अस्थिरता के दो प्रकार हैं

काव्य का अस्थिर धर्म क्या है?
'मन पचितैहै अवसर बीते ।
दुर्लभ देह पाई हरी पद भजु कर्म, वचन अरु नीके।।'
इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
Important Points to Remember on रस, छन्द, अलंकार
रस, छन्द, अलंकार
रस - संस्कृत में ‘रस’ शब्द की व्युत्पत्ति ‘रसस्यते असो इति रसाः’ के रूप में की गई है; अर्थात् जिसका आस्वादन किया जाए वही रस है। साहित्य में काव्य को पढ़ने, सुनने या उस पर आधारित अभिनय देखने से जो आनन्द प्राप्त होता है, उसे ‘रस’ कहते हैं।
रस के चार अवयव या अंग हैं -
1) स्थायी भाव - हृदय में मूलरूप से विद्यमान रहने वाले भावों को स्थायी भाव कहते हैं।
2) विभाव - जो व्यक्ति, वस्तु या परिस्थितियाँ स्थायी भावों को उद्दीपन या जागृत करती हैं, उन्हें विभाव कहते हैं। विभाव के दो प्रकार होते हैं -
i) आलंबन विभाव - जो सोए हुए मनोभावों को जागृत करते हैं, वह आलंबन विभाव कहलाते हैं।
ii) उद्दीपन विभाव - उद्दीपन का अर्थ है, उद्दीप्त करना भड़काना या बढ़ावा देना जो जागृत भाव को उद्दीप्त करें, वह उद्दीपन विभाव कहलाते हैं।
3) अनुभाव - स्थायी भाव के जाग्रत अस्थिरता के दो प्रकार हैं होने तथा उद्दीप्त होने पर आश्रय की शारीरिक चेष्टाएँ अनुभाव कहलाती हैं।
4) संचारी या व्यभिचारी भाव - आश्रय के चित्त में स्थायी भाव के साथ आते-जाते रहने वाले अन्य भाव को संचारी भाव कहते हैं।
रस और उसका स्थाई भाव – प्राचीन भारतीय विद्वानों ने नौ रस माने हैं। जिसका विवरण निम्नलिखित है –
रस का नाम | स्थाई भाव |
श्रृंगार | रति (प्रेम) |
हास्य | हास |
करूण | शोक |
रौद्र | क्रोध |
वीर | उत्साह |
भयानक | भय |
वीभत्स | जुगुप्सा (घृणा ) |
अद्भुत | विस्मय |
शान्त | निर्वेद |
शृंगार रस में ही वात्सल्य और भक्ति रस भी शामिल हैं।
छंद - जब मात्रा अथवा वर्णों की संख्या, विराम, गति, लय तथा तुक आदि के नियमों से युक्त कोई रचना होती है, उसे छंद कहते हैं। छंद को पद्य या वृत्त भी कहा जाता है।
छंद के प्रकार :-
1. मात्रिक छंद
2. वर्णिक छंद
3. उभय छंद
4. मुक्तक छंद
1. मात्रिक छंद - जिस छंद की प्रत्येक पंक्ति (चरण) में मात्राओं की निश्चित संख्या का नियम होता है, उसे मात्रिक छंद कहते हैं।
उदाहरण - प्रमुख मात्रिक छंद -
i. दोहा छंद
ii. सोरठा छंद
iii. रोला छंद
iv. गीतिका छंद
v. हरिगीतिका छंद
vi. उल्लाला छंद
vii. चौपाई छंद
viii. बरवै (विषम) छंद
ix. छप्पय छंद
x. कुंडलियाँ छंद आदि।
2. वर्णिक छंद - जिन छंदों की रचना को वर्णों की गणना और क्रम के आधार पर किया जाता है, उन्हें वर्णिक छंद कहते हैं।
उदाहरण - प्रमुख वर्णिक छंद -
i. सवैया छंद
ii. कवित्त छंद
iii. द्रुत विलम्बित छंद
iv. मालिनी छंद
v. मंद्रक्रांता छंद
vi. इंद्र्व्रजा छंद
vii. उपेंद्रवज्रा छंद
viii. अरिल्ल छंद
ix. लावनी छंद
x. राधिका छंद आदि।
3. उभय छंद - गणों में वर्णों का बँधा होना प्रमुख लक्षण होने के कारण इसे उभय छंद (वर्णिक वृत्त) कहते हैं। इन छंदों में मात्रा और वर्ण दोनों की समानता बनी रहती है।
पल-पल जिसके मैं पथ को देखती थी,
निशि-दिन जिसके ही ध्यान में थी बिताती । (वर्णिकवृत्त-मालिनी)
4. मुक्तक छंद - जिस विषम छंद में वर्ण और मात्राओं पर प्रतिबंध न हो और ना ही प्रत्येक चरण में वर्णों की मात्रा और क्रम समान हो और ना ही मात्राओं की कोई निश्चित व्यवस्था हो जिसमें नाद और ताल अस्थिरता के दो प्रकार हैं के आधार पर पंक्तियों में लय लाकर उन्हें गतिशीलता करने का आग्रह हो उसे मुक्तक छंद कहते हैं। हिंदी में स्वतंत्र रूप से आजकल लिखे जाने वाले छंद मुक्त छंद होते हैं। चरणों की अनियमित, असमान, स्वछन्द गति और भाव के अनुकूल यति विधान ही मुक्त छंद की विशेषता है।
अलंकार - जिस प्रकार नारी की सुन्दरता विभिन्न आभूषण बढ़ाते हैं, उसी प्रकार काव्य रूपी काया की शोभा बढ़ाने वाले अवयव को अलंकार कहते हैं अर्थात काव्य की सुन्दरता बढ़ाने वाले को अलंकार कहते हैं।
अलंकार के तीन भेद होते हैं -
1. शब्दालंकार
2. अर्थालंकार
3. उभयालंकार
1. शब्दालंकार - काव्य मे जहाँ शब्द विशेष के प्रयोग से सौन्दर्य मे वृध्दि होती है, वहाँ शब्दालंकार होता है। शब्दालंकार के 3 भेद होते हैं -
i. अनुप्रास अलंकार - जिस काव्य रचना मे एक ही वर्ण की दो या दो से अधिक बार आवृत्ति होती है। वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।
"मुदित महामुनि मंदिर आए, सेवक सचिव सुमंत्र बुलाए।"
यहाँ पहले पद में 'म' वर्ण की तथा दूसरे पद में ‘स’ वर्ण की आवृत्ति हुई है।
ii. यमक अलंकार - काव्य मे जहाँ एक ही शब्द बार-बार आए किन्तु उसका अर्थ अगल-अलग हो, वहाँ यमक अलंकार होता हैं।
"माला फेरत जुग गया, गया न मनका फेर।
करका मनका डारिके मन का मनका फेरि।।"
यहाँ मनका शब्द के दो अर्थ है - पहले मनका का अर्थ ह्रदय है और दूसरे मनका का अर्थ मोती हैं।
iii. श्लेष अलंकार - जहाँ पर एक ही शब्द से अनेक अर्थ का बोध हो रहा हो वहां श्लेष अलंकार होता है जैसे
"सुवरन को खोजत फिरत, कवि व्यभिचारी चोर।"
यहाँ पर सुवरन का 3 अर्थ निकलता है सुंदर वर्ण, सुंदर शरीर तथा सोना। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
2. अर्थालंकार - जहाँ पर अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार होता हो वहाँ अर्थालंकार होता है ।
i. उपमा अलंकार - जहाँ किसी एक वस्तु, व्यक्ति, पदार्थ, प्राणी के गुण, धर्म, जाति, समूह, वर्ग की विशेषता आकार, प्रकार, भेद के कारण किसी दूसरे से तुलना हो, वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।
उदाहरण - पीपर पात सरिस मन डोला।
ii. अतिशयोक्ति अलंकार - जहाँ किसी वस्तु का वर्णन बढ़ा चढ़ाकर किया जाए वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है।
उदाहरण - पानी परात को छुयो नहीं, नैनन के जल सों पग धोए।
iii. उत्प्रेक्षा अलंकार - जहाँ प्रस्तुत उपमेय में कल्पित उपमान की संभावना दिखाई देती है, उसे उत्प्रेक्षा अलंकार कहते हैं।
उदाहरण - सिर फट गया उसका वहीं। मानो अरुण रंग का घड़ा हो।
iv. भ्रांतिमान अलंकार - जहाँ पर समानता के कारण किसी वस्तु में अन्य वस्तु का भ्रम हो जाए वहाँ भ्रांतिमान अलंकार होता है।
पाप महावर देन को नाइन बैठी आय।
पुनि-पुनि जान महावरी एड़ी मोड़ित जाय।।
v. रूपक अलंकार - जहाँ एक वस्तु की दूसरे वस्तु से समानता बताई जाए, वहाँ रूपक अलंकार होता है।
उदाहरण - पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
vi. विरोधाभास अलंकार - जब वाक्य में विपरीत शब्दों के माध्यम से सार्थक बात कही जाए वहां विरोधाभास अलंकार होता है।
या अनुरागी चित्त की गति समुझें नहिं कोई ।
ज्यौं-ज्यों बूढ़ै स्याम रंग, त्यौ-त्यौ उज्जवल होय।।
vii. विशेषयोक्ति अलंकार - काव्य में जहाँ कारण के होते हुए भी कार्य का न होना पाया जाय, वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है।
उदाहरण - नीर भरे नित प्रति रहे तउ न प्यास बुझाए।
viii. प्रतीप अलंकार - 'प्रतीप' का अर्थ होता है- 'उल्टा' या 'विपरीत'। यह उपमा अलंकार के विपरीत होता है। क्योंकि इस अलंकार में उपमान को लज्जित, पराजित या हीन दिखाकर उपमेय की श्रेष्टता बताई जाती है।
उदाहरण - लोचन से अंबुज बने मुख सो चंद्र बखानु !
