इंडियन बैंक म्यूचुअल फंड

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Investment सरकारी बैंकों की ऊंची उड़ान, शेयरों में निवेशकों को मिल रहा जोरदार फायदा
मुंबई: इस साल रिकॉर्ड महंगाई (High Inflation) और बढ़ती ब्याज दरों (Rising Interest Rates) के कारण शेयर बाजार (Stock Market) में भारी उतार-चढ़ाव के माहौल में खास तेजी नहीं आई है। हालांकि अन्य बड़े देशों के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की तेज प्रगति को देख विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारत के प्रति फिर पॉजिटिव हो गए हैं। इस वजह से पिछले माह से बाजार में अवश्य तेजी देखी जा रही है, लेकिन विगत 12 महीनों का विश्लेषण करें तो दोनों मुख्य बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स (Sensex) और एनएसई निफ्टी (Nifty) में 2% का मामूली रिटर्न ही मिला है, परंतु बैंकिंग सेक्टर इंडियन बैंक म्यूचुअल फंड के शेयर चमक रहे हैं, इनमें भी सरकारी बैंकों (Public Sector Banks) के शेयरों (Stocks) में सबसे ज्यादा तेजी आई है और विगत 12 महीनों के दौरान सरकारी बैंक शेयरों में निवेशकों को कम जोखिम के साथ 9% से लेकर 110% तक का अच्छा फायदा प्राप्त हुआ है।सरकारी बैंकों में आम निवेशक तो मालामाल हुए ही हैं। साथ ही केंद्र सरकार को भी इनमें अच्छा-खासा फायदा हुआ है क्योंकि विगत वर्षों में सरकारी बैंकों को संकट से उबारने के लिए सरकार ने इनमें कम भाव पर इक्विटी निवेश किया था। देश के सबसे बड़े बैंक, एसबीआई (SBI) का शेयर तो पहली बार 600 रुपए की ऊंचाई पर पहुंच गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), केनरा बैंक (Canara Bank), इंडियन बैंक (Indian Bank), यूनियन बैंक (UBI) और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) के शेयर भी विगत 3 वर्षों की ऊंचाई पर पहुंच गए है।
दूर हुआ ‘एनपीए’ का बड़ा संकट
सरकारी बैंक शेयरों में आ रही तेजी का मुख्य कारण तो भारी ‘एनपीए’ का संकट दूर होकर बैलेंस शीट मजबूत होना है। सरकारी बैंकों की प्रगति में भारी डूबत कर्ज (NPA) सबसे बड़ी बाधा बन गए थे। इंडियन बैंक म्यूचुअल फंड इस कारण करीब 5 साल तक अधिकांश सरकारी बैंक घाटे से जूझते रहे। इस संकट को मोदी सरकार ने IBC कानून लाकर खत्म किया। बहरहाल अब खतरे के बादल छंट गए हैं और इनके ‘अच्छे दिन’ फिर लौट आए हैं। सभी सरकारी बैंक फिर से लाभप्रद बन गए हैं और ‘एनपीए’ कम करने के साथ व्यवसाय और मुनाफे में लगातार अच्छी वृद्धि दर्ज कर रहे हैं। इसी कारण देश-विदेश के निवेशक सरकारी बैंकों के प्रति आकर्षित हो रहे हैं और इनके शेयरों में तेजी आ रही है। बैंकों के बढ़ते एनपीए की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने 6 साल पहले इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) कानून लागू किया था। इस नए कानून के आने के बाद अनेक दिवालिया हुई कई कंपनियां डिफाल्टर प्रमोटरों के हाथ से निकल गयी हैं। इससे प्रमोटरों में यह डर पैदा हो गया कि इंडियन बैंक म्यूचुअल फंड बैंक से लोन लिया है तो चुकाना ही पड़ेगा और यदि डिफाल्ट किया तो पूरी कंपनी हाथ से निकल जाएगी। नतीजन कंपनी प्रमोटर नया लोन लेने की बजाय अपना पुराना बैंक लोन चुकाने पर जोर देने लगे। इसी कारण कोविड संकट के बावजूद एनपीए नहीं बढ़ा और आईबीसी कानून के कारण पुराने डूबत कर्जों की रिकवरी भी तेजी से बढ़ी। उसी का नतीजा है कि सभी 12 सरकारी बैंकों का सम्मिलित शुद्ध ‘एनपीए’ कम होकर अब करीब 2% के काफी अच्छे स्तर पर आ गया है, जो तीन साल पहले 9% के जोखिमपूर्ण स्तर पर पहुंच गया था।
अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित वित्त मंत्री
सरकारी बैंकों के अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ‘एनपीए’ को कम करने और पीएसबी (सरकारी बैंक) की वित्तीय स्थिति मजबूत बनाने के लिए सरकार के निरंतर प्रयास अब ठोस परिणाम दिखा रहे हैं। सभी 12 सरकारी बैंकों का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बढ़कर 25,685 करोड़ रुपए और पहली छमाही में बढ़कर 40,991 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इसमें सालाना आधार पर क्रमश: 50% और 32% का उछाल दर्ज हुआ है।
भारतीय बैंकिंग सेक्टर विगत वर्षों में कई चुनौतियों को झेलने के बाद अब काफी मजबूत बनकर उभरा है। अधिकांश बैंकों के रिजल्ट अच्छे आए हैं, विशेषकर सरकारी बैंकों के रिजल्ट तो उत्साहवर्धक हैं और वैल्यूएशन की दृष्टि से देखा जाए तो इनके शेयर अभी भी आकर्षक वैल्यूएशन पर मिल रहे हैं। बैंकिंग सेक्टर की ग्रोथ आने वाले वर्षों में भी काफी अच्छी रहने की संभावना हैं और निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिलने के आसार हैं।
इंडियन बैंक का प्रॉफिट जून तिमाही में बढ़ा, NPA के मोर्चे पर भी मिली राहत
TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा
Updated on: Jul 30, 2022 | 9:46 PM
सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक का अप्रैल-जून तिमाही में शुद्ध लाभ 2.7 फीसदी बढ़कर 1,213.44 करोड़ रुपये रहा है. एक साल पहले की समान तिमाही में यह 1,181.66 करोड़ रुपये था. बैंक ने शनिवार को बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 की जून तिमाही में उसकी कुल आय मामूली रूप से बढ़कर 11,758.29 करोड़ रुपये हो गई है, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 11,444.27 करोड़ रुपये थी. बैंक की ब्याज से मिली आय 5.5 फीसदी बढ़कर 10,153.66 करोड़ रुपये हो गई है.
बैंक का फंसा कर्ज घटा
पिछले साल की जून तिमाही में यह 9,623.59 करोड़ रुपये थी. हालांकि, बैंक की अन्य स्रोतों से होने वाली आय 12 फीसदी घटकर 1,604.63 करोड़ रुपये रह गई है.
बैंक के फंसे कर्ज में 13 फीसदी से थोड़े अधिक की गिरावट आई है. इससे आकस्मिक मद में प्रावधान 2,218.93 करोड़ रुपये का ही करना पड़ा है. जबकि, एक साल पहले यह प्रावधान 2,558.57 करोड़ रुपये रहा था.
बैंक के कुल नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) भी कम होकर सकल ऋण का 8.13 फीसदी रह गईं हैं. जबकि, अप्रैल-जून 2021 की तिमाही में यह आंकड़ा 9.69 फीसदी था. जून तिमाही के आखिर में बैंक का सकल फंसा कर्ज 34,573 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल समान तिमाही में 37,759 करोड़ रुपये रहा था.
शुद्ध एनपीए 8,471 करोड़ रुपये (2.12 फीसदी) रहा है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 12,653 करोड़ रुपये (3.47 फीसदी) था.
बैंक ने महंगा कर दिया था कर्ज
आपको बता दें कि सरकारी बैंक इंडियन बैंक ने पिछले महीने लोन के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) बढ़ा दिए थे. सभी अवधि के लोन पर एमसीएलआर की दर 0.15 फीसद तक बढ़ाई गई थी. नए लेंडिंग रेट की नई दर लागू हो गई थी. एमसीएलआर वह दर होती है जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन देता है. लोन की ब्याज दर लेंडिंग रेट से कम नहीं हो सकती. लेंडिंग रेट बढ़ने का अर्थ लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी से है. इससे इंडियन बैंक का लोन महंगा हो गया और लोन की ईएमआई भी बढ़ गई थी.
एक साल की अवधि वाले लोन का एमसीएलआर अब 7.55 परसेंट है, जो पहले 7.40 फीसदी होता था. एक साल के एमसीएलआर पर ही अधिकतर कंज्यूमर लोन दिए जाते हैं. इसी तरह एक रात से लेकर 6 महीने की अवधि वाले लोन का लेंडिंग रेट भी 0.15 परसेंट तक बढ़ाया गया था.
FD News: बैंक FD में लॉकइन समय 5 साल से घटाकर 3 साल किया जाए, IBA ने वित्त मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव
By: ABP Live | Updated at : 18 Jan 2022 11:56 AM (IST)
Edited By: Meenakshi
बैंक एफडी (फाइल फोटो)
FD News: बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) को लेकर इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) ने वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) को एक प्रस्ताव भेजा है. IBA ने कहा है कि बजट (Budget 2022) में इसके नियमों में बदलाव किया जाए. बैंक की एफडी (Bank FD) का लॉकइन समय 5 साल से घटाकर 3 साल किया जाए, जिसमें टैक्स की रियायत मिलनी चाहिए.
आईबीए ने कहा है कि बैंक एफडी का लॉकइन समय पांच साल से घटाकर 3 साल किया जाने और फिर इसे टैक्स के दायरे में लाने के बाद ही अन्य प्रोडक्ट की तुलना में FD आकर्षक हो पाएगा और निवेशक इस ऑप्शन को ज्यादा तरजीह दे पाएंगे.
टैक्स सेविंग FD में तीन साल का लॉक इन पीरीयड हो
आईबीए की मांग है कि टैक्स बचाने वाले बैंक FD में भी तीन साल का लॉक इन समय होना चाहिए. इससे बैंक में ज्यादा पैसा लोग रखेंगे जो कि पिछले कुछ साल में लगातार घट रहा है.Indian Bank share breaks out Market opening: इस सरकारी बैंक के स्टॉक ने बाजार खुलते ही किया जोरदार ब्रेक आउट
Indian Bank: शेयर बाजार में सरकारी क्षेत्र के इस स्टॉक ने बेहद अच्छा प्रदर्शन दिखाया है। इस स्टॉक की खरीद में अच्छी-खासी तेजी देखी जा रही है। निवेशकों ने इसकी खरीद के प्रति रुझान दिखाया है। इस मजबूत ‘बाइंग इन्ट्रेस्ट’ के कारण इस स्टॉक ने इस हफ्ते टॉप ट्रेंडिंग स्टॉक में अपना नाम दर्ज करा लिया है। यह स्टॉक है इंडियन बैंक का।
इंडियन बैंक का स्टॉक शुरुआती कारोबार के बाद गुरुवार को 5% से उछला। यह स्टॉक बीते कई दिनों से ₹172 से ₹182 के स्तर पर मजबूती बनाए हुए था। लेकिन गुरुवार को स्टॉक बाजार खुलते ही इसने धमाके के साथ ब्रेक आउट किया। यह इस बात का सबूत है कि इसमें निवेशक कितनी अधिक रुचि दिखा रहे हैं। इस बीच दिनभर तेजी बनाए रखते हुए स्टॉक ₹187.80 तक पहुँच गया जो उसकी पिछले 52 हफ्तों की सबसे अच्छी कीमत थी। स्टॉक के लिए शेयर बाजार का रुझान बुलिश है। उसकी ऊँची कीमत उसकी सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से अधिक है।
स्टॉक तकनीकी रूप से मजबूत है और आनेवाले दिनों में अच्छा कारोबार करेगा
यह शेयर टेक्निकल रूप से बहुत मजबूत संकेत दे रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इसकी कीमत ₹195 के स्तर तक ऊपर उठेगी। शेयर का 14-अवधि का दैनिक 69.23 से सुपर बुल क्षेत्र में पहुँच चुका है। वही इसकी एमएसपी तेजी से क्रॉसओवर का संकेत दे सकती है क्योंकि इसमें एमएसटी के लाइन सिग्नल के विरुद्ध जाकर क्लोज़िंग की जा रही है। इंडियन बैंक का ओबीवी भी बढ़ता दिख रहा है जो उसकी खरीद में ग्राहकों की रुचि को दिखाता है। इसका सीधा मतलब है कि स्टॉक खासा मजबूत प्रदर्शन कर रहा है और आनेवाले दिनों में भी इसकी तेजी बरकरार रहेगी और अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। ऐसा माना जा रहा है कि ‘कम से मध्यम’ समय के लिए इसकी कीमत ₹200 तक भी पहुँच सकती है और यदि इस दौरान ₹175 का स्टॉपलॉस भी रखा जा सकेगा। कम समय के लिए निवेश करनेवाले निवेशकों के लिए यह अच्छा अवसर है। इंडियन बैंक का स्टॉक उन्हें अच्छा मुनाफ़ा कमाकर दे सकता है।
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