डायरेक्ट ब्रोकर

डायरेक्ट प्लान VS रेगुलर प्लान, किसमें कितना फायदा
योर मनी में बात होगी डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान। डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान में क्या फर्क है।
योर मनी में बात होगी डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान। डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान में क्या फर्क है और कौन सा प्लान आपको देगा ज्यादा कमाई दे सकता है। इसपर बात करने के लिए हमारे साथ मौजूद हैं आनंदराठी प्राइवेट वेल्थ के सीईओ फिरोज अजीज
डायरेक्ट प्लान VS रेगुलर प्लान पर बात करते हुए फिरोज अजीज का कहना है कि डायरेक्ट प्लान अक्सर म्युचुअल फंड हाउस वेबसाइट से लेते हैं जबकि रेगुलर प्लान एडवाइजर, ब्रोकर या डिस्ट्रीब्यूटर से लेते हैं। डायरेक्ट प्लान का एनएवी रेगुलर के मुकाबले ज्यादा होता है। दोनों स्कीम का निवेश एक समान होता है।
उन्होंने आगे कहा कि रेगुलर प्लान, फंड हाउस डिस्ट्रीब्यूटर को कमीशन देता है। एक्सपेंस रेश्यो के तौर पर निवेशक से खर्च की वसूली की जाती है। रेगुलर प्लान का एक्सपेंस रेश्यो ज्यादा होता है। बाजार की जानकारी कम होने पर रेगुलर प्लान लें। ब्रोकर या एडवाइजर से फंड लेने पर बेहतर सलाह होगी।
वहीं डिस्ट्रीब्यूटर ना होने से डायरेक्ट प्लान प्लान में खर्च कम होता है। इसका एक्सपेंस रेश्यो रेगुलर के मुकाबले कम होता है। रेगुलर प्लान की तुलना में बेहतर रिटर्न मिलता है। सालाना रिटर्न 0.5 फीसदी -1.5 फीसदी तक ज्यादा होता है। डायरेक्ट प्लान में सीधे एएमसी के जरिए निवेश किया जाता है। बाजार की समझ होने पर डायरेक्ट प्लान लें। निवेशक को खुद रिसर्च कर फंड चुनने होते हैं। ऑनलाइन खरीदा हर फंड डायरेक्ट प्लान नहीं होता है। ऑनलाइन पोर्टल डायरेक्ट प्लान पर चार्ज लेते हैं। कई ऑनलाइन पोर्टल रेगुलर प्लान भी देते हैं। एएमसी वेबसाइट से डायरेक्ट प्लान लें।
म्यूचुअल फंडों के डायरेक्ट प्लान में निवेश का क्या तरीका है?
निवेशकों को म्यूचुअल फंड की सभी स्कीमें दो वैरियंट में पेश की जाती हैं. इसमें एक है रेगुलर प्लान और दूसरा डायरेक्ट प्लान. रेगुलर प्लान में म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर को दिया जाने वाला कमीशन या ब्रोकरेज शामिल होता है. वहीं, डायरेक्ट प्लान में इस तरह की कोई कॉस्ट जुड़ी नहीं होती है. ऐसे में यह बेनिफिट निवेशकों को सीधे दिया जाता है. म्यूचुअल फंड हाउस निवेशकों को सीधे डायरेक्ट प्लान की पेशकश करते हैं.सेबी के निर्देश के अनुसार, म्यूचुअल फंड कंपनियों ने सात साल पहले से स्कीमों के डायरेक्ट प्लान पेश करने शुरू किए हैं. स्कीम के डायरेक्ट प्लान के मामले में निवेशकों को याद रखना चाहिए कि उन्हें अपने आप स्कीम का चुनाव करने की जरूरत पड़ती है.
एक बार जब आप यह तय कर लेते हैं कि किस स्कीम में निवेश करना है, फिर यह सवाल आता है कि इसमें कैसे पैसा लगाना है. स्कीम में पैसा लगाने के दो तरीके हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन. ऑफलाइन के मामले में आपको इंवेस्टमेंट एप्लीकेशन फॉर्म भरने की जरूरत पड़ती है.
