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क्रिप्टो करेंसी के रेगुलेशन के लिए मौजूदा कानून अपर्याप्त, सरकार संसद में जल्द बिल लाएगी- अनुराग ठाकुर, वित्त राज्य मंत्री#Bitcoin #CryptoCurrency @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/bgSvcG53jX — Zee Business (@ZeeBusiness) February 9, 2021
क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत
Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.
Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम Bitcoin समाचार अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.
डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स
सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार
क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.
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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?
वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये Bitcoin समाचार भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
कब से लगेगा नया टैक्स?
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार द्वारा 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीत कालीन सत्र में क्रप्टोकरेंसी पर कानून लाए जाने की खबर के बाद मंगलवार देर रात भारत में बिट कॉइन की कीमतें 17 प्रतिशत तक लुढ़क गई जबकि यू एस डी टी 12 प्रतिशत तक गिर गया। मंगलवार देर रात वजीर एक्स पर एक बिट कॉइन की कीमत 37 लाख 98 हजार रुपए के करीब चल रही थी और यह 46 लाख 35 हजार के अपने उच्चतम स्तर से करीब 18 प्रतिशत तक लुढ़क गया था जबकि यू एस डी टी देर रात 71 रुपए पर कारोबार कर रहा था और यह अपने 80 रुपए के उच्चतम स्तर से करीब 19 प्रतिशत गिर कर 65 रुपए तक पहुंच गया था। भारतीय निवेशकों को डर है कि सरकार इस पर नियंत्रण के लिए यदि कानून लाती है तो कानून में कड़े प्रावधान हो सकते हैं लिहाजा निवेशकों ने मंगलवार देर रात अपनी पोजिशंस स्कवेर आफ करनी शुरू कर दी हैं। बिट कॉइन के साथ साथ अन्य करंसी भी देर रात 25 प्रतिशत तक गिरावट के साथ कारोबार कर रही थी।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है।
हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है। इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिये सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाये जायेंगे । हाल के दिनों में काफी संख्या में ऐसे विज्ञापन आ रहे हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में काफी फायदे का वादा किया गया और इनमें फिल्मी हस्तियों को भी दिखाया गया। ऐसे में निवेशकों को गुमराह करने वाले वादों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी ।
पिछले सप्ताह वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लाकचेन एवं क्रिप्टो आस्ति परिषद (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों से मुलाकात की थी और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसका नियमन किया जाना चाहिए । भारतीय रिजर्ब बैंक ने बार बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने के प्रारंभ में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दिये जाने के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये थे और कहा था कि ये किसी वित्तीय प्रणाली के लिये गंभीर खतरा है।
पांच करोड़ बैरल तेल जारी करेगा अमेरिका
उधर, अमेरिकी सरकार ने कच्चे तेल की कीमतों को नीचे लाने के लिए अपने रणनीतिक तेल भंडार से पांच करोड़ बैरल तेल जारी करने का आदेश दिया है। अमेरिका अन्य देशों के साथ तालमेल कर कच्चे तेल की कीमतों को नीचे लाने का प्रयास कर रहा है। अमेरिकन ऑटोमोबाइल एसोसिएशन ने कहा कि अमेरिकी सरकार के इस कदम का मकसद गैस और पेट्रोल के दाम नीचे लाना है। इस समय इनकी कीमत 3.40 डॉलर प्रति गैलन पर है जो एक साल पहले की तुलना में दोगुना है। अमेरिका के अलावा भारत, जापान, कोरिया और ब्रिटेन ने भी रणनीतिक भंडार से कच्चा तेल जारी करने की घोषणा की है।
घोषणा के बाद अमेरिकी तेल 1.9% गिरकर 75.30 डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर पर आ गया। पिछली बार 2.5% बढ़कर 78.67 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 3.2% की बढ़त के साथ 82.31 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
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Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी पर जल्द आएगा कानून, सरकार ने किया ये ऐलान
Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही बिल ला सकती है. राज्य सभा में जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने जानकारी दी.
सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर बिल लेकर आएगी (फोटो - जी बिजनेस)
Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही बिल ला सकती है. राज्य सभा में जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने जानकारी दी. रॉयटर्स की खबर के मुताबक Bitcoin समाचार सरकार का मानना है कि देश में क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) के लिए पर्याप्त कानून नहीं है. ऐसे में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कुछ और कानून बनाने पर विचार कर रही है.
Elon Musk की कंपनी Tesla ने Bitcoin में पैसे लगाए
गौरतलब है कि एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी Tesla ने सोमवार को जानकारी दी है कि उसने Bitcoin में 1.5 बिलियन डॉलर इन्वेस्ट किया है. ये खबर आते ही बिटक्वाइन की कीमतों में 15 फीसदी तक की तेजी देखी गई. पहली बार ऐसा हुआ है कि Bitcoin का रेट 44,000 डॉलर से ज्यादा हो गया. दरअसल एक रेगुलेटरी के सामने टेस्ला ने इस बात का खुलासा किया. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडीटर अनिल सिंघवी के मुताबिक Elon Musk के पैसे लगाने के बाद आने वाले दिनों में दुनिया के कई देशों में Bitcoin को मान्यता मिल सकती है. दुनिया में आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरेंसी का फैशन बढ़ेगा. भारत समेत कई अन्य देश Bitcoin पर कर विचार कर सकते हैं . उन्होंने कहा कि हम दुनिया से अलग नहीं चल सकते. सरकार को ये साफ करने की जरूरत है कि भारत के लोगों को क्रिप्टो करेंसी में पैसे लगाने चाहिए या नहीं.
बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त उछाल bitcoin prices
Tesla Inc के खुलासा करते ही कि उसने बिटकॉइन में 1.5 बिलियन डॉलर का इन्वेस्ट किया है, बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया. यह 44,000 डॉलर पर पहुंच गया जो All time High है. टेस्ला ने यह भी कहा कि वह अपनी Bitcoin समाचार Bitcoin समाचार इलेक्ट्रिक कारों के पेमेंट के तौर पर वह डिजिटल टोकन को स्वीकार करना शुरू करेगी. दुनिया की सबसे प्रभावशाली कंपनियों में से एक और बिलियेनर एलन मस्क के बिटकॉइन में निवेश से पता चलता है क्रिप्टोकरेंसी को लोगों का कितना सपोर्ट मिल रहा है. जबकि मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी की वजह से पॉलिसी मेकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी की काफी आलोचना भी की है.
'बिटकॉइन में और बढ़ेगा निवेश' ('Bitcoin and investment will increase')
लंदन में नेक्सो के मैनेजिंग पार्टनर और को-फाउंडर एंटोनी ट्रेंशेव ने कहा कि- बिटकॉइन के लिए अपनी कंपनी के खजाने का 1.5 बिलियन डॉलर देने से पता चलता है कि इसने कितने बड़े पैमाने पर institutional adoption (संस्थागत स्वीकृति ) हासिल कर ली है. उन्होंने आगे कहा कि 'टेस्ला ने अब रास्ता साफ कर दिया है'. वहीं ट्रेंशेव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2022 के अंत तक S&P 500 कंपनियों में से कम से कम 10% का इन्वेस्टमेंट बिटकॉइन में होगा.
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कई कंपनियों ने लगाए हैं पैसे (Many companies have invested money)
वहीं दूसरी कंपनियों ने भी बिटकॉइन में इन्वेस्ट किया है. MicroStrategy Inc. ने इसपर करीब 1.1 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं. अक्टूबर में लंबे समय से क्रिप्टो के समर्थक रहे जैक डोर्सी की अध्यक्षता में Square Inc ने घोषणा कि थी उन्होंने 2020 की दूसरी तिमाही (second quarter) में अपनी कुल संपत्ति का लगभग 50 मिलियन डॉलर टोकन में बदल दिया. वहीं मिलर वैल्यू पाटनर्स के बिल मिलर ने कहा है कि यह तो महज शुरुआत है. बिटकॉइन के साथ विवाद और तारीफ दोनों जुड़े हुए हैं. जिसमें सबसे बड़ी चीज है इसकी अनिश्चितता. कुछ लोग इसे बुलबुले की तरह देखते हैं. वहीं बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि ये लंबे समय तक चलेगा.
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केंद्र सरकार जल्द ही लॉन्च करेगी डिजिटल Cryptocurrency, सभी निजी Cryptocoins पर लगेगा प्रतिबंध
क्रिप्टोकरेंसी में वैश्विक उछाल के बीच केंद्रीय वित्त मंत्रालय जल्द ही राज्य द्वारा जारी क्रिप्टोकरेंसी पर फैसला करेगी। हालांकि सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे।
क्रिप्टोकरेंसी में वैश्विक उछाल के बीच केंद्रीय वित्त मंत्रालय जल्द ही राज्य द्वारा जारी क्रिप्टोकरेंसी पर फैसला करेगी। हालांकि सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे। वीएचपी नेता गिरीश भारद्वाज (Girish Bharadwaj) को 10 नवंबर को लिखे एक पत्र में केंद्रीय उप निदेशक (मुद्रा) संजू यादव ने इस बात की पुष्टि की है कि सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को अभी भी भारत में कानूनी निविदा या सिक्का नहीं माना जाता है। चिट्ठी में ये भी कहा गया कि सरकार भारत में एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा (digital currency) पेश कर सकती है। वीएचपी नेता ने आतंकवाद, ड्रग्स और अन्य 'राष्ट्र विरोधी गतिविधियों' के लिए इसके इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए सभी Bitcoin समाचार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
चिट्ठी में लिखा है, "आभासी मुद्राओं (वीसी) से संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने के लिए सचिव आर्थिक मामलों की अध्यक्षता में गठित अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि इस मामले में लिए जाने वाले विनिर्देशों का प्रस्ताव है कि राज्य द्वारा जारी क्रिप्टोकरेंसियों को छोड़कर सभी निजी क्रिप्टो भारत में प्रतिबंधित है। इसके अलावा समिति का विचार था कि भारत में एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा की शुरूआत के संबंध में सलाह दी जाएगी। सरकार की सिफारिश पर निर्णय लिया जाएगा आईएमसी और विधायी प्रस्ताव, यदि कोई हो तो वह प्रक्रिया के बाद संसद में पेश किया जाएगा।"
सोमवार को वित्त पर संसदीय स्थायी समिति ने उद्योग संघों और विशेषज्ञों के साथ 'क्रिप्टोफाइनेंस: अवसर और चुनौतियां' मामले पर एक बैठक की। इस बैठक में यह निष्कर्ष निकाला कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है लेकिन इसे विनियमित किया जाना चाहिए। सांसदों द्वारा उठाई गई सबसे गंभीर चिंता निवेशकों के पैसे की सुरक्षा थी। सभी सांसदों में से किसी एक ने राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों में पूरे पृष्ठ के क्रिप्टोकरेंसी विज्ञापनों पर भी चिंता व्यक्त की। विशेषज्ञों ने कहा कि क्रिप्टो निवेशकों के लोकतंत्र का एक प्रकार है। सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी को विनियमित करने और इसे केंद्र के कर ढांचे के तहत लाने की योजना बना रही है। बीते दिन पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी और संबंधित वित्तीय मुद्दों के लिए विशेषज्ञों के साथ एक बैठक भी की है। इस जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर चर्चा की गई है। वर्तमान में भारत में दो क्रिप्टो यूनिकॉर्न CoinSwitch, Kuber और CoinDCX हैं।
केंद्र पिछले दो सत्रों से संसद में आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन को पेश करने की योजना बना रहा है। विधेयक का उद्देश्य सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करना और "आधिकारिक डिजिटल मुद्रा" के लॉन्च के लिए नियामक ढांचा तैयार करना है। यह व्यापार, खनन और क्रिप्टो जारी करने पर प्रतिबंध लगाने से पहले 3-6 महीने की निकास अवधि भी निर्धारित करेगा। आरबीआई राज्य द्वारा जारी क्रिप्टोकॉइन को विनियमित करने के लिए डीएलटी (डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी) का उपयोग करने की योजना बना रहा है। विधेयक पर अभी भी चर्चा चल रही है और इसे अभी कैबिनेट की मंजूरी मिलनी बाकी है।
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क्रिप्टोकरेंसी की तुलना बाल वेश्यावृति से की है और इसको प्रमोट करने वाले लोगों को स्कम बॉल्स कहकर संबोधित किया है.
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बिटकॉइन को लीगल टेंडर बनाने के समय राष्ट्रपति नाइब बुकेले ने इसे क्रांतिकारी कदम बताया था. उन्होंने कहा था कि इससे न केवल विदेशी निवेश बढ़ेगा, बल्कि नौकरियों के मौके भी बढ़ेंगे.
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क्रिप्टोकरेंसी का विश्वव्यापी बुलबुला अब फूटने लगा है. बिटकॉइन (Bitcoin) और एथेरियम (Ethereum) जैसे प्रसिद्ध क्रिप्टोटोकन, आर्थिक मंदी के बीच अपने रिकॉर्ड उच्चतम वैल्यू से लगभग 70 फीसदी गिर गए हैं.
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