शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार

शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार
एमसीएक्स एसएक्स में ट्रेडिंग कब शुरु होगी?
छठ पूजा के दिन मॉक टेस्टिंग के साथ सांकेतिक ट्रेडिंग की शुरुआत हो चुकी है । शेयर ट्रेडिंग की सफलता के लिए मॉक टे्रडिंग की गई थी, जो सफल रही। इस मॉक टेस्टिंग में 135 सदस्यों ने उपलब्ध 100 शेयरों का 225.53 करोड़ रुपये का कारोबार किया। एमसीएक्स-एसएक्स इस सफल टेस्टिंग से सीधे कारोबार के लिए तैयार है और 350 सदस्यों के पंजीकृत होते ही कारोबार की शुरुआत कर दी जाएगी। एक्सचेंज को 700 नए सदस्य बनने के आवेदन मिले हैं, जो एक रिकॉर्ड है। तारीख बताना थोड़ी जल्दबाजी होगी लेकिन यह खुशखबरी जल्द मिलेगी।
देश में पहले से ही स्टॉक एक्सचेंज हैं, ऐसे में नए एक्सचेंज की क्या जरूरत है ?
हमारे एक्सचेंजों ने भारत के वित्तीय समुदाय को विश्वास दिलाया है कि पूंजी बाजार के विकास का कार्य स्क्रीन आधारित ट्रेडिंग, इंडेक्स, इंडेक्स फ्यूचर्स ऐंड ऑप्शंस में कारोबार होने से पूरा हो गया और अब दूसरे एक्सचेंजों की यहां कोई जगह नहीं है। लेकिन बाजार के विकास के बारे में हमारा नजरिया अलग है। भारत में और एक्सचेंजों की जगह है। अगर हम वैश्विक परिप्रेक्ष्य में देखें तो विश्व के सबसे बड़े वित्तीय बाजार अमेरिका में 10 एक्सचेंज है और वहां की कुल आबादी का 60 प्रतिशत स्टॉक मार्केट से जुड़ा है। अमेरिका और यूरोप में जिस तरह अनेक एक्सचेंज हैं, भारत में भी उनकी उतनी ही एक्सचेंजों की जरूरत है, जिससे कि देश का आर्थिक विकास सबल हो सके। यहां तो तीन से भी ज्यादा स्टॉक एक्सचेंजों की खास जरूरत है। भारत के स्टॉक मार्केट की संरचना में फिलहाल एकाधिकार है। एक उत्पाद में भी सट्टïा लगने से कारोबार अचानक बढ़ जाता है। नतीजतन भारी मुनाफा होता है।
एमसीएक्स-एसएक्स मौजूदा एक्सचेंजों से कैसे अलग है?
हम भारत के बॉन्ड मार्केट के विकास के लिए उत्सुक हैं। मौजूदा स्टॉक एक्सचेंज फ्यूचर्स ऐंड ऑप्शंस के मार्केट को छोड़कर दूसरे सभी सेगमेंट में बुरी तरह फेल हो गए। छह साल पहले एक्सचेंजों को कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट शुरु करने की अनुमति दी गई, लेकिन यहां भी वे सफल नहीं हो पाए। देश में एक्सचेजों को कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार को विकसित करने की पूरी छूट दी गई, लेकिन वे विकास नहीं फायदा कमाने में जुटे हुए हैं। हाल ही में एनएसई ने ओटीसी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (ओटीसीईआई) और इंडोनेक्स्ट ने बीएसई के साथ एसएमई कैपिटल मार्केट शुरू किया, लेकिन यहां भी वे विफल रहे। दर्जन भर कंपनियां ही यहां सूचीबद्ध हो पाई हैं। एक्सचेंज इस मार्केट को विकसित नहीं कर पाए हैं। एमसीएक्स-एसएक्स पूरे देश में बॉन्ड बाजार और दूसरे नए निवेश उत्पादों को बड़े पैमाने पर विकसित करने का काम करेगा।
आप इक्विटी सेगमेंट में सटोरिया प्रवृति की बात करते हैं, कमोडिटी सेगमेंट में भी सटोरिये हावी हैं, क्या कहेंगे ?
इक्विटी सेगमेंट में सौदों का नकद निपटान होता है, जबकि कमोडिटी में इसका निपटान भौतिक रूप से होता है। कमोडिटीज में डिलिवरी लेवल के स्तर को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन यहांंंं सबसे बड़ी चुनौती फिजिकल डिलिवरी में हेजिंग का प्रोत्साहन है, जबकि इक्विटी सेगमेंट में यह मौका नहीं होता। कुछ साल पहले चर्चा थी कि इक्विटी के वायदा एवं विकल्प कारोबार फिजिकल ट्रेडिंग के रूप में किया जाए, ताकि बाजार संतुलित हो सके, लेकिन एक्सचेंजों ने इनकार कर दिया। इसका कारण वे ही जानते हैं। कमोडिटी एक्सचेंजों ने अनेक महत्त्वपूर्ण सेक्टरों, मसलन आधार धातुओं और बहुमूल्य धातु में वैश्विक स्तर पर होने वाले उतार-चढ़ाव से बचने के लिए भाव एवं रिस्क मैनेजमेंट की सुविधा उपलब्ध कराई है।
कमोडिटी मार्केट में सीटीटी लगाने की बात चल रही है, इसका क्या असर होगा?
