रणनीति खरीदें या बेचें

Nestle India के शेयर में Q4 नतीजों के बाद क्या हो आपकी निवेश रणनीति, खरीदें, बेचें या रहें बने?
क्रेडिट सुईस ने इस स्टॉक Neutral रेटिंग दी है और इस स्टॉक के लिए 20,00 रुपये का लक्ष्य दिया है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि चौथी तिमाही में कंपनी का वॉल्यूम ग्रोथ मजबूत रही है।
नोमुरा ने इस स्टॉक पर अपनी Buy रेटिंग बनाए रखते हुए इस स्टॉक का लक्ष्य 20750 रुपये से बढ़कर 21,150 कर दिया है।
18 फरवरी यानी आज के कारोबार में Nestle India के शेयर में 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। बता दें कल यानी 17 फरवरी को कंपनी ने अपने चौथे तिमाही में नतीजे पेश किए थे जिसके मुताबिक 31 दिसंबर 2021 को समाप्त चौथी तिमाही में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 20 फीसदी गिरकर 386.6 करोड़ रुपये पर रहा है। जो कि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 483 रणनीति खरीदें या बेचें करोड़ रुपये रहा था।
बता दें कि कंपनी के मुनाफे में तिमाही आधार पर 37.7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इसी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी को 617 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इसमें 38 करोड़ रुपये का आकस्मिक प्रावधान भी शामिल था। अगर यह प्रावधान ना किया जाता तो यह मुनाफा और ज्यादा रहा होता।
चौथी तिमाही में कंपनी की आय सालाना आधार पर 8.9 फीसदी बढ़कर 3,739 करोड़ रुपये पर रही है जो कि पिछले साल की इसी अवधि में 3,432.6 करोड़ रुपये पर रही थी। कंपनी ने बोर्ड ने 10 रुपये फेस वैल्यू के प्रति शेयर पर 65 रुपये फाइनल डिविडेंड का भी एलान किया है।
Options Trading: क्या होती है ऑप्शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्या हो आपकी रणनीति
Options Trading: निश्चित ही ऑप्शंस ट्रेडिंग एक जोखिम का सौदा है. हालांकि, अगर आप बाजार के बारे में जानकारी रखते हैं और कुछ खास रणनीति बनाकर चलते हैं तो इससे मुनाफा अर्जित कर सकते हैं.
By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)
ऑप्शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )
डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्य वजह उच्च संभावित रिटर्न और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.
क्या है ऑप्शंस ट्रेडिंग?
Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्शंस (Call Options) खरीदते रणनीति खरीदें या बेचें हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्तेमाल किया जाता है स्ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्स को भविष्य में जाता हुआ देखते हैं.
जानकारी के बिना ऑप्शंस ट्रेडिंग मौके का खेल है. ज्यादातर नए निवेशक ऑप्शंस में पैसा खो देते हैं. ऑप्शंस ट्रेडिंग में जाने से पहले कुछ बुनियादी बातों से परिचित होना आवश्यक है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड - इक्विटी स्ट्रैटेजी, ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन हेमांग जानी ने ऑप्शंस ट्रेडिंग को लेकर कुछ दे रहे हैं जो आपके काम आ सकते हैं.
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धन की आवश्यकता: ऑप्शंस रणनीति खरीदें या बेचें की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है, ज्यादातर एक महीने की, इसलिए व्यक्ति को किसी भी समय पूरी राशि का उपयोग नहीं करना चाहिए. किसी विशेष व्यापार के लिए कुल पूंजी का लगभग 5-10% आवंटित करना उचित होगा.
ऑप्शन ट्रेड का मूल्यांकन करें: एक सामान्य नियम के रूप में, कारोबारियों को यह तय करना चाहिए कि वे कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं यानी एक एग्जिट स्ट्रेटजी होनी चाहिए. व्यक्ति को अपसाइड एग्जिट पॉइंट और डाउनसाइड एग्जिट पॉइंट को पहले से चुनना होगा. एक योजना के साथ कारोबार करने से व्यापार के अधिक सफल पैटर्न स्थापित करने में मदद मिलती है और आपकी चिंताओं को अधिक नियंत्रण में रखता है.
जानकारी रणनीति खरीदें या बेचें हासिल करें: व्यक्ति को ऑप्शंस और उनके अर्थों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ जार्गन्स से परिचित होने का प्रयास करना चाहिए. यह न केवल ऑप्शन ट्रेडिंग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा बल्कि सही रणनीति और बाजार के समय के बारे में भी निर्णय ले सकता है. जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, सीखना संभव हो जाता है, जो एक ही समय में आपके ज्ञान और अनुभव दोनों को बढ़ाता है.
इलिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग से बचें: लिक्विडिटी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्ति को ट्रेड में अधिक आसानी से आने और जाने की अनुमति देता है. सबसे ज्यादा लिक्विड स्टॉक आमतौर पर उच्च मात्रा वाले होते हैं. कम कारोबार वाले स्टॉक अप्रत्याशित होते हैं और बेहद स्पेक्युलेटिव होते हैं, इसलिए यदि संभव हो तो इससे बचना चाहिए.
होल्डिंग पीरियड को परिभाषित करें: वक्त ऑप्शंस के मूल्य निर्धारण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. प्रत्येक बीतता दिन आपके ऑप्शंस के मूल्य को कम करता है. इसलिए व्यक्ति को भी पोजीशन को समय रणनीति खरीदें या बेचें पर कवर करने की आवश्यकता होती है, भले ही पोजीशन प्रॉफिट या लॉस में हो.
मुख्य बात यह जानना है कि कब प्रॉफिट लेना है और कब लॉस उठाना है. इनके अलावा, व्यक्ति को पोजीशन की अत्यधिक लेवरेज और एवरेजिंग से भी बचना चाहिए. स्टॉक ट्रेडिंग की तरह ही, ऑप्शंस ट्रेडिंग में ऑप्शंस खरीदना और बेचना शामिल है या तो कॉल करें या पुट करें.
ऑप्शंस बाइंग के लिए सीमित जोखिम के साथ एक छोटे वित्तीय निवेश की आवश्यकता होती है अर्थात भुगतान किए गए प्रीमियम तक, जबकि एक ऑप्शंस सेलर के रूप में, व्यक्ति बाजार का विपरीत दृष्टिकोण रखता है. ऑप्शंस को बेचते वक्त माना गया जोखिम मतलब नुकसान मूल निवेश से अधिक हो सकता है यदि अंतर्निहित स्टॉक (Underlying Stocks) की कीमत काफी गिरती है या शून्य हो जाती है.
ऑप्शंस खरीदते या बेचते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:
- डीप-आउट-ऑफ-द-मनी (OTM) विकल्प केवल इसलिए न खरीदें क्योंकि यह सस्ता है.
- समय ऑप्शन के खरीदार के खिलाफ और ऑप्शन के विक्रेता के पक्ष में काम करता है. इसलिए समाप्ति के करीब ऑप्शन खरीदना बहुत अच्छा विचार नहीं है.
- अस्थिरता ऑप्शन के मूल्य रणनीति खरीदें या बेचें को निर्धारित करने के लिए आवश्यक कारकों में से एक है. इसलिए आम तौर पर यह सलाह दी जाती है कि जब बाजार में अस्थिरता बढ़ने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस खरीदें और जब अस्थिरता कम होने रणनीति खरीदें या बेचें की उम्मीद हो तो ऑप्शंस बेचें.
- प्रमुख घटनाओं या प्रमुख भू-राजनीतिक जोखिमों से पहले ऑप्शंस बेचने के बजाय ऑप्शंस खरीदना हमेशा बेहतर होता है.
नियमित अंतराल पर प्रॉफिट की बुकिंग करते रहें या प्रॉफिट का ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस रखें. अगर सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो ऑप्शंस ट्रेडिंग से कई गुना रिटर्न्स प्राप्त किया जा सकता है.
(डिस्क्लेमर : प्रकाशित विचार एक्सपर्ट के निजी हैं. शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्य लें.)
Published at : 18 Oct 2022 11:42 AM (IST) Tags: Options Trading Derivatives Call Option Put Option Trading in Options Stop loss हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
ZOMATO और PB Fintech पर दिग्गज ब्रोकरेज फर्मों से जानिये स्टॉक को खरीदें, बेचें या करें होल्ड
JEFFERIES ने ZOMATO पर निवेश रणनीति बताते हुए कहा कि कंपनी के फूड डिलिवरी बिजनेस को लेकर निवेशकों को भरोसा है
CITI की PB Fintech पर निवेश रणनीति बताते हुए कहा कि फर्म की डिजिटल-आधारित बीमा में एक प्रमुख मौजूदगी है
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किसी भी शेयर में उछाल या गिरावट उस कंपनी के अपने प्रदर्शन के अलावा उस सेक्टर में आये हुए उतार-चढ़ाव पर भी निर्भर करता है। बाजार में बैठे हुए दिग्गज ब्रोकरेज हाउसेज इन सभी बातों पर नजदीकी नजर बनाये रखते हैं। ब्रोकरेज हाउसेज के एक्सपर्ट और विश्लेषक अपने अध्ययन और विश्लेषण से बाजार में हुए छोटे-बड़े बदलावों के आधार पर निवेशकों के लिए सलाह पेश करते हैं। आज किन शेयरों में दांव लगाने की दिग्गज ब्रोकरेजेस सलाह दे रहे हैं तो जानते है किन स्टॉक्स पर खरीदने, बेचने या होल्ड करने पर है दिग्गज ब्रोकरेज हाउसेज की नजर-
JEFFERIES की ZOMATO पर निवेश रणनीति
JEFFERIES ने जोमैटो (ZOMATO) पर निवेश रणनीति बताते हुए इस पर खरीदारी की रेटिंग दी है। उन्होंने इसके शेयर का लक्ष्य 100 रुपये प्रति शेयर तय किया है। ब्रोकरेज जेफरीज का कहना है कि कंपनी के फूड डिलिवरी बिजनेस को लेकर निवेशकों को भरोसा है। मैनेजमेंट क्विक कॉर्मस को लेकर बुलिश है। वहीं Blinkit आगे कंपनी के लिए ग्रोथ इंजन बन सकता है।
रियल एस्टेट सेक्टर के किस स्टॉक को खरीदें या बेचें, ICICI Securities से समझिए निवेश रणनीति
ब्रोकरेज का कहना है कि लिस्टेड प्लेयर का मार्केट शेयर लगातार बढ़ रहा है.
घरेलू ब्रोकरेज और रिसर्च फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपने एक नोट में कहा है कि भारतीय आवासीय बाजार ने वित्त वर्ष 202 . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 30, 2022, 17:09 IST
नई दिल्ली. भारतीय आवासीय बाजार ने वित्त वर्ष 2022 में तेज रिकवरी दर्ज की है. इंडस्ट्री सेल्स वैल्यूम में तेजी आती देखी जा रही है और ये साल 2020 के स्तर पर पहुंच गई है. साथ ही बिना बिकी इन्वेंट्री वित्त वर्ष 2020-22 में 46 से घटकर 36 महीने पर आ गई है. घरेलू ब्रोकरेज और रिसर्च फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपने एक नोट में यह बात कही है.
ब्रोकरेज ने नोट में लिखा है कि सुधार के साथ ही कुछ समस्याएं भी आ रही है. ग्लोबल और भारत में ब्याज दरों में बढ़ोतरी से निर्माण की लागत बढ़ गई है. इस वजह से डेवलपर्स की ऑपरेटिंग मार्जिन घट रही है. साथ ही आवासीय मांग की स्थिरता पर भी चिंताएं जताई जा रही हैं.
कौन से टॉप पिक
ब्रोकरेज का मानना है कि हालांकि लिस्टेड कंपनियां इन समस्याओं का पहले ही अनुमान लगा चुकी थीं. कंपनियां अपने बैलेंस शीट को हेल्थी रखने के लिए दूसरे उपाय कर रही थीं. रियल एस्टेट स्पेस में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की टॉप पिक – डीएलएफ, ओबेरॉय रियल्टी, मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा) और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज (DLF, Oberoi Realty, Macrotech Developers (Lodha), Brigade Enterprises हैं.
मजबूती की वजह
ब्रोकरेज ने कहा कि हमारा मानना है कि लिस्टेड डेवलपर्स को थोड़ा नुकसान होगा लेकिन बहुत बड़ा कोई धक्का नहीं लगेगा. लिस्टेड प्लेयर का मार्केट शेयर लगातार बढ़ रहा है. साथ ही सैलरी और अच्छी वेज हाइक की वजह से डिमांड भी बनी हुई है. साथ ही लिस्टेड कंपनियों का साल 2020-22 के बीच कर्ज 45 फीसदी कम हुआ है. यह काफी अच्छी बात है.
ब्रोकरेज हाउस ने रियल एस्टेट शेयरों डीएलएफ, मैक्रोटेक डेवलपर्स, ओबेरॉय रियल्टी, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, सनटेक रियल्टी, शोभा लिमिटेड, महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स पर बाय रेटिंग दी है. इस बीच, इसने प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स पर एड रेटिंग और गोदरेज प्रॉपर्टीज के शेयरों पर बिकवाली का रुख रखा है.
वहीं, ऑस्ट्रेलिया के आरईए समूह के स्वामित्व वाली प्रॉपटाइगर डॉट कॉम ने अपनी नवीनतम ‘रियल इनसाइट रेजिडेंशियल’ रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल-जून, 2022 में सालाना वृद्धि कई गुना रही है क्योंकि पिछले साल की समान अवधि में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण आवासीय मांग गंभीर रूप से प्रभावित हुई थी. लिहाजा अब मांग तेजी से बढ़ रही है.
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