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शेयर खरीदने के लाभ

शेयर खरीदने के लाभ
What do you mean by shares and how does it work?

शेयर क्या होता है? – What is Share?

अक्सर अखबारों या न्यूज़पेपर में आपने शेयर के बारे में तो जरूर पढ़ा सुना होगा? जब यह न्यूज़ पेपर अखबार में शेयर लिखा हुआ देखते हैं तो हमारे जेहन में एक बात तो जरूर आती है कि यह शेयर मार्केट से संबंधित है. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि शेयर क्या शेयर खरीदने के लाभ होता है? What is Share in Hindi कोई भी कंपनी शेयर कब जारी करती है? किसी भी कंपनी को शेयर जारी करके क्या लाभ मिलता है? ऐसे ही कुछ सवाल है, जो शायद आपके जहन में भी आया होगा. आज के हमारे इस लेख में हम आप लोगों को इस बारे में जानकारी देने वाले हैं कि शेयर क्या होता है? What is Share in Hindi

शेयर क्या होता है? – What is Share in Hindi

शेयर (Share) का अर्थ बांटना या हिस्सेदारी होती है. जब भी आप शेयर बाजार से किसी कंपनी के शेयर खरीदे हैं, तो इसका अर्थ यह होता है कि आप उस कंपनी में आंशिक रूप से अपनी हिस्सेदारी खरीदते हैं. यानी कि आप उस कंपनी के हिस्सेदारी में हिस्सा खरीदते हैं. जब आप उस कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार (Share Holder) या इक्विटी होल्डर (Equity Holder) बन जाते हैं. स्टॉक एक्सचेंज में आपके द्वारा खरीदी गई शेयर या हिस्सेदारी को इक्विटी या स्क्रिप्ट भी कहा जाता है.

किसी भी कंपनी के द्वारा जारी किए गए शेयर, 2 तारीख को से खरीद-फरोख्त की जाती है:-

  1. पहला कंपनी इसके लिए आईपीओ (Initial Public Offering) जारी करती है. आईपीओ के जरिए ही कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर को शेयर बाजार में उतारती है. जिससे कि पब्लिक इन शेयरों को खरीद सके.
  2. दूसरा तरीका यह है कि जो कंपनी स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) पर लिस्टेड है उनके शेयर की खरीद बिक्री की जा सके. यहां दो तरीके हैं जिसकी सहायता से कोई भी शेयर होल्डर अपने द्वारा खरीदे गए शेयर की खरीदारी एवं बिक्री करता है.

निवेशक आईपीओ या फिर सीधे स्टॉक एक्सचेंज से शेयर की खरीद फरोख्त करता है. कोई भी निवेशक ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज से अपने लिए शेयर खरीदता है. What is Share in Hindi

कोई भी कंपनी शेयर क्यों जारी करती है? – Why Companies issue Share?

हर कंपनी यह चाहती है कि, आप अपने बिजनेस को आगे बढ़ा है. कंपनी को अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए काफी पैसों की आवश्यकता होती है. बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए काफी ज्यादा पूंजी की जरूरत होती है. ऐसे में कंपनियां आम जनता से पैसे उठाने के लिए शेयर (Share) जारी करती है. कंपनी अपना बिजनेस शेयर खरीदने के लाभ का विस्तार करने के लिए कॉर्पोरेट ढांचा तैयार करती है. इसके लिए स्टॉक एक्सचेंज में आईपीओ के जरिए अपने शेयर पब्लिक के लिए लाती है. जिससे कि निवेशक बड़ी तादाद में उन शेयरों पर अपनी हिस्सेदारी खरीदते हैं. कोई भी कंपनी IPO के जरिए अपने शेयर को स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध करवाती है. निवेशक के लिए किसी भी सूचीबद्ध कंपनी के शेयर को खरीदने में आसानी होती है. कंपनी द्वारा घोषित किए गए डिविडेंड, बोनस शेयर और राइट शेयर पर निवेशकों का भी अधिकार होता है.

स्टॉक मार्केट में शेयर कितने प्रकार के होते हैं? – Type of Share in Stock Market

स्टॉक मार्केट में दो प्रकार के शेयर होते हैं:-

  1. इक्विटी शेयर (Equity Share)
  2. प्रेफरेंस शेयर (Preference Share)

हम नीचे इस बारे में जानेंगे कि इक्विटी शेयर और प्रेफरेंस शेयर क्या होते हैं?

Equity Share ( इक्विटी शेयर) क्या होता है?

इक्विटी शेयर किसी भी शेयर होल्डर वा निवेशक होता है, जो प्राइमरी मार्केट (Primary Market) और सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market) से शेयर खरीद और बेच सकते हैं. What is Share in Hindi

आइए तब निकल लाभ और नुकसान से जुड़े रहते हैं. इक्विटी शेयर धारक की इक्विटी शेयर होल्डर होता है जो किसी भी कंपनी का इक्विटी शेयर होल्डर शेयर की संख्या के अनुपात में कंपनी पर मालिकाना अधिकार रखता है. उसको कंपनी के मामलों में वोटिंग का अधिकार भी होता है. जब हम शेयरों की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में इक्विटी शेयर भी आते हैं. इन शेयरों पर लाभांश की कोई गारंटी नहीं होती है.

कंपनी सभी लेनदार ओ और प्रेफरेंस शेयर होल्डर का बकाया शेयर खरीदने के लाभ चुकाने के बाद ही इक्विटी शेयर पर लाभांश देती है. कंपनी का नुकसान होने पर शेयर होल्डर को कम कीमत या कुछ भी लाभांश नहीं मिलता है, और इसके विपरीत कंपनी को लाभ होने की स्थिति में सबसे अधिक लाभ इन्हीं शेयरधारकों को मिलता है.

Preference Share ( प्रेफरेंस शेयर) क्या होता है?

यह दूसरी तरह की शेयर होती है, इसमें धारकों को इक्विटी शेयर होल्डर की तरह वोटिंग करने का अधिकार नहीं होता है. इन शेयरों की कीमत इक्विटी शेयर की मौजूदा कीमत से कम होती है. इन शेयरों पर लाभांश की दर तय होती है. किसी भी कारणवश अगर कंपनी बंद हो जाती है तो पहला अधिकार प्रेफरेंस शेयर धारकों शेयर खरीदने के लाभ को दिया जाता है, और इन्हें इक्विटी शेयर धारकों से पहले लाभांश और मूलधन का भुगतान किया जाता है. शेयर होल्डर को अपना पहला लाभांश लाभांश के दर से मिलता है. इसमें चाहे कंपनी लाभ में हो या नुकसान.

शेयर मार्केट में निवेश करने से होने वाले लाभ

शेयर में निवेश करने से कई तरह से लाभ हो सकता है जिसे हमने सूचीबद्ध कर के नीचे बताया है

  • डिविडेंड का लाभ :- यदि कंपनी भविष्य में लाभ कम आती है तो वह अपने शेयरधारकों को लाभ का कुछ हिस्सा लाभांश के तौर पर अदा करती है. जिसका लाभ प्रत्येक निवेशक को उसके द्वारा निवेश की गई धनराशि पर दिया जाता है.
  • बोनस का लाभ प्राप्त होता है :- कंपनी समय-समय पर अपने निवेशकों को बोनस के रूप में अतिरिक्त शेयर देती है. जिसका लाभ सभी शेयर होल्डर को मिलता है.
  • राइट ईशु का लाभ :- कंपनी अपने शेयरधारकों के लिए राइट इश्यू जारी करती है. जिसका लाभ उन के शेयर के अनुपात में हर शेयर होल्डर को दिया जाता है.
  • शेयर के मूल्य बढ़ने से होने वाला लाभ :- अगर कोई कंपनी अच्छा परफॉर्मेंस करती है तो उसकी शेयर की कीमतों में भी बढ़ोतरी होती है. जिसके चलते निवेशकों द्वारा निवेश किया गया पैसा भी बढ़ता है. जिससे निवेशक को का मूलधन भी बढ़ जाता है. अच्छी कीमत बढ़ने पर शेयर धारक अपने शेयर अच्छी कीमत पर शेयर बाजार में भी बेच सकते हैं.

मैं इस ब्लॉग का संस्थापक हूं. यहां पर मैं विभिन्न विषयों पर आधारित लेख लिखता हूं. हम यहां सरल शब्दों में आप सभी को जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं.

इक्विटी शेयर क्या है? शेयर कितने प्रकार के होते हैं? लेटेस्ट जानकारी लीजिए

हिंदी भाषा के प्रेमी ‘‘शेयर मार्किट इन हिंदी’ शब्दों का प्रयोग करके इंटरनेट पर शेयर मार्केट शेयर खरीदने के लाभ की जानकारी चाहते हैं। शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहते हैं या आपने अब मन बना लिया है कि मुझे अब शेविंग करना है तो यह लेख वाकई आपके लिए फायदेमंद होगा। कृपया अंत तक पढ़े।

इक्विटी शेयर कितने प्रकार के होते हैं

मित्रों सबसे पहले शेयर किया है ? यह आपको मैं बताना चाहता हूं। कोई भी कंपनी पूंजी के लिए अपनी शेयर को मार्केट में उतारता है।

Quick Answer: इक्विटी शेयर कंपनी के स्वामित्व का वह हिस्सा है जो देनदारियों के भुगतान के बाद उसकी संपत्ति के अवशिष्ट मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है। इक्विटी शेयरधारक आमतौर पर कंपनी के फैसलों पर वोट देने और अपने शेयरों पर लाभांश प्राप्त करने के हकदार होते हैं।

कोई भी निवेशक कुछ शेयर को खरीद लेता है तो उसे इस कंपनी का हिस्सेदार हो जाता है। कंपनी के फायदे और नुकसान में निवेशक दोनों ही स्थिति में कंपनी के पार्टनर बन जाते हैं।

शेयर बाजार वह बाजार है जहां पर निवेशक किसी भी रजिस्टर कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं। आज के समय रुपया कमाने के लिए शेयर को ऑनलाइन खरीदा और बेचा जा सकता है।

शेयर कितने प्रकार के होते हैं?

अक्सर लोग यह पूछते हैं कि शेयर कितने प्रकार के होते हैं और इसे कौन खरीद सकता है। आपको बता दूं कि शेयर दो प्रकार के होते हैं –

  • प्रेफरेंस शेयर
  • इक्विटी शेयर.

प्रेफरेंस शेयर क्या होता है?

प्रेफरेंस शेयर कंपनी का वह शेयर होता है जिसमें कंपनी डूब जाए या घाटे में जाए या कंपनी बड़े मुनाफा कमा लें, इन सभी स्थिति में निवेशकों को तय की गई लाभांश एवं मूलधन वापस मिल जाता है।

इक्विटी शेयर क्या होता है?

इक्विटी शेयर” वह होता है जिसमें लाभांश तय नहीं होता है और जिसमें निवेशक यानी शेयर होल्डरों को मालिक माना जाता है।

मान शेयर खरीदने के लाभ लीजिए कि किसी कंपनी ने अपने 100 शेयरों को मार्केट में बेच दिया। किसी निवेशक ने उसमें से 50 शेयर को खरीद लिया इसका यह मतलब हुआ कि निवेशक अब उस कंपनी का 50% हिस्सेदार है।

कम्पनी अपने सभी कर्ज व कर्ज का ब्याज और प्रेफरेंश शेयरहोल्डरों का बकाया रकम चुकाने के बाद इक्विटी शेयर होल्डरों को लाभांश के साथ मूलधन वापस देता है।

इक्विटी शेयर होल्डरों को ही कम्पनी के मामलों में मत का अधिकार होता है जो लोकतांत्रिक होता है। जिसके पास ज्यादा शेयर होते हैं वही बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर को चुन सकते हैं।

कंपनी को ज्यादा बड़ा फायदा होने पर सबसे ज्यादा फायदा इक्विटी शेयर होल्डरों क्या होता है। उस के विपरीत कंपनी के डूब जाने या फिर नुकसान होने पर सबसे ज्यादा नुकसान भी इक्विटी शेयर होल्डरों का होता है।

इक्विटी शेयर को प्राइमरी एवं सेकेंडरी मार्केट से खरीदा जा सकता है। अगर आप आईपीओ या एफपीओ खरीदते हैं तो उसे प्राइमरी मार्केट कहते हैं। जबकि मान्यता प्राप्त ब्रोकरों से खरीदते हैं तो उसे सेकेंडरी मार्केट कहते हैं।

एक इक्विटी शेयर एक प्रकार की सुरक्षा है जो किसी कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करती है। इक्विटी शेयरधारक अपनी स्वामित्व हिस्सेदारी के अनुपात में लाभांश और मतदान के अधिकार के हकदार हैं।

सार्वजनिक बाजारों में इक्विटी शेयरों का कारोबार किया जा सकता है, जिससे निवेशकों को कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ने पर लाभ कमाने शेयर खरीदने के लाभ का मौका मिलता है।

मुझे इक्विटी शेयर कैसे मिलेगा?

इक्विटी शेयर प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका कंपनी के निवेशक संबंध विभाग से संपर्क करना और व्यक्तिगत निवेशकों के लिए उनकी नीतियों के बारे में पूछना है। कई कंपनियां आपको सीधे कंपनी से शेयर खरीदने की अनुमति देती हैं, लेकिन कुछ केवल स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से शेयर बेचती हैं।

आप यह देखने के लिए ऑनलाइन ब्रोकरेज से भी जांच कर सकते हैं कि क्या उनके पास कोई विशेष निवेश है जो आपकी रुचियों से मेल खाता है।

इक्विटी शेयर के क्या फायदे हैं?

इक्विटी शेयरों के कुछ फायदे हैं। पहला यह है कि वे अपने धारकों को मतदान विशेषाधिकार और लाभ का एक हिस्सा प्रदान करते हैं।

इसके अतिरिक्त, उनके पास ऋण प्रतिभूतियों की तुलना में अधिक मूल्य होता है और, जैसे, अधिक सुरक्षित निवेश प्रदान कर सकते हैं। अंत में, ऋण प्रतिभूतियों की तुलना में इक्विटी शेयरों को बेचना आसान होता है, जो उन्हें अधिक तरल बनाता है।

इक्विटी शेयरों में निवेश कैसे करें और आकर्षक रिटर्न कैसे अर्जित करें

जब इक्विटी शेयरों में निवेश करने की बात आती है, तो इसमें शामिल जोखिमों और संभावित रिटर्न को समझना महत्वपूर्ण है। इक्विटी में निवेश करके, आप कंपनी के एक हिस्से के मालिक बन जाते हैं और अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है तो लाभांश और पूंजीगत लाभ अर्जित करने के लिए खड़े होते हैं।

हालांकि, हमेशा जोखिम होता है कि स्टॉक की कीमत गिर सकती है, जिससे आपको अपने निवेश पर नुकसान हो सकता है। निवेश करने से पहले कंपनी पर सावधानीपूर्वक शोध करना और अपने जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के शेयरों में अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना महत्वपूर्ण है।

इक्विटी शेयरों के साथ अपना भविष्य कैसे सुरक्षित करें

एक इक्विटी शेयर एक प्रकार की सुरक्षा है जो किसी कंपनी में स्वामित्व हित का प्रतिनिधित्व करती है। इक्विटी शेयरधारक आमतौर पर मतदान के अधिकार के हकदार होते हैं और जब कंपनी उन्हें भुगतान करती है तो लाभांश प्राप्त करने के लिए।

इक्विटी शेयरों के साथ अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए, आपको पहले कंपनी और उसकी प्रबंधन टीम पर शोध करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह एक अच्छा निवेश है।

आपको इक्विटी में निवेश से जुड़े जोखिमों के बारे में भी पता होना चाहिए, जैसे कि कंपनी के शेयर की कीमत गिरने पर नुकसान की संभावना।

Conclusion Point

आम भाषा में कहे तो आप निवेशक सिर्फ इक्विटी शेयर ही खरीद सकते हैं। जैसा कि आप जानते होंगे, इक्विटी शेयर खरीदने के लिए आपके पास डीमेट अकाउंट होना आवश्यक है।

आशा करता हूं कि आप लोगों को इक्विटी शेयर क्या है और शेयर कितने प्रकार के होते हैं जान लें से संबंधित लेख अच्छा लगा होगा।

शेयर से आपका क्या तात्पर्य है और यह कैसे काम करता है?

What do you mean by shares and how does it work?

एक शेयर को किसी कंपनी या वित्तीय परिसंपत्ति में ब्याज के स्वामित्व की इकाई के रूप में वर्णित किया जा सकता है। सरल शब्दों में, जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयरों का अधिग्रहण करता है, तो वे उस कंपनी के मालिक बन जाते हैं। ये शेयर जोखिम का एक तत्व लेकर चलते हैं लेकिन उच्चतम रिटर्न देते हैं।

उदाहरण के लिए: यदि किसी कंपनी के 10,000 शेयर बकाया हैं और किसी व्यक्ति ने उस कंपनी के 1,000 शेयर खरीदे हैं, तो यह माना जाएगा कि वह उस कंपनी की संपत्ति का 10% हिस्सा होगा। (1,000 / 10,000 = 10%)

ऐसे शेयरों के मालिकों को शेयरधारकों के रूप में जाना जाता है।

शेयर अपने धारकों को मुनाफे के समान वितरण के लिए, लाभांश के रूप में, यदि कोई हो, व्यापार संगठन द्वारा घोषित किए जाने के हकदार हैं। हालांकि, शेयर कंपनी के दिन-प्रतिदिन के परिचालन पर शेयरधारकों को कोई प्रत्यक्ष नियंत्रण प्रदान नहीं करते हैं।

निचे आप देख सकते हैं हमारे महत्वपूर्ण सर्विसेज जैसे कि फ़ूड लाइसेंस के लिए कैसे अप्लाई करें, ट्रेडमार्क रेजिस्ट्रशन के लिए कितना वक़्त लगता है और उद्योग आधार रेजिस्ट्रेशन का क्या प्रोसेस है .

कंपनी का मूल्य शेयर बाजार में उसके बाजार मूल्य के आधार पर मापा जाता है। एक ठोस, अच्छी तरह से प्रबंधित कंपनी अपने शेयर की कीमतों को उच्च रखने का एक अच्छा मौका है।

शेयर बाजार में शेयर जारी करने के लिए प्राथमिक कारण:

  • नया वित्त बनाने या पूंजी जुटाने के लिए
  • कंपनी के बाजार मूल्य का निर्धारण करें
  • निवेशकों द्वारा शेयरों के व्यापार के लिए एक माध्यम की स्थापना करें
  • कंपनी के व्यवसाय की रूपरेखा को बढ़ाएं।

शेयरों के प्रकार जारी किए गए:

आमतौर पर दो प्रकार के शेयर होते हैं जो कंपनी द्वारा जारी किए जाते हैं: साधारण या इक्विटी शेयर और वरीयता शेयर।

साधारण या इक्विटी शेयरों की विशेषताएं:

    • यह शेयरधारकों को कंपनी की वार्षिक आम बैठक में वोट करने का अधिकार देता है
    • इक्विटी शेयरों पर लाभांश की दर तय नहीं है और लाभ के स्तर के अनुसार भिन्न होती है
    • वे शेयरधारकों को भुगतान किए जाने के बाद लाभांश और पूंजी के भुगतान के हकदार हैं

    Features of Preference Shares:

    • Preference shareholders do not have any voting rights.
    • The rate of dividend on preference shares is fixed and receives fixed periodic interest income.
    • They enjoy priority on payment of dividends over equity shareholders.

    वरीयता शेयरों की विशेषताएं:

    शेयर बाजार में शेयरों का कारोबार होता है; इसलिए, शेयरों को स्टॉक भी कहा जाता है। यह एक तरह का सट्टा कारोबार है।

    शेयरों से निपटने में दो बुनियादी लेनदेन शामिल हैं- खरीदना और बेचना। इस तरह के शेयर पैसे बनाने के लिए स्टॉक एक्सचेंज में खरीदे और बेचे जा सकते थे।

    मूल सिद्धांत इस अवधारणा में निहित है कि किसी को कम कीमत पर खरीदना चाहिए और अधिक कीमत पर बेचना चाहिए, दोनों के बीच के अंतर को वित्तीय लाभ कहा जाता है। शेयर बाजार बहुत कुछ एक नीलामी घर की तरह है जहां व्यापार किया जाता है, और कीमतों पर बातचीत की जाती है। सही निर्णय लेने के लिए व्यापार और निवेश को अनुशासित तरीके से किया जाना चाहिए।

    प्रबंधन ने कंपनी को तोड़ने का फैसला किया है।

    यदि कोई भी व्यक्ति कंपनी के शेयर खरीदने के लिए इच्छुक है, तो वे एक शेयर को रु। हैं खरीद सकते हैं। 100 / – या पांच शेयर रु। 500 / – रुपये मर्जी से।

    अब, अगर कुछ समय बाद, जब शेयरों की कीमतों में वृद्धि होती है, तो यह मौद्रिक लाभ बनाने के लिए शेयरों को बेचने के लिए खरीदार की ओर से एक विवेकपूर्ण निर्णय होगा।

    परंपरागत रूप से, ट्रेडिंग का उपयोग भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों के माध्यम से किया जाता था, हालांकि, बदलते समय के साथ, इन दिनों, शेयर बाजार इलेक्ट्रॉनिक रूप से काम करता है।

    शेयरों की खरीद और बिक्री या तो एक ऑनलाइन ब्रोकर, एक पारंपरिक स्टॉकब्रोकर या एक निवेश प्रबंधक से परामर्श के माध्यम से की जा सकती है।

    जब कोई भी व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदता है, तो उन्हें पैसे के बदले शेयर मिलते हैं जो वे कंपनी को देते हैं। अब, इन कंपनियों में दो प्रकार के लोग हो सकते हैं – एक व्यापारी या एक निवेशक।

    ट्रेडर एक ऐसा व्यक्ति है जो अल्पकालिक लाभ के उद्देश्य से अपनी या किसी भी फर्म के शेयर खरीदता और बेचता है।

    वह मूल्य पैटर्न, आपूर्ति और मांग सिद्धांत, और बाजार की भावनाओं का अध्ययन करेगा और फिर अपने पैसे को शेयरों में डाल देगा।

    दूसरी ओर, एक निवेशक लंबी अवधि के मुनाफे के लिए शेयरों की खरीद और बिक्री में खुद को एक दलाल के माध्यम से संलग्न करता है।

    वह कंपनी के नकदी प्रवाह और वित्तीय ताकत पर विचार करेगा और उसके आधार पर कंपनी के शेयर जो अच्छे मूल्य का प्रतिनिधित्व करेंगे, केवल उन्हीं शेयरों में वह निवेश करेगा।

    अपना पैसा अच्छी तरह से लगाएं

    शेयरधारकों द्वारा खरीदे गए और निवेश किए गए शेयरों का कारोबार कंपनियों द्वारा शेयर बाजार में किया जाता है। कई बाजार कारकों के आधार पर शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है। सिर्फ एक कंपनी में शेयर रखना बहुत जोखिम भरा है। अगर वह कंपनी किसी कारण से मुसीबत में पड़ गई, तो हो सकता है कि उसका सारा पैसा खत्म हो जाए। निवेश घोटाले में फंसने से बचें और कभी भी उच्च और निम्न बेचने की गलती न करें।

    उचित स्टॉक कंपनी के अनुसंधान करने और वित्तीय सलाह लेने के बाद सबसे अच्छा विकल्प बनाने के लिए व्यापारी और निवेशक की जिम्मेदारी है। अनुसंधान इस तरह का होना चाहिए ताकि जोखिम कारक कम हो और लाभ अधिक हो।

    NAVI MUMBAI : शेयर मार्केट में पैसे लगवाकर एजेंट हुआ फरार, कॉन्ट्रैक्टर को हुआ लाखों का नुकसान

    पुरुषोत्तम कनौजिया
    नवी मुंबई : नवी मुंबई के एक कॉन्ट्रैक्टर को एक आरोपी लाखों रुपए की चपत लगाकर फरार हो गया है । पीड़ित व्यक्ति ने अब एपीएमसी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया है । पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि वह कॉन्ट्रैक्टर का काम करता था इसलिए उसके पास जमीन लेन देन के मामले आते रहते थे। साल 2020 में आरोपी उनके पास जमीन खरीदने का प्रस्ताव लेकर आया था। पीड़ित ने उसे एक जमीन दिखाई, तो उसने बताया कि बाद में इस बारे में जवाब देगा। इस बीच बातचीत में उसने बताया कि वह डिवाइन पॉवर सहकार निधि पाथपेड़ी का चेयरमैन है। उसकी एक दूसरी कंपनी भी है, जिसे उसकी पत्नी और पिता चलाते हैं। उसने बताया कि वह अपनी कंपनी के माध्यम से शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करता है और जो भी व्यक्ति उसकी कंपनी में इन्वेस्ट करता है, वह उसे अच्छा खासा लाभ प्राप्त कर देता है, जिसके बाद उसने पीड़ित को सहकार निधि पथपेड़ी के एपीएमसी स्थित कार्यालय में बुलाया और वहां उसने कहा कि अगर आपको पैसे इन्वेस्ट करने है, तो सबसे पहले आपके निधि बैंक में अपना अकाउंट खोलना होगा, जिसके बाद आप उस अकाउंट से अगर इन्वेस्ट करोगे, तो आपको 10 रुपए का शेयर एक महीने बाद 100 रुपए कमाकर देगा। उसके झांसे में आकर उन्होंने अकाउंट खुलवाया और करीब 1 हजार रुपए के सौ शेयर खरीदे। कुछ दिन के बाद आरोपी ने उनसे कहा कि बड़ी रकम इन्वेस्ट करो, जिसके बाद उन्होंने करीब 5 लाख 50 हजार रुपए के शेयर खरीद लिए। इतने शेयर खरीदने के कई महीनों बाद भी जब आरोपी ने उन्हे पैसे वापस नहीं किए, तो उसके कार्यालय जाकर देखा तो वहां ताला लगा हुआ था। आसपास के लोगों से पूछा तो पता चला कि वह इसी तरह कई अन्य लोगों को भी चुना लगाकर भाग गया है।

    HBD: कभी बेरोजगार तो कभी 50 रुपये थी ‘जेठालाल’ की कमाई, मेहनत के दम पर आज हैं करोड़ों की सम्पत्ति के मालिक

    HBD: Sometimes unemployed and sometimes 50 rupees was earned by 'Jethalal', today he is the owner of crores of property on the basis of hard work

    FPI ने नवंबर में अबतक भारतीय शेयरों में 30,385 करोड़ रुपए डाले

    बिजनेस डेस्कः विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय शेयर बाजारों में आक्रामक लिवाली का सिलसिला जारी है। नवंबर में अब तक उन्होंने शेयरों में 30,385 करोड़ रुपए का निवेश किया है। भारतीय रुपये के स्थिर होने तथा दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होने की वजह से विदेशी निवेशक एक बार फिर भारत पर दांव लगा रहे हैं।

    जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर एफपीआई का रुख बहुत आक्रामक नहीं रहेगा, क्योंकि ऊंचे मूल्यांकन की वजह से वे अधिक लिवाली से बचेंगे। उन्होंने कहा कि इस समय चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान के बाजारों में मूल्यांकन काफी आकर्षक है और एफपीआई का पैसा उन बाजारों की ओर जा सकता है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 18 नवंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 30,385 करोड़ रुपए डाले हैं। इससे पहले पिछले महीने यानी अक्टूबर में उन्होंने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से आठ करोड़ रुपए निकाले थे। सितंबर में उन्होंने 7,624 करोड़ रुपए की निकासी की थी।

    सितंबर से पहले अगस्त में एफपीआई ने 51,200 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी। वहीं जुलाई में वे 5,000 करोड़ रुपए के लिवाल रहे थे। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर से लगातार नौ माह तक एफपीआई बिकवाल बने रहे थे। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई के हालिया निवेश की वजह भारतीय शेयर बाजारों में तेजी, अर्थव्यवस्था में स्थिरता और अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपए की स्थिति बेहतर रहना है।

    उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर बात की जाए, तो अमेरिका में महंगाई अनुमान से कम बढ़ी है, जिससे यह संभावना बनी है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से बढ़ोतरी नहीं करेगा। इससे धारणा में सुधार हुआ है और भारतीय बाजार में एफपीआई का निवेश बढ़ा है। हालांकि, शेयर खरीदने के लाभ समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से 422 करोड़ रुपए निकाले हैं। इस महीने में भारत के अलावा फिलिपीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान और थाइलैंड के बाजारों में भी एफपीआई का प्रवाह सकारात्मक रहा है।

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