50% पहला जमा

19 साल की मॉडल के साथ कार में बलात्कार, पार्टी में आमंत्रित किया फिर शराब के नशे में….
Bihar Udyami Yojana Document | उद्यमी अनुदान योजना 10 लाख लोन 5 लाख माफ़ लगेगा ये सभी कागजात
Bihar Udyami Yojana Document :- बिहार सरकार के तरफ से एक योजना चलाई जाती है | इस योजना का नाम है बिहार उद्यमी अनुदान योजना | इस योजना के तहत बिहार सरकार के तरफ से 10 लाख का लोन दिया जायेगा | जिसमे से सिर्फ 5 लाख रूपये ही लौटाने होते है | इस योजना के तहत लाभ के लिए आवेदक को ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन करना होता है | इसके लिए आवेदन करने 50% पहला जमा के लिए बिहार सरकार के तरफ से तिथि जारी कर दी गयी है |
Bihar Udyami Yojana Document तो अगर आप भी इस योजना के तहत लाभ लेना चाहते है तो इसके लिए आवेदन करने करने के लिए 50% पहला जमा आपको कौन-कौन से दस्तावेज लगेगा इसके बारे में पूरी जानकारी निचे विस्तार में दी गयी है | इसके तहत लाभ के लिए आवेदन कैसे करना है इसके बारे में भी आपको पूरी जानकारी निचे मिल जाएगी | इस योजना के तहत लाभ के लिए ऑनलाइन आवेदन करने और सी बारे में और अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर देखे |
Bihar Udyami Yojana Document उद्यमी अनुदान योजना 2022
बिहार सरकार के तरफ से राज्य के युवाओ के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी है | इस योजना के तहत तहत राज्य सरकार के तरफ से नए उद्यम को बढ़ावा दिया जाता है | इस योजना के तहत राज्य सरकार के तरफ से युवाओ को उनके नए काम को शुरू करने के लिए 10 लाख रूपये तक का लोन प्रदान किया जाता है |इस योजना के तहत उन्हें 50% अनुदान दिया जाता है | इसका मतलब है की उन्हें 5 लाख रूपये तक की छुट दी जाती है |तो अगर आप भी इस योजना के तहत लाभ लेना चाहते है तो निचे दी गयी जानकारी को पूरा जरुर पढ़े | इस योजना से जुडी पूरी जानकारी आपको निचे मिल जाएगी |
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए युवाओ के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
- स्थाई निवास प्रमाण पत्र
- मैट्रिक प्रमाण पत्र (जन्म तिथि के सत्यापन हेतु)
- इंटरमीडिएट या समकक्ष योग्यता प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
फोटो (तुरंत का खींचा हुआ पासपोर्ट साइज़ 120 KB) - बैंक स्टेटमेंट (जिसमे अकाउंट खुलने की तिथि का साक्ष्य हो)
- रद्द किया गया है चेक
Bihar Udyami Yojana Document इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ
- मुख्यमंत्री उद्यमी अनुदान योजना 2021 के अंतर्गत सरकार द्वारा उद्योग स्थापित करने के लिए 10 लाख रुपए के प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
- इस योजना के माध्यम से बिहार सरकार उद्योग को प्रोत्साहन देने का प्रयास कर रही है।
- इस योजना के माध्यम से बेरोजगारी की दरों में कमी आएगी।
- 10 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि में से 5 लाख रुपए अनुदान के रूप में प्रदान किए जाएंगे |
- 5 लाख रुपए ब्याज मुक्त लोन के रूप में प्रदान किए जाएंगे।
- इस योजना के तहत लाभ के लिए चयनित युवाओ को प्रशिक्षण के लिए उद्योग विभाग द्वारा सूचीबद्ध प्रशिक्षण संस्थानो में 2 सप्ताह की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है |
- इस योजना के माध्यम से उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
- इस योजना के तहत बेरोजगारी दर में भी 50% पहला जमा 50% पहला जमा गिरावट आएगी।
Bihar Deled Online Counselling 2022
नोटः यदि काउंसलिंग का फार्म भर दिए हैं, एवं आप चुने हुए 50% पहला जमा काँलेजों को बदलना चहते हैं, तो आप आज (03 नवंबर 2022) से 05 नवंबर 2022 तक बदल सकते हैं, यह अंतिम मौका हैं, इसके बाद विचार नहीं किया जाएगा, क्योंकि 09 नवंबर 2022 को पहला मेरिट लिस्ट जारी किया जाएगा।
पहला मेरिट लिस्ट 09 नवंबर 2022 को जारी किया जाना था, किंतु कारणवश जारी नहीं हों सका अब पहला मेरिट लिस्ट 17 नवंबर 2022 को जारी किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए आप नोटिफिकेशन पढ़ सकते हैं।
भारत आज COP-27 में अपनी दीर्घकालिक शुद्ध शून्य योजना पेश करेगा
भारत सोमवार को मिस्र के शर्म अल शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (COP-27) में 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए अपनी दीर्घकालिक रणनीति प्रस्तुत करेगा। यह घोषणा भारत और विश्व की जलवायु कार्रवाई प्रतिबद्धताओं के लिए महत्वपूर्ण होगी।
2070 तक भारत का शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 2021 के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP-26) में भारत के लिए 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य की घोषणा की थी। साथ ही, भारत 2030 तक कम कार्बन उत्सर्जन वाली अपनी विद्युत क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाने और 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत हिस्सा पूरा करने का लक्ष्य बना रहा है। वैश्विक थिंक टैंक ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ (ओआरएफ) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य की ओर बढ़ने के साथ ही 2050 तक देश की जीडीपी में 406 अरब डॉलर की वृद्धि होगी और 4.3 करोड़ से अधिक रोजगार अवसरों का सृजन होगा। भारत द्वारा शुद्ध-शून्य लक्ष्य की घोषणा करना इस दृष्टिकोण से भी एक बड़ा कदम है, क्योंकि वह ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख योगदानकर्त्ताओं में से एक नहीं है, फिर भी वह एक स्वैच्छिक दायित्व-बोध से आगे बढ़ा है। उल्लेखनीय 50% पहला जमा है कि भारत का ऐतिहासिक संचयी उत्सर्जन विश्व के कुल उत्सर्जन का मात्र 4.37% है। इस संदर्भ में भारत ने UNFCCC के COP-26 में अपनी वर्द्धित जलवायु प्रतिबद्धताओं— ‘पंचामृत’ की घोषणा की, जिसमें वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन (Net-Zero Carbon Emission) तक पहुँचने की प्रतिबद्धता को शामिल किया गया है।
शून्य उत्सर्जन के लिए भारत 50% पहला जमा द्वारा उठाए गए कदम
भारत ने वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों से 50% स्थापित विद्युत् उत्पादन क्षमता के लक्ष्य की भी घोषणा की है, जो 40% के मौजूदा लक्ष्य को बढ़ाता है, जो की पहले ही लगभग हासिल कर लिया गया है। जलवायु परिवर्तन से निपटने की कुंजी के रूप में लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (LIFE) के लिये जन आंदोलन सहित संरक्षण और संयम की परंपराओं एवं मूल्यों के आधार पर जीवन जीने के स्वस्थ तथा टिकाऊ तरीके को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है, वहीं आर्थिक विकास के संबंधित स्तर पर अन्य लोगों द्वारा अपनाए गए मार्ग की तुलना में जलवायु के अनुकूल और स्वच्छ मार्ग को अपनाने की मुहिम चलाई गई है। भारत द्वारा वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से लगभग 50% संचयी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है जो हरित जलवायु कोष (GCF) सहित प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और कम लागत वाले अंतर्राष्ट्रीय वित्त की मदद से संभव होगा। वर्ष 2030 तक अतिरिक्त वन और वृक्षों के आवरण के माध्यम से 2.5 से 3 बिलियन टन CO2 के बराबर अतिरिक्त कार्बन संचय करने की भी योजना है। जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों विशेष रूप से कृषि, जल संसाधन, हिमालयी क्षेत्र, तटीय क्षेत्रों और स्वास्थ्य 50% पहला जमा एवं आपदा प्रबंधन के लिये विकास कार्यक्रमों में निवेश बढ़ाकर जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन करने का लक्ष्य रखा गया है। भारत ने आवश्यक संसाधन और संसाधन अंतराल को देखते हुए उपरोक्त शमन एवं अनुकूलन कार्यों को लागू करने के लिये विकसित देशों से घरेलू तथा अतिरिक्त धन जुटाने की योजना भी तैयार की है। भारत ने दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा स्थापना पहलों में से एक की शुरूआत की है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये राष्ट्रीय संवर्धित ऊर्जा दक्षता मिशन (NMEEE) के तहत कई पहलें की हैं। प्रतिपूरक वनीकरण कोष अधिनियम, 2016 के तहत बनाए गए प्रतिपूरक वनीकरण प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (CAMPA) कोष में जमा राशि का उपयोग जल्द ही वनों की कटाई की भरपाई करने और पेड़ों की स्थानिक प्रजातियों को शामिल करने वाले हरित आवरण को बहाल करने के लिये किया जाएगा। हाल ही में भारत ने ग्रे और ग्रीन हाइड्रोजन के लिये हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन की भी घोषणा की है।
Sukanya Samriddhi Yojana: सुकन्या समृद्धि योजना में इस बार आया बड़ा बदलाव! अब आपको मिलेगा जबरदस्त फायदा, जाने पूरी जानकारी!
