Trading के फायदें

ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए

ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए
नहीं, बच्चे की हर गलती का जवाब सजा नहीं है। हां, बच्चे गलतियां करते हैं, क्योंकि वे मैनुअल के साथ नहीं आते हैं और अपने अधिकारों और सही गलत से अनजान होते हैं। माता-पिता का यह कर्तव्य है कि वे उन्हें समझाएं कि उन्हें क्या करना चाहिए और उन्हें किन चीजों से बचना चाहिए।

पैरेंट बनने के बाद बिगड़ जाता है लोगों का दिमाग, ये काम तो पक्‍का करते हैं उल्‍टे

myths about parenting which needs to dispel

पैरेंट बनने के बाद बिगड़ जाता है लोगों ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए का दिमाग, ये काम तो पक्‍का करते हैं उल्‍टे

इसलिए, यदि आप पैरेंट बनने वाले हैं तो यहां कुछ मिथक बताए जा रहे हैं जिन्हें आपको पहले ही जान लेना चाहिए। ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए इससे आपकी पैरेंटिंग का आगे का ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए सफर काफी आसान हो सकता है।

शादी पर पड़ता है असर

यह एक और गलत धारणा है जो कपल्‍स ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए को पैरेंट बनने से रोक सकती है कि बच्‍चे के आने के बाद उनकी शादीशुदा जिंदगी खत्‍म हो जाएगी। माता-पिता होने से जिम्मेदारी बढ़ जाती है, ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए लेकिन यह किसी भी ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए तरह से पति-पत्‍नी के बीच मौजूदा ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए संबंधों को नुकसान नहीं पहुंचाता है। विवाह एक बहुआयामी रिश्ता है और पैरेंटिंग इसका एक हिस्सा है।

​बच्‍चों की जरूरत पहले है

ये मानना गलत है कि आपको अपने से पहले अपने बच्‍चों की जरूरतों को देखना चाहिए। इससे माता-पिता की महत्वाकांक्षा और सपने ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए खत्म हो जाते हैं। इस मिथक को किसी भी तरह से अपने ऊपर हावी ना होने दें।

​नेगेटिविटी ना रखें

जब आप अपने बच्चे को छोड़कर काम पर जाते ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए हैं तो अपने मन में नकारात्मकता पैदा न करें। आप अपने बच्चे को बेहतर जीवन देने के लिए ही ऐसा कर रहे हैं।

​स्ट्रिक्‍ट होना अच्‍छा है

हालांकि यह पीढ़ियों से चली आ रही सबसे अच्छी पैरेंटिंग रणनीति ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए रही है, लेकिन जब इसे शोध अध्ययनों के माध्यम से देखा जाता है तो इसमें कोई सच्चाई नहीं होती है।

बच्चों के साथ कठोर और सख्त होना उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब कर सकता है। यह बच्चे की डेवलपमेंट और जिज्ञासा को नुकसान पहुंचाता है। अपने बच्चे के साथ बिना किसी कारण के आक्रामक न हों। उनके प्रति विनम्र रहें।

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