3. उभयालंकार - जो अलंकार शब्द और अर्थ दोनों पर आधारित रहकर दोनों को चमत्कारित करते हैं, वहाँ उभयालंकार होता है।
भारतीय शेयर मार्केट में अस्थिरता: कारण और भविष्य
21वीं सदी के बाद से भारत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शेयर मार्केट में से एक रहा है। कोविड महामारी के प्रकोप के बाद से यह सब बदल गया है। भारतीय स्टॉक अब उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले से हालात और भी खराब हो गए हैं। ऐसे में आने वाले कुछ हफ्तों में निवेशक क्या उम्मीद कर सकते हैं? चिंता न करें क्योंकि हम वर्तमान संकट के कारणों सहित आपको सब कुछ समझाएंगे।
मार्केट में इस अस्थिरता का कारण क्या है?
भारतीय स्टॉक मार्केट वैश्विक कारकों से प्रभावित हुआ है। सबसे बड़ा कारण 2020 में आई कोविड महामारी थी। यह महामारी न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में, स्टॉक मार्केट में अस्थिरता लाने में महत्वपूर्ण रही है। हालांकि महामारी अब काफी हद तक कम हो गई है, लेकिन इसका प्रभाव अभी भी बना हुआ है। यह वास्तव में अर्थव्यवस्था के लिए महामारी के प्रभाव के चंगुल से बाहर आने का समय है।
पिछले कुछ वर्षों में तेल की बढ़ती कीमतों ने भी भारतीय स्टॉक मार्केट की बढ़ती अस्थिरता में योगदान दिया है। भारत अभी भी अपनी विशाल ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए कच्चे तेल के आयात पर निर्भर है। इस प्रकार, तेल की ऊंची कीमतें भारतीय अर्थव्यवस्था और स्टॉक मार्केट के लिए हानिकारक हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर महंगाई का कहर जारी है। इसलिए, लोगों के खरीदने की क्षमता में काफी गिरावट आई है। स्वाभाविक रूप से, इसका भारतीय स्टॉक मार्केट पर सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसके साथ ही, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध वैश्विक स्टॉक मार्केट के लिए खराब रहा है। फलस्वरूप, भारतीय स्टॉक मार्केट भी इससे प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है। युद्ध ने भारतीय रिज़र्व बैंक के लिए मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना बहुत कठिन बना दिया है।
भविष्य में क्या उम्मीद करें
इस तरह की अस्थिरता और मुद्रास्फीति अगले कुछ हफ्तों में बने रहने की संभावना है। आने वाले हफ्तों में भी सुधार की उम्मीद बहुत कम है। ऐसा अर्थशास्त्री दिलीप भट्ट का मानना है। उनका कहना है कि यह ट्रेंड अगले दो से तीन तिमाहियों तक जारी रहने की संभावना है।
अर्थशास्त्री अमनीश अग्रवाल के अनुसार, भारतीय आईटी कंपनियां भविष्य में भी मजबूती से प्रदर्शन करती रहेंगी। उनका सुझाव स्टॉक में निवेश के लिए मिडकैप से लार्ज स्केल आईटी कंपनियों को लक्षित करने का है। क्योंकि, यह स्टॉक मार्केट में आने वाले हफ्तों में निवेश करने लायक एक क्षेत्र है। अमनीश अग्रवाल की सलाह है की उन संस्थाओं में निवेश करने की सोचें जिनके स्टॉक पहले से ही महत्वपूर्ण सुधार के दौर से गुजर रहे हैं।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य वित्तीय उद्देश्यों के लिए है। आपको इसे किसी भी कानूनी या कर निर्धारण या निवेश या बीमा सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। वित्तीय निर्णय लेने की स्थिति में आपको अलग से स्वतंत्र सलाह लेनी चाहिए।
21वीं सदी के बाद से भारत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शेयर मार्केट में से एक रहा है। कोविड महामारी के प्रकोप के बाद से यह सब बदल गया है। भारतीय स्टॉक अब उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले से हालात और भी खराब हो गए हैं। ऐसे में आने वाले कुछ हफ्तों में निवेशक क्या उम्मीद कर सकते हैं? चिंता न करें क्योंकि हम वर्तमान संकट के कारणों सहित आपको सब कुछ समझाएंगे।
मार्केट में इस अस्थिरता का कारण क्या है?
