व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद

Lockdown से व्यापारियों की हालत खराब, बोले- केजरीवाल सरकार टैक्स का पैसा मुफ्त नहीं बांट सकती, हमें भी मदद चाहिए
नई दिल्ली: CAIT On Lockdown: कोरोना महामारी की दूसर लहर से देश के व्यापारी भी काफी चिंतित हैं। कारोबारी गतिविधियां थमने का असर देश के 8 करोड़ व्यापारियों पर पड़ा है। दिल्ली में लॉकडाउन के चलते अब व्यापारियों का धैर्य जवाब देने लगा है। ट्रेडर्स ने अब केजरीवाल सरकार से मदद देने की मांग की है।
व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद: CAIT
CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने दिल्ली सरकार के 17 मई, 2021 तक लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले को सही दिशा में लिया गया कदम बताया है। मगर खंडेलवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग की है कि जिस तरह उन्होंने अन्य क्षेत्रों के लिए वित्तीय और दूसरी सहायताओं की घोषणा की है उसी तरह दिल्ली के व्यापारियों को भी वित्तीय सहायता दिया जाना बेहद जरूरी है।
‘टैक्सपेयर्स का पैसा मुफ्त में नहीं बांट सकते’
खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली में पिछले तीन हफ्ते से दुकानें और बाजार बंद हैं और व्यापारियों को पैसे की कोई आमदनी नहीं है। जबकि परिवार की आवश्यकताओं और व्यापार में कर्मचारियों के वेतन, बिजली के बिल, पानी के बिल, संपत्ति कर, EMI के भुगतान, कर्जों पर ब्याज के रूप में व्यापारियों का खर्चा लगातार जारी है। व्यापारी सरकार के लिए टैक्स कलेक्टर है। इसलिए हमें सरकार से ऐसी वित्तीय सुविधाओं की मांग करने का अधिकार है। करदाताओं से पैसे लेकर उस पैसे को दूसरे लोगों को मुफ्त में देने या उनकी मदद करने के नाम पर खर्च नहीं किया जा सकता लिहाजा व्यापारियों को भी उनके हक़ की वित्तीय सहायहता अवश्य मिलनी चाहिए।
6.25 लाख करोड़ का बिजनेस का नुकसान
राज्य सरकारों ने कोविड की इस दूसरी लहर की रफ्तार को घटाने के लिए कर्फ्यू या लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगा दी हैं। CAIT का कहना है कि कारोबार नहीं होने से 8 करोड़ व्यापारियों पर इसका असर पड़ा है। CAIT के मुताबिक, अप्रैल 2021 के दौरान कारोबारियों को 6.25 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हुआ है। कैट का दावा है कि उसने 8 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले 40 हजार से ज्यादा संगठनों से ये डाटा जुटाया है।
PM मोदी को चिट्ठी, नेशनल लॉकडाउन की मांग
दूसरी तरफ CAIT ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर नेशनल लॉकडाउन लगाने की भी मांग की है। CAIT ने रविवार को पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि कोरोना पर काबू करने के लिए जिस तरह पिछली साल कड़ा लॉकडाउन लगाया गया था। वैसा ही लॉकडाउन अब लगाने की जरूरत है। CAIT का कहना है कि वो पीएम मोदी की इस बात का समर्थन करते हैं कि लॉकडाउन आखिरी विकल्प होना चाहिए लेकिन करी 4 लाख केस रोजाना एक चिंताजनक बात है। दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बीते तीन हफ्तों से लॉकडाउन है। जिसका असर दिख रहा है। यहां कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है।
व्यापारियों-उद्यमियों को वित्तीय मदद देंगे बैंक
16 शीर्ष बैंकों के वरीय पदाधिकारियों ने मंगलवार को जूम एप के जरिए कोल्हान के उद्यमियों और व्यापारियों के साथ वेब मीटिंग की। इसमें प्रमुख रूप से लघु कुटीर, एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) को लॉकडाउन के.
