क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं?

Cryptocurrency में भारी गिरावट, जानिए यह पैसा बनाने का मौका या खतरे की घंटी
क्रिप्टो मार्केट में नए साल की शुरुआत से ही गिरावट देखी जा रही है. महंगाई दर, लिक्विडिटी और US Fed Reserve के अगले कदम को लेकर आशंकाओं के कारण कई प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में डबल डिजिट की गिरावट आ चुकी है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 15 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 15 जनवरी 2022, 6:30 PM IST)
- Bitcoin नवंबर में था 68,000 डॉलर के पार
- 40,000 डॉलर से नीचे आया बिटकॉइन
पिछले कुछ दिनों में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में काफी अधिक गिरावट का सेंटिमेंट देखने को मिला है. इस वजह से इंवेस्टर्स इस बात को लेकर काफी चिंता में नजर आ रहे हैं कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में इंवेस्ट करना चाहिए या नहीं. क्रिप्टो मार्केट नए साल की शुरुआत से ही लगातार गिर रहा है. महंगाई दर, लिक्विडिटी और US Fed Reserve के अगले कदम को लेकर आशंकाओं के कारण कई प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में डबल डिजिट की गिरावट आ चुकी है.
आई है इतनी गिरावट
CoinMarketCap के अनुसार, सबसे बड़ी Cryptocurrency Bitcoin 11 नवंबर 2021 को 68,000 डॉलर (करीब 50.5 लाख क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं? रुपये) के पार पहुंच गई थी. Bitcoin का भाव 10 जनवरी को घटकर 40,000 डॉलर (करीब 29.7 जाख रुपये) के नीचे आ गया. दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ethereum भी 10 जनवरी, 2022 को 3,000 डॉलर (करीब 2.25 लाख रुपये) से नीचे आ गई जो 11 नवंबर को 4,800 डॉलर (करीब 3.5 लाख रुपये) के पार पहुंच गई थी. तीसरी सबसे बड़ी Crypto Binance सात नवंबर, 2021 को 668 डॉलर (करीब 50,000 रुपये) पर पहुंच गई थी. 10 जनवरी 2022 को यह 420 डॉलर (करीब 31,000 रुपये) के नीचे आ गई थी.
10 जनवरी के बाद दिखी है थोड़ी रिकवरी
CoinMarketCap पर उपलब्ध डेटा के अनुसार 10 जनवरी, 2022 के बाद से अब तक Bitcoin, Etherum और Binance सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी में थोड़ी ही सही लेकिन तेजी देखने को मिल रही है.
निवेशकों को क्या करना चाहिए
हालांकि, किसी चीज में गिरावट का मतलब यह नहीं होता है कि आप उससे एकदम दूर हो जाओ. शेयर मार्केट के पंडित तो गिरावट के समय शेयरों में इंवेस्टमेंट बढ़ाने की सलाह देते हैं. असल में यह फॉर्मूला Crypto पर भी लागू होता है. ऐसे में अगर कोई इंवेस्टर मार्केट रिसर्च करते रहता है और उसे फंडामेंटल्स बेहतर नजर आते हैं तो यह क्रिप्टो में निवेश का सबसे उचित समय कहा जा सकता है.
इन चीजों को ध्यान में रखना जरूरी
Cryptocurrency अपनी शुरुआत से लेकर काफी Volatile रही है. ऐसे में इसमें निवेश करते समय इंवेस्टर्स को तमाम Aspects को ध्यान में रखना चाहिए. किसी भी अफवाह या जल्दबाजी से बचना चाहिए.
Cryptocurrency : कितना सुरक्षित है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क? पढ़ें
Cryptocurrency Investment : क्या क्रिप्टोकरेंसी एक सुरक्षित निवेश का माध्यम बन सकती है? हां, क्रिप्टो कॉइन्स में निवेश से ज्यादा रिटर्न मिलता है, लग गए तो ज्यादा प्रॉफिट है, लेकिन इसमें उतना ही खतरा भी है, बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है और मार्केट कभी-कभी अचानक से क्रैश भी हो सकता है.
Cryptocurrency Investment : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के जबरदस्त लाभ और अपने खतरे भी हैं.
Cryptocurrency का क्रेज़ अब इलॉन मस्क और जैक डॉर्सी जैसे बड़े बिजनेसमेन से लेकर आम निवेशकों के बीच साफ दिख रहा है. हमारा भविष्य डिजिटल की दुनिया में होगा, इस विचार को काफी बड़े स्तर पर अपनाया जा रहा है, लेकिन एक मूलभूत सवाल रह जाता है- क्या क्रिप्टोकरेंसी एक सुरक्षित निवेश का माध्यम (Crypto Investment) बन सकती है? हां, क्रिप्टो कॉइन्स में निवेश से ज्यादा रिटर्न मिलता है, लग गए तो ज्यादा प्रॉफिट है, लेकिन इसमें उतना ही खतरा भी है, बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है और मार्केट (Cryptocurrency Market Today) कभी-कभी अचानक से क्रैश भी हो सकता है. ऐसे में ये कैसे तय करें कि इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं.
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सबसे पहले आपको ये बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को भारत में कानूनी वैधता नहीं मिली हुई है. नहीं, ऐसा नहीं है कि क्रिप्टो में निवेश अवैध है, ऐसा नहीं है. लेकिन, यह कोई लीगल टेंडर नहीं है, इसपर कोई सरकारी रेगुलेशन नहीं है और अधिकतर देशों में यही स्थिति है. इन्हें ऑनलाइन माइनिंग करके जेनरेट किया जाता है, अधिकतर जेनरेशन प्राइवेट होते हैं और इन कॉइन्स से ट्रांजैक्शन और मॉनेटरी सिस्टम में कितनी अस्थिरता आ सकती है, इसपर भी कोई साफ तस्वीर नहीं है. शायद इसलिए भी भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि वो अपना खुद का क्रिप्टो कॉइन चरणबद्ध तरीके से लॉन्च कर सकता है.
क्रिप्टो कॉइन में निवेश करना अवैध नहीं है और देश में पहले ही बहुत से ऑनलाइन क्रिप्टो एक्सचेंज काम कर रहे हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज पर क्रिप्टो ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट होती है.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लाभ
सबसे पहली बात, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश आपको, बाकी के हमारे ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट टूल्स या निवेश के माध्यमों से कहीं ज्यादा बेहतर रिटर्न दे सकता है. इस साल के पहले चार महीनों में क्रिप्टो बाजार ने ऐतिहासिक तेजी देखी है. इस दौरान निवेशकों ने जबरदस्त पैसा बनाया. इसे आंकड़ों में समझिए. दुनिया की सबसे पॉपुलर और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने वित्त वर्ष 2020-21 में 800 फीसदी का रिटर्न दिया है. अप्रैल, 2020 में यह 6,640 डॉलर के रेट पर ट्रेड कर रहा था और फिर एक साल की क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं? अवधि में यानी अप्रैल, 2021 तक यह 65,000 डॉलर पर पहुंच गया. बिटकॉइन के अलावा और भी कई अन्य क्रिप्टो कॉइन्स में जबरदस्त उछाल आई और निवेशकों ने बढ़िया रिटर्न कमाया.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के खतरे
इस साल अप्रैल में बाजार ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा था. लेकिन अप्रैल के अंत में क्रिप्टो मार्केट क्रैश हो गया. अधिकतर करेंसी की वैल्यू गिर गई. बिटकॉइन $30,000 के अंदर आ गया. हालांकि फिलहाल यह $40,000 के लेवल तक रिकवर कर चुका है.
ऐसे में यह समझना जरूरी है कि क्रिप्टो कॉइन्स बहुत ही ज्यादा वॉलटाइल यानी उतार-चढ़ाव का शिकार होती हैं और निवेश के पैसे डूबने का खतरा रहता है. दूसरी क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं? कमी यह है कि आप क्रिप्टोकरेंसी को हर जगह फ्लैट करेंसी यानी कि रुपया, डॉलर वगैरह की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. फिलहाल ऐसी बहुत कम जगहें हैं, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकें यानी कि इसे रुपये के अल्टरनेट की तरह इस्तेमाल कर सकें. ऊपर से इसपर कोई सरकारी रेगुलेशन नहीं है, तो वो किसी अप्रत्याशित स्थिति को न्यौता दे सकता है.
एक और चीज है, क्रिप्टो मार्केट को बड़े बिजनेसमेन और इलॉन मस्क जैसे टेक टाइकून्स लोग प्रभावित करते हैं. इलॉन मस्क पहले बिटकॉइन को सपोर्ट करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने डॉजकॉइन को समर्थन देना शुरू कर दिया. इससे डॉजकॉइन की कीमतें उछल गईं.
कितनी सुरक्षित हैं क्रिप्टोकरेंसी और क्या है इन्हें लेकर धारणा
अगर क्रिप्टोकरेंसी की सिक्योरिटी की बात करें तो यह काफी सुरक्षित होती है. एन्क्रिप्शन टेक्नीक- क्रिप्टोग्राफी- से इन्हें सुरक्षित रखा जाता है. वहीं क्रिप्टो वॉलेट्स भी होते हैं, जहां आपको हॉट, कोल्ड और पेपर वॉलेट्स मिलते हैं. क्रिप्टो के ट्रांजैक्शन में कोई बिचौलिया या मध्यस्थ शामिल नहीं होता है, जो अच्छी चीज है. अगर इन्हें अपनाने की बात करें तो कुछ देश और कई बड़ी कंपनियां हैं, जो क्रिप्टो कॉइन्स और टोकन्स को मान्यता देने पर विचार कर रही हैं. अल सल्वाडोर ने तो इसे लीगल टेंडर बनाने की घोषणा कर दी है. अगर भारत की बात करें तो डेकोर ब्रांड Rug Republic ने कुछ हफ्ते पहले ही क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट लेने ी घोषणा कर दी है.
Cryptocurrency: क्रिप्टो बाजार में Bitcoin को पछाड़ सकती यह क्रिप्टोकरेंसी, ग्राहक भी हैं उत्साहित
डेटा प्लेटफॉर्म CoinMarketCap के अनुसार क्रिप्टो बाजार में बिटकॉइन का मूल्य इस साल जून के बीच महीने में 47.5 प्रतिशत से गिरकर 39.1 प्रतिशत तक रह गया है। दूसरी ओर ईथीरियम 16 प्रतिशत से बढ़कर 20.5 प्रतिशत हो गया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। क्रिप्टो मार्केट (Crypto) की शुरुआत के बाद क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के रूप में बिटकॉइन (Bitcoin) ने ही इस क्षेत्र में अपना दबदबा कायम रखा है। हालांकि, अब बिटकॉइन को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी करेंसी एथेरियम (Ethereum) से चुनौती मिली रही है।
समाचार एजेंसी रॅायटर्स के मुताबिक, कुछ दिनों के बाद एथेरियम एक सॉफ्टवेयर अपडेट की योजना बना रहा है। एथेरियम फाउंडेशन इसे 'एथेरियम मर्ज' कहता है। रिपोर्ट के अनुसार संभावित मर्ज (merge) इवेंट के बाद एथेरियम दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी डिफ्लेशनेरी (deflationary) हो जाएगी।
क्रिप्टो बाजार में बढ़ा ईथीरियम का मूल्य
डेटा प्लेटफॉर्म CoinMarketCap के अनुसार, क्रिप्टो बाजार में बिटकॉइन का मूल्य इस साल जून के बीच महीने में 47.5 प्रतिशत से गिरकर 39.1 प्रतिशत तक रह गया है। दूसरी ओर, एथेरियम 16 प्रतिशत से बढ़कर 20.5 प्रतिशत हो गया है। साल 2021 के जनवरी महीने के समय क्रिप्टो मार्केट में बिटकॉइन का डोमिनेंस 72 प्रतिशत था जबकि एथेरियम का बाजार में 10 प्रतिशत डोमिनेंस था।
फंड मैनेजमेंट फर्म सोलराइज फाइनेंस में वित्तीय रणनीति के प्रमुख जोसेफ एडवर्ड्स (Joseph Edwards) ने कहा, 'एथेरियम नेटवर्क की सफलता देखते हुए ग्राहक अब एथेरियम को भी अनिवार्य रूप से एक सुरक्षित संपत्ति (Asset) के क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं? रूप में देख रहे हैं। बता दें कि बुधवार को मर्ज होने की उम्मीद है। मर्ज के साथ ही संभावित रूप से ईथर की कीमत बढ़ सकती है। हालांकि, क्रिप्टो बाजार में कुछ भी निश्चित नहीं है।
बिटकॉइन अभी भी है नंबर-1
