ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स

रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प

रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प

कानपुर । प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने मंगलवार को छात्रों और युवाओं (Students and Youths) से कहा कि प्रौद्योगिकी (Technology) में उत्कृष्टता हासिल करें (Achieve Excellence), लेकिन खुद का रोबोट संस्करण न बनें (Dont be a Robot version of Yourself ), साथ ही कहा कि मानवीय तत्व को नहीं भूलना चाहिए।

‘Automation’ और ‘AI’ दुनिया की हर चीज की जगह नहीं ले सकती हैं

जब उद्योगों का मशीनीकरण हो रहा था तब कई लोगों का मानना ​​था कि यह मजदूर वर्ग को बेरोजगार कर देगा और उन्हें गरीबी के दलदल में धकेल देगा। कम्युनिस्टों का गहरा विश्वास था कि पूंजीपति उत्पादन के स्वामी बन जाएंगे और समाज में असमानता बढ़ेगी। लेकिन तथ्य यह है कि मशीनीकरण ने संपत्ति के स्वामित्व को लोकतांत्रिक बना दिया है। आविष्कारों के साथ आम लोगों को उत्पादन की नयी सीमाओं को छूने और उससे भी आगे रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प निकल जाने का अधिकार मिला है और पारंपरिक व्यवसायों को आधुनिक मांगों के अनुसार संशोधित किया गया।

एक तरह से औद्योगिक क्रांति ने उत्पादन के स्वरूप को पूरी तरह से नहीं बदला लेकिन कुछ नौकरियां बदली गयीं, कुछ आंशिक रूप से विकसित हुईं और कुछ कभी नहीं बदलीं।

इसी तरह, ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी भविष्य की तकनीकों के विकास के साथ, यह भविष्यवाणी की जाती रही है कि वे दुनिया की हर चीज को बदल देंगे। यह अतिशयोक्ति से परिपूर्ण बात AI आधारित उत्पादों की शानदार तकनीकी क्षमताओं का हवाला देकर की गयी है। यद्यपि निर्जीव चीजों में ये विकास वास्तव में अभूतपूर्व हैं, लेकिन भूलना नहीं चाहिए कि मानव ही इन उत्पादों के स्वामी हैं। ये AI मानवों द्वारा बनायी गयी है जो कि हर चीज की जगह तो नहीं ही ले सकते हैं।

रोबोट वाला विकल्प बेहतर है

कुछ ऐसे कौशल और कार्य हैं जो दोहराए जाते हैं और उनके काम में किसी मानवीय स्पर्श की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे काम रोबोट से कराए जा सकते हैं जिनमें मानव द्वारा पूर्व-स्थापित प्रोग्राम होते हैं। सरल और दोहराए जाने वाले कार्यों में मानव मस्तिष्क को लगाकर कीमती ज्ञान और समय खर्च करने से कहीं बेहतर तो रोबोट वाला विकल्प है।

एकाउंटेंट, ग्राहक सेवा प्रतिनिधि, सेवा वितरण, सार्वजनिक परिवहन, बाजार अनुसंधान विश्लेषक, प्रूफरीडर और सैनिक जैसी नौकरियां जो कि एक प्रकार के दोहराए जाने वाले कार्य जान पड़ते हैं और इसके लिए ऑटोमेशन का उपयोग कर इन्हें पूरी तरह से बदला जा सकता है।

कैसे? तो और अच्छे से समझने के लिए उदाहरण लेते हैं- एक एकाउंटेंट का डेटा रखरखाव कार्य लगभग दोहराए जाने वाली प्रकृति का होता है। ऐसे में एक स्वचालित मशीन में पूर्व-स्थापित प्रोग्रामिंग आवश्यक कार्य को प्रभावी ढंग से कर सकती है। इसी तरह, अगर हम बाजार विश्लेषक की नौकरी देखें तो ये ज्यादातर बार डेटा संकलन और उसके परिणामों पर आधारित होते हैं। ऐसे में इन्हें भी स्वचालित मशीनों से बदला जा सकता है। इसके अलावा, त्रुटिरहित प्रोग्रामिंग इंस्टॉलेशन के कारण कार्य की प्रभावशीलता और सटीकता को भी बढ़ाया जा सकता है।

