सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023

GST के दायरे में शामिल होगी Cryptocurrency! अगली बैठक में सरकार लेगी बड़ा फैसला
GST On Cryptocurrency: सरकार द्वारा जीएसटी पर गठित मंत्रियों का समूह अपनी सिफारिशों को जीएसटी काउन्सिल (GST Council) की बैठक में सामने रखेगा. जिसके बाद सिफारिशों के सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023 लागू होने को लेकर बैठक में फैसला लिया जाएगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउन्सिल (GST Council) की बैठक 28-29 जून को चंडीगढ़ में होने जा रही है.जीएसटी काउन्सिल (GST Council) की इस बैठक में सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी बड़ा फैसला ले सकती है.
दरअसल अगले हफ्ते होने जा रही इस बैठक में जीएसटी का दायरा बढ़ाया जाने पर विचार किया जाएगा. इसी के साथ वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को भी जीएसटी के दायरे में लाए जाने का विचार है. इसी कड़ी में माना जा रहा है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला कर सकती है.
क्रिप्टोकरेंसी को जीएसटी के सबसे ऊंचे स्लैब में शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार बैठक में क्रिप्टोकरेंसी को जीएसटी के सबसे ऊंचे स्लैब यानि 28 फीसदी में शामिल कर सकती है. बता दें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल बजट 2021-2022 पेश करते हुए साफ किया था कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लागू होगा. इसके साथ ही प्रत्यके सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023 ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस कटने का ऐलान भी हुआ था. इसे डिजिटल करेंसी को लेकर वैधता की स्थिति साफ होने के रूप में देखा जा रहा था.
क्रिप्टोकरेंसी पर संसद में बिल
सरकार लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी पर संसद में बिल लाने की कोशिशों में है. वहीं इस पर अभी तक कुछ फैसला नहीं हो पाया है. जिसके बाद से अगले हफ्ते होने जा रही बैठक के फैसलों पर सबकी नजर बनी हुई है.
Apple: पांच महीने में भारत से 8000 करोड़ के आईफोन का निर्यात, मार्च 2023 तक दोगुना होने का अनुमान
चीन के एक विकल्प के रूप में भारत इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को स्थापित कर रहा है। एपल आईफोन 14 को भी चेन्नई में बनाएगी।
एपल ने पिछले 5 महीने में भारत से 8,000 करोड़ रुपये के आईफोन का निर्यात किया है। इसमें आईफोन 11, 12 और 13 के फोन शामिल हैं। मार्च, 2023 तक इसके 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
मार्च, 2022 तक इसने 10 हजार करोड़ के करीब का आईफोन निर्यात किया था। यह निर्यात मुख्य रूप से यूरोप और मध्य पूर्व देशों में किया गया। चीन के एक विकल्प के रूप में भारत इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को स्थापित कर रहा है। एपल आईफोन 14 को भी चेन्नई में बनाएगी।
भारत धीरे-धीरे चीन प्लस वन की रणनीति पर लगातार चोट कर रहा है। भारत के लिए यह सफलता का एक बड़ा संकेत है। एपल की ठेके वाली ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन, पेगट्रॉन और विस्टॅन अभी भारत में आईफोन बना रही हैं। यह तीनों सरकार की विनिर्माण प्रोत्साहन योजना में शामिल हैं। इसी योजना को लैपटॉप और आईपैड के लिए भी शुरू किया जाएगा।
सितंबर में पाम तेल आयात एक साल के उच्च स्तर पर
सितंबर में भारत ने 1.2 मिलियन टन पाम तेल का आयात किया है। यह एक साल में सबसे ज्यादा है। जबकि सोया तेल का आयात 10% बढ़कर 2.70 लाख टन रहा है। सनफ्लावर का आयात 22% बढ़कर 1.65 लाख टन रहा है। तेल डीलरों ने बताया कि त्योहारी सीजन में तेज मांग के कारण ऐसा हुआ है।
- विश्लेषकों का कहना है कि सोयातेल की तुलना में पाम तेल 300 डॉलर सस्ता है, क्योंकि इंडोनेशिया अपने भंडार को कम करने की कोशिश कर रहा है।
- सोया तेल 1,207 डॉलर टन है जबकि कच्चे पाम तेल की कीमत 855 डॉलर टन है। इसमें बीमा, किराया और अन्य लागत भी शामिल हैं। अक्तूबर में भी 10 लाख टन तेल का आयात हो सकता है।
विस्तार
एपल ने पिछले 5 महीने में भारत से 8,000 करोड़ रुपये के आईफोन का निर्यात किया है। इसमें आईफोन 11, 12 और 13 के फोन शामिल हैं। मार्च, 2023 तक इसके 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
मार्च, 2022 तक इसने 10 हजार करोड़ के करीब का आईफोन निर्यात किया था। यह निर्यात मुख्य रूप से यूरोप और मध्य पूर्व देशों में किया गया। चीन के एक विकल्प के रूप में भारत इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को स्थापित कर रहा है। एपल आईफोन 14 को भी चेन्नई में बनाएगी।
भारत धीरे-धीरे चीन प्लस वन की रणनीति पर लगातार चोट कर रहा है। भारत के लिए यह सफलता का एक बड़ा संकेत है। एपल की ठेके वाली ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन, पेगट्रॉन और विस्टॅन अभी भारत में आईफोन बना रही हैं। यह तीनों सरकार की विनिर्माण प्रोत्साहन योजना में शामिल हैं। इसी योजना को लैपटॉप और आईपैड के लिए भी शुरू किया जाएगा।
सितंबर में पाम तेल आयात एक साल के उच्च स्तर पर
सितंबर में भारत ने 1.2 मिलियन टन पाम तेल का आयात किया है। यह एक साल में सबसे ज्यादा है। जबकि सोया तेल का आयात 10% बढ़कर 2.70 लाख टन रहा है। सनफ्लावर का आयात 22% बढ़कर 1.65 लाख टन रहा है। तेल डीलरों ने बताया कि त्योहारी सीजन में तेज मांग के कारण ऐसा हुआ है।
रूस में Crypto ट्रेडिंग को बैन करने वाला बिल पेश
रूस की अथॉरिटीज इस बात पर जोरदार तरीके से बंटी हुई हैं कि लोकल क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री के साथ क्या किया जाए
रूस की सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी एक्टिविटीज और डिजिटल करेंसी में पेमेंट्स को बैन करने के संकेत दिए हैं
खास बातें
- निचले सदन स्टेट ड्यूमा ने सेंट्रल बैंक की मंशा को जाहिर किया
- सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से चाहता है बैन
- फाइनेंस मिनिस्ट्री चाहती है क्रिप्टोकरेंसी का रेगुलेशन
रूस में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर बैन लग सकता है. संसद के निचले सदन, स्टेट ड्यूमा, के हेड अनातोली अक्साकोव ने रूस के अंदर क्रिप्टोकरेंसी और उसके चलन के संबंध में एक बिल पेश किया है. अगर यह बिल स्वीकार कर लिया जाता है तो क्रिप्टोकरेंसी के रूप में देश के अंदर न तो कोई लेन-देन होगा सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023 और न ही इसे पेमेंट के तरीके के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
रूस की अथॉरिटीज इस बात पर जोरदार तरीके से बंटी हुई हैं कि लोकल क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री के साथ क्या किया जाए. रूस के सेंट्रल बैंक की मंशा है कि क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल एसेट्स से जुड़ी सभी प्रकार की गतिविधियों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया जाए, जबकि देश की फाइनेंस मिनिस्ट्री का कहना है कि इस पर रेगुलेशन की नकेल डाली जानी चाहिए.
इससे पहले, देश की संघीय विधानसभा के निचले सदन स्टेट ड्यूमा ने सेंट्रल बैंक की मंशा को जाहिर किया. 2020 में सांसदों ने डिजिटल एसेट्स के इस्तेमाल पर रोक लगाने पर विचार किया और जोर देकर कहा कि जो लोग इस सेक्टर के साथ व्यापार या सरोकार जारी रखते हैं, उन पर जुर्माना लगाया जाए और उन्हें जेल भी भेजा जाए. अब निचले सदन ने इसके लिए एक नया बिल प्रस्ताव दिया है. अगर यह बिल पास हो जाता है तो डिजिटल फाइनेंशिअल एक्टीविटीज (DFA) देश में बैन कर दी जाएंगीं और रूस की सीमा के अंदर किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के लिए क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट ऑप्शन के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा.
हालांकि, इस साल मार्च में अथॉरिटीज ने इस तरह के किसी भी प्लान को लागू करने के विचार को त्यागते हुए इस बात पर जोर दिया कि क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल एसेट्स को पूरी तरह से बैन करने की बजाए इसके लिए एक उपयुक्त रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार किया जाना चाहिए.
जून के दूसरे सप्ताह की शुरुआत में, स्टेट ड्यूमा के हेड अनातोली अक्साकोव ने एक बार फिर इस बारे में चर्चा उठाई, और एक बिल पेश किया जो डिजिटल करेंसी में पेमेंट्स को अवैध या अनुपयुक्त बताता है. इस दौरान उन्होंने याद दिलाया कि रूस की राष्ट्रीय करेंसी रूबल है और यह देश की एकमात्र अधिकारिक मुद्रा है, इस पर कोई संशोधन करने की जरूरत अभी नहीं है. यानि कि डिजिटल करेंसी देश में रूबल की जगह या उसकी बराबरी नहीं कर सकती है.
Bitcoin ने लगाई आग, Crypto Market 3 ट्रिलियन डॉलर के पार, इन्वेस्ट करने वालो की बल्ले-बल्ले
वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार (Cryptocurrency Market) पहली बार 3 ट्रिलियन डॉलर के निशान पर पहुंच गया है। Bitcoin और एथेरियम के मूल्य अब तक के सबसे ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। बिटकॉइन और ether ने मंगलवार को 68,641.57 डॉलर और 4,857.25 डॉलर का एक नया सर्वकालिक रिकॉर्ड बनाया है।
अनिश्चितताओं और इसके आसपास उच्च अस्थिरता के बावजूद, बिटकॉइन इस साल के अंत तक 100,000 डॉलर के निशान को छू सकता है। विशेष रूप से भारत में इसके बढ़ते उपयोग के बीच अकेले बिटकॉइन का बाजार पूंजीकरण विश्व स्तर पर 2.5 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया है। बाययूक्वाइन के सीईओ शिवम ठकराल ने कहा, दुनिया भर में क्रिप्टो परिसंपत्तियों की बढ़ोतरी इस तथ्य की गवाही देती है कि क्रिप्टो क्रांति में शामिल होने वाले निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हम अपने एक्सचेंज पर ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी उछाल देख रहे हैं और क्रिप्टो मुद्रास्फीति को मात देने के लिए निवेशकों की पहली पसंद बन गई है।
उन्होंने कहा, हम आशावादी बने हुए हैं कि Bitcoin अपने सर्वकालिक उच्च परीक्षण को जारी रखेगा और इस साल के अंत तक 100,000 डॉलर का अंक प्राप्त करेगा। हम आधुनिक इतिहास में सबसे बड़ी वित्तीय क्रांति देख रहे हैं जो हमेशा के लिए मौद्रिक लेनदेन को निष्पादित करने के तरीके को बदल देगा।
डीवेयर ग्रुप के सीईओ और संस्थापक निगेल ग्रीन, जिसका प्रबंधन में 12 बिलियन है, उनके अनुसार, बिटकॉइन निर्विवाद रूप से एक मुख्यधारा की संपत्ति वर्ग है और अधिकांश निवेशकों को एक विविध पोर्टफोलियो के हिस्से के रूप में क्रिप्टो संपत्ति को शामिल करने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा, जुलाई में, हमने सार्वजनिक रूप से भविष्यवाणी की थी कि बिटकॉइन पहुंच जाएगा और सबसे अधिक संभावना है कि यह पिछले सभी समय के उच्च स्तर को पार कर जाएगा। मुझे विश्वास है कि अल्पावधि में कुछ लाभ हो सकता है, ताकि निवेशक बाद में और अधिक जमा कर सकें, गति ऐसी है कि हम कीमतों को उनके ऊपर की ओर जारी रखने की उम्मीद कर सकते हैं।
भारत में भारतीय क्रिप्टोकरेंसी बाजार 2030 तक 241 मिलियन डॉलर और दुनिया भर में 2026 तक 2.3 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। आईटी उद्योग के शीर्ष निकाय नैसकॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में क्रिप्टोटेक क्षेत्र में 1.5 करोड़ खुदरा निवेशक निवेश कर रहे हैं।
रूस में Crypto ट्रेडिंग को बैन करने वाला बिल पेश
रूस की अथॉरिटीज इस बात पर जोरदार तरीके से बंटी हुई हैं कि लोकल क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री के साथ क्या किया जाए
रूस सस्ता क्रिप्टोकरेंसी 2023 की सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी एक्टिविटीज और डिजिटल करेंसी में पेमेंट्स को बैन करने के संकेत दिए हैं
खास बातें
- निचले सदन स्टेट ड्यूमा ने सेंट्रल बैंक की मंशा को जाहिर किया
- सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से चाहता है बैन
- फाइनेंस मिनिस्ट्री चाहती है क्रिप्टोकरेंसी का रेगुलेशन
रूस में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर बैन लग सकता है. संसद के निचले सदन, स्टेट ड्यूमा, के हेड अनातोली अक्साकोव ने रूस के अंदर क्रिप्टोकरेंसी और उसके चलन के संबंध में एक बिल पेश किया है. अगर यह बिल स्वीकार कर लिया जाता है तो क्रिप्टोकरेंसी के रूप में देश के अंदर न तो कोई लेन-देन होगा और न ही इसे पेमेंट के तरीके के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
रूस की अथॉरिटीज इस बात पर जोरदार तरीके से बंटी हुई हैं कि लोकल क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री के साथ क्या किया जाए. रूस के सेंट्रल बैंक की मंशा है कि क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल एसेट्स से जुड़ी सभी प्रकार की गतिविधियों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया जाए, जबकि देश की फाइनेंस मिनिस्ट्री का कहना है कि इस पर रेगुलेशन की नकेल डाली जानी चाहिए.
इससे पहले, देश की संघीय विधानसभा के निचले सदन स्टेट ड्यूमा ने सेंट्रल बैंक की मंशा को जाहिर किया. 2020 में सांसदों ने डिजिटल एसेट्स के इस्तेमाल पर रोक लगाने पर विचार किया और जोर देकर कहा कि जो लोग इस सेक्टर के साथ व्यापार या सरोकार जारी रखते हैं, उन पर जुर्माना लगाया जाए और उन्हें जेल भी भेजा जाए. अब निचले सदन ने इसके लिए एक नया बिल प्रस्ताव दिया है. अगर यह बिल पास हो जाता है तो डिजिटल फाइनेंशिअल एक्टीविटीज (DFA) देश में बैन कर दी जाएंगीं और रूस की सीमा के अंदर किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के लिए क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट ऑप्शन के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा.
हालांकि, इस साल मार्च में अथॉरिटीज ने इस तरह के किसी भी प्लान को लागू करने के विचार को त्यागते हुए इस बात पर जोर दिया कि क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल एसेट्स को पूरी तरह से बैन करने की बजाए इसके लिए एक उपयुक्त रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार किया जाना चाहिए.
जून के दूसरे सप्ताह की शुरुआत में, स्टेट ड्यूमा के हेड अनातोली अक्साकोव ने एक बार फिर इस बारे में चर्चा उठाई, और एक बिल पेश किया जो डिजिटल करेंसी में पेमेंट्स को अवैध या अनुपयुक्त बताता है. इस दौरान उन्होंने याद दिलाया कि रूस की राष्ट्रीय करेंसी रूबल है और यह देश की एकमात्र अधिकारिक मुद्रा है, इस पर कोई संशोधन करने की जरूरत अभी नहीं है. यानि कि डिजिटल करेंसी देश में रूबल की जगह या उसकी बराबरी नहीं कर सकती है.