुप भारी नुकसान शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? हो जाता है। शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव का माहौल होता है जिसकी वजह से आरंभिक निवेशकों में तनाव और असुरक्षा की भावना व्याप्त होती है। इस परिदृश्य में,आरंभिक निवेशकों को यह सलाह दी जाती है कि वे भावनाओं के भंवर जाल में न उलझें और जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें।
मूलभूत सिद्धान्तोंको समझ
आरंभिक निवेशकों को शयर बाजार में निवेश करने से पूर्व उन मूलभूत सिद्धान्तों को समझ लेना चाहिये जिनसे शेयर के मूल्य संचालित होते हैं। सबसे पहले, निवेशकों को यह समझ लेना चाहिये कि शेयर का मूल्यांकन कैसे होता है, और किस मूल्य पर शेयर खरीदना उचित है। दूसरी बात, दीर्घ अवधि का निवेश कंपनी और उस क्षेत्र के बुनियादी मजबूती पर निर्भर करता है। सही शेयर के चयन के लिये मूलभूत सिद्धान्तों की समझ काफी महत्वपूर्ण है। शेयर के चयन में होने वाली गलती की वजह से दीर्घ कालीन नुकसान हो सकता है। निवेशक सही शेयर के चयन की कला में माहिर होने के लिये शेयर का तकनिकि विश्लेषण भी सीख सकते हैं।
विविधता
यह हमेशा सलाह दी जाती है कि, विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो का गठन करना चाहिये। शेयर बाजार में निवेश करते समय, निवेशकों को विभिन्न क्षेत्रों के शेयर में निवेश करना चाहिये। जिस प्रकार आपको अपने सभी अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखना चाहिये, उसी प्रकार आपको अपनी सारी पूंजी एक ही शेयर में निवेशित नहीं करना चाहिये।
किसी एक शेयर के मूल्य में होने वाली गिरावट से आपकी पूरी पुंजी का सफाया हो सकता है। अतएव, जब आप अपने पैसों का निवेश विभिन्न क्षेत्रों के बहुत से शेयरों में करते हैं तो, आप अपने जोखिम को कम करते हैं। यह हो सकता है कि किसी एक क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर नहीं हो तो वहीं दूसरा क्षेत्र बेहतरीन प्रदर्शन करे। विविधतापूर्ण फोर्टफोलियो से कम जोखिम के साथ दीर्घ कालीन संपत्ति के संग्रहण में सहायता मिलती है।
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निवेश करने से पूर्व कर के विषय में क्यों सोचें निवेश के लिये आवश्यक कागजात
क्या है 'बुल मार्केट' और 'बियर मार्केट'? जानिए शेयर बाजार से क्या है इसका संबंध
यदि आपने हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित लोकप्रिय वेब सीरीज देखी है, तो आपको याद होगा कि उसमें 'मंदोड़िया' (बियर) और 'तेजड़िया' (बुल) के बारे में बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बुल और बियर मार्केट, मार्केट एक्विटी का आधार हैं। ये निवेशकों और व्यापारियों को प्रचलित प्रवृत्ति के अनुसार अपना स्थान लेने में मदद करते हैं।
पर ये क्या हैं? आइए फिनोलॉजी के मुक्य कार्यकारी अधिकारी प्रांजल कामरा द्वारा जानते हैं इसके बारे में।
बिजनेस साइकल (व्यापार चक्र) को समझना