डिजिटल एसेट रिसर्च के सीईओ डौग श्वेन्क ने कहा, 'हम कुछ निवेशकों के ईथर को लेकर दिलचस्पी बनी हुई है। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि ईथर अभी भी बिटकॉइन से बहुत पीछे है। बता दें कि बिटकॉइन अभी भी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है। बाजार में बिटकॅाइन का 427 बिलियन डॉलर का मार्केट कैप है। वहीं, ईथर का मार्केट कैप 210 बिलियन डॉलर है। कुछ बाजार सहभागियों का कहना है कि क्रिप्टो क्राउन (नंबर-1) पर बिटकॉइन की पकड़ अभी भी मजबूत है।
Cryptocurrency: क्रिप्टोबाजार में गिरावट का दिखने लगा असर, इन कंपनियों में बड़े पैमाने पर शुरू हुई छंटनी
ब्लॉकफाई (BlockFi) के सीईओ जैक प्रिंस ने ट्विटर पर एक पोस्ट करते हुए अपने कर्मियों को कंपनी से निकालने की बात कही है। आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में पिछले साल नवंबर में जबरदस्त तेजी दिखने के बाद गिरावट का दौर शुरू हो गया था। बिटकॉइन जैसी सबसे प्रचलित करेंसी भी टूटकर 20000 डॉलर के नीचे आ गई है। दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज में भी लगातार गिरावट देखने को मिली है।
ग्लोबल बाजारों में क्रिप्टोकरेंसी में पिछले कुछ समय से चल रही कमजोरी का असर अब कंपनियों के पे रोल पर भी पड़ रहा है। जहां एक ओर डिजिटल करेंसी में गिरावट के कारण निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है वहीं दूसरी ओर क्रिप्टो के कारोबार से जुड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर भी शुरू हो गया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक ब्लॉकचेन ट्रेडिंग और लेंडिंग क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म ब्लॉकफाई ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया है कि कंपनी ने अपने कुल 850 कर्मचारियों में से 20 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। कंपनी के इस फैसले से लगभग 200 लोगों की नौकरी जा सकती है।
ब्लॉकफाई (BlockFi) के सीईओ जैक प्रिंस ने ट्विटर पर एक पोस्ट करते हुए अपने कर्मियों को कंपनी से निकालने की बात कही है। आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में पिछले साल नवंबर में जबरदस्त तेजी दिखने के बाद गिरावट का दौर शुरू हो गया था। अब बाजार का हाल यह है कि बिटकॉइन जैसी सबसे प्रचलित करेंसी भी टूटकर 20000 डॉलर के नीचे आ गई है। दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज में भी लगातार गिरावट देखने को मिली है।
क्रिप्टो बाजार से जुड़े जानकार मानते हैं कि बीते कुछ समय में बाजार में क्रिप्टोकरेंसीज में जो गिरावट का दौर आया है उससे इन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की हालत खस्ता हो गई है। विशेष रूप से इसके ट्रेडिंग कारोबार से जुड़ी कंपनियों का हाल खस्ता है। ज्यादातर कंपनियां जबरदस्त घाटे के दौर से गुजर रही हैं, ऐसे में उन्हें ना चाहते हुए भी मैनपावर में कमी करने का फैसला लेना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि ब्लॉकफाई के अलावे दूसरी कंपनियों के कर्मचारियों पर भी छंटनी का खतरा मंडरा रहा है। बीते शुक्रवार को क्रिप्टो डॉट कॉम (crypto.com) नाम की कंपनी ने भी अपने 260 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। खबरों के मुताबिक क्रिप्टो डॉट कॉम ने अपने 5 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी के सीईओ क्रिस मार्सलेक ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है।
एनएफटी में गिरावट का क्या है कारण?
साल 2020 में पूरी दुनिया में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में आ रही थी, लगभग उसी वक्त क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में उछाल दिखना शुरू हुआ था। क्रिप्टो के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां लगतार अपने कर्मचारी बढ़ा रहे थीं। लेकिन, जैसे ही बाजार में डिजिटल करेंसीज के भाव टूटने शुरू हुए कंपनियों ने अपना खर्चा कम करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है।
कंपनियों की हालत इतनी खराब हो गई कि छंटनी के लिए स्टैंडर्ड प्रक्रिया अपनाने के बजाय कई कंपनियों ने तो सोशल मीडिया पर ही अपने कर्मियों को बाहर करने की सूचना जारी कर दी। ब्लॉकफाई और क्रिप्टो डॉट कॉम जैसी कंपनियों ने भी ऐसा ही किया है।
जानकारों का मानना है कि अमेरिका में महंगाई अपने पिछले 40 साल के स्तर पर को भी पार कर गई है। महंगाई की चपेट में आकर नेटफ्लिक्स, टेस्ला और मेटा जैसी मजबूत कंपनियों ने भी अपने यहां कर्मचारियों की छंटनी की है। इसकी चपेट में अब क्रिप्टो के कारोबार से जुड़ी कंपनियां भी आ रही हैं और वे कर्मियों को नौकरी से निकालने की होड़ में शामिल हो चुके हैं।
विस्तार
ग्लोबल बाजारों में क्रिप्टोकरेंसी में पिछले कुछ समय से चल रही कमजोरी का असर अब कंपनियों के पे रोल पर भी पड़ रहा है। जहां एक ओर डिजिटल करेंसी में गिरावट के कारण निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है वहीं दूसरी ओर क्रिप्टो के कारोबार से जुड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर भी शुरू हो गया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक ब्लॉकचेन ट्रेडिंग और लेंडिंग क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म ब्लॉकफाई ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया है कि कंपनी ने अपने कुल 850 कर्मचारियों में से 20 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। कंपनी के इस फैसले से लगभग 200 लोगों की नौकरी जा सकती है।
ब्लॉकफाई (BlockFi) के सीईओ जैक प्रिंस ने ट्विटर पर एक पोस्ट करते हुए अपने कर्मियों को कंपनी से निकालने की बात कही है। आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में पिछले साल नवंबर में जबरदस्त तेजी दिखने के बाद गिरावट का दौर शुरू हो गया था। अब बाजार का हाल यह है कि बिटकॉइन जैसी सबसे प्रचलित करेंसी भी टूटकर 20000 डॉलर के नीचे आ गई है। दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज में भी लगातार गिरावट देखने को मिली है।
क्रिप्टो बाजार से जुड़े जानकार मानते हैं कि बीते कुछ समय में बाजार में क्रिप्टोकरेंसीज में जो गिरावट का दौर आया है उससे इन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की हालत खस्ता हो गई है। विशेष रूप से इसके ट्रेडिंग कारोबार से जुड़ी कंपनियों का हाल खस्ता है। ज्यादातर कंपनियां जबरदस्त घाटे के दौर से गुजर रही हैं, ऐसे में उन्हें ना चाहते हुए भी मैनपावर में कमी करने का फैसला लेना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि ब्लॉकफाई के अलावे दूसरी कंपनियों के कर्मचारियों पर भी छंटनी का खतरा मंडरा रहा है। बीते शुक्रवार को क्रिप्टो डॉट कॉम (crypto.com) नाम की कंपनी ने भी अपने 260 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। खबरों के मुताबिक क्रिप्टो क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं? डॉट कॉम ने अपने 5 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी के सीईओ क्रिस मार्सलेक ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है।
एनएफटी में गिरावट का क्या है कारण?
साल 2020 में पूरी दुनिया में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में आ रही थी, लगभग उसी वक्त क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में उछाल दिखना शुरू हुआ था। क्रिप्टो के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां लगतार अपने कर्मचारी बढ़ा रहे थीं। लेकिन, जैसे ही बाजार में डिजिटल करेंसीज के भाव टूटने शुरू हुए कंपनियों ने अपना खर्चा कम करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है।
कंपनियों की हालत इतनी खराब हो गई कि छंटनी के लिए स्टैंडर्ड प्रक्रिया अपनाने के बजाय कई कंपनियों ने तो सोशल मीडिया पर ही अपने कर्मियों को बाहर करने की सूचना जारी कर दी। ब्लॉकफाई और क्रिप्टो डॉट कॉम जैसी कंपनियों ने भी ऐसा ही किया है।
जानकारों का मानना है कि अमेरिका में महंगाई अपने पिछले 40 साल के स्तर पर को भी पार कर गई है। महंगाई की चपेट में आकर नेटफ्लिक्स, टेस्ला और मेटा जैसी मजबूत कंपनियों ने भी अपने यहां कर्मचारियों की छंटनी की है। इसकी चपेट में अब क्रिप्टो के कारोबार से जुड़ी कंपनियां भी आ रही हैं और वे कर्मियों को नौकरी से निकालने की होड़ में शामिल हो चुके हैं।