जोश में निवेशक

जोश में निवेशक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरबपति निवेशक राकेश झुनझुनवाला के निधन पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "राकेश झुनझुनवाला अजेय थे। वह जोश से भरपूर, हाज़िर जवाब व गहरी सोच वाले व्यक्ति थे और वह वित्तीय जगत में एक अमिट योगदान छोड़कर गए हैं। वह भारत की प्रगति को लेकर काफी सोचते थे। उनका निधन दुखद है। ओम शांति।"
Lock Down के बीच भी शेयर बाजार दिखा रहा ताकत, पिछले दो दिनों में निवेशकों ने कमाए इतने करोड़
कोरोनावायरस की मार झेल रहे शेयर बाजार में 24 और 25 मार्च को थोड़ी रौनक देखने को मिली। इन दो दिनों में आई तेजी से निवेशकों की दौलत में 6,63,240.78 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी आई है। दरअसल कोरोनावायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए पहले सरकार ने जनता कर्फ्यू लगाया और फिर बाद में पूरे देशभर में लॉक-डाउन कर दिया गया। ऐसे में पूरा कारोबार ठप्प हो चुका है। कुछ जरूरी सेक्टर को छोड़ कर हर जगह बंदी है। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को इससे काफी नुकसान हो रहा है। लेकिऩ भारत सरकार की तरफ से प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद से निवेशकों में जोश देखने को मिला।
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार को तीस शेयरों वाला बॉम्बे शेयर बाजार का सेंसेक्स 1,861.75 अंक यानी 6.98 प्रतिशत मजबूत होकर 28,535.78 अंक पर पहुंच गया था। वहीं, इससे पिछले दिन की बात करें तो शेयर बाजार का सेंसेक्स 692.79 अंक यानी की 2.67 पतिशत मजबूत होकर 26,674.03 अंक पर बंद हुआ था।
शेयर बाजार में आई इस तेजी से BSE में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण इन दो दिनों में 6,63,240.78 करोड़ रुपये बढ़कर 1,08,50,177.06 जोश में निवेशक करोड़ रुपये पहुंच गया। इस दौरान BSE में 1,213 कंपनियों में तेजी रही। हालांकि, 989 कंपनी ने में गिरावट दर्ज की गयी। जबकि, 254 कंपनियां ऐसी रही जिनके शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।
बता दें कि आर्थिक पैकेज के एलान से सप्ताह के चौथे कारोबारी जोश में निवेशक दिन यानी गुरुवार को शेयर बाजार जोरदार बढ़त पर बंद हुआ। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 1410.99 अंक यानी 4.94 फीसदी की बढ़त के साथ 29946.77 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 323.60 अंक यानी 3.जोश में निवेशक 89 फीसदी की बढ़त के साथ 8641.45 के स्तर पर बंद हुआ। लगातार तीसरे दिन बाजार बढ़त पर बंद हुआ। ऐसे में निवेशकों के चेहरे पर वापस से थोड़ी मुस्कान लौटी है
कोरोनावायरस की मार झेल रहे शेयर बाजार में 24 और 25 मार्च को थोड़ी रौनक देखने को मिली। इन दो दिनों में आई तेजी से निवेशकों की दौलत में 6,63,240.78 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी आई है। दरअसल कोरोनावायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए पहले सरकार ने जनता कर्फ्यू लगाया और फिर बाद में पूरे देशभर में लॉक-डाउन कर दिया गया। ऐसे में पूरा कारोबार ठप्प हो चुका है। कुछ जरूरी सेक्टर को छोड़ कर हर जगह बंदी है। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को इससे काफी नुकसान हो रहा है। लेकिऩ भारत सरकार की तरफ से प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद से निवेशकों में जोश देखने को मिला।
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार को तीस शेयरों वाला बॉम्बे शेयर बाजार का सेंसेक्स 1,861.75 अंक यानी 6.98 प्रतिशत मजबूत होकर 28,535.78 अंक पर पहुंच गया था। वहीं, इससे पिछले दिन की बात करें तो शेयर बाजार का सेंसेक्स 692.79 अंक यानी की 2.67 पतिशत मजबूत होकर 26,674.03 अंक पर बंद हुआ था।
शेयर बाजार में आई इस तेजी से BSE में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण इन दो दिनों में 6,63,240.78 करोड़ रुपये बढ़कर 1,08,50,177.06 करोड़ रुपये पहुंच जोश में निवेशक गया। इस दौरान BSE में 1,213 कंपनियों में तेजी रही। हालांकि, 989 कंपनी ने में गिरावट दर्ज की गयी। जबकि, 254 कंपनियां ऐसी रही जिनके शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।
बता दें कि आर्थिक पैकेज के एलान से सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन यानी गुरुवार को शेयर बाजार जोरदार बढ़त पर बंद हुआ। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 1410.99 अंक यानी 4.94 फीसदी की बढ़त के साथ 29946.77 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 323.60 अंक यानी 3.89 फीसदी की बढ़त के साथ 8641.45 के स्तर पर बंद हुआ। लगातार तीसरे दिन बाजार बढ़त पर बंद हुआ। ऐसे में निवेशकों के चेहरे पर वापस से थोड़ी मुस्कान लौटी है
Zomato IPO: निवेशक झटपट ले रहे ऑफर, कितने रिस्क हैं इस ऑर्डर के अंदर?
Zomato IPO खुलते ही टूट पड़े खुदरा निवेशक, पहले घंटे में ही बिक गए सारे शेयर
जोमैटो (Zomato) ने पिछले साल जिन 40 करोड़ ऑनलाइन ऑर्डर्स की डिलिवरी की, क्या उनमें से एक ऑर्डर आपका भी था? ऐसा हुआ ही होगा, क्योंकि हम करीब 16 महीनों से अपनी-अपनी डिजिटल गुफाओं में कैद हैं. और अब आप सिर खुजा कर सोचेंगे कि क्या आपको जोमैटो के आईपीओ (Zomato IPO) में निवेश करना चाहिए?
सोशल मीडिया के दिलकश लेबल्स की तरफ हम खिंचे जा रहे हैं. भारत की पहली यूनिकॉर्न फूड-टेक कंपनी, पहला लिस्टेड कंज्यूमर इंटरनेट फ्लेटफॉर्म, उसकी 75,000 करोड़ रुपए की मार्केट वैल्यू- यह तो ताज होटल्स, ओबरॉय होटल्स, लीला होटल्स और बाकी की 17 बड़ी हॉस्पिटैबिलिटी कंपनियों से भी ज्यादा है.
मन ललचा गया, है ना? आखिर, ग्रे मार्केट में इसके शेयरों का भाव करीब 10 रुपए के प्रीमियम पर चल रहा है. कंपनी आत्मविश्वास से लबालब है. सेबी जोश में निवेशक में आवेदन करने के सिर्फ तीन महीने में उसका ऑफर साइज 1500 करोड़ रुपए और वैल्यू 15,000 करोड़ रुपए हो चुका है. खबरें मिल रही हैं कि बड़े विदेशी इनवेस्टर्स आईपीओ में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
अब आया न जोश, दिल की धड़कनें तेज होने लगीं, पसीने छूटने लगे- क्या मुझे भी शेयर खरीदने चाहिए? कितने? अगर मैं अपनी सारी जमा पूंजी इसमें लगा दूं तो भी क्या मुझे सिर्फ 100 शेयर्स मिल सकते हैं?
एक ऐसी नशीली भगदड़ जिसमें जोखिम भी है और लालच भी
लेकिन हो सकता है, मन में कुछ उधेड़बुन हो. अभी आपकी उम्र ही क्या है. बीसेक साल. आपने कोविड-19 के दौरान इक्विटी बाजार में कदम रखा है. इस समय करने को क्या था? सिवाय इसके कि पूरा दिन कंप्यूटर के स्क्रीन के आगे बैठे रहो. फिर जब आपके दोस्तों में शेयर बाजार में हाथ पैर मारने शुरू किए और आपको बताया कि यहां कितना मुनाफा है तो आपके लिए भी खुद पर काबू पाना मुश्किल हो गया.
जब निफ्टी फिफ्टी इंडेक्स 8000 से दोगुना होकर करीब 16000 पर ट्रेड करने लगे तो कौन खुद को रोक सकता है. अब आपका बुजुर्ग आपको हमेशा तीन चीजों से दूर रहने की सलाह देता है- स्मोकिंग, ड्रिंकिंग और स्टॉक्स में गैंबलिंग- ये कभी मत करना. वह कहेगा है- ‘इस सट्टेबाजी ने बहुतों की जिंदगियां तबाह की हैं. यह कभी मत करना, अपना पैसा बैंक के एफडी में संभालकर रखना.’ साफ बात है. यह ऐसी नशीली भगदड़ है जिसमें जोखिम, डर और लालच है. और वह बुजुर्ग इससे तालमेल नहीं बैठा पाता.
जोमैटो IPO: पैसा लगाना चाहिए? कितने का शेयर? कैसे रिटर्न की उम्मीद?- जानिए
तभी आपकी छुटकी बहन आ धमकती है. तेज दिमाग और सवालों से भरी हुई. हमेशा इस कोशिश में रहती है कि आपकी दुनिया की सारी विचित्र कल्पनाओं के एक एक तार अलग कर खींच डाले. ख्याली पुलाव अभी अधपका ही था कि उसने सवाल दागा: ‘भइया, बताओ. सभी लोग जोमैटो के आईपीओ के पीछे पगलाए से क्यों हैं? क्या उन्हें नहीं पता कि कंपनी जबरदस्त घाटे में है? यहां देखो. पिछले साल उसने 2,605 करोड़ रुपए की कीमत का खाना बेचा, लेकिन उसे 2,386 करोड़ रुपए का घाटा हुआ.
'मुझे लगता है कि तुम वही गलती करोगे जो तुमने बिटकॉइन में की थी. तुमने 60,000 डॉलर में खरीदा था लेकिन कुछ ही हफ्तों में उसकी कीमत गिरकर 30,000 डॉलर हो गई थी. इसलिए जरा सावधान रहना.’
सही स्टॉक खरीदिए, लेकिन सही समय पर
यह सुनकर आपने सोचा, क्यों न यह पता लगाया जाए कि कंपनी की असली वैल्यू क्या है. अमेरिका, चीन और यूरोप की सभी फूड-टेक जोश में निवेशक कंपनियां घाटे में चल रही हैं. तो, अच्छी बात यह है कि जोमैटो के साथ कुछ नया नहीं हो रहा. सभी बहुत ही महंगी जोश में निवेशक हैं. अपनी साल भर की कमाई से दो से सात गुना कोट करती हैं.
हां, जोमैटो ने जरा ज्यादा ऊंची उड़ान भर ली- करीब आठ गुना. पर यह रुकावट उतनी अहम नहीं. असल समस्या यह है कि इस साल छह में से चार ओवरसीज़ स्टॉक्स ने नेगेटिव रिटर्न दिया है. सिर्फ अमेरिकी कंपनी डूरडैश की कीमत बढ़ी है. इस लिहाज से जोमैटो के आईपीओ की कीमत एक पेचीदा मामला है.
ऐसे में आप किसी बड़े सयाने से पूछते हैं, ‘सर, मैं क्या करूं? क्या मुझे अपनी जमा पूंजी से जोमैटो का आईपीओ खरीदना चाहिए?’
बड़ा सयाना कहता है, ‘बेटा जी. आप स्टॉक एक्सचेंज में दो गलतियां कर सकते हैं. आप एक अच्छी कंपनी के स्टॉक गलत या ऊंची कीमत में खरीद सकते हैं. या आप बुरी कंपनी के स्टॉक अच्छी या कम कीमत में खरीद सकते हैं. दोनों हालात में आपको नुकसान होगा, क्योंकि जरूरी यह है कि आप अच्छी कंपनी के स्टॉक सही कीमत पर खरीदें. फिर आपको इस बात पर भी सोचना चाहिए कि क्या आप इक्विटी को लंबे समय तक होल्ड कर सकते हैं.
जब तक आपको ज्यादा से ज्यादा रिटर्न न मिले तब तक आपको बाजार के उतार-चढ़ाव को झेलना होगा. अब इसमें कोई शक नहीं कि जोमैटो एक कंज्यूमर इंटरनेट प्लेटफॉर्म है जिसके विकास की रेखा ऊंची चढ़ी है. लेकिन यह बहुत महंगा भी है. स्टॉक मार्केट में इसकी वैल्यू बढ़ने में सालों लगेंगे- शायद दस साल भी लग जाएं. और बिटकॉइन की तरह, इसे भी कारोबारी चक्र में बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है, अनचाहे हालात से जूझना पड़ सकता है. क्या तुम्हारी ऐसी माली हालत है कि इन बदलावों को झेल सको?’
आपने जवाब दिया, ‘नहीं सर. मैं जानता हूं कि जब कुछ ही दिनों में मेरा बिटकॉइन इनवेस्टमेंट धड़ाम से गिरा था तो मैं कितना घबरा गया था. मैं एक मिडिल क्लास का लड़का हूं. मैं इतने उतार-चढ़ाव को जोश में निवेशक बर्दाश्त नहीं कर सकता.’
बड़े सयाना फिर से कहता है, ‘इस हालत में मेरे बच्चे, इस स्टॉक को बड़े निवेशकों के लिए छोड़ दीजिए जिनमें सालों तक शेयर को होल्ड करने की काबिलियत होती है. जो जानते हैं कि डिजिटल दुनिया में तेज बदलाव होते हैं. जब कीमतें गिरती हैं तो उनके पास नुकसान को सहने की ताकत होती है. ऐसे ही जब कीमतें आसमान छूती हैं तो वे चांदी काट सकते हैं. आपके पास न तो जानकारी है, न ही क्षमता या साधन.
