वैकल्पिक निवेश उत्पाद

Standardization & Quality Control of Iron & Steel
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है और पूर्ण गुणवत्ता रेजिम की ओर भी अग्रसर हो रहा है। पूर्ण गुणवत्ता रेजिम के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, इस्पात गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के दायरे में सभी प्रासंगिक भारतीय इस्पात मानकों को लाना आवश्यक है। भारत में, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) राष्ट्रीय मानक निकाय है, जो राष्ट्रीय मानकों, जिन्हें भारतीय मानक के रूप में जाना जाता है, के निर्माण और कार्यान्वयन के कार्य में संलग्न हैं। भारतीय मानकों को अपनाना या उत्पादों को इनकी प्रकृति के अनुसार आईएसआई चिह्न लगाने के लिए चिह्नित करना तब तक वैकल्पिक है जब तक कि इसे विशिष्ट कानून, नियमों और विनियमों के तहत अनिवार्य नहीं किया जाता है। सार्वजनिक हित में आईएसआई के चिह्नों के उपयोग को अनिवार्य बनाने के लिए केन्द्र सरकार को बीआईएस अधिनियम, 2016 की धारा 16 द्वाराअधिकृत किया गया है।
सरकार उद्योग, उपयोगकर्ताओं और जनसाधारण को गुणवत्ता वाले इस्पात की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इस्पात गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को लागू करती रही है। 2012-2020 (आज तक) के वैकल्पिक निवेश उत्पाद दौरान, सरकार ने 113 कार्बन इस्पात, मिश्र धातु इस्पात और स्टेनलेस स्टील उत्पादों को अधिसूचित किया है ताकि मुख्य रूप से निर्माण, बुनियादी ढांचे, ऑटोमोबाइल और इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों के लिए गुणवत्ता वाले इस्पात को उपलब्ध कराया जा सके।
इस्पात मंत्रालय ने 12 मार्च, 2012 की राजपत्र अधिसूचना के तहत दो गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों को अधिसूचित किया था, अर्थात् इस्पात और इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2012 वैकल्पिक निवेश उत्पाद और इस्पात और इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) द्वितीय आदेश, 2012। पहले आदेश में 7 मानकों और दूसरे आदेश में 9 उत्पादों (एक उत्पाद को बाद में वापस ले लिया गया) को अधिसूचित किया गया था वैकल्पिक निवेश उत्पाद और अब इन उत्पादों को अनिवार्य प्रमाणन की आवश्यकता है। 18 दिसंबर, 2015 को इस्पात मंत्रालय ने इस्पात और इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2015 के तहत 15 और उत्पादों को अधिसूचित किया। इसमें इस्पात के बने बुनियादी ढाँचे और इंजीनियरिंग उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख चपटे (फ्लैट) और लंबे उत्पादों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, सरकार ने 10 जून 2016 को स्टेनलेस स्टील उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2016 नामक एक और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किया, जिसमें 3 भारतीय मानकों के तहत कवर स्टेनलेस स्टील उत्पादों की 3 श्रेणियाँ शामिल की गईं। 13 अगस्त, 2018 को इस्पात मंत्रालय ने पूर्ववर्ती सभी इस्पात गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों को मिला दिया और 15 नए मानकों को एक एकल आदेश, अर्थात् इस्पात और इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2018में शामिल किया, जिसमें 53 इस्पात वैकल्पिक निवेश उत्पाद उत्पादों को कवर किया गया है। 22 जुलाई 2019 को इस्पात मंत्रालय ने एकल आदेश में 13 नए मानकों को जोड़ते हुए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश अर्थात् इस्पात और इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2019 जारी किया, जिसमें कुल 66 इस्पात उत्पादों को कवर किया गया। 14 फरवरी, 2020 को इस्पात मंत्रालय ने एकल आदेश में 25 नए मानकों को जोड़ते हुए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश अर्थात् इस्पात और इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 जारी किया, जिसमें कुल 91 इस्पात उत्पादों को कवर वैकल्पिक निवेश उत्पाद किया गया। 27 मई, 2020 को इस्पात मंत्रालय ने एक ही आदेश में 20 नए मानकों को जोड़ते हुए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश अर्थात् इस्पात और इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 जारी किया, जिसमें कुल 111 इस्पात उत्पादों को कवर किया गया।
बाद में, इस्पात मंत्रालय ने एक एकल आदेश में 02 नए मानकों को जोड़ा और 17 मई, 2020 को इस्पात और इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 अधिसूचित किया, जिसमें 113 इस्पात और इस्पात उत्पाद शामिल हैं। इस्पात और इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 को नीचे दिए गए लिंक पर देखा जा सकता है।