अगर आप फंड हाउस की वेबसाइट या ट्रांजेक्शन पोर्टल के जरिये सीधे निवेश के लिए ऑनलाइन रास्ते का इस्तेमाल करते हैं तो 'डायरेक्ट प्लान' ऑप्शन चुनना होगा. यह ब्रोकर कोड दर्ज करने की जरूरत को डिसेबल कर देगा. अगर निवेशक एडवाइजर की सेवाएं ले रहा है तो एडवाइजर रजिस्ट्रेशन नंबर देने की जरूरत होगी.
इंवेस्टमेंट एप्लीकेशन फॉर्म में डिस्ट्रीब्यूटर/ब्रोकर कोड दिया होता है. फॉर्म भरते समय उस स्थान पर 'डायरेक्ट' लिखना जरूरी होता है. बाकी का फॉर्म रेगुलर प्लान जैसा होता है.
अगर आप अपने निवेश को डायरेक्ट प्लान में ले जाना चाहते हैं तो आपको स्विच रिक्वेस्ट डालनी होगी. इस प्रक्रिया में रेगुलर प्लान से पैसा निकालकर डायरेक्ट प्लान में निवेश किया जाता है. इस तरह के रिडेम्पशन में एग्जिट लोड और कैपिटल गेन टैक्स, जो लागू हों, देने पड़ते हैं.
-कोई कमीशन शामिल न होने के कारण रेगुलर प्लान की अपेक्षा डायरेक्ट प्लान की एनएवी ज्यादा होती है. यही कारण है कि डायरेक्ट प्लान का एक्सपेंस रेशियो भी कम होता है.
-जबकि ये दो अलग-अलग प्लान होते हैं, लेकिन स्कीम का डायरेक्ट ब्रोकर पोर्टफोलियो एक जैसा होता है.
क्या मैं स्टॉक ब्रोकर के बिना भारत के शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं? [2022] | Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?
अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करते हैं और यह जानना चाहते हैं की क्या हम बिना ब्रोकर के शेयर मार्केट में जुड़ सकते हैं? अगर हाँ तो कैसे? तो यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ आपके लिए है इसे पढ़ने के बाद आपके सभी सवालों का जवाब आपको आसानी से मिल जाएगा – Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?
आप बिना ब्रोकर के भी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं और आप यह कैसे कर सकते हैं कि हम आपको इस लेख द्वारा समझाएंगे “क्या मैं ब्रोकर के बिना शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं?”
अधिकतर, आपने दलालों के माध्यम से शेयर खरीदे थे, है ना? और क्या होगा अगर आपको पता चले कि आप ब्रोकर की भागीदारी से शेयरों में निवेश या खरीद भी कर सकते हैं।
चलिए विस्तार से जानते हैं कैसे?
Table of Contents
क्या मैं स्टॉक ब्रोकर के बिना भारत में शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं? – Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?
कोई भी व्यक्ति जो भारतीय शेयरों में निवेश करना चाहता है, शेयर खरीदने या बेचने के लिए सीधे शेयर बाजारों में नहीं जा सकता है। स्टॉक की खरीद-बिक्री स्टॉक ब्रोकर्स के माध्यम से करनी होती है। यह ऑनलाइन (जैसे Groww) या ऑफलाइन हो सकता है।
स्टॉक ब्रोकर एक व्यक्ति या वित्तीय संस्थान होता है, जिसे सेबी द्वारा शेयर बाजारों में व्यापार करने के लिए लाइसेंस और अधिकृत किया जाता है। शेयर बाजार तक उनकी सीधी पहुंच भी है। वे कंपनियों के शेयर लेनदेन में आपके एजेंट के रूप में कार्य कर सकते हैं।
एक स्टॉकब्रोकर स्टॉक, डिबेंचर, सरकारी बॉन्ड और सूचीबद्ध संपत्ति ट्रस्ट और गैर-सूचीबद्ध निवेश विकल्पों पर सलाह जैसी अतिरिक्त सेवाएं भी दे सकता है। प्रदान की गई सेवाओं के लिए, स्टॉकब्रोकर ब्रोकरेज शुल्क लेते हैं।
साथ ही, एक स्टॉकब्रोकर आपके निवेश पोर्टफोलियो की योजना बना सकता है, उसे लागू कर सकता है और उसकी निगरानी कर सकता है, शोध कर सकता है और शेयर बाजारों में आपके रिटर्न को अनुकूलित करने में आपकी मदद कर सकता है।
अगर आप बिना स्टॉक ब्रोकर के शेयर मार्किट में निवेश करना चाहते हैं तो आप ग्रो (Groww) जैसे ऑनलाइन इन्वेस्टिंग प्लेटफार्म का सहारा ले सकते हैं, जो की आपसे ना के बराबर शुल्क चार्ज करते हैं।
डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें?
भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करने के लिए ट्रेडिंग और डीमैट खाता होना अनिवार्य है।
पहला कदम एक स्टॉकब्रोकर चुनना है।
इसके बाद, एक डीमैट और एक ट्रेडिंग खाता खोलें जिसमें स्टॉक इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपके पोर्टफोलियो से जुड़े होंगे।
ट्रेडिंग खाता आपके बैंक खाते के समान है, जिसे स्टॉक ब्रोकर के साथ खोलने की आवश्यकता होती है। इस खाते का उपयोग शेयर बाजारों में ऑर्डर देने यानि स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है।
एक डीमैट खाता वह होता है जहां स्टॉक को डीमैट रूप में रखा जाता है (यानी निवेशकों द्वारा प्रमाण पत्र के भौतिक कब्जे के बजाय इलेक्ट्रॉनिक रूप से)। जब आप अपने ट्रेडिंग खाते के माध्यम से स्टॉक खरीदते या बेचते हैं तो स्टॉक प्राप्त करना या स्थानांतरित करना आवश्यक होता है।
ट्रेडिंग/डीमैट खाता खोलने के लिए इन चरणों का पालन करें:
- BSE और NSE के साथ पंजीकृत स्टॉक ब्रोकर से संपर्क करें
- KYC फॉर्म भरें
- आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें: पहचान प्रमाण और पते का प्रमाण
- खाता खोलते समय पैन कार्ड प्रस्तुत करें
- उस बैंक खाते का एक रद्द किया गया चेक जिसे आप अपने ट्रेडिंग खाते से लिंक करना चाहते हैं और आपकी हाल की पासपोर्ट आकार की तस्वीरें अपलोड करें
यदि आप उपरोक्त सभी मानदंडों को पूरा करते हैं, तो अपने आप को भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने से न रोकें।
हमेशा याद रखें कि निवेश का निर्णय बाजार के उतार-चढ़ाव या उसकी अटकलों पर आधारित नहीं होना चाहिए। इसलिए, किसी कंपनी में केवल इसलिए निवेश करने से बचें क्योंकि किसी विशेष कंपनी के शेयर की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं या कीमत बहुत कम है और आप इसके बढ़ने की उम्मीद करते हैं। डेटा-समर्थित निर्णय लें।
भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करने की न्यूनतम आयु क्या है? – Minimum Age to Invest in Share Market in Hindi?
जैसे भारत के शेयर बाजारों में निवेश करने के लिए कोई आयु प्रतिबंध नहीं है।
डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के लिए आपकी उम्र सिर्फ 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए पैन कार्ड होना जरूरी है और आप केवल तभी पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं जब आपकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक हो।
नाबालिगों/18 साल से कम उम्र के लिए शेयर बाजार में निवेश
यदि आपकी आयु 18 वर्ष से कम है, तब भी डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलना संभव है। आप अपने अभिभावक के दस्तावेज जमा करके ऐसा कर सकते हैं।
आप नैसर्गिक अभिभावकों (जैसे माता-पिता) या अदालत द्वारा नियुक्त अभिभावक द्वारा नाबालिग के नाम पर ब्रोकरेज में डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं।
सभी आवश्यक दस्तावेजों को सत्यापित करने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट आपको भारतीय शेयर बाजारों में व्यापार करने की अनुमति देगा।
क्या कोई छात्र भारत में शेयर बाजारों में निवेश कर सकता है?
हां। यदि छात्र की आयु 18 वर्ष से अधिक है, तो उसे नियमित निवेशक के रूप में माना जाएगा। अगर वह नाबालिग है तो नाबालिगों के लिए नियम लागू होंगे।
नोट: शेयर मार्किट जोखिमों के डायरेक्ट ब्रोकर अधीन है इसमें इन्वेस्ट करने से पहले खुद की रिसर्च करें और किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
हमें आशा है की यह ब्लॉग पोस्ट पढ़ने के बाद आपके सवाल क्या हम बिना ब्रोकर के शेयर मार्केट में जुड़ सकते हैं? (Can I Invest Without Stock Broker in Hindi) अगर हाँ तो कैसे? इस सवाल का जवाब आपको आसानी से मिल गया होगा।
विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.
