Trading के फायदें

Dividend क्या होता है?

Dividend क्या होता है?
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अनुसार, 21 वीं शताब्दी भारत का होगा क्योंकि इसके पास सशक्त लोकतंत्र, 'मांग' और 'जनसांख्यिकीय लाभांश' जैसी तीन संपत्तियां हैं जो विश्व के किसी भी देश के पास नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी भी राष्ट्र की जनसंख्या का अधिक हिस्सा कामकाजी आयु वर्ग का होगा तो उस राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में बचत और निवेश अधिक होगा।

क्या टाटा डिविडेंड यील्ड NFO में पैसा लगाना चाहिए, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

शेयर मार्केट में डिविडेंट क्या होता है | In Stock Market What is Dividends

माना किसी कंपनी का 500 शेयर आपने खरीदा , एक शेयर का मूल्य 100 है। तो कुल 500×100 = 50000 रुपैया का शेयर खरीदा। कुछ दिन बाद यह देखने में आया कि इस कंपनी के शेयर में 10 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है। मतलब कुछ दिन बाद इस कंपनी के 100 रुपये वाले शेयर का प्राइस 110 रुपैया हो गया है।

अब आप सोचिए आप क्या करेंगे ? आप यह भी सोच सकते हैं नहीं शेयर का प्राइस और बढ़ेगा । या आप सोच सकते हैं मुझे जरूरत है तो कुछ शेयर को बेच देते हैं। खैर अभी आप शेयर को बेचेंगे तो आप 100 रुपैया में 10 रुपैया मुनाफा कमाएंगे ।

लेकिन कुछ लोग शेयर इसी दिन के लिए खरीदते हैं कि शेयर का प्राइस 10 प्रतिशत बढ़ा है तो इसे बेच देते हैं फिर दूसरे कंपनी का नया शेयर खरीदते हैं। कुछ लोग ऐसे ही शेयर की खरीद-बिक्री करते हैं। जिसे शेयर ट्रेडिंग कहते हैं। शेयर ट्रेडिंग से जल्दी मुनाफा कमाया जाता है।

शेयर डिविडेंट

कुछ लोग जिसके पास बहुत रुपैया है वह शेयर डिविडेंट से रुपैया कमाते हैं । शेयर डिविडेंट से तुरंत रुपैया नहीं कमाया जाता है। इसमें समय लगता है। लेकिन इसमें रिस्क भी बहुत ज्यादा है। शेयर डिविडेंट वार्षिक मिलता है। कंपनी का जो लाभांश होता है उसी लाभांश में आपका हिस्सा होता है (अगर आपने उस कंपनी का शेयर खरीद कर रखें हैं तब).

लाभांश :- एक नियत समय के बाद कंपनी को जो लाभ होता है उसे स्वरों की संख्या के अनुपात में सियार धारियों में बांट दिया जाता है जिसे लाभांश (Dividends) कहते हैं ।

कंपनी किस तरह से लाभांश का वितरण करती है, इसके बारे में मैंने डिटेल से पहले Dividend क्या होता है? पोस्ट में लिखा है।

  • पहले पोस्ट में ही मैंने बताया था कि शेयर दो प्रकार का होता है एक अधिमान शेयर दूसरा सामान्य शेयर ।
  • सबसे पहले अधिमान (preferred) को लाभांश दिया जाता है उसके बाद ही सामान्य शेयर के शेयरधारकों को लाभांश दिया जाता है।
  • पिछले पोस्ट में ही मैंने बताया था शेयर का मूल्य दो तरह से निर्धारित होता है एक बाजार मूल्य होता है जो कंपनी द्वारा निर्धारित नहीं होता है ।
  • दूसरा अंकित मूल्य होता है जो कंपनी ही निर्धारित करती है कि एक शेयर का प्राइस कितना होगा। इसके बारे में भी मैंने पहले ही पोस्ट में बता दिया है।
  • कंपनी जो पहले अपने शेयर के मूल्य को निर्धारित करती है उसी मूल पर आपको लाभांश दिया जाता है।

भारत के आर्थिक विकास पर जनसांख्यिकीय लाभांश कैसे प्रभाव डालता है?

तत्कालीन परिपेक्ष में, 'जनसांख्यिकीय लाभांश' नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के लिए चर्चा का एक विषय बन गया है। बड़ी संख्या में युवा और कामकाजी उम्र की आबादी के साथ कई देश इस संभावित क्षमता को ले कर आमने सामने हैं। इस लेख में हमने बताया है की भारत के आर्थिक विकास पर जनसांख्यिकीय लाभांश कैसे प्रभाव डालता है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

How does Demographic Dividend impact on the India’s economic growth? HN

तत्कालीन परिपेक्ष में, 'जनसांख्यिकीय लाभांश' नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के लिए चर्चा का एक विषय बन गया है। बड़ी संख्या में युवा और कामकाजी उम्र की आबादी के साथ कई देश इस संभावित क्षमता को ले कर आमने सामने हैं। लेकिन लाभांश को हासिल करने के लिए बहुत कुछ किया जाना चाहिए जैसे : लड़कियों और महिलाओं का सशक्तिकरण, सार्वभौमिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करना जो नए आर्थिक अवसरों के अनुरूप सुरक्षित रोजगार का विस्तार करने में सहायक हों।

भारत के आर्थिक विकास पर जनसांख्यिकीय लाभांश कैसे प्रभाव डालता है?

तत्कालीन परिपेक्ष में, 'जनसांख्यिकीय लाभांश' नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के लिए चर्चा का एक विषय बन गया है। बड़ी संख्या में युवा और कामकाजी उम्र की आबादी के साथ कई देश इस संभावित क्षमता को ले कर आमने सामने हैं। इस लेख में हमने बताया है की भारत के आर्थिक विकास पर जनसांख्यिकीय लाभांश कैसे प्रभाव डालता है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

How does Demographic Dividend impact on the India’s economic growth? HN

तत्कालीन परिपेक्ष में, 'जनसांख्यिकीय लाभांश' नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के लिए चर्चा का एक विषय बन गया है। बड़ी संख्या में युवा और कामकाजी उम्र की आबादी के साथ कई देश इस संभावित क्षमता को ले कर आमने सामने हैं। लेकिन लाभांश को हासिल करने के लिए बहुत कुछ किया जाना चाहिए जैसे : लड़कियों और महिलाओं का सशक्तिकरण, सार्वभौमिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करना जो नए आर्थिक अवसरों के अनुरूप सुरक्षित रोजगार का विस्तार करने में सहायक हों।

फंड चुनने से पहले जानें बारीकियां

मार्केट में 10 से ज्यादा डिविडेंड यील्ड फंड्स हैं. डिविडेंड यील्ड फंड्स बेहतर है या नहीं ये समझने के लिए ऐसे फंड्स की तुलना सेंसेक्स और S&P BSE 500 से की जाती है.

सेंसेक्स का 3 साल का CAGR (कंपाउंड एन्वल ग्रोथ रेट) 11.5 फीसदी है और S&P BSE 500 का 3 साल का CAGR 9.94 फीसदी है. इसकी तुलना में डिविडेंड यील्ड फंड की कैटेगरी का 3 साल का औसत रिटर्न 8.36 फीसदी है — सबसे ज्यादा 10.71 फीसदी और सबसे कम 4.35 फीसदी रिटर्न मिला है.

रिस्क के नजरिए से तुलना करें तो, डिविडेंड फंड (Dividend Yield Fund) कैटेगरी का एवरेज बीटा 0.66 है, जबकि मार्केट का बीटा 1 है. बीटा रिस्क और रिटर्न की तुलना का मापदंड है.

एक्सपर्ट्स की राय

इन्वेस्टर पॉइंट (Investor Point) के फाउंडर जयदेवसिंह चुडासमा के मुताबिक, “टाटा के इस डिविडेंड यील्ड फंड में निवेश करने से बेहतर है आप किसी डेट फंड से एग्रेसिव इक्विटी फंड में STP (सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान) शुरू करें. टाटा ने ये प्लान अपनी यील्ड कैटेगरी को बैलेन्स करने के लिए लॉन्च Dividend क्या होता है? किया है. इसके अलावा कई सारे विकल्प हैं जो निवेशक को अच्छा रिटर्न दे सकते हैं.”

फाइनेंशियल प्लानर निपुण भट्ट सलाह देते हैं, “डिविडेंड यील्ड फंड्स (Dividend Yield Funds) का पिछले 3 साल का सालाना प्रदर्शन 8.5 फीसदी से 10.50 फीसदी रहा है. इस आधार पर, टाटा के डिविडेंड यील्ड फंड में निवेश करने से बेहतर है किसी बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश करें, क्योंकि ऐसे फंड्स में स्थिर बाजार या गिरावट के माहौल में भी अच्छा रिटर्न मिला है. मैं निवेशकों को ऐसे फंड्स से दूर रहने की सलाह दूंगा.”

टाटा AMC के फंड मैनेजर क्या कहते हैं

टाटा डिविडेंड यील्ड फंड का संचालन टाटा एसेट मैनेजमेंट के फंड मेनेजर शैलेश जैन के पास है. जैन के मुताबिक, उनका फंड ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करेगा और इस तरह से मार्केट के ग्रोथ एवं वैल्यू सेगमेन्ट्स का अच्छा मिक्स का फायदा उठाएगा. जैन कहते हैं कि, तगड़ा डिविडेंड देने वाली कंपनियां उतार-चढ़ाव भरे बाजार के दौरान ज्यादा सुरक्षा प्रदान करती हैं और जब मार्केट स्थिर होता है तो ब्रॉडर मार्केट से ज्यादा रिटर्न देती हैं.

टाटा एसेट मैनेजमेंट के CEO (इक्विटी) और डिविडेंड यील्ड फंड (Tata Dividend Yield Fund) के सह-फंड मैनेजर राहुल सिंह का कहना है कि, “मीडियम टर्म में कंपनियों के नतीजों में दिखी अच्छी Dividend क्या होता है? रिकवरी और कम इंटरेस्ट रेट को ध्यान में रखकर हम ये फंड लाए हैं. अर्थव्यवस्था की हालात और मार्केट का मौजूदा वैल्यूएशन देखते हुए शेयर बाजार में बड़े उतार-चढ़ाव की आशंका बनी हुई है.”

क्या होता है डिविडेंड?

डिविडेंड यील्डिंग कंपनियों के पास अच्छा कैश-फ्लो होता है, बिजनेस में स्थिरता होती है. इसलिए शेयर का प्रदर्शन भी स्टेबल रहता है. कंपनी के कुल मुनाफे में से निवेशकों को दिया गया हिस्सा डिविडेंड कहलाता है. डिविडेंड प्रति शेयर के हिसाब से दिया जाता है. यानी जिस निवेशक के पास जितने अधिक शेयर होंगे उसकी डिविडेंड रकम उतनी ही अधिक होगी. लगातार बेहतर डिविडेंड का रिकॉर्ड रखने वाली कंपनी में निवेश सुरक्षित माना जाता है.

डिविडेंड यील्ड से शेयर में सुरक्षित रिटर्न का अंदाजा मिलता है. यानी डिविडेंड यील्ड जितना ज्यादा होगी, निवेश उतना ही सुरक्षित होगा. 4% से ज्यादा डिविडेंड यील्ड वाली कंपनियां ही डिविडेंड के आधार पर बेहतर मानी जाती है. शेयर के भाव के अनुपात में कंपनी निवेशक को कितना डिविडेंड दे रही है यही है डिविडेंड यील्ड.

रेटिंग: 4.56
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 446
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *