अतिरिक्त आय

अतिरिक्त आय दे अदरक
मानसून से पहले वर्षा होने के बाद भूमि को चार या पांच बार अच्छी तरह जोतें। लगभग एक मीटर चौड़ी, 15 सेन्टीमीटर ऊँची और लम्बाई की तैयारी करते हैं। जिन क्षेत्रों प्रकंद गलन रोग तथा सूत्रकृमियों की समस्या है वहां पारदर्शी प्लास्टिक शीट जो 40 दिनों तकफैला कर मृदा का सूर्य की किरणों केद्वारा रोग एवं कीट मुक्त करते हैं।
उन्नत किस्में
कच्ची या ताजा अदरक के लिए – रियो डी जनेरियो, वयनाड, वरदा आदि।
सोंठ के लिए उपयुक्त किस्में – मानंतोडी, मरान हिमाचल, हिमगिरि आदि ।
हिमगिरि , वरदा, सुप्रभा, सुरुचि, सुरभि।
बीज बुवाई
अदरक का बीज प्रकंद होता है। अच्छी तरह परिरक्षित प्रकंद को 2.5-5 सेन्टीमीटर लम्बाई के 20-25 ग्राम के टुकड़ों में काट कर बीज बनाया जाता है। बीजों की दर 1700-2000 किग्रा/हेक्टेयर होती है।
बीजोपचार
बीज प्रकंद को 30 मिनट तक 0.3 प्रतिशत (3 ग्राम/लीटर पानी) मैन्कोजेब से उपचारित करने के पश्चात 3-4 घंटे छायादार जगह में सुखा लेते है।
बुवाई की दूरी-
अदरक के बीज की बुबाई 20-25 सेन्टीमीटर की दूरी पर बोते हैं। पंक्तियों की आपस में बीच की दूरी 20-25 सेन्टीमीटर रखें। बीज प्रकन्द केटुकड़ों को हल्के गड्ढे खोदकर उसमें रखकर तत्पश्चात् देशी खाद (एफ वाई एम) तथा मिट्टी डालकर ढक दें।
अदरक कीफसल में भूमि में बराबर नमी रहे पहली सिंचाई बोवाई के कुछ दिन बाद ही करते हैं और जब तक वर्षा प्रारंभ न हो जाये 15 दिन के अंतर पर सिंचाईयां करते रहते हंै गर्मियों में प्रति सप्ताह सिंचाई करें।
खाद एवं उर्वरक
अदरक के लिए कम्पोस्ट/गोबर खाद 25-30 टन खेत की तैयारी के समय जमीन में मिला दें एवं उर्वरकों की मात्र 75 किग्रा नाइट्रोजन, 50 किग्रा फॉस्फोरस और 50 किग्रा पोटाश/हेक्टेयर है। प्रत्येकबार उर्वरक डालने के बाद उसके ऊपर मिट्टी डालें। जिंक की कमी वाली मिट्टी 6 किग्रा जिंक/हेक्टेयर (30 किग्रा जिंकसल्फेट/हेक्टेयर) डालने से अच्छी उपज प्राप्त होती है।
उर्वरक के उपयोग की विधि
फसल बुवाई केसमय – फॉस्फोरस 50 किग्रा, पोटाश 25 किग्रा
बुबाई के 40 दिन पश्चात् – नत्रजन 37 किग्रा, पोटाश 25 किग्रा
बुबाई के 90 दिन पश्चात्- नत्रजन 37 किग्रा, पोटाश 25 किग्रा
बुआई केआठ महीने बाद जब पत्ते पीले रंग के हो जायें और धीरे-धीरे सूखने लगें तब फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। सूखा हुआ अदरक प्राप्त करने के लिए बुआई से आठ महीने बाद खुदाई करते हैं प्रकंदों को 6-7 घंटे तक पानी में डूबोकर उसको अच्छी तरह साफ़ करते हैं। पानी से निकाल कर उसको बांस की लकड़ी (जिसका एक भाग नुकीला होता हैं) से बाहरी भाग को साफ करते हैं। अत्यधिक साफ करने से तेलों केकोशों को हानि पहुंचाते हैं। अत: प्रकन्द को सावधानीपूर्वक साफ़ करें।
पौध संरक्षण
तना बेधक- तना बेधक अदरक को हानि पहुंचाने वाला प्रमुख कीट हैं। इसका लार्वा तने को बेधकर उसकी आंतरिककोशों को खा लेता है।
नियंत्रण- तना बेधक को 21 दिनों के अंतराल पर जुलाई से अक्टूबर के मध्य 0.1 प्रतिशत मैलथियान का छिडक़ाव करकेनियंत्रण किया जा सकता है जब कीट ग्रसित पौधे पर प्रत्यक्ष लक्षण दिखाई दें तब छिडक़ाव करना ज्यादा प्रभावी होता है।
राइजोम शल्क- राइजोम शल्कखेत केअन्दर तथा भण्डारण में प्रकंदों को हानि पहुंचाते हैं।
नियंत्रण – इसकी रोकथाम के लिए बल्ब को भंडारण के समय और बुआई से अतिरिक्त आय पहले 0.075 प्रतिशत क्विनालफॉस से 20-30 मिनट तकउपचारित करते हैं। कीट ग्रसित प्रकन्द को भंडारण न करके उसे नष्ट कर दें।
मृदु विगलन – मृदु विगलन अदरक का सबसे अधिक हानिकारक रोग हैं, यह रोग पाईथियम अफानिडरमाटम के द्वारा होता है।
नियंत्रण – इस रोग का नियंत्रण करने के लिए भंडारण के समय तथा बुआई से पहले बीज प्रकन्द को 0.3 प्रतिशत मैंकोजेब से 30 मिनट तक उपचार करें। खेत में पानी का उपयुक्त निकास हो। खेत में पानी जमा होने के कारण इस रोग की समस्या और बढ़ जाती है। पानी के निकास के लिए नाली बना कर पानी का निकास अच्छी तरह करें।
अतिरिक्त आय दे अदरक
मानसून से पहले वर्षा होने के बाद भूमि को चार या पांच बार अच्छी तरह जोतें। लगभग एक मीटर चौड़ी, 15 सेन्टीमीटर ऊँची और लम्बाई की तैयारी करते हैं। जिन क्षेत्रों प्रकंद गलन रोग तथा सूत्रकृमियों की समस्या है वहां पारदर्शी प्लास्टिक शीट जो 40 दिनों तकफैला कर मृदा का सूर्य की किरणों केद्वारा रोग एवं कीट मुक्त करते हैं।
उन्नत किस्में
कच्ची या ताजा अदरक के लिए – रियो डी जनेरियो, वयनाड, वरदा आदि।
सोंठ के लिए उपयुक्त किस्में – मानंतोडी, मरान हिमाचल, हिमगिरि आदि ।
हिमगिरि , वरदा, सुप्रभा, सुरुचि, सुरभि।
बीज बुवाई
अदरक का बीज प्रकंद होता है। अच्छी तरह परिरक्षित प्रकंद को 2.5-5 सेन्टीमीटर लम्बाई के 20-25 ग्राम के टुकड़ों में काट कर बीज बनाया जाता है। बीजों की दर 1700-2000 किग्रा/हेक्टेयर होती है।
बीजोपचार
बीज प्रकंद को 30 मिनट तक 0.3 प्रतिशत (3 ग्राम/लीटर पानी) मैन्कोजेब से उपचारित करने के पश्चात 3-4 घंटे छायादार जगह में सुखा लेते है।
बुवाई की दूरी-
अदरक के बीज की बुबाई 20-25 सेन्टीमीटर की दूरी पर बोते हैं। पंक्तियों की आपस में बीच की दूरी 20-25 सेन्टीमीटर रखें। बीज प्रकन्द केटुकड़ों को हल्के गड्ढे खोदकर उसमें रखकर तत्पश्चात् देशी खाद (एफ वाई एम) तथा मिट्टी डालकर ढक अतिरिक्त आय दें।
अदरक कीफसल में भूमि में बराबर नमी रहे पहली सिंचाई बोवाई के कुछ दिन बाद ही करते हैं और जब तक वर्षा प्रारंभ न हो जाये 15 दिन के अंतर पर सिंचाईयां करते रहते हंै गर्मियों में प्रति सप्ताह सिंचाई करें।
खाद एवं उर्वरक
अदरक के लिए कम्पोस्ट/गोबर खाद 25-30 टन खेत की तैयारी के समय जमीन में मिला दें एवं उर्वरकों की मात्र 75 किग्रा नाइट्रोजन, 50 किग्रा फॉस्फोरस और 50 किग्रा पोटाश/हेक्टेयर है। प्रत्येकबार उर्वरक डालने के बाद उसके ऊपर मिट्टी डालें। जिंक की कमी वाली मिट्टी 6 किग्रा जिंक/हेक्टेयर (30 किग्रा जिंकसल्फेट/हेक्टेयर) डालने से अच्छी उपज प्राप्त होती है।
उर्वरक के उपयोग की विधि
फसल बुवाई केसमय – फॉस्फोरस 50 किग्रा, पोटाश 25 किग्रा
बुबाई के 40 दिन पश्चात् – नत्रजन 37 किग्रा, पोटाश 25 किग्रा
बुबाई के 90 दिन पश्चात्- नत्रजन 37 किग्रा, पोटाश 25 किग्रा
बुआई केआठ महीने बाद जब पत्ते पीले रंग के हो जायें और धीरे-धीरे सूखने लगें तब फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। सूखा हुआ अदरक प्राप्त करने के लिए बुआई से आठ महीने बाद खुदाई करते हैं प्रकंदों को 6-7 घंटे तक पानी में डूबोकर उसको अच्छी तरह साफ़ करते हैं। पानी से निकाल कर उसको बांस की लकड़ी (जिसका एक भाग नुकीला होता हैं) से बाहरी भाग को साफ करते हैं। अत्यधिक साफ करने से तेलों केकोशों को हानि पहुंचाते हैं। अत: प्रकन्द को सावधानीपूर्वक साफ़ करें।
पौध संरक्षण
तना बेधक- तना बेधक अदरक को हानि पहुंचाने वाला प्रमुख कीट हैं। इसका लार्वा तने को बेधकर उसकी आंतरिककोशों को खा लेता है।
नियंत्रण- तना बेधक को 21 दिनों के अंतराल पर जुलाई से अक्टूबर के मध्य 0.1 प्रतिशत मैलथियान का छिडक़ाव करकेनियंत्रण किया जा सकता है जब कीट ग्रसित पौधे पर प्रत्यक्ष लक्षण दिखाई दें तब छिडक़ाव करना ज्यादा प्रभावी होता है।
राइजोम शल्क- राइजोम शल्कखेत केअन्दर तथा भण्डारण में प्रकंदों को हानि पहुंचाते हैं।
नियंत्रण – इसकी रोकथाम के लिए बल्ब को भंडारण के समय और बुआई से पहले 0.075 प्रतिशत क्विनालफॉस से 20-30 मिनट तकउपचारित करते हैं। कीट ग्रसित प्रकन्द को भंडारण न करके उसे नष्ट कर दें।
मृदु विगलन – मृदु विगलन अदरक का सबसे अधिक हानिकारक रोग हैं, यह रोग पाईथियम अफानिडरमाटम के द्वारा होता है।
नियंत्रण – इस रोग का नियंत्रण करने के लिए भंडारण के समय तथा बुआई से पहले बीज प्रकन्द को 0.3 प्रतिशत मैंकोजेब से 30 मिनट तक उपचार करें। खेत में पानी का उपयुक्त निकास हो। खेत में पानी जमा होने के कारण इस रोग की समस्या और बढ़ जाती है। पानी के निकास के लिए नाली बना कर पानी का निकास अच्छी तरह करें।
अतिरिक्त आय
अतिरिक्त आय के लिए (Atirikt ay ke lie ) मीनिंग : Meaning of अतिरिक्त आय के लिए in English - Definition and Translation
- ShabdKhoj
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अतिरिक्त आय के लिए MEANING IN ENGLISH - EXACT MATCHES
Information provided about अतिरिक्त आय के लिए ( Atirikt ay ke lie ):
अतिरिक्त आय के लिए (Atirikt ay ke lie) meaning in English (इंग्लिश मे मीनिंग) is ON THE SIDE (अतिरिक्त आय के लिए ka matlab english me ON THE SIDE hai). Get meaning and translation of Atirikt ay ke lie in English language with grammar, synonyms and antonyms by ShabdKhoj. Know the answer of question : what is meaning of Atirikt ay ke lie in English? अतिरिक्त आय के लिए (Atirikt ay ke lie) ka matalab Angrezi me kya hai ( अतिरिक्त आय के लिए का अंग्रेजी में मतलब, इंग्लिश में अर्थ जाने)
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अतिरिक्त आय
अध्याय 11
अवितरित लाभों पर अतिरिक्त आय कर
[वित्त अधिनियम, 1987 द्वारा 1.4.1988 से अध्याय 11का लोप किया गया, जबकि धारा 95 से 103 का वित्त अधिनियम, 1965 द्वारा 1.4.1965 से लोप किया गया था, धारा 104 से 109 का वित्त अधिनियम, 1987 द्वारा 1.4.1988 से लोप किया गया था।]
अतिरिक्त आय के लिए प्रयास करे परिवहन निगम-दयाशंकर सिंह
लखनऊ-विशेष संवाददाता। परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने निर्देश दिए हैं कि.
परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने निर्देश दिए हैं कि परिवहन निगम अतिरिक्त आय के लिए विज्ञापन, कोरियर और लगेज इत्यादि की सेवाएं शुरू करें। इनके माध्यम से परिवहन निगम अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकता है। इसके लिए टेण्डर किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को परिवहन निगम के अनुबंधित ढाबों के औचक निरीक्षण के निर्देश दिए और कहा कि अब भी परिवहन निगम से अनुबंधित ढ़ाबों से शिकायतें मिल रही हैं।
दिल्ली से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग 15 हजार बसों को अनुबंधित करने का लक्ष्य परिवहन निगम को दिया है। लक्ष्य तय करके प्राइवेट बसों को परिवहन निगम के साथ अनुबंधित करें। किन रूटों पर कितने बसों को अनुबंध करने की आवश्यकता है, उसी के अनुरूप टेण्डर करें। अनुबंध की शर्तें सरकार और वाहन स्वामी दोनों के हित में होनी चाहिए।
उन्होंने टैक्टर ट्राली की सख्त चेकिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि ट्रैक्टर ट्राली का इस्तेमाल सवारी ढ़ोने या खनन कार्य के लिए नहीं होना चाहिए। ऐसा पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने प्रवर्तन टीम को निर्देश दिए कि अवैध संचालन और ओवर लोडिंग के खिलाफ अतिरिक्त आय समय-समय पर अभियान चलाकर चेकिंग करते रहें। जांच के दौरान पाया गया है कि कुछ जनपदों में ओवरलोडिंग और अवैध संचालन पर पूर्णतः रोक नहीं लग पाई है।
समीक्षा बैठक में मुख्यालय से चेयरमैन परिवहन निगम राजेन्द्र तिवारी, प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू, एमडी परिवहन निगम संजय कुमार एवं अपर एमडी अन्नपूर्णा गर्ग मौजूद रहे।