ईएमए क्या है

हर बैंक के लोन का ब्याज़ अलग होता है और जो बैंक अधिक मात्रा में लोन माफ़ करे वह बेहतर होता है।
होम लोन EMI क्या होती है
ईएमआई (समान मासिक किश्त) वह मासिक भुगतान है जिसे आप अपने होम लोन चुकाने के लिए करते हैं. प्रत्येक ईएमआई को विभिन्न अनुपातों के ब्याज़ और मूल घटकों से बनाया जाता है. अगर आप होम लोन लेते हैं, तो आप पूरा लोन पूरा नहीं होने तक हर महीने मूलधन और ब्याज़ का एक हिस्सा भुगतान करेंगे.
लेंडर आमतौर पर निम्नलिखित होम लोन ईएमआई कैलकुलेशन फॉर्मूला का उपयोग करते हैं:
ईएमआई = [P x I x (1+I) N ] / [(1+I) N -1]
कहां,
P - मूल यानी लोन राशि
I - प्रति माह ब्याज़ दर
N – किश्तों की संख्या
होम लोन EMI की गणना कैसे करें?
1. लोन राशि, प्रति माह ब्याज़ दर और उपरोक्त फॉर्मूला में किश्तों की संख्या को बदलें
2. प्रति माह ब्याज़ दर की गणना प्रति वर्ष 12 तक ब्याज़ दर को विभाजित करके की जाती है
3 EMI प्राप्त करने के लिए ध्यान से गणना करें
उदाहरण:
कहते हैं कि आपको प्रति वर्ष 9.5% की ब्याज़ दर पर 10 वर्ष की अवधि के लिए रु. 25 लाख का होम लोन चाहिए; आपकी ईएमआई की गणना इस प्रकार की जा सकती है:
यहां पर,
P = रु. 25,00,000
I = /(12 x 100) = 0.0079
N = 10 साल = 120 महीने
ईएमआई = [25,00,000 x 0.0079 x (1+0.0079) 120 / (1+0.0079) 120 -1 = रु.32329*
*इस राशि में प्रोसेसिंग शुल्क शामिल नहीं है
वैकल्पिक रूप से, आप कुछ समय में अपनी ईएमआई प्राप्त करने के लिए हमारे ईएमआई कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं. ईएमआई की वैल्यू देखने के लिए आपको बस मूलधन, ब्याज़ दर और अवधि को डिजिटल कैलकुलेटर में दर्ज करना होगा.
EMI क्या है EMI कैसे करे पूरी जानकारी
EMI क्या है EMI कैसे करे पूरी जानकारी अगर आपने बैंक या क्रेडिट कार्ड के जरिये लोन लिया है या फिर लेने की सोच रहे है तो आपको यहां EMI की गणना की पूरी जानकारी जान लेना चाहिए. जब आप बैंक से कोई लोन लेते है तो बैंक आपसे EMI के जरिये ही रूपये लेती है और अब तो ऑनलाइन शोपिंग साईट जैसे अमेज़न और फ्लिप्कार्ट में भी आप किसी भी सामान को EMI के जरिये खरीद सकते है ऐसे ईएमए क्या है में सवाल उठता है कि ये EMI क्या होता है और ये कैसे काम करता है अगर आप भी नहीं जानते तो आज हम आपको इसी विषय के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.
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EMI क्या है
इसकी फुल फॉर्म Equated monthly installment होती है जिसे हिंदी भाषा में कन्वर्ट करे तो ये समान मासिक किश्तें होता है यानी किसी लोन को चुकाने या सामान को खरीदने पर जो समान मासिक किश्तों का भुगतान किया जाता है उसे हम EMI कहते हैं. आज हर किसी को लोन की जरुरत पड़ जाती है लोन में तो आपको एक साथ पूरे रूपये मिल जाते है लेकिन जब आपको लोन को चुकाना होता है तो आप एक साथ पूरे रूपये नहीं चुका सकते है इसलिए इसे आसान बनाने के लिए बैंक आपको EMI का ऑप्शन देती है जिसके जरिये आप हर महीने भुगतान करके अपने लोन को आसानी से चुका सकते हैं आपको बता दे कि जब आप EMI यानी मासिक किश्त चुकाते है तो इसमें आपके मूल रूपये के अलावा ब्याज भी शामिल होता है यानी जो आपकी मासिक किश्त होती है उसमें ब्याज के रूपये भी जोड़ दिए जाते हैं.
आपको ये तो पता चल गया होगा कि मासिक किश्त को ही EMI कहते हैं अब आप ये भी जानना चाहते होंगे कि EMI कैसे काम करती है तो आपको बता दे कि जो आपने लोन लिया उसे अवधि के हिसाब से बाँट दिया जाता इसके साथ पूरे लोन की राशी में लगने वाले ब्याज को भी अवधि के हिसाब से बाँटकर उसे मासिक किश्त में जोड़ दिया जाता है. उदाहरण से समझे तो जैसे किसी व्यक्ति ने एक साल यानी 12 महीनों के लिए 1 लाख रूपये का लोन लिया है और इसमें बैंक 10% का ब्याज ले रही है तो आपकी एक महीने की किश्त 8792 रूपये बनेगी. इस किश्त में 8333 रूपये प्रिंसिपल यानी मूल राशी रहेगी वहीं इसमें 458 रूपये ब्याज जोड़ा गया है. EMI की ऑनलाइन गणना के लिए आप वेबसाइट emicalculator.net पर जा सकते हैं.
EMI के भुगतान करने के तरीके
मासिक किश्त यानी EMI के भुगतान करने के मुख्यतः दो तरीके हैं जिसमे पहला ऑनलाइन होता है वहीं दूसरा ऑफलाइन होता है. EMI भुगतान के ऑनलाइन तरीके में आप अपने क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से कर सकते है इसके लिए आपको बैंक की वेबसाइट पर जाना है और वहां अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड नंबर डालना है आपके अकाउंट से मासिक किश्त के रूप में रूपये कट जायेंगे. वहीं ऑफलाइन तरीके में आपको बैंक में जाकर नगद पैसो में भुगतान करना पड़ता हैं.
ऊपर बताई गयी कुछ बातों से अब आपको पता चल गया होगा कि EMI क्या है और EMI कैसे करे अब इन्टरनेट में कई ऐसी वेबसाइट आ गयी है जो आपको ऑनलाइन EMI की गणना करके देती हैं इन वेबसाइट में आपको मूल राशी और ब्याज का प्रतिशत लिखता होता इसके बाद आपको मासिक किश्त या EMI क्या होगी आपको बता दिया जाता है. ऐसी ही एक वेबसाइट emicalculator.net है जिसपर आप EMI की गणना कर सकते हैं.
EMI के तरीके
जब कभी भी आप लोन लेते हैं, तो आपको एक नियमित राशि मिलती है। इस मूल राशि में समय के हिसाब से ब्याज जुड़ते रहते हैं। इसी मूलराशि की भरपाई को ही EMI कहते हैं। इस लोन राशि में ब्याज सहित आपके मासिक किश्त में जुड़ती रहती है। जब कभी हम किसी लोन का भुगतान EMI के माध्यम से करते हैं तो इसके दो तरीकें होते हैं।
- ऑफलाइन – जिस भी बैंक संस्थान से आपने लोन लिया हो, उसके नजदीकी ब्रांच में भुगतान कर सकते हैं।
- ऑनलाइन – ऑनलाइन माध्यम का इस्तेमाल करके हम क्रेडिट या डेबिट कार्ड से भुगतान कर सकते हैं।
लोन की अवधि
कोई भी बैंक या संस्थान जब हमे एक बड़ी राशि देती है तो साथ ही साथ एक नियमित समय भी देती है जिसके अंदर कुछ ब्याज़ भी जुड़े रहते हैं। अगर हम इस नियमित समय में भुगतान नहीं कर पाते हैं तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है। लोन कई प्रकार के होते हैं जैसे कार लोन,होम लोन,बाइक लोन,बिज़नेस लोन,आदि। अपनी जरूरतों के अंतर्गत ही हम सही लोन का चयन करते हैं।
हम इस लोन की राशि को एक बार में भी चुका सकते हैं किन्तु मूलराशि बड़ी होने के कारण ये संभव नहीं होता है और इसी कारण मासिक किश्त भरना बेहतर विकल्प होता है। हमारी अवधि हमारे लोन के राशि पर निर्भर करती है। जितनी बड़ी लोन राशि होती है उतनी ही कम EMI होती है।
नो कॉस्ट EMI क्या है?
जैसा कि हमे नाम से मालूम पड़ गया कि वो हर प्रकार कि EMI जिसमे सिर्फ प्रोडक्ट कि कीमत का भुगतान करना पड़ता है उसे No Cost EMI कहते हैं। दूसरे शब्दों में नो कॉस्ट EMI वह तरीका है जिसमे हमे ब्याज नहीं देना पड़ता है। जैसे कि एक उदाहरण ले सकते हैं – मैंने एक प्रोडक्ट INR 10,000 में किश्त पर ख़रीदा तो दो महीने की इसकी नो कॉस्ट EMI INR 5,000-5,000 रूपये होगी।
हमारे EMI की गणना मासिक आधार पर की जाती है। इसका हिसाब हम किसी बैंक या संस्थान से लिए हुए मूलराशि से कर सकते हैं। हम अपने EMI लिए मूलराशि का गणित ब्याज़ दर एवं समय कार्यकाल से करेंगे जो हमारी देय अमाउंट यानी EMI होती है।
EMI की गणना निम्नलिखित गणितीय सूत्र के आधार पर की जाती है: EMI = P × R × (1 + R) ^ n / ((1 + R) ^ n -1) जहां, P = ऋण (Principal) राशि, R = ब्याज दर, जिसकी गणना मासिक आधार पर की जाती है।
EMI क्या है और EMI कैसे काम करती है, जानिए पूरी जानकारी
क्योंकि एक साथ कम ब्याज पर ढेर सारी रकम की पूर्ति बैंक ही कर सकता है। लेकिन बैंक से लोन लेने के पहले आपको उस लोन की EMI जे विषय में पूरी जानकारी होना चाहिए। दरअसल बैंक आपको जो राशि लोन के रूप में देता है, वह उसे ईएमआई के माध्यम से ही वापस लेता है।
आज कल ई कॉमर्स वेबसाइट भी अपने सामान को EMI में खरीदने जैसे ऑप्शन देती है। ऐसे में आपके लिए ईएमआई के विषय में जानना जरूरी हो जाता है। आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि EMI क्या है और यह कैसे काम करती है।
EMI क्या है और EMI कैसे काम करती है, जानिए पूरी जानकारी
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क्या है EMI
आपको बता दे कि EMI का फुल फॉर्म होता है Equated Monthly Installment। अगर हिंदी भाषा में कहे तो सामान मासिक किस्तें। इसे अगर एक लाइन में समझे तो किसी लोन का समान मासिक किश्तों के रूप में भुगतान करना EMI कहलाता है।
अगर सीधी भाषा में समझा जाए तो जब आप अपनी जरुरत के अनुसार बैंक से लोन लेते है, तो बैंक द्वारा आपको एक साथ पूरे पैसे दे दिए जाते है।
इन पैसों का भुगतान करने के लिए बैंक आपको मासिक किस्त या कहे ईएमआई का विकल्प देता है। जिसमें आपको मूल रकम के अलावा ब्याज भी देना होता है। यह ब्याज बैंक द्वारा आपकी मासिक किस्त में ही जोड़ दिया जाता है।
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EMI कैसे काम करती है
आपको यह तो पता चल गया की EMI क्या है, अब यह जानना जरूरी है कि ईएमआई कैसे काम करती है। जानकारी के लिए आपको बता दे कि आपके द्वारा लिए गए लोन और उसपर समायावधी के हिसाब से लगने वाले ब्याज को लोन को चुकाने की समयावधी के हिसाब से बांटकर उसे मासिक किस्तों के हिसाब से लिया जाता है।
अगर उदाहरण से समझे तो यदि किसी व्यक्ति ने 1 लाख रूपए का लोन बैंक से 12 महीनों के लिए लिया है। अब बैंक इस लोन पर ईएमए क्या है 10 फीसदी ब्याज ले रही है तो उस व्यक्ति की मासिक EMI 8792 रूपए होगी। जहां 8333 रूपए मूल राशि तथा 458 रूपए ब्याज की राशि होगी। आप अपनी ईएमआई की गणना ऑनलाइन वेबसाइट emicalculator।net के माध्यम से कर सकते है।
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EMI का भुगतान करने का तरीका
जैसा कि हमने आपको EMI क्या है और यह कैसे काम करता है, इस तरीके को बताया। वहीं अब हम आपको बताने जा रहे है कि आखिर ईएमआई का भुगतान किस तरह से किया जाता है। बता दे कि ईएमआई का भुगतान करने के दो मुख्य तरीके होते है।
पहला तरीका ऑनलाइन होते है, जहां आप अपने बैंक की वेबसाइट पर जाकर अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर सकते है। दूसरा तरिका ऑफ़लाइन होता है, जिसमें आपको बैंक जाकर अपनी ईएमआई का भुगतान करना होता है।
ग़ौरतलब है कि कुछ बैंक हर महीने ऑटोमेटिक सीधे आपके अकाउंट से EMI के भुगतान का विकल्प भी देते है। जिसका चयन करने पर ईएमआई सीधे आपके अकाउंट से कट जाती है।
उम्मीद है आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा और आप यह जान गए होंगे कि EMI क्या है और EMI कैसे काम करती है।
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EMI का फुल फॉर्म क्या होता है?
EMI का फुल फॉर्म होता है Equated Monthly Installment। अगर हिंदी भाषा में कहे तो सामान मासिक किस्तें।
EMI को प्रभावित करने वाले कारक
किसी बैंक या संस्था द्वारा लिए गए लोन पर आपको कितनी ईएमआई भरनी पड़ेगी ये इसके कारकों पर निर्भर करता है जैसे की आप लोन किस संस्था या बैंक से ले रहे है, आपका सीबील क्रेडिट स्कोर क्या है आदि लेकिन मुख्य रूप से केवल 3 कारक ईएमआई को प्रभावित करते है।
लोन की राशि – ये वो पैसा होता है जो आप बैंक या किसी संस्था से लोन के रूप मे लेते हो, जितना ज्यादा ये राशि होगी आपकी EMI भी उतनी ही ज्यादा होगी।
ब्याज दर – आपके लोन पर कितने प्रतिशत ब्याज लगेगा ये कारक आपकी ईएमआई को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है क्योंकि जितनी ज्यादा ब्याज दर होगी उतना ही पैसा आपको मूलधन से ज्यादा देना पड़ेगा। आपको लोन देने वाला बैंक ईएमए क्या है या संस्था ब्याज दर को कई तरह से निश्चित करता है जैसे की आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, आपकी सैलरी, भुगतान वापिस करने की क्षमता और मार्केट की स्थिति।
ईएमआई गणना सूत्र:-
बैंक या संस्था द्वारा दिए गए लोन का भुगतान EMI (समान मासिक किस्त) के द्वारा किया जाता है जिसमे एक निर्धारित राशि किसी निर्धारित तारिक को बैंक को देनी होती है, लोन लेने से पहले हर महीने कितनी ईएमआई भरनी है इसका पता होने से आइडिया लग जाता है की कितना लोन लेना चाहिए।
ईएमआई निकालने के लिए आपको 3 तत्वों की जरूरत पड़ती है जिसमे पहला लोन की राशि, दूसरा ब्याज दर और तीसरा समय है, समय को हम अंग्रेजी मे Tenor भी बोलते है।
ईएमआई गणना सूत्र:-
आपको ये फार्मूला दिखने मे मुश्किल लग सकता है लेकिन यहा दी गई टर्म को समझने के बाद आपको ये आसानी से समझ आ जाएगा, इस सूत्र मे E का मतलब है ईएमआई जो की हमे निकालनी है, P का मतलब है Principal Amount यानि की मूल राशि, R का मतलब है Rate of Interest यानि की ब्याज दर और N का मतलब है समय।
EMI Calculator
ये डिजिटल Calculator होते है जिसमे ईएमआई निकालने का गणना सूत्र पहले से ही सेट किया हुआ होता है इस टूल कि मदद से आप केवल कुछ ही सेकंड मे अपनी ईएमआई निकाल सकते है, यहा आपको ईएमए क्या है लोन की राशि, ब्याज दर और समय लिखना होता है जिसके बाद टूल आपको हर महीने या साल की ईएमआई बता देता है।
यहा आपको कुछ अच्छे ईएमआई गणना टूल के बारे मे बताया गया है आप क्लिक करके उनका इस्तेमाल कर सकते है।
Debit Card पर EMI कैसे ले
आजकल कुछ बड़े बैंक जैसे की HDFC, SBI, ICICI आदि आपको डेबिट कार्ड पर भी ईएमआई का ऑप्शन देते है जिसका इस्तेमाल आप Online शॉपिंग वेबसाइट ईएमए क्या है पर कुछ सामान खरीदने के लिए कर सकते है, हालांकि सभी उत्पादो पर आपको डेबिट कार्ड ईएमआई का ऑप्शन नहीं मिलता।
डेबिट कार्ड पर ईएमआई का फीचर केवल कुछ ही ग्राहकों को मिलता है और ये बैंक का अपना फैसला होता है की आपको डेबिट कार्ड पर EMI का ऑप्शन दे या ना दे। ज्यादातर ये देखा गया है की बैंक आपकी ख़रीददारी का इतिहास देखकर आपको Debit Card EMI का ऑप्शन देता है।
यदि आप ऑनलाइन बहुत सारा समान खरीदते है और उसका पेमेंट भी Online एक ही डेबिट कार्ड से करते है तो बैंक आपको ये ऑप्शन दे सकता है। आपके पास डेबिट कार्ड EMI का ऑप्शन है या नहीं ये चेक करने के लिए आप अपने HDFC Bank नेट बैंकिंग मे Offers का सेक्शन चेक करे।
आपके डेबिट या एटीएम कार्ड पर EMI का ऑप्शन उपलब्ध है या नहीं इसे जानने के लिए आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर से एक मैसेज करना होता है, ये मैसेज सभी Banks का अलग अलग होता है। नीचे आपको कुछ बैंक के बारे मे बताया गया है।