एक ब्रोकर में निवेश करें

शेयर ब्रोकर आपका दोस्त नहीं है। वह एक डॉक्टर की तरह होता है, जो मरीज से दवा के बदले शुल्क लेता है। अगर आप सही डॉक्टर के पास नहीं पहुंचेंगे तो खामियाजा आपको ही भुगतना पड़ेगा।
Stock broker कंपनियों के शेयरों में क्यों बढ़ गई खरीदारी
पिछले 1 वर्ष से शेयर मार्केट में निवेशकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है लाखों की तादात में डीमेट अकाउंट प्रतिदिन खोले जा रहे हैं जिससे ब्रोकर कंपनियों की आमदनी बढ़ती जा रही है मौजूदा समय में कुछ रिसर्च तो nifty50 बैंक निफ़्टी बैंकिंग और फार्मा सेक्टर को छोड़कर ब्रोकर कंपनियों के शेयरों में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं जो कि सही भी है क्योंकि ब्रोकर कंपनियों के ग्राहकों की संख्या डीमेट अकाउंट बढ़ने से मिलने वाली ब्रोकरेज से आय कई गुना तक बढ़ गई है इसीलिए stock broker कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है
और यह बढ़त आगे भी बनी रह सकती है क्योंकि मार्केट नीचे जाए या ऊपर जाए निवेशकों को ब्रोकरेज शुल्क तो देना ही पड़ेगा जिससे कंपनियों की आमदनी बढ़ती रहेगी फिर चाहे मार्केट लाल निशान में ही क्यों ना हो इससे ब्रोकरेज कंपनियों को कोई फर्क नहीं पड़ता हैं
मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ब्रोकर कंपनियों में निवेश का यह सही समय भी हो सकता है
भारत की कुछ बेहतरीन स्टॉक ब्रोकर कम्पनियाँ
4 ANGEL BROKING
5 HDFC SECURITIES
7 KOTAK SECURITIES
और भी कई प्रमुख कंपनियां स्टॉक ब्रोकर का कार्य करती है जो इक्विटी कमोडिटी करेंसी फ्यूचर ऑप्शन में ट्रेडिंग करने की सहूलियत प्रदान करती हैं स्टॉक ब्रोकर कंपनियां brokerage के अतिरिक्त और भी कई प्रकार के चार्ज अपने ग्राहकों से लेती हैं जैसे डिमैट अकाउंट ओपनिंग charge / account maintenance charge और भी कई तरह के एनालिसिस चार्ज अपने ग्राहकों से वसूल करती हैं इसलिए स्टॉक ब्रोकर कंपनियों की आमदनी में और भी वृद्धि हो जाती है.
स्टॉक ब्रोकर कंपनियों में क्यों निवेश करें
Share market अपने लाइफटाइम हाई पर है शेयर बाजार में लगभग सभी सेक्टर जैसे बैंकिंग फार्मा स्टील सीमेंट केमिकल सेक्टरों के शेयरों में पहले से ही महंगाई देखी जा सकती है इसीलिए कोई एक सेक्टर या शेयर का चुनाव करना आसान नहीं है किंतु जिस प्रकार पिछले कुछ दिनों से डीमेट अकाउंट खोले गए हैं इससे ब्रोकर कंपनियों की आय निसंदेह बड़ी है इसलिए ब्रोकर कंपनियों के शेयरों में निवेश का यह सही फैसला हो सकता है
👉 निवेश के लिए स्टॉक ब्रोकर कंपनियों का चुनाव करने से पहले एनालिसिस फंडामेंटल के साथ-साथ और भी कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे कि डीमैट कंपनी के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की रेटिंग क्या है कंपनी के पास कितने ग्राहक हैं कंपनी का ट्रेडिंग शुल्क क्या है कुल मिलाकर कंपनी अन्य ब्रोकरेज कंपनियों से अलग हो और बेहतर सेवाएं प्रदान करती हो इस प्रकार एक ब्रोकर में निवेश करें की ब्रोकरेज कंपनियों के शेयरों में निवेश करने से बेहतरीन कमाई की जा सकती है
How to Choose a Stock Broker – शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें?
How to Choose a Stock Broker – शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें? स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले आपको एक सही शेयर ब्रोकर चुनना बहुत ही जरूरी होता है। एक शेयर ब्रोकर आपके और स्टॉक एक्सचेंज के बीच में किसी भी शेयर की खरीद बिक्री या फिर लेनदेन के लिए एक मेडिएटर का काम करता है।
एक सही शेयर ब्रोकर चुनना इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि शेयर बाजार में शेयर या फिर स्टॉक की जितनी भी खरीद बिक्री होती है यह इन्हीं शेयर ब्रोकर के माध्यम से होती है। शेयर ब्रोकर एक पंजीकृत शेयर दलाल होता है। अगर आप सही शेयर ब्रोकर का चुनाव नहीं कर पाते। तो शेयर बाजार में अपने लेनदेन पर आपको कई सारी समस्या आ सकती है। आपको अपने ट्रांजिशन पर अधिक शुल्क अदा करना पड़ सकता है। यहां पर कमीशन भी मायने रखती है। लॉन्ग टर्म या लंबी अवधि के दौरान किए गए निवेश में 1% का अंतर भी आपको कहीं लाख रुपए घाटे में डाल सकती है। यही वजह है कि लोग अपने शेयर ब्रोकर को चुनने से पहले कई सारे बातों का ध्यान रखते हैं।
आज के हमारे इस लेख में हम यह जानेंगे कि आप एक सही How to Choose a Stock Broker – शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें?
How to Choose a Stock Broker – शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें?
शेयर बाजार से जब भी आप शेयर की खरीद बिक्री करते हो, तब आप सीधे स्टॉक एक्सचेंज किया फिर शेयर मार्केट से शेयर नहीं खरीदते हो।
आपको स्टॉक एक्सचेंज से शेयर की खरीद बिक्री करने के लिए एक पंजीकृत दलाल (Broker) की आवश्यकता होती है। आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि एक पंजीकृत ब्रोकर कौन होता है? एक पंजीकृत ब्रोकर SEBI द्वारा रजिस्टर्ड या पंजीकृत होता है।
एक स्टॉक ब्रोकर कोई भी एक व्यक्ति हो सकता है कोई एक कंपनी हो सकती है। या फिर कोई संस्था या ग्रुप हो सकता है। स्टॉक ब्रोकर, की सहायता से ही हम स्टॉक एक्सचेंज पर बिकवाली यानी की खरीद बिक्री का काम करते हैं।
इसके एवज में ब्रोकर को ब्रोकरेज (Brokerage) यानी कि एक तरह का शुल्क या कमीशन हमें दलाल या ब्रोकर को अदा करनी पड़ती है। ब्रोकर की सहायता से ही हम शेयर के आर्डर को स्टॉक एक्सचेंज मार्केट जैसे कि NSE और BSE को देते हैं। जो एक तरह से मध्यस्ता कार्य करते हुए, हमारे आर्डर को पूरा करता है।
शेयर दलाल का क्या-क्या काम होता है? What is the Work of Stock Broker?
जैसा कि हमने ऊपर इसके बारे में बताया है कि एक स्टॉक ब्रोकर, SEBI के अंतर्गत पंजीकृत होता है। जोकि किसी भी निवेशक और स्टॉक मार्केट के बीच में मीडिएटर (Mediator) के रूप में कार्य करती है। यानी कि सीधे शब्दों में कहें तो, शेयर बाजार यानी कि स्टॉक एक्सचेंज में होने वाले खरीद बिकवाली के सभी कार्य कोई भी निवेशक स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से ही करता है। एक स्टॉक ब्रोकर SEBI के अंतर्गत पंजीकृत होने के साथ-साथ वह SEBI के नियमों का पालन भी करता है।
चलिए हम इसे एक उदाहरण द्वारा समझते हैं कि किस तरह से निवेशक और स्टॉक मार्केट के बीच में स्टॉक ब्रोकर कार्य करता है। यहां पर आपको इस बात का ध्यान भी रखना है कि स्टॉक मार्केट में जितनी भी लेनदेन होती है। वह आज स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से ही होती है।
मान लीजिए कि एक निवेशक को XYZ कंपनी के शेयर की आवश्यकता है। इसके लिए निवेशक अपने स्टॉक ब्रोकर के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर उस कंपनी के शेयर को खो जेएगा। उस कंपनी के 100 शेयर खरीदने के लिए अपने स्टॉक ब्रोकर को ऑर्डर देता है। स्टॉक ब्रोकर आपके ऑर्डर को स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) पर भेजता है। और उपलब्ध शुगर की मात्रा के अनुसार आपका ऑर्डर पूर्ण होता है।
संबंधित कंपनी के शेयर खरीदने के लिए, आप एक ब्रोकर में निवेश करें जो स्टॉक ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट (trading account) मेंटेन कर रहे हैं। उससे पैसों को डिबेट कर लिया जाता है। और यह पैसों को शेयर बेचने वाले के ट्रेडिंग खाते पर ट्रांसफर कर दिया जाता है।
आपके द्वारा खरीदे गए शेयर को आपके डीमेट अकाउंट (DEMAT Account) पर हस्तांतरण कर दिया जाता है। इस तरह से स्टॉक ब्रोकर आपके एवं स्टॉक मार्केट के बीच में किसी भी ऑर्डर को पूरा करने के लिए मीडिएटर के रूप में कार्य करती है।
एक अच्छे स्टॉक ब्रोकर का चुनाव कैसे करें? How to Choose a Stock Broker
शेयर बाजार में खरीद बिकवाली सिर्फ पंजीकृत शेयर दलालों के माध्यम से की जाती है। इसलिए निवेशक के लिए सही दलाल का चयन करना बहुत ही जरूरी होता है। शेयर ब्रोकर के मामले में विश्व के सबसे लोकप्रिय निवेशक वारेन बफे की बात काफी रोचक है:-
शेयर ब्रोकर आपका दोस्त नहीं है। वह एक डॉक्टर की तरह एक ब्रोकर में निवेश करें होता है, जो मरीज से दवा के बदले शुल्क लेता है। अगर आप सही डॉक्टर के पास नहीं पहुंचेंगे तो खामियाजा आपको ही भुगतना पड़ेगा।
अगर आप एक सही स्टॉक ब्रोकर का चुनाव नहीं करते हैं तो इसका खामियाजा सच में आप को ही भुगतना पड़ेगा। शेयर बाजार में निवेश करने वाले दिग्गज निवेशक इस बात को सही मानते हैं। लेकिन इन सबके बावजूद एक साधारण निवेशक अपने व्यवहार में यह नहीं झलकता कि वे ब्रोकर को लेकर के संजीदा हो। ज्यादातर निवेशक तो अपने शेयर ब्रोकर का नाम, उसकी फॉर्म तथा उसके फोन नंबर से ज्यादा कुछ नहीं जानते और शेयर की खरीद बिक्री के लिए पूरी तरह से अपने ब्रोकर पर ही आश्रित रहते हैं, और सोचते हैं कि ब्रोकर उनके लाभ के लिए ही सब कार्य कर रहा है।
यदि आप ऐसा सोचते हैं तो यह बिल्कुल गलत है। क्योंकि, सच तो यह है कि पैसा किसी के कंधे पर सवार होकर के नहीं कमाया जा सकता। अगर आप में सूझ बुझ, विश्लेषण क्षमता व जागरूकता नहीं है तो आपकी सहायता कोई नहीं कर सकता है। यदि आप में सूझबूझ और विश्लेषण की क्षमता और जागरूकता है तो आप अपने शेयर ब्रोकर से अधिक कार्य ले सकते हैं।
इसलिए किसी भी शेयर ब्रोकर का चुनाव करते समय उसके ट्रैक रिकॉर्ड, उसकी सेवा की गुणवत्ता, ग्राहकों के लिए सलाहकारी सेवा, मार्केट रिसर्च इत्यादि के अलावा ब्रोकर का व्यवहार भी खास मायने रखता है। यदि कोई ब्रोकर सस्ती सेवाएं उपलब्ध करवाता है। इसके एवज में ब्रोकरेज कम लेता है और लुभावनी खबरें देता है। तो इसका मतलब यह नहीं होता कि ब्रोकर का चयन आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
वैसे ब्रोकर और निवेशक का रिश्ता पूरी तरह से विश्वास पर टिका होता है। लेकिन फिर भी कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:-
- अगर कोई ब्रोकर आपको किसी खास कंपनी के स्टाफ को खरीदने के लिए कह रहा है। तो संभल जाइए किससे ब्रोकर को अधिक कमीशन मिल रहा होगा।
- आपको ब्रोकर की पैंतेरी बाजी को समझना आना चाहिए। बहुत से ब्रोकर अपने लाभ के लिए अपने ग्राहकों को ठगने का काम भी करते हैं।
- यदि आपका ब्रोकर आपकी जरूरत, वित्तीय स्थिति व्यक्तिगत इस गांव को जाने बिना आपके लिए ट्रेड करता है तो आपको जोखिम भी उठाना पड़ सकता है।
- एक अच्छे ब्रोकर को इस बारे में जानकारी होती है कि उसका ग्रहण किस तरह के स्टॉप पर ट्रेड करना चाहता है।
- एक ब्रोकर को इस बारे में जानकारी होती है कि अगर वह उस से नाखुश या फिर वह कर से संबंधित कुछ शिकायत है तो वह सर्विस विभाग के अतिरिक्त SEBI पर जाकर भी शिकायत कर सकता है।
- सही ब्रोकर का चुनाव करने के लिए आप NSE और BSE की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर के उनकी सूची देख सकते हैं।
- एक अच्छे ब्रोकर का चुनाव करने से पहले किसी भी निवेशक को उनका ट्रेड रिकॉर्ड देखना जरूरी होता है।
- आप ऐसे ब्रोकर का चुनाव करें। जिस से संपर्क करने में आपको किसी भी तरह की कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
- आजकल अनेक बैंक में ब्रोकिंग का कारोबार चल रहा है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि जहां पर आप डिमैट अकाउंट जिस बैंक पर खुलवा रहे हैं वहीं से आप Broking Account या Trading Account ले सकते हैं।
- एक अच्छा ब्रोकर ग्रहक की सैर से संबंधित सुरक्षित ट्रेडिंग, ग्राहकों को निवेश संबंधी परामर्श और उनके पोर्टफोलियो को संचालित करता है। How to Choose a Stock Broker ( स्टॉक ब्रोकर का चुनाव कैसे करें)
ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य होता है। उसके पास या अधिकार होता है कि वह खुद के लिए तथा किसी और के लिए भी उस निवेश के लिए जो उस ब्रोकर के पास रजिस्टर्ड हो, शेयरों की खरीद बिक्री कर सकता है। पहले जहाँ किसी भी स्टॉक मार्केट पर शेयर दलाल या स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते थे वहीं अब कुछ लाखों रुपए खर्च करके आप एक रजिस्टर्ड ब्रोकर बन सकते हैं। इसलिए एक सही ब्रोकर का चुनाव करते वक्त आपको इन सारी चीजों के बारे में जानकारी होना बेहद ही जरूरी है।
Admin Desk हम हिंदी भाषा में यहां सरल शब्दों में आपको ज्ञानवर्धक जानकारियां उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं। ज्यादातर जानकारी है इंटरनेट पर अंग्रेजी भाषा में मौजूद है। हमारा उद्देश्य आपको हिंदी भाषा में बेहतर और अच्छी जानकारी उपलब्ध कराना है।
ASBA : जानिए शेयर बाजार में निवेश करने वालों को कैसे फायदा पहुंचाएगा
आइए अब इस प्रस्तावित प्रणाली के बारे में विस्तार से जानते हैं:
ASBA क्या है?
ASBA (Application Supported by Blocked Amount), एक खास तरह का पेमेंट सिस्टम है जिसका इस्तेमाल आईपीओ के लिए अर्जी लगाने के दौरान होता है। वर्ष 2008 से यह उपयोग में है। इससे पहले, निवेशकों को आईपीओ के लिए आवेदन करते समय या तो पैसा चेक से जमा करना होता था या आईपीओ के उद्देश्य से बनाए गए एस्क्रो खाते (escrow account) में अपने खाते से ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करना पड़ता था।
उस समय, एक आईपीओ के बंद होने और शेयरों के आवंटन के बीच की समयावधि 10 दिनों से अधिक थी। नतीजतन, पैसा एक निवेशक के बैंक खाते से डेबिट हो जाता था, भले ही उसे शेयर का आवंटन हुआ हो या नहीं।
ASBA के आने के साथ ही पेंमेंट की पूरी प्रक्रिया बदल गई। इस सिस्टम के तहत आईपीओ के लिए अर्जी देते समय केवल एक निवेशक के बैंक खाते में पैसा अवरुद्ध (ब्लॉक) रहता है। शेयरों के आवंटन के मामले में, आवश्यक धनराशि डेबिट हो जाती है जबकि आवंटन नहीं होने की स्थिति में पूरी ब्लॉक्ड राशि अनब्लॉक्ड हो जाती है।
सेकेंडरी मार्केट के लिए ASBA क्यों?
फिलहाल semi-ASBA जैसी प्रणाली उन निवेशकों के लिए पहले से ही मौजूद है जिनके पास 3-इन-1 बैंक खाता है। इस तरह की सुविधा आमतौर पर ऐसे ब्रोकरेज हाउस देते हैं, जिनकी खुद (यानी प्रमोटर की) की बैंकिंग सेवाएं हैं। 3-इन-1 खाते में एक बचत बैंक खाता (सेविंग बैंक अकाउंट), एक डीमैट खाता और एक ट्रेडिंग खाता शामिल होता है।
यहां ऑर्डर देने के समय आवश्यक फंड डेबिट हो जाता है। ऑर्डर देने से पहले फंड के भुगतान की जरूरत नहीं होती। यह इसलिए संभव है क्योंकि बैंक ब्रोकरेज हाउस, जो इसकी सहायक कंपनी है, को अपने कोर बैंकिंग प्लेटफॉर्म तक पहुंच प्रदान करता है।
हालांकि, एक बैंक तीसरे पक्ष के ब्रोकरेज हाउस के लिए ऐसा नहीं करता है। नतीजतन, निवेशकों को अपने ट्रेड से पहले भुगतान (फंड ट्रांसफर) करना होता है।
सेकेंडरी मार्केट के लिए ASBA जैसी प्रणाली के लागू होने के बाद, निवेशक केवल यह सुनिश्चित करके आदेश दे सकेंगे कि उनके बैंक खाते में पर्याप्त धनराशि है। आईपीओ की तरह, पैसा तभी निकलेगा जब ट्रेड की पुष्टि हो जाएगी।
दुरुपयोग पर लगाम
हाल के वर्षों में, ब्रोकर्स द्वारा निवेशकों की प्रतिभूतियों का दुरुपयोग करने के कई उदाहरण सामने एक ब्रोकर में निवेश करें आए हैं। ब्रोकर पहले अपने क्लाइंट की प्रतिभूतियों को एक ट्रेडिंग खाता खोलते समय प्राप्त पॉवर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) के माध्यम से एक्सेस करने में सक्षम थे। इतना ही नहीं ब्रोकर्स की पहुंच ग्राहकों द्वारा रेहन के रूप में गिरवी रखी प्रतिभूतियों तक भी थी।
इस तरह के कदाचार को रोकने एक ब्रोकर में निवेश करें एक ब्रोकर में निवेश करें के लिए, सेबी ने ‘pledge and re-pledge’ नामक एक तंत्र की शुरुआत की और पॉवर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) के चलन को भी समाप्त कर दिया।
नई प्रणाली के तहत, निवेशक ब्रोकर्स को उनकी प्रतिभूतियों तक सीधे पहुंच की अनुमति के बिना, अपनी गिरवी प्रतिभूतियों का उपयोग जमानत के तौर पर कर सकते हैं। इस सिस्टम के तहत निवेशकों के प्रतिभूतियों के दुरुपयोग पर लगाम लगा है।
सेकेंडरी मार्केट के लिए ASBA यह सुनिश्चित करेगा कि ब्रोकर्स को भी निवेशकों के धन तक पहुंच प्राप्त न हो। वर्तमान में, ब्रोकर अपने पास पड़े निवेशकों के पैसे पर फ्लोट (float) का उपयोग कर कमाते हैं। इसके अलावा, ऐसे भी उदाहरण हैं जब ब्रोकरों ने सेबी के आदेशानुसार 30 दिनों या 90 दिनों की अवधि के बाद उनके पास पड़े बेकार धन को वापस नहीं किया।
हालांकि, जून में सेबी द्वारा जारी एक सर्कुलर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि ब्रोकर निवेशक के रनिंग अकाउंट का सेटलमेंट निर्धारित समय अवधि के भीतर सुनिश्चित करें।
कार्यान्वयन को लेकर चुनौतियां
सेबी ने अभी तक सेकेंडरी मार्केट के लिए ASBA के कार्यान्वयन को लेकर न तो कोई सर्कुलर जारी किया है या कोई समय सीमा निर्धारित की है। इस सप्ताह एक कार्यक्रम में सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद, नई प्रणाली कुछ महीनों में तैयार हो जाएगी।
इंडस्ट्री प्लेयर्स का कहना है कि आईपीओ बाजार के लिए ASBA के अमल में आए हुए एक दशक से भी अधिक का समय हो गया है, लेकिन इसे सेकेंडरी मार्केट में लाने पर अधिक जटिल चुनौतियों का सामना करना पड सकता है।
ग्राहक द्वारा एक दिन में किए जाने वाले कई ट्रेड के लिए पैसे को ब्लॉक करने और अनब्लॉक करने के बहुत सारे उदाहरण होंगे। इसके अलावा, ASBA में भी, विफलता दर और ब्लॉक करने में अधिक समय लगने जैसे मुद्दे हैं।
5पैसा के सीईओ प्रकाश गगदानी कहते हैं, 'वहीं इसका सकारात्मक पक्ष यह है कि, पूरी फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया मानकीकृत होगी। मुझे लगता है कि बैंकों, ब्रोकर्स और अन्य बिचौलियों के बीच परिचालन कार्यान्वयन में लगने वाले वक्त के मद्देनजर इसे लागू होने में कुछ समय लगेगा।'
एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह कहते हैं, 'मार्जिन सिस्टम को नई प्रणाली के साथ संबद्व करने की आवश्यकता होगी। फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) में, केवल मार्जिन कलेक्ट किया जाता है। नई प्रणाली के के तहत निवेशक द्वारा बैंक को कई निर्देश देने की आवश्यकता हो सकती है। कई इंट्राडे ट्रेड करने वाले लोगों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण काम होगा।'
Station Guruji
उसके बाद मैंने आपको बताया कि एक अच्छी शेयर का चुनाव कैसे करें? फिर मैंने बताया कि Intraday Trading शेयर मार्केट में कैसे करें? पिछले लेख में मैंने बताया था कि स्टॉक मार्केट (Stock Market) में इन्वेस्ट कैसे करें?
आज मैं आपको बता रहा हूं स्टॉक मार्केट (Stock Market) में ₹1000 डेली कैसे कमाए? आपके मन में यह सवाल उठता होगा क्या स्टॉक मार्केट में ₹1000 प्रतिदिन कमाई संभव है? या फिर 1000₹ कमाने के लिए कितने घंटे काम करने पड़ेंगे?
यह कैसे कर सकते हैं? स्टॉक मार्केट (Stock Market) में कितने रुपए निवेश करने पर ₹1000 कमाया जा सकता है? और ना जाने क्या-क्या सवाल आपके मन में उठ रहा होगा? आज में सभी सवालों का जवाब दूंगा. साथ ही यह बताऊंगा कि आप किस प्रकार स्टॉक मार्केट (Stock Market) में इन्वेस्ट करें कि ₹1000 प्रतिदिन कमा सकें.
दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं महीने में लगभग 20 दिन ही स्टॉक मार्केट खुला रहता है. शनिवार और रविवार को छुट्टी रहती है. बीच में एक दो और छुट्टी हो जाता है. इस प्रकार महीने में लगभग 20 दिन ही हम शेयर मार्केट में काम करते हैं.
प्रत्येक दिन ₹1000 कमा ले तो ₹30,000 महीने में हम कमा सकते हैं. आपके मन में यह बात उठता होगा कि आदमी ₹10- ₹15000 महीना कमाने के लिए घर-द्वार छोड़कर दिल्ली-मुंबई जाता है. तो क्या घर बैठे अपने मोबाइल से हजार रुपया स्टॉक मार्केट से कमाए जा सकते है. इसका जवाब है हाँ बिल्कुल कमाया जा सकता है.
यदि आप पुराने निवेशक हैं जो स्टॉक मार्केट (Stock Market) से जुड़े हैं तो आप अच्छी तरह जानते होंगे. जो स्टॉक मार्केट में अभी नए हैं या फिर स्टॉक मार्केट का ABC नहीं जानते हैं उन्हें यह बात गलत लग रहा होगा. लेकिन यह बात 100% सच है कि आप थोड़ा सा मेहनत करें तो प्रतिदिन हजार रुपया स्टॉक मार्केट से कमा सकते हैं.
नीचे मैं कुल 5 बिंदुओं पर चर्चा कर रहा हूं. यदि आपने इस पांच बिंदुओं का पालन किया तो आप जरूर स्टॉक मार्केट से ₹1000 प्रतिदिन कमा सकते हैं.
1. कितना पूंजी इन्वेस्ट करना पड़ेगा
अब सवाल यह आता है प्रत्येक दिन ₹1,000 कमाने के लिए हमें स्टॉक मार्केट में कितने रुपए invest करना पड़ेगा. ₹1,000 इन्वेस्ट करके आप daily ₹1000 नहीं कमा सकते हो.
₹10,000 भी इन्वेस्ट करके आप प्रतिदिन ₹1,000 यानी 10% तो नहीं कमा सकते हो. यानी आपको कितने रुपए इन्वेस्ट करना पड़ेगा? इसका जवाब है आपको कम से कम ₹5,00,000 स्टॉक मार्केट में निवेश करना पड़ेगा.
लेकिन हम कभी भी एक साथ ₹5,00,000 निवेश करने की सलाह नहीं देते हैं. वह भी एक नए निवेशक को. मैंने पहले बताया था कि स्टॉक मार्केट में आप कुछ पैसे से शुरू करें. पहले ₹5,000 लगाए, उसकी एक महीना बाद 10,000 लगाएं. इस प्रकार लगाते रहे.
जब आपके पास 6 महीने का अनुभव हो जाए तब आप लाख रुपया लगा दे और एक साल बाद उसमें 5,00,000 लगाए. उससे पहले बिल्कुल भी ₹5,00,000 ना लगाए.
1 साल में आप स्टॉक मार्केट को अच्छी तरह समझ जाएंगे. उसके बाद आपको नुकसान होने की संभावना बहुत कम रहेगी. 5,00,000 का 4% ₹20,000 बनता है.
यदि आप महीने का 3 से 5% स्टॉक एक ब्रोकर में निवेश करें मार्केट में मुनाफा कमा लेते हैं तो आप अपने आप को एक अच्छा इन्वेस्टर मान सकते हैं. क्योंकि यह साल का 50% से ज्यादा हो गया.
लेकिन दोस्तों यह जितना कहने और सुनने में आसान है उतना आसान है नहीं. लेकिन उतना मुश्किल भी नहीं है जितना मुश्किल एक नए निवेशक किसे मानता है.
2. कितना समय काम करना पड़ेगा
बस थोड़ा सा समय निकालना पड़ेग. स्टॉक मार्केट खुलने से पहले अध्ययन करना पड़ेगा. आज किस-किस stock में क्या होने वाला है. इसके लिए आप सीएनबीसी आवाज या जी बिजनेस चैनल देख सकते हैं.
मोबाइल पर आप मनीकंट्रोल ऐप लोड करके उसमें भी अध्ययन कर सकते हैं. आप प्रतिदिन 1 से 2 घंटे निकाल कर स्टॉक मार्केट दे. मार्केट के शुरुआत में, बीच में और मार्केट बंद होते समय जरूर ध्यान से देखें किस प्रकार मार्केट में उतार-चढ़ाव हो रहा है.
मुझे विश्वास है और मैं इसे करता भी हूं. जिसने यह काम कर लिया वह आराम से 3 से 5% तक मुनाफा कमा सकता है. इसमें कोई दो राय नहीं है.
3. अपनी पूंजी से निवेश करें ब्रोकर की पूंजी से नहीं
कई लोग कहते हैं कि Intraday Trading में अपनी पूंजी का 10 गुना trade कर सकते हैं. यानी आपके पास यदि ₹1,00,000 पूँजी तो आप 10,00,000 का स्टॉक खरीद बिक्री कर सकते हैं. लेकिन दोस्तों यह ज्यादा खतरनाक है.
क्योंकि यह उस कंपनी का पैसा होता है जहां पर मेरा डिमैट अकाउंट होता है. इसमें आपको उसी दिन उस share को बेचना होता है. यदि आपके पास खुद का पैसा रहेगा तो आप वह दिन नहीं बेच कर उसे अगला दिन भी बेच सकते हैं. इसमें मुनाफा की ज्यादा संभावना रहती है.
कभी भी कंपनी के पैसे स्टॉक में लगाना नहीं चाहिए. यह बात कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगेगा क्योंकि अक्सर लोग यही काम करते हैं. यह मेरा अपना विचार है. आगे आपकी मर्जी है.
4. कभी-कभी नुकसान भी सहन करें
कई बार है हम Intraday Trading में नुकसान उठा लेते हैं. जिसकी भरपाई हम उसी दिन करने के लिए प्रयास करते हैं. जो बिल्कुल गलत है.
यदि हमें किसी कंपनी का शेयर खरीदा और उसमें 2% का stop loss लगा दिया. वह उसी दिन 2% नीचे आ गया और मुझे 2% का नुकसान हो गया. अब हम चाहते हैं यह 2% नुकसान की भरपाई आज ही कर ले और हम कोई दूसरा शेयर खरीद लेते हैं.
यह जल्दबाजी में किया गया काम होता है. इसमें हमें उस नुकसान की भरपाई तो नहीं हो पाता है. उसके बदले और नुकसान हो जाता है. ऐसा कभी भी ना करें.
प्रत्येक दिन आपको फायदा ही नहीं होगा. कभी-कभी आपको नुकसान भी हो जाएगा. इसलिए नुकसान को सहन करना सीखें.
5. प्रत्येक दिन लेनदेन ना करें
कई लोग होते हैं जो प्रत्येक दिन लेनदेन करते हैं. मार्केट कितना भी नीचे जाए या ऊपर जाए वह प्रत्येक दिन Stock खरीदते और बेचते हैं जो गलत है.
किसी किसी दिन मार्केट में इतना उतार-चढ़ाव होता है जिसमें हम कुछ समझ नहीं पाते हैं और जब हम समझ नहीं पाते हैं तब हमे बिल्कुल उसे देखना नहीं चाहिए. जिस दिन हमें समझ आए की आज मार्केट invest करने योग्य है उसी दिन invest करना चाहिए.
यह अनुभव से आपको पता चलेगा. नए इन्वेस्टर इसे नहीं जान पाएंगे. कई स्टॉक ऐसे भी हैं जो 1 दिन में 10% से ज्यादा बढ़ जाता है. वह तो वही लोग पहचान पाते हैं जो इस मार्केट में कुछ सालों से हैं.
नए निवेशक उस स्टॉक को तब खरीदते हैं जब वह टॉप लेवल पर रहता है.
इसलिए विश्व के महान निवेशक Woren Wofet कहते है कि जब अच्छे निवेशक बेचकर बाजार से बाहर चले जाते हैं तब बुरे निवेशक बाजार में निवेश करता है. इसलिए कभी भी उस Stock को नहीं खरीदे जो अपने उच्चतम स्तर पर चल रहा है।
ऐसे ही कुछ नियम है जिसका यदि आप में ईमानदारी से पालन किया तो आप भी बड़े आसानी से ₹1000 प्रतिदिन स्टॉक मार्केट से कमा सकते हैं. इससे ज्यादा भी कमा सकते हैं जितना ज्ञान बढ़ेगा उतनी ही आपकी कमाई बढ़ेगा।
संक्षेप में
मेरे वेबसाइट करना स्टेशन गुरुजी हैं। आप गूगल पर जाकर स्टेशन गुरुजी लिखे या बोल दे आपको सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा।
फिर भी आपको कोई दिक्कत है तो मुझे आप ईमेल भेज सकते हैं। मैं रेलवे विभागीय जानकारी, पढ़ाई लिखाई, मोटिवेशनल कहानी, वित्तीय जानकारी इत्यादि विषय पर निष्पक्ष रुप से ज्ञानवर्धक लेख लिखता रहता हूं। जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं।
एक ब्रोकर में निवेश करें
Written by Web Desk Team | Published :November 17, 2022 , 12:46 pm IST
महंगाई का मुकाबला करने के लिए, शेयर बाजारों और अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में निवेश और ट्रेडिंग पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. यदि आप अपनी गाढ़ी कमाई को केवल फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे ट्रेडिशनल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (traditional financial instrument) में सेव करते हैं, तो आप अपने फाइनेंशियल गोल को पूरा करने से पीछे रह सकते हैं.
एक बिगिनर के रूप में आपको शेयर बाजार चुनौतीपूर्ण लग सकता है, हालांकि हम आपको आश्वस्त करते हैं कि ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना बहुत आसान है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के आने से पहले, जो व्यक्ति बॉन्ड, शेयर, या अन्य सिक्योरिटीज जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को खरीदना या बेचना चाहते थे, उन्हें अपनी ब्रोकरेज फर्मों से संपर्क करना पड़ता था और उन्हें उनकी ओर से लेनदेन की व्यवस्था करने के लिए कहना पड़ता था. इसके बाद, प्राइस चेक करने, कॉन्ट्रैक्ट वेरीफाई करने और अंत में ट्रेड की पुष्टि करने की एक लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता था. हमें एक ब्रोकर में निवेश करें उस फीस को नहीं भूलना चाहिए जो ये ट्रेडिशनल ब्रोकर सर्विस के लिए मांगते थे. फिर आया डिस्काउंट ब्रोकर्स या ऑनलाइन ब्रोकर्स का युग, जिसने खेल को पूरी तरह से बदल दिया. इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग जो पहले कुछ चुनिंदा लोगों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध थी अब बहुत बड़ी संख्या में आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है.
ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?
ऑनलाइन ट्रेडिंग फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को ऑनलाइन खरीदने और बेचने का एक सुविधाजनक तरीका है. इन लेन-देन को ऑनलाइन ब्रोकर्स के माध्यम से आसान बनाया जा सकता है जो इक्विटी, कमोडिटीज, बॉन्ड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, फ्यूचर्स आदि जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करते हैं.
ऑनलाइन ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं?
किसी भी समय कहीं से भी ट्रेड करने की सुविधा: यदि आपके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन तक पहुंच है तो आप अपने मोबाइल ट्रेडिंग ऐप से किसी भी समय (बाजार के घंटों के दौरान) कहीं से भी ट्रेड/निवेश कर सकते हैं.
अपने निवेश को रियल-टाइम के आधार पर ट्रैक करें और निवेश का निर्णय आसानी से लें: आप अपने निवेश और ट्रेंड्स को एक ही प्लेटफॉर्म पर ट्रैक कर सकते हैं. अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म ढेर सारे डेटा पॉइंट भी प्रदान करते हैं जिनसे आप खुद भी रिसर्च कर स्टॉक और अन्य वित्तीय साधनों में ट्रेड कर सकते हैं. यह आपको स्मार्ट निवेश और ट्रेडिंग डिसीजन लेने में मदद कर सकता है. जब भी आप अपने फोन या कंप्यूटर से लॉग इन करते हैं तो आप रीयल-टाइम प्रॉफिट या लॉस देख सकते हैं.
ट्रेड करने से पहले अपने ब्रोकर से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं: आपको कोई भी लेनदेन करने से पहले अपने ब्रोकर से बात करने की भी आवश्यकता नहीं है. इनफॉर्म्ड इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग डिसीजन लेने के लिए, आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखनी चाहिए और डेटा पॉइंट, पैटर्न, ट्रेंड और प्राइस मूवमेंट की समझ प्राप्त करनी चाहिए.
शुरुआती लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते हैं?
1) ब्रोकर का चयन करें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग में पहला कदम यह निर्धारित करना है कि ब्रोकर वैध है या नहीं. यह देखना होगा कि यह सेबी पंजीकृत ब्रोकर है या नहीं. हर एक ब्रोकर को अपनी सेबी पंजीकृत आईडी को अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर डिस्प्ले करना जरूरी है. एक बार जब आप ब्रोकर की वैधता चेक कर लेते हैं, तो आपको दो प्रकार के ऑनलाइन ब्रोकरों में से चुनना होगा:
– डिस्काउंट ब्रोकर या
– फुल-सर्विस ब्रोकर्स
एक डिस्काउंट ब्रोकर आपको कम शुल्क में सभी आवश्यक ट्रेडिंग टूल प्रदान करेगा, एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज फर्म आपको उच्च शुल्क में निवेश सलाह प्रदान करेगी. इस प्रकार आपकी आवश्यकताओं के आधार पर, आप यह तय कर सकते हैं कि आप डिस्काउंट ब्रोकर या फुल-सर्विस ब्रोकर के साथ जाना चाहते हैं. असल में, डी-आई-वाई ट्रेडर बनने के लिए इंटरनेट पर कई संसाधन उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और शेयर बाजारों के बारे में सीख सकते हैं. आप डिस्काउंट ब्रोकरेज चुन सकते हैं. यदि आपके पास अपने दम पर ट्रेड करने का ज्ञान है, यदि आप निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपके पास बाज़ार का समय या समझ नहीं है, तो एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज अकाउंट एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
2) डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए अगला कदम और आरंभ करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना है. डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है जहां यह आपके स्टॉक, एमएफ इत्यादि को डीमैटरियलाइज्ड रूप में रखता है जैसे बैंक आपकी नकदी रखता है. जबकि, ट्रेडिंग अकाउंट एक इंटरफ़ेस है जिससे आप एक्चुअल ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इन दिनों डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद सहज, तेज और पेपरलेस हो गया है. एक बार जब आप कुछ बेसिक डॉक्यूमेंट प्रस्तुत कर देते हैं तो आप उसी दिन से ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
3) ट्रेडिंग शुरू करें: निवेश या ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना, शेयर बाजारों का कुछ ज्ञान हासिल करना एक ब्रोकर में निवेश करें और वर्चुअल ट्रेडिंग का अभ्यास करना एक अच्छा आईडिया है. एक बार जब आप इसे जान लें तो अपने ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से ट्रेडिंग शुरू करें. D-I-Y (do-it-yourself) इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए अपने ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध विभिन्न टूल्स का उपयोग करें.
निष्कर्ष ये है कि शेयर बाजार में शुरुआत करने के लिए आपको एक ऑनलाइन ब्रोकर का चयन करना होगा, एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा और ट्रेडिंग शुरू करनी होगी. सुनिश्चित करें कि आप अपने ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म और वेब पर उपलब्ध लर्निंग मटेरियल और टूल्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं