मार्केटिंग की परिभाषा

मैक्रो मार्केटिंग पर्यावरण में वे सभी कारक शामिल हैं जो संगठन के बाहर मौजूद हैं और उन्हें नियंत्रित नहीं किया जा सकता है; इन कारकों में मुख्य रूप से सामाजिक, आर्थिक, तकनीकी ताकतें, राजनीतिक और कानूनी प्रभाव शामिल हैं ।
मार्केटिंग की परिभाषा
प्रश्न 38. ब्राडिंग का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए।
उत्तर- आज की इस प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति में प्रत्येक उत्पादक यह सोचता है कि उसके द्वारा उत्पादित वस्तु को किस प्रकार वह अन्य उत्पादकों की बनाई गई वस्तुओं से भिन्नता प्रदान करे ताकि ग्राहक उसके द्वारा बनाई वस्तु की ओर ही आकर्षित हो। इस समस्या के समाधान के लिये उत्पादक अपने उत्पाद को एक पहचान चिन्ह प्रदान करता है। इस पहचान चिन्ह को शब्दों, अक्षरों या शब्द समूहों से जोड़ना ही ब्राण्ड है। ब्रांडिंग से उपभोक्ता वस्तु को आसानी से पहचान कर क्रय कर लेते हैं।
1. अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार- "ब्राण्ड एक नाम, शब्द, चिन्ह या डिजाइन या इनका एक सम्मिश्रण है जिसका उद्देश्य एक विक्रेता या एक समूह के विक्रेताओं के माल या सेवाओं का पहचानना है और प्रतियोगियों के माल या सेवाओं से भेद करना है।"
सेल्स की परिभाषा क्या होती है
सेल्स का हिंदी अर्थ होता है बिक्री, लेकिन वास्तव में देखा जाए तो सेल्स वह होता है जिसमे हम किसी प्रोडक्ट को बेच रहे है, लेन देन की प्रकिया होती है जो कि विपणन (Marketing) कहलाता है।
प्राचीन काल मे लोग एक वस्तु के बदले कोई दूसरी वस्तु अदला बदली करके खरीद लेते थे लेकिन आज के समय मे यह बिलकुल अलग है कोई भी वस्तु खरीदना होता है तब उसके लिए कुछ पैसे चुकाने पड़ते है, यह सेल्स का मूल परिभाषा है। मार्केटिंग की परिभाषा सेल्स का परिभाषा यह होता है कि आपको कोई भी वस्तु को सिर्फ और सिर्फ बेचना है प्रॉफिट व लॉस को ध्यान में रखते हुए।
सेल्स क्या होता है (what is sale in hindi)
दो लोगो के मध्य खरीदने व बेचने की प्रक्रिया सेल्स कहलाता है, जिसमें कस्टमर समान सेलर्स (Sellers) से खरीदता है, साथ ही कस्टमर वस्तु के बदले सेलर्स को कुछ मूल्य अदा करता है, यह प्रक्रिया सेल्स कहलाती है।
आपने कभी बाजार गया हो तब देखा होगा कि आप जब भी कोई वस्तु खरीदते है तब उसका एक MRP होता है। आप उस सामान की MRP देकर उस समान को सेलर्स से खरीद लेते है, यही प्रक्रिया सेल्स कहलाता है।
सेल्समैन किसे कहते मार्केटिंग की परिभाषा है?
कोई भी इंसान जो किसी कस्टमर को कुछ भी समान, फल, या कोई वस्तु बेचता है, उनको सेल्समेन कहते है। किसी भी वस्तु की तभी बिक्री हो सकती है, जब सेल्समैन हो अन्यथा सेल्समैन के बिना कोई भी वस्तु नही बिकता है।
कोई कंपनी कितना भी प्रोडक्ट का उत्पादन कर ले, मार्केटिंग की परिभाषा जब तक वह दुकान में सेल्समैन के पास नही आता है। तब तक उसका बिक्री नही होगा। किसी प्रोडक्ट को बेचने वाला सेल्समैन जितना कुशल होगा, उस प्रोडक्ट की ब्रांडिंग और मजबूत होता है।
मार्केटिंग की परिभाषा
डिजिटल मार्केटिंग आज के समय में प्रयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी है जिसके माध्यम से कोई भी व्यवसाय अपने उत्पादों या सेवाओं को इन्टरनेट के ऊपर प्रमोट करता है |
डिजिटल मार्केटिंग में डिजिटल का अर्थ है “इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क” या साधारण भाषा में कहा जाये तो इन्टरनेट | मार्केटिंग का शाब्दिक अर्थ है “विपणन” |
इन्टरनेट करोड़ों उपभोक्ताओं द्वारा प्रयोग किया जाने वाला संपर्क और मार्केटिंग की परिभाषा सूचना पाने का माध्यम है | इन्टरनेट पे यदि कोई भी सूचना प्रकाशित होती है तो उसे लाखों लोगो तक पहुचाया जा सकता है, बहुत कम समय में |
फेसबुक, गूगल,यू ट्यूब इत्यादि कुछ प्रमुख वेबसाइट हैं जिनके पास १०० करोड़ से भी अधिक यूजर हैं |
यदि किसी कंपनी को अपने नए या पहले से चल रहे बिज़नस को इन १०० करोड़ से अधिक यूजर तक पहुचना है तो कंपनी फेसबुक, गूगल इत्यादि वेबसाइट पर अपना विज्ञापन कर सकती है |
डिजिटल मार्केटिंग के क्या फायेदे हैं ?