16 शीर्ष बैंकों के वरीय पदाधिकारियों ने मंगलवार को जूम एप के जरिए कोल्हान के उद्यमियों और व्यापारियों के साथ वेब मीटिंग की। इसमें प्रमुख रूप से लघु कुटीर, एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) को लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान के बाद उन्हें जीवंत करने के लिए वित्तीय मदद के बारे में चर्चा की गई। व्यापारी, उद्यमी एवं बैंकिंग पदाधिकारियों के बीच प्रश्नोत्तरी भी हुआ, जिसमें हर प्रकार की जिज्ञासा का समाधान किया गया।
सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने एलडीएम जी श्रीनाथ मूर्ति की उपस्थिति में बैंक ऑफ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक तथा एमएसएमई प्रमुख राजेश कुमार, स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक एसके झा समेत बैंकों के वरीय पदाधिकारियों ने संबोधित किया और केन्द्र सरकार के कोविड-19 के मद्देनजर योजनाओं की जानकारी दी। भारत सरकार द्वारा जारी आर्थिक पैकेज की राशि 20 लाख करोड़ में से 3 लाख करोड़ एमएसएमई के लिए आवंटित है।
ये रहे शामिल : कार्यक्रम में स्वागत भाषण चैम्बर अध्यक्ष अशोक भालोटिया ने किया। संचालन उपाध्यक्ष (व्यापार एवं वाणिज्य) विजय आनंद मूनका ने किया। चैम्बर की ओर से निवर्तमान अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया, महासचिव भरत वसानी, उपाध्यक्ष मानव केडिया, नितेश धूत, दिनेश चौधरी, सचिव अनिल मोदी, महेश सोंथालिया, राजीव अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष दिलीप गोलछा ने भी बातें रखीं और कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन सचिव (व्यापार एवं वाणिज्य) सत्यनारायण अग्रवाल ने किया। इसमें बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, झारखंड ग्रामीण बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, आईडीबीआई बैंक, कोटक बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और फेडरल बैंक लिमिटेड के अधिकारी शामिल हुए।
दो तरह की लोक स्कीम
एक : आरंभिक 6 महीने तक सिर्फ ब्याज
एमएसएमई को डिमांड लोन के तहत वर्किंग कैपिटल का 10 प्रतिशत इमरजेंसी लोन दिया जा रहा है। यह लोन 24 महीने के लिए होगा, जिसे पहले 6 महीने में केवल ब्याज चुकाना है। बाकी 18 महीने में ब्याज और मूलधन चुकाना होगा। इसके तहत एक आवेदन से लोन मिल जाएगा।
दो : एक साल तक मूलधन चुकाने से छूट
केन्द्र सरकार द्वारा गारंटेड सीईपीएल के तहत 29 फरवरी 2020 तक की जो लोन राशि बैंक के साथ है, उसका 20 प्रतिशत 48 महीने के लिए लोन के तहत मिलेगा। इसमें पहले 12 महीने केवल ब्याज चुकाना होगा तथा बाकी बचे 36 महीने में ब्याज तथा मूलधन चुकाना होगा।
Lockdown से व्यापारियों की हालत खराब, बोले- केजरीवाल सरकार टैक्स का पैसा मुफ्त नहीं बांट सकती, हमें भी मदद चाहिए
CAIT On Lockdown: कोरोना महामारी की दूसर लहर से देश के व्यापारी भी काफी चिंतित हैं. कारोबारी गतिविधियां थमने का असर देश के 8 करोड़ व्यापारियों पर पड़ा है. दिल्ली में लॉकडाउन के चलते अब व्यापारियों का धैर्य जवाब देने लगा व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद है.
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नई दिल्ली: CAIT On Lockdown: कोरोना महामारी की दूसर लहर से देश के व्यापारी भी काफी चिंतित हैं. कारोबारी गतिविधियां थमने का असर देश के 8 करोड़ व्यापारियों पर पड़ा है. दिल्ली में लॉकडाउन के चलते अब व्यापारियों का धैर्य जवाब देने लगा है. ट्रेडर्स ने अब केजरीवाल सरकार से मदद देने की मांग की है.
व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद: CAIT
CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने दिल्ली सरकार के 17 मई, 2021 तक लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले को सही दिशा में लिया गया कदम बताया है. मगर खंडेलवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग की है कि जिस तरह उन्होंने अन्य क्षेत्रों के लिए वित्तीय और दूसरी सहायताओं की घोषणा की है उसी तरह दिल्ली के व्यापारियों को भी वित्तीय सहायता दिया जाना बेहद जरूरी है.
