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चिट फंड के प्रकार

चिट फंड के प्रकार
मुख्यमंत्री ने लिखा है, ”वर्ष 2009 से 2017 के बीच तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने छत्तीसगढ़ के हर जिले में चिटफंड कंपनियों के रोजगार मेलों का आयोजन किया। इनका निमंत्रण बाकायदा जिला रोजगार अधिकारियों द्वारा जारी किया गया तथा डॉक्टर रमन सिंह से लेकर उनके बेटे अभिषेक सिंह, पत्नी वीणा सिंह चिट फंड के प्रकार और भाजपाई मंत्री तथा आला अधिकारी इन रोजगार मेलों में शामिल हुए। चिटफंड कंपनियों ने इन मेलों के माध्यम से मासूम युवाओं से छल किया तथा उनसे एवं भोली भाली जनता से हजारों करोड़ रुपया डकार लिया।”

भूपेश बघेल ने लिखा ईडी को पत्र, नागरिक आपूर्ति निगम और चिटफंड की जांच की मांग की

रायपुर, आठ नवंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछली रमन सिंह सरकार के दौरान नागरिक आपूर्ति निगम तथा चिटफंड में हुए कथित घोटाले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से तत्काल जांच की मांग की है। उन्होंने ईडी निदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि यदि इन मामलों की जांच नहीं की गई तब विवश होकर न्यायालय में प्रकरण दायर किया जाएगा।

बघेल ने ईडी को लिखे पत्र को अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा कर कहा है, ‘‘आज मैंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखकर उससे छत्तीसगढ़ में 2004 और 2015 के बीच हुए ‘नान घोटाला’ की जांच करने की मांग की। यदि 15 दिनों में ईडी द्वारा जांच की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी।’’

एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा है, ‘‘(पूर्व मुख्यमंत्री) डॉ रमन सिंह और उनके मंत्रियों के संरक्षण में गरीब परिवारों के खून-पसीने की कमाई चिटफंड कंपनियों द्वारा लूटी गयी है। आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखकर ‘मनी लांड्रिंग’ के इस क्लासिक प्रकरण की जांच का अनुरोध किया गया। वरना विवश होकर न्यायालय में प्रकरण दायर किया जाएगा।’

CG Crime : चिटफंड कंपनी के 4 डायरेक्टर चढ़े पुलिस के हत्थे, रकम दोगुना करने का देते थे झांसा…

CG Crime

बलौदाबाजार। CG Crime जिले के सिटी कोतवाली एवं सुहेला चिट फंड के प्रकार पुलिस के टीम ने चिटफंड कंपनी गरिमा रियल स्टेट कंपनी के 4 डायरेक्टर चिट फंड के प्रकार को राजस्थान से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। बताया जाता है कि आरोपियों ने रकम दोगुना करने का लालच देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। पूरे जिले में इस चिटफंड कंपनी से 27,61,80,361 रकम वापसी के लिए 9312 आवेदन आया है। वहीं इस कंपनी के दो और डायरेक्टरों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

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मामले का खुलासा करते हुए एसपी दीपक झा ने बताया कि मुख्यमंत्री के मंशा अनुरूप जिला बलौदाबाजार-भाटापारा में चिटफंड कंपनियों के आरोपी डायरेक्टरों के गिरफ्तारी की कार्रवाई लगातार की जा रही है। इसी क्रम में पुलिस की टीम ने चिटफंड कंपनी गरिमा रियल स्टेट कंपनी के फरार 4 आरोपी डायरेक्टरों को न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत धौलपुर जेल राजस्थान से गिरफ्तार किया है।

उक्त चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर्स व प्रबंधकों के खिलाफ थाना सिटी कोतवाली एवं सुहेला में अपराध दर्ज है। दोनों थानों मे इस चिटफंड कंपनी के खिलाफ चिट फंड के प्रकार चिट फंड के प्रकार 215 आवेदन में 2,75,187,27 राशि का एफआईआर दर्ज किया गया है। साथ ही कलेक्टर कार्यालय में पूरे जिले से इस चिटफंड कंपनी से निवेशकों द्वारा कुल 9312 आवेदन में 27,61,80,361 की रकम वापसी के लिए आवेदन किया गया है।

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पूर्व में इस चिटफंड कंपनी के 2 आरोपी डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस प्रकार अब तक चिटफंड कंपनी के फरार सभी 6 आरोपी डायरेक्टरों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ के तीन जिलों रायपुर, बेमेतरा, जांजगीर चांपा में भी अपराध दर्ज है। इसके अलावा आरोपियों के खिलाफ ग्वालियर, भरतपुर, परवानी, शोलापुर में भी अपराध दर्ज है।

गोपालगंज: चिट फंड चिट फंड के प्रकार कंपनी इंडस वेयर ग्राहकों के 40 करोड़ रुपये लेकर फरार, कार्यालाय हुआ बंद

गोपालगंज: चिटफंड कंपनी इंडस वेयर इंडस्ट्रीज लिमिटेड गोपालगंज से हजारों ग्राहकों के 40 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गयी है। करीब चार साल पहले इस कंपनी ने अपने तमाम कार्यालयों को बंद कर दिया और अधिकारियों ने फोन स्विच ऑफ चिट फंड के प्रकार कर लिया, तो ग्राहकों के साथ ही एजेंटों को भी ठगी का एहसास हुआ और फिर छह माह पूर्व सिविल कोर्ट में मामला दर्ज कराया।

सीजेएम कोर्ट ने सीवान के बसंतपुर थाने के करही गांव की रहनेवाली रामसखी देवी की अर्जी पर एफआइआर करने का आदेश पुलिस को दिया था। यह चिटफंड कंपनी शहर के बंजारी रोड, हजियापुर रोड तथा भोरे में चल रही थी। इन तीनों ही कार्यालयों से तमाम एजेंट जुड़े हुए थे। शिकायत करने के बाद कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाते हुए ग्राहकों ने कोर्ट से कार्रवाई करने की गुहार लगायी। पीड़ित ग्राहकों के मुताबिक जनवरी 2012 से यह संस्था चल रही थी।

विंध्य में यहां चिटफंड कंपनियों ने ठगे 10 करोड़, कलेक्टर से पैसा दिलाए जाने की लगाई गुहार

Singrauli MP News: लालच को ऐसे ही बुरी बला नहीं कहते। कई बार लालच में आकर व्यक्ति अपनी वर्षों की जमा पूंजी को एक ही झटके में गंवा बैठता है। व्यक्ति के लालच जैसे मनोविकार का फायदा उठाते हैं शातिर ठग। इसी परिप्रेक्ष्य में सिंगरौली जिले में एक ऐसा चिट फंड के प्रकार ही मामला सामने आया है जिसमें फर्जी चिटफंड कंपनियों द्वारा जिले के लोगों का ठगते हुए तकरीबन 10 करोड़ की राशि लेकर चंपत हो गए। राशि न मिलने से परेशान ग्रामीणों ने बीते दिवस कलेक्ट्रेट कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

क्या है ज्ञापन में

चिटफंड कंपनियों से निवेशकों का पैसा दिलाए जाने की मांग को लेकर ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार संघ ने बुधवार को कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया। जिला प्रशासन से चिटफंड कंपनियों में डूबी रकम वापस दिलाए जाने की बांकी की। संघ का कहना है कि जिले के तकरीबन 50 हजार परिवारां से चिटफंड कंपनियों ने लगभग 10 करोड़ से ज्यादा की राशि ठगी है। संघ लगातार निवेशकों की राशि वापस दिलाए जाने की मांग कर रहा है, प्रशासन द्वारा इस संबंध में किसी प्रकार की कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा। जिसके कारण निवेशकों को उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है।

संघ ने कहा कि एक नहीं बल्कि चिट फंड के प्रकार कई चिटफंड कंपनियां निवेशकों का पैसा ठगने के बाद गायब हो गई। पुलिस द्वारा संबंधित कंपनियों के खिलाफ प्रकरण तक दर्ज नहीं किया जा रहा। जिसके कारण जमाकर्ता अपने भुगतान के दावे बड्स 2019 एवं मप्र के वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम के तहत नियुक्त सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर पा रहे। यह प्रभावित लोगों के साथ अन्याय है।

संपत्ति कुर्क करने के लिए लोकल चिटफंड कंपनियों को किया जाएगा टार्गेट: कलेक्टर

तोपचंद न्यूज़ डॉट कॉम 02 अगस्त 2022 : चिटफंड निवेशकों को उनके रकम वापिसी कैसी कराई जाये इसके लिए प्रशासन द्वारा लगातार साकारात्क कदम उठाये जा रहे है। इसी कड़ी में कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने आज राजस्व अधिकारियों और पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक रखी थी। जिसमें एसपी डॉ वैभव पल्ल्व द्वारा जानकारी मुहैया कराई गई कि चिटफंड द्वारा धोखा देने वाले कंपनियों के संचालकों का चिन्हांकन कर उन पर एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इस अवसर पर कलेक्टर ने उपस्थित संबंधित अधिकारियों को उन चिटफंड कंपनियों को टार्गेट करने के लिए कहा जिनकी प्रोपर्टी राज्य के अंदर ही है ताकि उन लोगों पर शिकंजा कसकर जल्द से जल्द उनकी प्रापर्टी कुर्क कराकर अनुपातिक रूप से पैसा हितग्राहियों को बाटा जा सके।
उन्होंने जिले में पूर्व में कार्यरत सभी चिटफंड कंपनियों की चल व अचल संपत्तियों की गहनता से जांच करने के पुनः निर्देश दिये। इसके साथ-साथ उन्होंने तहसीलदारों को कंपनी के एजेंट्स और अन्य स्त्रोंतों से संचालक के चल व अचल संपत्ति एकत्रित करने के निर्देश भी चिट फंड के प्रकार दिये जिससे की आगे की कार्रवाई में सुविधा हो। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को सभी दस्तावेजों की जांच सूक्ष्मता से करने के लिए कहा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री अरविंद एक्का, अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई, एसडीएम श्री मुकेश रावटे एसडीएम श्री बृजेश क्षत्रिय, संयुक्त कलेक्टर श्री प्रवीण वर्मा एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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