एफसीआरए के संसद में पारित होने पर भारत के कमोडिटी सेक्टर में संभावनाएं बढ़ जाएंगी। भारत भाव निर्धारित करने के मामले में अग्रणी हो जाएगा। फिलहाल सबसे बड़ी बात लेनदेन है। कमोडिटी फ्यूचर्स में कारोबार और भारी उतार-चढ़ाव की सूरत में हेजिंग की भूमिका से भारतीय अर्थव्यवस्था विकास को बल मिलता है। इसलिए इस सेक्टर पर किसी भी रुप में सीटीटी के थोपने से कमोडिटी एक्सचेंजों की ट्रेडिंग डब्बा कारोबार हो जाएगा। इस अवैध कारोबार के चलते टैक्स पर असर बढ़ेगा और कमोडिटी एक्सचेंजों का कारोबार शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार घट जाएगा।
कारोबार बढ़ाने के लिए एमसीएक्स-एसएक्स की दूसरे एक्सचेंजों से अलग रणनीति क्या होगी?
हमारी कार्यशैली बाजार देख चुका है। हमने अपने एक्सचेंज के लिए पेशेवर और ग्रामीण उद्यमिता के नाम से दो अलग-अलग वर्ग शुरू किया है। देश भर से इन दोनों वर्गों को तगड़ा प्रोत्साहन मिला है। हमने प्रवेश शुल्क एवं लेनदेन शुल्क भी बाजार के अनुकूल बनाए हैं क्योंकि हम इसका बोझ सदस्यों पर नहीं थोपना चाहते। निवेशकों के प्रशिक्षण एवं जागरूकता के लिए हमने महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके लिए हमने शैक्षणिक संस्थानों के साथ हाथ मिलाया है, ताकि निवेश की संस्कृति के प्रोत्साहन का लक्ष्य हासिल किया जा सके। यह एकमात्र एक्सचेंज हैं, जिसने अगले 10 साल के लिए अपना बाजार एजेंडा घोषित किया है।
Insider Trading: आखिर क्या है इनसाइडर ट्रेडिंग, जिसमें फंसे हैं कई मशहूर बिजनेसमैन, जानिए अब तक के बड़े मामले
Insider Trading: अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको इससे जुड़े नियम-कानूनों को अच्छें से जान लेना चाहिए. स्टॉक मार्केट में आपने की बार इनसाइडर ट्रेडिंग शब्द सुना होगा, पर क्या आपको इसकी पूरी जानकारी है.
Insider Trading (Photo: Wikimedia)
- नई दिल्ली ,
- 26 जुलाई 2022,
- (Updated 26 जुलाई 2022, 11:20 AM IST)
पिछले कुछ सालों में बढ़े हैं इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले
राकेश झुनझुनवाला भी फंसे हैं इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में
हाल ही में, कई मामलों में बहुत से लोगों पर Insider Trading (इनसाइडर ट्रेडिंग) का आरोप लगाया गया है. जिसमें उन्होंने अवैध लाभ में पांच शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार मिलियन डॉलर से अधिक कमाए हैं. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने ल्यूमेंटम होल्डिंग्स के पूर्व मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी 49 वर्षीय अमित भारद्वाज और उनके दोस्तों, धीरेनकुमार पटेल (50), श्रीनिवास कक्करा (47), अब्बास सईदी (47) और रमेश चित्तोर (45) पर आरोप लगाए हैं.
एसईसी का आरोप है कि कैलिफोर्निया में रहने वाले इन लोगों ने ल्यूमेंटम द्वारा दो कॉर्पोरेट अधिग्रहण घोषणाओं से पहले ट्रेडिंग की और 5.2 मिलियन अमरीकी डॉलर से ज्यादा अवैध फायदा कमाया. अब सवाल है कि आखिर Insider Trading या भेदिया कारोबार क्या है.
क्या है इनाइडर ट्रेडिंग
इनसाइडर ट्रेडिंग को इनसाइडर डीलिंग के रूप में भी जाना जाता है. जब कंपनी के कर्मचारी अवैध तरीके से कंपनी के शयर्स की खरीद-बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं, तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग कहते हैं. यह खासकर कंपनी की किसी गोपनीय जानकारी के आधार पर किया जाता है और कर्मचारियों के पता होता है कि आने वाले समय में कंपनी के शेयर्स के दाम बढ़ेंगे.
उदहारण के लिए, आपकी कंपनी का किसी दूसरी कंपनी के साथ मर्जर होने वाला है या कंपनी अपने शेयर्य गिरवी रखकर लोन लेती है. और इस तरह की गोपनीय जानकारी की खबर प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को होती है. अगर ये अधिकारी डील को अनाउंस होने से पहले ही अपने किसी करीबी के नाम से कंपनी के शेयर खरीद ले ताकि मर्जर के बाद जब शेयर्स के दाम बढ़े तो इन्हें बेचकर वह अच्छा मुनाफा कमा सकता है.
हालांकि, प्रमोटर शेयर की खरीद SEBI के दिशा-निर्देशों के मुताबिक करता है तो यह गलत नहीं है. लेकिन गलत तरीकों से की गई खरीद और बिक्री के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होती है.
सामने आए हैं कई बड़े मामले
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI ने अप्रैल 2017 से अब तक कुल 177 - एक साल में औसतन लगभग 38 इनसाइडर ट्रेडिंग मामलों की जांच की है. इन मामलों में इंडस्ट्री से जुड़े कुछ मशहूर लोग भी शामिल हैं. इनमें सन फार्मा के दिलीप शांघवी और इसके कुछ निदेशकों, किरण मजूमदार-शॉ, राकेश झुनझुनवाला, भारती एयरटेल की प्रमोटर फर्म इंडियन कॉन्टिनेंट इनवेस्टमेंट जैसे नाम शामिल हैं.
राकेश अग्रवाल बनाम सेबी
साल 1996 में, ABS इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, राकेश अग्रवाल ने एक जर्मन व्यवसाय, बेयर एजी के साथ एक समझौते किया था. जर्मन कंपनी, ABS इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 51% शेयरों को खरीदने वाली थी. यूपीएसआई द्वारा अधिग्रहण की घोषणा के बाद, अग्रवाल ने अपने एबीएस इंडस्ट्रीज के स्वामित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बेच दिया, जिसका स्वामित्व उसके बहनोई, आई.पी. केडिया के पास था. इस मामले में सेबी ने माना कि राकेश अग्रवाल इनसाइडर ट्रेडिंग के दोषी थे.
हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड बनाम सेबी
हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड ("एचएलएल") ने सार्वजनिक निवेश संस्थान, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया ("यूटीआई") से ब्रुक बॉन्ड लिप्टन इंडिया लिमिटेड ("बीबीएलआईएल") के विलय की सार्वजनिक घोषणा से दो सप्ताह पहले बीबीएलआईएल 8 लाख शेयर खरीदे. सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग का संदेह करते हुए, अध्यक्ष, सभी कार्यकारी निदेशकों, कंपनी सचिव और एचएलएल के तत्कालीन अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस ("एससीएन") जारी किया था.
राकेश झुनझुनवाला बनाम सेबी
सेबी ने मशहूर इकोनोमिस्ट राकेश झुनझुनवाला को भी इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में नोटिस भेजा था. नोटिस के अनुसार, राकेश झुनझुनवाला ने एप्टेक एजुकेशन और ट्रेनिंग कंपनी के शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग किया था. यह कंपनी झुनझुनवाला और उनके परिवार की है. सेबी के अनुसार राकेश झुनझुनवाला ने साल 2006 में एप्टेक कंपनी के शेयर 56 रूपये पर खरीदे थे. उसके बाद से कंपनी में उनके और उनके परिवार के लोगों का हिस्सेदारी बढ़कर 49 प्रतिशत हो गया है.
हाल ही में, राकेश झुनझुनवाला, उनकी पत्नी रेखा और आठ अन्य लोगों ने एप्टेक के स्टॉक से जुड़े इस इनसाइडर ट्रेडिंग मामले को सेबी को सामूहिक रूप से 37 करोड़ रुपये का भुगतान करके सुलझाया है.
ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को
हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार में ट्रेडिंग में सभी लोगों.
हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों की दिलचस्पी होती है और आप में से बहुत लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी करते होंगे, आपके ट्रेडिंग अकाउंट में काफी स्टॉक्स होंगे और उनकी वैल्यू भी काफी होगी। ऐसे में अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो आपको लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है। हम आपको बता रहे हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय किन बातों को गलती से भी नहीं भूलना चाहिए-
> केवल रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के साथ ही व्यवहार/अनुबंध करें - जिस ब्रोकर के साथ आप लेन-देन कर रहे हों, उसके रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जाँच कर लें।
> फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रोटेक्शन प्लान्स से सावधान रहें। ब्रोकर या उनके औथोरइज्ड व्यक्ति या उनका कोई भी प्रतिनिधि/कर्मचारी आपके इन्वेस्ट पर फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रिजरवेसन देने के लिए औथोरइज्ड नहीं है या आपके द्वारा दिये गए पैसो पर ब्याज का भुगतान करने के लिए आपके साथ कोई लोन समझौता करने के लिए औथोरइज्ड नहीं है। कृपया ध्यान दें कि आपके खाते में इस प्रकार का कोई व्यवहार पाए जाने पर आपका दिवालिया/निष्कासित ब्रोकर संबंधी दावा निरहन कर दिया जाएगा।
> कृपया आपने 'केवाईसी' (KYC) पेपर में सभी जरूरी जानकारी खुद भरें और ब्रोकर से अपने 'केवाईसी' पेपर की नियम अनुसार साइन की हुई प्रति प्राप्त करें। उन सभी शर्तों की जांच करें जिन्हें आपने सहमति और स्वीकृति दी है।
> सुनिश्चित करें कि आपके स्टॉक ब्रोकर के पास हमेशा आपका नया और सही कांटैक्ट डिटेल हो जैसे ईमेल आईडी/मोबाइल नंबर। ईमेल और मोबाइल नंबर जरूरी है और एक्सचेंज रिकॉर्ड में अपडेट के लिए आपको अपने ब्रोकर को मोबाइल नंबर देना होगा। यदि आपको एक्सचेंज/डिपॉजिटरी से नियमित रूप से संदेश नहीं मिल रहे हैं, तो आपको स्टॉक ब्रोकर/एक्सचेंज के पास इस मामले को उठाना चाहिए।
> इलेक्ट्रॉनिक (ई-मेल) कॉन्ट्रैक्ट नोट्स/फाइनेंशियल डिटेल्स का चयन सिर्फ तभी करें जब आप खुद कंप्यूटर के जानकार हों और आपका अपना ई-मेल अकाउंट हो और आप उसे प्रतिदिन/नियमित देखते हो।
> आपके द्वारा किए गए ट्रेड के लिए एक्सचेंज से प्राप्त हुए किसी भी ईमेल/एसएमएस को अनदेखा न करें। अपने ब्रोकर से मिले कॉन्ट्रैक्ट नोट/अकाउंट के डिटेल से इसे वेरिफ़ाई करें। यदि कोई गड़बड़ी हो, तो अपने ब्रोकर को तुरंत इसके बारे में लिखित रूप से सूचित करें और यदि स्टॉक ब्रोकर जवाब नहीं देता है, तो एक्सचेंज/डिपॉजिटरी को तुरंत रिपोर्ट करें।
> आपके द्वारा निश्चित की गई अकाउंट के सेटलमेंट कि फ्रिक्वेन्सी की जांच करें। यदि आपने करेंट अकाउंट (running account) का ऑप्शन चुना है, तो कृपया कन्फ़र्म करें कि आपका ब्रोकर आपके अकाउंट का नियमित रूप से सेटलमेंट करता है और किसी भी स्थिति में 90 दिनों में एक बार ( यदि आपने 30 दिनों के सेटलमेंट का विकल्प चुना है तो 30 दिन) डिटेल्स भेजता है । कृपया ध्यान दें कि आपके ब्रोकर द्वारा डिफॉल्ट होने की स्थिति में एक्सचेंज द्वारा 90 दिनों से अधिक की अवधि के दावे एक्सैप्ट नहीं किए जाएंगे।
> डिपॉजिटरी से प्राप्त जॉइंट अकाउंट की जानकारी (Consolidated Account Statement- CAS) नियमित रूप से वेरिफ़ाई करते रहें और अपने ट्रेड/लेनदेन के साथ सामंजस्य शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार स्थापित करें।
> कन्फ़र्म करें कि पे-आउट की तारीख से 1 वर्किंग डे के भीतर आपके खाते में धनराशि/सिक्योरिटी (शेयर) का पेमेंट हो गया हो। कन्फ़र्म करें कि आपको अपने ट्रेड के 24 घंटों के भीतर कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलते हों।
> एनएसई की वेबसाइट पर ट्रेड वेरिफिकेशन की सुविधा शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार भी उपलब्ध है जिसका उपयोग आप अपने ट्रेड के वेरिफिकेशन के लिए कर सकते हैं।
> ब्रोकर के पास अनावश्यक बैलेंस न रखें। कृपया ध्यान रहे कि ब्रोकर के दिवालिया निष्कासित होने पर उन खानों के दावे स्वीकार नहीं होंगे जिनमें 90 दिन से कोई ट्रेड ना हुआ हो।
> शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार ब्रोकर्स को सिक्यूरिटि के ट्रांसफर को मार्जिन के रूप में स्वीकार करने की अनुमति नहीं है। मार्जिन के रूप में दी जाने वाली सिक्योरिटी ग्राहक के अकाउंट में ही रहनी चाहिए और यह ब्रोकर को गिरवी रखी जा सकती हैं। ग्राहकों को किसी भी कारण से ब्रोकर या ब्रोकर के सहयोगी या ब्रोकर के औथोरइज्ड व्यक्ति के साथ कोई सिक्यूरिटी रखने की अनुमति नहीं है। ब्रोकर केवल कस्टमर द्वारा बेची गई सिक्योरिटी के डिपोजिट करने के लिए ग्राहकों से संबंधित सिक्योरिटी ले सकता है।
> भारी मुनाफे का वादा करने वाले शेयर/सिक्योरिटी में व्यापार करने का लालच देकर ईमेल और एसएमएस भेजने वाले धोखेबाजों के झांसे में न आएं। किसी को अपना यूजर आईडी और पासवर्ड ना दें। आपके सारे शेयर या बैलेंस शून्य हो सकता है। यह भी हो सकता है कि आपके खाते में बड़ी राशि की वसूली निकल आए।
> पीओए (पावर ऑफ शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार अटॉर्नी) देते समय सावधान रहें - सभी अधिकार जिनका स्टॉक ब्रोकर प्रयोग कर सकते हैं और समय सीमा जिसके लिए पीओए मान्य है, इसे स्पष्ट रूप से बताएँ। यह ध्यान रहे कि सेबी/एक्सचेंजों के अनुसार पीओए अनिवार्य / आवश्यक नहीं है।
> ब्रोकर द्वारा रिपोर्ट किए गए फंड और सिक्योरिटी बैलेंस के बारे में साप्ताहिक आधार पर एक्सचेंज द्वारा भेजे गए मैसेजों की जांच करें और यदि आप इसमें कोई अंतर पाते हैं, तो तुरंत एक्सचेंज को शिकायत करें।
> किसी के साथ पासवर्ड (इंटरनेट अकाउंट) शेयर न करें। ऐसा करना अपने सुरक्षित पैसे शेयर करने जैसा है।
> कृपया सेबी के रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के अलावा किसी औथोरइज्ड व्यक्ति या ब्रोकर के सहयोगी सहित किसी को भी ट्रेडिंग के उद्देश्य से फंड ट्रांसफर न करें।
डिस्क्लेमर- जानकारी आपको एनएसई से मिली सूचना के आधार पर है।
दिवाली पर शेयर बाजार में एक घंटे तक बरसेगा पैसा, जानिए क्या है मुहूर्त ट्रेडिंग और इसका महत्व
मुहूर्त ट्रेडिंग एक विशेष प्रतीकात्मक ट्रेडिंग सेशन है, जो स्टॉक एक्सचेंजों में दिवाली पर आयोजित होता है। बीएसई और एनएसई दोनों 'शुभ मुहूर्त' या शुभ समय के अनुसार एक घंटे का ट्रेडिंग सेशन चलाते हैं। माना जाता है कि इस सेशन में ट्रेडिंग पूरे साल निवेशकों के लिए समृद्धि लाती है। मुहूर्त ट्रेडिंग में ज्यादातर ऑर्डर खरीदने के होते हैं, जो बाजार में जोड़ने पर जोर देते हैं और आमतौर पर पॉजिटिव नोट के साथ बाजार बंद होता है।
भारतीय निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली?
भारत में दिवाली 'अंधकार पर प्रकाश', 'बुराई पर अच्छाई' और 'अज्ञानता पर ज्ञान' की जीत का प्रतीक है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं और सोना खरीदते हैं। इसके आध्यात्मिक महत्व के अलावा यह पारंपरिक हिंदू अकाउंटिंग वर्ष की शुरुआत भी दर्शाता है जिसे 'संवत' कहते हैं। धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी और शुरुआत के देवता गणेश की पूजा दिवाली पर की जाती है।
भारतीयों विशेष रूप से गुजरातियों और मारवाड़ियों में लेखा पुस्तकों और तिजोरी के सम्मान में पूजा करते हैं। कारोबार और दुकानें अपने पुराने अकाउंट बुक्स को बंद करते हैं और नए साल की शुरुआत पॉजिटिव नोट से नई अकाउंटिंग बुक्स से करते हैं। परंपरागत ट्रेडिंग सेशन से पहले निवेशक और स्टॉकब्रोकर लक्ष्मी और गणेश से आशीर्वाद लेने के लिए 'चोपडा पूजन' करते हैं। यह आपको मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेश करने का एक अच्छा कारण देता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग का समय
भले ही दिवाली के दिन शेयर बाजार बंद होते हैं, लेकिन मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन लगभग एक घंटे तक चलता है। दिन के सबसे शुभ घंटे के आधार पर हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग का समय बदल जाता है। कारोबारी समुदाय आधी सदी से परंपरा का पालन कर रहा है। 1957 के बाद से बीएसई और 1992 के बाद से एनएसई इस विशेष ट्रेडिंग सेशन का आयोजन कर रहे हैं। इस साल स्टॉक एक्सचेंज शनिवार 14 नवंबर को शाम 6:15 से 7:15 बजे तक आयोजित करेंगे।
मुहूर्त ट्रेडिंग का महत्व
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। ऐसा माना जाता है कि विशेष मुहूर्त में ग्रहों की स्थिति इस तरह होती है कि किया गया निवेश निवेशकों के लिए सौभाग्य लाता है। बहुत सारे निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। कुछ भी नया शुरू करने के लिए दिवाली को आदर्श दिन माना जाता है। कई लोग इस विशेष ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।
एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के सीएमओ श्री प्रभाकर तिवारी के अनुसार, इन डेवलपमेंट्स के कारण यह देखा गया है कि बाजार आमतौर पर मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में ऊपर की ओर बढ़ते हैं। सभी सेग्मेंट्स में खरीदने के ऑर्डर ज्यादा होने से निवेशक की भावना सकारात्मक रहती है। इस दिन स्टॉक की कीमतें स्थिर रहती हैं क्योंकि अधिकांश निवेशक बिक्री के बजाय खरीदना पसंद करते हैं। निवेशक आमतौर पर मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान वैल्यू इन्वेस्टमेंट में शामिल होते हैं।
इस वजह से स्टॉक मार्केट में निवेश करने, बड़ी खरीदारी, टोकन निवेश या पहली बार खरीदारी करने के लिए यह सही दिन है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि भावनाओं में बहकर ओवरवैल्यूड शेयरों की खरीद न की जाए। सांस्कृतिक और धार्मिक भावना एक निवेशक की निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, शेयर बाजार में सफलता के लिए पहले से मजबूत वित्तीय विश्लेषण करना आवश्यक है।
मुहूर्त ट्रेडिंग एक विशेष प्रतीकात्मक ट्रेडिंग सेशन है, जो स्टॉक एक्सचेंजों में दिवाली पर आयोजित होता है। बीएसई और एनएसई दोनों 'शुभ मुहूर्त' या शुभ समय के अनुसार एक घंटे का ट्रेडिंग सेशन चलाते हैं। माना जाता है कि इस सेशन में ट्रेडिंग पूरे साल निवेशकों के लिए समृद्धि लाती है। मुहूर्त ट्रेडिंग में ज्यादातर ऑर्डर खरीदने के होते हैं, जो बाजार में जोड़ने पर जोर देते हैं और आमतौर पर पॉजिटिव नोट के साथ बाजार बंद होता है।
भारतीय निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली?
भारत में दिवाली 'अंधकार पर प्रकाश', 'बुराई पर अच्छाई' और 'अज्ञानता पर ज्ञान' की जीत का प्रतीक है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं और सोना खरीदते हैं। इसके आध्यात्मिक महत्व के अलावा यह पारंपरिक हिंदू अकाउंटिंग वर्ष की शुरुआत भी दर्शाता है जिसे 'संवत' कहते हैं। धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी और शुरुआत के देवता गणेश की पूजा दिवाली पर की जाती है।
भारतीयों विशेष रूप से गुजरातियों और मारवाड़ियों में लेखा पुस्तकों और तिजोरी के सम्मान में पूजा करते हैं। कारोबार और दुकानें अपने पुराने अकाउंट बुक्स को बंद करते हैं और नए साल की शुरुआत पॉजिटिव नोट से नई अकाउंटिंग बुक्स से करते हैं। परंपरागत ट्रेडिंग सेशन से पहले निवेशक और स्टॉकब्रोकर लक्ष्मी और गणेश से आशीर्वाद लेने के लिए 'चोपडा पूजन' करते हैं। यह आपको मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेश करने का एक अच्छा कारण देता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग का समय
भले ही दिवाली के दिन शेयर बाजार बंद होते हैं, लेकिन मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन लगभग एक घंटे तक चलता है। दिन के सबसे शुभ घंटे के आधार पर हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग का समय बदल जाता है। कारोबारी समुदाय आधी सदी से परंपरा का पालन कर रहा है। 1957 के बाद से बीएसई और 1992 के बाद से एनएसई इस विशेष ट्रेडिंग सेशन का आयोजन कर रहे हैं। इस साल स्टॉक एक्सचेंज शनिवार 14 नवंबर को शाम 6:15 से 7:15 बजे तक आयोजित करेंगे।
मुहूर्त ट्रेडिंग का महत्व
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। ऐसा माना जाता है कि विशेष मुहूर्त में ग्रहों की स्थिति इस तरह होती है कि किया गया निवेश निवेशकों के लिए सौभाग्य लाता है। बहुत सारे निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। कुछ भी नया शुरू करने के लिए दिवाली को आदर्श दिन माना जाता है। कई लोग इस विशेष ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।
एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के सीएमओ श्री प्रभाकर तिवारी के अनुसार, इन डेवलपमेंट्स के कारण यह देखा गया है कि बाजार आमतौर पर मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में ऊपर की ओर बढ़ते हैं। सभी सेग्मेंट्स में खरीदने के ऑर्डर ज्यादा होने से निवेशक की भावना सकारात्मक रहती है। इस दिन स्टॉक की कीमतें स्थिर रहती हैं क्योंकि अधिकांश निवेशक बिक्री के बजाय खरीदना पसंद करते हैं। निवेशक आमतौर पर मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान वैल्यू इन्वेस्टमेंट में शामिल होते हैं।
इस वजह से स्टॉक मार्केट में निवेश करने, बड़ी खरीदारी, टोकन निवेश या पहली बार खरीदारी करने के लिए यह सही दिन है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि भावनाओं में बहकर ओवरवैल्यूड शेयरों की खरीद न की जाए। सांस्कृतिक और धार्मिक भावना एक निवेशक की निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, शेयर बाजार में सफलता के लिए पहले से मजबूत वित्तीय विश्लेषण करना आवश्यक है।
Free Stock Market Investment Guides Beginners: शेयर मार्किट में सफलता पानी है तो रहे अलर्ट और Upto डेट जागरूक
दरअसल शेयर बाजार का पूरा खेल सूचनाओं की व्याख्या पर ही टिका है। किसी भी स्टॉक में किसी भी वक्त दो तरह के ट्रेडर होते हैं- लॉन्ग और शॉर्ट। बुल और बियर--यानी खरीदने वाले और बेचने वाले। अक्सर देखा जाता है कि एक ही परिस्थिति में दोनों बिलकुल विपरीत तरीके से ट्रेड करते हैं। बाजी वही मारता है जिसके पास सूचनाएं सबसे पहले पहुंचती हैं और जो उनका दूरदृष्टि के साथ आकलन करता है।
ध्यान रखने योग्य खास बातें (Investors Attention Please)
शेयर बाजार पर सूचनाओं के असर का एक उदाहरण। पिछले महीने मैं इप्का लैब के शेयर को ट्रैक कर रही थी। 8 अगस्त को अचानक इप्का का शेयर करीब 10 फीसदी नीचे गिर गया। मैं चौंक गई। फिर पता चला कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन यानी यूएसएफडीए की जांच में इप्का लैब के रतलाम प्लांट में नियमों के कथित उल्लंघन की बात सामने आई। इप्का लैब की कुल बिक्री में अमेरिकी बाजार को किए जाने वाले निर्यात की मात्रा काफी अहम है इसलिए इस खबर ने इप्का के शेयर पर गहरी चोट की। आगे की कहानी इससे ज्यादा दिलचस्प है। इप्का का शेयर जो 8 अगस्त को 650 रुपए तक गिर गया था, वह 5 सितंबर को 800 के पार चला गया। यानी एक महीने से कम समय में वह शेयर 20 फीसदी से ज्यादा चढ़ गया। एक नकारात्मक खबर से वह टूटा जरूर लेकिन उसके शेयरधारकों ने कंपनी पर भरोसा बनाए रखा। इसलिए शेयर ने बड़ी तेजी से बाउंस बैक किया।
अब जरा सोचिए कि जिन लोगों ने इस खबर के आधार पर इप्का को 650 के आसपास शॉर्ट किया होगा, उनका क्या हर्श होगा, क्योंकि उसी दिन इप्का ने करीब दस फीसदी गिरने के बाद लगभग पांच फीसदी रिकवरी कर ली थी। कहने का तात्पर्य यह है शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार कि एक ही खबर की व्याख्या अलग-अलग तरह से की जाती है। 650 रुपए का भाव इप्का के लिए एक तरह से तात्कालिक बॉटम साबित हुआ, जहां से उसने जबरदस्त जंप लगाई। जिस ट्रेडर ने उस दिन के निगेटिव सेंटिमेंट का छिपा हुआ पॉजिटिव एंगल पकड़ा, वह आज अपने पोर्टफोलियो में मोटी कमाई देखकर मुस्करा रहा होगा।
उल्टा पड़ सकता है दांव (Reverse Trading Impact): आगे बढ़ने से पहले नए खुदरा निवेशकों के लिए एक जरूरी बात। अगर आप किसी शेयर के बारे में अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं, तो महज एक सूचना के आधार पर ट्रेड नहीं करें, क्योंकि ऐसे में दांव उल्टा पड़ने की आशंका काफी ज्यादा होती है। अक्सर नए ट्रेडर इस तरह के लालच में पड़कर अपना भारी नुकसान करवा लेते हैं। उन्हें लगता है कि अगर नकारात्मक खबर है तो शेयर खूब गिरेगा, इसीलिए वे बिना सोचे समझे शॉर्ट कर देते हैं। लेकिन शेयर वहां से पलट जाता है और वे फंस जाते हैं। इसी तरह कभी उन्हें लगता है कि कोई गुड न्यूज किसी शेयर को आसमानी बुलंदियों तक पहुंचा देगी। इसी उम्मीद में वे अच्छे खासे बढ़े हुए शेयर को खरीद लेते हैं, लेकिन वह शेयर शिखर बनाने के बाद लुढ़क जाता है। दोनों ही सूरत में ट्रेडर के फंसने की आशंका रहती है। कई बार ऐसा भी होता है कि अगर कोई शेयर पांच फीसदी गिर गया तो नए अनुभवहीन ट्रेडर ये सोच कर उसे खरीदने लगते हैं कि अब ये और नहीं गिरेगा, लेकिन एक-डेढ़ फीसदी की रिकवरी के बाद वे फिर से पांच-सात फीसदी फिसल जाता है।
इसलिए नए रिटेल ट्रेडर्स के लिए हमारा सुझाव है कि वे उन्हीं शेयर में सूचना के आधार पर ट्रेडिंग का मंसूबा बनाएं जिनके भाव के उतार-चढ़ाव की उन्हें पुख्ता जानकारी हो, किसी अनजान शेयर में यों ही किसी के कहने से मत कूदिए।
खुदरा निवेशकों को सूचना देर से (Retailers Investors Got Late News):एक और महत्वपूर्ण बात हमेशा याद रखिए कि अगर आप आम खुदरा ट्रेडर हैं तो आप सूचना तंत्र के सबसे निचले पायदान पर हैं। जिस सूचना के आधार पर आप ट्रेड करने के लिए लपकते हैं, ज्यादातर मामलों में वह सूचना सार्वजनिक हो चुकी होती है। इंटरनेट और टीवी के इस युग में किसी खबर को वायरल में होने में वक्त ही कितना लगता है। तो जरा सोचिए कि जिस सूचना को ट्रंप कार्ड समझ कर आप बाजी खेलने जा रहे हैं, वह आपसे पहले कितने लोगों की निगाहों से गुजर चुकी होगी। क्या वे हाथ पर हाथ रखे बैठे होंगे? नहीं। दरअसल छोटे निवेशकों और ट्रेडर्स तक जब शेयर बाजार की कोई खबर पहुंचती है, उससे पहले ही बड़े खिलाड़ी उसका दोहन कर लेते हैं। इन बड़े खिलाड़ियों में एफआईआई, डीआईआई, म्यूचुअल फंड से लेकर एचएनआई तक शामिल हैं। ये बिसात बिछा देते हैं और उसमें मोहरों के रूप में छोटे ट्रेडर फंस जाते हैं। अगर किसी शेयर में कोई निगेटिव न्यूज आई तो कई मामलों में ये बड़े खिलाड़ी पहले ही इतना शॉर्ट कर देते हैं कि शेयर ओवरसोल्ड हो जाता है। ओवरसोल्ड का मतलब है, काफी ज्यादा बिकवाली होना। ओवरसोल्ड की अवस्था के बाद अक्सर शेयर में खरीद शुरू हो जाती है। खुदरा निवेशक जब तक शॉर्ट करने पहुंचते हैं, तब तक शेयर बाय (खरीद) जोन में पहुंच जाता है, लेकिन वे इसे भांप नहीं पाते हैं और ट्रैप हो जाते हैं। कई बार तो ऐसा भी होता है कि खबर निगेटिव होती है, लेकिन कोई शेयर गिरने के बजाए चढ़ जाता है। इसलिए किसी शेयर में सूचना के आधार पर ट्रेडिंग करते समय फूंक-फूंक कर कदम रखिए क्योंकि बहुत कठिन है डगर प्रॉफिट की।
1. खबरों के आधार पर बदलता है शेयर बाजार का रुख
2. एक निगेटव खबर से लुढ़क सकता है शेयर बाजार
3. खबरों के आधार पर दिन में 10 फीसदी का उतार-चढ़ाव संभव
4. खबरों के विश्लेषण में जल्दबाजी नहीं करें, बारीकी से अध्ययन करें
5. निगेटिव खबर शेयर के गिरने की गारंटी नहीं, 6. गुड न्यूज से शेयर चढ़े-ये भी जरूरी नहीं 7. खुदरा निवेशकों तक देर से पहुंचती हैं खबरें, तब तक थोक निवेशक उठा लेते हैं फायदा 8. अनजान शेयरों में सिर्फ खबर के आधार पर ट्रेडिंग सही नहीं, ठीक से परख लें
पाठको को सलाह दी जाती है शेयर मार्किट में व्यापक व गहन विचार करने के बाद ही निवेश करना चाहिए केवल इस पोस्ट को पढने से ही आप निवेश नही कर सकते इसलिए सोच विचार कर ही निवेश करे हमारा उद्देश्य केवल जानकारी देना है की बेसिक स्टॉक मार्किट में क्या होता है इसलिए प्रॉफिट लोस के आप स्वयं जिम्मेदार होंग
NASDAQ Stock Market - Stock Quotes - Stock Exchange, Stock Market Data - Dow Jones, Nasdaq, S&P 500, Stock Quotes, Get Stock Market Quotes, Share Price Quotes, A beginners guide शेयर ट्रेडिंग में सफलता का आधार to investing on the stock market, Understanding, Buying and Selling Stocks, Stock Trading For Beginners | A Rookie's Guide, Stock Investing At Lower Risk: A Guide For Beginners, Stock Trading Guide | How To Trade Shares | Stock Market, Education Guides - Free Stock Market Investment Guides