भारतीय स्टॉक मार्केट वैश्विक कारकों से प्रभावित हुआ है। सबसे बड़ा कारण 2020 में आई कोविड महामारी थी। यह महामारी न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में, स्टॉक मार्केट में अस्थिरता लाने में महत्वपूर्ण रही है। हालांकि महामारी अब काफी हद तक कम हो गई है, लेकिन इसका प्रभाव अभी भी बना हुआ है। यह वास्तव में अर्थव्यवस्था के लिए महामारी के प्रभाव के चंगुल से बाहर आने का समय है।
पिछले कुछ वर्षों में तेल की बढ़ती कीमतों ने भी भारतीय स्टॉक मार्केट की बढ़ती अस्थिरता में योगदान दिया है। भारत अभी भी अपनी विशाल ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए कच्चे तेल के आयात पर निर्भर है। इस प्रकार, तेल की ऊंची कीमतें भारतीय अर्थव्यवस्था और स्टॉक मार्केट के लिए हानिकारक हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर महंगाई का कहर जारी है। इसलिए, लोगों के खरीदने की क्षमता में काफी गिरावट आई है। स्वाभाविक रूप से, इसका भारतीय स्टॉक मार्केट पर सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसके साथ ही, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध वैश्विक स्टॉक मार्केट के लिए खराब रहा है। फलस्वरूप, भारतीय स्टॉक मार्केट भी इससे प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है। युद्ध ने भारतीय रिज़र्व बैंक के लिए मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना बहुत कठिन बना दिया है।
भविष्य में क्या उम्मीद करें
इस तरह की अस्थिरता और मुद्रास्फीति अगले कुछ हफ्तों में बने रहने की संभावना है। आने वाले हफ्तों में भी सुधार की उम्मीद बहुत कम है। ऐसा अर्थशास्त्री दिलीप भट्ट का मानना है। उनका कहना है कि यह ट्रेंड अगले दो से तीन तिमाहियों तक जारी रहने की संभावना है।
अर्थशास्त्री अमनीश अग्रवाल के अनुसार, भारतीय आईटी कंपनियां भविष्य में भी मजबूती से प्रदर्शन करती रहेंगी। उनका सुझाव स्टॉक में निवेश के लिए मिडकैप से लार्ज स्केल आईटी कंपनियों को लक्षित करने का है। क्योंकि, यह स्टॉक मार्केट में आने वाले हफ्तों में निवेश करने लायक एक क्षेत्र है। अमनीश अग्रवाल की सलाह है की उन संस्थाओं में निवेश करने की सोचें जिनके स्टॉक पहले से ही महत्वपूर्ण सुधार के दौर से गुजर रहे हैं।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य वित्तीय उद्देश्यों के लिए है। आपको इसे किसी भी कानूनी या कर निर्धारण या निवेश या बीमा सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। वित्तीय निर्णय लेने की स्थिति में आपको अलग से स्वतंत्र सलाह लेनी चाहिए।
विरोध प्रदर्शनों पर तालेबान का हिंसक होता रवैया – यूएन की मानवाधिकार चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने आगाह किया है कि अफ़ग़ानिस्तान के अनेक हिस्सों में, नया तालेबान प्रशासन पिछले चार सप्ताह से, शान्तिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध हिंसक कार्रवाई कर रहा है. इस दौरान गोलियों, लाठियों और कौड़ों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
Peaceful protesters across #Afghanistan have faced an increasingly violent response over past 4 weeks. We call on the Taliban to immediately cease use of force & arbitrary detention of those exercising their right to peaceful अस्थिरता के दो प्रकार हैं assembly, incl. journalists: https://t.co/gNCVDh0VGw pic.twitter.com/5dxtg8SMn1
यूएन मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को तालेबान ने एक नया आदेश जारी किया, जिसमें अनुमति लिये बिना, सभाएँ आयोजित किये जाने पर पाबन्दी लगा दी गईं.
इसके एक दिन बाद, दूरसंचार कम्पनियों को, राजधानी काबुल के कुछ ख़ास हिस्सों में मोबाइल फ़ोन पर इण्टरनेट की उपलब्धता पर रोक लगाने का आदेश दिया गया.
यूएन एजेंसी के अनुसार, इस गहरी अनिश्चितता के समय में सड़कों पर उतर रहे अफ़ग़ान महिलाओं और पुरुषों की आवाज़ों को सुनना, सत्ता में बैठे लोगों के लिये अहम है.
“हम तालेबान से बलप्रयोग रोकने, शान्तिपूर्ण ढंग से सभा करने के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे लोगों और विरोध प्रदर्शन की कवरेज कर रहे पत्रकारों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिये जाने को, तत्काल रोकने का आग्रह करते हैं.”
असहमतियों के स्वर
यूएन मानवाधिकार कार्यालय के मुताबिक़, 15 अगस्त के बाद से ही अफ़ग़ानिस्तान में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और बुधवार तक उनकी संख्या बढ़ती जा रही थी. इसके बाद ही ग़ैरक़ानूनी सभाओं पर पाबन्दियाँ लगाई गई हैं.
15 से 19 अगस्त के दौरान, नांगरहार और कुनार प्रान्त में लोग राष्ट्रीय ध्वज के साथ आयोजनों के लिये एकत्रित हुए.
विश्वसनीय ख़बरों के अनुसार, उस अवधि में तालेबान द्वारा कथित तौर पर, भीड़ को तितर-बितर करने के दौरान, एक पुरुष और एक लड़के की कथित रूप से मौत हो गई और आठ लोग गोलीबारी में घायल हो गए.
