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रबी विपणन 2022-23 की गेहूं खरीदी आज से शुरू, फसल बेचने के लिए ऐसे करें स्लॉट बुकिंग

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उज्जैन. मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में रबी विपणन वर्ष 2022-23 के लिए समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी सोमवार 28 मार्च से शुरू कर दी गई है। ये खरीदी 10 मई तक जारी रहेगी। खरीदी के लिये जिले में कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा जिला उपार्जन समिति की अनुशंसा पर कुल 172 खरीदी केन्द्र स्थापित किए गए हैं। जिले भर के इन सभी गेंहूं खरीदी केंद्रों के माध्यम से जिले के किसान अपनी फसलें समर्थन मूल्य पर सरकार को विक्रय कर सकते हैं।


समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी हेतु स्लॉट बुकिंग की व्यवस्था भी शासन द्वारा कर ली गई है। जिले के किसान भाई गेहूं खरीदी केंद्र एमपी ऑनलाइन के केंद्र, नागरिक सुविधा के केंद्र, लोक सेवा गारंटी के केंद्र एवं स्वयं के मोबाइल से ही euparjan.nic.in पर निर्धारित तिथि का, अपनी पसंद की तिथि का और अपनी पसंद का केंद्र तहसील अंतर्गत स्थापित किसी भी गेहूं खरीदी केंद्र पर अपनी उपज विक्रय करने हेतु स्लॉट बुक कर सकते हैं।


3 दिन की जगह अब 7 दिनों में अपनी फसल बेच सकेंगे किसान

स्लॉट बुकिंग के लिए निर्धारित तीन दिनों मे अपनी उपज विक्रय करने के मोबाइल विपणन लिए शासन द्वारा निर्देश जारी किए गए थे, जिसे शासन द्वारा आज दिनांक को स्लॉट बुकिंग के उपरांत निर्धारित दिनांक से अधिकतम 7 कार्य दिवस में किसान अपनी उपज विक्रय कर सकेंगे।

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नरियावल मंडी में यूपीएसएस सेंटर पर किसानों के फर्जी मोबाइल नंबर डालकर खरीदा 560 कुंटल धान। कमिश्नर ने पकड़ा धान खरीद में फर्जीवाड़ा केंद्र प्रभारी पर एफआईआर।

खाद्य विभाग के क्रय केंद्र पर ट्रक में निकला 125 बोरी धान कम।ठेका निरस्त, फर्म ब्लैकलिस्टेड, केंद्र प्रभारी को प्रतिकूल प्रविष्टि।

, बरेली/उत्तरप्रदेश।
23 नवंबर/सानों के बजाय बिचौलियों से खरीदी जा रही फर्जी धान खरीद का कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने भंडाफोड़ कर दिया। मंगलवार दोपहर बाद नरियावल मंडी में लगे धान खरीद केंद्रों के निरीक्षण में कमिश्नर ने फर्जीवाड़ा पकड़ा। यूपीएसएस के केंद्र प्रभारी ने फर्जी मोबाइल नंबर डालकर नौ किसानों से 560 कुंटल धान की खरीद दिखाई। कमिश्नर ने मौके पर ही किसानों से मोबाइल नंबर पर बात कर पुष्टि की कोशिश की। आठ मोबाइल नंबर में अहमद रजा खान महेश पाल रामपाल के मोबाइल नंबर पर इनकमिंग नहीं थी। एक किसान जसोदा देवी के मोबाइल पर कॉल की गई तो कॉल किसी पुरुष ने रिसीव की। उसने धान बेचने से इनकार कर दिया। जिस पर यूपीएसएस इस्माइलपुर नरियावल मंडी के केंद्र प्रभारी संकल्प कटियार के खिलाफ थाना बिथरी चैनपुर में यूपीएसएस के क्षेत्रीय प्रबंधक ओमेंद्र कुमार की ओर से धोखाधड़ी, फर्जी किसानों के दस्तावेज तैयार करने, उनके नाम पर गहन जाँच कर आवश्यकता अनुसार सरकारी खरीद करने और सरकारी धन का गबन करने के आरोप में एफआईआरदर्ज कराई गई है। क्षेत्रीय साधन सहकारी समिति इस्माइलपुर के सेंटर इंचार्ज संकल्प कटियार से किसानों की फर्जी खरीद के संबंध में जवाब तलब किया गया। जिस पर वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए । इसके बाद उन पर विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं।

*फर्जी धान खरीद पर कमिश्नर ने बंद कराए नरियावल मंडी के दोनों सेंटर*

कमिश्नर संयुक्ता मोबाइल विपणन समद्दार ने नरियावल मंडी पर खाद्य विभाग के प्रभारी मंजीत सिंह से 344 कुंटल धान के संबंध में सत्यापन कराया। सत्यापन में सभी किसानों के धान खरीदे जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद उन्होंने खाद्य विभाग के दूसरे खरीद केंद्र की प्रभारी सुषमा से जानकारी की। सुषमा ने कहा कि 625 बोरी धान ट्रक ट्रक यूपी 25 टी 2556 में लोड कराया गया है । ट्रक सरकारी धान लेकर बीएल एग्रो फूड नवाबगंज जा रहा है। इस पर कमिश्नर ने अपने सामने ही ट्रक को रुकवा कर उसकी गिनती कराई। ट्रक में 500 बोरी धान निकले। जबकि सेंटर इंचार्ज ने 625 बोरा धान लोड होने की बात कही थी। 125 बोरा धान कम होने पर ठेकेदार श्री श्याम लॉजिस्टिक हैंडलिंग का ठेका तत्काल निरस्त कर दिया गया। उनकी फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। इसके अलावा केंद्र प्रभारी सुषमा को धान खरीद में लापरवाही बरतने के आरोप में प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। उनको सरकारी खरीद से हटा दिया गया है। यूपीएसएस के दो सेंटर को बंद कर दिया गया है। नारियावल मंडी में खाद्य विभाग के चार सेंटर हैं। सभी केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं किसानों से संपर्क कर वास्तविक धान की खरीद करें और लक्ष्य को पूरा कराएं।

*यूपीएसएस, पीसीयू, पीसीएफ के केंद्र कमिश्नर के रडार पर, एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट*

सरकारी खरीद केंद्रों में फर्जीवाड़ा पाए जाने पर कमिश्नर ने सख्त मोबाइल विपणन नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मंडल भर में धान खरीद में लगी एजेंसी यूपीएसएस पीसीयू और पीसीएफ के स्थापित खरीद केंद्रों की 21 नवंबर और 22 नवंबर को धान की किसान बार सत्यापन करते हुए मोबाइल नंबर के साथ रिपोर्ट देने के आदेश संबंधित जिला खरीद अधिकारी, अपर जिलाधिकारी को दिए हैं। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में बरेली पीलीभीत शाहजहांपुर और बदायूं में तीनों संस्थाओं द्वारा की गई खरीद के संबंध में सत्यापन रिपोर्ट दें। इन संस्थाओं के खरीद केंद्रों पर सबसे ज्यादा गड़बड़ी की शिकायतें कमिश्नर को मिल रही हैं।

*ललौरीखेड़ा गोदाम का निरीक्षण कर दूर कराएं समस्याएं*

धान उतार में हो रही देरी और डाला वसूली की शिकायतों को लेकर कमिश्नर ने सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला खरीद अधिकारी एडीएम से कहा है कि वह ललौरी खेड़ा गोदाम का निरीक्षण करें। धान उतार, डाला वसूली की जो समस्याएं आ रही हैं उनका समाधान कराएं। लापरवाही, भ्रष्टाचार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डाला वसूली करने वालों पर एफआईआर होगी। लालौरीखेड़ा गोदाम की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे कि राइस मिल वालों को सीएमआर उतारने में किसी तरह की समस्या ना हो।

निरीक्षण के समय श्री सचिन कुमार, सम्भागीय खाद्य विपणन अधिकारी, बरेली मण्डल, श्री कमलेश पाण्डेय, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, बरेली, श्री ओमेन्द्र कुमार, क्षेत्रीय प्रबन्धक यू0पी0एस0एस0 तथा श्री अनिल कुमार, सचिव मण्डी आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर! नहीं लगाने होंगे बिजली विभाग के चक्कर, मोबाइल की इस सुविधा से मिलेगी बिजली बिल की जानकारी

electricity bill information will be available on SMS and WhatsApp ; भोपाल ; मध्यप्रदेश सरकार लगातार जनता के हित के लिए कई बड़े कदम उठा रही है। ताकि प्रदेश की जनता को ज्यादा से ज्यादा सुविधा प्रदान कर सके। जिसके लिए मध्यप्रदेश शासन लगातार काम कर रही है। हाल ही में प्रदेश में एक ऐसी सुविधा शुरू की गई है। जिसके चलते प्रदेशवासियों को बिजली बिल से जुड़ी सारी जानकारी घर बैठे मिल सकेगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक ऐसी सुविधा उपलब्ध करवाई है। जिससे लोगों का समय भी बचेगा और घर से दूर होने के बाद भी बिजली बिल से जुडी सारी जानकारी घर बैठे मिल सकेगी।

एसएमएस और व्हाट्सएप पर मिलेगी बिजली बिल की जानकारी

electricity bill information will be available on SMS and WhatsApp ; विद्युत वितरण कंपनी के बिजली उपभोक्ताओं को कंपनी द्वारा रीडिंग लेने के पश्चात बिल जनरेट होने के तुरंत बाद ही मोबाइल पर एसएमएस के साथ व्हाट्सएप पर भी बिजली बिल की सारी जानकरी मिल सकेगी। हालांकि कंपनी द्वारा ये सुविधा चालू माह पहले से ही उपलब्ध करा दी गई है। जिसके चलते अभी तक लगभग छ: लाख से अधिक उपभोक्ताओं को व्हाट्सएप पर बिजली बिल उपलब्ध कराये गये हैं। कंपनी द्वारा रीडिंग लेने के पश्चात बिल जनरेट होने के तुरंत बाद ही मोबाइल पर एसएमएस के साथ व्हाट्सएप पर जानकारी मिलने की वजह से बिजली उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली है।

प्रदेश के 16 जिलों के सभी श्रेणी में लागू की गई यह सुविधा

electricity bill information will be available on SMS and WhatsApp : कंपनी द्वारा ये सुविधा फिलहाल भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर और चंबल संभाग के 16 जिलों के सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए लागू की गई है। जिसके चलते कंपनी द्वारा उठाए गए इस कदम की लाखों उपभोक्ता जमकर तारीफ कर रहे है। इसके साथ ही आपको बता दें कि बिजली बिल ईमेल, एस.एस.एस., upay एप, कंपनी पोर्टल portal.mpcz.in के अलावा अब व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध हैं। कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा द्वारा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र में आईटी के अनुप्रयोग लागू करने के साथ कई नवाचारों में उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है, जिससे कंपनी की कार्यक्षमता बढऩे के साथ उपभोक्ताओं के संतोष में भी वृद्धि हुई है।

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Current Affairs search results for: "CCI fines Google Rs 936 crore for abusing its dominant position in its Play store policy "

1. गूगल कर्नाटक में स्थानीय स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगा


तकनीकी दिग्गज गूगल ने 17 नवंबर 2022 को कर्नाटक सरकार के साथ राज्य भर में स्थानीय स्टार्टअप को बढ़ावा देने और डिजिटल स्किलिंग पहल के माध्यम से नए अवसर पैदा करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया हैं। भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऐसा इकोसिस्टम है, जिसमें कर्नाटक, भारत का स्टार्ट-अप हब है।

गूगल राज्य सरकार के कर्नाटक इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी सोसाइटी के साथ मिलकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में महिलाओं के नेतृत्व वाले संस्थापकों और स्टार्टअप्स को गूगल के टूल और तकनीकों के आवश्यक प्रशिक्षण, भागीदारों और विशेषज्ञता तक पहुंच प्रदान करेगा।

कंपनी इन संस्थापकों को विकास, मुद्रीकरण और तकनीकी कौशल के साथ मदद करने के लिए क्लाउड, उपयोगकर्ता अनुभव, एंड्रॉइड, वेब, उत्पाद रणनीति, नेतृत्व और विपणन जैसे क्षेत्रों में ज्ञान और सलाह सत्र भी आयोजित करेगी।

भारत में गूगल की स्टार्टअप मेंटरशिप पहल

गूगल के अनुसार, इसने 1,500 से अधिक स्टार्टअप्स को सलाह दी है, जिन्होंने सामूहिक रूप से $2 बिलियन से अधिक राशि जुटाई है और 12,000 से अधिक नौकरियां सृजित की हैं। अपने स्टार्टअप त्वरक के माध्यम से, कंपनी का कहना है कि उसने 2015 से छह बैचों में 116 स्टार्टअप का पोषण किया है।

जून 2022 में, तकनीकी दिग्गज ने महिला संस्थापकों के लिए एक समर्पित स्टार्टअप त्वरक कार्यक्रम शुरू किया, जो उन चुनौतियों का समाधान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो उनके अनुभव के लिए अद्वितीय हैं।

इसने जुलाई 2022 में स्टार्टअप स्कूल इंडिया नाम से एक वर्चुअल स्टार्टअप मेंटरिंग प्रोग्राम भी लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य टियर 2 और टियर 3 शहरों में 10,000 स्टार्टअप्स को पोषण देना है।

गूगल

इसका गठन 1998 में लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन द्वारा किया गया था। 2015 में, गूगल को अल्फाबेट कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में पुनर्गठित किया गया था।

यह एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी है जो खोज इंजन प्रौद्योगिकी, ऑनलाइन विज्ञापन, क्लाउड कंप्यूटिंग, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, क्वांटम कंप्यूटिंग, ई-कॉमर्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स पर केंद्रित है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी: सुंदर पिचाई

वैश्विक मुख्यालय: कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका

गूगल इंडिया मुख्यालय: हैदराबाद

2. सीसीआई ने गूगल को अपनी प्ले स्टोर नीति में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए 936 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

CCI fines Google Rs 936 crore

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सर्च इंजन दिग्गज गूगल पर "अपनी प्ले स्टोर नीतियों के संबंध में अपनी ‘प्रमुख स्थिति’ का दुरुपयोग करने" के लिए 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।यह दूसरी बार है जब सीसीआई ने गूगल पर जुर्माना लगाया है। पिछले हफ्ते एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 1,337.76 करोड़ मोबाइल विपणन रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

सीसीआई ने गूगल को अपने प्ले स्टोर पर एक ऐप की लिस्टिंग के संबंध में भेदभावपूर्ण नीति का पालन करते हुए पाया। गूगल प्ले स्टोर एंड्रॉइड आधारित उपकरणों के लिए आधिकारिक ऑनलाइन स्टोर है।एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम ,गूगल द्वारा विकसित किया गया है और भारत में लगभग 96% स्मार्टफोन एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं।

मामला क्या है ?

अगर कोई कंपनी जिसने एंड्रॉइड ऐप विकसित किया है और प्लेस्टोर पर सूचीबद्ध होना चाहता है तो उसे गूगलको शुल्क देना होता है । ऐप डेवलपर को गूगल को शुल्क का भुगतान करने के लिए केवल गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम (जीपीबीएस) का उपयोग करना होता है ।

जो ऐप डेवलपर्स जीपीबीएस का उपयोग नहीं करते हैं उन्हें अपने उत्पादों को गूगल प्ले स्टोर पर सूचीबद्ध करने की अनुमति नहींहोती है।

गूगल की इस नीति को सीसीआई द्वारा प्रतिस्पर्धा सिद्धांत के उल्लंघन के रूप में पाया गया क्योंकि गूगलअपने बाजार प्रभुत्व की स्थिति का दुरुपयोग कर ,अपने भुगतान प्रतियोगी जैसे यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), वॉलेट और अन्य ऐप को बाजार से बाहर रख रहा था ।

सीसीआईके अनुसार गूगल ने ऐप डेवलपर्स को इन-ऐप भुगतान प्रणालियों का उपयोग करने के लिए मजबूर किया क्योंकि इन-ऐप डिजिटल सामान बेचने से इन डेवलपर्स के लिए अपने काम का मुद्रीकरण करने का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है ।

नियामक ने अपने प्ले स्टोरपर तृतीय-पक्ष बिलिंग भुगतान प्रसंस्करण प्रणालियों तक पहुंच प्रदान करने सहित गूगल को आठ सुधारात्मक उपायों का सुझाव दिया है।

सीसीआई ने सुधारात्मक उपायों को लागू करने और अपने आचरण को संशोधित करने के लिए गूगल को 30 दिन का समय दिया है।

Kisan Suvidha Portal लॉन्च हुआ PM किसान का नया पोर्टल : मिलेंगी बहुत सुविधाएं

Kisan Suvidha Portal लॉन्च हुआ PM किसान का नया पोर्टल : मिलेंगी बहुत सुविधाएं : यदि आप एक किसान हैं और घर बैठे खेती से जुड़ी पूरी जानकारी समय-समय पर प्राप्त करना चाहते हैं, इसके साथ ही प्रधानमंत्री के द्वारा चल रहे किसान से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ समय-समय पर प्राप्त करना चाहते हैं। तो इसके लिए विभाग ने एक नई पोर्टल शुरू किया है, जिसके माध्यम से आप इससे जुड़ी पूरी जानकारी समय-समय पर चेक कर पाएंगे। इसके लिए आपको अपने मोबाइल में Kisan Suvidha Portal App Download करना होगा। जिसमें किसान से जुड़ी हर जानकारी, हर योजना संबंधी पूरी व्यवस्था है।

Kisan Suvidha Portal Register Process

Kisan Suvidha Portal

आप इसका लाभ आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। आप इसमें बहुत सी जानकारी जैसे भुगतान की स्थिति, पंजीकरण स्टेटस, उर्वरक स्टॉक की स्थिति, उर्वरक मूल्य जाने का लाभ, फसल बीमा का लाभ, खेती करने के विशेष यंत्र आदि ऐसी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे Kisan Suvidha Portal Kya Hai, Kisan Suvidha Portal Online Registration Kaise Kare, Kisan Suvidha Portal Register Process इसके लिए आप हमारे इस पोस्ट को अंत तक पूरा जरूर पढ़े।

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