मुख्य क्रिप्टोकरेंसी

अगस्त महीने में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक मस्जिद के पास बम धमाका हुआ था, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी और 19 लोग घायल हो गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लास्ट मस्जिद के पास खड़ी एक गाड़ी में विस्फोट हुआ था। आतंकी सगंठन इस्लामिक स्टेट (IS) ने मुख्य क्रिप्टोकरेंसी इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
अफगानिस्तान के एक मदरसे में नमाज के बाद विस्फोट, 18 बच्चों की मौत, 27 घायल
काबुल। मुख्य क्रिप्टोकरेंसी अफगानिस्तान एक बार फिर दहल उठा है। बुधवार को उत्तरी अफगानिस्तान के एक मदरसे में बम ब्लास्ट हुआ है, जिसमें कम से कम 18 लोगों की मुख्य क्रिप्टोकरेंसी मौत हुई है, जबकि 27 लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों और घायलों में अधिकतर बच्चेशामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नमाज के बाद मदरसे में विस्फोट हुआ था। घटना को लेकर तालिबानी अधिकारियों की ओर से कम से कम 15 छात्रों की मौत की पुष्टि की मुख्य क्रिप्टोकरेंसी गई है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने कहा कि उत्तरी समंगान प्रांत की राजधानी एबक में हुए इस बम धमाके में कई अन्य घायल हो गए। किसी ने तत्काल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
आईएस से जुड़े आतंकी 2014 से मुख्य क्रिप्टोकरेंसी ही अफगानिस्तान में एक्टिव हैं, जिन्हें देश की सुरक्षा के लिए मुख्य खतरे मुख्य क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले साल अगस्त में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद चुनौती और बढ़ गई है। अफगानिस्तान में हाल के दिनों में हुए मुख्य क्रिप्टोकरेंसी कई हमलों के पीछे मुख्य क्रिप्टोकरेंसी इसी कट्टरपंथी आतंकी गुट का हाथ रहा है, जिनमें मुख्य तौर से अल्पसंख्यक शिया समुदाय को निशाना बनाया गया।
भारत में हुई खुदरा डिजिटल करेंसी की शुरुआत, पहले दिन ही हुआ करोड़ों का लेनदेन, जानें कैसे होगा “ई-रुपया” का इस्तेमाल
Digital Currency: भारत में पहली बार डिजिटल करेंसी का सफलतापूर्वक पायलट परीक्षण किया गया है। जिसके बाद देश के 4 शहरों में खुदरा डिजिटल रुपया भी लॉन्च कर दिया गया। इस लिस्ट में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन शहरों में मौजूद कुछ चुनिंदा बैंकों की तरफ से करीब 1.71 करोड़ रुपये के डिजिटल रुपये की मांग की गई थी, जिसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ई-रुपये को जारी किया।
कुछ अधिकारियों के मुताबिक बढ़ती जरूरतों के साथ ई-रुपये की रकम में भी वृद्धि हो सकती है। बता दें की 1 नवंबर को आरबीआई ने थोक इस्तेमाल के लिए भारत के पहले डिजिटल रुपये को लॉन्च किया था। जिसके एक महीने बाद ही सेंट्रल बैंक ने खुदरा ई-रुपया का परीक्षण भी शुरू कर दिया है। फिलहाल, देश में क्रिप्टोकरेंसी और यूपीआई समेत कई डिजिटल प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध है। मुख्य क्रिप्टोकरेंसी जिसके कारण कई लोगों को ई-रुपया के इस्तेमाल को लेकर कन्फ़्युजन भी हो रही है।