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बाजार के लिए वैश्विक रणनीति

बाजार के लिए वैश्विक रणनीति
शाह ने कहा कि विकसित अर्थव्‍यवस्‍थाओं (Developed Economies) के आर्थिक मंदी या सुस्‍ती (Recession) के दौर से गुजरने के बावजूद भारत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. वास्तव में विश्‍व के विकसित देशों में आने वाली मंदी (developed world recession) भारत की कुछ चुनौतियों को कम कर सकती है. उदाहरण के तौर पर तेल की ऊंची कीमतें, चालू खाता घाटे को लेकर होनी वाली चिंताएं और महगाई के मोर्चे पर हमे फायदा भी हो सकता है. शेयर बाजार में अगर गिरावट भी आती है तो हमें ज्‍यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है. वास्‍तव म भारतीय बाजार संरचनात्‍मक तौर पर मजबूत है.

बाजार में रिकॉर्ड की हैट्रिक, सेंसेक्स, निफ्टी में तूफानी तेजी जारी

वैश्विक बाजारों से मिले संकेतों से भारतीय बाजार की सुस्त शुरुआत हुई। एक्सपायरी से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव वाला कारोबार देखा गया। सेंसेक्स और निफ्टी ने नए रिकॉर्ड स्तर को छुआ। खास बात यह रही कि निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स ने लाइफ टाइम स्तर को छुआ।

सेंसेक्स (Sensex 30) ने 62,648 का बाजार के लिए वैश्विक रणनीति निचला स्तर जबकि 63,303 का ऊपरी रिकॉर्ड स्तर छुआ। वहीं निफ्टी 50 (Nifty 50) ने 18,616 का निचला स्तर जबकि 18,816 का रिकॉर्ड ऊपरी स्तर छुआ। वहीं निफ्टी बैंक ने 42,880 का निचला स्तर जबकि 43,332 का ऊपरी स्तर छुआ। सेंसेक्स 0.67% या 418 अंक चढ़ कर 63,099 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी (50) 0.75% या 140 अंक चढ़ कर 18,758 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 0.41% या 177 अंक चढ़ कर 43,231 पर बंद हुआ। सेंसेक्स निचले स्तर से करीब 450 अंक सुधरा। निफ्टी निचले स्तर से करीब 140 अंक संभला। निफ्टी बैंक निचले स्तर करीब 350 अंक संभला।

Investment Portfolio: अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करें ये तीन चीजें, बाजार के उतार-चढ़ाव में भी होगा मुनाफा

By: ABP Live | Updated at : 14 Nov 2022 12:58 PM (IST)

अस्थिर बाजार में निवेश की रणनीति

इस साल की शुरुआत से ही ग्‍लोबल और भारतीय बाजार (Indian Equity Market) में अस्थिरता देखी जा रही है. महंगाई में होती लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने ब्‍याज दरों में अच्‍छा-खासा इजाफा किया है और इसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, अगर आप विदेशी बाजारों से तुलना करेंगे तो पाएंगे भारत की अर्थव्‍यवस्‍था (Indian Economy) तुलनात्‍मक रूप से ज्‍यादा स्थिर है. दूसरे उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं (Emerging Economies) के मुकाबले भारतीय बाजार का प्रदर्शन एक या पांच साल में बेहतर रहा है. इक्विटी वैल्‍यूएशन की बात करें तो भारत का लॉन्‍ग टर्म एवरेज भी दूसरे बाजारों की तुलना में अच्‍छा रहा है. हालांकि, इन सब के बावजूद रिस्‍क के प्रति सचते रहने की जरूरत है क्‍योंकि मार्केट वैल्‍यूएशन सस्‍ता नहीं है.

डेट म्‍यूचुअल फंड में करें निवेश

डेट म्‍यूचुअल फंड्स अबतक लोकप्रिय नहीं हो पाए हैं. हालांकि, निवेश के दौरान हायर यील्ड को देखते हुए, एक एसेट क्लास के तौर पर डेट फिर से आकर्षक लग रहा है. शाह के अनुसार, रिजर्व बैंक की आगामी बैठकों में रेपो दर में बढ़ोतरी होगी क्योंकि उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें ऊंची है और इसने आरबीआई के सामने एक चुनौती खड़ी की है. इसलिए भविष्य में हाई अक्रूअल स्कीम और डायनामिक ड्यूरेशन वाली स्कीम फायदे का सौदा साबित हो सकते हैं. फ्लोटिंग बाजार के लिए वैश्विक रणनीति रेट बांड अर्थात एफआरबी भी भविष्‍य में अच्‍छा प्रदर्शन कर सकते हैं. इनवेस्टर्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि डेट म्यूचुअल फंड की पोर्टफोलियो में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

जब तक अमेरिकी फेडरल रिजर्व महंगाई पर नियंत्रण के लिए सभी उपलब्‍ध विकल्‍पों का सहारा ले रहा है, तब तक बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहेगा. शाह कहते हैं कि बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशकों को आदर्श रूप से तीन से पांच साल के समय के साथ सिस्‍टेमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) के जरिये इक्विटी म्‍यूचुअल फंडों में निवेश करना चाहिए. योजनाबद्ध, अनुशासित और व्यवस्थित तरीके से विभिन्न फाइनेंशियल गोल्‍स को प्राप्त करने के लिए बूस्टर एसआईपी, बूस्टर एसटीपी, फ्रीडम एसआईपी या फ्रीडम एसडब्ल्यूपी जैसी फीचर्स पर भी विचार किया जा सकता है.

गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ करें पोर्टफोलियो में शामिल

एक डायवर्सिफायड पोर्टफोलिया में निवेश से जुड़ा जोखिम कम हो जाता है. डायवर्सिफायड पोर्टफोलियो यह सुनिश्चित करता है किकंसेन्‍ट्रेशन रिस्‍क (Concentration Risk) को कम किया जाए. अनिश्चितता को देखते हुए सोना और चांदी निवेश के अच्‍छे विकल्‍प हो सकते हैं. शाह कहते हैं कि ये न सिर्फ महंगाई के खिलाफ, बल्कि रुपये के अवमूल्‍यन (Currency Depreciation) से भी बचाव के रूप में काम करते हैं. निवेश गोल्‍ड और सिल्‍वर में में ईटीएफ (Exchange Traded Funds) के जरिये निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, उनके लिए गोल्ड या सिल्वर फंड ऑफ फंड्स निवेश का एक विकल्‍प हो सकता है.

Published at : 14 Nov 2022 11:52 AM (IST) Tags: Debt Mutual Funds systematic investment plan Gold ETF investment strategy Volatile Market Nimesh Shah हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

पर्सनल फाइनेंस: मार्केट एक्सपर्ट की रणनीति हुई फेल, इसलिए मंदी के बाजार से सीख कर लीजिए निवेश का सही फैसला

फिलहाल मंदी के दौर से गुजर रहे हैं दुनिया का शेयर बाजार - Dainik Bhaskar

कैलेंडर वर्ष 2020 ने अब तक लगभग बाजार के लिए वैश्विक रणनीति सभी भारतीय निवेशकों को बड़े या छोटे बीमार रोगियों की तरह कर रखा है। बाजार के बड़े-बड़े एक्सपर्ट की सभी रणनीति फेल हो चुकी बाजार के लिए वैश्विक रणनीति है। अतः प्रश्न यह उठ खड़ा होता है कि हमने इस मंदी के मार्केट से क्या सीखा है। आप अगर एक निवेशक हैं तो निश्चित तौर पर हाल में बाजार में आई मंदी से आपको सीखना चाहिए। हम यहां पर बता रहे हैं कि निवेश को लेकर कौन सी बातों को आपको ध्यान में रखना चाहिए।

असेट अलोकेशन का पालन कीजिए

परिसंपत्ति आवंटन यानी असेट अलोकेशन सिर्फ सबसे अच्छी बात नहीं है, यह एकमात्र सही बात है। यदि आप किसी एक परिसंपत्ति (मोटे तौर पर इक्विटी) में दांव लगाने जा रहे हैं, तो आप इस खेल में बहुत लंबे समय तक नहीं जा रहे हैं।परिसंपत्ति आवंटन का मतलब है कि उपलब्ध परिसंपत्ति विभिन्न वर्गों में रणनीतिक रूप से बांटी गई है।आपको ऐसा क्यों करना चाहिए, यहां आंकड़े दिए गए हैं। 2019 में भारत में सरकारी ट्रेजरी इंस्ट्रूमेंट्स 9.5 प्रतिशत बढ़े थे। सोने की कीमतों में 24.6 फीसदी की बढ़त रही। इसके उलट निफ्टी 500 ने महज 7.7 फीसदी रिटर्न दिया। 2020 में तस्वीर और भी विपरीत है।

Gold-Silver Rate Today, 29 Nov 2022: इंदौर सराफा बाजार में सस्ता हुआ सोना, चांदी का इतना है दाम

Updated Nov 29, 2022 | 03:05 PM IST

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Gold and Silver Rate Today: इंदौर सराफा बाजार में सस्ता हुआ सोना, चांदी का इतना है दाम

Gold and Silver Rate Today, 29 November 2022: डॉलर में नरमी से मंगलवार को सोने की कीमत में तेजी आई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना वायदा 0.20 फीसदी या 105 रुपये बढ़कर 52,908 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह, चांदी का वायदा भाव 0.72 फीसदी या 447 रुपये बढ़कर 62,831 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया। निवेशकों को बुधवार को ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन इवेंट में फेड चेयर जेरोम पॉवेल की स्पीच का इंतजार है।

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