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इक्विटी निवेश

इक्विटी निवेश
छोटी कंपनियों के शेयर्स में ज्यादा निवेश से ज्यादा बेहतर होगा, बड़ी कंपनियों में कम निवेश करना.

Sensex 61000 के पार, क्या आपको इक्विटी फंड के SIP में निवेश रोक देना चाहिए?

मार्केट में आई तेजी के बीच म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बनी हुई है। म्यूचुअल फंड्स में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंच गया है। AMFI के डेटा के मुताबिक, अक्टूबर में SIP से निवेश 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा

23 नवंबर को मार्केट खुलने पर सेंसेक्स में तेजी दिखी। सुबह 10 बजे यह 90 अंक की तेजी के साथ 61,509 अंक पर था। 22 नवंबर को यह 61,418 अंक पर बंद हुआ था। यह 11 नवंबर, 2022 के 61,795 अंक के अपने ऑल-टाइम हाई के करीब पहुंच गया है।

Sensex 61000 के पार निकल गया है। 23 नवंबर को मार्केट खुलने पर सेंसेक्स में तेजी दिखी। सुबह 10 बजे यह 90 अंक की तेजी के साथ 61,509 अंक पर था। 22 नवंबर को यह 61,418 अंक पर बंद हुआ था। यह 11 नवंबर, 2022 के 61,795 अंक के अपने ऑल-टाइम हाई के करीब पहुंच गया है। मार्केट में आई तेजी के बीच म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बनी हुई है। म्यूचुअल फंड्स में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंच गया है। AMFI के डेटा के मुताबिक, अक्टूबर में SIP से निवेश 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। इसका ज्यादातर हिस्सा म्यूचुअल फंड्स की इक्विटी स्कीमों में गया। इससे यह संकेत मिलता है कि शेयरों को लेकर इनवेस्टर्स का उत्साह बना हुआ है। हालांकि, ग्लोबल इक्विटी मार्केट में तेज करेक्शन देखने को मिला है।

क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि मार्केट चाहे किसी लेवल पर हो, आपको अपना इनवेस्टमेंट जारी रखना चाहिए। SIP लंबी अवधि में लगातार निवेश के लिए सबसे अच्छा माध्यम है। हालांकि, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मार्केट हाई पर होने की स्थिति में आप शेयरों को महंगे भाव पर खरीदते (एमएफ के जरिए) हैं। ऐसे में सवाल यह है कि अगर मार्केट में शेयर महंगे हैं तो क्या आपको अपना SIP रोक देना चाहिए?

संपत्ति जोड़ना हो तो सालाना 9% रिटर्न जरूरी: इक्विटी निवेश इसका सबसे अच्छा तरीका, ये 5 बातें अपनाकर संपत्ति को कर सकते हैं 10 गुना

आज के समय में अथाह धन-संपदा जोड़ने वाले अधिकांश निवेशकों ने शेयर बाजार में निवेश का फायदा उठाया है। इक्विटी ने 5 सालों में 11%, 10 सालों में 17%, 15 सालों में 13.6% और 20 सालों में 12.9% रिटर्न दिया है। आपको भी यदि अपनी संपत्ति को 10 गुना बढ़ाना है तो इक्विटी निवेश इसका सबसे अच्छा तरीका हो सकता है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। मार्केटमोजो की CEO डॉ. मोहित बत्रा आपको इन बातों के बारे में बता रही हैं।

1. 9% से ज्यादा रिटर्न जरूरी
औसत महंगाई दर 6.3% मानते हुए 9% से कम वाले किसी भी निवेश में आपका धन बढ़ने की जगह घटेगा। इसलिए सालाना 9% से ज्यादा रिटर्न देने वाले एसेट में ही निवेश करें।

2. प्रोफेशनल एडवाइजर की सलाह लें
हर व्यक्ति अपने निवेश पर 24 घंटे निगाह नहीं रख सकता। इसलिए या तो खुद प्रोफेशनल निवेशक बनें या फिर किसी प्रोफेशनल एडवाइजर की सलाह लें।

3. उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं
महामंदी को छोड़ दें तो बियर मार्केट यानी गिरावट का बाजार अधिकतम 6 महीने रहता है, लेकिन अधिकांश निवेशक घाटे से घबराकर बाजार से बाहर हो जाते हैं। ऐसा न करें।

4. निवेशक रिटायर नहीं होता
हमेशा निवेश करते रहें। वारेन बफे ने 15 की उम्र में निवेश शुरू किया था। आज 92 की उम्र में उनके पास 8 लाख करोड़ की संपत्ति है। बफे 60 साल उम्र में रिटायर हो जाते तो उनके पास मौजूदा दौलत का 0.001% भी नहीं होता।

5. बचत नहीं निवेश से बढ़ेगी संपत्ति
बढ़ती महंगाई को देखते हुए एक समय बाद आपकी बचत की कीमत शून्य हो सकती है, जबकि निवेश का रिटर्न संपत्ति को बढ़ाता रहता है।

इक्विटी फंड्स क्या हैं?

अलावा इसके, बाजार पूंजीकरण के अनुसार भी इक्विटी विभाजित किये जाते हैं, अर्थात, पूंजी बाज़ार एक कंपनी के सम्पूर्ण इक्विटी का क्या मूल्यांकन आंकता है| फंड्स लार्ज कैप, मिड कैप, छोटे और सूक्ष्म हो सकते हैं|

इसके आगे भी वर्गीकरण हो सकते हैं जैसे विविध या क्षेत्रीय वर्गीकरण/विषयगत वर्गीकरण| पहले वर्ग में, सम्पूर्ण बाज़ार में उपलब्ध स्टॉक्स के विस्तार से स्कीम चुनकर निवेश होता है जबकि दूसरे वर्ग में एक वर्ग, क्षेत्र या विषय विशेष के स्टॉक्स में निवेश होता है, जैसे इन्फोटेक या इंफ्रास्ट्रक्चर|

इस प्रकार, इक्विटी फंड तत्वतः/अनिवार्य रूप से कंपनी शेयर में निवेश करता है और एक आम निवेशक को पेशेवर प्रबंधन के फायदे मुहैय्या कराता है|

Investment in Equity or Debt: इक्विटी या डेट? निवेश के लिए कैसे बनाएं सही स्ट्रेटजी, एक्सपर्ट्स ने दिए खास टिप्स

Strategy to invest in Equity or Debt: इक्विटी या डेट, इक्विटी निवेश दोनों विकल्पों में निवेश के लिए किस तरह से स्ट्रेटजी बनाई जाए, इसे लेकर एक्सपर्ट्स ने सुझाव दिए हैं.

Investment in Equity or Debt: इक्विटी या डेट? निवेश के लिए कैसे बनाएं सही स्ट्रेटजी, एक्सपर्ट्स ने दिए खास टिप्स

Investment Strategy : Invest in Equity or Debt: एक्सिस सिक्योरिटीज ने निवेशकों को लंबी अवधि के लिए इक्विटी में और कम समय के लक्ष्यों के लिए डेट में निवेश की सलाह दी है. (Image- Pixabay)

Best Investment Tips-Equity or Debt: अपनी पूंजी के निवेश के लिए बाजार में ढेर सारे विकल्प मौजूद हैं. जो निवेशक रिस्क उठा सकते हैं, वे इक्विटी में निवेश कर शानदार रिटर्न हासिल कर सकते हैं. हालांकि बाजार की उठा-पटक के चलते निवेशक इससे दूरी बना रहे हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंडों से निकासी का सिलसिला जारी है और नए डीमैट खाते खोलने की संख्या में भी कमी आई है. हालांकि एक्सिस सिक्योरिटीज के टेक्निकल रिसर्च हेड राजेश पलवीय का मानना है कि निवेशकों को घबराने की बजाय इसे निवेश का सुनहरा मौका देखना चाहिए क्योंकि अभी बाजार अपने रिकॉर्ड ऊंचाई से करीब 9 फीसदी डिस्काउंट पर है.

एक्सिस सिक्योरिटीज ने निवेशकों को लंबी अवधि के लिए इक्विटी में और कम समय के लक्ष्यों के लिए डेट में निवेश की सलाह दी है. पलवीय के मुताबिक निर्यात में वृद्धि, आय में वृद्धि, जीएसटी संग्रह, मेक इन इंडिया/पीएलआई योजनाओं और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि जैसे कारणों से निवेश का माहौल अनुकूल बना है.

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लंबी अवधि के लिए इक्विटी में लगाएं पैसे

ज्यादातर नए निवेशक शेयर मार्केट से इसलिए नुकसान उठाते हैं क्योंकि वे निवेश समझकर ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाने की कोशिश करते हैं. ट्रेडिंग और निवेश में बहुत अंतर होता है. ट्रेडिंग एक सीमित अवधि के लिए होता है लेकिन निवेश लंबे समय के हिसाब से किया जाता है.
पलवीय के मुताबिक लंबे समय में रिटर्न की तुलना की जाए तो 1979 में फिक्स्ड डिपॉजिट, गोल्ड और रियल एस्टेट में निवेश किए गए 10 हजार रुपये 30 जून, 2022 को क्रमशः 3,81,625, 5,01,450 और 5,96,000 हो गए और अगर इसकी तुलना सेंसेक्स के 30 शेयरों में निवेश से किया जाए तो इस दौरान 10 हजार रुपये 40 लाख रुपये हो जाते.

कम समय के लिए डेट में करें निवेश

इक्विटी में निवेशक को सबसे अच्छा रिटर्न मिल सकता है लेकिन इसके बावजूद अपने पूरे पैसे को इसी में निवेश नहीं करना चाहिए. लंबे समय के अपने लक्ष्यों के लिए इक्विटी पर फोकस करें और छोटी अवधि के लक्ष्यों के लिए डेट में निवेश करें. इसका मतलब हुआ कि पोर्टफोलियो में सोने और रियल एस्टेट के साथ-साथ कुछ दूसरे एलिमेंट भी होने चाहिए. इससे जब इक्विटी में गिरावट का रुझान रहेगा तो अन्य एसेट्स आपके पोर्टफोलियो को बेहतर बनाए रखते.

इन सेक्टर्स में निवेश के मौके

पलवीय ने इक्विटी में निवेश करने वाले इंवेस्टर्स के लिए कुछ सेक्टर्स सुझाए हैं.

  • ऑटोमोबाइल-कच्चा माल कम हो रहा है, सेमीकंडक्टर की कमी की समस्या अब कुछ कम हुई है.
  • बैंकिंग – उच्च सीएएसए के कारण ब्याज दरें अधिक होने पर मार्जिन का विस्तार.
  • कैपिटल गुड्स – ऑर्डर बुक अब तक के उच्चतम स्तर पर, कच्चे माल की लागत कम हो रही है.
  • एफएमसीजी – घरेलू विकास बरकरार, कच्चे माल और पैकेजिंग सामग्री की लागत कम हो रही है.

(आर्टिकल: एक्सिस सिक्योरिटीज)
(ऊपर दी गई डिटेल्स महज जानकारी के लिए है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

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Equity Market Investment : इक्विटी में निवेश पर चाहिए ज्यादा रिटर्न? अपनाएं ये 4 टिप्स

अगर आप शेयर मार्किट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो अपनाए ये कुछ जरूरी टिप्स, जो आपके निवेश को तो सुरक्षित करेगा ही साथ ही आप को दिलायेगा ज्यादा रिटर्न

Equity Market Investment : इक्विटी में निवेश पर चाहिए ज्यादा रिटर्न? अपनाएं ये 4 टिप्स

छोटी कंपनियों के शेयर्स में ज्यादा निवेश से ज्यादा बेहतर होगा, बड़ी कंपनियों में कम निवेश करना.

Equity Investment : अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आज आपको कुछ ऐसे जरूरी टिप्स बताने वाले हैं. इन्हें अपनाकर आप न सिर्फ अपने निवेश को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि बेहतरीन रिटर्न भी हासिल कर पाएंगे. आम तौर पर भारत में ज्यादातर लोग इक्विटी में निवेश करना पसंद करते हैं. क्योंकि इसमें कम निवेश पर भी बेहतरीन रिटर्न हासिल हो सकता है. हालांकि इसमें निवेश जोखिम बना रहता है. इसलिए इक्विटी में निवेश से पहले आपको इसके बारे में सभी जानकारी तो लेनी ही चाहिए, साथ ही आपको व्यवस्थित तरीके से निवेश करना चाहिए. ताकि आपके निवेश पर जोखिम कम से कम हो.

निवेशकों को इक्विटी में निवेश करते समय ये कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.

1. कभी भी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे न भागें

हमारे देश में शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले 10 में से 9 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने किसी अन्य से मिली इन्वेस्टमेंट टिप्स को आधार बनाते हुए शेयर बाजार में निवेश शुरू किया है. ऐसे में सवाल उठता है कि शेयर मार्केट का जानकार या उसमें काम करने वाला व्यक्ति आप को ऐसी जानकारी या टिप्स क्यों देगा, जिससे उसकी जगह आप का फायदा होगा? उदाहरण के इक्विटी निवेश तौर पर हम देखेंगे कि कभी भी कोई सेफ (खाना बनाने वाला) अपनी रेसिपी का खुलासा नहीं करता है, तो फिर कोई आपको फायदा कराने वाली टिप्स की जानकारी क्यों देगा?. इसलिए किसी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे भागने से बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले स्कीम को लेकर थोड़ा रिसर्च जरूर करें, ताकि आप की मेहनत की कमाई बेकार न हो जाए.

2. फंडामेंटल एनालिसिस

जहां तक रिसर्च की बात है तो हर व्यक्ति को न तो रिसर्च की तकनीक का ज्ञान है और न ही उसमें इतनी समझ है कि वो खुद से इन्वेस्टमेंट से जुड़े टेक्निकल वर्ड को सही मायनों में समझ सके. हालांकि वो पढ़ जरूर सकता है. वैश्विक स्तर पर बात की जाए तो इन्वेस्टमेंट सेक्टर में हमेशा वॉरेन बफे और चार्ली मुंगेर की मिसाल दी जाती है, जिन्होंने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च किया और प्लान तरीके से निवेश किया. अपनी इसी रिसर्च और प्लान निवेश के दम पर इंटरनेशनल मार्केट में दोनों ने अपनी खास पहचान बनाई है.

3. पोर्टफोलियो में लाएं डायवर्सिटी

क्या आप जाने हैं कि एक ही स्टॉक या सेक्टर में निवेश करना आप इक्विटी निवेश के लिए बड़ा जोखिमभरा साबित हो सकता है. इसलिए आप को निवेश करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों में थोड़ा-थोड़ा निवेश करें, ताकि अगर एक सेक्टर या एक स्टॉक में कोई दिक्कत आती है तो आप की सारी रकम एक साथ न डूब जाएये. यही वजह है कि निवेशकों को अपने निवेश पोर्टपोलियों में विविधता लाने की सलाह दी जाती है.

4. जोखिमों के बारे में रखें जानकारी

स्टॉक में निवेश करने वाले निवेशकों को ये पता होता है कि उसे कब शेयर खरीदना और बेचना है. आम तौर पर 20 से 30 फीसदी के लाभ पर शेयर होल्डर्स अपने शेयर को बेच देते हैं, लेकिन मंदी के दौर में निवेशकों को इसे लेकर बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है. क्योंकि कई बार लोग सोचते हैं कि मंदी के समय में सस्ते शेयर लेकर इन्हें बाद में प्रॉफिट के साथ बेच देंगे. तो ये सोच कभी-कभी निवेशक के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकती है.

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