Trading के फायदें

शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे

शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे

Share Market – शेयर मार्किट से प्रॉफिट कमाने पर टैक्स नहीं देना चाहते है ! तो अपनाये ये सीक्रेट टिप्स

करियर भास्कर हिंदी ब्लॉग/वेबसाइट है। इस वेबसाइट में आपको Useful Info, Jobs, Yojna, Earn Money, और Apps और Portal की Update मिलती है ! Note :- careerbhaskar.com का किसी भी दूसरी संस्था या वेबसाइट से कोई सम्बन्ध नहीं है !

Share Market

Table of Contents

Share Market, Stock Market, Mutual Fund, FD, Investment,

Share Market – कोरोना के चलते पिछले एक साल से शेयर बजारों में भारी उतार-चढ़ाव बना हुआ है। ऐसी में जरूरी नहीं है कि हर ट्रेडिंग में आपको फायदा हो। Share Market मैं हर दिन शेयर का बढ़ना और कम होना होता है ऐसे में यदि आप अपने शेयर को बेचते है तो आपको अपने शेयर पर गोवेर्मेंट को टैक्स देना पड़ता है। यदि आप टैक्स देने से बचना चाहते है तो इस ब्लॉग पोस्ट में बने रहे।

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इस Strategy से टैक्स बचा सकते है –

शेयर बेचते वकत अगर आपको प्रॉफिट होता है, तो फिर आपको गवर्नमेंट को टैक्स पे करना होता है यदि आप इस टैक्स से बचना चाहते है तो ये काम आप Tax Loss Harvesting Strategy की मदद से कर सकते है। ये स्ट्रेटेजी से आप लॉसेस को भी प्रॉफिट में कन्वर्ट कर सकते है। और Tax देने से बच सकते है, आइये जानते है ये स्ट्रेटेजी कैसे काम करती है।

Tax Loss Harvesting से कम कर सकते है Tax –

ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ट्रेडस्मार्ट के CEO Vikas Singhania ने FE ऑनलाइन को बताया की Tax Loss Harvesting ऐसा तरीका है जिसके मदद से इन्वेस्टर अपने ट्रेडिंग गेन पर लगने वाले टैक्स को कम कर सकता है। मान लीजिए कि एक वर्ष के दौरान एक ट्रेडर ने कई ट्रेडिंग किए हैं और उसे इसमें काफी प्रॉफिट हुआ है। तो ऐसे में साल के आखिरी में ट्रेडर को अपने मुनाफे पर लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म टैक्स देना होगा। पर यही टैक्स को Tax Loss Harvesting की मदद से कम किया जा सकता है।

इस तरह इन्वेस्टर बचा सकता है टैक्स –

Tax Loss Harvesting Strategy का इस्तेमाल ज्यादातर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के भुगतान को कम करने के लिए किया जाता है। मान लीजिए कि किसी ट्रेडर को कुछ शेयरों पर नुकसान हो रहा है, वह उन शेयरों को नुकसान में बेच सकता है और उन्हें अन्य शेयरों पर बुक किए गए मुनाफे के साथ एडजस्ट कर सकता है।

जैसे किसी व्यक्ति को साल में 2 लाख का मुनाफ़ा हुआ है, और उसके कुछ शेयर 50 हजार लॉसेस में है। तो ऐसे में वह व्यक्ति लॉसेस में चल रहे शेयर को बेच सकता है। ऐसा करने से अब उसे मात्र 1.5 लाख पर ही टैक्स भरना होगा। और फिर चाहे तो वह फिर से अपने बेचे गये शेयर को खरीद सकता है। तो इस तरह आप Tax Loss Harvesting Strategy की मदद से अपना टैक्स कम कर सकते है।

Tax Loss Harvesting को अच्छे से समझने के लिये वीडियो देखे –

अगर अभी भी आप समझ नहीं पाये है की Tax Loss Harvesting क्या है, तो ऐसे में आप निचे दिया वीडियो देख सकते है। वीडियो देखने के बाद आप इस Strategy को और अच्छे से समझ पायेंगे।

पांच तरह की होती है शेयर मार्केट में ट्रेडिंग, जानिए हर जरूरी जानकारी

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स्टॉक ट्रेडिंग अगर तरीके से की जाए तो ये काफी प्रॉफिटेबल हो सकती है। शेयर ट्रेडिंग की शुरुआत कम रकम से की जा सकती है। पहले स्टॉक ट्रेडिंग ऑफलाइन हुआ करती थी लेकिन अब ऑनलाइन ट्रेडिंग काफी तेजी से बढ़ रही है। ऑनलाइन ट्रेडिंग निवेश सुविधाजनक हो गया है।

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यूरोप में जॉइंट स्टॉक कंपनियों के साथ स्टॉक ट्रेडिंग अस्तित्व में आई। यूरोपीय साम्राज्यवाद में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूरोपीय शहरों में इनफॉर्मल स्टॉक मार्केट बढ़ने लगे। अपने शेयरों का व्यापार करने वाली पहली जॉइंट-स्टॉक कंपनी डच ईस्ट इंडिया कंपनी थी। इसने एम्स्टर्डम स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से अपने शेयर जारी किए थे।

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भारत और एशिया में ट्रेडिंग के लिए पहला एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज था। इसे 1875 में स्थापित किया गया था। भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज है जहां शेयर ट्रेडिंग होती है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज।

शेयर ट्रेडिंग पांच प्रकार की होती हैं -

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1. डे ट्रेडिंग

इस ट्रेडिंग में सेम डे में स्टॉक खरीदना और बेचना होता है। इस तरह की ट्रेडिंग में कुछ मिनटों या घंटों के लिए ही स्टॉक रख जाते हैं। इस तरह की ट्रेडिंग में काफी एक्सपीरियंस की जरूरत पड़ती है।

2. स्कैलपिंग

इसे माइक्रो-ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है। स्कैल्पिंग और डे-ट्रेडिंग दोनों इंट्राडे ट्रेडिंग के सबसेट हैं। स्कैल्पिंग में सेम डे जल्दी-जल्दी और कई सौदे कर छोटा-छोटा मुनाफा कमाने की कोशिश की जाती है।

3. स्विंग ट्रेडिंग

इस शैली का उपयोग शॉर्ट टर्म स्टॉक ट्रेंड और पैटर्न के लिए किया जाता है। इस ट्रेडिंग का इस्तेमाल स्टॉक खरीदने के कुछ दिनों के अंदर लाभ अर्जित करने के लिए किया जाता है।

4. मोमेंटम ट्रेडिंग

इस ट्रेडिंग में एक ट्रेडर स्टॉक के मोमेंटम का फायदा उठाता है। अपवर्ड मोमेंटम में ट्रेडर स्टॉक को बेचता है। डाउनवर्ड मूवमेंट में ट्रेडर काफी मात्रा में स्टॉक खरीदता है। कीमत बढ़ने पर बेचता है।

5. पोजिशन ट्रेडिंग

पोजीशन ट्रेडर्स के शॉर्ट टर्म प्राइस मूवमेंट के बजाय स्टॉक की लंबी अवधि की शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे क्षमता को भुनाने के उद्देश्य से महीनों के लिए स्टॉक खरीदारी करते हैं। यह स्टाइल उन लोगों के लिए शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे सही है जो मार्केट प्रोफेशनल या मार्केट के रेगुलर पार्टिसिपेंट नहीं हैं।

Share Market – शेयर मार्किट से प्रॉफिट कमाने पर टैक्स नहीं देना चाहते है ! तो अपनाये ये सीक्रेट टिप्स

करियर भास्कर हिंदी ब्लॉग/वेबसाइट है। इस वेबसाइट में आपको Useful Info, Jobs, Yojna, Earn Money, और Apps और Portal की Update मिलती है ! Note :- careerbhaskar.com का किसी भी दूसरी संस्था या वेबसाइट से कोई सम्बन्ध नहीं है !

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Share Market, Stock Market, Mutual Fund, FD, Investment,

Share Market – कोरोना के चलते पिछले एक साल से शेयर बजारों में भारी उतार-चढ़ाव बना हुआ है। ऐसी में जरूरी नहीं है कि हर ट्रेडिंग में आपको फायदा हो। Share Market मैं हर दिन शेयर का बढ़ना और कम होना होता है ऐसे में यदि आप अपने शेयर को बेचते है तो आपको अपने शेयर पर गोवेर्मेंट को टैक्स देना पड़ता है। यदि आप टैक्स देने से बचना चाहते है तो इस ब्लॉग पोस्ट में बने रहे।

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इस Strategy से टैक्स बचा सकते है –

शेयर बेचते वकत अगर आपको प्रॉफिट होता है, तो फिर आपको गवर्नमेंट को टैक्स पे करना होता है यदि आप इस टैक्स से बचना चाहते है तो ये काम आप Tax Loss Harvesting Strategy की मदद से कर सकते है। ये स्ट्रेटेजी से आप लॉसेस को भी प्रॉफिट में कन्वर्ट कर सकते है। और Tax देने से बच सकते है, आइये जानते है ये स्ट्रेटेजी कैसे काम करती है।

Tax Loss Harvesting से कम कर सकते है Tax –

ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ट्रेडस्मार्ट के CEO Vikas Singhania ने FE ऑनलाइन को बताया की Tax Loss Harvesting ऐसा तरीका है जिसके मदद से इन्वेस्टर अपने ट्रेडिंग गेन पर लगने वाले टैक्स को कम कर सकता है। मान लीजिए कि एक वर्ष के दौरान एक ट्रेडर ने कई ट्रेडिंग किए हैं और उसे इसमें काफी प्रॉफिट हुआ है। तो ऐसे में साल के आखिरी में ट्रेडर को अपने मुनाफे पर लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म टैक्स देना होगा। पर यही टैक्स को Tax Loss Harvesting की मदद से कम किया जा सकता है।

इस तरह इन्वेस्टर बचा सकता है टैक्स –

Tax Loss Harvesting Strategy का इस्तेमाल ज्यादातर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के भुगतान को कम करने के लिए किया जाता है। मान लीजिए कि किसी ट्रेडर को कुछ शेयरों पर नुकसान हो रहा है, वह उन शेयरों को नुकसान में बेच सकता है और उन्हें अन्य शेयरों पर बुक किए गए मुनाफे के साथ एडजस्ट कर सकता है।

जैसे किसी व्यक्ति को साल में 2 लाख का मुनाफ़ा हुआ है, और उसके कुछ शेयर 50 हजार लॉसेस में है। तो ऐसे में वह व्यक्ति लॉसेस में चल रहे शेयर को बेच सकता है। ऐसा करने से अब उसे मात्र 1.5 लाख पर ही टैक्स भरना होगा। और फिर चाहे तो वह फिर से अपने बेचे गये शेयर को खरीद सकता है। तो इस तरह आप Tax Loss Harvesting Strategy की मदद से अपना टैक्स कम कर सकते है।

Tax Loss Harvesting को अच्छे से समझने के लिये वीडियो देखे –

अगर अभी भी आप समझ नहीं पाये है की Tax Loss Harvesting क्या है, तो ऐसे में आप निचे दिया वीडियो देख सकते है। वीडियो देखने के बाद आप इस Strategy को और अच्छे से समझ पायेंगे।

Crypto Trading : मार्केट गिर रहा हो तो इन टिप्स को रखें याद, बनेंगे स्मार्ट निवेशक

अगर आप बेयर मार्केट में भी सही चाल चलें तो आगे चलकर आपके क्रिप्टोकरेंसी पोर्टफोलियो को फायदा होगा. हम यहां कुछ चीजें बता रहे हैं तो बेयर मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक ध्यान में रख सकते हैं.

Crypto Trading : मार्केट गिर रहा हो तो इन टिप्स को रखें याद, बनेंगे स्मार्ट निवेशक

Crypto Trading : क्रिप्टो में ट्रेडिंग के वक्त हेल्प करेंगे ये टिप्स. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

किसी भी बाजार की तरह क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भी उतार-चढ़ाव होता है. बाजार में वॉलेटिलिटी साल में कभी भी रह सकती है, ऐसे वक्त में फुलप्रूफ सुरक्षित फैसले लेना मुश्किल हो सकता है, खासकर अगर आप क्रिप्टो निवेशक हैं, तो आपके लिए मुश्किल और बढ़ जाती है.चूंकि क्रिप्टो मार्केट बहुत ज्यादा वॉलेटाइल होता है, ऐसे में हम अभी यह नहीं कह सकते हैं कि हम बेयर मार्केट में हैं या बेयर मार्केट से बाहर निकल रहे हैं. सामान्यतया, गिरावट में चल रहे बाजार को बेयर मार्केट तब कहते हैं, जब स्टॉक/कमोडिटी की कीमतें उनकी पिछली ऊंचाई से 20 फीसदी से ज्यादा गिर जाती हैं, शेयरों पर निगेटिव रिटर्न मिलने लगते हैं.

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हालांकि, ये तो है कि अगर आप बेयर मार्केट में भी सही चाल चलें तो आगे चलकर आपके क्रिप्टोकरेंसी पोर्टफोलियो को फायदा होगा. हम यहां कुछ चीजें बता रहे हैं तो बेयर मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक ध्यान में रख सकते हैं.

सही वक्त पर सही निवेश
मार्केट में जब गिरावट चल रही हो तो उस टाइम आप कुछ निवेश कर सकते हैं, जो लॉन्ग टर्म में आपकी मदद कर सकता है. बेयर मार्केट के साथ दिक्कत ये होती है कि आपको नहीं पता होता है कि गिरावट कब तक रहेगी या फिर कीमतें कहां शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे तक गिरेंगी. इसके चलते या तो आप कभी सही वक्त से पहले निवेश कर बैठते हैं या फिर और इंतजार करने के चक्कर में सही मौका हाथ से निकल जाता है.

चूंकि ये अनुमानों का खेल है, आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा. हालांकि, इसका एक सॉल्यूशन ये हो सकता है कि आप एक प्लान बना लें, जिसके तहत आप नियमित तौर पर एक तय रकम निवेश करते हैं, चाहे मार्केट की दिशा किधर भी जा रही हो. इसे डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग स्ट्रेटजी कहते हैं.

अपना क्रिप्टोकरेंसी प्रोफाइल डाइवर्स रखिए
अगर आप अब तक एक ही करेंसी में निवेश करते आए हैं, तो बेयर मार्केट में एक्सपेरिमेंट करने का अच्छा मौका मिल सकता है. जरूरी नहीं है कि हर क्रिप्टोकरेंसी की कीमत गिर रही हो. ऐसे में जब बाजार में गिरावट चल रही हो तो आप शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे अच्छी रिसर्च करके ध्यान से अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई कर सकते हैं.

लॉन्ग टर्म की सोचिए
बेयर मार्केट में आप लॉन्ग टर्म की सोचकर निवेश के कुछ बढ़िया फैसले ले सकते हैं. ऐसे वक्त में जब कीमतें कम हैं और आप उनमें निवेश करते हैं, तो आपको लॉन्ग टर्म में इसका फायदा होगा. ऐसे वक्त में शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करना बहुत समझदारी नहीं होगी. अब चूंकि ये भी है कि क्रिप्टोकरेंसी की वॉलेटिलिटी को देखते हुए लॉन्ग टर्म के बारे में सोचना थोड़ा मुश्किल लगता है, लेकिन अगर समझदारी से फैसले लें तो फायदा उठा सकते हैं.

Video : Crypto अनफिल्टर्ड- लिक्विड स्टेकिंग क्या होती है और इसका DeFi पर क्या असर पड़ता है?

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