आपको मेरी यह सलाह है कि बड़े खिलाड़ियों को ही यह खेल खेलने दें. आप वह करें, जिसमें आपको आसानी है. फिलहाल आप तो उस लजीज़ पकवान का लुत्फ उठाइए जो आपने जोमैटो से ऑर्डर जोश में निवेशक किया है.’
बूंद-बूंद 'उधार की दवाई', ऐसे तो दूर न होगी इकनॉमी की रुसवाई
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शेयर जोश में निवेशक बाजार में हाहाकार से कंगाल हुए निवेशक, 2 दिन में ही डूब गए 5 लाख करोड़
नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार ( Share Market ) के निवेशकों के लिए पिछला दो कारोबारी सत्र घाटे भरा रहा है। बीते शुक्रवार को बजट की अनिश्चित्तताओं को देखते हुए निवेशकों में कुछ खास जोश जोश में निवेशक नहीं देखने को मिला। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार से लेकर सोमवार को दोपहर तक निवेशकों को करीब 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सोमवार को 12 बजे तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का कुल मार्केट कैप ( बाजार पूंजीकरण ) घटकर 148.43 लाख करोड़ रुपये रह गया। इसके पहले शुक्रवार को कारोबार शुरू होने से पहले यह 153.58 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस प्रकार महज दो कारोबारी सत्र में निवेशकों के करीब 5 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं।
क्या रही बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह
शुक्रवार को बजट भाषण के बाद बीएसई सेंसेक्स 1 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। सोमवार को भी कारोबारी सत्र के दौरान इसमें 1.75 फीसदी यानी 793 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को बाजार में इस गिरावट का प्रमुख कारण वैश्विक बाजार का खराब प्रदर्शन रहा। वहीं, यूनियन बजट 2019 में भी कुछ खास घोषणाएं नहीं होने की वजह से बाजार में गिरावट दर्ज की गई।
Share Market: बजट के बाद बाजार में भारी बिकवाली, 793 अंक टूटकर बंद हुआ सेंसेक्स, निफ्टी 11600 के नीचे
सरचार्ज बढ़ने से 2,000 विदेशी फंड्स पर असर
आईडीबीआई कैपिट मार्केट के हेड ऑफ रिसर्च, एके प्रभाकर ने बताया कि बजट में कुछ खास घोषणाएं नहीं हुई। हालांकि, FPI के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन ( LTCG ) टैक्स में बढ़ोतरी हुई है। बाजार को यह कुछ खास नहीं भाया। वहीं, पब्लिक शेयरहोल्डिंग्स में आने वाले सालों में बढ़ोतरी की वजह से भी बाजार में कुछ खास सेंटीमेंट नहीं देखने को मिले। देश के सबसे अधिक अमीरों पर बजट में सरचार्ज बढ़ाने की बात कही गई है। इससे करीब 2,000 विदेशी फंड्स पर भी असर पड़ेगा।
यहां रही सबसे अधिक बिकवाली
सोमवार को कारोबार के दौरान HDFC Bank, L&T, ICICI Bank, SBI, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक के शेयरों में ही 400 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। बाजार में बिकवाली इतनी तेज रही कि हीरो मोटोकॉर्प, PNB, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और दिलीप बिल्डकॉन के शेयर्स में इस साल सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई। वहीं, बाजाज फाइनेंस और बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों में इस साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बाजार में इस गिरावट का सबसे अधिक असर ब्रॉडर मार्केट पर रहा। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 2 फीसदी के साथ कारोबार करते नजर आया। वहीं, बीएसई मिडकैप इंडेक्स 1.47 फीसदी लुढ़ककर कारोबार करते नजर आया।
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वैश्विक बाजारों में भी बिकवाली
सोमवार को एशियाई बाजार के प्रदर्शन की बात करें तो इसमें शंघाई कम्पोजिट, 2.31 फीसदी लुढ़ककर कारोबार करते नजर आया। अमरीकी जॉब ग्रोथ में बड़ी तेजी के बाद अब इस माह के अंत में होने वाले अमरीकी फेड रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है। चीन के हैंग सेंग में 1.80 फीसदी, निक्केई 0.99 फीसदी और कोरिया के कोस्पी में 2 फीसदी गिरावट देखने को मिल रही। शुक्रवार को अमरीकी बाजार बंद रहा।
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