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अभी बिटकॉइन का क्या मोल है

अभी बिटकॉइन का क्या मोल है

बिटकॉइन की कीमत जा सकती है 1 लाख डॉलर के पार

मुंबई- मार्केट विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी राय दी है कि इस नए साल यानी 2022 में क्रिप्टोकरेंसी का क्या रुख हो सकता है और इस साल खासकर अमेरिका के संट्रेल बैंकिंग सिस्टम फेडरल रिजर्व की नीतियों का डिजिटल करेंसी पर क्या और कैसा असर पड़ सकता है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो लेंडर नेक्सो के मैनेजिंग पार्टनर एंटोनी ट्रेंचेव ने एक ईमेल में कहा, “2022 में बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी पर सबसे ज्यादा असर केंद्रीय बैंक की नीति के चलते पड़ेगा। उन्होंने कहा, “लोन सस्ता रहेगा क्योंकि इसका क्रिप्टो पर बड़ा असर होगा। फेड रिजर्व की इतनी क्षमता नहीं है कि वह शेयर बाजार में 10-20% गिरावट का खतरा मोल ले सके। इसके साथ ही बॉन्ड मार्केट पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।

ट्रेंचेव बिटकॉइन के लिए 2022 को बहुत अच्छा साल मानते हैं और अभी तक का उनका अनुमान है कि बिटकॉइन जून के अंत तक 100,000 डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने आगे लिखा, “मैं 2022 में वास्तव में जिसे लेकर उत्साहित हूं, वो है मेटावर्स। उन्होंने कहा कि मेटावर्स में बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं। उम्मीद है कि अगले साल यह व्यापक विषयों में से एक होगा। मेटावर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग और फिर NFT, जो वहां की अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनेंगे।

ओंडा एशिया पैसिफिक के वरिष्ठ बाजार विश्लेषक जेफरी हैली ने एक ईमेल में कहा, “हालांकि मुझे उम्मीद है कि क्रिप्टो स्पेस में काल्पनिक उत्साह जारी रहेगा। यह बाहर से अच्छा लगता है, लेकिन 2022 में इसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण वातावरण का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा, “इसका पहला कारण फेडरल रिजर्व की तरफ से सामान्य ब्याज दर की शुरुआत की जाएगी, लेकिन बाद में दूसरे प्रमुख केंद्रीय बैंक भी ऐसे ही कदम उठा सकते हैं। इससे क्रिप्टो को फिएट मनी के एक ऑप्शन में अपनाने के दावो को एक झटका लगेगा।”

वहीं चैनालिसिस के मुख्य अर्थशास्त्री फिलिप ग्रैडवेल ने एक ईमेल में कहा, “क्रिप्टोकरेंसी के लिए ऐप स्टोर बनने की दौड़ जारी है।” उन्होंने आगे कहा, “वेब 2.0 का एक प्रमुख सबक यह था कि कंज्यूमर को प्लेटफॉर्म पसंद हैं और मुझे नहीं लगता कि यह वेब 3.0 में बदलने वाला है। वर्तमान में कोई क्रिप्टो प्लेटफॉर्म नहीं है, जो ग्राहक से जुड़ी समस्याओं को हल करता है और जिसपर सभी सप्लायर्स हो।

अभी बिटकॉइन का क्या मोल है

क्या है बिटकॉइन जिसकी कीमत आसमान छू रही है

 क्या है बिटकॉइन जिसकी कीमत आसमान छू रही है

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत बुधवार को पहली बार 20 हजार डॉलर के पार चली गई है। आखिर क्या है ये करेंसी और कैसे काम करती है।

तीन साल पहले यही वो वक्त था जब पहली बार अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट में इसके कारोबार को मंजूरी मिली और तब इसकी कीमत आसमान पर पहुंच गई। बीच में काफी बुरा हाल देखने के बाद इसकी कीमत नई ऊंचाइयों को छू रही है। अनिश्चितता के दौर में पैसा सुरक्षित रखने के दूसरे तरीकों की तरह ही बिटकॉइन को भी कोरोना महामारी से काफी फायदा हुआ है। सोना, चांदी, प्लैटिनम की कीमत इस दौर में कई गुना बढ़ी है और बिटकॉइन भी इसमें शामिल हो गया है। बिटकॉइन की खास संरचना के कारण अब और बिटकॉइन ज्यादा संख्या में नहीं बन पा रहा है ऐसे में जो बिटकॉइन हैं उनका कारोबार तेज हो गया है।

