ट्रेडिंग क्या होती है

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
Stock Market पेपर ट्रेडिंग क्या होता हैं ? पेपर ट्रेडिंग क्या होती है ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?
क्रिकेट के प्लेयर्स नेट प्रैक्टिस करते है। स्टॉक मार्केट ट्रेडर्स पेपर ट्रेडिंग करते हैं। समझ लिया, लेकिन थोड़ा ठहरो और पूरी बात को समझो। नेट प्रैक्टिस की तरह इसे भी लगातार करना होता हैं। पोजिशनल ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटेजी बनानी हो तो और भी ज्यादा वक्त देना होता हैं।
आपको यह बात जानकर हैरानी होगी की, स्टॉक मार्केट में 80% ट्रेडर्स पेपर ट्रेडिंग नहीं करते हैं। बस 20 % ट्रेडर्स ही यह करते हैं। इनमे से ही आगे चलकर ट्रेडिंग में करियर करते हैं।
पेपर ट्रेडिंग क्या हैं ?
"पेपर ट्रेडिंग याने की पेपर पर ट्रेडिंग करना।" आसान हैं ? तो ठीक हैं। इतनी आसान बात को मुश्किल क्यों बनाना ?
इस बात पर ध्यान दें की, अपनी मेहनत की कमाई को स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा काम हैं। और इससे भी ज्यादा जोखिम ट्रेडिंग में होती हैं। इसलिए नेट प्रैक्टिस तो बनती ही हैं। हैं ना ? इससे डर और लालच पर कंट्रोल करने में मदद मिलती हैं। फियर एन्ड ग्रीड के बारे में हम यहीं से दूसरे पेज पर जाकर पढ़ सकते हैं। और फिर यहाँ कंटीन्यू कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में, क्रिकेट की ही तरहा, गया तो सिक्स वर्ना कैच आउट वाली सिच्युएशन की संभावना रहती हैं। इसे पहचानने के लिए और बचने के लिए हमें पेपर ट्रेडिंग करनी होती हैं। और हम यह भी कह सकते हैं की, ट्रेडिंग में प्रॉफिट का सिक्सर लगाने के लिए हमें इसे करना चाहिए।
पेपर ट्रेडिंग की सामग्री और स्टेप्स
यहाँ पर हम सामग्री और प्रोसेस को समझ लेते हैं।
पेपर ट्रेडिंग की सामग्री
पेपर, पेन्सिल या पेन हो तो भी चलेगा। मोबाईल या लॅपटॉप जो अवेलेबल हैं और इंटरनेट कनेक्शन। बस इतने से काम चल जाएगा।
महत्वपूर्ण बात
पेपर ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता नहीं होती है। यह अगले स्टेप में आता हैं। आइए पहले हम पेपर ट्रेडिंग के स्टेप्स समज़ते हैं।
पेपर ट्रेडिंग करने के 8 स्टेप्स
1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना, टेक्निकल एनालिसिस करना। यह हम इन्वेस्टिंग इंडिया की वेबसाइट पर कर सकते हैं।
2 ) बायिंग, सेलिंग और स्टॉप लॉस ऑर्डर्स को समज़ना।
3 ) ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स, इंडेक्स, इत्यादि का चुनाव करना। इनकी लिस्ट बनाना।
4 ) अपने चुने हुए स्टॉक्स को चार्ट एनालिसिस के जरिए ट्रैक करना।
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ ट्रेडिंग क्या होती है घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर ट्रेडिंग क्या होती है सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
Moving Average
बहुत से ट्रेडर्स इस dayli moving average (DMA) इंडिकेटर पर भरोसा करते है.(Intraday trading kya hai) इस इंडिकेटर से चार्ट पर एक लाइन आती है जो हमें मार्किट के व्यवहार को दर्शाते है. और ये stock के उतार-चढ़ाव प्राइस के बारे में संकेत देता है. Moving Average indicator
Bollinger bands एक बेहतरीन इंडिकेटर है जिसे काफी ट्रेडर्स पसंद करते है. स्टॉक की कीमत इस इंडिकेटर के अंदर मूव करती है. इसमें 3 प्रकार की लाइन होती है सबसे पहली लाइन को upper bands कहते है और निचे वाली लाइन को lower bands कहते है.
Momentum Oscillators
यह इंडिकेटर हमें यह संकेत करता है की stock की कीमत गिरेगी या ऊपर जायेगी. इसे काफी ट्रेडर्स उपयोग करते है इससे उनको यह पता चलता है की कब हमें share खरीदना और बेचना होता है. Momentum Oscillators
यह ट्रेडिंग करने में अच्छी मदद करता है ट्रेडर्स इसका भी अच्छा उपयोग करते है और उनको इससे काफी लाभ भी मिलता है. RSI के साथ दूसरे इंडिकेटर का उपयोग करे जिससे हमें अच्छे से मार्किट की moving का पता चले. हमें कब share खरीदना और बेचना होता है. (intraday trading kya hai) Relative Strength Index (RSI)
Intraday Time Analysis
Intraday में सबसे जरुरी समय को एनालिसिस करना होता है. यदि आप ये सिख गय तो आपको intraday में पैसा कमाना आसान हो जायगा. इसके लिए आपको पिछले दिन का चार्ट देखना बहुत उपयोगी होता है. इसमें उपयोग होने वाले इंडिकेटर से हमें अधिक अवश्यक जानकारी प्राप्त हो जाती है.
स्टॉक की कीमत सुरु होने से लेकर बन्द होने तक की जानकरी देते है. Time Analysis intraday ट्रेडिंग मे बहुत ही महत्पूर्ण है क्योकि मार्किट की गति तेजी से बढती/घटती रहती है और ऐसे में जिन stock पर आप पैसा इन्वेस्ट करते है वह कही ऊपर तो कहीं निचे चला जाता है. (intraday trading kya hai)
इस तरह से चार्ट को समझना मुश्किल हो जाता है इसीलिए (intraday) दिन के व्यापारियो को बहुत अवश्यक हो जाता है की वह इस तरह से चार्ट को देखे जो उनको आसानी से समझ आ जाये. हमने intraday ट्रेडिंग में इन्वेस्ट करने के लिए कुछ जरुरी चीजों के बारे में समझाया है.
Muhurat Trading 2022: दिवाली पर कितनी देर के लिए होगी ट्रेडिंग? क्या होगी टाइमिंग? जानिए
- News18Hindi
- Last Updated : October 04, 2022, 16:16 IST
हाइलाइट्स
BSE और NSE ने सर्कुलर जारी करके मुहूर्त ट्रेडिंग 2022 की जानकारी दी.
24 अक्टूबर को होने वाली मुहूर्त ट्रेडिंग का समय फिलहाल तय नहीं हुआ है.
मुहूर्त ट्रेडिंग के समय को लेकर एक्सचेंज बाद में जानकारी देंगे.
मुंबई. दिवाली पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा होती है इसलिए यह दिन शेयर बाजार (Stock Market) के लिए बेहद खास होता है. इस त्यौहार पर मार्केट बंद रहता है लेकिन दिवाली के दिन शाम को एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन (Muhurat Trading Session 2022) किया जाता है. इस बार दिवाली के मौके पर 24 अक्टूबर को मुहूर्त ट्रेडिंग होगी.
दोनों बेंचमार्क एनएसई और बीएसई पर इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव और एसएलबी सेगमेंट में दिवाली के शुभ अवसर पर 24 अक्टूबर को मुहूर्त ट्रेडिंग आयोजित की जाएगी. फिलहाल एक्सचेंज ने मुहूर्त की टाइमिंग की घोषणा नहीं की है.
Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं ट्रेडिंग क्या होती है के तहत.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.