'टैक्सपेयर्स का पैसा मुफ्त में नहीं बांट सकते'
खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली में पिछले तीन हफ्ते से दुकानें और बाजार बंद हैं और व्यापारियों को पैसे की कोई आमदनी नहीं है जबकि परिवार की आवश्यकताओं और व्यापार में कर्मचारियों के वेतन, बिजली के बिल, पानी के बिल, संपत्ति कर, EMI के भुगतान, कर्जों पर ब्याज के रूप में व्यापारियों का खर्चा लगातार जारी है. व्यापारी सरकार के लिए टैक्स कलेक्टर है, इसलिए हमें सरकार से ऐसी वित्तीय सुविधाओं की मांग करने का अधिकार है. करदाताओं से पैसे लेकर उस पैसे को दूसरे लोगों को मुफ्त में देने या उनकी मदद करने के नाम पर खर्च नहीं किया जा सकता लिहाजा व्यापारियों को भी उनके हक़ की वित्तीय सहायहता अवश्य मिलनी चाहिए.
6.25 लाख करोड़ का बिजनेस का नुकसान
राज्य सरकारों ने कोविड की इस दूसरी लहर की रफ्तार को घटाने के लिए कर्फ्यू या लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगा दी हैं. CAIT का कहना है कि कारोबार नहीं होने से 8 करोड़ व्यापारियों पर इसका असर पड़ा है. CAIT के मुताबिक, अप्रैल 2021 के दौरान कारोबारियों को 6.25 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हुआ है. कैट का दावा है कि उसने 8 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले 40 हजार से ज्यादा संगठनों से ये डाटा जुटाया है.
PM मोदी को चिट्ठी, नेशनल लॉकडाउन की मांग
दूसरी तरफ CAIT ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर नेशनल लॉकडाउन लगाने की भी मांग की है. CAIT ने रविवार को पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि कोरोना पर काबू करने के लिए जिस तरह पिछली साल कड़ा लॉकडाउन लगाया गया था, वैसा ही लॉकडाउन अब लगाने की जरूरत है. CAIT का कहना है कि वो पीएम मोदी की इस बात का समर्थन करते हैं कि लॉकडाउन आखिरी विकल्प होना चाहिए लेकिन करी 4 लाख केस रोजाना एक चिंताजनक बात है. दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बीते तीन हफ्तों से लॉकडाउन है, जिसका असर दिख रहा है, यहां कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है.
Union Budget 2022 : दिल्ली के व्यापारियों को बजट से क्या है उम्मीदें, जानिए
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को बजट (Union Budget 2022) पेश करेंगी. व्यापारियों को उम्मीद है कि सरकार इस बार के बजट से न सिर्फ राहत दे, बल्कि इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) भी बढ़ाए. साथ ही साथ जीएसटी कर प्रणाली (GST Tax System) का सरलीकरण करके जो कंफ्यूजन है, उसे केंद्र सरकार की तरफ से दूर किया जाए. इसके अलावा व्यापारियों को वित्तीय सहायता भी मुहैया कराई जाए, जिससे व्यापार को दोबारा खड़ा करने में मदद मिले.
नई दिल्ली : व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट (Union Budget 2022) पेश करेंगीं. इस बार दिल्ली के कारोबारियों (Delhi Businessmen) को बजट से काफी ज्यादा उम्मीदें है. बीते दो साल से कोरोना संक्रमण के चलते व्यापारी आर्थिक बदहाली (Economic Crisis Of Businessman) की मार झेल रहे हैं. ऐसे में इस बार व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद व्यापारियों को बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. व्यापारियों का कहना है कि पिछली बार बजट के अंदर हर क्षेत्र को वित्तीय पैकेज के तहत राहत दी गई थी. लेकिन व्यापारी वर्ग को कोई राहत नहीं दी गई थी. ऐसे में इस बार केंद्र सरकार को बजट के माध्यम से वित्तीय पैकेज (Financial Package To Businessman) के तहत व्यापारी वर्ग को भी राहत दी जानी चाहिए. साथ ही जटिल हो चुकी जीएसटी कर प्रणाली को भी सरल करना चाहिए. साथ ही साथ इनकम टैक्स के स्लैब को भी बढ़ाना चाहिए. ताकि आम लोगों के साथ व्यापारियों को भी राहत मिले.
