एक ब्रोकर में निवेश करें

IPO INVEST के मुताबिक, एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को स्थानांतरित करने का तरीका आसान है, हालांकि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। कभी-कभी एक साथ कई डीमैट खाते चलाने से उनके रखरखाव एक ब्रोकर में निवेश करें में समस्या आती है। कई लोग ब्रोकरेज राशि को बचाने के लिए शेयर ट्रांसफर भी करते हैं।
आप शेयरों को एक डीमैट खाते से दूसरे में स्थानांतरित करना चाह सकते हैं। ऐसा करने के कई कारण हो सकते हैं। उनमें से कुछ हैं:
गैर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर में निवेश करने की जानकारी।
दोस्तों, आप शेयर बाजार में शेयर या स्टॉक कई बार ख़रीदा या बेचा है, लेकिन क्या आप जानते है कि शेयर बाजार में विभिन्न कम्पनियाँ सूचीबद्ध कैसे होती है ? आप कौन से मार्किट या स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) से शेयर खरीद या बेच सकते है ? आईये इसका उत्तर जानते है।
किसी भी शेयर या स्टॉक का क्रय या विक्रय प्रतिभूति बाज़ार (Security Market) के अंतर्गत आता है और प्राथमिक बाज़ार (Primary Market) और द्वितीयक बाज़ार (Secondary Market) इसके दो प्रकार है। प्रतिभूति बाज़ार में एनएसई या बीएसई दो प्रसिद्ध स्टॉक एक्सचेंज है। कोई भी कंपनी आईपीओ (IPO) के माध्यम से शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होता है और निवेशक प्राथमिक बाज़ार से कंपनी के शेयर सीधे खरीदते है। जब कंपनी द्वितीयक बाज़ार में सूचीबद्ध हो जाता है तो निवेशक या ट्रेडर्स उसके शेयर आपस में खरीदते या बेचते है।
अनलिस्टेड स्टॉक्स लिस्ट्स
आपके मन में एक प्रश्न उठ रहा है कि यदि अनलिस्टेड स्टॉक्स एनएसई या बीएसई स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत नहीं है तो ऐसे स्टॉक्स कैसे ख़रीदे ?
इसका उत्तर है कि अनलिस्टेड स्टॉक्स आप किसी ब्रोकर्स कंपनियों से खरीद सकते है, जैसे Unlisted Zone, Unlisted deals, Buy Sell Unlisted Shares आदि। इसके अलावा अन्य ब्रोकर का सूचि आपको इंटरनेट के माध्यम से मिल जायेगा।
अनलिस्टेड स्टॉक्स कि श्रेणी में भिन्न-2 प्रकार के कंपनियां शामिल है जो निम्नलिखित है।
- प्रसिद्ध कंपनियों की सहायक कंपनियां है। मुख्यतः ये सहायक कंपनियां मूल कंपनी के भाग होते है, जैसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज अनलिस्टेड स्टॉक्स है परन्तु यह एचडीएफसी बैंक का हिस्सा है।
- अन्य प्रकार के अनलिस्टेड कंपनियां जो मुख्यतः वित्तीय, तकनिकी या संचार आदि क्षेत्र में शामिल है जैसे ड्रीम 11 कंपनी शामिल है।
अनलिस्टेड स्टॉक्स में कैसे इन्वेस्ट करें
यदि आप भी अन्य निवेशक की तरह अनलिस्टेड शेयर में निवेश करना चाहते है, तो बहुत से माध्यम है जिसके द्वारा आप गैर सूचीबद्ध शेयर में निवेश कर सकते है।
स्टार्टअप से शुरू करें
आप किसी स्टार्टअप कंपनी के शेयर में निवेश करके शुरुवात कर सकते है। स्टार्टअप और छोटी कंपनियां शेयर की बिक्री की गारंटी नहीं देती हैं। स्टार्टअप कंपनी जल्दी और अग्रिम भुगतान करने के लिए पैसे की मांग करती है और ट्रेड के दिन से तीन दिन बाद ही डिलीवरी होती है। इसे आम तौर पर टी+3 डिलीवरी कहा जाता है।
ईसॉप शेयर
ईसॉप शेयर एक अनलिस्टेड स्टॉक है, इस शेयर को खरीदने की अनुमति सिर्फ कंपनी के आंतरिक कर्मचारियों को होता है। ईसॉप शेयर भी अन्य शेयर बाजार के शेयर के सामान होता है। एक ब्रोकर आपके लिए सही अनलिस्टेड स्टॉक खोजने में आपकी मदद कर सकता है।
प्रमोटर्स
आप गैर सूचीबद्ध शेयर में निवेश करना चाहते है तो आप सीधे प्रोमोटर्स (Promotors) से खरीद एक ब्रोकर में निवेश करें सकते है। कई निवेश बैंक और निजी प्लेसमेंट निजी या नॉन-लिस्टेड शेयरों को खरीदने में मदद प्रदान कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट या शेयर बाज़ार क्या हैं? :-
इक्विटी स्टॉक यानी शेयर का मतलब उस चीज से हैं, जो कंपनी अपने मालिकों को जारी करती हैं और जो कंपनी में उनके मालिकाना हक के प्रतीक होते हैं। इसे IPO (initial public offer) या डायरेक्ट शेयर बाज़ार से खरीदा जा सकता हैं। IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर (initial poblic offer) मतलब जब किसी कंपनी पहली बार आम निवेशकों से पैसा जुटाने केलिए उन्हें शेयर जारी करती हैं तो इसे इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) कहते हैं। डायरेक्ट शेयर बाजार से शेयर खरीदने का अर्थ आप किसी अन्य निवेशक (invester) से शेयर खरीदते हैं।
share market (i) बाज़ार (Market) :-
बाजार (market) शब्दों का नाम सुनते हीं सबके मन में एक हीं ख्याल आता हैं, जहां अपनी मन चाहें सभी जरूरत मंद समान ख़रीद या बिक्रय किया जाता हों, उस स्थान को बाजार कहा जाता हैं। ख़रीद-परोख की लिक्विडीटी या मोल-भाव की सुविधा अनुसार जिस प्रकार बाजार को अलग अलग श्रेणी व नाम से जाना जाता हैं, जैसे 'सब्जी बाजार, कपड़ों का बाजार आदि। ठीक वैसा हीं, इक्विटी स्टॉक यानी शेयर की खरीद एवं विक्रय करने केलिए स्टॉक मार्केट यानी शेयर बाज़ार हैं।
लेकिन यह एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म हैं, जहाँ निवेशक (investers) शेयरों को खरीदने और बेचने केलिए आते हैं। दूसरे बाजारों की तरह यहां शेयर की कीमतें लगातार तय होती रहती हैं, जो मांग और आपूर्ति के साथ-साथ सभी बिकवालों और खरीदारों की धारणा पर निर्भर करती हैं।
भारत में इक्विटी स्टॉक यानी शेयरों को उपलब्धो कराने केलिए दो सबसे बड़े बाजार अथवा स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) हैं.
(ii) शेयर अथवा स्टॉक (SHARE or STOCK's) :-
शेयर मतलब हिस्सा, कोई भी कंपनी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी SEBI (security and exchange bord of India) की गाईड लाईन की अनुपालन के साथ एक बार स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) में लिस्टेड हों जानें पर, जब आप उस लिस्टेड कंपनी का शेयर खरीद लेते हों, तो इसका मतलब आप उस कंपनी में हिस्से ख़रीद लेते हैं। अब जब आप किसी कंपनी के हिस्सेद्वार बन जाते हो तो कंपनी की हर एक गतीविधि आपसे सूचित किया जाता हैं। जैसे, कंपनी की होने वाली AGM (Annual General Meting), लाभांश (Dividend) में हिस्से, कंपनी की वोटिंग पॉवर etc etc.
अर्थों व्यवस्था पर होने वाली बदलाव से शेयर बाजार पर सबसे गेहरा असर डालते हैं, जैसे– विकास दर (GDP Growth), सेंट्रल बैंक द्वारा पेश की जाने वाली मॉनेटरी पॉलिसी में किसी भी प्रकार की बदलाव, Inflation (मुद्रास्फीति) यानी महंगाई दर जैसी चीजें इनमें शामिल हैं।
शेयर बाजार में कैसे प्रवेश करें :-
यदि आप किसी लिस्टेड कंपनी की शेयर को डायरेक्ट खरीदना एवं बेचना चाहती हैं तो आपके पास तीन प्रकार की अकाउंट की जरूरत होती हैं.
स्टॉक एक्सचेंज के मध्यस्थता में हो रहें शेयरों की खरीद एवं बिकवाली को "सैकेंडरी मार्केट" कहते हैं। "SEBI" रजिस्टर्ड किसी भी ब्रोकर फार्म के साथ या फिर किसी भी बैंक के मध्यम से आप अकाउंट ओपन कर, शेयर बाजार में डायरेक्ट निवेश कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट की निवेश पाठशाला 1 : घर बैठे करें निवेश, होती है मोटी कमाई
देश में स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। लेकिन अभी भी कई लोगों को नहीं पता है कि शेयर बाजार में निवेश कैसे किया जाता है। हालांकि यह काफी आसान है। अगर इंटरनेट पर काम करने की आदत है तो यह पूरा काम ऑनलाइन घर बैठे ही किया जा सकता है। वहीं अगर इंटरनेट पर काम करने के आदी नहीं हैं, तो किसी किसी ब्रोकर की मदद से इस काम को आसानी से किया जा सकता है। आजकल ब्रोकर निवेशकों को हर तरह की सुविधा फोन पर भी उपलब्ध एक ब्रोकर में निवेश करें करा रहे हैं।
किन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले एक डीमैट खाता और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ता है। इसके लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, कैंसिल चेक और फोटो की जरूरत पड़ती है।
क्या आप अपने शेयरों को एक डीमैट से दूसरे डीमैट में ट्रांसफर करना चाहते हैं? | DEMAT TRANSFER
Demat Transfer – शेयर बाज़ार में पैसा लगाने के लिए डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है। आप डीमैट खाते के बिना कोई भी शेयर खरीद या व्यापार नहीं कर सकते। डीमैट खाते के माध्यम से व्यापार करना बैंक खाते के माध्यम से लेनदेन करने जैसा है। फर्क सिर्फ इतना है कि आप पैसे के बजाय डीमैट खाते के जरिए शेयर ट्रांसफर करते हैं।
डीमैट के साथ सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि आप एक से अधिक खाते खोल सकते हैं और अपने शेयर या होल्डिंग को अलग-अलग डीमैट खातों में रख सकते हैं। लेकिन अगर आप अपने सभी शेयर एक खाते में ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आपके पास वह विकल्प भी है।अगर आप अपना डीमैट अकाउंट ट्रांसफर करना चाहते हैं तो नीचे क्लिक करें
डीमैट अकाउंट ट्रांसफर करने के कारण- Reasons to transfer Demat Account
1. आपके पास कई डीमैट खाते हो सकते हैं और आप सभी शेयरों को एक ही खाते में समेकित करना चाहेंगे।
2. यह बिल्कुल विपरीत हो सकता है: आप अलग-अलग खातों में शेयरों को अलग करना चाह सकते हैं। यह आमतौर पर सेवानिवृत्ति या बच्चों की शिक्षा या शादी जैसी लंबी अवधि की योजनाओं के लिए किया जाता है।
3. आप अपनी वर्तमान ब्रोकरेज राशि को बचाने के लिए अपने वर्तमान ब्रोकर से डिस्काउंट ब्रोकर में स्विच करना चाह सकते हैं।
4. आप अपनी ट्रेडिंग राशि को बढ़ाने के लिए दैनिक आधार पर अधिक रिपोर्ट और सुझाव प्राप्त करने के लिए एक पूर्ण सेवा दलाल के पास स्विच करना चाह सकते हैं।हमें पहले भारत में दो राष्ट्रीय डिपॉजिटरी के आधार पर दो प्रकार के ट्रांसफर के बीच अंतर करना चाहिए: एनएसडीएल और सीडीएसएल।
1. इंट्रा-डिपॉजिटरी ट्रांसफर: अगर ट्रांसफर डिपॉजिटरी के भीतर ही होता है, तो इसे इंट्रा-डिपॉजिटरी ट्रांसफर कहा जाता है।
2. इंटर-डिपॉजिटरी ट्रांसफर: यह तब मान्य होता है जब ट्रांसफर एक डिपॉजिटरी से दूसरे डिपॉजिटरी में होता है।स्टॉक ब्रोकर का काम क्या होता है? (Stock broker job description)
- एक स्टॉक ब्रोकर का काम होता है एक ब्रोकर में निवेश करें शेयर को खरीदना और बेचना.
- जब भी कोई नई कंपनी अपने शेयर लेकर आती है तो स्टॉक ब्रोकर ही एक ब्रोकर में निवेश करें होते हैं जो कई बड़े निवेशकों को इनके शेयर में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. वहीं शेयर को खरीदने का कार्य भी इन्हीं का होता है.
- यदि कोई निवेशक शेयर को बेच रहा है तो उसे खरीदने वाले भी स्टॉक ब्रोकर ही होते हैं. हालांकि ये सारा काम अपनी कंपनी या फर्म के लिए करते हैं जिनके संबंध सीधे उन कंपनियों से होते हैं जो अपने शेयर उतार रही है.
- इसके अलावा नए निवेशक तलाशना और उन्हें निवेश के लिए प्रोत्साहित करना भी एक स्टॉक ब्रोकर का काम होता है.
- एक स्टॉक ब्रोकर को निवेशक का Demat account open करना और जरूरी कागजी कार्यवाही करना पड़ती है.
स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें? (How to Become a Stock Broker?)
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आपको ग्रेजुएट होना जरूरी है.
1) आप बिजनेस से संबन्धित किसी कोर्स में ग्रेजुएशन कर सकते हैं. जैसे कॉमर्स, मैनेजेमेंट, इक्नोमिक्स आदि. यदि आप पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं तो भी एक ब्रोकर में निवेश करें आप अच्छे स्टॉक ब्रोकर बन सकते हैं.
2) ग्रेजुएशन के दौरान आप शेयर मार्केट को अच्छी तरह से जानें. इसके उतार-चढ़ाव को देखें.
3) शेयर मार्केट की बारीकियों को सीखें. इसकी हर टर्म को अच्छे से जाने.
4) लोगों के साथ बात करने के तरीके को सुधारें और विश्वासपात्र संबंध बनाने की कोशिश करें.
5) ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद आप स्टॉक ब्रोकिंग या कैपिटल मार्केट से संबन्धित कोर्स कर सकते हैं. इसमें आपको शेयर मार्केट की बारीकियाँ सीखने को मिलेगी.
6) इन कोर्स को करने के बाद आप किसी अच्छी Stock Broking Company के साथ जुड़ें और कुछ वर्षों का अनुभव लें.
स्टॉक ब्रोकर की कमाई कितनी होती है? (Stock Broker Average Salary)
एक स्टॉक ब्रोकर की कमाई (Stock broker earning) की कोई सीमा नहीं है. यदि आप एक फ्रेशर के तौर पर किसी Stock Broking Company में Job करते हैं तो शुरुआती तौर पर आपको 10 से 30 हजार रुपये तक सैलरी मिल सकती है. लेकिन जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ेगा, आपकी कमाई बढ़ती रहेगी. आप हर साल 7-8 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.
इस सैलरी के अलावा यदि आपके पास पैसा है तो आप खुद भी निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. क्योंकि आप इस फील्ड के बारे में अच्छे से जानते हैं तो आप ये अनुमान लगा सकते हैं कि किस शेयर में पैसा लगाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा.
स्टॉक ब्रोकर का करियर काफी सारी संभावनाओं से भरा है. इसमें कमाई की कोई सीमा नहीं है. आपने कई फिल्में देखी होगी जिनमें एक स्टॉक ब्रोकर अपने स्टॉक बेचने की कला से ही करोड़ों रुपये छाप देता है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण ‘हर्षद मेहता’ है. हर्षद मेहता ने अपने दिमाग के बल पर शेयर मार्केट को एक अलग ही रुख दिया और बैंक से काफी घोटाला किया. लेकिन आखिर में ये पकड़े गए.