ईश्वर के दलाल

श्री स्वामी जी महाराज जी ने बड़ी ही सरल एवं मनोहारिणी शैली में इस व्याख्यान व लेख-संग्रह में ध्यान-योग साधना के विविध अंगों के रहस्य पर प्रकाश डालकर सामंजस्य स्थापित किया है । साधना-पथ के पथिक-जनों के लिए यह विवेचन अत्यन्त उपयोगी है, साथ ही श्रीरामशरणम की शुद्ध विचारधारा के प्रचार-कार्य में भी सहायक रहेगा । प्रस्तुत संकलन सन् १९२५ के पूर्व का है और इसे आंशिक संशोधन तथा परिवर्द्धन करके प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक से साधकों को अध्यात्म ज्ञान तथा व्यावहारिक ज्ञान की प्रेरणा प्राप्त होगी एवं उनका ज्ञानवर्द्धन भी होगा । इस विषय का विस्तृत ज्ञान का वर्णन वृहद रूप में श्री स्वामी ही महाराज ने अपने मौलिक एवं अनुपम ग्रन्थ 'भक्तिप्रकाश' में बड़ी सरल तथा सुबोध हिंदी भाषा में किया गया है । यह अवतरित ग्रन्थ पूर्ण आध्यात्मिक है । इसका पठन, मनन व् चिंतन कर और उसे आचरण में उतार कर अपने जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है ।
ईश्वर के दलाल
श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज के ग्रन्थ Scriptures ईश्वर के दलाल by Shree Swami Satyanand Ji Maharaj
eBooks by Shree Ram Sharnam, New Delhi
ऐसे वचन-शब्द समूह, जो अमृत हैं, ऐसे बोल जो अमरत्व प्रदान करते हैं - जो अमर बना देते हैं, ऐसी वाणी जिसके बोलने - गाने से व्यक्ति अमर हो जाता है, वह अमृतवाणी .
अमृतवाणी का नित्य गाना
राम - राम मन बीच रमाना |
देता संकट - विपद निवार
करता शुभ श्री मंगलाचार ||Download Amritvani in Various Options / Formats (for reading Online, Offline, MP3, MP4, Interactive - Synchronised with Audio & text in Indian Regional Languages)
जो भावनावान भावुक जन, भागवती भक्ति - भागीरथी में स्नान करने के इच्छुक हैं, जो भक्ति धर्म के मर्म को जानना चाहते हैं, और जो भक्ति योग के सच्चे, सरल, सरस, सुपथ पर चलने के अभिलाषी हैं उनको स्वामी सत्यानन्द - रचित, भक्ति - प्रकाश ग्रन्थ सुमननपूर्वक पढना चाहिए
बद्रीनाथ की शान
हमारी खास आदत है यदि हम एक काम को लगातार कुछ समय तक करते रहते हैं तो वह हमारी आदत में शुमार हो जाता है। जैसे कुछ लोगों की आदत सुबह उठकर चाय पीने की होती है । एेसे में वह उसके बिना नहीं रह सकते। इसी तरह से सुबह टहलने जाने वाले अपनी आदत को नहीं छोड़ते भले ही कितना भी ईश्वर के दलाल जाड़ा हो या गर्मी। दरअसल कोई भी काम चाहे वह अच्छा हो या बुरा यदि हम उसे लंबे समय तक निरंतर करते रहते हैं तो उसके आदी हो ईश्वर के दलाल जाते हैं और यह हमारे बिहेवियर में आ जाता है। कोरोना के डर के बहाने ही सही बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने , दूसरों से हाथ न मिलाने ,साफ- सफाई रखने जैसी कई चीजों के हम मजबूर हैं। अच्छी ईश्वर के दलाल बात यह है कि डर के कारण ही सही लेकिन स्वास्थ्य के लिए इन अच्छी आदतों को हमें यूं ही भविष्य में भी जारी रखना होगा। यह कहना है ईश्वर के दलाल किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू )के मनोरोग विभाग के हेड डॉ. पीके दलाल व नेशनल पीजी कॉलेज की साइकोलॉजिस्ट डॉ. नेहाश्री श्रीवास्तव का।
पंडित और फिक्सर
प्रिय दादू,
मुझे उन परजीवी दलालों से बहुत चिढ़ है जो पैसे लेकर दूसरों के काम करवाते हैं। बल्कि मैं इस वर्ग के लोगों से घृणा करता हूं।
ये ‘फिक्सर’ अक्सर बुद्धिमान और पढ़े-लिखे व्यक्ति होते हैं परंतु वे कोई उत्पादक या उपयोगी काम नहीं करते। लीच की तरह वे सबका – चाहे वह गरीब हो या अमीर – खून चूसते हैं और मोटे होते जाते हैं। और यह सिर्फ इसलिए क्योंकि उनकी राजनेताओं या अफसरों तक पहुंच होती है या वे उन्हें नियंत्रित करते हैं।
अगर कोई काम कानूनी है और उसे करना संबंधित अधिकारी का कर्तव्य है तब दलाल का शुल्क अपेक्षाकृत कम होता है परंतु यदि हम सही ‘फिक्सर’ को ढूंढ निकालें और उसे मुंहमांगा शुल्क देने को तैयार हों तो हमारे देश में पूरी तरह गैरकानूनी और अनैतिक काम भी आसानी से करवाया जा सकता है।
पटवारी एवं उसका स्टाम्प वेंडर दलाल आठ हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार
जयपुर (jaipur) . भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की दौसा टीम ने कार्रवाई करते हुए हिण्डौन जिला करौली (Karauli) पटवारी और उसके स्टाम्प वेंडर दलाल को परिवादी से आठ हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि एसीबी की दौसा टीम को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि 90ए की कार्रवाई में मौका रिपोर्ट बनाने की एवज में पटवारी राहुल जाट अपने स्टॉम्प वैण्डर दलाल ईश्वर सिंह धाकड़ के माध्यम से 11 हजार 500 रुपये की रिश्वत राशि मांग रहा है.
एसीबी दौसा टीम के अतिरिक्त पुलिस (Police) अधीक्षक महेन्द्र कुमार शर्मा के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन कर ट्रेप की कार्रवाई करते हुए दलाल ईश्वर सिंह धाकड़ को परिवादी से 8 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में पटवारी राहुल जाट को भी मौके पर गिरफ्तार किया गया है.
भाजपा को वोट मत देना वरना चाय ही बिकवा देगी: किसान ने सुसाइड नोट में लिखा | NATIONAL NEWS
नई दिल्ली। उत्तराखंड में एक किसान ने जहरीदे पदार्थ का सेवन करके सुसाइड कर लिया। वो बैंक लोन फ्रॉड का शिकार था। उसने सुसाइड नोट में अपनी मौत की वजह तो लिखी ही, साथ ही यह भी लिखा कि भाजपा को वोट मत देना। सुसाइड नोट में उनसे भाजपा के प्रति जमकर भड़ास निकाली है।
उत्तराखंड के लक्सर के ढाढेकी गांव के ईश्वरचंद को एक दलाल ने बैंक से लोन दिलवाने का दावा किया था। लोन दिलवाते समय दलाल ने किसान से ब्लैंक चेक ले लिया था। लोन का पैसा आते ही दलाल ने चेक से सारी रकम निकाल ली। किसान को एक रुपया भी नहीं मिला था। उधर, बैंक ने किसान पर कर्ज़ वापसी के लिए दबाव बनाया हुआ था। परेशान किसान ने 8 अप्रैल की सुबह सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को किसान की जेब से एक सुसाइट नोट मिला था।