राजधानी दिल्ली में साइकिल के व्यापार से जुड़े कारोबारी और साइकिल व्यापार संघ के अध्यक्ष राजीव बत्रा ने बताया कि वर्तमान समय में व्यापारी आर्थिक बदहाली (Economic Crisis Of Businessman) के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में इस बार के बजट से व्यापारी वर्ग (Delhi Businessman Expectations From Budget) को काफी उम्मीदें हैं. केंद्र सरकार को कोरोना की वजह से पैदा हुए हालातों को देखते हुए व्यापारी वर्ग को राहत देनी चाहिए. ताकि व्यापार दोबारा अपने पैर पर खड़ा हो सके. कोरोना संक्रमण से पैदा हुए विपरीत हालातों में केंद्र सरकार की तरफ से सभी को वित्तीय पैकेज के तहत राहत दी गई है. लेकिन व्यापारी वर्ग को किसी प्रकार की कोई राहत अभी तक नहीं दी गई है.
राजीव बत्रा ने कहा कि कच्चा माल महंगा होने की वजह से चीजें महंगी हो गई है. ऐसे में महंगाई को कम करने की आवश्यकता है. खिलौनों और साइकिल के सेक्टर में केंद्र सरकार को प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव के तहत काम की शुरुआत करनी होगी. इससे न सिर्फ कीमतों में कमी आएगी, बल्कि प्रोडक्शन भी बढ़ेगी, साथ ही रोजगार भी बढ़ेगा. खिलौनों के अंदर जीएसटी का स्लैब अलग अलग है. इसे एक ही स्लैब करने की आवश्यकता है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार खिलौनों के ऊपर जीएसटी स्लैब को 12% तक कर दें, जिससे कि व्यापारी वर्ग को थोड़ी राहत मिले.
राजीव बत्रा ने कहा कि साइकिल के क्षेत्र में जो 12% का जीएसटी का स्लैब है उसे घटाकर 5% किया जाए. क्योंकि साइकिल आम आदमी की सवारी है. नए कारोबारियों को अलग से केंद्र सरकार की तरफ से सुविधाएं देनी चाहिए. इसमें प्लग एंड प्ले फैक्ट्री की सुविधा भी हो उपलब्ध. कोरोना की वजह से पैदा हुए भयावह हालातों के चलते बड़ी संख्या में व्यापारी वर्ग से जुड़े लोगों को लोन लेकर अपना व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद व्यापार चलाना पड़ा है.ऐसे में व्यापारी वर्ग को इंटरेस्ट रेट की दरों में कटौती करके भी राहत दी जानी चाहिए. साथ ही ईएमआई लेट शुरू होनी चाहिए और उसमें अधिक मियाद भी मिलनी चाहिए.
दिल्ली हिंदुस्तान मर्केंटाइल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भगवान बंसल ने कहा कि इस बार कपड़ा व्यापारियों को केंद्र सरकार की तरफ से पेश किए जाने वाले बजट से काफी उम्मीदें (Delhi Businessman Expectations From Budget) हैं. व्यापारी चाहते हैं कि इस बार केंद्र सरकार के द्वारा उन्हें राहत दी जाए, जिसमें हर प्रकार के कपड़े के ऊपर लगने वाले जीएसटी के स्लैब को 5 प्रतिशत कर दिया जाए. इस बार के बजट में इनकम टैक्स के स्लैब (Income Tax Slabs) को पांच लाख से बढ़ाकर दस लाख रुपये किया जाए. ताकि लोगों को राहत मिले. जबकि दस लाख से बीस लाख रुपये की आमदनी वालों पर 10 प्रतिशत और 20 लाख से अधिक की आमदनी वालों पर 15 प्रतिशत टैक्स लगाया जाए.
भगवान बंसल ने कहा कि जो व्यापारी उम्र भर ईमानदारी से टैक्स देते हैं व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद उन्हें 58 साल के बाद मेडिकल सुविधाएं केंद्र सरकार की तरफ से दी जानी चाहिए. वर्तमान समय में दिल्ली का व्यापारी आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में व्यापारी वर्ग को राहत देते हुए सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिसके बाद व्यापारियों को बिना इंटरेस्ट के लोन की सुविधा उपलब्ध हो, जिससेव्यापार दोबारा व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद अपने पैरों पर खड़ा हो सके.
भागीरथ पैलेस मार्केट के प्रेसिडेंट भारत आहूजा ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स (Electronic Items in delhi market) का क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे केंद्र सरकार की तरफ से हमेशा अनदेखा किया जाता रहा है. लेकिन बीते दो सालों से कोरोना के चलते इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के क्षेत्र के ऊपर काफी बुरा असर पड़ा है. इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के व्यापार क्षेत्र में भी व्यापारी वर्तमान में आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार को जीएसटी व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद की कर प्रणाली को सरल करके व्यापारियों को सबसे पहले राहत देने की आवश्यकता है. साथ ही साथ इलेक्ट्रिक आइटम्स के क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार के आइटम्स पर विभिन्न प्रकार के जीएसटी स्लैब के तहत कर लगाया जाता है. ऐसे में सभी आइटम्स के ऊपर एक ही स्लैब के तहत कर लगाया जाना चाहिए.
आहूजा ने कहा कि ज्यादातर इलेक्ट्रिकल आइटम्स 18 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आते हैं, जिन्हें 12% तक करने की आवश्यकता है. व्यापारी वर्ग उम्मीद कर रहा है कि इस बार केंद्रीय वित्त मंत्री के द्वारा बजट के माध्यम से उन्हें कुछ राहत दी जाएगी. खास तौर पर इनकम टैक्स के स्लैब में थोड़ी राहत और देते हुए केंद्र सरकार को इसे कम से कम सात लाख रुपये तक बढ़ाना चाहिए.
केरल सरकार ने की 5650 करोड़ रुपए के वित्तीय पैकेज की घोषणा, कोरोना से प्रभावित छोटे व्यापारियों और किसानों को मिलेगी मदद
वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने कहा कि हम बहुत रियायती लोन देंगे. राज्य सरकार दो लाख रुपये तक के लोन के लिए छह महीने के लिए लोन के ब्याज का चार प्रतिशत वहन करेगी.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अदिति शर्मा
Jul 30, 2021 | 4:29 PM
कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते प्रभावित हुई केरल की अर्थव्यवस्था (Kerala Economy) को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार ने शुक्रवार को 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय पैकेज (Financial Package) की घोषणा की है. ये घोषणा छोटे व्यापारियों, किसानों की सहायता के लिए की गई है.
वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने राज्य के छोटे व्यापारियों और किसानों की सहायता के लिए राज्य विधानसभा में 5,650 करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की. उन्होंने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह पैकेज राज्य के उन छोटे पैमाने व्यापारियों और किसानों को सहायता देने के लिए है जिनकी आय महामारी से प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सब्सिडी वाले लोन उपलब्ध कराने का फैसला किया है.
दिया जाएगा रियायती लोन
उन्होंने कहा, ”हम बहुत रियायती लोन देंगे. राज्य सरकार दो लाख रुपये तक के लोन के लिए छह महीने के लिए लोन के ब्याज का चार प्रतिशत वहन करेगी.” इसी के उन्होंने ये भी कहा है कि राज्य सरकार ने इस साल जुलाई से 31 दिसंबर तक की अवधि के लिए राज्य सरकार के स्वामित्व वाली दुकानों और भवनों से किराए को छोड़कर छोटे व्यापारियों की मदद करने का भी फैसला किया है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को जुलाई से 31 दिसंबर तक बिल्डिंग टैक्स में छूट दी गई है. महामारी के कारण आर्थिक संकट से निपटने के लिए केरल सरकार की तरफ से घोषित यह तीसरा वित्तीय पैकेज है.
इससे पहले केरल सरकार ने जून में 20 हजार करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था. वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि पिछली सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसका पूरी तरह से उपयोग महामारी का सामना करने के लिए किया गया था. अब 20 हजार करोड़ रुपये के दूसरे कोरोना पैकेज की घोषणा की गई है. उन्होंने कहा इस बजट की मदद से स्वास्थ्य और भोजन सुनिश्चित, महामारी के प्रभाव को कम और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि राज्य में वायरस के संक्रमण की तीसरी लहर न हो.