बिटकॉइन एक डिजिटल मुद्रा है। यह किसी बैंक या सरकार से नहीं जुड़ी है अभी बिटकॉइन का क्या मोल है और इसे बिना पहचान जाहिर किए खर्च किया जा सकता है। बिटकॉइन के इन सिक्कों को यूजर बनाते हैं। इसके लिए उन्हें इनको "माइन" करना पड़ता है. "माइन" के लिए उन्हें गणना करने की क्षमता देनी होती है और इसके बदले में उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं। बिटकॉइन के सिक्कों को शेयर बाजारों में अमेरिकी डॉलर और दूसरी मुद्राओं के बदले खरीदा भी जा सकता है। कुछ कारोबार में बिटकॉइन मुद्रा के रूप में इस्तेमाल होती है हालांकि बीते कुछ सालों में इसकी लोकप्रियता ठहरी हुई है।

दिसंबर 2017 में बिटकॉइन फ्यूचर को अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट में कारोबार की इजाजत मिली। शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज और शिकागो बोर्ड ऑप ट्रेड ने इनकी खरीद बिक्री को मंजूरी दी थी। बिटकॉइन को लेकर दिलचस्पी इतनी ज्यादा थी कि कारोबार की अनुमति मिलते ही इसकी कीमतों में भारी उछाल आया। 2017 के शुरुआत में इस मुद्रा की कीमत 1000 डॉलर थी जो साल के आखिर में बढ़ कर 19 हजार 783 तक पहुंच गई। हालांकि कारोबार शुरू होने के बाद बिटकॉइन फ्यूचर अगले कुछ महीनों में तेजी से नीचे आया। एक साल बाद ही इसकी कीमत घट कर 4000 डॉलर पर चली गई। निवेशकों और बिटकॉइन में दिलचस्पी रखने वालों ने बताया कि 2017 में आए उछाल की बड़ी वजहें सट्टेबाजी और मीडिया का आकर्षण थे।

कॉइनबेस के मुताबिक एक बिटकॉइन की कीमत लगभग 20 हजार 700 डॉलर है। कॉइनबेस एक प्रमुख डिजिटल करेंसी एक्सचेंज है जो दूसरे टोकन और मुद्राओं का भी कारोबार करती है। हालांकि बिटकॉइन की कीमत अस्थिर है और यह एक हफ्ते में ही सैकड़ों या हजारों डॉलरों का उतार चढ़ाव देखती है। एक महीने पहले इसकी कीमत 17 हजार डॉलर थी और एक साल पहले 7 हजार डॉलर।

बिटकॉइन एक बहुत जोखिम वाला निवेश है और पारंपरिक निवेश के तरीकों जैसे कि शेयर या फिर बॉन्ड की तरह व्यवहार नहीं करता, जब तक कि खरीदार कई सालों तक इस मुद्रा को अपने पास ना रखे। उदाहरण के लिए एसोसिएटेड प्रेस ने 100 अमेरिकी डॉलर की कीमत के बिटकॉइन खरीदे ताकि वह इस मुद्रा पर नजर रख सके और व्यापार में इसके इस्तेमाल के बारे में खबर दे सके। इस पोर्टफोलियो का खर्च इस महीने जा कर अपने मूलधन पर पहुंचा है।

बिटकॉइन वास्तव में एक कंप्यूटर कोड की श्रृंखला है। यह जब भी एक यूजर से दूरे के पास जाता है तो इस पर डिजिटल सिग्नेचर किए जाते हैं। लेन देन खुद को गोपनीय रख कर भी किया जा सकता है। इसी वजह से यह आजाद ख्याल के लोगों, तकनीकी दुनिया के उत्साही, सटोरियों और अपराधियों के बीच काफी लोकप्रिय है।

बिटकॉइन को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। इस वॉलेट को या तो कॉइनबेस जैसे एक्सचेंज के जरिए ऑनलाइन हासिल किया जा सकता है या फिर ऑफलाइन हार्ड ड्राइव में एक खास सॉफ्टवेयर के जरिए। बिटकॉइन का समुदाय यह तो जानता है कि कितने बिटकॉइन हैं, लेकिन वे कहां हैं इसके बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है।

कुछ कारोबार बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे कि ओवरस्टॉक डॉट कॉम बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार करता है। मुद्रा इतनी मशहूर है कि ब्लॉकचेन इंफो के मुताबिक औसतन हर दिन 3 लाख लेने देन होते हैं। हालांकि इसकी लोकप्रियता नगद या क्रेडिट कार्ड की तुलना में कम ही है। बहुत सारे लोग और कारोबार में इसे भुगतान के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

बिटकॉइन नेटवर्क सामूहिक अच्छाई के लिए कुछ लोगों की लालसा पर निर्भर करता है। तकनीक के जानकार कुछ लोग जिन्हें माइनर कहा जाता है वो इस तंत्र में गणना की क्षमता ब्लॉकचेन में डाल कर इसे ईमानदार बनाए रखते हैं। ब्लॉक चेन हर बिटकॉइन के लेनदेन का हिसाब रखता है. इस तरह से यह उन्हें दो बार बेचे जाने को रोकता है और माइनरों को उनकी कोशिशों के लिए जब तक तोहफों में बिटकॉइन दिए जाते हैं। जब तक माइनर ब्लॉकचेन को सुरक्षित रखेंगे इसकी नकल करके नकली मुद्रा बनने का डर नहीं रहेगा।

यह एक रहस्य है। बिटकॉइन को 2009 में एक शख्स या फिर एक समूह ने शुरू किया जो सातोषी नाकामोतो के नाम से काम कर रहे थे। उस वक्त बिटकॉन को थोड़े से उत्साही लोग ही इस्तेमाल कर रहे थे। जब ज्यादा लोगों का ध्यान उस तरफ गया तो नाकामोतो को नक्शे से बाहर कर दिया गया। हालांकि इससे मुद्रा को बहुत फर्क नहीं पड़ा यह सिर्फ अपनी आंतरिक दलीलों पर ही चलता रहा।

2016 में एक ऑस्ट्रेलिया उद्यमी ने खुद को बिटकॉइन के संस्थापक के रूप में पेश किया। हालांकि कुछ दिनों बाद ही उसने कहा कि उसके पास सबूतों को जाहिर करने की "हिम्मत नहीं है। " इसके बाद से इस मुद्रा की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है।

Cryptocurrency: 100,000 डॉलर तक पहुंच सकता है बिटकॉइन? 2022 में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में क्या कहते हैं विश्लेषक

कुछ मार्केट विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी राय दी है कि इस नए अभी बिटकॉइन का क्या मोल है साल यानी 2022 में क्रिप्टोकरेंसी का क्या रुख हो सकता है

हॉन्गकॉन्ग में सुबह 9:52 बजे बिटकॉइन 0.2% के उछाल के साथ लगभग 46,100 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। यहां कुछ मार्केट विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी राय दी है कि इस नए साल यानी 2022 में क्रिप्टोकरेंसी का क्या रुख हो सकता है और इस साल खासकर अमेरिका के संट्रेल बैंकिंग सिस्टम फेडरल रिजर्व की नीतियों का डिजिटल करेंसी पर क्या और कैसा असर पड़ सकता है।

Bloomberg की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो लेंडर नेक्सो के मैनेजिंग पार्टनर एंटोनी ट्रेंचेव ने एक ईमेल में कहा, "2022 में बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी पर सबसे ज्यादा असर केंद्रीय बैंक की नीति के चलते पड़ेगा। उन्होंने कहा, "लोन सस्ता रहेगा क्योंकि इसका क्रिप्टो पर बड़ा असर होगा। फेड रिजर्व की इतनी क्षमता नहीं है कि वह शेयर बाजार में 10-20% गिरावट का खतरा मोल ले सके। इसके साथ ही बॉन्ड मार्केट पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।

अमेरिका से दुश्मनी मोल लेकर बिटकॉइन को क्यों गले लगा रहा EL Salvador

अमेरिका से दुश्मनी मोल लेकर बिटकॉइन को क्यों गले लगा रहा EL Salvador

अल साल्वाडोर (El salvador) गुरुवार 7 सितंबर को बिटकॉइन (Bitcoin) को कानूनी रूप से करेंसी की मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. इस फैसले को रोलआउट करने के लिये अल साल्वाडोर ने 400 बिटकॉइन खरीदे. इसकी कीमत उस समय के ट्रेडिंग प्राइस के हिसाब से करीब 21 मिलियन डॉलर थी. राष्ट्रपति नयब बुकेले (Nayib Bukele) ने ट्वीट करके बताया कि आगे और बिटकॉइन की खरीदारी की जाएगी.

इससे पहले 8 जून 2021 को अल सल्वाडोर की विधानसभा ने बिटकॉइन कानून पारित किया था, जिसमे क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को 7 सितंबर 2021 से अल सल्वाडोर की लीगल टेंडर (Legal Tender) के रूप में स्वीकारने की बात कही गई थी.

करेंसी के लीगल टेंडर होने का क्या है मतलब?

सरकार द्वारा किसी भी करेंसी को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकारने का मतलब उस देश के भीतर कानूनी रूप से उस करेंसी को मान्यता देना होता है. यानी आप उस करेंसी का इस्तेमाल करके अपनी रोजमर्रा की जरूरत अभी बिटकॉइन का क्या मोल है से जुड़े सामान खरीद सकेंगे. चूंकि अब अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में अपना लिया है, वहां के लोग बिटकॉइन का करेंसी के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे.

आपको बता दें कि Al Salvador की अभी अपनी कोई करेंसी नहीं है. वहां के लोग अमेरिकी डॉलर में ही लेन-देन का काम करते हैं.

बुकेले के एडमिनिस्ट्रेशन ने देशभर में 200 बिटकॉइन एटीएम स्थापित किए हैं जिसका इस्तेमाल करके लोग यूएस डॉलर के बदले में बिटकॉइन ले सकेंगे.

RBI ला रहा भारत की पहली डिजिटल करेंसी, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो से ये कैसे अलग?

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सरकार ने बिटकॉइन को अपनाने के पीछे क्या कारण बताया?

अल साल्वाडोर सेंट्रल अमेरिका का छोटा सा देश है. देश की लगभग 25% जनसंख्या अमेरिका में अपना गुजर बसर करती है. अमेरिका या विदेश में रह रहे लोग जब देश में पैसा (जिसे remittance कहा जाता है) भेजते हैं तो बीच में उस पर कई तरह के शुल्क लगते हैं. 2020 में विदेश में रह रहे लोगों ने करीब 6 अरब डॉलर स्वदेश भेजा था जो कि वहां की जीडीपी (GDP) का करीब 20 फीसदी है. सरकार ने बताया कि, बिटकॉइन की वजह से हम हर साल remittance में लगने वाली करीब 400 मिलियन डॉलर लगने वाली फीस बचा सकेंगे.

सरकार ने बताया कि देश में करीब 70% लोग के पास अभी बिटकॉइन का क्या मोल है अपना बैंक खाता नहीं है. इस फैसले के बाद आम लोग भी फाइनेंशियल सिस्टम से जुड़ेंगे.

इस फैसले के विपरीत हाल के जनमत सर्वेक्षणों से पता चला है कि अल सल्वाडोर के करीब 70% लोगों ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर देने वाले विचार को अस्वीकार किया और वो अमेरिकी डॉलर का उपयोग करना पसंद करेंगे.

विश्व बैंक और IMF ने सरकार को किया सचेत

यह भी रोचक है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बिटकॉइन के उपयोग के जोखिमों को लेकर El salvador को चेतावनी दी है. पता हो कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के वैल्यू में काफी ज्यादा उतार -चढ़ाव होता है. इसी वर्ष अप्रैल से मई के बीच बिटकॉइन ने अपना लगभग आधा मूल्य खो दिया था.

अल सल्वाडोर की सरकार ने विश्व बैंक (World Bank) से इसे अपनाने में मदद करने के लिए अनुरोध किया था. हालांकि विश्व बैंक ने पर्यावरण और ट्रांसपेरेंसी कमियों का हवाला देते हुए सरकार के इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था.

हम इस लॉन्च के साथ बिल्कुल नई चीज प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन मुझे इस प्रयोग को होते हुए देखकर खुशी हो रही है, और मुझे लगता है कि हम इससे बहुत कुछ सीखेंगे.

कई देशों की नजर

वर्चुअल करेंसी की बढ़ती पॉपुलैरिटी के बीच कई और देश इस तरह का फैसला लेने पर विचार कर रहे हैं. खासकर EL Salvador अभी बिटकॉइन का क्या मोल है के पड़ोसी देश इस पर नजर टिकाये हुए हैं. पिछले ही महीने क्यूबा ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर के रूप में अभी बिटकॉइन का क्या मोल है अपनाने के लिये काम शुरू करने की घोषणा की थी. पनामा और उरुग्वे ने भी इसी तरह का समान कानून प्रस्तावित किया है.

अमेरिका ने अल साल्वाडोर के फैसले की आलोचना करते हुए कि यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है.

क्रिप्टोकरेंसी-बिटकॉइन आखिर है क्या? क्यों बन गई हैकर्स की पसंद?

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