कोई भी बाजार कुछ आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर बढ़ता है। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक 'व्यापार चक्र' है, जिसे इकोनॉमिक साइकल या ट्रेड साइकल के रूप में भी जाना जाता है। ये चक्र लहर की तरह के पैटर्न हैं जो दीर्घकालिक विकास की प्रवृत्ति पर बनते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि बाजार के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनमें एक उछाल और गिरावट (मंदी) आती है। संक्षेप में, एक व्यापार चक्र की लंबाई एक उछाल और मंदी से लिया गया समय है।
सच कहा जाए, तो बाजार में इस तरह के उछाल और उतार-चढ़ाव काफी हैं और ये तकनीकी मंदी के बिना भी एक दिन, सप्ताह या महीने में हो सकते हैं। दूसरी ओर मंदी, दीर्घकालिक विकास प्रक्षेपवक्र की उपोत्पाद है, शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? जिसकी अर्थव्यवस्था में आमतौर पर कम से कम दो तिमाहियों (प्रत्येक तीन महीने) के लिए गिरावट आती है।
आइए अब जानते हैं कि एक बुल और बियर मार्केट क्या है
- बुल मार्केट: बुल मार्केट वह स्थिति है जिसमें वित्तीय बाजार बढ़ रहा है या फिर निकट भविष्य में ऐसा होने की उम्मीद है। 'बुल' वास्तविक दुनिया के बैल से लिया गया है, जो आमतौर पर ऊपर की दिशा में हमला करता है। यह या तो बेसलाइन पर शुरू होता है (आर्थिक गतिविधि की शुरुआत के दौरान) या फिर चक्र के नीचे। बाजार मजबूत होने पर बुल मार्केट सामने आता है और आगे की संभावनाएं बहुत ही आकर्षक होती हैं। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? करता है, जिसमें अधिक लोग खरीदना चाहते हैं और कम लोग बेचना चाहते हैं।
- बियर मार्केट: बियर मार्केट, बुल मार्केट के बिल्कुल विपरीत है। इस मामले में वित्तीय बाजार स्टॉक की कीमतों में गिरावट के साथ सुधार का अनुभव करता है और निकट अवधि में गिरने की उम्मीद करता है। बहुत कुछ 'बुल' की तरह, बियर मार्केट का 'बियर' भी वास्तविक दुनिया के भालू से लिया गया है, जो आमतौर पर नीचे की दिशा में हिट करता है। जब बाजार में संतृप्ति हो जाती है तो भालू का बाजार बढ़ जाता है क्योंकि बाजार संतृप्त हो जाता है (आपूर्ति मांग से अधिक हो जाती है)। यह आम तौर पर बुल-रन की ऊंचाई पर होता है और गर्त बनने तक जारी रहता है।
इस समय, अधिक लोग खरीदने के बजाय स्टॉक बेचने में रुचि रखते हैं और निवेशकों का विश्वास कमजोर है। एक हालिया उदाहरण पिछले साल की महामारी का हो सकता है, जिसमें अधिकांश निवेशक बाजार से बाहर निकलना चाहते थे क्योंकि किसी को नहीं पता था कि महामारी कैसे निकलकर सामने आएगी। आपको बुल और बियर मार्केट की एक मजबूत समझ विकसित करनी चाहिए और दिन, सप्ताह, महीने या वक्त वक्त पर इनके बारे में पढ़ना चाहिए। ऐसा करने का एक अच्छा विचार प्रासंगिक पुस्तकों का अध्ययन करना भी है जो इस तरह की अवधारणाओं में तल्लीन हैं। यदि आप ट्रेडिंग की कला सीखते हैं, तो आप बुल-रन के दौरान अपने रिटर्न को अधिकतम करते हुए एक मंदी के बाजार में भी मुनाफा कमा सकते हैं।
यदि आपने हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित लोकप्रिय वेब सीरीज देखी है, तो आपको याद होगा कि उसमें 'मंदोड़िया' (बियर) और 'तेजड़िया' (बुल) के बारे में बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बुल और बियर मार्केट, मार्केट एक्विटी का आधार हैं। ये निवेशकों और व्यापारियों को प्रचलित प्रवृत्ति के अनुसार अपना स्थान लेने में मदद करते हैं।
पर ये क्या हैं? आइए फिनोलॉजी के मुक्य कार्यकारी अधिकारी प्रांजल कामरा द्वारा जानते हैं इसके बारे में।
बिजनेस साइकल (व्यापार चक्र) को समझना
कोई भी बाजार कुछ आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर बढ़ता है। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक 'व्यापार चक्र' है, जिसे इकोनॉमिक साइकल या ट्रेड साइकल के रूप में भी जाना जाता है। ये चक्र लहर की तरह के पैटर्न हैं जो दीर्घकालिक विकास की प्रवृत्ति पर बनते हैं। जैसा कि नाम से ही शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? स्पष्ट है कि बाजार के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनमें एक उछाल और गिरावट (मंदी) आती है। संक्षेप में, एक व्यापार चक्र की लंबाई एक उछाल और मंदी से लिया गया समय है।
सच कहा जाए, तो बाजार में इस तरह के उछाल और उतार-चढ़ाव काफी हैं और ये तकनीकी मंदी के बिना भी एक दिन, सप्ताह या महीने में हो सकते हैं। दूसरी ओर मंदी, दीर्घकालिक विकास प्रक्षेपवक्र की उपोत्पाद है, जिसकी अर्थव्यवस्था में आमतौर पर कम से कम दो तिमाहियों (प्रत्येक तीन महीने) के लिए गिरावट आती है।
आइए अब जानते हैं कि एक बुल और बियर मार्केट क्या है
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बुल मार्केट: बुल मार्केट वह स्थिति है जिसमें वित्तीय बाजार बढ़ रहा है या शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? फिर निकट भविष्य में ऐसा होने की उम्मीद है। 'बुल' वास्तविक दुनिया के बैल से लिया गया है, जो आमतौर पर ऊपर की दिशा में हमला करता है। यह या तो बेसलाइन पर शुरू होता है (आर्थिक गतिविधि की शुरुआत के दौरान) या फिर चक्र के नीचे। बाजार मजबूत होने पर बुल मार्केट सामने आता है और आगे की संभावनाएं बहुत ही आकर्षक होती हैं। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत करता है, जिसमें अधिक लोग खरीदना चाहते हैं और कम लोग बेचना चाहते हैं।
इस समय, अधिक लोग खरीदने के बजाय स्टॉक बेचने में रुचि रखते हैं और निवेशकों का विश्वास कमजोर है। एक हालिया उदाहरण पिछले साल की महामारी का हो सकता है, जिसमें अधिकांश निवेशक बाजार से बाहर निकलना चाहते थे क्योंकि किसी को नहीं पता था कि महामारी कैसे निकलकर सामने आएगी। आपको बुल और बियर मार्केट की एक मजबूत समझ विकसित करनी चाहिए और दिन, सप्ताह, महीने या वक्त वक्त पर इनके बारे में पढ़ना चाहिए। ऐसा करने का एक अच्छा विचार प्रासंगिक पुस्तकों का अध्ययन करना भी है जो इस तरह की अवधारणाओं में तल्लीन हैं। यदि आप ट्रेडिंग की कला सीखते हैं, तो आप बुल-रन के दौरान अपने रिटर्न को अधिकतम करते हुए एक मंदी के बाजार में भी मुनाफा कमा सकते हैं।
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य
दोस्तों, क्या आप जानते है शेयर मार्किट में एनएसई (NSE) क्या है? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ा? इसके क्या फायदे है? यह कैसे काम करता है? आईये आज हम इसके विस्तार से जानते है। एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) क्या है ?
एनएसई (NSE) का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है यह भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश कर सके। सन 1994 में एनएसई (NSE) ने पहली बार भारतीय शेयर बाजार में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात किया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इतिहास
1992 के प्रसिद्ध घोटाले के बाद, जिसमें एक प्रसिद्ध निवेशक ने भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर किया गया था। तब वित्त मंत्रालय ने भारत सरकार तहत, निवेशकों तक शेयर बाजार को आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से एनएसई की स्थापना का निर्णय लिया गया था। इसकी संस्था की स्थापना की सिफारिस M.J. शेरवानी समिति ने भी किया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से एक विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में 25 करोड़ पूँजी के साथ मुंबई में किया गया। एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 है, इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है। सूचकांक में सम्मिलित कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है और पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी सर्वोत्तम कम्पनीयों को शामिल किया जाता है | इसका उपयोग निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया भर में भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में किया जाता है। एनएसई (NSE) द्वारा 1996 में NIFTY 50 इंडेक्स आरम्भ किया गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का उद्देश्य
एनएसई (NSE) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।
- सभी निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने तथा शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करना |
- सभी निवेशक सामान रूप से प्रतिभूति को खरीद और बेच सके।
- शेयर बाजार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाना।
- ख़रीदे और बेचे गए शेयर को अल्प समय में हस्तानांतरित करना।
- प्रतिभूति बाजार को अंतरास्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य
दोस्तों ,अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य प्रणाली के बारें में विस्तार से जानेंगे।
अगर कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको मार्किट आर्डर के द्वारा आर्डर देना होता है , और कंप्यूटर ट्रेडिंग जो एक स्वचालित प्रक्रिया है के माध्यम से आपके आर्डर का मिलान किया जाता है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है।
जब आपका आर्डर को कोई मिलान नहीं मिलता है तो आर्डर के क्रम को मिलाने के लिए आर्डर सूची से जोड़ा जाता है, और यह प्राइस टाइम (Price time) के प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सर्वोत्तम मूल्य के आर्डर को पहले प्राथमिकता दिया जाता है और एकसमान मूल्य वाले आर्डर को पहले आर्डर के आधार पर प्राथमिकता दिया जाता है।
जब निवेशक का आर्डर एक्सचेंज मार्किट में पूरा हो जाता है तो निवेशक के डीमैट अकाउंट में खरीद आर्डर या बेच आर्डर में स्वतः ही देखने लगता है। इस तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निवेशकों के शेयर के लेन देन को पारदर्शी बनता है। डीमैट अकाउंट किसी भी स्टॉक ब्रोकर के द्वारा ओपन किया जा सकता है जो ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है। जो ट्रेडिंग सिस्टम में ऑर्डर देते हैं। एनएसई द्वारा घोषित छुट्टियों को छोड़कर, एक्सचेंज मार्केट सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक उपलब्ध रहता है।
दोस्तों, हमने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के बारें में विस्तार से समझा। अब आप समझ गए है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज स्थापना प्रतिभूति बाज़ार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाने के लिए किया गया, जिससे सभी निवेशक विश्वास के साथ प्रतिभूति बाज़ार में निवेश कर सके। अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सोच रहे है और आपको शेयर बाज़ार के बारें में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप सेबी से पंजीकृत निवेश सलाहकार की सहायता ले सकते है यह आपको सही शेयर खरीदने में सहायता करेगा।
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Stock Market Today : कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच शुरुआती कारोबार में शेयर बाजारों में गिरावट
Stock Market Today : कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच शुरुआती कारोबार में शेयर बाजारों में गिरावट देखी जा रही है. शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 453.91 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
Published: October 20, 2022 11:11 AM IST
Stock Market Today : वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और विदेशी कोषों की निकासी जारी रहने के बीच बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार के दौरान प्रमुख शेयर सूचकांकों में गिरावट हुई और चार दिन से जारी तेजी थम गई.
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इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 315.91 अंक गिरकर 58,791.28 पर आ गया. व्यापक एनएसई निफ्टी 90.2 अंक गिरकर 17,422.05 पर था.
सेंसेक्स में इंडसइंड बैंक, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी और मारुति गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे.
दूसरी ओर, नेस्ले, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर में मजबूती थी.
अन्य शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? एशियाई शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? बाजारो में सियोल, तोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजार नुकसान में कारोबार कर रहे थे. अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे.
बुधवार को तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 146.59 अंक यानी 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,107.19 अंक पर बंद हुआ था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 25.30 अंक यानी 0.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,512.25 अंक पर बंद हुआ था.
अंतरराष्ट्रीय तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 92.25 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? शुद्ध रूप से 453.91 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
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