लिक्विडिटी रेशियो क्या है

1- रेपो रेट (Repo Rate)
रेपो रेट का मतलब लिक्विडिटी रेशियो क्या है है रिजर्व बैंक द्वारा अन्य बैकों को दिए जाने वाले लिक्विडिटी रेशियो क्या है कर्ज की दर। मतलब वो ब्याज दर जिसपर रिजर्व बैंक देश के अन्य बैंकों को ब्याज देता है। रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक अपने ग्राहकों को कम ब्याज दर पर होम लोन, व्हीकल लोन सहित अन्य लोने देंगे। बीते दिनों रेपो रेप बढ़ाया गया है। इस कारण बैंक भी अपना ब्याज दर बढ़ा रही है।
HDFC Bank ने रिजर्व बैंक से मांगी राहत, 'SLR-CRR नियमों को धीरे-धीरे पूरा करने लिक्विडिटी रेशियो क्या है की इजाजत दी जाए'
HDFC बैंक ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से अनुरोध किया है कि हाउसिंग डिवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HDFC लिमिटेड) के साथ विलय के बाद जरूरी नियामकीय शर्तों को उसे चरणों में पूरा करने की इजाजत दी जाए।
HDFC बैंक को विलय के बाद जिन रेगुलेटरी शर्तों को पूरा करना होगा, उसमे सबसे अहम स्टेच्युटरी लिक्विडिटी रेशियो (SLR) और लिक्विडिटी रेशियो क्या है कैश रिजर्व रेशियो (CRR) है। RBI नियमों के मुताबिक, बैंक को अपने कुल डिपॉजिट का कुछ हिस्सा सरकारी बॉन्डों में निवेश करना होता है, जिसे SLR कहते हैं। वहीं बैंक को कुल डिपॉजिट का कुछ हिस्सा हमेशा अपने पास लिक्विड स्थिति में रखना होता है, जिसे CRR कहते हैं। फिलहाल SLR 18 फीसदी और CRR 4 फीसदी है।
HDFC बैंक, देश का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है। बैंक ने HDFC की कुछ संपत्तियों और लायबिलिटी को लेकर RBI से कुछ समय तक छूट की मांग की है।
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HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख ने बताया, "बैंक ने RBI से अनुरोध किया है कि उसे SLR और CRR से जुड़े नियमों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने की इजाजत देने पर विचार किया जाए। साथ ही प्रायॉरिटी सेक्टर को कर्ज देने, कुछ संपत्तियों और लायबिलिटी को नियमों में शामिल करने और उससे जुड़ी कुछ सब्सिडियरी को लेकर चरणबद्ध तरीका अपनाने का अनुरोध किया गया है। RBI को 1 अप्रैल को लिखे लेटर में इनका अनुरोध किया गया है और RBI इस पर विचार कर रहा है।"
इससे पहले HDFC ने सोमवार लिक्विडिटी रेशियो क्या है सुबह में देश की सबसे बड़ी होम लोन कंपनी HDFC लिक्विडिटी रेशियो क्या है का देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC बैंक में लिक्विडिटी रेशियो क्या है विलय का ऐलान किया था। इस मर्जर की लंबे समय से उम्मीद की जा रही थी।
Liquid ETF: शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों के लिए बेहतर है ये फंड, कम जोखिम में रिटर्न के साथ अच्छी लिक्विडिटी की सुविधा भी
By: ABP Live | Updated at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST)
Liquid ETF: क्या आप भी शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करते हैं? अगर हां, तो लिक्विड ईटीएफ (Liquid Exchange Traded Funds) आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है. समझते हैं कि आखिर इसके पीछे क्या तर्क है. जब कोई लिक्विडिटी रेशियो क्या है स्टॉक मार्केट ट्रेडर या इंवेस्टर अपना निवेश बेचता है तो अपने पैसों का दोबार निवेश करने से पहले उसके पास दो समस्याएं आती हैं. मान लेते हैं कि किसी व्यक्ति ने आपने स्टॉक मार्केट में निवेश किया और कुछ महीने में आपका इंवेस्टमेंट बढ़ गया. अब आप मुनाफा कमाने के लिए उसे बेचना चाहते हैं. आप पहले दिन सेल ऑर्डर देंगे. दूसरे दिन आपके डीमैट अकाउंट से आपका स्टॉक डेबिट होगा और तीसरे दिन आपके मार्जिन अकाउंट में उसके पैसे आएंगे. अब आपकी इच्छा कि आप नए निवेश करने तक उन पैसों को मार्जिन अकाउंट में रखना चाहते हैं या फिर बैंक खाते में ट्रांसफर करते हैं.
Liquid ETF कैसे है फायदे का सौदा?
एक स्टॉक मार्केट इंवेस्टर के तौर पर आपके मन में यह उलझन हो सकता है कि मार्जिन अकाउंट में आपके पैसे यूं ही पड़े रहेंगे और उस पर कोई ब्याज भी नहीं लिक्विडिटी रेशियो क्या है मिलेगा. ट्रेडिंग अकाउंट से बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए आपके पास वक्त भी होना चाहिए. लिक्विड ईटीएफ आपकी इन दोनों समस्याओं का समाधान है. ये कम जोखिम वाले ओवरनाइट सिक्योरिटीज जैसे कोलैटरलाइज्ड बॉरोइंग एंड लेंडिंग ऑब्लिगेशंस (CBLO), रेपो और रिवर्स रेपो सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. ये दैनिक आधार पर आपको डिविडेंड देते हैं जिसका पुनर्निवेश फंड में कर दिया जाता है. इनमें जोखिम कम होता है और आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं.
लिक्विड ईटीएफ में निवेश से पहले बेंचमार्क की तुलना में उसके रिटर्न और एक्सपेंस रेशियो की तुलना करें. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लिक्विड ईटीएफ का एक्सपेंस रेशियो 0.25 प्रतिशत है. वहीं, डीएसपी निफ्टी लिक्विड ईटीएफ का एक्सपेंश रेशियो 0.64 प्रतिशत है, जबकि निप्पॉन इंडिया ईटीएफ के लिक्विड बीईईएस का खर्च 0.69 फीसदी पड़ता है.
खुदरा निवेशकों के लिए, इक्विटी शेयरों की बिक्री के समय ब्रोकर को समान राशि का निवेश करने का निर्देश देकर लिक्विड ईटीएफ की यूनिट खरीदना समझदारी है. जब निवेशक कुछ इक्विटी शेयर खरीदना चाहें, तो किसी ब्रोकर से लिक्विड ईटीएफ का उपयोग करके खरीदारी करने के लिए कह सकता है जिसे मार्जिन मनी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
क्या होता है रेपो रेट, सीआरआर और मॉनिटरी पॉलिसी? क्या हैं इसके घटने-बढ़ने के मायने
बुधवार को रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की आरबीआई की घोषणा के बाद तीन सरकारी और एक निजी बैंक ने होम सहित दूसरे लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी है। अन्य बैंक भी ब्याज दरों को बढ़ाने की तैयारी में जुटी है। रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर, मॉनिटरी पॉलिसी सहित बिजनेस और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी अन्य टर्म की जानकारी आम लोगों को कम ही होती है। यहां जानिए इन टर्मों के बारे में।
Repo Rate: बीते बुधवार को लिक्विडिटी रेशियो क्या है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऐलान किया था। आरबीआई की इस घोषणा के बाद 24 घंटे बाद भी तीन सरकारी और एक निजी बैंक ने होम सहित दूसरे लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी है। जाहिर है कि बैंकों का ब्याज दर बढ़ने के साथ ही ईएमआई भी बढ़ेगी। हालांकि रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर, मॉनिटरी पॉलिसी सहित बिजनेस और बैंकिग क्षेत्र से जुड़े अन्य टर्म की जानकारी आम लोगों को कम ही होती है। इसलिए यहां उदाहरण के साथ सामान्य बोलचाल की भाषा में जानिए रेपो रेट बढ़ाए जाने का आपपर क्या प्रभाव पड़ेगा?