फिक्स्ड कैपिटल

फ्रीडम एसआईपी. एक नया तरीका
आजकल फ्रीडम एसआईपी भी काफी पसंदीदा साधन है। आईप्रू ने इस तरह की सुविधा शुरू की है। यह सुनिश्चित करता है कि आप बाजार के डर और लालच में न फंसे। ऐसे में अगर आप एसआईपी करना चाहते हैं तो बेहतर है कि फ्रीडम एसआईपी का चयन करें। इसमें आपको मासिक आय के रूप में लाभ मिलता है।
फिक्स्ड कैपिटल
क्या होता है ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन? (हरिकिशन शर्मा) ‘ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन’ (जीएफसीएफ) यानी ‘सकल स्थायी पूंजी निर्माण’ सरकारी और निजी क्षेत्र के फिक्स्ड असेट पर किए जाने वाले शुद्ध पूंजी व्यय का एक आकलन है। फिक्स्ड असेट्स का आशय ऐसी मूर्त/अमूर्त परिसंपत्तियों से है, जिन्हें.
ब्रिक्स देश : ट्रेड वार पर दिखी एकजुटता (जयंतीलाल भंडारी) हाल ही में 25 से 27 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में आयोजित दसवें ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन की ओर पूरी दुनिया की निगाहें लगी हुई थीं। इस सम्मेलन का.
31 Jul The State of The Economy
Prabhat Patnaik July 23, 2018 Newspaper headlines over the last few days have highlighted three facts which point to the current abysmal state of the Indian economy. The first relates to inflation, where the June 2018 wholesale price index was 5.77 percent above that of June.
अगर भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों, जैसे-असम, अरूणाचल प्रदेश, सिक्किम, त्रिपुरा,मेघालय, मणिपुर, नागालैण्ड, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बंगाल और बिहार को मिलाकर एक देश मान लिया जाए, तो यह विश्व में बॉक्साइट का पाँचवा, लौह-अयस्क का चैथा और कोयले का सातवाँ सबसे बड़ा उत्पादक कहा.
NFO: आईपीओ की तरह एनएफओ में निवेश का मौका, परिपक्वता वाले साधन में पैसा लगाने का मौका
अधिकतर एनएफओ इक्विटी व फिक्स्ड इनकम आधारित है। जैसे-जैसे शेयर बाजार सार्वकालिक उच्च स्तर के करीब पहुंच रहा है, बढ़ते बॉन्ड ब्याज के बीच खुदरा निवेशकों की शेयरों में निवेश करने की दिलचस्पी बढ़ रही है। ऐसे में म्यूचुअल फंड कंपनियां भी इक्विटी और फिक्स्ड इनकम पर आधारित नए फंड ऑफर (एनएफओ) ला रही हैं। कई सारे एनएफओ इस समय खुले हुए हैं।
इनके अलावा, दिसंबर के पहले सप्ताह में ही केंद्र सरकार भी अपना प्रसिद्ध भारत बॉन्ड ईटीएफ ला रही है। इस ईटीएफ का प्रबंधन एडलवाइज म्यूचुअल फंड करती है। इसकी पहली किस्त 2019 में जारी हुई थी और इस समय असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 50 हजार करोड़ रुपये है। बीएफसी कैपिटल के खुशाल कोहली कहते हैं कि प्रत्यक्ष रिटर्न और सुरक्षा के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में निवेश किया जाता है, जबकि सरकार का भारत बॉन्ड ईटीएफ अपने एएए-रेटेड पोर्टफोलियो के साथ आपको एफडी जैसी सुरक्षा और अनुमानित रिटर्न देता है।
विस्तार
अधिकतर एनएफओ इक्विटी व फिक्स्ड इनकम आधारित है। जैसे-जैसे शेयर बाजार सार्वकालिक उच्च स्तर के करीब पहुंच रहा है, बढ़ते बॉन्ड ब्याज के बीच खुदरा निवेशकों की शेयरों में निवेश करने की दिलचस्पी बढ़ रही है। ऐसे में म्यूचुअल फंड कंपनियां भी इक्विटी और फिक्स्ड इनकम पर आधारित नए फंड ऑफर (एनएफओ) ला रही हैं। कई सारे एनएफओ इस समय खुले हुए हैं।
इनके अलावा, दिसंबर के पहले सप्ताह में ही केंद्र सरकार भी अपना प्रसिद्ध भारत बॉन्ड ईटीएफ ला रही है। इस ईटीएफ का प्रबंधन एडलवाइज म्यूचुअल फंड करती है। इसकी पहली किस्त 2019 में जारी हुई थी और इस समय असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 50 हजार करोड़ रुपये है। बीएफसी कैपिटल के खुशाल कोहली कहते हैं कि प्रत्यक्ष रिटर्न और सुरक्षा के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में निवेश किया जाता है, जबकि सरकार का भारत बॉन्ड ईटीएफ अपने एएए-रेटेड पोर्टफोलियो के साथ आपको एफडी जैसी सुरक्षा और अनुमानित रिटर्न देता है।
घर बैठे आसानी से खोल सकते हैं SBI के साथ फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट, फॉलो करें ये स्टेप्स
अगर आपका भी एसबीआई (State Bank Of India) में बैंक खाता है तो आप भी नेट बैंकिंग का यूज करके ऑनलाइन फिक्स्ड डिपॉजिट (E-FD) अकाउंट खोल सकते है.
फिक्स्ड डिपॉजिट हमेशा से इंवेस्टमेंट के लिए एक आसान और सुरक्षित ऑप्शन रहा है. फिक्स्ड डिपॉजिट इंवेस्टमेंट पर एक तय ब्याज दर पर मैच्योरिटी की तारीख पर गारंटीड राशि देता है. Fixed Deposit को बैंक और एनबीएफसी (Non-Banking Financial Company) देते हैं. एफडी की खास बात ये है कि इसमें आपके मूलधन के नुकसान का रिस्क नहीं है. साथ ही एफडी में इंवेस्टमेंट करने पर रिटर्न का मिलना निश्चित रहता है. आप एफडी को आसानी से रिन्यू करवा सकते है. फिक्स्ड डिपॉजिट में इंवेस्टमेंट का सीनियर सिटीजन को अच्छा फायदा मिलता है. इसमें इंवेस्ट करने पर सीनियर सिटीजन को हाई इंट्रेस्ट रेट्स मिलती है. भारत में हाल के कुछ महीनों में महंगाई की रफ्तार बढ़ी है. जिस कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में 4 से 5.90 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की है. जिसका असर बैंकों पर दिख रहा है. 22 अक्टूबर को एसबीआई ने 2 करोड़ से कम के फिक्सड डिपॉजिट की रेट्स पर 80 बेसिस पॅाइंट्स का इजाफा किया था. अगर आप भी एफडी अकाउंट खोलना चाहते हैं तो नेट बैंकिंग का यूज करके अकाउंट ओपन कर सकते हैं. इसका तरीका स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की आधिकारिक वेबसाइट पर बताया गया है.
घर बैठे ऐसे खोलें ऑनलाइन अकाउंट
1. एफडी के लिए ऑनलाइन अकाउंट ओपन करने के लिए SBI की ऑफिशियल वेबसाइट https://sbi.co.in/ पर जाएं.
2. यहां अपना यूजर नेम और पासवर्ड डालकर नेट बैंकिंग में लॅाग इन करें.
3. फिर होम पेज ऑप्शन में जाकर डिपॉजिट स्कीम ऑप्शन को चुनें.
4. इसके बाद एफडी का ऑप्शन सिलेक्ट करें और फिर ई-एफडी को चुनें.
5. इसके बाद आपको जिस तरह का अकाउंट ओपन करना फिक्स्ड कैपिटल फिक्स्ड कैपिटल है उसे सिलेक्ट करें. और प्रोसीड के ऑप्शन को चुनें.
6. फिर उस खाते को सिलेक्ट करें जिससे पैसे कट कर फिक्स्ड डिपॉजिट एकाउंट में जमा होंगें.
7. इसके बाद एफडी की प्रिंसिपल वैल्यू भर दें. अगर आप सीनियर सिटीजन हैं तो
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
म्यूचुअल फंड बनाम फिक्स्ड डिपॉजिट
हिंदी
जब बचत की बात आती है, तो अधिकांश भारतीय मानते हैं कि बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली फिक्स्ड डिपॉजिट सबसे सुरक्षित और सबसे भरोसेमंद इन्वेस्टमेंट एवेन्यू हैं. यह एक वित्तीय परंपरा की तरह है जो हमारे पूर्वजों द्वारा हमें फिक्स्ड कैपिटल पारित किया गया है, और सही तरीके से. फिक्स्ड डिपॉजिट आपको पहले से निर्धारित ब्याज़ दर पर एक निश्चित अवधि के दौरान एक निश्चित राशि का इन्वेस्टमेंट करने की अनुमति देता है. ऐतिहासिक रूप से, फिक्स्ड डिपॉजिट कम जोखिम लेने की क्षमता वाले इन्वेस्टर के लिए सबसे अधिक उपज देने वाले इन्वेस्टमेंट मार्गों में से एक थे.
हालांकि, वर्तमान में भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट औसतन 6-8% प्रति वर्ष की ब्याज़ दर प्रदान करता है. यह मामूली ब्याज़ दर है. वर्तमान में भारत में मुद्रास्फीति औसत 4% प्रति वर्ष. यह हमें 2-4% प्रति वर्ष की वास्तविक ब्याज़ दर प्रदान करता है, जो उच्च रिटर्न की अपेक्षाओं वाले इन्वेस्टर के फिक्स्ड कैपिटल लिए आकर्षक नहीं हो सकता है.
म्यूचुअल फंड बनाम फिक्स्ड डिपॉजिट के बीच अंतर
विवरण | म्यूचुअल फंड | फिक्स्ड डिपॉजिट |
रिटर्न की फिक्स्ड दर | म्यूचुअल फंड रिटर्न मार्केट की अस्थिरता पर निर्भर करता है. रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है. | फिक्स्ड डिपॉजिट की पहले से निर्धारित ब्याज़ दर होती है जो फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि में देय होगी. |
टैक्सेशन | म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है. आपके इन्वेस्टमेंट की होल्डिंग अवधि और म्यूचुअल फंड के प्रकार के आधार पर लॉन्ग-टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होगा. | फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज़ दर टैक्स की लागू स्लैब दर के अधीन होगी. |
लिक्विडिटी | ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड को इन्वेस्टर की आवश्यकता के अनुसार रिडीम किया जा सकता है, ELSS फंड को छोड़कर, जिनके पास तीन वर्षों तक लॉक-इन क्लॉज है. | फिक्स्ड डिपॉजिट को एक निश्चित अवधि के लिए बनाया जाना चाहिए. समय से पहले निकासी के मामले में, यह शुल्क के अधीन होगा (लॉक-इन अवधि के बाद) |
शुल्क और खर्च | म्यूचुअल फंड फंड मैनेजमेंट के लिए विशिष्ट शुल्क लेता है जो फंड के रिटर्न फिक्स्ड कैपिटल से काटा जाता है. | फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि या शुरू होने के समय कोई अतिरिक्त खर्च नहीं. |
जोखिम | फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में म्यूचुअल फंड के साथ शामिल जोखिम अधिक होता है. | फिक्स्ड डिपॉजिट पूर्वानुमानित रिटर्न प्रदान करते हैं और इसलिए कम जोखिम के साथ आते हैं. |
मार्केट-लिंक्ड | म्यूचुअल फंड विभिन्न मार्केट में ट्रेड किए गए फिक्स्ड कैपिटल इक्विटी, बॉन्ड आदि जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करते हैं. इसलिए, रिटर्न सप्लाई और मांग द्वारा चलाए जाने वाले मूल्य मूवमेंट के अधीन हैं. | फिक्स्ड डिपॉजिट मार्केट से जुड़े साधन नहीं हैं जिनमें रिटर्न, यानी ब्याज़ दर, पहले से निर्धारित किए जाते हैं. |
इसके द्वारा प्रबंधित | एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसीएस) म्यूचुअल फंड लॉन्च करती हैं जो स्कीम चलाने के फिक्स्ड कैपिटल लिए जिम्मेदार फंड मैनेजर को नियुक्त करती हैं. | बैंक और कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां फिक्स्ड डिपॉजिट प्रदान करती हैं. |
महिला उद्यमियों के लिये herSTART प्लेटफॉर्म शुरू
हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) दो दिवसीय गुजरात दौरे पर थीं. इस दौरान उन्होंने फिक्स्ड कैपिटल अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय (Gujarat University) के एक स्टार्टअप प्लेटफॉर्म 'herSTART' का शुभारंभ किया. यह प्लेटफॉर्म महिला उद्यमियों के लिये क्रिएट किया गया है. मुर्मू ने कहा कि हरस्टार्ट प्लेटफार्म की शुरुआत करना उनके लिये गर्व की बात है. यह उभरते हुए उद्यमियों के लिए सरकार की योजनाओं एवं निजी कोष के बीच सेतु का काम करेगा. इसके अलावा उन्होंने शिक्षा और जनजातीय विकास से संबंधित गुजरात सरकार की विभिन्न परियोजनाओं का गुजरात विश्वविद्यालय से वर्चुअली उद्घाटन/शिलान्यास भी किया. राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद मुर्मू की यह पहली गुजरात यात्रा थी.