१. डिजिटल मार्केटिंग में कंपनी अपने व्यवसाय के लिए यूजर को लक्षित कर सकती है |
उदाहरण – १८ – २४ वर्ष की आयु, व्यक्ति का मूल स्थान, व्यक्ति द्वारा बोले जनि वाली भाषा इत्यादि |
इस प्रकार लक्षित व्यक्ति के उत्पादों या सेवाओं को खरीदने की सम्भावना बढ़ जाती है |
२. डिजिटल मार्केटिंग का पूरी तरह से विश्लेषण किया जा सकता है | यूजर की जानकारियां जैसे कि – कितने यूजर ने हमारी वेबसाइट देखी, कितने यूजर ने हमारे विज्ञापन को देखा, कितने यूजर ने विज्ञापन को देख के प्रोडक्ट को ख़रीदा, यूजर किस स्थान से आया, यूजर को किस वेबसाइट ने रेफेरल दिया इत्यादि |
इस प्रकार के विश्लेषण से कोई भी व्यवसाय पदोनात्ति कर सकता है |
३. डिजिटल मार्केटिंग अन्य मार्केटिंग के तरीकों से अधिक किफायती है | यदि आपको खुद डिजिटल मार्केटिंग आती है तो आप बिना किसी पूँजी के इसे प्रारंभ कर सकते हैं |
विपणन पर्यावरण का वर्गीकरण:
विपणन वातावरण को मोटे तौर पर तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है;
आंतरिक पर्यावरण:
आंतरिक विपणन पर्यावरण में वे सभी कारक शामिल हैं जो संगठन के भीतर हैं और समग्र व्यावसायिक संचालन को प्रभावित करते हैं; इन कारकों में श्रम, इन्वेंट्री, कंपनी नीति, रसद, बजट, पूंजीगत संपत्ति आदि शामिल हैं जो संगठन का एक हिस्सा हैं; और, विपणन निर्णय और ग्राहकों के साथ उसके संबंधों को प्रभावित करते हैं; इन कारकों को फर्म द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
बाहरी या सूक्ष्म पर्यावरण:
माइक्रो मार्केटिंग पर्यावरण में वे सभी कारक शामिल हैं जो व्यापार के संचालन से निकटता से जुड़े हुए हैं और इसके कामकाज को प्रभावित करते हैं; सूक्ष्म पर्यावरण कारकों में ग्राहक, कर्मचारी, आपूर्तिकर्ता, खुदरा विक्रेता और वितरक, शेयरधारक, प्रतिस्पर्धी, सरकार और आम जनता शामिल हैं; ये कारक कुछ हद तक नियंत्रणीय होते हैं।
अभियान प्रदर्शन रिपोर्ट
जानें कि क्या काम हो रहा है और आपको अपने अभियानों में क्या बदलाव करने की आवश्यकता है. अभियान प्रदर्शन रिपोर्ट का उपयोग अपने अभियानों की प्रगति और स्थिति ट्रैक करने के लिए करें. यह रिपोर्ट एक विस्तृत दृश्य प्रदान करती है, इसमें सभी तिथियाँ, लक्ष्य, परिभाषाएँ, प्रतिक्रियाएँ और प्रत्येक संशोधित किए गए अभियान के वित्तीय परिणाम शामिल हैं - ताकि आप अपने अभियानों की प्रगति को त्वरित रूप से देख सकें.
इसे भी देखें
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