7 सितम्बर को, तालेबान ने, रात में एक प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से दो लोगों की हत्या कर दी और इस कार्रवाई में, सात लोग ज़ख्मी हो गए.
उसी दिन काबुल में विश्वसनीय रिपोर्टों के मुताबिक़, तालेबान ने प्रदर्शनकारियों को पीटा और उन्हें हिरासत में ले लिया, जिनमें अनेक महिलाएँ और 15 पत्रकार शामिल हैं.
बुधवार को महिला प्रदर्शनकारियों के एक बड़े प्रदर्शन के दौरान, काबुल के दश्ती-बार्ची इलाक़े में कम से कम पाँच पत्रकारों को हिरासत में ले लिया गया और दो मीडियाकर्मियों को कई घण्टों तक बुरी तरह पीटा गया.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने बताया कि फैज़ाबाद शहर में महिलाओं द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान, तालेबान ने हवा में गोलियाँ चलाईं और अनेक अस्थिरता के दो प्रकार हैं प्रदर्शनकारियों को पीटा.
इनमें, अनेक महिलाएँ और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं.
काबुल में महिलाओं के एक छोटे से समूह को हिंसक तरीक़े से तितर-बितर किया गया और तालेबान ने उनके सिरों के ऊपर से गोलियाँ चलाईं.
काबुल में, पत्रकारों के ख़िलाफ़ अपराधों को रोकने के लिये मनाए जाने वाले दिवस पर, कुछ पत्रकारों की मौजूदगी (नवम्बर 2018)
उसी दिन कपिसा और टकहार प्रान्तों में महिलाओं को हिंसक ढंग से तितर-बितर किया गया और अनेक महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया.
अन्तरराष्ट्रीय क़ानून
यूएन एजेंसी की प्रवक्ता ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि शान्तिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानूनों के तहत रक्षा प्रदान की गई है.
रवीना शमदासानी के अनुसार तालेबान सरकार को, एक सुरक्षित, समर्थ और कोई भेदभाव नहीं करने वाला माहौल बनाना होगा ताकि लोग अपने मानवाधिकारों का इस्तेमाल कर सकें.
इनमें अभिव्यक्ति की आज़ादी और शान्तिपूर्ण ढंग से एकत्र होने का अधिकार भी है.
बताया गया है कि शान्तिपूर्ण सभाओं पर पूर्ण पाबन्दी, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है और यही बात इण्टरनेट माध्यमों पर रोक लगाए जाने पर भी लागू होती है, जो कि आवश्यकता और आनुपातिकता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि घटनाक्रम की कवरेज में जुटे पत्रकारों के विरुद्ध, किसी भी प्रकार की बदले की भावना से कार्रवाई या उनके उत्पीड़न से बचा जाना होगा.
यूएन एजेंसी के प्रवक्ता ने ध्यान दिलाया कि यह सुनिश्चित किया जाना होगा कि अन्तिम उपाय के तौर पर ही बल का प्रयोग किया जाए.
केवल उन्हीं हालात में, जबकि बल प्रयोग करना बेहद आवश्यक हो, और इन हालात में, ज़रूरत के अनुरूप बल और आग्नेय अस्त्रों का उपयोग तभी किया जाए जब मौत या गम्भीर चोट पहुँचने का ख़तरा हो.
बढ़ती भुखमरी
इस बीच, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने शुक्रवार को एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में आर्थिक बदहाली और अनिश्चितता के बीच भुखमरी बढ़ रही है.
यूएन एजेंसियाँ, अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में, ज़रूरतमन्द लोगों को भोजन व कम्बल वग़ैरा मुहैया करा रही हैं.
लगभग 93 फ़ीसदी घरों के लिये भरपेट खाना सम्भव नहीं है. हर चार में से तीन परिवार अपनी ख़ुराक कम कर रहे हैं और वे मांगकर अपने पेट भरने के लिये मजबूर हैं.
21 अगस्त से 5 सितम्बर तक सभी 34 प्रान्तों में कराए गए एक सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि परिवारों को अब सस्ती, कम पोषक खाद्य सामग्री ख़रीदने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है और अपने बच्चों को भोजन देने के लिये, अक्सर माँ-बाप को भूखा रहना पड़ रहा है.
15 अगस्त और तालेबान द्वारा सत्ता हथियाए जाने से पहले, 81 फ़ीसदी घरों में पहले ही पेट भर भोजन उपलब्ध नहीं था और हर तीन में से एक अफ़ग़ान व्यक्ति के बराबर संख्या में, लोग खाद्य असुरक्षा की चपेट में थे.
यूएन एजेंसी के मुताबिक़, परिवारों को अब प्रोटीन प्रचुर भोजन कम मिल रहा है – 15 अगस्त से पहले, हर सात दिन में एक बार, उन्हें प्रोटीन वाला भोजन मिलता था, लेकिन अब 15 दिन में एक बार ही ऐसा भोजन मिल पाता है.
यूएन एजेंसी ने सचेत किया है कि सर्दी के आगमन से पहले और आर्थिक बदहाली के दौरान, ज़रूरतमन्द अफ़ग़ान जनता तक सहायता पहुँचाने का समय तेज़ी से हाथ से निकलता जा रहा है.
अंतर्निहित अस्थिरता और अस्थिरता तिरछ के बीच संबंध क्या है? | इन्व्हेस्टोपियाडिया
अस्थिरता तिरछा हड़ताल की सीमाओं के बीच की विकल्पों के लिए निहित वाष्पशीलता के आकार को संदर्भित करता है, उसी समय की समाप्ति तिथि के विकल्पों के लिए। परिणामस्वरूप आकार अक्सर एक तिरछा या मुस्कुराहट दिखाता है, जहां धन के बाहर विकल्पों के लिए अंतर्निहित अस्थिरता के मूल्यों को स्ट्राइक मूल्य की तुलना में अधिक है जो अंतर्निहित साधन की कीमत के करीब है।
अंतर्निहित अस्थिरता
अंतर्निहित अस्थिरता एक विकल्प के अधीन संपत्ति की अनुमानित अस्थिरता है यह एक विकल्प की कीमत से प्राप्त होता है, और कई विकल्प मूल्य निर्धारण मॉडल जैसे कि ब्लैक-स्कोल्स विधि के इनपुट में से एक है। हालांकि, अंतर्निहित अस्थिरता को सीधे मनाया नहीं जा सकता। इसके बजाय, यह विकल्प मूल्य निर्धारण मॉडल का एक तत्व है जो सूत्र से बाहर होना चाहिए। उच्चतर निहित वाष्पशीलता का परिणाम उच्च विकल्प मूल्यों में होता है।
अंतर्निहित अस्थिरता अनिवार्य रूप से बाज़ार के विश्वास को दिखाती है कि अंतर्निहित अनुबंध की भविष्य की अस्थिरता दोनों ऊपर और नीचे है। यह दिशा की भविष्यवाणी नहीं प्रदान करता है हालांकि, अंतर्निहित परिसंपत्ति की कीमत नीचे जाती है क्योंकि अंतर्निहित अस्थिरता मूल्य बढ़ जाता है। मंदी का बाजार माना जाता है कि ऊपर की ओर बढ़ने वाले लोगों की तुलना में अधिक जोखिम होगा।
व्यापारियों को सस्ते अस्थिरता की खरीद करते समय आम तौर पर उच्च अस्थिरता बेचना चाहते हैं कुछ विकल्प रणनीतियों शुद्ध अस्थिरता नाटकों हैं और किसी परिसंपत्ति की दिशा के विपरीत, अस्थिरता में परिवर्तन पर लाभ की तलाश करना। वास्तव में, यहां तक कि वित्तीय अनुबंध भी होते हैं जो अंतर्निहित अस्थिरता को ट्रैक करते हैं। वालटेटिलिलिटी इंडेक्स (वीआईएक्स) शिकागो बोर्ड ऑफ ऑप्शन एक्सचेंज (सीबीओई) पर वायदा अनुबंध है जो 30-दिन की अस्थिरता की अपेक्षाओं को दर्शाता है वीएक्स की गणना एसएंडपी 500 इंडेक्स के विकल्पों के अंतर्निहित अस्थिरता मूल्यों के आधार पर की जाती है। इसे अक्सर डर इंडेक्स के रूप में जाना जाता है VIX बाज़ार में गिरावट के दौरान बढ़ता जाता है और बाज़ार में उच्च अस्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है।
स्काइज़ के प्रकार
विभिन्न प्रकार के अस्थिरता स्काइप हैं स्काइज़ के दो सबसे सामान्य प्रकार आगे हैं और रिवर्स स्काइप हैं।
रिवर्स स्काइप के विकल्प के लिए, उच्च विकल्प स्ट्राइकों की तुलना में कम विकल्प स्ट्राइक पर निहित अस्थिरता अधिक है इस प्रकार की तिरछा अक्सर सूचकांक विकल्पों पर मौजूद होता है, जैसे एसएंडपी 500 सूचकांक पर। इस तिरछा का मुख्य कारण यह है कि बाजार की कीमतों में बाजार की कीमतों में गिरावट की संभावना है, भले ही यह एक दुर्लभ संभावना हो। यह अन्यथा धन के बाहर विकल्पों में से नहीं लगाया जा सकता है
फॉरवर्ड स्काई के विकल्प के लिए, अस्थिरता की अस्थिरता मूल्य स्ट्राइक प्राइस चेन के साथ उच्च अंक पर चढ़ जाता है। निचला विकल्प हमले में, निहित अस्थिरता कम है, जबकि उच्च हड़ताल की कीमतों में यह उच्च है।यह आमतौर पर कमोडिटी बाजारों के लिए आम है, जहां आपूर्ति में कुछ कमी के कारण बड़ी कीमत में बढ़ोतरी की अधिक संभावना है। उदाहरण के लिए, मौसम संबंधी मुद्दों से कुछ वस्तुओं की आपूर्ति नाटकीय रूप से प्रभावित हो सकती है प्रतिकूल मौसम की स्थिति कीमतों में तेजी से बढ़ सकती है बाजार की कीमतों में यह संभावना है, जो निहित अस्थिरता के स्तर से परिलक्षित होता है।
कूपन दर और किसी दिए गए बांड की उत्तलता के बीच के संबंध क्या हैं?
बांड की कूपन दर, इसकी उपज और इसकी उत्तलता के बीच के रिश्ते के बारे में पढ़ते हैं, और क्यों शून्य-कूपन बॉन्ड में सर्वोच्च उत्तलता होती है।
अमेरिकी शेयर की कीमतों और यू.एस. डॉलर के मूल्य के बीच के संबंध क्या हैं?
किसी भी दो चर (या चर के सेट) के बीच संबंध, एक संबंध को सारांशित करता है, दो अस्थिरता के दो प्रकार हैं चर के बीच कोई वास्तविक-विश्व संबंध है या नहीं। सहसंबंध गुणांक हमेशा 1 और +1 के बीच होगा इन दो चरम सीमाओं को सही सहसंबंध माना जाता है।
मुद्रास्फीति और ब्याज दर जोखिम के बीच के संबंध क्या हैं? | इन्वेस्टोपेडिया
मुद्रास्फीति और ब्याज दर जोखिम के बीच के संबंध के बारे में जानें केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ाते हैं जब मुद्रास्फीति खतरे बन जाती है
"अस्थिरता" शब्दकोश में हिन्दी का अर्थ
हिन्दी साहित्य, उद्धरणों और समाचारों में अस्थिरता के बारे में उपयोग के उदाहरण
हिन्दी किताबें जो «अस्थिरता» से संबंधित हैं
निम्नलिखित ग्रंथसूची चयनों में अस्थिरता का उपयोग पता करें। अस्थिरता aसे संबंधित किताबें और हिन्दी साहित्य में उसके उपयोग का संदर्भ प्रदान करने वाले उनके संक्षिप्त सार।.
द्विवेदी जी ने जिम अर्थ में ' अस्थिरता' का संयोग किया था, इसे उन्होंने भी स्वीकार किया और उन्होंने तो यह भी बताया कि जिम व्यकरण में 'मालिक', 'मौलाना' और 'पके-, 'बहाने-ट' आदि शकों .
अधिक अस्थिरता (जगा-भाभी: ।प१वाभीय) असके अस्थिरता का अभिप्राय है-असके कलिताप के निपदन के विशिष्ट मानक से विचलन या व्य." । अस्थिरता दो प्रकार की होती है-(4) उत्पादन अस्थिरता .
जब व्यक्ति का ध्यान एक ही उद्दीपक के एक पहलू ( द्ध5हू38८ष्टि ) से दूसरे पहलू पर परिवर्तितत होता है तो इसे अवधान अस्थिरता ( ८111०।11९1।1०।1०ड्ड६ष्टि-11।1०:1) की संज्ञा दी जाती है। परन्तु .
इस विषय पर किये गये प्रयोगों से पता चला कि यदि उद्दीपन के एँ स्वरूप को समरूप ( 1१०1110हुआ0115 ) तथा स्थिर वना दिया जाये तो इससे व्यक्ति _कै प्रत्यक्षीकरण में अस्थिरता ( 1118011 11 11 ) .
1111571106 निस्तेज, आत्मारहित; 11118.111(1 अस्थिर, डॉवाडोल; दूषित, बिगड़, हुआ; 11.15011111110 अमाशय, अथाह; 1111..1,1 अध्वरे; अथाह; अत- 11118.11111288 अध्वनिकता; याम 111180.(1 ऋ" न किया हुआ; .
अवधान में अस्थिरता तथा उच्वलन का गुण पाया जाता है 1/ ८111टा11ड्ड०1: 11८15 111८3 1व्र7०1प्र671हूँ ०//11८८2र्ट८उर्टा011 411०1 51णा111ड्ड/1 -. अवधान में अस्थिरता ( हँ111९रं11वां1०11 ) तथा .
आधुनिक परिवार अस्थिर है । परित्याग (1):5.1111), पृथक्करण (मुवा" 11011), तलाक (11. ) अदि को सखिया की चुहिया इसका प्रमाण है: इस अस्थिरता के मुख्य कारण निम्नलिखित है-री) यारिजारिक .
. जन्मदर बराबर गिर रही है । इससे परिवार की अस्थिरता बला है क्योंकि बच्चे को अनुपस्थिति में पति-पागे में उत्तरदायित्व को भावना कम होती है और परिवारिक वन्दन भी घनिष्ट नहीं रह पता ।
अनिधरिm . अनियमm . 2 बिनबंदोबस्ती अस्थिरता के दो प्रकार हैं f . अव्यवस्था f . 8 चंचळपणाm . अस्थिरपणाm . अस्थिरता fi . UNsHAcKLED , u . v . FaEE . विनवेडोचा , बंदावेगव्या - निराव्य , विशृंखाल . UNsHAKEN , a . न हालवलेला .
काकी विशलेषण 235 य७७ख संवेगात्मक अस्थिरता के मदए मैं विशलेषण सबसे अन्त में, आत्म-प्रत्यय के संवेगात्मक अस्थिरता आयाम का शिक्षित चढा, जति व औन-भिन्नता के भन्दर्भ में इनके .
«अस्थिरता» पद को शामिल करने वाली समाचार सामग्रियां
इसका पता लगाएं कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रेस ने निम्नलिखित समाचार सामग्रियों के बारे में क्या चर्चा की है और इस संदर्भ में अस्थिरता पद का कैसे उपयोग किया है।
टेम्पलटन इमर्जिंग मार्केट्स ग्रुप के कार्यकारी चेयरमैन मार्क मोबियस ने कहा है कि इस साल उभरते बाजारों में हो रहे उतारचढ़ाव कम होने की संभावना है और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर परेशान करने वाला नहीं . «Business Standard Hindi, नवंबर 15»
दुनियाभर में बढ़ते आतंकी खतरे को देखते हुए डर है कि कहीं आतंकियों के हाथ परमाणु हथियार न लग जाएं। परमाणु हथियारों से लैस पाकिस्तान में बढ़ती अस्थिरता को देखते हुए अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के . «Webdunia Hindi, नवंबर 15»
शेयर बाजार में अस्थिरता की आशंका · सोना-चांदी अब निर्णायक मोड़ पर · ग्वार गम और पावडर के निर्यात में 50 फीसदी की कमी · हरियाणा में 51.88 लाख टन धान की आवक · सीसीआई . आप यहाँ हैं: ब्रोकर रिसर्च|ब्रोकर राय|शेयर बाजार में अस्थिरता की आशंका . «Moltol.in, नवंबर 15»
अंधरे पर उजाले की जीत के पर्व दीपावली की प्रदोष वेला में प्रज्ज्वलित दीपक की लौ से मिले शगुण को ज्योतिषियों ने राजनीतिक व सामाजिक अस्थिरता का सूचक बताया है। पं. मोहनलाल गर्ग ने बताया कि इस बार दिवाली की रात्रि 9 बजे बाद महालक्ष्मी . «Rajasthan Patrika, नवंबर 15»
त्यामुळे दाळीचे दर घसरु लागले. त्यापोठोपाठ सरकारचेे दाळीबाबत दररोज वेगवेगळे व्यक्तव्य होत असल्याने संभ्रमाची स्थिती निर्माण झाली. त्यात आता १०० रुपयात दाळ देऊ, असे मुख्यमंत्रांनी जाहीर केले आणि पुन्हा अस्थिरता निर्माण झाली. «Lokmat, नवंबर 15»
आज, 4 नवंबर अस्थिरता के दो प्रकार हैं को पूरे रूस में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने की परंपरा 10 साल पहले शुरू की गई थी। यह दिवस लगभग 400 साल पहले की घटनाओं से जुड़ा हुआ है जब रूस में अस्थिरता काल समाप्त हुआ था। यह रूसी इतिहास का सबसे . «स्पूतनिक इण्टरनेशनल
गुवाहाटी| अरुणाचल में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में बड़े पैमाने पर विवाद उभर कर सामने आया है। कांग्रेस के पांच विधायकों ने मुख्यमंत्री नाबाम तुकी पर गंभीर राजनैतिक अस्थिरता और अराजक शासन व्यवस्था चलाने का आरोप लगाया है। «Current Crime, नवंबर 15»
लोगों की आजादी पर अतिक्रमण की घटनाओं की निंदा करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अस्थिरता पैदा कर कोई राजनीतिक लाभ नहीं हासिल किया जा सकता और ऐसे तत्व देश का विकास नहीं चाहते। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख . «नवभारत टाइम्स, नवंबर 15»
उन्होंने कहा, 'भारत की सिर्फ चिंता है कि संविधान सभी तबकों को स्वीकार्य होना चाहिए और इससे अस्थिरता नहीं पैदा होनी चाहिए और शांति भंग नहीं होनी चाहिए.' मधेसियों द्वारा भारत से लगे प्रमुख व्यापारिक बिन्दुओं की नाकेबंदी के कारण . «ABP News, नवंबर 15»
मुंबई : महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन की पार्टियों के बीच दरार बढ़ने के बीच प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण ने आज कहा कि राज्य राजनीतिक अस्थिरता की ओर बढ़ रहा है जिससे भाजपा नीत सरकार की निर्णय लेने की क्षमता और कामकाज प्रभावित . «Zee News हिन्दी, अक्टूबर 15»