फॉरवर्ड हेजिंग

इसे कहते हैं नॉन-ट्रांसफरेबल स्पेसिफिक कांट्रैक्ट। वैसे तो इसके नाम में ही इसका अर्थ छिपा है। दरअसल, यह कांट्रैक्ट दो पक्षो में हुआ ऐसा करार है जिसमें सौदे की शर्तें अपने अनुरूप पहले तय होती है। किस माल की डिलीवरी कैसे लेनी है, यह भी तय रहता है। इस कांट्रैक्ट के तहत अधिकार व देनदारियां माल से जुड़े डिलीवरी ऑर्डर, रेलवे रसीद व वेयरहाउट रसीद जैसे दूसरे दस्तावेज किसी और को देकर नहीं बदली जा सकती हैं।
जवाब कमोडिटी बाजार के
कमोडिटी को हिंदी में जिंस और स्पॉट को हाजिर व फ्यूचर को वायदा कहते हैं। लेकिन हम बोलचाल के कारण इनके लिए अंग्रेजी शब्दों का ही इस्तेमाल करेंगे। स्पॉट भाव तो सीधा-सीधा वह भाव है जिस पर हम नकद देकर कोई जिंस खरीदते हैं। इसमें भी रिटेल और होलसेल भाव अलग होते हैं। फ्यूचर भाव भविष्य की फॉरवर्ड हेजिंग किसी तारीख को उसी जिंस के भाव होते हैं। जैसे, सोने का भाव स्पॉट भाव अगर आज 16,800 रुपए प्रति दस ग्राम है तो आज ही इसके एक महीने के फ्यूचर का भाव 16,900 रुपए और दो महीने के फ्यूचर का भाव 17,150 रुपए हो सकता है। फ्यूचर और स्पॉट भाव के अंतर को कॉस्ट ऑफ कैरी कहते हैं। इस लागत में ब्याज, भंडारण व बीमा वगैरह का खर्च गिना जाता है।
आम तौर पर फ्चूयर भाव स्पॉट भाव से अधिक होते हैं। लेकिन अगर इसका उल्टा हो जाए तो इसे बैकवर्डेशन कहते हैं। ऐसा कृषि जिंसों में बराबर होता है क्योंकि जब भी नई फसल आएगी, उस वक्त फ्यूचर भाव स्पॉट के कम ही रहते हैं।
ICICI Bank Solution Manager Recruitment 2021
आईसीआईसीआई बैंक विभिन्न शहरों जैसे चेन्नई, पटना, दिल्ली, आदि के लिए सॉल्यूशन्स मैनेजर के पद फॉरवर्ड हेजिंग के लिए उम्मीदवारों की तलाश कर रहा है। सभी उम्मीदवार जो बैंकिंग नौकरियों के लिए इक्छुक हैं और आईसीआईसीआई बैंक भर्ती 2021 में रुचि रखते हैं, उन्हें नियमित रूप से आईसीआईसीआई बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जाने की सलाह दी जाती है। जो भी उम्मीदवार आईसीआईसीआई बैंक सॉल्यूशन मैनेजर भर्ती 2021 में रुचि रखते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे भर्ती से संबंधित सभी विवरणों की जांच करें जैसे कि पात्रता मानदंड, नौकरी का स्थान, इत्यादि। नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते है.