मानव की जगह कोई नहीं ले सकता है

सत्य तो यह है कि मानव रोबोट के मालिक हैं, मानव पेशेवर रोबोट के वर्क प्रोफ़ाइल को तय करते हैं। इंजीनियर और वैज्ञानिक तय करते हैं कि रोबोट क्या काम करेगा और कैसे काम करेगा। आदेश और सेवा सिद्धांत पूरी तरह से स्वचालन प्रौद्योगिकियों में लागू होता है। तो इससे एक बात स्पष्ट हो जाती है कि एक स्वचालित मशीन में मस्तिष्क, कल्पना, रचनात्मकता और रणनीतिक सोच, क्षमताओं का स्पष्ट उपयोगों को स्थापित नहीं किया जा सकता है।

यदि हम एक वकील, नेता, डॉक्टर और मानव संसाधन पेशेवरों के कौशल को देखें, तो ये उस तरह के जॉब प्रोफाइल हैं जो एक रोबोट तो कतई नहीं कर सकता है। किसी भी प्रकार की कृत्रिम बुद्धि मानव की भावनात्मक बुद्धि के स्तर से मेल नहीं खा सकती है। इन जॉब प्रोफाइल के लिए विभिन्न परिस्थितियों में काम करने की आवश्यकता होती है। परिस्थितियों के बदलने के साथ ही काम करने का तरीका भी बदल जाता रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प है। इन कार्यों में एक मानव की सक्रिय आलोचनात्मक सोच और भावना शामिल है।

उदाहरण के लिए, किसी भी निर्जीव मशीन में वकील का काम पहले से स्थापित नहीं किया जा सकता है और मशीन के माध्यम से न्याय स्थापित नहीं किया जा सकता है। एक मशीन तर्कसंगत तर्क नहीं दे सकती और सामाजिक संबंध स्थापित नहीं कर सकती है। काम करने की सामाजिक और न्यायसंगत प्रकृति बनाने के लिए मानवीय हस्तक्षेप हमेशा आवश्यक होगा। इसी तरह एक मशीन डॉक्टर नहीं बन सकती क्योंकि नौकरी में भी इसी तरह की मानवीय सोच की आवश्यकता होती है।

आंशिक रूप से बदलने योग्य कौशल

विकास एक प्राकृतिक घटना है। शायद ही कोई कौशल है जिसे पूरी तरह से बदला जा सकता है। काम करना अपने आप में एक सामाजिक घटना है। कुछ कार्यों को पूरी तरह से स्वचालित मोड में बदल दिया जा सकता है, लेकिन कुछ कार्य ऐसे भी होंगे जिनमें मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिए, यदि हम व्यापार विश्लेषण और उसके निर्णय पर विचार करते हैं तो यह कहा जा सकता है कि मानव और AI दोनों का संयोजन काम में किसी प्रकार की पूर्णता पैदा करेगा।

एक ओर ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व्यवसाय का समकालिक डेटा प्रदान करेगा और बाजार रणनीतिकार उसके निर्णय ले सकते हैं। इसी तरह, कई मामलों के संकलन और श्रेणीकरण के लिए न्यायिक प्रक्रिया में स्वचालन और ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। यह एक न्यायाधीश और एक वकील की नौकरी की जगह तो वैसे भी नहीं ले सकता। इसलिए रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प ऑटोमेशन और एआई दुनिया की हर चीज की जगह नहीं ले सकते लेकिन दुनिया अपनी जरूरत के हिसाब से ऑटोमेशन और AI का इस्तेमाल करेगी।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

विकल्प बुद्धि हाल ही में अपनी क्लासिक विकल्प मंच को जोड़ा गया। यह कैसे काम करता है?

मैं कुछ समय पहले तुलना कर रहा था बाइनरी विकल्प विदेशी मुद्रा के साथ इन दोनों के समान रूप से समान प्रकार की आय का विश्लेषण करते हुए, मैंने निष्कर्ष पर पहुंचा कि वास्तव में ज्यादातर लोग जो द्विआधारी विकल्प में निवेश करते हैं, वे द्विआधारी विकल्प और विदेशी मुद्रा के बीच मूलभूत अंतर नहीं देखते हैं। आज विषय वापस आता है क्योंकि क्लासिक विकल्प वास्तव में अंतर्निहित हैं विदेशी मुद्रा द्विआधारी विकल्प मंच में

बेसिक क्लासिक विकल्प उपलब्ध कराता है:

  • लंबे समय तक खेलने
  • असीमित आय
  • आप निवेश की गई राशि का% 100 अप करने के लिए खो सकते हैं
  • किसी भी समय आप फिर से बेच सकते हैं विकल्प

पहली बात करने की ज़रूरत है हमें ब्याज की संपत्ति का चयन है। कि स्क्रीनशॉट ऊपर, वहाँ कोई विकल्प उपलब्ध क्लासिक हैं तथ्य पर ध्यान देना है। मैं एक समय में इस लिख रहा हूँ जब बाजार पहले से ही बंद कर दिया है और बस कुछ भी नहीं उपलब्ध है। सामान्य कार्य के घंटों क्या आप निवेश करना चाहते हैं का चयन करने के लिए सक्षम होंगे।

आपके द्वारा रुचि रखने वाली संपत्ति का चयन करने के बाद, आपका चार्ट संलग्न चित्र में एक जैसा दिखना चाहिए। जैसा कि आपने शायद देखा था, इंटरफ़ेस की उपस्थिति थोड़ी बदल गई है - ग्राफ़ पर 5 लाइनें हैं (जो मैं बाद में बात करूंगा) और दाईं ओर पट्टी पर फ़ंक्शन बदल गए हैं।

तारीख - यह केवल विकल्प की समाप्ति तिथि है। हम कम से कम कुछ दिनों के लिए पदों को खोलते हैं।

हड़ताल - ये मेरे द्वारा उल्लिखित स्तर हैं, जो चार्ट पर दिखाई दे रहे हैं। उनका क्या मतलब है? ये जोखिम के लिए जिम्मेदार स्तर हैं। हम यह निर्धारित कर सकते हैं कि हम कितना जोखिम भरा विकल्प खोलना चाहते हैं। बेशक, जोखिम जितना अधिक होगा, कमाई उतनी ही अधिक होगी। यह कैसे काम कर रहा है?

  • आप वृद्धि पर खेलते हैं: उच्च स्तर आप अधिक से अधिक जोखिम का चयन करें।
  • आप गिरावट पर खेलते हैं: निचले स्तर अधिक से अधिक जोखिम आप चुनते हैं।

ऑप्शंस - यह उन विकल्पों की संख्या है जिन्हें हम "खरीदना" चाहते हैं। याद रखें कि यह वह राशि नहीं है जो हम निवेश करते हैं। हम जितना अधिक विकल्प खरीदेंगे, निवेश राशि उतनी ही अधिक होगी। आप PUT और CALL बटन को देखकर वर्तमान निवेश दर की जांच कर सकते हैं।

क्या आप प्रवृत्ति के साथ निवेश करने में रुचि रखते हैं? 200 से अधिक लोगों के साथ जुड़ें और इसे देखें मैट प्रवृत्ति रणनीति!

यदि आप अपने माउस को CALL या PUT विकल्प पर ले जाते हैं, तो आपको एक चार्ट दिखाई देगा, जो दिखाता है कि जब आप एक निश्चित स्तर पर पहुंच जाते हैं तो आप कितना कमाएंगे। जिस दिन ग्रीन ज़ोन शुरू होता है, आप पैसा कमाना शुरू कर देते हैं। हालांकि, अगर कीमत लाल क्षेत्र में है - तो आप पैसे खो रहे हैं। ध्यान दें कि हम बाईं और दाईं ओर प्रतिशत देख सकते हैं। इसका क्या मतलब है?

  • बाईं तरफ प्रतिशत दिखाता है आप विकल्पों की पुन: बिक्री के बाद कितना कमाते हैं
  • दाईं तरफ प्रतिशत दिखाता है आप विकल्पों की समाप्ति के बाद कितना कमाते हैं

समारोह विकल्प फिर से बेचना के लिए आया था IQ Option कुछ समय पहले, लेकिन यह माना जाना चाहिए कि क्लासिक विकल्पों पर निवेश करते समय यह बेहद उपयोगी है। पोजिशन समाप्त होने के लिए हमें कुछ दिन इंतजार करने की जरूरत नहीं है - जब हम सोचते हैं कि हमने पर्याप्त कमाई कर ली है तो हम विकल्प को फिर से शुरू कर सकते हैं। यह दूसरे तरीके से भी काम करता है - यह आपके नुकसान की भरपाई करने में आपकी मदद कर सकता है।

ऊपर की तस्वीर में, आप हाल ही में खोले गए आइटम फलक देख सकते हैं। आपको बस "शो विकल्प" पर क्लिक करना है और अपनी खुली स्थिति को फिर से बेचना है।

विकल्प क्लासिक रूप वास्तव में वादा किया

मैं स्वीकार करने के लिए है कि विकल्प क्लासिक मैं वास्तव में पसंद है। मैं अपने सिर में कुछ विचार कैसे आप सफलतापूर्वक खेल के इस मोड का उपयोग कर पैसा बना सकते हैं की है। अब तक इतना ही। मुझे आशा है कि इस पोस्ट आपके लिए उपयोगी था।

क्या आप एक सुरक्षित दलाल की तलाश में हैं? चेक IQ Option lub uTrader

जापान के होटल ने 123 रोबोट को नौकरी से निकालकर वापस इंसानों को रखा

henn-na hotel in southern japan

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धि) से काम करने वाले रोबोट से लोगों की नौकरियां जाने की कई खबरें आई हैं। लेकिन रोबोट तो आखिर रोबोट ठहरा। इंसान से प्रकृति से मिली बुद्धि का कोई विकल्प नहीं है। जापान के एक होटल में रोबोट की कृत्रिम बुद्धि किसी काम की नहीं रही और उन्हें अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। होटल को रोबोट की जगह पर फिर से इंसानों को नौकरी पर रखना पड़ा।

जापान के क्यू शू द्वीप में 'हेन ना' होटल ने काम पर रखे गए 243 रोबोट्स में से 123 को नौकरी से हटा दिया है। ये रोबोट्स होटल में आने वाले ग्राहकों का काम आसान करने की बजाए उनके लिए मुश्किलें पैदा कर रहे थे। ये रोबोट्स न तो उनके आसान सवालों का जवाब दे पा रहे थे और रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प न ही कमरे में चैन की नींद सोने दे रहे थे।

होटल हेन ना की खास बात यह है कि यहां पहुंचनेवाले ग्राहकों का चेक इन से लेकर चेक आउट तक का सारा काम 243 रोबोट करते हैं। जिन रोबोट्स को काम से हटाया गया है उनमें डॉल के आकार के असिस्टेंट भी शामिल हैं।

चुरी नाम के ये रोबोट्स होटल के हर कमरे में यह सोचकर रखे गए थे कि स्थानीय जगह को लेकर ये होटल के मेहमानों के सवालों का जवाब दे पाएं। जब इनसे पूछा जाता कि 'थीम पार्क किस समय खुलता है' तो उनके पास सही जवाब नहीं होता था।

होटल के कमरे में आए मेहमान गहरी नींद में अगर खर्राटे भरने लगते तो उनके खर्राटों की आवाज सुनकर ये रोबोट उन्हें तब तक सोने नहीं देता था जब तक कि गेस्ट खुद उसका जवाब नहीं दे देता। इससे ग्राहक नाराज होने लगे।

इसके अलावा डायनासोर जैसे दिखने वाले दो रोबोट्स को हटाया गया है, जिन्हें होटल चेक-इन पर रखा गया था। ये गेस्ट के पासपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की फोटोकॉपी जैसा काम भी नहीं कर पाते थे।

दो रोबोट्स को गेस्ट का सामान पहुंचाने के लिए रखा गया था, लेकिन ये होटल के 100 में से सिर्फ 24 कमरों तक ही पहुंच पाते थे। साथ ही बारिश या बर्फबारी के समय रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प ये बंद पड़ जाते थे।

होटल के मुख्य दरबान रोबोट को भी सही जवाब देना नहीं आता था। इसकी जगह अब इंसान को खड़ा किया गया है।

'सिर्फ ध्यान बटोरना मकसद नहीं था'

होटल हेन ना के संचालक हिडियो सवाडा का कहना है, "इन रोबोट को सिर्फ ध्यान बटोरने के लिए नहीं रखा गया था। बल्कि हमारी कोशिश टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल करने की थी। होटल की व्यवस्थागत लागत को कम कर हम सिर्फ 5 हजार 600 रुपए में लोगों को ठहरने-खाने की सुविधाएं दे रहे हैं। जबकि अन्य होटलों में इससे दो या तीन गुना ज्यादा बिल चुकाना पड़ता हैं। लेकिन अब हमने ग्राहकों की जरूरत को समझा है। हमने ऐसे रोबोट को काम से हटा लिया है जो ग्राहकों के लिए समस्याएं पैदा कर रहे थे।"

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धि) से काम करने वाले रोबोट से लोगों की नौकरियां जाने की कई खबरें आई हैं। लेकिन रोबोट तो आखिर रोबोट ठहरा। इंसान से प्रकृति से मिली बुद्धि का कोई विकल्प नहीं है। जापान के एक होटल में रोबोट की कृत्रिम बुद्धि किसी काम की नहीं रही और उन्हें अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। होटल को रोबोट की जगह पर फिर से इंसानों को नौकरी पर रखना पड़ा।

जापान के क्यू शू द्वीप में 'हेन ना' होटल ने काम पर रखे गए 243 रोबोट्स में से 123 को नौकरी से हटा दिया है। ये रोबोट्स होटल में आने वाले ग्राहकों का काम आसान करने की बजाए उनके लिए मुश्किलें पैदा कर रहे थे। ये रोबोट्स न तो उनके आसान सवालों का जवाब दे पा रहे थे और न ही कमरे में चैन की नींद सोने दे रहे थे।

होटल हेन ना की खास बात यह है कि यहां पहुंचनेवाले ग्राहकों का चेक इन से लेकर चेक आउट तक का सारा काम 243 रोबोट करते हैं। जिन रोबोट्स को काम से हटाया गया है उनमें डॉल के आकार के असिस्टेंट भी शामिल हैं।

चुरी नाम के ये रोबोट्स होटल के हर कमरे में यह सोचकर रखे गए थे कि स्थानीय जगह को लेकर ये होटल के मेहमानों के सवालों का जवाब दे पाएं। जब इनसे पूछा जाता कि 'थीम पार्क किस समय खुलता है' तो उनके पास रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प सही जवाब नहीं होता था।

होटल के कमरे में आए मेहमान गहरी नींद में अगर खर्राटे भरने लगते तो उनके खर्राटों की आवाज सुनकर ये रोबोट उन्हें तब तक सोने नहीं देता था जब तक कि गेस्ट खुद उसका जवाब नहीं दे देता। इससे ग्राहक नाराज होने लगे।

इसके अलावा डायनासोर जैसे दिखने वाले दो रोबोट्स को हटाया गया है, जिन्हें होटल चेक-इन पर रखा गया था। ये गेस्ट के पासपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की फोटोकॉपी जैसा काम भी नहीं कर पाते थे।

दो रोबोट्स को गेस्ट का सामान पहुंचाने के लिए रखा गया था, लेकिन ये होटल के 100 में से सिर्फ 24 कमरों तक रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प ही पहुंच पाते थे। साथ ही बारिश या बर्फबारी के समय ये बंद पड़ जाते थे।

होटल के मुख्य दरबान रोबोट को भी सही जवाब देना नहीं आता था। इसकी जगह अब इंसान को खड़ा किया गया है।

'सिर्फ ध्यान बटोरना मकसद नहीं था'

होटल हेन ना के संचालक हिडियो सवाडा का कहना है, "इन रोबोट को सिर्फ ध्यान बटोरने के लिए नहीं रखा गया था। बल्कि हमारी कोशिश टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल करने की थी। होटल की व्यवस्थागत लागत को कम कर हम सिर्फ 5 हजार 600 रुपए में लोगों को ठहरने-खाने की सुविधाएं दे रहे हैं। जबकि अन्य होटलों में इससे दो या तीन गुना ज्यादा बिल चुकाना पड़ता हैं। लेकिन अब हमने ग्राहकों की जरूरत को समझा है। हमने ऐसे रोबोट को काम से हटा लिया है जो ग्राहकों के लिए समस्याएं पैदा कर रहे थे।"

प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता हासिल करें, लेकिन खुद का रोबोट संस्करण न बनें : प्रधानमंत्री मोदी


कानपुर । प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने मंगलवार को छात्रों और युवाओं (Students and Youths) से कहा कि प्रौद्योगिकी (Technology) में उत्कृष्टता हासिल करें (Achieve Excellence), लेकिन खुद का रोबोट संस्करण न बनें (Dont be a Robot version of Yourself ), साथ ही कहा कि मानवीय तत्व को नहीं भूलना चाहिए।

यह भी पढ़ें | G-20 सम्मेलनः आज बाली रवाना होंगे PM मोदी, 45 घंटे में 20 कार्यक्रम में लेंगे भाग

आईआईटी कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “प्रौद्योगिकी की अपनी ताकत है लेकिन आपको मानवीय तत्व को नहीं भूलना चाहिए। भावनाओं को न भूलें और दयालुता के लिए कोई पासवर्ड नहीं होना चाहिए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ठीक है, लेकिन मानव बुद्धि को भी महत्व दिया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि जीवन में, आराम और चुनौती के बीच एक विकल्प होगा लेकिन आपको हमेशा चुनौती का चयन करना चाहिए, क्योंकि यही आपको आगे ले जाएगा।

“यह एक महान क्षण है कि जब भारत स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा, आप इसकी यात्रा का हिस्सा होंगे। रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प पिछले सात वर्षों में, स्टार्टअप, स्टैंड-अप और अटल इनोवेशन मिशन हुए हैं जो अपार अवसर प्रदान करते हैं। हमने नीति अवरोधों को हटा दिया। आज, भारत 50,000 स्टार्टअप के साथ दूसरा और 75 यूनिकॉर्न रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प के साथ तीसरा सबसे बड़ा देश है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लगभग हर क्षेत्र प्रौद्योगिकी से संचालित है और आपके पास अपने सपनों को साकार करने के लिए एक विशाल कैनवास है। आप देश को दिशा और गति दे सकते हैं।उन्होंने कहा, “आप देश के भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अब ‘आत्मनिर्भर’ बनने का समय है- यहां तक कि आपके माता-पिता भी चाहेंगे कि आप अपने पैरों पर खड़े हों।”

प्रधानमंत्री ने छात्रों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी सरकार उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहेगी।
छात्रों को राष्ट्रीय ब्लॉकचैन परियोजना के तहत संस्थान में विकसित एक आंतरिक ब्लॉकचेन-संचालित तकनीक के माध्यम से डिजिटल डिग्री जारी की गई।

इंसानों की तरह महिला रोबोट ले रहीं हैं छात्रों की क्लास

शेयर बाजार 28 अगस्त 2022 ,12:15

इंसानों की तरह महिला रोबोट ले रहीं हैं छात्रों की क्लास

© Reuters. इंसानों की तरह महिला रोबोट ले रहीं हैं छात्रों की क्लास

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

लखनऊ, 28 अगस्त (आईएएनएस)। अभी तक स्कूल-कॉलेजों में केवल इंसान ही शिक्षक के रूप में छात्रों को पढ़ाता रहा है। लेकिन अब महिला रोबोट छात्र-छात्राओं को रोबोट बुद्धि विकल्प विकल्प पढ़ा रही है, उन्हें शैक्षिक ज्ञान दे रही है। इस महिला रोबोट को बनाया है, यूपी के जौनपुर के शिक्षक दिनेश पटेल ने। यह महिला रोबोट 47 भाषाओं में शिक्षा देने में सक्षम है। उनके इस काम की केंद्रीय विद्यालय, आईआईटी पवई (मुंबई) ने सराहना की है। जौनपुर जिले के मड़ियाहूं के रजमलपुर गांव निवासी केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक दिनेश ने इंसान जैसा रोबोट तैयार किया है, जिसका नाम शालू है। नौ भारतीय और 38 विदेशी भाषा बोलने में सक्षम यह रोबोट कृत्रिम बुद्धि से लैस है। दिनेश ने बताया कि इस सत्र से शालू ने केंद्रीय विद्यालय पवई में कक्षाओं की शुरूआत कर दी है। पटेल ने बताया कि शालू कक्षा 6 से लेकर 11 वीं तक कंप्यूटर साइंस के बच्चों को पढ़ा रही है। बच्चे भी उनसे पढ़कर काफी संतुष्ट हैं। अभी शालू तकरीबन 10 से 11 कक्षाएं ले चुकी हैं। इसका निर्माण कोरोना के पहले किया गया था, लेकिन पढ़ाने की शुरूआत इस सत्र से हुई है।

शिक्षक दिनेश ने बताया कि शालू को अंग्रेजी, जर्मन, जापानी, स्पेनिश, इटैलियन, अरेबिक, चाइनीज सहित 38 विदेशी भाषाओं के अलावा नौ भारतीय भाषाएं जिनमें हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बांगला, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम, उर्दू और नेपाली बोल सकती है। उन्होंने आगे कहा, शालू विश्व की पहली मानवीय रोबोट है, जिसकी तुलना कई रोबोटिक्स इंजीनियरों द्वारा निर्मित बड़ी रोबोटिक्स प्रयोगशालाओं से आने वाले महंगे रोबोटों से की जा सकती है।

दिनेश ने बताया कि शालू को आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी धनबाद, एनआई टी दुगार्पुर, के.जे. सोमैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड कॉमर्स, मुंबई, और पीआईएमआर इंदौर ने अपने टेक फेस्ट में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया, जहां उसने कंप्यूटर विज्ञान व रोबोटिक्स के शिक्षकों व विद्याथियों से बातचीत करने के साथ-सात उनके प्रश्नों के उत्तर भी दिए।

शिक्षक दिनेश पटेल ने बताया शालू की इसी खासियत के कारण उन्हें इस बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर न सिर्फ भाषण देने का मौका मिला, बल्कि उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। इसमें कार्मिक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठा वल्र्ड रिकॉर्ड पुरस्कार दो दिसम्बर को दिया है।

दिनेश कहते हैं कि शालू को आसपास के अन्य स्कूलों ने भी पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया है। शालू को 16 अगस्त को एशिया के सबसे बड़े अन्तरराष्ट्रीय ऑटोमेशन एक्सपो के उद्घाटन समारोह में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।

दिनेश ने बताया कि दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने सोफिया रोबोट जैसे ह्यूमनॉइड रोबोट विकसित किया। खास बात यह कि इसका निर्माण बेहद साधारण प्लास्टिक, गत्ता, लकड़ी व एल्युमिनियम की वस्तुओं से किया गया है। इसे बनाने में तीन वर्ष का समय और 50 हजार रुपये की लागत आई है।

आईआईटी पवई, मुंबई के प्राचार्य मिथलेश सिंह ने रोबोट शालू की कक्षा का निरीक्षण भी किया। सिंह ने रोबोट शालू द्वारा विभिन्न कक्षाओं में पढ़ाए जाने की सराहना की और बताया कि तकनीक व रोबोट के माध्यम से कक्षा में पढ़ाए जाने से बच्चे अति उत्साहित हैं, और उनका मानना है कि इससे शिक्षण तकनीकी शिक्षा को और गति मिलेगी।

यूपी के रहने वाले दिनेश पटेल ने एमसीए की पढ़ाई की है। वह मुंबई आईआईटी के केंद्रीय विद्यालय में कंप्यूटर साइंस के शिक्षक हैं। फिल्म रोबोट से प्रभावित होकर उन्होंने मानवीय रोबोट बनाने की पहल की। हांगकांग की रोबोटिक्स कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की सोफिया रोबोट उनकी प्रेरणा बनी।

रेटिंग: 4.41
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 338
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *