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डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?

डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?
ट्रेडों पर शेयरों का हस्तांतरण भी डीमैट खाते के माध्यम से एक बहुत ही सरल प्रक्रिया बन गई है क्योंकि भौतिक प्रतिभूतियों जैसे स्टैंप ड्यूटी और अन्य शुल्कों में किए गए कुछ खर्चों को समाप्त कर दिया गया है। निवेशक के खाते में स्थानांतरण के लिए ली गई कुल लागत और समय भी कम हो गया है।

डीमैट अकाउंट क्या है - Demat Account Meaning in Hindi

डीमैट अकाउंट क्या है – Demat Account Meaning in Hindi

डीमैट अकाउंट क्या है , Demat Account Meaning in Hindi – शेयर मार्किट मे ट्रेडिंग करने के लिए Demat Account और Trading Account की जरुरत पड़ती है। जब मे google पे सर्च किया Demat अकाउंट क्या है तब मुझे सर्च रिजल्ट मे से एक दो आर्टिकल अच्छा लगा पर उस आर्टिकल का भाषा.कठिन शब्दो मे डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? लिखा हुआ था।

देखिये किताबो मे आप कठिन शब्दो का इस्तेमाल कोर सकते हो, लेकिन जब आप ब्लॉग या वेबसाइट के जरिये किसी टॉपिक के बारे मे लिखते हो तो आपको जितना हो सके सहज और सरल तरीके से लिखना होगा।

क्युकी लोग google का इस्तेमाल इसलिए करता है की उसके मन मे जो भी query है वो उन्हें सठिक और सहज शब्दो मे मिले। मेरा हमेशा कौसिस रहता है आपके लिए जितना हो सके सिंपल तरीके से आर्टिकल लिखना जिससे कोई भी reader हो उनको समझ ने मे कोई भी दिक्कत ना हो।

डीमैट अकाउंट क्या है – (what is Demat account)

Demat का फुल फॉर्म है Dematerialization। डीमैट अकाउंट एक तरह की स्टोरेज होता है। जब हम शेयर खरीदते है तो ख़रीदा हुआ शेयर को रखने के लिए जिस अकाउंट या कहलो जिस स्टोरेज की जरुरत पड़ती है उसी को ही डीमैट अकाउंट कहता है।

और अच्छे से समझ ने के लिए जैसे की हमारे नार्मल सेविंग बैंक अकाउंट होते है जिसमे हम अपनी रूपया जमा करते है, जरुरत पड़ने पर उसमे से रूपया निकल लेते है ठीक उसी तरह हमारे डीमैट अकाउंट होते है जिस मे जब हम कोई शेयर खरीदते है तो अपने डीमैट अकाउंट मे रखते है और जब कोई शेयर बेचना होता है तो वो शेयर हम डीमैट अकाउंट से निकल लेते है और जिसको हम बेचते है उसके डीमैट अकाउंट मे ट्रांसफर हो जाता है।

डीमैट अकाउंट का इतिहास

पहले जब कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं होता था, तब हम कोई शेयर खरीद ते थे तो हमे वो शेयर सर्टिफिकेट के द्वारा हातो मे दिया जाता था ये सर्टिफिकेट हमे फिजिकली फॉर्म मे मिलता था।

इसमे टाइम भी बहुत ज्यादा लगता था और हमारे ऊपर जिम्मेदारी भी काफी बड़ी होती डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? थी। क्युकी इस शेयर सर्टिफिकेट को हमे सामाल कर रखने होती थी। जब हम शेयर बेच ते थी तो हमे वो शेयर सर्टिफिकेट दिखाना होता था।

लेकिन जैसे जैसे कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग हुआ, डीमैट अकाउंट का concept आया तो ये हमारे लिए बहुति आसान हो गया और जो हमारे फिजिकली सर्टिफिकेट थे वो सरे इलेक्ट्रॉनिक डाटा मे कन्वर्ट हो गया।

भारत की बात कोरे तो NSE (National Stock Exchange) ने 1996 से शेयर को डीमैट अकाउंट मे जमा करना सुरु कोर दिया था। अब डीमैट अकाउंट मे हमारे पूरी transaction की डिटेल होती है की हम कब कोनसा शेयर ख़रीदा कितने मे ख़रीदा और कब बेचा कितने मे बेचा।

अगर किसीके पास पहले से पुराने शेयर की सर्टिफिकेट है तो उसको अगर शेयर बेचना है तो पहले उसको इलेक्ट्रिक फॉर्म मे convert करना होगा उसके बाद ही मार्किट मे बेच पायेगी।

डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है

डीमैट अकाउंट का काम ख़रीदा हुआ शेयर को रखने के लिए होता डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? है। बैंक अकाउंट मे हम लोग क्या करते है जब फण्ड डिपाजिट करके आते है तो हम लोग इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म मे इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से उस पैसे को देख सकते है मतलब कोही ना कोही इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म मे हमारे फण्ड डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? वह पर डिपाजिट है।

उसी प्रकार जब भी हम लोग स्टॉक के अंदर ट्रेड करते है सिक्योरिटी, स्टॉक्स खरीदते है तब हमारे पास डीमैट अकाउंट होना बहुत जरुरी है अगर हम लोगो को उस शेयर को होल्ड करना है तो।

जैसे की अगर आपके पास बैंक अकाउंट नहीं है और आप बैंक अकाउंट मे पैसा जमा करने जाओगे तो वह पर पैसा जमा नहीं होगा। ठीक उसी तरह हम लोगो को स्टॉक ट्रेडिंग करनी है शेयर सिक्योरिटी को होल्ड करना है तो हम डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? लोगो को डीमैट अकाउंट की जरुरत होती है।

एक उदाहरण से समझते है मान लीजे आपके पास एक बैग है उसके अंदर आपके वॉलेट है और वॉलेट मे कुच पैसा रखा है तो आप एक दुकान के पास जाते हो क्युकी आपको एक T- Shirt खरीदना है, तो ऐसे मे आप सेलर को pay करते हो मतलब वॉलेट से पैसा निकल के जो भी प्राइस होगा उस T- Shirt का वो आप सेलर को देते हो उसके बाद आप T- Shirt को आपके बैग मे रख ते हो तो ये सारी केस के अंदर जो आपके बैग है वही आपके डीमैट अकाउंट की तरह रियेक्ट करता है।

एहि काम होता है डीमैट अकाउंट का जब आप कोई शेयर खरीद लेते हो और उसको रख ने के लिए जिस अकाउंट का इस्तेमाल करते हो वही होता है डीमैट अकाउंट।

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।

डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? शुरुआत की।

डीमैट अकाउंट क्या होता है ?

यदि आपने शेयर मार्किट (Stock Market) की दुनिया में बिलकुल अभी कदम रखा है, तो आपने डीमैट अकाउंट (Demat Account) का नाम तो जरूर सुना होगा जिसके जरिये कोई शेयर ख़रीदा व बेचा जाता है | डीमैट अकाउंट का क्या मतलब (Meaning of demat account) होता है और यह शेयर मार्किट के लिए क्यूँ जरूरी है और आप अपना डीमैट अकाउंट ऑनलाइन कैसे खोले सकते है, इन सभी विषयों पर गहन रूप से जानकारी आपको हमारी टीम द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी |

डीमैट अकाउंट खुलवाने (Opening a demat account) के बहुत फ्यादे है जिसके बारे में आपको आगे इस लेख के माध्यम से पता चलेगा | शेयर मार्किट में डीमैट अकाउंट का होना ऐसे है जैसे शरीर में आत्मा का निवास | आपको पता चलेगा कैसे शेयर मार्किट में शेयर खरीदने के बाद किस अवस्था में सुरक्षित रखे जाते है और साथ ही डीमैट खाता इन प्रक्रिया के संचालन में किस प्रकार आपकी सहायता करता है |

क्या होता है डीमैट अकाउंट ?

Table of Contents

डीमैट अकाउंट एक वॉलेट की तरह होता है जिसमे आप शेयर मार्किट से ख़रीदे गए शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सुरक्षित रख सकते है और साथ जब कभी भी आपको शेयर बेचना होता है तो उसी डीमैट अकाउंट के द्वारा वो शेयर मार्किट में बेच दिए जाते है | डीमैट अकाउंट का मतलब “Dematerialization” होता है जिसकी उत्पत्ति 90 के दशक के बाद हुई | उन दिनों शेयर खरीदने पर आपको एक कागज़ का प्रमाण पत्र दे दिया जाता था लेकिन आईटी के विस्तार के बाद कागज़ या मटेरियल प्रमाण पत्रों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल दिया गया, जिसे ‘डिमटेरियलाइज़ेशन’ और जिस खाते में शेयर को इलेक्ट्रॉनिक अवस्था में रखा गया उसे डीमैट अकाउंट कहा गया |

डीमैट अकाउंट के भाग (Parts of Demat Account)

किसी भी डीमैट खाते में चार प्रकार के प्रतिभाग होते है

डीमैट अकाउंट कैसे खोले ? How to Open a Demat Account?

यदि शेयर मार्किट में शेयर को खरीदना व बेचना चाहते है तो इसके लिए आपको सेबी रजिस्टर्ड किसी भी प्लेटफार्म पर आवेदन करना होगा | इस लेख के माध्यम से हम Zerodha Platform पर ऑनलाइन अकाउंट कैसे ओपन करते है, Step by Step आपको बताया जा रहा है : –

  • सबसे पहले https://zerodha.com/ पर विजिट करे |
  • इसके बाद आपको ‘Sign up Now‘ पर क्लिक करना होगा |
  • इसके बाद आपको अपने मोबाइल नम्बर (जो आपके बैंक खाते व आधार में एक जैसा हो) डालकर प्रक्रिया को शुरू करना होगा |
  • आपके दिए गये नम्बर पर आपको ओटीपी भेजा जाएगा जिसे आपको अगले चरण में दर्ज करना है |
  • अब अगले चरण में आपको पैन कार्ड दर्ज करना होगा |
  • अब आपको अपने ट्रेड के अनुसार प्लान चुनकर पेमेंट करना होगा |

डीमैट अकाउंट - अर्थ, प्रकार, लाभ, डीमैट खाता ऑनलाइन कैसे खोलें

डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जो निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों या प्रतिभूतियों को रखने की अनुमति देता है। खरीदे गए शेयरों को डीमैट खाते में जमा किया जाता है और इसी तरह बिक्री के समय, प्रतिभूतियों को खाते से डेबिट किया जाता है। इस खाते का उपयोग शेयरों, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड, आदि जैसे निवेश का एक विस्तृत विकल्प रखने के लिए किया जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडों का न्यायिक उपयोग करने के लिए 1996 में शेयरों के डीमैटरियलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। डीमैटरियलाइज्ड या डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक मोड में शेयरों को रखने में मदद करता है और लोगों को सुरक्षित तरीके से बिक्री के मामले में शेयरों को खरीदने और आय एकत्र करने में मदद करता है।

प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए उपयुक्त है जो अनिवासी भारतीय (NRI) हैं। इस प्रकार का डीमैट खाता विदेशों में पूंजी स्थानांतरित करने की अनुमति देता है। हालांकि, गैर-निवासी एक्सटर्नल (NRE) बैक खाते की आवश्यकता है।

गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो फिर से अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए उपयुक्त है, लेकिन विदेशों में धन का हस्तांतरण नहीं हो सकता है। इस प्रकार के डीमैट खाते के साथ संबद्ध होने के लिए एक अनिवासी आयुध (NRO) बैंक खाते की आवश्यकता होती है।

डीमैट खाते के कई लाभ हैं जो नीचे उल्लिखित हैं:

1. सुगमता

डीमैट खाते नेट बैंकिंग के माध्यम से निवेश और लेनदेन के स्टेटमेंट की आसान पहुंच प्रदान करते हैं। डीमैट खाते के माध्यम से लेनदेन और निवेश का विवरण आसानी से ट्रैक किया जा सकता है।

ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें?

डीमैट खाता खोलना, एक बहुत ही सरल और परेशानी रहित प्रक्रिया है। खाता खोलने के चरण नीचे दिए गए हैं:

1. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) सेलेक्ट करें।

2. आवश्यक विवरण के साथ खाता खोलने का फॉर्म भरें और इसके साथ आवश्यक दस्तावेज जमा करें। डीमैट खाता खोलने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है।

3. फॉर्म जमा करने के बाद, नियमों और विनियमों की प्रतिलिपि, समझौते की शर्तें, शुल्क जमाकर्ता प्रतिभागी द्वारा प्रदान किए जाएंगे।

4. इन-पर्सन सत्यापन भी अनिवार्य है और इसलिए, डीपी अधिकारी कर्मचारियों के एक सदस्य को खाता खोलने के रूप में प्रदान किए गए विवरण को सत्यापित करने के लिए व्यक्ति से संपर्क करना होगा।

5. सत्यापन के बाद, डीपी स्टाफ का सदस्य एक खाता संख्या या ग्राहक आईडी देगा। इन विवरणों को ऑनलाइन भी चेक किया जा सकता है।

6. डिमैट खाते के लिए एक वार्षिक रखरखाव शुल्क भी लिया जाता है जो खाता लेनदेन शुल्क को कवर करता है। ये शुल्क डीपी द्वारा निर्धारित संरचना के अनुसार लागू होते हैं।

रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat account)

शेयर बाजार में एंट्री करने वाले निवेशकों के लिए रेगुलर डीमैट अकाउंट किया जाता है. भारतीय निवेशक और ट्रेडर्स देश में ही रहते हैं और यहीं के शेयर बाजार में निवेश करते हैं. आप ये रेगुलर डीमैट खाता (Demat Account) किसी भी डिपॉजिट्री-CDSL या NSDL पर रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं. खाते से इलेक्ट्रॉनिकली शेयरों में निवेश और ट्रेड किया जाता है.

रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट्स नॉन-रेजिडेंट इंडियन्स (NRIs) के लिए होते हैं. इसके जरिए NRIs भारतीय शेयर बाजार में निवेश करते हैं. ट्रेडर्स और निवेशक इस अकाउंट के जरिए विदेश में फंड ट्रांसफर भी कर सकते हैं. लेकिन, फंड ट्रांसफर के लिए निवेशकों के पास NRE बैंक खाता भी होना चाहिए. इस खाते में ज्वाइंट होल्डर भी शामिल कर सकते हैं, जिन्हें भारतीय नागरिक होना चाहिए. हालांकि, वे कहां रह रहे हैं उस पर कोई पाबंदी नहीं है. इस डीमैट खाते में भी नॉमिनेशन सुविधा होती है.

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