उम्मीदवार जो आईसीआईसीआई बैंक समाधान प्रबंधक भर्ती 2021 के लिए आवेदन करने के लिए इच्छुक हैं, फॉरवर्ड हेजिंग वे नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके आवेदन कर सकते हैं। वे उम्मीदवार जो सभी सरकारी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक / स्नातकोत्तर हैं, वे सभी सॉल्यूशन मैनेजर भर्ती के पात्र हैं। इस लिंक के माध्यम से उम्मीदवारो को आईसीआईसीआई बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
How to Apply for ICICI Bank Solution Manager Recruitment 2021
1. आईसीआईसीआई फॉरवर्ड हेजिंग बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं या ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
2. स्क्रीन पर उपलब्ध “Recruitment Process” विकल्प पर क्लिक करें
3. अब, पेज पर मौजूद Find Job ऑप्शन पर क्लिक करें।
4. स्क्रीन पर करंट ओपनिंग का एक नया पेज दिखाई देगा।
5. “Solution Manager या कॉर्पोरेट बाजार समूह – SMEAG” जॉब्स लिंक पर क्लिक करें।
6. लिंक में पात्रता मानदंड और अन्य विवरणों को ध्यान से देखें।
7. “यहां आवेदन करें” विकल्प पर क्लिक करें।
8. आवेदक लॉगिन का एक नया पृष्ठ प्रदर्शित किया जाएगा।
9. उम्मीदवार username और password दर्ज करे।
10. यदि उम्मीदवारों के पास नया पंजीकरण है तो उन्हें विवरण दर्ज करने की सलाह दी जाती है।
11. आवेदन पत्र में पूछे गए आवश्यक विवरण भरें और आवेदन जमा करें।
ICICI Bank Solution Manager फॉरवर्ड हेजिंग Responsibilities
• आईसीआईसीआई बैंक सॉल्यूशन मैनेजर पद के लिए चुने गए उम्मीदवारों को ग्राहको के साथ अच्छे रिलेशन बनाना है जोकि मूलतः कॉरपोरेट सेक्टर से हो।
• अधिकारियों को विदेशी व्यापार और मुद्रा संबंधित सभी आवश्यक बातों को समझने में सक्षम होना चाहिए।
• सीमा पार लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए आईसीआईसीआई बैंक के लिए वॉलेट शेयर को अधिक मात्रा में बढ़ाए।
• हेजिंग रेट व करेंसी और इंटेरेस्ट रेट के बारे में अधिक जानकारी होना।
• उम्मीदवारों को फॉरवर्ड और डेरिवेटिव्स को पिच करके ग्राहकों को हेजिंग समाधान प्रदान करने में सक्षम होना चाहिए।
• मुद्रा बाजार और ऋण बाजार के बारे में जानकारी रखना।
• वैश्विक और घरेलू बाजारों का अच्छा ज्ञान होना और उस पर वरिष्ठ ट्रेजरी पेशेवरों के साथ जुड़ने की क्षमता होनी चाहिए।
• उम्मीदवारों फॉरवर्ड हेजिंग को नए ग्राहक अधिग्रहण पर ध्यान देना होगा।
Bullion (बुलियन)
डियर पाठक बुलियन सेगमेंट में गोल्ड और सिल्वर की ट्रेडिंग की जाती है, और ठीक वैसा ही है जैसे आप किसी ज्वेलरी की दुकान से सोना खरीदते हैं, ठीक उसी प्रकार आप इसमें डिजिटली सोना खरीदते हैं। जैसे कि आपका एनालिसिस बोलता है कि आने वाले टाइम में सोने का भाव ऊपर जाएगा, तो आप MCX एक्सचेंज के माध्यम से डिजिटल सोना खरीद सकते हैं। और भविष्य में प्राइस बढ़ने पर आप उसे बेचकर अच्छा फिट जनरेट कर सकते हैं।
बेस मेटल में मेटल की ट्रेडिंग होती है। जैसे कि एलुमिनियम, जिंक कॉपर निकेल आदि इनकी आप स्टॉक मार्केट में MCX एक्सचेंज के माध्यम से आप मेटल की ऑनलाइन खरीदी और बिक्री कर सकते हैं।
Energy (एनर्जी)
डियर पाठक आप एनर्जी सेगमेंट में, जैसे क्रूड ऑयल, थर्मल कॉल, नेचुरल गैस आदि सेक्टर आते हैं, इनकी ट्रेडिंग आप MCX एक्सचेंज के माध्यम से कर सकते हैं।
एक प्रमुख कृषि अर्थव्यवस्था होने के नाते, कृषि वस्तुओं में व्यापार के लिए भारत में पर्याप्त गुंजाइश मौजूद है भारत में कृषि स्तुओं के व्यापार की शुरुआत 1875 तक देखी जा सकती है, जब बॉम्बे में कॉटन ट्रेड एसोसिएशन की स्थापना हुई थी। घरेलू उपभोग के लिए वस्तुओं की कमी के कारण वस्तुओं में भविष्य के व्यापार को 1952 से निलंबित कर दिया फॉरवर्ड हेजिंग गया था कमोडिटी ट्रेडिंग 2002 से फिर से सिफारिश की गई। वर्तमान में, कृषि कमोडिटीज के व्यापार में कुल वस्तुओं के व्यापार का लगभग 12% हिस्सा शामिल है।
MCX Kya Hota Hai, What is MCX
एमसीएक्स क्या होता है – MCX मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड है जो इंडिया में कमोडिटी एक्सचेंज है। और यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन आता है। और एमसीएक्स को भारत सरकार द्वारा 2003 में स्थापित किया गया था, और वर्तमान समय में यह मुंबई मे स्थित हैं, और आपको बता दें कि यह भारत का सबसे बड़ा कमोडिटी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज है।
डियर पाठक आधुनिक समय में, कमोडिटी ट्रेड का एक एक्सचेंजों के माध्यम से ट्रेड होता है, जो कमोडिटी डेरिवेटिव्स में ट्रेड की, फैसिलिटी प्रोवाइड करवाता है। भारत में प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजोंं ने 2017-18 में एक साथ 60 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ट्रेड किया था।
सेबी के खिलाफ ब्रोकर्स एसोसिशन ने वित्त मंत्रालय को लिखा पत्र, इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पीक मार्जिन बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर आपत्ति
सेबी द्वारा पीक मार्जिन 100 फीसदी किए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ ब्रोकर्स एसोसिएशन ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है और कुछ सुझाव भी दिए हैं.
