ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स

क्रिप्टोकरेन्सी का सिद्धांत

क्रिप्टोकरेन्सी का सिद्धांत

समितियाँ और अनुशंसाएँ MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for Committees and Recommendations - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें

पाईये समितियाँ और अनुशंसाएँ उत्तर और विस्तृत समाधान के साथ MCQ प्रश्न। इन्हें मुफ्त में डाउनलोड करें समितियाँ और अनुशंसाएँ MCQ क्विज़ Pdf और अपनी आगामी परीक्षाओं जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC की तैयारी करें।

Etheros का अर्थशास्त्र

उपभोक्ता अनेकों निजी एवं व्यावसायिक कार्य एक कंट्रोल पैनल की मदद से कर सकते हैं। यह सम्पत्ति को डिजिटली संचालित करना आसान बना देती है। इसकी मदद से वह गेम अथवा डिजिटल रूप में कुछ भी सृजन करने की ताक़त रखते हैं।

उत्तरवर्तन क्रिप्टोकरेन्सी का सिद्धांत मेकनिज़म

दिए गए स्थलों और उन्मे खोजे जाने वाले पदार्थों के मालिक अपनी सम्पत्ति का वारिस आज़ादी से चुन सकते हैं।

चार प्रणालियाँ

Etheros संसार चार प्रणालियों पर निर्मित है।

नीलामी प्रणाली

एक अतिरिक्त प्रणाली जो सिर्फ़ तभी इस्तेमाल की जाती है जब एक से अनेक उपभोक्ता एक साधन के लिए इच्छुक हों।

पेमेंट प्रणाली

उपभोक्ता स्थलों की बिक्री एवं ख़रीदारी सिर्फ़ ETS की मदद से ही कर सकते हैं। वह सारी वस्तुए और सेवाओं की पेमेंट ETS, BTC एवं ETH से कर सकते हैं। ETS टोकन में सौदा करना पूर्ण रूप से निःशुल्क है। जब BTC अथवा ETH का उपयोग किया जाएगा, उस समय एक छोटा शुल्क उपभोक्ता द्वारा लिया जाएगा।

संचार प्रणाली

उपभोक्ता Etheros में पहले से बने मेसेंजर की मदद से प्रत्यक्ष सम्पर्क बना सकते हैं।

पहचान प्रणाली

उपभोक्ता अपनी पहचान अपनी ज़मीन, संसाधन और वस्तुओं की सहायता से, सरलता से बना सकते हैं।

Etheros संसार के

आर्थिक व्यवसाय

Etheros संसार का अर्थशास्त्र अनेकों कारकों पर निर्मित है। यह आर्थिक विकास और निवेशीय विचारों पर अमल करना सरल बना देता है। वस्तुएँ और सेवाएँ मुनाफ़ा कमाने में एक क़ीमती भूमिका अदा करती हैं। आर्थिक वस्तुओं को उनके लागत और लाभ के मुताबिक़ देखें तो वह निवेशीय या उपभोग योग्य वस्तुएँ हैं। वस्तुओं के सम्बंध के मुताबिक़ वह कॉम्प्लिमेंटरी या विकल्प वस्तुएँ हैं।

उपभोग योग्य वस्तुएँ

यह उपभोक्ता की ज़रूरतें सीधे तरीक़े से तृप्त करती हैं और उपभोक्ता के द्वारा तुरंत इस्तेमाल (उपभोग) करने के लिए बनाई जाती हैं।

निवेशीय वस्तुएँ

यह अप्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ता की ज़रूरतें क्रिप्टोकरेन्सी का सिद्धांत पूरी करती हैं तथा दूसरी वस्तुएँ बनाने में सहायता करती हैं।

निजी वस्तुएँ

इन वस्तुओं के पास होने पर, स्वामित्व का हस्तांतरण बेचने वाले के पास पेमेंट पहुँचने के समय किया जाता है।

विकल्प वस्तुएँ

कोई एक प्रकार की वस्तु की ख़रीद पर सामान ज़रूरत पूरी करने वाली वस्तु की ख़रीद अनावश्यक है, जैसे - मशीन के अंगो के निर्माण में सोने की जगह पीतल का इस्तेमाल करना। यह तब ज़रूरी हो जाता है जब शुरुआती वस्तु की लागत बढ़ जाती है।

कॉम्प्लिमेंटरी वस्तुएँ

यह वस्तुएँ एक ही ज़रूरत भिन्न-भिन्न प्रकार से पूरी कर सकती हैं। इस वजह से इनको अक्सर साथ में इस्तेमाल किया जाता है जैसे- कच्चा माल ख़रीदने पर, ज़मीन के मालिक को उपकरण तथा कर्मचारी ख़रीदने या किराए पे लेने की ज़रूरत पड़ना।

सार्वजनिक वस्तुएँ

यह सभी उपभोक्ताओं तथा व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं। किसी उपभोक्ता अथवा व्यक्ति के द्वारा ऐसी वस्तुओं का प्रयोग, अन्य जनों के इस वस्तु के प्रयोग में, बाधा नहीं डालना चाहिए। ऐसी कुछ वस्तुएँ हैं: सड़कें, महासागर, पुल आदि।

Etheros संसार के

आर्थिक संसाधन

प्राकृतिक संसाधन Etheros के अर्थशास्त्र का एक और ज़रूरी हिस्सा हैं। यह वस्तुओं के निर्माण अथवा सेवाओं को सक्षम बनाने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। साथ ही साथ, यह आर्थिक संसाधन के रूप में भी काम करते हैं।

प्राकृतिक संसाधन

यह वो टुकड़े हैं जिनसे Etheros संसार का निर्माण किया गया है जैसे: पौधे, पानी, ऊर्जा, खनिज पदार्थ, तालाब, नदियाँ आदि।

पूँजीगत संसाधन

वास्तविक सम्पत्ति, इमारतें, मशीन, साथ ही साथ कच्ची सामग्री, अन्य पदार्थ आदि। यह संसाधन दुर्लभ हैं।

Etheros की

संचालन प्रक्रियाएँ

उपभोक्ता के सबसे ज़रूरी ज़िम्मेदारियों में से एक - Etheros संसार के अर्थशास्त्र में - इन प्रशनों का उत्तर देना महत्त्वपूर्ण होगा: “किसका उत्पाद करें?”, “कैसे उत्पाद करें?”, “किस समय उत्पाद करें?”, “किसके लिए उत्पाद करें?” एवं “कितने हिस्से की बिक्री करें?” यह सारे प्रशनों का सही उत्तर मूल्य के मालिकाना के साथ मुनाफ़ा कमाने का मौक़ा भी देगा।

उत्पादन

ज़मीन के मालिक वस्तुओं व सेवाओं का उत्पाद लेनदेन के लिए कर सकते हैं। उत्पादन के बारे में उचित योजना के साथ ही सोचना चाहिए, इस प्रकार कि वे अन्य खिलाड़ियों के हित में हो।

विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ उपभोक्ता एवं उत्पादकों के लिए मौजूद हैं। ज़मीन और अन्य पदार्थों/संसाधनों का स्वामित्व ही उपभोक्ताओं की आय तथा धन का स्तर तय करता है।

व्यापार

Etheros संसार में असीमित आउट्लेट की मदद से सेवाओं और वस्तुओं के लिए सामग्री एवं धन का लेनदेन, उपभोक्ताओं को मुनाफ़ा बनाने में सहायता करता है।

नव उदारवाद की तरफ बढाये जा सकते हैं कदम

सत्यम् लाइव, 17 जून 2021, दिल्ली।। कोरोना काल में सरकारें आगे आई है। प्रायः जो कुछ बाजार के भरोसे छोड़ दिया जाता रहा है उसे अब सरकारें नियंत्रित कर रही है।कोरोना काल के बाद जैसे ही सरकारें आगे आई है उसके बाद से कई विशेषज्ञ यह कहना शुरू कर चुके हैं कि हमने नवउदारवाद के अन्तर्गत जो नैरेटिव स्टेब्लिश किया था कि बाजार के भरोसे हमें सब कुछ छोड़ देने चाहिए क्योंकि बाजार सबकुछ स्वयं संतुलित कर लेता है,वह नैरेटिव अब कमजोर हो रहा है।कई विशेषज्ञ कह रहे है कि सरकार की भूमिका को नही नकारा जा सकता है और अब नवउदारवाद और बहुपक्षीयता का डिक्लाइन आएगा। अभी ब्रिटेन के कॉर्नवाल में जी-7 की बैठक हुई है उसमें सम्बंधित देश की सरकारें इस बात पर विचार की है कि मिनिमन कॉरपोरेट टैक्स को पंद्रह प्रतिशत तक लाकर फिक्स कर देना चाहिए। विशेषज्ञ इस कदम को भी सरकार द्वारा बाजार को नियंत्रित करना मान रहे हैं।विशेषज्ञ भविष्य में एक और प्रत्याशा को लेकर बैठे हैं कि सरकारें एक बार फिर क्रिप्टोकरेन्सी के विषय पर अपनी शक्ति का प्रयोग करेगी।क्योंकि क्रिप्टोकरेंसि सरकार नियंत्रित नही है और यदि मुद्रा जारी करनी की शक्ति सरकार के हाथ से निकल जायेगी तो उसके अस्तित्व को ही संकट हो जाएगा और ‘नेशन स्टेट’ की भावना कमजोर हो सकती है।

इसलिए सरकारें क्रिप्टोकरेंसी के विषय पर भी फेसिलिटेटर क्रिप्टोकरेन्सी का सिद्धांत और नियामक के बदले नियंत्रक की भूमिका में आएगी ही। दूसरी ओर नवउदारवाद के क्रिप्टोकरेन्सी का सिद्धांत समर्थंक मानते है कि क्रिप्टोकरेंसि के विषय पर स्टेट का नियंत्रक चरित्र स्वाभाविक तौर पर आएगा। सरकारें इस विषय को बाजार के भरोसे नही छोड़ेगी लेकिन कोरोना काल के क्रिप्टोकरेन्सी का सिद्धांत बाद से राज्य के नियंत्रक चरित्र नियमित हो जाएंगे यह कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी।नवउदारवाद के आलोचक भी मानते हैं कि यह व्यवस्था हमेशा से विपरीत परिस्थितियों से निकल जाती है।जैसा कि अमिरिकी पोलिटिकल सायंटिस्ट फ्रांसिस फुकुयामा भी कहते हैं। हमें थोड़ा इतिहास के झरोखे में झांकने चाहिए।

4-Ads (Photo Banner, Above Related Post)

प्रथम महायुद्ध के बाद जब ‘ग्रेट डिप्रेशन’ आया था तो उदारवाद के भयंकर समर्थंक अमेरिकी राष्ट्रपति ‘फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट’ ने कई ऐसे कार्यक्रम चलाए थे जो उदारवाद के विपरीत था।जिसे ‘न्यू डील’ कहा गया था।यह एक सामान्य सी बात रही है कि मंदी के दौर में सरकारें अपने को आगे लाती है। बाजार मंदी से स्वतः निकल जायेगा यह कम ही देखा जाता है। 2008 के ‘सब प्राइम’ संकट के बाद बराक ओबामा ‘क्वान्टिटेटिव ईजिंग’ प्रोग्राम लेकर आये थे।अर्थव्यवस्था को बाजार के भरोसे नही छोड़ा था। तो कहने का अर्थ है कि मंदी के दौर में और विपरीत स्थिति में सरकार आगे आती रही है।और जे एम किन्स के सिद्धांत पर चलकर स्वयं आगे आकर बाजार में पैसे का फ्लो कराती है और निर्धनों को सामाजिक सहायता भी करती है लेकिन पुनः स्थिति सामान्य होने पर नियंत्रक से फेसिलिटेटर की भूमिका में आ जाती है।इसलिए इस सम्भवना को नकार नही सकते कि कोरोना की स्थिति सामान्य होने पर सबकुछ पहले जैसा हो जाएगा।फिलहाल समय के गर्भ में है।

अब बाज़ार में नहीं दिखेगा इस आइसक्रीम कंपनी का नाम, हाईकोट ने ट्रेडमार्क के उपयोग पर लगाई रोक

आइसक्रीम के शौकीनों में लिए यह खबर काफी खास है। आइसक्रीम बनाने वाली एक कंपनी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्रेडमार्क के उपयोग से मना कर दिया है। यह मामला आइसक्रीम बनाने वाली कंपनी एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम्स से जुड़ा है। अदालत ने कंपनी के उत्पादों में ‘नेचुरल’ या ‘नेचुरल्स’ चिह्नों का उपयोग करने पर रोक लगा दी है।

उच्च न्यायालय ने यह अंतरिम आदेश ‘नेचुरल’ आइसक्रीम के निर्माता की याचिका पर दिया है। अदालत ने कहा कि एकपक्षीय निषेधाज्ञा देने के लिए स्पष्ट मामला बनता है। कोर्ट ने कहा कि यह रोक नहीं लगाए जाने पर कंपनी को अपूरणीय क्षति उठानी पड़ सकती है। अदालत ने कहा कि ‘एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम्स’ के निर्मिताओं को वादी सिद्धांत आइसक्रीम्स एलएलपी के चिन्ह ‘नेचुरल’, ‘नेचुरल्स’ या ‘एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम्स’ और ‘एनआईसी’ के किसी भी रूप में इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है।

भ्रम पैदा करने वाले चिन्ह और मिलती-जुलती पैकिंग करने पर भी रोक है। इसके अलावा कंपनी को नाइसआइसक्रीम्स डॉट कॉम के ‘डोमेन नेम’ का इस्तेमाल से भी रोक दिया गया है। याची ने कहा कि वे 1984 से ‘नेचुरल’ नाम और ब्रांड के तहत आइसक्रीम, आइसक्रीम शेक और संबंधित उत्पादों और सेवाओं की बिक्री कर रहे हैं।

अदालत ने ‘एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम्स’ के निर्माताओं अमित पहिलानी और अन्य को जवाब देने के लिए कहा है। उसने कहा कि ‘एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम्स’ के निर्मिताओं ने गलत तरीके से ‘एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम’ के नाम का चिन्ह पंजीकृत करवा लिया है।

रेटिंग: 4.87
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 572
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *