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टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है

टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है

खर्चा-पानी: शार्क टैंक और शेयर मार्केट की बातों के बीच 'मनरेगा' कैसे आया?

दी लल्लनटॉप का डेली इकोनॉमिक शो– खर्चा-पानी. इसमें हम बात करते हैं रोज़ की आर्थिक सुर्ख़ियों की. आज हमारा साथ देंगे दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉ नरेंद्र ठाकुर. आज हमने इन मुद्दों पर चर्चा की- 1. सरकार को 'शार्क टैंक इंडिया' से क्या सीखना चाहिए? 2. क्या आईटी क्षेत्र फिर से फलफूल रहा है? 3. मनरेगा का भविष्य? 4. यूक्रेन-रूस संकट भारतीय शेयर बाजार को कैसे प्रभावित कर रहा है?

टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है

shahnaz hussain tips

खूबसूरती बढ़ाने के लिए कई तरह के नुस्खे तो आजमाए ही जाते हैं साथ ही लोग कई अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी करते हैं। खासतौर पर पिछले कुछ वर्षों में, सुंदरता और टेक्नोलॉजी के बीच की दूरी काफी कम हो गई है। वास्तव में, टेक्नोलॉजी ने न केवल उत्पादों के निर्माण के लिए, बल्कि सौंदर्य सेवाओं में सुधार के लिए भी सौंदर्य क्षेत्र को प्रभावित किया है। खासतौर पर जब लड़कियां बाहरी सैलून देखभाल के बारे में विचार करती हैं तब उनके लिए कई तरह की टेक्नोलॉजी और टूल्स इस्तेमाल किए जाते हैं।

आजकल विभिन्न त्वचा स्थितियों से निपटने की अवधारणा ने भी कई उपकरण पेश किए हैं। इन सभी टूल्स का मुख्य उद्देश्य ब्यूटी थेरेपिस्ट के काम को आसान करना है। इसीलिए आज ब्यूटी कोर्स में ब्यूटी सर्विसेज के लिए ऐसे कई गैजेट्स और टूल्स को ऑपरेट करने का हुनर सीखना भी शामिल है। आइए ब्यूटी एक्सपर्ट शहनाज़ हुसैन से जानें कौन सी ब्यूटी टेक्नोलॉजी से आप चेहरे की खूबसूरती बढ़ा सकती हैं और ये क्यों जरूरी हैं।

नैनो टेक्नोलॉजी

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नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में किया जाता है और इससे हमें फेशियल और त्वचा उपचार के लिए उत्पाद तैयार करने में मदद मिलती है। इस टेक्नोलॉजी द्वारा किसी विशेष पदार्थ के कण आकार और सतह के गुणों को नैनो पैमाने पर घटाया जाता है। यह सेलुलर स्तर पर त्वचा को प्रभावित करने और त्वचा की गहरी परतों में पोषक तत्वों को पहुंचाने में मदद करता है। यह किसी भी उत्पाद के बेहतर अवशोषण में मदद करती है और त्वचा के सहायक ऊतकों को मजबूत करने में भी मदद करती है।

मैग्नीफाइंग लैंप या आवर्धक लैंप

आजकल त्वचा उपचार पूरी तरह से त्वचा के प्रकार और विश्लेषण पर आधारित हैं। इसलिए, विशेष रूप से मैग्नीफाइंग लैंप यानी आवर्धक लैंप, न केवल त्वचा का एक उन्नत दृश्य प्रदान करते हैं, बल्कि उचित प्रकाश व्यवस्था के स्रोत की कमी को भी पूरा करते हैं। कुछ उन्नत प्रकाश व्यवस्थाएं वास्तव में त्वचा की गहरी परतों को देखने की अनुमति देती हैं।

वाइब्रेटर से चेहरे की मसाज

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चेहरे के उपचार में उपयोग किए जाने वाले गैजेट्स में सबसे आम वाइब्रेटर है, जिसका उपयोग चेहरे की मालिश में किया जाता है। वाइब्रेटर विभिन्न प्रकार की गति से काम करता है, ताकि इसे चेहरे के विभिन्न क्षेत्रों के लिए इस्तेमाल किया जा सके। यह चेहरे की मांसपेशियों को उत्तेजित और मजबूत करने में मदद करता है। यह त्वचा की सतह पर रक्त परिसंचरण को भी बढ़ाता है। इसलिए इसका इस्तेमाल चेहरे की मसाज के लिए करना एक अच्छा ऑप्शन है।

beauty tools and technology by shahnaz

स्टीमर और लुकास स्प्रे

सैलून उपचार के लिए स्टीमर और लुकास स्प्रे जैसे गैजेट लंबे समय से उपयोग टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है किए जाते हैं। लुकास स्प्रे एक हाथ से पकड़ने वाला उपकरण है और चेहरे पर बहुत महीन धुंध छिड़कता है। धुंध भाप से भी ज्यादा महीन होती है। इसमें पौधों के अर्क और टोनर होते हैं। यह बहुत महीन और ठंडी धुंध उत्पन्न करता है, जो रोमछिद्रों को बंद करने और त्वचा को तरोताजा करने में मदद करता है। वास्तव में, यह त्वचा को लंबे समय तक जवान बनाए रखने में मदद करता है।

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ओजोन उच्च आवृत्ति गैजेट

ओजोन उच्च आवृत्ति गैजेट का उपयोग त्वचा और स्कैल्प को साफ करने के लिए किया जाता है। ओजोन अणुओं में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और ये मुंहासे, रूसी, बालों के झड़ने आदि के उपचार के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। ओजोन गैजेट के कई फायदे हैं। यह परिसंचरण, ऑक्सीजन और सेल चयापचय को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। हम शुष्क त्वचा के लिए लेजर उपचार भी प्रदान करते हैं। इसमें बहुत ही कम पावर की लेजर बीम का इस्तेमाल किया जाता है। वे त्वचा के सहायक ऊतकों को प्रभावित करते हैं, त्वचा को कसने में मदद करते हैं और इसके सामान्य कार्यों में भी सुधार करते हैं।

गैल्वेनिक गैजेट

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गैल्वेनिक गैजेट का उपयोग त्वचा पर लगाए गए उत्पादों को अवशोषित करने की क्षमता में सुधार करने में मदद करता है। गैल्वेनिक गैजेट के साथ लोशन या जेल का उपयोग किया जा सकता है। गैल्वेनिक गैजेट का उपयोग करके गैल्वेनिक फेशियल किया जा सकता है। मुख्य रूप से त्वचा पर लागू उत्पादों के अवशोषण में सुधार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है । वास्तव में, गैल्वेनिक गैजेट का उपयोग विभिन्न प्रकार के फेशियल के लिए किया जा सकता है।

वास्तव में, इसमें कोई संदेह नहीं है कि त्वचा सौंदर्य देखभाल का भविष्य तकनीकी विकास में ही है और ये सभी टेक्नोलॉजी ब्यूटी को अलग रूप देती हैं।

(शहनाज हुसैन भारत की फेमस ब्यूटी और हेयर केयर एक्सपर्ट्स में से एक हैं। इतना ही नहीं, वह 'शहनाज हुसैन ग्रुप' की चेयरपर्सन, फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। शहनाज हुसैन के कई हर्बल प्रोडक्ट्स आपको बाजार में आसानी से मिल जाएंगे। ब्‍यूटी के क्षेत्र में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए उन्हें कई अवॉर्ड से नवाजा भी जा चुका है।)

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शेयर बाजार में रौनक: सेंसेक्स 500 अंक उछलकर हुआ बंद, निफ्टी में 1% की तेजी

शेयर बाजार में रौनक के चलते सेंसेक्स 58,009.38 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 17300 के स्तर को पार करने में कामयाबी हासिल की। आज महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में 6 फीसद से अधिक की तेजी दिख रही।

शेयर बाजार में रौनक: सेंसेक्स 500 अंक उछलकर हुआ बंद, निफ्टी में 1% की तेजी

Share Market: सेंसेक्स 545.25 यानी 0.95% की तेजी के साथ 58,115.50 पर बंद हुआ। निफ्टी 181.80 अंक यानी 1.06% की तेजी के साथ 17,340.05 रुपये पर बंद हुआ। NSE पर सबसे ज्यादा तेजी टाटा मोटर्स के शेयर में रहे। वहीं, सबसे बड़ी गिरावट सनफार्मा के शेयरों देखी गई।

1:04 बजे: शेयर बाजार में रौनक के चलते सेंसेक्स 58,009.38 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 17300 के स्तर को पार करने में कामयाबी हासिल की। आज महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में 6 फीसद से अधिक की तेजी दिख रही है। वहीं, राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो का स्टॉक नजारा टेक्नोलॉजी ने आज 16.36 फीसद की छलांग लगाई है।

आज खूब मुनाफा कमवा रहे हैं ये स्टॉक्स

आज दोपहर तक चैनल गाइड इंडिया लि. 20 फीसद उछलकर 6.30 रुपये पर कारोबार कर रहा था। वहीं, Nazara Technologies Ltd. 16.09 की उछाल के साथ 615.40 रुपये पर था। 20 माइक्रोन्स लिमिटेड भी 16.32 फीसद चढ़कर 104.80 रुपये पर था। जबकि
Metro Brands Ltd में 15.62 की उछाल थी।

सेंसेक्स और निफ्टी इस महीने के पहले कारोबारी दिन सोमवार को बढ़त के साथ खुले। बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 252 अंकों की उछाल के साथ 57823 के स्तर पर खुला तो वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी ने हरे निशान के साथ आज के कारोबार की शुरुआत की।


शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स दिन के उच्च शिखर 57,844.27 से फिसल कर 169 अंकों की बढ़त के साथ 57739 के स्तर पर था। जबकि, निफ्टी 17243 के स्तर पर खुलने के बाद सुबह 71 प्वाइंट ऊपर 17229 के स्तर पर था। निफ्टी टॉप गेनर में महिंद्रा एंड महिंद्रा, सिप्ला, मारुति, टाटा मोटर्स और यूपीएल जैसे स्टॉक्स थे तो वहीं टॉप लूजर में सन फार्मा, इंडसइंड बैंक, ब्रिटानिया, हिन्दुस्तान यूनिलीवर और बजाज फिनसर्व।

नौ माह बाद शेयर बाजार में लौटे एफपीआई

लगातार नौ माह तक बिकवाली करने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भारतीय शेयर बाजारों में लौट आए हैं। जुलाई में एफपीआई ने शेयर बाजारों में करीब 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। डॉलर इंडेक्स के नरम पड़ने और कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजों के बाद एफपीआई एक बार फिर लिवाल बन गए हैं।

रुपये का सबसे खराब समय अब बीत चुका है

यस सिक्योरिटीज के प्रमुख विश्लेषक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज हितेश जैन का मानना है कि अगस्त में भी एफपीआई का प्रवाह सकारात्मक बना रहेगा। इसकी वजह यह है कि रुपये का सबसे खराब समय अब बीत चुका है और कच्चे तेल के दाम भी एक दायरे में कारोबार कर रहे हैं। इसके अलावा भारतीय कंपनियों के तिमाही नतीजे भी बेहतर रहे हैं।

इस हफ्ते कैसी रहेगी बाजार की चाल

शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वृहद आर्थिक आंकड़ों, कंपनियों के तिमाही नतीजों, नीतिगत ब्याज दरों पर रिजर्व बैंक के निर्णय तथा विदेशी कोषों के रुख से तय होगी। विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक बाजारों का रुझान, रुपये का उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल के दाम भी बाजार धारणा को प्रभावित करेंगे। इसी सप्ताह विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आंकड़े आने हैं।

चीन से मुंह मोड़ रही है दुनिया, कारोबार का नया केंद्र बनता जा रहा भारत

बिजनेस एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म सीबी इनसाइट्स के मुताबिक, भारत में वेंचर कैपिटल इनफ्लो साल के पहले नौ महीनों (जनवरी से सितंबर) में 19.5 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था.

gnttv.com

  • नई दिल्ली ,
  • 22 नवंबर 2021,
  • (Updated 22 नवंबर 2021, 1:10 PM IST)

भारत में वेंचर कैपिटल इनफ्लो अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर.

चीन की चमक में आई कमी.

भारत में इन दिनों दुनियाभर की तमाम बड़ी कंपनियां इनवेस्टमेंट कर रही हैं. निक्केई एशिया (Nikkei Asia) ने रविवार को बताया कि भारत को दुनिया भर की फर्मों से निवेश मिल रहा है, जो देश के स्टार्टअप्स के विकास के लिए एक बड़ा योगदान साबित हो सकता है. ये आंकड़े स्टार्टअप ट्रैकर Tracxn के डेटा रिपोर्ट पर आधारित है. निक्केई ने इस विकास का श्रेय चीन की चमक में आई कमी को दिया, जो भारत के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है.

निक्केई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 211 फंडों ने इस साल भारत में पहली बार निवेश किया, जोकि पिछले साल हुए निवेशों की तुलना में 64 ज्यादा है. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि आंद्रेसेन होरोविट्ज, टीसीवी, विट्रुवियन पार्टनर्स और जीएसवी वेंचर्स ने इस साल भारत में निवेश किया. 2014 में भारत छोड़ने वाला सिलिकॉन वैली फंड क्लेनर पर्किन्स एक बार फिर से भारतीय बाजार में उतरा है.

चीन का मार्केट हुआ प्रभावित

Tracxn के आंकड़ों का हवाला देते हुए, Nikkei Asia ने कहा कि 597 कैपिटल फर्मों ने इस साल अब तक 2,284 सौदे किए हैं. चीन की स्थिति के बारे में बात करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के तकनीकी क्षेत्र पर नियामक कार्रवाई ने एशिया में ग्लोबल इन्वेस्टर्स की पहली पसंद रहे चीन को प्रभावित किया है. ब्लूमबर्ग के अनुसार, पिछले नवंबर में जैक मा ग्रुप के दिग्गजों - एंट ग्रुप और अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग के साथ शुरू हुआ अभियान जल्द ही Tencent Holdings और Didi Global जैसी कंपनियों में फैल गया. इसके पीछे चीन का एंटी ट्रस्ट से लेकर डेटा सुरक्षा और धन वितरण तक हर चीज पर नजर रखने को जिम्मेदार माना जा रहा है.

ऑनलाइन सेवाओं को तेजी से अपनाने के कारण बढ़ी भारत की चमक

ब्लूमबर्ग ने कहा कि इस ट्रैक डाउन कार्रवाई के चलते चीनी मार्केट में एक सेल ऑफ शुरू हो गया, जिसके चलते चीनी स्टॉक मार्केट में 1.5 ट्रिलियन डॉलर कम हो गए. निक्केई एशिया ने कहा कि इस बीच भारत सार्वजनिक बाजारों में उछाल और कोविड -19 महामारी के बाद ऑनलाइन सेवाओं को तेजी से अपनाने के कारण चमक रहा है.

बिजनेस एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म सीबी इनसाइट्स के मुताबिक, भारत में वेंचर कैपिटल इनफ्लो साल के पहले नौ महीनों (जनवरी से सितंबर) में 19.5 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था. इसने आगे कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में कैपिटल इनफ्लो कुल राशि का आधा हिस्सा था, जहां 519 सौदों में 9.9 बिलियन डॉलर जुटाए गए थे. इसकी तुलना में, जुलाई-सितंबर की अवधि में चीन में निवेश 25.5 बिलियन डॉलर था. जनवरी में उद्योग संघ नैसकॉम और रणनीति परामर्शदाता Zinnov ने एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत में 2025 तक 100 नए यूनिकॉर्न हो सकते हैं.

पर्यावरण ही नहीं हमारी खुशियों को भी प्रभावित करता है वायु प्रदूषण

पर्यावरण ही नहीं हमारी खुशियों को भी प्रभावित करता है वायु प्रदूषण

भारत की तरह पड़ोसी चीन भी उच्च प्रदूषण से निपटने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है। प्रदूषण के कारण चीन के बड़े शहरों की अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आ रही है। हाल ही चीन के हांगकांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि देश में वायु प्रदूषण से हर साल औसतन 11 लाख (1.1 मिलियन) लोगों की असामयिक मृत्यु हो जाती है। इतना ही नहीं प्रदूषण के कारण प्रतिवर्ष चीन की अर्थव्यवस्था को 3800 करोड़ (38 बिलियन डॉलर) रुपए का आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। हाल ही हुए एक अन्य शोध में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के शोधकर्ताओं ने बताया कि वायु प्रदूषण के कारण चीन के विभिन्न शहरों की आबादी की खुशी का स्तर भी घटा है।

प्रदूषण ज्यादा तो खुशी कम
जर्नल नेचर ह्यूमन बिहेवियर में हाल हील प्रकाशित एक शोधपत्र में एमआइटी शोध दल की ए सिकी झेंग के नेतृत्व में शहरी अध्ययन और योजना विभाग की ओर से यह शोध किया गया था। इसमें विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर सैमुअल टाक ली भी शामिल थे। शोध से पता चलता है कि किसी शहर में प्रदूषण का उच्च स्तर वहां के लोगों की खुशी के निम्न स्तर का कारण है। इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 8 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक विकास दर के बावजूद चीन की शहरी आबादी में संतुष्टि का स्तर उतना नहीं बढ़ा है जितना कि उम्मीद की जा रही थी। शोध के अनुसार अपर्याप्त सार्वजनिक सेवाओं, आसमान छूतीं आवासीय कीमतें, खाद्य सुरक्षा, बढ़ते प्रदूषण पर चिंता, औद्योगिक उपयोग में कोयले की प्रचुरता और वाहनों से प्रतिवर्ष बढ़ रहे कार्बन उत्सर्जन के कारण शहरी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इससे पूर्व के शोध बताते हैं कि प्रदूषण से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों, कार्य क्षमता घटना, श्रम उत्पादकता में कमी और शैक्षिक परिणामों पर भी बुरा असर डाल रहे हैं।


मानव व्यवहार पर पड़ता असर
झेंग के अनुसार वायु प्रदूषण का लोगों के सामाजिक जीवन और टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है व्यवहार पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है। वायु प्रदूषण के दुष्परिणामों से बचने के लिए लोग कम प्रदूषित शहरों या कस्बों की ओर रुख कर सकते हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखकर फेस मास्क और एयर प्यूरीफायर का उपयोग कर सकते हैं। इतना ही नहीं वे बाहर निकलना भी कम कर सकते हैं। इतना ही नहीं यह लोगों की भावनाओं पर भी असर डालता है। प्रदूषण से परेशान व्यक्ति जल्दबाजी में तर्कहीन निर्णय कर सकते हैं। झेंग का कहना है कि जिन दिनों प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है उस दिन लोगों को गुस्सा ज्यादा आता है और ऐसे में उनके जोखिम भरा कदम उठाने की आशंका अधिक होती है। इससे लोगों में अल्पकालिक अवसाद और चिंता के लक्ष्ण भी देखे गए हैं। शोध के लिए शोधकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर रियल टाइम डेटा का उपयोग कर यह पता लगाया कि बदलते दैनिक प्रदूषण का स्तर चीन के 144 शहरों में लोगों की खुशी को कैसे प्रभावित करता है।


21 करोड़ ट्वीट्स का अध्ययन
एसोसिएट प्रोफेसर सैमुअल टाक ली का कहना है कि पहले खुशी को मापने के लिए आमतौर पर प्रश्नावली का उपयोग किया जाता था। हालांकि ऐसे सर्वेक्षण केवल एक धुंधली तस्ीवर ही पेश किया करते थे। क्योंकि लोगों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग दिन अलग हो सकती हैं। लेकिन सोशल मीडिया लोगों की खुशी को मापने के लिए रियल टाइम डेटा उपलब्ध कराता है। साथ ही एक ही समय में एक साथ अलग-अलग शहरों के लोगों की राय भी इसमें शुमार की जा सकती है।
शोधकर्ताओं ने चीन के पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी दैनिक वायु गुणवत्ता आंकड़ों एवं रीडिंग से शहर के वातावरण में मौजूद 'अल्ट्रा फाइन पार्टिक्युलेट मैटर' के स्तर की जानकारी का इस्तेमाल किया। एयरबोर्न पार्टिकुलेट मैटर या पीएम हाल के वर्षों में शहरों में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बन गया है। पीएम 2.5 व्यास वाले 2.5 पीएम कण विशेष रूप से लोगों में फेफेड़ों के कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं। प्रत्येक शहर में लोगों की दैनिक खुशी के स्तर को मापने के लिए टीम ने चीन के सबसे बड़े माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म 'सिना वेइबो' (ट्विटर का चीनी संस्करण) से 21 करोड़ (210 मिलियन) ट्वीट का मशीन-लर्निंग एल्गोरिद्म से विश्लेषण किया।


महिलाएं ज्यादा संवेदनशील
शोधकर्ताओं ने प्रत्येक ट्वीट में पोस्ट की भावना को मापने के लिए मशीन से प्रशिक्षित भावना का विश्लेषण करने वाला एल्गोरिदम काम में लिया। फिर उन्होंने उस शहर और दिन के लिए खुशी के औसत मूल्य की गणना की। 0 से 100 के स्केल पर टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है शोधकर्ताओं ने खुशी को मापा। शून्य यानि बहुत ही नकारात्मक मनोदशा और 100 बेहद सकारात्मक मनोस्थिति का संकेत देता है। अंत में, शोधकर्ताओं ने इस सूचकांक को दैनिक पीएम 2.5 कण और मौसम डेटा के साथ मिला दिया। शोधकर्ताओं ने प्रदूषण और खुशी के स्तर के बीच काफी नकारात्मक सहसंबंध पाया। पुरुषों की तुलना में महिलाएं उच्च प्रदूषण स्तर के प्रति ज्यादा संवेदनशील थीं। इसी क्रम में एक नए अध्ययन से पता चलता है कि लोग जितने अधिक प्रदूषण के संपर्क में थे वे उतने ही कम खुश थे। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि वे लोग जो अपने स्वास्थ्य और वायु की गुणवत्ता के बारे में विशेष रूप से चिंतित हैं वे स्वच्छ शहरों की ओर रुख करते हैं। जबकि बहुत गंदे शहरों में रहने वाले लोग प्रदूषकों के दीर्घकालिक जोखिम से उनके स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के बारे में अधिक जानते हैं।

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