स्टॉक ब्रोकर नौकरी| सैलरी| 2022| Stock Broker Kya Hota Hai
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है – stock broker kya hota hai, शेयर मार्केट में ब्रोकर का क्या काम होता है?
दोस्तों, इस लेख में हम शेयर मार्किट में उपयोग होने बाले ब्रोकर (broker) के बारे में जानकरी प्राप्त करेंगे. क्योकि बिना ब्रोकर के शेयर को खरीद या बेच नहीं सकते है. इस समय सभी लोग share market की तरफ आना चाहते है और काफी लोग निवेश भी कर चुके है. जब से इन्टरनेट का दौर आया है तब से ज्यादातर कार्य ऑनलाइन होने लगे है.
पहले के लोग सिटी में ही निवेश करते थे लेकिन अब गाँव के लोग भी निवेश करने लगे है यह सिर्फ इन्टरनेट के करण संभव हुआ है. इसलिए शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए बेसिक जानकारी पता होना चाहिए जिससे आगे आपको कोई समस्या ना हो.
Stock broker kya hota hai के बारे मे अच्छे से समझाने की कोशिश करेंगे ताकि आपको एक बेसिक ज्ञान मिलते रहे। तो चलिए मे आपको step by step जानकारी इस पोस्ट के जरिये बता रहे है.
जैसा की आपको पता है की डायरेक्ट शेयर मार्किट में जाकर किसी कंपनी के शेयर नहीं खरीद सकते है उसके लिए एक कंपनी या ऐसा रास्ता चाहिए जो मार्केट में जाकर आपके आर्डर को पहुचाएं, उसको हम stock broker कहते है. ब्रोकर हमारे आर्डर को stock exchange NSE या BSE में पहुचाते है और ये ब्रोकर कंपनिया कुछ फीस लेती है जिनको हम ब्रोकरेज या दलाली कहते है. ब्रोकर अपनी फीस को लेकर हमारे आर्डर को मार्किट में प्लेस करते है जिसको stock broker कहते है.
स्टॉक ब्रोकर किस तरह से काम करता है (Stock Broker Kya Hota Hai)
शेयर मार्किट में शेयर को sell और buy के लिए stock broker में ट्रेडिंग account बनाना होता है. इसके जरिये ही हम मार्किट मे आप आर्डर लगाते है की हमें किस शेयर को किस समय ख़रीदे और कब बेचे, कितनी क्वांटिटी ख़रीदे. ये कुछ ही सेकंड में अपने आर्डर को मार्किट में पंहुचा देते है.Stock broker kya hota hai
इसका प्रोसेस कुछ इस तरह है –
मान लीजिये की आपने अपने ट्रेडिंग अकाउंट से TCS कंपनी के 20 शेयर खरीदने का आर्डर दिया अब आर्डर को प्लेस करते ही stock ब्रोकर आपके आर्डर को शेयर मार्किट में ले जायगा. और जो व्यक्ति TCS कंपनी के शेयर को बेचने के लिए खोज रहा होगा. इस प्रोसेस में आप शेयर को खरीद रह है और वो व्यक्ति शेयर को बेच रहा है. ये मैचिंग आर्डर हुआ जिसमे वह आपके आर्डर को आप तक पंहुचा देगा ये काम stock broker करते है.
Stock broker कितने प्रकार के होते है?
स्टॉक ब्रोकर 2 प्रकार के होते है-
1.फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full-Service Broker)
2.डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर (Discount Stock Broker)
1.फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full-Service Broker)-
ये ब्रोकर फुल सर्विस प्रोवाइड करते है लेकिन इसमें sell और buy की सुविधा नहीं मिलती है. इसमें कई अन्य सर्विस प्रोवाइड होती है जैसे कौनसा शेयर खरीदना है, कितने शेयर खरीदना है, और उसे कब बेचना है ये सभी जानकारी Full-Service Broker में मिलती है.
यदि जब भी आप कोई stock खरीद रह है और पैसे कम है तो ऐसे में आपको margin money की सुविधा मिलती है. यदि आप “इनिशियल पब्लिक ओफ्फेरिंग” के जरिये शेयर को खरीद रह है तो आप फ़ोन से कॉल करके या इन्टरनेट एप्लीकेशन की मदद से अपने दिय गय आर्डर को प्लेस कर सकते है. इस ब्रोकर में आपको पोर्टफोलियो मैनेज की सुविधा मिलती है.
2. डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर (Discount Stock Broker)-
ट्रेडर इस ब्रोकर के नाम से ही पता चल रहा है की ये Discount Stock Broker है. यहाँ पर ब्रोकर की फीस कम होती है कम पैसो में आपको आर्डर को मार्किट में प्लेस किया जाता है. डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर की तरफ से कोई भी सर्विस नहीं मिलेगी, आपको खुद ही खोज कर प्लेस करना होता है. इस ब्रोकर में आपको पोर्टफोलियो मैनेज की सुविधा नहीं मिलती है.
Top 10 Stock Brokers in India 2022
2 Angel Broking
3 India Infoline
4 Motilal Oswal
9 HDFC Security
लोगों दोवारा पूछे गय सवाल –
स्टॉक ब्रोकर की सैलरी कितनी होती है?
यदि आपको स्टॉक ब्रोकर के बारे में पूरी जानकारी है तो आप अपने लिए खुद का ऑफिस खोल कर व्यापार शुरू कर सकते है. वही दूसरी तरफ आप किसी कंपनी में जॉब करते है तो आपको प्रतेक महीने सुरुआती में ₹25000 से लेकर ₹40000 तक सैलरी मिलेगी.
जिस तरह से आपको अनुभव होगा ठीक उसी तरह से सैलरी भी बढेगी. अच्छी योग्यता होने पर आपको महीने में 1 लाख सैलरी भी मिलने लगेगी. आप डायरेक्ट ब्रोकर डायरेक्ट ब्रोकर चाहे तो इसे side income के तौर पर कर सकते है.
स्टॉक मार्केट में नौकरी – Job in Stock Market
हम आपको ज्ञात कराते है की स्टॉक मार्किट में जॉब करने पर आपको क्या-क्या कार्य करने को मिलेंगे. स्टॉक मार्किट में सिक्योरिटी एनालिस्ट, स्टॉक ब्रोकर्स, सिक्योरिटी रिप्रेजेंटेटिव एवं कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट, मार्केटिंग एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव आदि. स्टॉक मार्किट में सभी लेखा-जोखा तथा रिसर्च सम्बंधित हिसाब करना होता है.
स्टॉक ब्रोकर बनने के क्या फायदे है?
- ब्रोकर्स अपने अधिक मात्रा में ग्राहक होने पर ब्रोकरेज फीस ले सकता है.
- ग्राहक मैनेजमेंट और रिसर्च आदि की जिम्मेदारी sub broker को दे सकता है.
- जैसा की आपको पता है की स्टॉक मार्किट में अधिक पैसा है जिसमे आप स्टॉक ब्रोकर बने और सर्विस देकर अच्छी कमाई कर सकते है.
- जब आप स्टॉक ब्रोकर बन जायेंगे तो आपको शेयर मार्किट के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हो जायगी. इसके माध्यम से आप शेयर मार्किट में पैसा इन्वेस्ट करके अच्छा पैसा कमा सकते है.
- इसके आलावा जो भी शेयर मार्किट में पैसा इन्वेस्ट करना चाहता है उसे आप राये, सलाह और अच्छा मार्गदर्शन देकर उनसे फीस भी ले सकते है.
- इसके आलावा youtube पर अपना channel बना सकते है और शेयर मार्किट से सम्बंधित जो भी जानकरी आपको है वह youtube डायरेक्ट ब्रोकर पर विडियो के माध्यम से अपलोड कर सकते है.
इन्हें भी पढ़े –
शेयर मार्केट में ब्रोकर बनने के लिए क्या करना होगा?
यदि आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते है तो उसके लिए आपको financial market course करना होगा. इसके साथ में आपको economics, statistics, commerce, accountancy या Business Administrator इन सब्जेक्ट की ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ले सकते है यदि इसकी knowledge होगी तो काफी मदद मिलेगी.
यदि आपको course करना है तो National Stock Exchange का NCFM Course कर सकते है यह एक online certification program है. इस course को करने बाले को math या english होना बहुत जरुरी है. इसके तरह ही BSE institute भी online program प्रोवाइड करता है. स्टॉक ब्रोकिंग छेत्र रिस्क से भरा हुआ है. इसमें कम काम और अधिक समय का होता है बहुत अधिक प्रेशर भी होता है. Stock Broker Kya Hota Hai, स्टॉक ब्रोकर कैसे बने?
दलाल कितने प्रकार के होते हैं?
दलाल कई प्रकार के होते है-
ब्रोकर-डीलर
सीमा शुल्क दलाल
व्यापार दलाल
कार्गो ब्रोकर
ब्रोकरेज फ़र्म
ऑटो परिवहन दलाल
कमोडिटी ब्रोकर
सूचना दलाल
दलाल को इंग्लिश में क्या कहते हैं?
दलाल किसे कहते है – दलाल (broker) वो होता है जो खरीदने बाले और बेचने बाले के बिच में सौदा कराने में मदद करता है जिसे हम english में broker कहते है.
स्टॉक ब्रोकर का मतलब क्या है?
काफी सारे लोगो को पता नहीं होगा की स्टॉक ब्रोकर का मतलब क्या है? दलाल (broker) दूसरे लोगों के बिच में ख़रीद-बिक्री का काम करता है जिसमे उसे कुछ मुनाफा मिलता है.
क्या मैं स्टॉक ब्रोकर बन सकता हूं?
स्टोक ब्रोकर बनने के लिए 21 वर्ष की आयु होना जरुरी है. स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए 10th या 12th पास होना चाहिए. इसके लिए आपको Partner or Authorized Assistant or Authorized Clerk or Remisier or Handyman 2 बर्ष का अनुभव होना चाहिए.
घर बैठे म्यूचुअल फंड में कैसे करें निवेश और किस म्यूचुअल फंड में लगाएं पैसा?
बाजार में उतार चढ़ाव के बीच म्यूचुअल फंड में निवेश ज्यादा बेहतर विकल्प
Written by: Sarabjeet Kaur
Updated on: June 22, 2020 20:24 IST
Photo:GOOGLE
Mutual Fund investment
नई दिल्ली। कोरोना संकट में आर्थिक स्थिति बिगड़ने से लोग पहले के मुकाबले निवेश को लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं। निवेशक अब अपना पैसा सुरक्षित और सही जगह पर लगाना चाहते हैं। ऐसे में जानकारों का मानना है कि जिन्हें शेयर बाजार का ज्यादा ज्ञान नहीं है उनके लिए आज भी म्यूचुअल फंड निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता हैं। ऐसे में कई लोग हैं जो घर बैठे ही बिना किसी ब्रोकर या एजेंट की मदद से म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना चाहते हैं। अगर आप भी चाहते हैं बेहतर तरीके से म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश करना और जानना चाहते हैं कि वो कौन से ऐसे म्यूचुअल फंड है जहां आपको पैसा लगाना चाहिए तो पढ़िए ये खास रिपोर्ट।
कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश?
· किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले ये जानना जरुरी है कि म्यूचुअल फंड आखिर होता क्या है? निवेशकों से लेकर म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयर बाजार में पैसा लगाती है और उसके बदले निवेशकों से उसका चार्ज भी करती हैं। माना जाता है कि एसआईपी के जरिए यानी की सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना काफी सही रहता है।
· निवेशक जिस भी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं उसके वेबसाइट में सीधे जाकर या फिर ब्रोकर के जरिए निवेश कर सकते हैं
· लेकिन, अगर बिना किसी ब्रोकर के कमीशन चार्ज दिए आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो कई मनी ऐप के जरिए निवेश किया जा सकता है
· ध्यान रहे डायरेक्ट ब्रोकर कि आप जिस भी म्यूचुअल फंड को किसी ब्रोकर की मदद से लेंगे उसे रेगुलर प्लान कहा जाएगा जिसमें आपको कमीशन चार्ज देना पड़ेगा
· वहीं अगर आप खुद से फंड में निवेश करते हैं तो वो डायरेक्ट प्लान के अंदर आएगा और किसी तरह का कमीशन चार्ज नहीं होगा। लंबी अवधि के निवेशकों को खुद से निवेश करने में ज्यादा फायदा होता है।
· निवेशकों को बस सही तरीके से फंड के बारे रिसर्च करना जरुरी होता है। वहीं ये भी जानना है आवश्यक होता है कि किन शेयरों में कंपनी ने पैसा लगाया हुआ है
· म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए अपने KYC को अपडेट करना पड़ता है। जैसे ही आप पैन नंबर के साथ आधार नंबर की डिटेल्स देंगे आपके निवेश की सारी जानकारी फंड हाउस को मिल जाएगी
· घर बैठे कई मोबाइल ऐप जैसे कि ET Money, PAYTM Money, CAMS, KTrack Mobile app, Groww, Zerodha Coin जैसे ऐप के जरिए डायरेक्ट निवेश कर सकते हैं
· ध्यान दें कि पहले इन ऐप की जानकारी अच्छी तरह से लेना अनिवार्य है
· पता कर लें कि ऐप कितने सहीं है और इन ऐप के जरिए पैसा म्यूचुअल फंड में लगाना कितना सुरक्षित है
· कुछ मोबाइल ऐप नाम मात्र का कमिशन चार्ज करते हैं जिनका असर निवेशकों की रकम पर कुछ खास नहीं पड़ता है।
पैसाबाज़ार डॉट कॉम के डायरेक्टर एंड ग्रुप हेड (इंवेस्टमेंट) साहिल अरोड़ा के मुताबिक- “अब कोई भी व्यक्ति मोबाइल ऐप या विभिन्न ऑनलाइन फाइनेंशियल पोर्टल, फंड हाउस, एमएफ डिस्ट्रीब्यूटर और आरटीए की वेबसाइट द्वारा म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश कर सकता है। हालांकि, फंड हाउस और आरटीए की वेबसाइटों या ऐप के माध्यम से निवेश कई आईडी और पासवर्ड के कारण बोझिल हो सकता है। इसलिए, ऑनलाइन निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल के माध्यम से निवेश करना है, जो निवेशकों को एक ही एमएफ पोर्टफोलियो के अंतर्गत कई म्यूचुअल फंड में अपना निवेश करने में सक्षम बनाता है”।
· ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल या ऐप के जरिए निवेशक कई सेवाओं का फायदा उठा सकता है।
· निवेश का निर्णय लेने में निवेशकों की मदद करने के लिए अपनी ओर से कुछ एमएफ फंड की सिफारिश करते हैं, बाज़ार विश्लेषण, विभिन्न एमएफ टूल, कैलकुलेटर भी प्रदान करते हैं
· साहिल का कहना है कि “म्यूचुअल फंड और फंड बाज़ार की जानकारी ना रखने वाले भी इन ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल के माध्यम से बिना कोई अतिरिक्त पैसा दिये डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं”
कौन से म्यूचुअल फंड में करें निवेश?
चार तरह के म्यूचुअल फंड्स हैं जिनमें निवेश किया जा सकता है।
1.इक्विटी म्यूचुअल फंड
2.डेट म्यूचुअल फंड
3.हाइब्रिड म्यूचुअल फंड
4.सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड
हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव काफी देखने को मिल रहा है ऐसे में निवेशकों को अपने जरुरत के हिसाब से किसी भी तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह दी जाती है। काफी फंड्स से NAV में गिरावट देखने को भी मिल रही है। इसलिए, जो बेहतर रिटर्न वाले म्यूचुअल फंड्स हैं उनमें लंबी अवधि के लिए मौजूदा स्तर में निवेश किया जा सकता है।
बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं- “लंबी अवधि के निवेश के लिए म्यूचुअल फंड्स को अच्छी तरह से जांच लें और उनके द्वारा शेयर बाजार में कंपनियों के निवेश, फंडामेंटल्स को देख लें। साथ ही बाजार के हिसाब से क्या सही है क्या गलत उसकी पूरी जानकारी नोट करते रहें। अगर अगले 6 महीनों में उन फंड्स में कोई बेहतर बदलाव नहीं दिखे तो फिर से एक बार दूसरे फंड्स की भी जानकारी लें या फिर कुछ दिन उन्ही फंड्स में निवेश को बरकरार रखें। अगर आप किसी तरह के रिस्क को नहीं ले सकतें तो किसी और बेहतर म्यूचुअल फंड में लंबे या मध्यम अवधि के लिए पैसा लगा सकते हैं”।
छोटी अवधि के निवेशकों को सलाह है कि वो थोड़ा बाजार के संभलने का इंतजार करें और धीरे-धीरे अपने इक्विटी इनवेस्टमेंट को डेट फंड्स में निवेश करके बदलें।
शेट्टी के मुताबिक-“ज्यादातर निवेशकों को सलाह है कि वो कुछ 6 महीने तक बाजार की चाल को ध्यान से देखें। उसके बाद ही निवेश करें ताकि बेहतर रिटर्न मिल सके”।
म्यूचुअल फंड्स जिनमें निवेश किया जा सकता है:
· अगर मल्टी कैप फंड की बात करें तो इन्वेसको इंडिया कॉण्ट्रा फंड, एक्सिस मल्टीकैप फंड और आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल मल्टीकैप फंड में निवेश करें
· निफ्टी 100 इन्डेक्स, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल निफ्टी इन्डेक्स और निप्पॉन इंडिया इन्डेक्स निफ्टी फंड
· अल्ट्रा-शॉर्ट फंड में डायरेक्ट ब्रोकर निवेश करना चाहते हैं तो आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल अल्ट्रा-शॉर्ट फंड, एक्सिस अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म और आईडीएफसी अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म निवेश के लिए सही विकल्प है
· अगर निवेशक इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचना चाहते हैं, वो ईएलएसएस फंड जैसे कि – मीराए एसेट टैक्स सेवर, इन्वेस्को इंडिया टैक्स, एक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी या आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लॉन्ग टर्म इक्विटी में लॉक-इन करके निवेश कर सकते हैं।
साहिल अरोड़ा ये भी कहते हैं कि –“मल्टी-कैप फंड में निवेश करें क्योंकि वो बाज़ार में सभी क्षेत्रों और मौजूद सभी छोटी-बड़ी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं, उनके ऊपर निवेश के लिए सेबी द्वारा कोई सीमा नहीं लगाई गई है। निवेशकों को अपना 20% इन्डेक्स फंड में भी निवेश करना चाहिए क्योंकि इन फंड का रिटर्न संबंधित बेंचमार्क के साथ घटता-बढ़ता है और बेंचमार्क इन्डेक्स में मौजूद कंपनियों की जितनी हिस्सेदारी होती है फंड का निवेश उनमें उसी तरह बटा होता है।
इसलिए अगर मैनेज फंड बाज़ार में मंदी के दौरान लाभ नहीं कमा पाते हैं तो निवेशक इन्डेक्स फंड के द्वारा बाज़ार में उछाल आते ही तुरंत लाभ कमा सकता है।
तीन वर्ष से कम के निवेश के लिए, निवेशकों को अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड में निवेश करना सही विकल्प है। छोटी अवधि में इक्विटी में बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है हैं और कोरोना के वजह से शेयर बाज़ार में मंदी कब तक रहेगी ये कहना फिलहाल किसी भी जानकार के लिए मुश्किल है। ऐसे में अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड इक्विटी-फंड के मुकाबले अधिक सुरक्षित होते हैं और बैंक फिक्स्ड डिपॉज़िट से अधिक रिटर्न देते हैं।
किसी भी फंड में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की जानकारी अवश्य लें। साथ ही हर फंड का 3-5 साल का प्रदर्शन जरुर देखें। कंपनी के बेंचमार्क के साथ फंडामेंटल्स को जांच लें ताकि भविश्य में ज्यादा नुकसान झेलना नहीं पड़े। बेंचमार्क अगर लगातार किसी फंड का बेहतर प्रदर्शन कर रहा है तो उस फंड हाउस में निवेश करना बेहतर रिटर्न दे सकता है। साथ ही निवेश से पहले ऑनलाइन ब्रोकरेज हाउसेज द्वारा फंड्स को दिए गए रेटिंग और रिटर्न को चेक जरुर करें।