Sukanya Samriddhi Scheme: सुकन्या समृद्धि योजना के तहत कई अहम बदलाव किए गए हैं।नए नियमों के तहत खाते में गलत शौक के विपरीत की सुविधा को हटा दिया गया है।इसके अलावा, खाते में साल में एक बार शौक प्रत्येक आर्थिक वर्ष के अंत में जमा किया जा सकता है।पहले यह नियम था कि बेटी 10 साल बाद ही खाते का संचालन करे।
Sukanya Samriddhi Scheme : अगर आप भी एक बेटी के पिता हैं और चाहते हैं कि आपकी बेटी का भाग्य आर्थिक रूप से समृद्ध हो और उसे किसी भी तरह की आर्थिक समस्या का सामना न करना पड़े तो आप भी इस अविश्वसनीय योजना की शुरुआत कर सकते हैं। सरकार के उपयोग की सहायता से वित्त पोषण।इस अनूठी योजना में निवेश कर आपकी बेटी मात्र 21 साल में करोड़पति बन सकती है।इस योजना में आपको रोजाना 416 रुपये का निवेश करना होगा।आपका यही 416 रुपये आगे चलकर आपकी बेटी के नाम 65 लाख रुपये की मोटी रकम होगी।इससे आपकी बेटी की पढ़ाई का खर्चा भी आसानी से कवर हो सकता है।
क्या है सुकन्या समृद्धि योजना?
सुकन्या समृद्धि योजना इन्हीं दीर्घकालीन योजनाओं में से एक है, जिसमें निवेश करके आप अपनी बेटी की पढ़ाई और भविष्य के बारे में निश्चित कर सकते हैं।इसके लिए आपको बहुत पैसा लगाने की भी जरूरत नहीं है।इस प्लान में कई प्राथमिक बदलाव हो रहे हैं।नए नियमों के तहत खाते में गलत शौक के विपरीत की सुविधा को हटा दिया गया है।इसके अलावा, खाते में वार्षिक शौक को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में जमा किया जा सकता है।पहले यह नियम बना था कि बेटी 10 साल बाद 50% पहला जमा ही खाते का संचालन करे।लेकिन नए नियमों के तहत अब बेटी को 18 साल की उम्र से पहले अकाउंट 50% पहला जमा 50% पहला जमा ऑपरेट करने की इजाजत नहीं होगी।इससे पहले सबसे प्रभावी माता-पिता खाते को संचालित करने के लिए रखेंगे।
इस योजना पर पहले 80सी से कम टैक्स छूट का लाभ बेटियों के खाते में सबसे ज्यादा मिलता था।यह लाभ अब 1/3 बेटी के पास नहीं था।नए नियम के तहत अगर एक बेटी के बाद दो बेटियां पैदा होती हैं तो उनमें से प्रत्येक का भी खाता खोलने का प्रावधान होगा।
डिफॉल्ट अकाउंट पर नहीं बदलेगी अब ब्याज दर
इसके तहत सालाना कम से कम 250 रुपये खाते में जमा करना जरूरी है।यदि यह राशि जमा नहीं की जाती है, तो खाते को डिफ़ॉल्ट माना जाता है।लेकिन नए नियमों के तहत, यदि खाता फिर से सक्रिय नहीं किया जाता है, तो ब्याज मैच्योरिटी तक खाते में जमा राशि के लिए लागू शुल्क पर अर्जित होता रहेगा।इससे पहले, 50% पहला जमा डिफॉल्ट किए गए ऋणों ने डाकघर बचत खाते के लिए प्रासंगिक शुल्क पर शौक अर्जित किया था।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खोला गया खाता किसी भी परिस्थितियों में बंद हो जाएगा।पहला अगर बेटी की मृत्यु हो जाए और दूसरा अगर बेटी के घर का सौदा बदल जाए।लेकिन नए बदलाव के बाद इसमें खाताधारक की जानलेवा बीमारी को भी कवर किया गया है।अभिभावक की मृत्यु के बाद भी खाते को अग्रिम रूप से बंद किया जा सकता है।
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