स्टॉक ब्रोकर्स के एसोसिएशन ANMI (एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया) ने बाजार नियामक सेबी के एक प्रस्ताव के विरोध में वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है. सेबी द्वारा प्रस्तावित इंट्रा-ड्रे ट्रेडिंग के लिए 100 फीसदी का पीक मार्जिन तय किए जाने के प्रस्ताव को लेकर ANMI का कहना है कि यह वास्तव में जितना मार्जिन होना चाहिए, उससे 300 फीसदी अधिक है. एएनएमआई द्वारा वित्त मंत्रालय को भेजे गए पत्र में कहा गया है 20 मई को सेबी द्वारा जारी प्रस्ताव पर फिर से विचार होना चाहिए.
ब्रोकर्स एसोसिएशन ने सुझाव दिया है कि पीक मार्जिन रिक्वायरमेंट को मौजूदा स्तर से भी नीचे लाया जाना चाहिए. वर्तमान में यह 50 फीसदी है जिसे एएमएमआई ने 25-33.33 फीसदी के बीच किए जाने का सुझाव दिया है. एएनएमआई देश भर के 900 से अधिक स्टॉक ब्रोकर्स का समूह है.
Future से Options की तरफ ट्रेडिंग हो सकती है शिफ्ट
ANMI इस बात को लेकर चिंतित है कि 1 जून से पीक मार्जिन 50 फीसदी से 75 फीसदी किए जाने का फैसला प्रभावी हो जाएगा. ब्रोकर्स एसोसिशन के मुताबिक पीक मार्जिन में बढ़ोतरी से मार्कट व्यवहार में बदलाव आएगा और फ्यूचर से ऑफ्शन की तरफ ट्रेडिंग शिफ्ट होगी. लोगों की मानसिकता बदलेगी और वे ऑप्शंस ट्रेडिंग अधिक करेंगे और स्टॉक/इंडेक्स फ्यूचर्स व स्टॉक ऑप्शंस से दूर रहेंगे.
ब्रोकर्स एसोसिएशन का कहना है कि अधिक मार्जिन रहने से जिन ट्रेड्स में नुकसान हुआ है, वह लंबे समय तक कैरी फॉरवर्ड किया जाता रहेगा जिससे निवेशकों को सिक्योरिटी का गलत अहसास मिलेगा. मार्जिन बढ़ाए जाने से कैपिटल मार्केट में कम वॉल्यूम के कारण हेजिंग अपॉर्च्यूनिटीज में गिरावट आई है और कमोडिटी मार्केट्स पर अधिक असर पड़ा है.
1 सितंबर से लागू होना है 100% पीक मार्जिन
दिसंबर 2020 और फरवरी फॉरवर्ड हेजिंग 2021 के बीच ट्रेडर्स को पीक मार्जिन कम से कम 25 फीसदी बरकरार रखने के लिए कहा गया था. इसके बाद इसे मार्च और मई के बीच बढ़ाकर 50 फीसदी किया गया. अब सेबी के प्रस्ताव के मुताबिक जून से अगस्त के बीच 75 फीसदी तक किया जाना है. इसके बाद 1 सितंबर से प्रस्ताव के मुताबिक यह 100 फीसदी हो जाएगा. 15 मई को एएमएमआई ने सेबी को लिखा था कि इंट्रा डे के लिए 100 फीसदी का पीक मार्जिन होने पर हेजिंग अपार्च्यूनिटीज कम होगी.
मंत्रालय के साथ अपने डेटा को साझा करते हुए ब्रोकर्स एसोसिएशन ने कहा है कि ट्रेड से जुड़े रिस्क के आधार पर इंट्रा-डे ट्रेड्स के लिए ओवरनाइट मार्जिन की जो दर होनी चाहिए, वर्तमान में उससे 3.33 गुना अधिक है. एएनएमआई का कहना है कि अटेंडेंट रिस्क्स पर आधारित मार्जिन स्पैन (स्टैंडर्ड पोर्टफोलियो एनालिसिस ऑफ रिस्क्स) मार्जिन के 33.33 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए.